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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद: मध्यप्रदेश के टाइगर रिज़र्व में नाइट सफारी पर आज से पूर्ण प्रतिबंध


भोपाल।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  मध्यप्रदेश के सभी टाइगर रिज़र्व में रात्रिकालीन सफारी अब पूरी तरह बंद हो गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा 17 नवम्बर 2025 को T.N. Godavarman बनाम यूनियन ऑफ इंडिया मामले में दिए गए आदेश के बाद प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किए। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि देशभर में नाइट टूरिज़्म पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा और सभी राज्यों को NTCA (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) की पर्यटन संबंधी गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन करना होगा। यह आदेश आज 1 दिसंबर 2025 से प्रभावशील होगा। 

जारी पत्र में उल्लेख है कि सर्वोच्च न्यायालय ने नाइट टूरिज़्म को बाघ संरक्षण के हित में प्रतिबंधित करते हुए सामुदायिक आधारित पर्यटन व्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे पर्यटन गतिविधियों को नियंत्रित कर ऐसी प्रणाली विकसित करें जिससे वन्यजीवों के प्राकृतिक व्यवहार में बाधा न हो। 

आदेश के तहत मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्र संचालकों को त्वरित प्रभाव से रात्रिकालीन सफारी रोकने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही बताया गया है कि सभी टाइगर रिज़र्व प्रबंधन इस आदेश की सूचना स्थानीय स्तर पर तुरंत प्रसारित करें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नाइट सफारी वाहिकाएँ जंगल में प्रवेश न करें।

वन विभाग द्वारा जारी इस आदेश की प्रति राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA), नई दिल्ली के सदस्य सचिव तथा राज्य सरकार के संबंधित विभागों को भी भेजी गई है।

वन विभाग का मानना है कि नाइट सफारी बंद होने से जंगल के वन्यजीवों को रात के समय होने वाली मानव गतिविधियों से मुक्ति मिलेगी और बाघ संरक्षण के प्रयासों को मजबूती मिलेगी।

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सांकेतिक तस्वीर 

वन्यजीव संरक्षण की नई पहल: जंगलों के पास रह रहे कुत्तों का होगा व्यापक टीकाकरण


 भोपाल।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  चीतों और बाघों को कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) जैसे खतरनाक संक्रमण से बचाने के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने एक विशेष पहल शुरू की है। विभाग ने निर्णय लिया है कि जंगलों के आसपास रहने वाले सभी पालतू और आवारा कुत्तों का बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि यह वायरस वन क्षेत्र में प्रवेश न कर सके। 

वन अधिकारियों के अनुसार CDV बड़े मांसाहारी जंतुओं—खासकर बाघों, तेंदुओं और चीतों—के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। यह वायरस संक्रमित कुत्तों के संपर्क से वन्यजीवों तक पहुँच सकता है और कई बार जानलेवा भी साबित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आसपास के क्षेत्रों में कुत्तों का टीकाकरण वायरस के प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।

प्रदेश में हाल के वर्षों में वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम भी शामिल हैं। ऐसे में इस नए अभियान को जैव-विविधता की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। वन विभाग ने स्थानीय निकायों और ग्रामीण समुदायों से भी अभियान में सहयोग करने की अपील की है, ताकि अधिक से अधिक कुत्तों को टीका लगाया जा सके और जंगलों के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखा जा सके।

अमरकंटक की राह में एक अनदेखा झरना — मानो प्रकृति मुझे कह रही हो, “रुककर देखो मैं यहीं हूँ सदियों से।”


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  अमरकंटक की ओर जाती घुमावदार सड़कें जैसे-जैसे सतपुड़ा-मैकल की गोद में उतरती हैं, हर मोड़ पर प्रकृति का एक नया रूप सामने आता है। इसी यात्रा के दौरान, कबीर चबूतरा से करीब पाँच किलोमीटर पहले, अचानकमार टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन में, मुझे एक छोटा-सा झरना मिला — अनायास, लेकिन अप्रत्याशित रूप से मन मोह लेने वाला।

