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Supreme Court : 'बुलडोज़र एक्शन' बिना कारण बताओ नोटिस के कार्रवाई नहीं, जारी हुए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली / TODAY छत्तीसगढ़  / सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने बुधवार को देश में बुलडोज़र से संपत्तियों को तोड़े जाने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा है कि किसी व्यक्ति के घर या संपत्ति को सिर्फ़ इसलिए तोड़ दिया जाना कि उस पर अपराध के आरोप हैं, क़ानून के शासन के ख़िलाफ़ है.

सुप्रीम कोर्ट ने ये दिशा-निर्देश घरों को बुलडोज़र से तोड़े जाने के ख़िलाफ़ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. अपना आदेश सुनाते हुए जस्टिस गवई ने कहा, ''एक आम नागरिक के लिए घर बनाना कई सालों की मेहनत, सपनों और महत्वाकांक्षाओं का नतीजा होता है.'' कई राज्यों में प्रशासन ने ऐसे लोगों के घरों को तोड़ा है, जिन पर सरकार के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होने का शक़ था.

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में बुलडोज़र का महिमामंडन भी किया गया है. उनके कई समर्थक राजनीतिक रैलियों में बुलडोज़र लेकर आते रहे.

अपना आदेश सुनाते हुए जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा, ''हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अगर कार्यपालिका मनमाने ढंग से किसी नागरिक के घर को केवल इस आधार पर तोड़ देती है कि वह किसी अपराध का अभियुक्त है तो कार्यपालिका क़ानून के शासन के सिद्धांतों के ख़िलाफ़ कार्य करती है.''

''अगर कार्यपालिका न्यायाधीश के रूप में कार्य करते हुए किसी नागरिक पर केवल अभियुक्त होने के आधार पर विध्वंस का दंड लगाती है तो यह शक्तियों के विभाजन के सिद्धांत का भी उल्लंघन है.''

एकतरफ़ा कार्रवाई रोकने के लिए अदालत ने क्या निर्देश दिए - 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि ऐसे मामलों में जो अधिकारी क़ानून अपने हाथ में लेते हुए इस तरह की मनमानी कार्रवाई करते हैं, उन्हें भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की मनमानी, एकतरफ़ा और भेदभावपूर्ण कार्रवाइयों को रोकने के लिए कुछ दिशा निर्देश ज़रूरी है.

अदालत ने ऐसी परिस्थितियों से निबटने के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.

पूर्व में कारण बताओ नोटिस दिए बिना विध्वंस की कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. इस नोटिस का उत्तर या तो स्थानीय नगरपालिका क़ानूनों में निर्धारित समय के अनुसार या नोटिस दिए जाने के पंद्रह दिनों के भीतर दिया जा सके.

नोटिस पंजीकृत डाक से भेजा जाए और संपत्ति पर भी चिपकाया जाए. नोटिस में विध्वंस के आधार स्पष्ट हो.

नोटिस को पूर्व तिथि पर जारी किए जाने के आरोपों से बचने के लिए, जैसे ही नोटिस संपत्ति के स्वामी या वहां रहने वालों को भेजा जाए, उसके बारे में जानकारी ज़िलाधिकारी कार्यालय या कलेक्टर ऑफ़िस में भी भेजी जाए.

देश की हर स्थानीय नगर पालिका प्राधिकरण को, इन दिशा निर्देशों के प्रकाशन के तीन महीनों के भीतर एक डिज़िटल पोर्टल बनाना करना होगा, जिस पर नोटिस दिए जाने, नोटिस चिपकाए जाने, नोटिस के जवाब और इस संबंध में जारी आदेश की कॉपी सार्वजनिक हो.

प्रशासन को पीड़ित को सुनवाई का मौक़ा देना होगा और इसकी बैठक की रिकॉर्डिंग भी की जाए.

विध्वंस के आदेश के ख़िलाफ़ अपील किए जाने और न्यायिक समीक्षा का अवसर भी होना चाहिए.

विध्वंस के आदेश को डिज़िटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए.

संपत्ति के स्वामी को अवैध हिस्से को पंद्रह दिनों के भीतर स्वयं गिराने का अवसर दिया जाना चाहिए और अगर अपील प्राधिकरण विध्वंस आदेश पर स्थगन आदेश ना दे, तब ही विध्वंस की कार्रवाई की जानी चाहिए.

विध्वंस की कार्रवाई की वीडियोग्राफ़ी की जानी चाहिए और विध्वंस रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए.

