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| साभार सोर्स / abp न्यूज |
वन विभाग के अनुसार, सागर के साउथ फॉरेस्ट डिवीजन अंतर्गत धना रेंज के हिलगन गांव के पास 8 से 10 वर्ष आयु के नर बाघ का शव मिला। स्थानीय ग्रामीणों की सूचना पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर क्षेत्र को सुरक्षित किया और पशु चिकित्सकों की टीम को बुलाया। प्रारंभिक जांच में शरीर पर किसी प्रकार की बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं, हालांकि वास्तविक कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
बिजली का झटका बन रहा बड़ा खतरा
अधिकारियों का कहना है कि बाघों की बढ़ती आबादी के कारण प्राकृतिक मौतें स्वाभाविक हैं, लेकिन अवैध बिजली की बाड़ से करंट लगना अब एक गंभीर खतरे के रूप में उभरा है। इस वर्ष हुई 55 मौतों में से करीब 11 मौतें अप्राकृतिक कारणों से हुई हैं, जिनमें लगभग आठ मामलों में बिजली के झटके की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीण इलाकों में किसान फसलों को जंगली सूअर और नीलगाय से बचाने के लिए अवैध रूप से बिजली की बाड़ लगा रहे हैं। सुरक्षित लो-वोल्टेज प्रणाली के बजाय सीधे करंट वाले तारों का उपयोग किया जा रहा है, जो बाघ जैसे बड़े और संरक्षित वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
नौरादेही से भटककर आने की आशंका
वन अधिकारियों को आशंका है कि मृत बाघ पास स्थित नौरादेही टाइगर रिजर्व से भटककर इस क्षेत्र में आया होगा। इस इलाके में बाघों की मौजूदगी कम देखी जाती है, जिससे यह संदेह और गहरा गया है कि बाघ किसी अवैध बिजली बाड़ की चपेट में आ गया।
2022 की राष्ट्रीय बाघ स्थिति रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं, जिससे राज्य देश के सबसे घने बाघ आवास क्षेत्रों में शामिल है। विशेषज्ञों का मानना है कि आबादी बढ़ने के साथ क्षेत्रीय संघर्ष, बीमारी और मानव-वन्यजीव टकराव की घटनाएं भी बढ़ी हैं।
बाघों और तेंदुओं की बढ़ती मौतों को लेकर राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने वरिष्ठ अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि बिजली के झटके, सड़क और रेल दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें रोकी जा सकती हैं, और इस दिशा में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वन अमले को वन्यजीव संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