सड़क किनारे पत्थरों के बीच से फूटता वह निर्मल जल, मानो पहाड़ियों की धड़कनों में बहती कोई मधुर धुन हो। सूरज की किरणें जब जल पर गिरतीं, तो बूंदें सोने-सी चमक उठतीं। आसपास का वन क्षेत्र हरियाली से आच्छादित था, और पक्षियों की चहचहाहट उस सन्नाटे में जीवन भर देती थी।

स्थानीय लोग बताते हैं कि बरसात के मौसम में यह झरना अपने पूरे सौंदर्य पर होता है — तब इसका पानी उफनता हुआ नीचे की ओर बहता है, और पूरा जंगल धुंध और हरियाली से ढक जाता है। राहगीर यहां रुककर विश्राम करते हैं, तस्वीरें खींचते हैं, और कुछ पल प्रकृति के साथ बिताते हैं।

मुझे यह झरना न केवल अपनी सुंदरता से आकर्षित करता दिखा, बल्कि इसने उस गहराई का एहसास कराया जो सतपुड़ा-मैकल की पहाड़ियों में बसती है — जल, जंगल और जीवन का त्रिवेणी संगम। यही तो इस क्षेत्र की असली पहचान है।

पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि ऐसे कई अनदेखे स्थल इस क्षेत्र की जैवविविधता के जीवंत उदाहरण हैं, और शायद यही कारण है कि पर्यटन विभाग भविष्य में इस जगह को इको-टूरिज़्म सर्किट में शामिल करने की सोच रहा है। अमरकंटक की ओर बढ़ते हुए, उस झरने की आवाज़ देर तक मेरे कानों में गूंजती रही — मानो प्रकृति मुझे कह रही हो, “रुककर देखो, मैं यहीं हूँ, सदियों से।”

(यात्रा वृत्तांत- सत्यप्रकाश पांडेय) 

MP Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा में एक और बच्ची की मौत, जांच के आदेश स्थानीय प्रशासन ने दवा की बिक्री पर लगाई रोक



 TODAY छत्तीसगढ़  / भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के चकढाना गांव की एक 14 महीने की बच्ची की संदिग्ध किडनी फेल होने से मौत हो गई। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर संदेह है। संध्या पवार की हालत बिगड़ने पर नागपुर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिवार ने बताया कि संध्या को शुरू में हल्का सर्दी-जुकाम और बुखार हुआ था। उसे परासिया के एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया, जहां उसे दवा दी गई। उसकी हालत में सुधार हुआ, लेकिन तीन दिन बाद उसे पेशाब आना बंद हो गया। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया। तीन दिन अस्पताल में रहने के बाद उसकी मौत हो गई।

उसकी मां ने कहा कि रेफर करने की प्रक्रिया के दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने दवा की शीशी और पर्चा ले लिया और वापस नहीं किया। संध्या परिवार में चार बच्चों में सबसे छोटी थी।

ये घटना छिंदवाड़ा जिले में छोटे बच्चों से जुड़े कई मामलों में से एक है, जिनमें कथित तौर पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद किडनी की परेशानी हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने सात सितंबर से अब तक कम से कम नौ बच्चों की मौत की जानकारी दी है। 

अधिकारियों के मुताबिक, मृत बच्ची ने वही कफ सिरप सेवन किया था, जिसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं। फिलहाल उस दवा के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

जांच के आदेश और टीम का गठन - 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने बताया है कि मामले की पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है, जिसमें राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम को मौके पर जाकर नमूने एकत्र करने और कारणों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई - 

छिंदवाड़ा ज़िला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है।स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों और दवा दुकानों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

ज़िला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने कहा,

“फिलहाल कफ सिरप के सभी बैचों की जांच की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।”