किसी भी निर्देश का उल्लंघन होने पर अवमानना की कार्रवाई की जाएगी. अगर विध्वंस की कार्रवाई में अदालत के निर्देशों का उल्लंघन पाया जाता है तो संबंधित अधिकारियों अपने निजी खर्च पर गिराई गई संपत्ति की पुनर्स्थापना कराएंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये आदेश ऐसे मामलों में लागू नहीं होंगे जहां सार्वजनिक स्थलों, जैसे कि सड़क पर कोई अवैध संरचना हो. किसी अदालत द्वारा दिए गए विध्वंस के आदेशों पर भी यह दिशा निर्देश लागू नहीं होंगे.

इससे पहले अदालत ने अपने आदेश सुरक्षित करते हुए आश्वासन दिया था कि वह दोषी क़रार दिए गए अपराधियों की भी वैध निजी संपत्तियों की राज्य प्रायोजित दंडात्मक विध्वंस कार्रवाइयों से रक्षा करेगी. (सोर्स/ साभार - बीबीसी)


नहीं रहीं विश्व विख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा, छठ पूजा के पहले दिन ली अंतिम सांस

 


"बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं"

दिल्ली / TODAY छत्तीसगढ़  /बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया. दिल्ली एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनकी तबीयत अचानक अधिक बिगड़ी थी जिसके बाद वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था. 

 पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की मशहूर गायिका शारदा सिन्हा अब इस दुनिया में नहीं रहीं. मंगलवार को दिल्ली एम्स में उन्होंने देर शाम को आखिरी सांस ली. सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा था. मंगलवार को उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए. इस खबर ने देशभर में उनके शुभचिंतकों को झकझोर कर रख दिया. शारदा सिन्हा के गाये छठ गीत अभी हर तरफ बज रहे हैं और इस महापर्व के बीच में उनके देहांत की खबर से प्रशंसकों में मायूसी छायी है.

बिहार की सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा ने मंगलवार को दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली. 72 वर्षीय शारदा सिन्हा की तबीयत पिछले महीने ही बिगड़ गयी थी. जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती किया गया था. आइसीयू में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के बाद उनकी तबीयत स्थिर हुई तो प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसके बाद परिवार समेत उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली थी जिनकी नजरें शारदा सिन्हा के हेल्थ अपडेट पर ही टिकी हुई थी.

इधर, 4 नवंबर सोमवार को शाम में शारदा सिन्हा की तबीयत अचानक फिर बिगड़ गयी. जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ गया था. उनके पुत्र अंशुमन लगातार हेल्थ अपडेट दे रहे थे. सोशल मीडिया पर आकर उन्होंने जानकारी दी थी कि इंफेक्शन की वजह से मां की तबीयत अधिक बिगड़ गयी और वेंटिलेटर पर उन्हें देना पड़ा. उनकी आंखें बंद हैं और अचेत अवस्था में हैं. जबकि सोमवार की सुबह जब उनके पुत्र अंशुमन ने अपनी मां से कुछ बात करने की कोशिश की तो शारदा सिन्हा की आंखों की पुतली में बेहद हल्की सी हरकत महसूस की गयी थी.

स्लीपर कोच बस और टैम्पो में भिड़ंत, 12 लोगों की दर्दनाक मौत


 नई दिल्ली/धौलपुर /
  TODAY छत्तीसगढ़  / आज सुबह राजस्थान से एक दिल दहला देने वाली ख़बर निकलकर सामने आई है, यहां के धौलपुर में शनिवार देर रात बड़ा हादसा हुआ है। स्लीपर कोच यात्री बस और एक टेंपो में जोरदार टक्कर हुई, हादसे में टेंपो सवार 12 लोगों की मौत हो गई है । इन मृतकों में 5 बच्चे, तीन बच्चियां, दो महिलाएं और एक पुरुष भी शामिल बताए जा रहे हैं। एक की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हादसे में कुछ लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें फिलहाल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर जा पहुंची है और सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार, टेंपो सवार सभी लोग शादी समारोह से लौट रहे थे, इनमें ज्यादातर बच्चे थे। वहीं शनिवार की देर रात को सुनीपुर गांव के पास एक स्लीपर बस ने उनके टेंपो को टक्कर मार दी। देर रात को सभी लोग टेंपो से बाड़ी लौट रहे थे। रात करीब 11 बजे नेशनल हाईवे-11 बी पर सुन्नीपुर गांव के पास धौलपुर से जयपुर जा रही तेज रफ्तार बस ने इस टेंपो को जबरदस्त टक्कर मार दी।

