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MP Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा में एक और बच्ची की मौत, जांच के आदेश स्थानीय प्रशासन ने दवा की बिक्री पर लगाई रोक



 TODAY छत्तीसगढ़  / भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के चकढाना गांव की एक 14 महीने की बच्ची की संदिग्ध किडनी फेल होने से मौत हो गई। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर संदेह है। संध्या पवार की हालत बिगड़ने पर नागपुर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिवार ने बताया कि संध्या को शुरू में हल्का सर्दी-जुकाम और बुखार हुआ था। उसे परासिया के एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया, जहां उसे दवा दी गई। उसकी हालत में सुधार हुआ, लेकिन तीन दिन बाद उसे पेशाब आना बंद हो गया। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया। तीन दिन अस्पताल में रहने के बाद उसकी मौत हो गई।

उसकी मां ने कहा कि रेफर करने की प्रक्रिया के दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने दवा की शीशी और पर्चा ले लिया और वापस नहीं किया। संध्या परिवार में चार बच्चों में सबसे छोटी थी।

ये घटना छिंदवाड़ा जिले में छोटे बच्चों से जुड़े कई मामलों में से एक है, जिनमें कथित तौर पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद किडनी की परेशानी हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने सात सितंबर से अब तक कम से कम नौ बच्चों की मौत की जानकारी दी है। 

अधिकारियों के मुताबिक, मृत बच्ची ने वही कफ सिरप सेवन किया था, जिसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं। फिलहाल उस दवा के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

जांच के आदेश और टीम का गठन - 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने बताया है कि मामले की पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है, जिसमें राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम को मौके पर जाकर नमूने एकत्र करने और कारणों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई - 

छिंदवाड़ा ज़िला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है।स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों और दवा दुकानों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

ज़िला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने कहा,

“फिलहाल कफ सिरप के सभी बैचों की जांच की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।”

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