मंडला: कान्हा नेशनल पार्क में जंगल सफ़ारी सीज़न का आज से शुभारंभ


 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  बैहर, 1 अक्टूबर। मध्य प्रदेश के मंडला ज़िले में स्थित कन्हा नेशनल पार्क में जंगल सफ़ारी सीज़न की शुरुआत आज 1 अक्टूबर से हो गई है। बुधवार को खटिया गेट पर आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री सम्पतिया उइके ने हरी झंडी दिखाकर पर्यटकों के वाहनों को रवाना किया। इस अवसर पर कन्हा नेशनल पार्क का प्रबंधन दल भी मौजूद रहा। इस सीज़न में पर्यटक कन्हा की वादियों में बाघ, बारहसिंगा समेत कई दुर्लभ वन्यजीव प्रजातियों को नज़दीक से देखने का अनुभव ले सकेंगे। पार्क प्रबंधन के मुताबिक पर्यटन की यह शुरुआत न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और आर्थिक गतिविधियों को भी नया बल देगी। 

आपको बता दें कि 30 जून को हर साल कान्हा, बांधवगढ़,पेंच समेत देश के अधिकाँश राष्ट्रीय उद्यान तीन माह के लिए बंद हो जाते हैं। नये सीजन की शुरुआत 1 अक्टूबर से होती है, आज से देश के सभी टाईगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान (छत्तीसगढ़ को छोड़कर) पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। 

🌿 कान्हा नेशनल पार्क की विशेषताएं

स्थापना: 1955 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित, 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत आया।

स्थान: मध्यप्रदेश के मंडला और बालाघाट ज़िलों में फैला।

क्षेत्रफल: लगभग 940 वर्ग किलोमीटर का कोर एरिया और 1,067 वर्ग किलोमीटर का बफर ज़ोन।

मुख्य आकर्षण:

बाघ, तेंदुआ और जंगली कुत्ता (ढोल), भालू, गौर, साम्भर, गिद्ध, के अलावा कई शिकारी वन्यजीव।

विश्व प्रसिद्ध बारहसिंगा (Swamp Deer) की विशेष प्रजाति, जो केवल कान्हा में पाई जाती है।

वनस्पति: साल, बांस और मिश्रित वनों का अनोखा विस्तार।

पर्यटन ज़ोन: खटिया, किसली, मुक्की और सरही मुख्य गेट हैं।

विशेष पहचान: "जंगल बुक" के लेखक रुडयार्ड किपलिंग की कहानियों का प्रेरणास्थल माना जाता है।

10 हाथी की मौत : बांधवगढ़ के फील्ड डायरेक्टर और सहायक वन संरक्षक निलंबित, अब छत्तीसगढ़ में कार्रवाही का इंतज़ार

फ़ाइल फोटो 

भोपाल / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रविवार को उमरिया जिले में 10 जंगली हाथियों की मौत के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर गौरव चौधरी और प्रभारी सहायक वन संरक्षक फतेह सिंह निनामा को निलंबित करने का आदेश दिया।

 उन्होंने हाथी टास्क फोर्स के गठन का भी आदेश दिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हुई बड़ी संख्या में हाथियों की मौत की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह एक गंभीर घटना है, जिसमें कई हाथियों की मौत हुई है, लेकिन फील्ड डायरेक्टर छुट्टी से वापस नहीं आए और हाथियों के झुंड के आने के बाद आवश्यक सावधानियां नहीं बरती गईं। 

Chhattisgarh : परिवार के साथ 29 हाथी का झुण्ड मस्ती के मूड में, ड्रोन में कैद हुआ VIDEO  

डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि हाथी-मानव के बीच सौहार्दपूर्ण सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने के लिए मध्य प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस पहल का समर्थन करने के लिए विशेष "हाथी मित्र" नियुक्त किए जाएंगे। हाथियों की अधिक गतिविधि वाले क्षेत्रों में फसलों की सुरक्षा के लिए सौर बाड़ लगाने की व्यवस्था की जाएगी।  