इस हादसे के बाद मौके पर चीख पुकार मच गई। इस दौरान हाईवे से गुजर रहे दूसरे वाहन सवार मौके पर रुके और पुलिस को तुरंत सूचना दी। पुलिस ने टेंपो सवार लोगों को बाड़ी अस्पताल पहुंचाया। इस टक्कर में 12 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 8 मासुम बच्चे भी शामिल हैं। वहीं घायलों में बस सवार यात्री, ड्राइवर और कंडक्टर भी शामिल हैं। हादसे में बस भी क्षतिग्रस्त हुई है, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया।

नागरिकता एक्ट की धारा 6A की वैधता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

 नई दिल्ली /  TODAY छत्तीसगढ़  /  सुप्रीम कोर्ट ने सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A की वैधता पर अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने धारा 6A की वैधता को बरकरार रखा है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ का कहना था कि 6A उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं और ठोस प्रावधानों के अंतर्गत नहीं आते हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान, पता लगाने और निर्वासन के लिए असम में तत्कालीन सर्बानंद सोनोवाल सरकार में NRC को लेकर दिए गए निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट अब से इस पहचान और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करेगा.

दरअसल, सिटीजनशिप एक्ट की धारा 6A को 1985 में असम समझौते को आगे बढ़ाने के लिए संशोधन के बाद जोड़ा गया था. असम समझौते के तहत भारत आने वाले लोगों की नागरिकता के लिए एक विशेष प्रावधान के रूप में नागरिकता अधिनियम में धारा 6ए जोड़ी गई थी. इस धारा में कहा गया है कि जो लोग 1985 में बांग्लादेश समेत क्षेत्रों से 1 जनवरी 1966 या उसके बाद लेकिन 25 मार्च 1971 से पहले असम आए हैं और तब से वहां रह रहे हैं, उन्हें भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए धारा 18 के तहत अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस प्रावधान ने असम में बांग्लादेशी प्रवासियों को नागरिकता देने की अंतिम तारीख 25 मार्च 1971 तय कर दी. इससे पहले दिसंबर 2023 में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे दायर किया था और कहा था कि वो भारत में अवैध प्रवास की सीमा के बारे में सटीक डेटा नहीं दे पाएगा क्योंकि प्रवासी चोरी-छिपे आए हैं.

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा, 6ए उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो जुलाई 1949 के बाद प्रवासित हुए, लेकिन नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, S6A उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो 1 जनवरी 1966 से पहले प्रवासित हुए थे. इस प्रकार यह उन लोगों को नागरिकता प्रदान करता है जो अनुच्छेद 6 और 7 के अंतर्गत नहीं आते हैं. 

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी और 4:1 के बहुमत से फैसला दिया. जस्टिस जे पारदीवाला ने असहमति जताई. जस्टिस पारदीवाला का कहना था कि यह संभावित प्रभाव से असंवैधानिक है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत, एमएम सुंदरेश और मनोज मिश्रा बहुमत में रुख रहा. नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6ए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई की और फैसला सुनाया. कोर्ट का कहना था कि असम में 40 लाख प्रवासी हैं और पश्चिम बंगाल में 56 लाख प्रवासी हैं. लेकिन इसका प्रभाव असम में ज्यादा है. इसलिए असम को अलग करना वैध है. 1971 की कटऑफ तिथि तर्कसंगत विचार पर आधारित है. ऑपरेशन सर्चलाइट के बाद पूर्वी पाकिस्तान से पलायन बढ़ा है. 

कोर्ट ने कहा, 6A (3) का उद्देश्य दीर्घकालिक समाधान प्रदान करना है. असम समझौता वहां के निवासियों के अधिकारों को कमजोर करना था. बांग्लादेश और असम समझौते के बाद प्रावधान का उद्देश्य भारतीय नीति के संदर्भ में समझा जाना चाहिए. इसे हटाने से वास्तविक कारणों की अनदेखी होगी. भारत में नागरिकता प्रदान करने के लिए पंजीकरण व्यवस्था जरूरी नहीं है. S 6A को सिर्फ इसलिए अमान्य नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह पंजीकरण व्यवस्था का अनुपालन नहीं करता है. सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि संसद बाद की नागरिकता के लिए शर्तें निर्धारित करने के लिए अलग-अलग शर्तें निर्धारित करने में सक्षम है.

