भोपाल। TODAY छत्तीसगढ़ / चीतों और बाघों को कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) जैसे खतरनाक संक्रमण से बचाने के लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने एक विशेष पहल शुरू की है। विभाग ने निर्णय लिया है कि जंगलों के आसपास रहने वाले सभी पालतू और आवारा कुत्तों का बड़े स्तर पर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि यह वायरस वन क्षेत्र में प्रवेश न कर सके।
वन अधिकारियों के अनुसार CDV बड़े मांसाहारी जंतुओं—खासकर बाघों, तेंदुओं और चीतों—के लिए गंभीर खतरा माना जाता है। यह वायरस संक्रमित कुत्तों के संपर्क से वन्यजीवों तक पहुँच सकता है और कई बार जानलेवा भी साबित होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि आसपास के क्षेत्रों में कुत्तों का टीकाकरण वायरस के प्रसार को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।
प्रदेश में हाल के वर्षों में वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें चीतों के पुनर्वास कार्यक्रम भी शामिल हैं। ऐसे में इस नए अभियान को जैव-विविधता की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। वन विभाग ने स्थानीय निकायों और ग्रामीण समुदायों से भी अभियान में सहयोग करने की अपील की है, ताकि अधिक से अधिक कुत्तों को टीका लगाया जा सके और जंगलों के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखा जा सके।