मुख्यमंत्री को दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हाथियों की मौत के मामले में कोई मानवीय साजिश ​ सामने नहीं आई है। इधर, हमलावर हाथी को बांधवगढ़ प्रबंधन की टीम ने रेस्क्यू कर पेड़ से बांध दिया है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, एसीएस वन अशोक वर्णवाल व पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव को जांच के लिए बांधवगढ़ भेजा था। रविवार को इन्हें सीएम ने समीक्षा के लिए बुलाया था। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। हाथियों द्वारा मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार 8 लाख के बजाय 25 लाख रु. देगी।

प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में अब तक कहा जा रहा था कि कोदो की फसल में मौजूद पेस्टिसाइड से 10 हाथियों की मौत हुई है। रविवार काे सीएम ने ट्वीट करके जानकारी दी कि कोदो की फसल में पेस्टिसाइड के उपयोग के सबूत नहीं मिले हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि फिर हाथियों की मौत कैसे हुई? हाथियों के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट 2-3 दिन में मिल सकती है। 

हाथी अब वनों के स्थाई सदस्य हैं, इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक करेंगे - डॉ. यादव


शहडोल / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  बांधवगढ़ से लौटे जांच दल के साथ समीक्षा के दौरान रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पहले हाथी छत्तीसगढ़ से आकर लौट जाते थे, पर अब वो यहां स्थाई रूप से बस गए हैं। ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है।

हाथियों को अन्य वन्य प्राणियों के साथ किस तरह रखा जाए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें कर्नाटक, केरल और असम जैसे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेस को शामिल किया जाएगा। इन राज्यों में मध्यप्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा ताकि सहअस्तित्व की भावना के आधार पर हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा।

टाइगर रिजर्व के बफर एरिया के बाहर के जो मैदानी इलाके हैं वहां की फसलें उसमें सोलर फेंसिंग या सोलर पैनल द्वारा व्यवस्था कर फसलों को सुरक्षित किया जाएगा। यह मनुष्यों के लिए भी सुरक्षा का साधन होगा। वन विभाग को कहा गया है ऐसे क्षेत्रों में कहां कहां कृषि हो रही है, उसे कैसे बचा सकते हैं। हाथी फसल नष्ट न कर पाएं, यह सुनिश्चित करना होगा।

डॉ मोहन यादव ने कहा कि वन क्षेत्र में जो अकेले हाथी घूमते हैं और अपने दल से अलग हो जाते हैं इनको रेडियो टेगिंग का निर्णय लिया गया है। ट्रेकिंग कर उन पर नजर रखी जा सकेगी। आने वाले समय में ऐसी घटना न हो, भविष्य में इसका ध्यान रखा जा सकेगा। यह इस दिशा में ठोस कार्यवाही होगी।

ऐसे अन्य महत्वपूर्ण उपायों को लागू करने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। भविष्य में ऐसी ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के प्रयास किए जाएंगे। हाथी अब वनों के स्थाई सदस्य हैं, इसके लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जायेगा। लोगों को बताया जाये कि प्रदेश में टाइगर और अन्य वन्य प्राणी जिस तरह स्थाई निवास करते हैं, अब हाथी भी हमारे वनों का हिस्सा बन गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने उमरिया में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मृत्यु की घटना दुखद एवं दर्दनाक बताते हुए वन अमले को सतर्क रहने के निर्देश दिए। उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है। ऐसे में फील्ड डायरेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में हाथी वन क्षेत्रों में रह रहे हैं वहां हाथी मित्र जन जागरूकता के लिए कार्य करेंगे। भविष्य में ऐसे वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिसमें हाथियों की बसाहट के साथ सह अस्तित्व की भावना मजबूत हो सके।