याचिकाकर्ता का तर्क है कि 6A असंवैधानिक है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 6 और 7 की तुलना में नागरिकता के लिए अलग-अलग तारीखें निर्धारित करता है. अलग-अलग तारीख निर्धारित करने की संसद की क्षमता संविधान में है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य रूप से भारत के कानून और संविधान का पालन करना होगा. नागरिकता प्रदान करने से पहले निष्ठा की शपथ का स्पष्ट अभाव कानून का उल्लंघन नहीं है. कोर्ट ने कहा, हम हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं. S6A स्थायी रूप से संचालित नहीं होता है. 1971 के बाद प्रवेश करने वालों को नागरिकता प्रदान नहीं करता है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 1 जनवरी 1966 और 24 मार्च 1971 के बीच आए प्रवासियों के लिए नागरिकता नियम कानून के साथ सामंजस्यपूर्ण भूमिका के लिए बनाए गए थे. S6A उन लोगों के निर्वासन की अनुमति देता है जो कट ऑफ तिथि के बाद अवैध रूप से प्रवेश करते हैं. यह नहीं कह सकते कि आप्रवासन ने असम के नागरिकों के वोट देने के अधिकार को प्रभावित किया है. याचिकाकर्ता किसी भी अधिकार का उल्लंघन साबित करने में विफल रहे हैं.

कोर्ट ने कहा, S6A को यह कहने के लिए प्रतिबंधात्मक तरीके से समझने की जरूरत नहीं है कि किसी भी व्यक्ति का पता लगाया जा सकता है और सिर्फ विदेशी अधिनियम के तहत निर्वासित किया जा सकता है. हमें कोई कारण नहीं दिखता कि विदेशियों का पता लगाने के उद्देश्य से IEAA के तहत वैधानिक पहचान का उपयोग 6A के साथ संयोजन में क्यों नहीं किया जा सकता है. IEAA और 6A के बीच कोई विरोध नहीं है. IEAA और धारा 6A को सामंजस्य में पढ़ा जा सकता है. 

रेलवे टिकट आरक्षण नियमों में बड़ा बदलाव, 120 दिन नहीं 60 दिन पहले शुरू होगी टिकटों की बुकिंग


नई दिल्ली / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  रेलवे ने टिकट आरक्षण के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब 120 दिन की बजाय सिर्फ 60 दिन पहले ही रिजर्वेशन किया जा सकेगा. रेलवे ने कहा कि 1 नवंबर 2024 के बाद ये नियम लागू हो जाएगा. 31 अक्टूबर तक हुए आरक्षण पर इसका असर नहीं होगा. हालांकि, रेलवे ने इस कदम के पीछे का तर्क नहीं बताया है.

रेलवे ने कहा, 1 नवंबर 2024 से एडवांस रिजर्व पीरिएड 60 दिनों (यात्रा के दिन को छोड़कर) का होगा और बुकिंग उसी के अनुसार की जाएगी. हालांकि, 120 दिनों की एडवांस रिजर्व पीरिएड के तहत 31 अक्टूबर 2024 तक की गई सभी बुकिंग बरकरार रहेंगी.

हालांकि, 60 दिनों के एडवांस रिजर्व पीरिएड से इतर की गई बुकिंग को रद्द करने की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही जिन ट्रेनों का एडवांस रिजर्व पीरिएड पहले ही कम है, उन पर भी इसका असर नहीं होगा. ऐसी ट्रेनों में गोमती एक्सप्रेस और ताज एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां शामिल हैं. इन ट्रेनों में वर्तमान में अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय-सीमा पहले से ही लागू है. विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा. बताते चलें कि 4 महीने पहले किए गए संभावित टिकट अक्सर रद्द हो जाते हैं. 2 महीने का अग्रिम आरक्षण रद्द ना होने की ज्यादा संभावना है. साथ ही इससे बड़ी संख्या में जरूरी आरक्षण से भी बचा जा सकेगा. 

भारत निर्वाचन आयोग : विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा, रायपुर दक्षिण सीट पर 13 को मतदान और 23 नवंबर को वोटो की गिनती होगी


 रायपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उप चुनाव के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है। नई दिल्‍ली में आयोजित प्रेसवार्ता में आज भारत निर्वाचन आयोग ने महाराष्‍ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के साथ छत्‍तीसगढ़ सहित अन्‍य राज्‍यों में विधानसभा सीटों पर उप चुनाव की घोषणा की है ।

रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्‍टूबर को गजट नोटिफिकेसन के साथ शुरू होगी । रायपुर दक्षि‍ण सीट के लिए नामांकन की प्रक्रिया 18 अक्‍टूबर से शुरू होगी और 25 अक्‍टूबर तक चलेगी। 28 अक्‍टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। 30 अक्‍टूबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को वोटो की गिनती होगी। 

C.G. : राज्य के 6 जिलों में 324 किमी सड़क का होगा विकास, भारत सरकार ने स्वीकृत किए 892 करोड़


नई दिल्ली /  TODAY छत्तीसगढ़  /  केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में आठ सड़क खंडों के विकास के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से राज्य के छह जिलों में करीब 324 किलोमीटर सड़कों के विकास और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे। 

भारत सरकार ने आज राशि स्वीकृति का आदेश राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के सचिव को भेजा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य में सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है। 

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सीआरआईएफ (Central Road & Infrastructure Fund) से मंजूर की गई इस राशि के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस राशि से बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिले में आठ सड़क खंडों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और उन्नयन होगा।   

राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी। भारत सरकार द्वारा आज इसके लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया है।

भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई 892 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड में 39 किलोमीटर लंबाई और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड में 43 किलोमीटर लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड में 96.2 किलोमीटर, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड में 13.5 किलोमीटर, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड में 41 किलोमीटर और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड में 28 किलोमीटर लंबाई के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड के 32.8 किलोमीटर तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के 30.4 किलोमीटर का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा। 


देश भर में विजयादशमी की धूम, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने रावण दहन किया



नई दिल्‍ली /  TODAY छत्तीसगढ़  /  देश भर में विजयादशमी (Vijayadashami) की धूम है. बुराई पर अच्‍छाई की जीत का त्‍योहार देश भर में मनाया जा रहा है. इस मौके पर देश के अलग-अलग इलाकों में रावण दहन किया जा रहा है. दशहरे (Dussehra 2024) के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) लाल किले के परेड ग्राउंड पर आयोजित रामलीला में पहुंचे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम को तिलक लगाकर उनकी वंदना की.

श्री धार्मिक लीला समिति के आयोजकों ने दशहरा कार्यक्रम में राष्ट्रपति को त्रिशूल और प्रधानमंत्री को गदा भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया. इस दौरान प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों ने सांकेतिक रूप से रावण दहन किया. दोनों ने ही धनुष बाण हाथ में लेकर और सांकेतिक रूप से बाण चलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाया.उनके बाण चलाने के बाद सबसे पहले मेघनाथ का पुतला जलने लगा. उसके बाद कुंभकर्ण के पुतले का दहन हुआ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन किया गया. रावण दहन के कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.  

कांग्रेस नेताओं की नहीं, नौकरों की पार्टी है - आचार्य प्रमोद


 गाजियाबाद | 
हरियाणा चुनाव नतीजों पर पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का स्पष्ट तौर पर कहना है, ''कांग्रेस को बर्बाद करने के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो वह राहुल गांधी हैं, पार्टी के नेता या कार्यकर्ता नहीं. राहुल गांधी के आसपास नौकरों का जमावड़ा है. बड़े नेता, लेकिन आज यह नौकरों की पार्टी है। पिछले 15 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के हर फैसले पर राहुल गांधी ने पुनर्विचार किया है।'' कांग्रेस अध्यक्ष मल्लियाकार्जुन खड़गे से अनुरोध है कि वह अपने फैसलों की समीक्षा के लिए पार्टी की कार्य समिति की बैठक बुलाएं।”

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठ रहा तूफान, भारी बारिश की चेतावनी के बीच 15 से ज्यादा राज्यों में अलर्ट


नई दिल्ली /
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है. अरब सागर के ऊपर भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसके कारण 12 से 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. इस प्रणाली के कारण कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है.

 आने वाले दिनों में भारत के कई राज्यों में मौसम की दोहरी मार पड़ सकती है. स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. इन दोनों जगहों पर पर दो मौसम प्रणालियां विकसित हो रही हैं. स्काईमेट वेदर ने दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने का अलर्ट भी जारी किया है. यह प्रणाली के अगले 3 से 4 दिनों में यानी 12 या 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है.

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है. स्काईमेट वेदर के मुताबिक 12 अक्टूबर तक यह प्रणाली दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील हो सकती है. इसके कारण एक निम्न दबाव क्षेत्र पूर्वी भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ सकता है. यह मौसमी हलचल 16 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में लैंडफॉल कर सकता है. इसके कारण पूर्वी भारत के इलाकों में जोरदार बारिश की संभावना है.

अरब सागर के ऊपर भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इस प्रणाली के कारण 12 से 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है. इस प्रणाली के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. गुजरात में भी बारिश की संभावना है. इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम की ओर भी बढ़ सकती है. मौसम की नई प्रणाली जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रही है उसके कारण देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है. मौसम में बदलाव का असर महाराष्ट्र में दिख रहा है. गुरुवार को महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई. कई इलाकों में जलभराव हो गया.