करवा चौथ की ख़रीददारी पति संग, सामान लेकर भागे आशिक संग


 भिंड। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / मध्य प्रदेश के भिंड जिले से एक चौकाने वाली खबर निकलकर सामने आई है, करवा चौथ की खरीददारी करने पति के साथ बाज़ार गई पत्नी अपने प्रेमी के साथ फुर्र हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों की शादी 15 साल पहले हुई थी। दोनों के दो बच्चे भी है। इससे पहले भी पत्नी अपने प्रेमी के साथ फरार हो चुकी है। 

चौंका देने वाला यह मामला भिंड जिले के सुरपुरा थाना क्षेत्र के सुरज पूरा गांव का है। फरियादी नीरज शर्मा (36) कल शनिवार को अपनी पत्नी कल्पना को करवा चौथ की शॉपिंग कराने के लिए भिंड ले गया था। बाज़ार से खरीददारी के बाद जिला मुख्यालय भिंड से वापस घर लौटते समय रास्ते में काश पांडे और उनके साथी दो बाइक पर आए और नीरज शर्मा की पत्नी को अपनी बाइक पर बैठाकर फुर्र हो गये। इस घटना की सूचना पीड़ित ने थाने में दर्ज करवा दी है। 

फेरबदल : हार के बाद एमपी से कमलनाथ की छुट्टी, जीतू होंगे प्रदेश अध्यक्ष

पूर्व मंत्री और राहुल गांधी के नजदीकी माने जाने वाले जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है। वे अब वरिष्ठ नेता कमलनाथ की जगह लेंगे। वहीं सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अब आदिवासी नेता और विधायक उमंग सिंघार संभालेंगे। 


भोपाल।  TODAY छत्तीसगढ़  /  मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. पार्टी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाकर जीतू पटवारी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है. इससे पहले गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष थे. जीतू पटवारी और उमंग दोनों ही कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के विरोधी खेमे के माने जाते हैं. मध्य प्रदेश चुनाव में हार के बाद से ही चर्चा थी की पार्टी बड़ा बदलाव करेगी. 

इसी तरह कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर चरण दास महंत को नेता विपक्ष बनाया है. दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के आदिवासी सीएम कार्ड की काट में कांग्रेस ने नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों आदिवासी समाज से बनाए हैं. 

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एमपी में अब 'मोहन' राज, मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बोले 'मोदी की गारंटी' पूरी करेंगे


 भोपाल।
 TODAY छत्तीसगढ़  /    मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए सीएम बन गए हैं. एमपी के राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल ने उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मोहन यादव के अलावा जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई. भोपाल के परेड ग्राउंड मैदान में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नेड्डा मौजूद रहे. इसके अलावा यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत तमाम बीजेपी नेता मौजूद रहे. एमपी के बाद छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय दोपहर 2 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे. छत्तीसगढ़ में विजय शर्मा और अरुण साव को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई जाएगी. 


शिवराज लाडली बहनों से मिलकर भावुक हो गए, कहा भाई बहन मिलते रहेंगे उनके प्यार के लिए धन्यवाद

 


भोपाल।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर लंबे समय तक रहने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि मैं संतोष के साथ विदा ले रहा हूं. उन्होंने दिल्ली जाने की अटकलों पर भी विराम लगा दिया. शिवराज ने कहा मैं दिल्ली नहीं जा रहा. लेकिन साथ ही उन्होंने नये सीएम मोहन यादव से एक बात की इजाज़त मांग ली.