गुरुवार को देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई. दुर्गा पूजा के दौरान हो रही बारिश के कारण त्योहार का मजा ही किरकिरा हो गया है. गुरुवार को असम, सिक्किम, केरल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हुई. वहीं पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, सिक्किम, ओडिशा, विदर्भ, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप और महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश हुई. बारिश का दौर बिहार, झारखंड समेत, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और उत्तराखंड में भी देखने को मिला. (साभार / प्रभात ख़बर)

6000 करोड़ का ठग : सट्टा किंग सौरभ दुबई में गिरफ्तार, जल्द भारत लाने की प्रक्रिया होगी पूरी


 रायपुर / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  सट्टेबाजी ऐप महादेव के मालिक सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराए जाने के बाद चंद्राकर पर यह ऐक्शन लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि सौरभ को एक सप्ताह में भारत लाया जा सकता है। चंद्राकरण पर ऐप के जरिए लाखों लोगों से अरबों की ठगी का आरोप ईडी ने लगाया है। चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटर्वक के सारे राज सामने आ सकते हैं।

ईडी ने अब तक इस मामले में कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि अपराध की अनुमानित आय लगभग 6000 करोड़ रुपए है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पिछले एक साल से भी अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केसों की जांच कर रहा है। यह मामला कांग्रेस सरकार के दौरान सामने आए थे।

राज्य में भाजपा के सत्ता में आने के बाद ईओडब्ल्यू ने ईडी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर मार्च में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक एफआईआर दर्ज की थी। इसमें ऐप के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल के अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल का नाम शामिल है।

ईडी ने कहा है कि उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई बड़े नेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है। सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल इस ऐप के मालिक हैं जो दुबई में रहकर सट्टेबाजी का अवैध कारोबार चला रहे थे। ऐसा दावा किया गया है कि यह ऐप एक अम्ब्रेला सिंडिकेट था जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए यूजर्स को रजिस्टर करने, यूजर आईडी बनाने और 'बेनामी' बैंक खातों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की व्यवस्था करता था। 


रायपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव केन्द्रीय विमानन मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन है - गोयल

 

 मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय नई दिल्ली स्थित वाणिज्य भवन में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद से सौजन्य भेंट के बाद बैठक में शामिल हुए। 

रायपुर / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने पर सहमति बनती दिखाई पड़ रही है। खास बात यह है कि खुद केन्द्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस दिशा में पहल की है और केंद्रीय विमानन मंत्री से चर्चा की है। 

जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ के मुख्य्मंत्री विष्णु देव साय की मंगलवार को दिल्ली बैठक में केन्द्रीय उद्योग मंत्री पियूष गोयल से कई बिन्दुओं पर चर्चा हुई । इसमें एक बिंदु रायपुर एयरपोर्ट में कार्गो हब की सुविधा उपलब्ध कराने पर भी थी।सूत्रों के मुताबिक गोयल ने सुझाव दिया कि पहले रायपुर एयरपोर्ट को इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया जाए। उन्हें बताया गया कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव केन्द्रीय विमानन मंत्रालय के समक्ष विचाराधीन है।

गोयल ने तुरंत इस पर केन्द्रीय विमानन मंत्री के राममोहन नायडू से चर्चा की, उन्हें भी बैठक में आमंत्रित किया। पीयूष गोयल ने सीएम साय को रूकने के लिए कहा, लेकिन फ्लाइट का समय हो रहा था इसलिए साय उनसे अनुमति लेकर एयरपोर्ट के लिए निकल गए। बाद में गोयल की रायपुर एयरपोर्ट के मसले पर केन्द्रीय विमानन मंत्री चर्चा की है। कहा जा रहा है कि जल्द ही इस मामले पर केन्द्र सरकार फैसला कर सकती है।

बताया गया कि सीएम ने एयर कार्गो की सुविधा पर जोर दिया था, और कहा था कि इससे राज्य के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। सीएम ने बताया था कि रायपुर के पुराने टर्मिनल का उपयोग कार्गो सुविधा के लिए किया जा सकता है। जिससे निर्यात में आसानी होगी।

राज्य सरकार ने प्रदेश में कॉनकोर कंटेनर डिपो की क्षमता बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। वर्तमान में डिपो की कुल क्षमता का केवल 15 फीसदी ही उपयोग हो रहा है। सीएम ने केन्द्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि अधिक शिपिंग लाइनों को जोड़ा जाए, जिससे निर्यात की लागत में कमी आएगी, और व्यापारी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर सकारात्मक रूख दिखाया, और कहा कि जल्द ही शिपिंग मंत्रालय से जुड़े मुद्दे को हल किया जाएगा।


नक्सलवाद से किसी का भला होने वाला नहीं है, हिंसा छोड़कर समाज के विकास में सहभागी बनें - शाह


  नई दिल्ली / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक महत्वपूर्ण बैठक ली। गृह मंत्री श्री शाह ने कहा कि जो युवा नक्सल गतिविधियों में लिप्त हैं, उनसे आग्रह है कि नक्सलवाद से किसी का भला होने वाला नहीं है, इसलिए हिंसा छोड़ मुख्य धारा से जुड़कर समाज के विकास में सहभागी बनें। 

नक्सलवाद के खिलाफ राज्य सरकार की कार्यशैली और रणनीति के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, उनकी पूरी टीम को बधाई दी। आपको बता दें की पिछले दिनों नक्सल प्रभावित क्षेत्र नारायणपुर - दंतेवाड़ा सीमा पर सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें 30 से अधिक नक्सली मार गिराये गये।   

CHHATTISGARH : राज्य में नक्सल उन्मूलन और विकास कार्यों पर PM से CM ने की चर्चा


 नई दिल्ली / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में पिछले नौ महीनों के दौरान हुए विकास कार्यों की जानकारी दी, जिसमें कृषि, कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में की गई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में हाल ही हुए सफल नक्सल ऑपरेशन की जानकारी प्रधानमंत्री से साझा की। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सुरक्षा बलों के साहस की सराहना की। मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आठ लाख आवास स्वीकृत किये जाने पर नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री को माओवाद के खिलाफ राज्य में चल रहे ऑपरेशन और विकास कार्यों की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने नारायणपुर-दंतेवाड़ा जिले के हालिया ऑपरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया है, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन है। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ में चल रहे विकास कार्यों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया राज्य सरकार सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। रोजगार सृजन और ग्रामीण विकास के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लोग मुख्यधारा से जुड़ सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफलता की प्रशंसा की और कहा कि इससे न केवल राज्य में शांति बहाल हो रही है, बल्कि विकास की राह भी आसान हो रही है।

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि बस्तर और आदिवासी अंचलों में युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए सरकार विशेष योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं के तहत युवाओं को विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें। यह पहल राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

कृषि के क्षेत्र में, मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को बताया कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल तकनीक और उन्नत कृषि विधियों का व्यापक प्रयोग हो रहा है। इससे किसानों की उत्पादकता और उनकी आय में वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये प्रयास प्रधानमंत्री के "विकसित भारत 2047" के लक्ष्य के साथ मेल खाते हैं, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य ने बड़े बदलाव किए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि आदिवासी अंचलों में बच्चों को उनकी मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिससे बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में सुधार हो रहा है। साथ ही, तकनीकी शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि राज्य के बच्चे आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित हो सकें और भविष्य के लिए तैयार हो सकें।

प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों की सराहना की और कहा कि राज्य की विकास यात्रा अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है। उन्होंने मुख्यमंत्री साथ को राज्य की प्रगति के लिए और भी अधिक समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बड़ी संख्या में आवास की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाखों परिवारों को अपने घर का सपना साकार हुआ है, जिससे उनके जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का भाव उत्पन्न होगा।

कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 सामने आने के बाद केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

 


नई दिल्ली। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके. 

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इस एडवाइजरी में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखें. साथ ही नियमित तौर पर इस संबंध में अपडेट करते रहें. यह एडवाइजरी केरल में कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 की पुष्टि के बाद जारी की गई है. दरअसल केरल की 79 साल की एक महिला में  इसकी पुष्टि हुई थी.महिला का 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट रिजल्ट आया था. जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से ठीक हो चुकी है. इससे पहले सिंगापुर से लौटे तमिलनाडु के एक शख्स में भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था. वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का रहने वाला था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी.

संसद में घुसपैठ के मामले में नीलम गिरफ़्तार, घर वाले कह रहे- वो बेरोजगारी से परेशान है


नई दिल्ली।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  संसद में घुसपैठ के मामले में नीलम को गिरफ़्तार किया गया। नीलम जब पकड़ी गई तो बेरोजगारी जैसे गैरजरूरी मुद्दे की बात कर रही थी। नीलम के घर वाले भी कह रहे- वो बेरोजगारी से परेशान है। ये गलत है. कोई बेरोजगारी का मुद्दा लिए संसद में पहुंच रहा, कोई PM मोदी की गाड़ी के पीछे भाग रहा। 

बता दें कि संसद पर हमले की बरसी पर कुछ युवाओं ने संसद भवन के अंदर और बाहर कोहराम मचा दिया है. लोकसभा के अंदर दो युवक दर्शक दीर्घा से कूदकर सांसदों की बेंच पर पहुंच गए और कलर गैस का छिड़काव कर दिया. वहीं दूसरी ओर संसद के बाहर एक युवक और एक महिला ने गैस का छिड़काव कर जमकर नारेबाजी की. संसद भवन के बाहर से पकड़ी महिला का नाम नीलम है, जो हरियाणा के जींद की रहने वाली है. 