सीएम पद से विदा होने के बाद शिवराज सिंह चौहान भोपाल में मीडिया से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल की उपलब्धियों, पार्टी नेतृत्व, संगठन, प्रशासनिक सहयोगियों और जनता सबका जिक्र किया. भावुक हुए शिवराज सिंह ने एक बात दिलचस्प की. उन्होंने कहा मैं नये सीएम मोहन यादव से एक मांग करता हूं कि वो मुझे रोज एक पेड़ लगाने की इजाजत दें. उसके लिए जमीन उपलब्ध कराते रहे और पेड़ों की सुरक्षा होती रहे.दरअसल शिवराज सिंह चौहान रोज एक पौधा रौंपते हैं. वो भोपाल में हों या किसी भी दूसरे शहर में वो रोज एक पौधा जरूर लगाते हैं. ये उनकी दिनचर्या में शामिल है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा अगर मेरे कार्यकाल के दौरान मुझसे कोई गलती हुई है तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं. अपनी नयी भूमिका के बारे में कहा बीजेपी एक मिशन है. इस मिशन में जो जिम्मेदारी दी जाएगी उसका निर्वहन करूंगा. छिंदवाड़ा से चुनाव लड़ने पर कहा अपने बारे में मैं कोई फैसला नहीं लेता पार्टी जो फैसला लेगी वह मंजूर होगा. दिल्ली न जाने के सवाल पर कहा कि उस समय से सब लोग दिल्ली में थे तब मैंने कहा था की मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा. मेरा ऐसा मानना है अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मरना पसंद करूंगा.

लाडली बहनों से मिलकर भावुक

मीडिया से मुखातिब होने से पहले शिवराज सिंह चौहान लाडली बहनों से मिलकर भावुक हो गए. उन्होंने बहनों के सिर पर हाथ रखा. बहनें भी भावुक हो गयीं और उनकी आंखें छलछला उठीं. बहनों के भावुक होने पर कहा भाई बहन मिलते रहेंगे उनके प्यार के लिए धन्यवाद. बाद में प्रेस कॉन्प्रेंस में शिवराज सिंह चौहान ने नारी शक्ति को भी नमन किया. उन्होंने कहा महिला सशक्तिकरण मेरे लिए वोट पाने का साधन नहीं रहा. मेरे मन में हमेशा महिला उत्थान रहा है. लाडली लक्ष्मी योजना से एमपी में लिंगानुपात सुधरा है. 

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मोहन यादव एमपी के नये मुख्यमंत्री, तोमर को विस अध्यक्ष बनाया गया


  भोपाल।  TODAY छत्तीसगढ़ /   छत्तीसगढ़ के बाद अब आखिरकार आज शाम मध्यप्रदेश को भी नया मुख्यमंत्री मिल ही गया . मध्यप्रदेश की कमान अब 'शिव' नहीं 'मोहन' संभालेंगे। उज्जैन दक्षिण से भाजपा विधायक डॉक्टर मोहन यादव को मध्यप्रदेश में भाजपा विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया है। मध्यप्रदेश में मोहन यादव मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला के अलावा नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाये जाने पर सहमति बनी है।   

 बीएससी, एलएलबी और पीएचडी की डिग्री हासिल कर चुके मोहन यादव शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे हैं. नेटवर्थ की बात करें तो इनके पास करोड़ों की संपत्ति है. विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग में दिए गए हलफनामे में इसका खुलासा किया था.  

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एक जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के नए सीएम के पास कुल 42 करोड़ रुपये की संपत्ति है. जबकि उनके ऊपर देनदारी की बात करें तो ये करीब 9 करोड़ रुपये है. MP के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव की गिनती राज्य के अमीर नेताओं में की जाती है, इससे पहले मध्यप्रदेश में 2018 के हुए विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतम संपत्ति घोषित करने वाले एमपी के टॉप-3 मंत्रियों में पहले नंबर पर भूपेंद्र सिंह और दूसरे नंबर पर मोहन यादव का नाम था.  

हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे में मोहन यादव ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया था. इस पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के पास 1.41 लाख रुपये कैश, जबकि उवकी पत्नी के पास 3.38 लाख रुपये की नकदी है. बैंकों में जमा राशि की बात करें तो अलग-अलग बैंकों में उनके और उनकी पत्नी के अकाउंट्स में 28,68,044.97 रुपये जमा हैं.  