महादेव बेटिंग ऐप : रवि उप्पल दुबई से गिरफ्तार, सट्टेबाजों का संरक्षण तब तक ही था जब तक कांग्रेस की सरकार थी - रमन


 दिल्ली ।  TODAY छत्तीसगढ़  /  महादेव बेटिंग ऐप के को- ओवर रवि उप्पल दुबई से गिरफ्तार किए जाने की चर्चा है। हालांकि इसकी किसी भी जांच एजेंसी की ओर से पुष्टि नहीं हुई है। रवि संचालक सौरभ चंद्राकर का राइट हैंड माना जाता है। रवि को भारत लाने की तैयारी जा रही है। रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ बीते सितंबर में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। रवि उप्पल को संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में लिए जाने की चर्चा है। दूसरा सौरभ चंद्राकर है। वे दोनों बीते दो ढाई वर्ष से फरारी काट रहे थे। भारतीय एजेंसियां यूएई के अधिकारियों के संपर्क में हैं। 

इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने X पर लिखा है - 

लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से कूदे

 


नई दिल्ली। 
  TODAY छत्तीसगढ़  /   संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है. लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद गए. ये दोनों शख्स एक बेंच से दूसरे बेंच पर भागने लगे. तभी एक शख्स ने जूते से निकालकर कोई पीले रंग की गैस स्प्रे कर दी. इस दौरान संसद में अफरा-तफरी मच गई. सांसद यहां-वहां भागने लगे. हालांकि कुछ सांसदों ने इन्हें पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों के हवाले कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.   

कार्यवाही में मौजूद सांसदों ने बताया कि शून्यकाल में बीजेपी सांसद खरगेन मुर्मू बोल रहे थे तभी एक व्यक्ति दर्शक दीर्घा से कूदा गया. वह पहले बैरियर से लटका और फिर सदन के अंदर छलांग लगा दी. इसके बाद दूसरा शख्स भी उसके पीछे सदन में कूद गया. दोनों युवकों के हाथ में टियर गैस कनस्तर था. इससे उन्होंने गैस छिड़कनी शुरू कर दी. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'आर्टिकल 370 अस्थायी प्रावधान था', फैसले के बाद कहीं ख़ुशी-कहीं गम

 


नई दिल्ली। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का केंद्र सरकार का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखने को कहा है । सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि 'आर्टिकल 370 अस्थायी प्रावधान था।' संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पष्ट है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। भारतीय संविधान के सभी प्रावधान वहां लागू हो सकते हैं। हालांकि डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

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गुलाम नबी आजाद के अलावा इस फैसले को लेकर किसने क्या कहा नीचे पढ़ें - 

अनुच्छेद 370 : आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है - मोदी


 नई दिल्ली।
TODAY छत्तीसगढ़  /   सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले को बरकरार रखा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं. इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल साइट X पर लिखा है कि "अनुच्छेद 370 को निरस्त करने पर आज का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है और 5 अगस्त 2019 को भारत की संसद द्वारा लिए गए फैसले को संवैधानिक रूप से बरकरार रखता है; यह जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में हमारी बहनों और भाइयों के लिए आशा, प्रगति और एकता की एक शानदार घोषणा है। न्यायालय ने, अपने गहन ज्ञान से, एकता के मूल सार को मजबूत किया है जिसे हम, भारतीय होने के नाते, बाकी सब से ऊपर प्रिय मानते हैं और संजोते हैं।

मैं जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लचीले लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपके सपनों को पूरा करने के लिए हमारी प्रतिबद्धता अटूट है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि प्रगति का लाभ न केवल आप तक पहुंचे, बल्कि इसका लाभ हमारे समाज के सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाले वर्गों तक भी पहुंचे, जो अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित थे।

आज का फैसला सिर्फ कानूनी फैसला नहीं है; यह आशा की किरण है, उज्जवल भविष्य का वादा है और एक मजबूत, अधिक एकजुट भारत के निर्माण के हमारे सामूहिक संकल्प का प्रमाण है।" 


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