"सभी को राम राम..." शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में हाथ जोड़ते हुए अपनी एक तस्‍वीर पोस्‍ट की

 


भोपाल।  TODAY छत्तीसगढ़  /  नवनिर्वाचित भाजपा विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक से दो दिन पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को X पर संदेश 'सभी को राम राम' पोस्ट किया. इस पोस्ट में चौहान हाथ जोड़कर तस्वीर में दिखाई देने के बाद अटकलें तेज हो गईं क्योंकि ‘राम राम' का इस्तेमाल अभिवादन के साथ साथ विदाई संदेश दोनों के रूप में किया जाता है, लेकिन राज्य भाजपा प्रमुख वी डी शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनावों में भाजपा की भारी जीत के बाद विधायक और शीर्ष नेतृत्व तय करेंगे कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा.  शर्मा ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि तीनों (केंद्रीय) पर्यवेक्षक सोमवार सुबह यहां पहुंचेंगे. विधायक अपना नेता चुनने के लिए शाम 4 बजे बैठक करेंगे. विधायकों को निमंत्रण भेज दिया गया है. पार्टी की प्रक्रिया का पालन कर निर्णय लिया जायेगा. 

शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में हाथ जोड़ते हुए अपनी एक तस्‍वीर पोस्‍ट की है. साथ ही लिखा, "सभी को राम राम..."

  

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MP : अवैध रेत खनन, ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोक रहे पटवारी की कुचलकर हत्या

" प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने इस घटना के लिए राज्य में भाजपा शासन के दौरान कथित भ्रष्टाचार और घोटालों को जिम्मेदार ठहराया। कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘यह पहली बार नहीं है कि मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने किसी सरकारी अधिकारी को इस तरह से कुचल कर मार डाला है। "


 शहडोल ।  TODAY छत्तीसगढ़  /   मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में अवैध रूप से रेत खनन कर ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक पटवारी की हत्या कर दी गई। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शनिवार मध्यरात्रि के आसपास हुई घटना के सिलसिले में आरोपी वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

देवलोंद पुलिस थाना प्रभारी राजकुमार मिश्रा ने बताया कि पटवारी प्रसन्न सिंह सहित सरकारी कर्मचारियों की एक टीम ने गोपालपुर क्षेत्र में सोन नदी के पास अवैध रूप से खनन की गई रेत भरकर ले जा रही ट्रैक्टर-ट्रॉली को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने सिंह को कुचल दिया। अधिकारी ने बताया कि सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि आरोपी चालक वाहन लेकर फरार हो गया।

शहडोल के पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक के मुताबिक़ पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर ट्रैक्टर और उसके चालक शुभम विश्वकर्मा (25) की पहचान की, जिसे रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि अपराध स्थल से लगभग आठ किलोमीटर दूर स्थित मैहर जिले के निवासी विश्वकर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर को जब्त कर लिया गया है और उसके मालिक की पहचान कर ली गई है। जिलाधिकारी वंदना वैद्य ने कहा कि अवैध रेत खनन की शिकायतों के बाद राजस्व, खनन विभाग और पुलिस की एक संयुक्त टीम ने 23 नवंबर को क्षेत्र का निरीक्षण किया था।

उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार और शुक्रवार को उसी क्षेत्र से अवैध रूप से खनन की गई रेत जब्त की गई थी। वैद्य ने कहा कि ब्यौहारी के उप-संभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) और अन्य अधिकारियों ने शनिवार रात 8:30 बजे तक क्षेत्र में अवैध गतिविधियों पर कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि यह घटना तब हुई, जब सिंह और उनके तीन सहयोगी बाद में स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पर गए थे। 

इस धटना के बाद मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने घटना के लिए राज्य में भाजपा शासन के दौरान कथित भ्रष्टाचार और घोटालों को जिम्मेदार ठहराया। कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच X पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, ‘‘यह पहली बार नहीं है कि मध्य प्रदेश में रेत माफिया ने किसी सरकारी अधिकारी को इस तरह से कुचल कर मार डाला है। 

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