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प्रसूता को मिली दूषित दवा: कैल्शियम सिरप में मिला मांस का टुकड़ा, अस्पताल में हड़कंप


रायपुर ।
 TODAY छत्तीसगढ़  / प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कुछ दिन पहले बीजापुर में आंखों के ऑपरेशन में बरती गई लापरवाही सुर्खियों में थी। अब राजधानी रायपुर से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता को दिए गए कैल्शियम सिरप की बोतल में मांस का टुकड़ा पाया गया।

यह मामला देवपुरी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। सिरप पीने के दौरान परिजन को बोतल में संदिग्ध रूप नजर आया। संदेह होने पर प्रसूता का पति सिरप की बोतल लेकर सीधे स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया। बोतल में मिला मांस का टुकड़ा कथित रूप से कैलसिड कंपनी के कैल्शियम सिरप में पाया गया। जानकारी के अनुसार, यह सिरप दवा निगम के माध्यम से अस्पताल को उपलब्ध कराया गया था।

घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने बोतल को जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं, इस घटना से अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सिरप न परोसा जाता तो मरीज की जान पर भी बन सकती थी।

इस घटना के बाद देवपुरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। 

रेडक्रॉस ने रक्तदान, प्राथमिक उपचार, मेडिकल सहायता से लेकर जरूरतमंदों की हर संभव सहायता की है - संजय अग्रवाल


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा बिलासपुर के सीएमएचओ कार्यालय परिसर में नवनिर्मित भवन का लोकार्पण आज कलेक्टर एवं भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल के द्वारा किया गया। इस भवन से रेडक्रॉस के कार्यों को और अधिक प्रभावी, सुव्यवस्थित और सुगमता से किया जा सकेगा। इस अवसर पर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने रेडक्रॉस द्वारा किये जा रहे कार्याें की सराहना की। 

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में रेडक्रॉस द्वारा अब तक किए गए सामाजिक, स्वास्थ्य एवं आपदा राहत कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी सदैव मानवीय सेवाओं की अग्रिम पंक्ति में रही है। रेडक्रॉस ने रक्तदान, प्राथमिक उपचार, मेडिकल सहायता से लेकर जरूरतमंदों की हर संभव सहायता की है। कलेक्टर ने कहा कि आने वाले समय में इन सेवाओं को और अधिक विस्तार दिया जाएगा तथा अधिक से अधिक आम नागरिकों को रेडक्रॉस से जोड़ने के प्रयास होंगे, ताकि संगठन के उद्देश्यों को व्यापक स्तर पर पूरा किया जा सके। कार्यक्रम के अध्यक्ष व रेडक्रॉस जिला शाखा बिलासपुर के चेयरमेन डॉ. बी. एल. गोयल ने नवनिर्मित भवन के लोकार्पण को संस्था के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा कि बिलासपुर रेडक्रॉस ने पिछले वर्षों में स्वास्थ्य सहायता, जन जागरूकता, प्रशिक्षण कार्यक्रम, जरूरतमंदों की मदद, आपदा राहत जैसे कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने पूरी टीम के सामूहिक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नए भवन से रेडक्रॉस की गतिविधियाँ और भी सशक्त होंगी। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि एवं रेडक्रॉस सचिव डॉ. (श्रीमती) शुभा गरेवाल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, ने कलेक्टर श्री अग्रवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कलेक्टर के मार्गदर्शन में रेडक्रॉस की सेवाओं में निरंतर प्रगति हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नया भवन जनहित में चल रही गतिविधियों को और गति देगा तथा अधिक लोगों को संगठन से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगा।

कार्यक्रम में श्री अमरजीत सिंह दुआ कोषाध्यक्ष रेडक्रॉस, श्री सुरेंद्र गुम्बर सदस्य प्रबंध समिति, डॉ. एम. ए. जीवानी नोडल अधिकारी रेडक्रॉस, डॉ. गायत्री बांधी डीएमओ बिलासपुर, डॉ. नीता श्रीवास्तव, डॉ. रमन जोगी, श्री सौरभ सक्सेना जिला समन्वयक रेडक्रॉस, सुश्री पीयुली मजुमदार डीपीएम, डॉ. गोपेन्द्र दीक्षित, सहित रेडक्रॉस के अधिकारी, कर्मचारी और समस्त स्टाफ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

CIMS: हाइडेटिड सिस्ट का पाँचवाँ सफल दूरबीन ऑपरेशन, लैप्रोस्कोपी से बनी बड़ी सर्जरी भी सुरक्षित


बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर ने जटिल सर्जरी के क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी दर्ज की है। सर्जरी विभाग की टीम ने दूरबीन (लैप्रोस्कोपिक) तकनीक का उपयोग करते हुए लिवर में मौजूद 10 सेंटीमीटर के हाइडेटिड सिस्ट को सुरक्षित रूप से निकाल दिया। यह सिम्स में इस तरह की पाँचवीं सफल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी है।

मुंगेली की 20 वर्षीय तीजन नेताम पेट में भारीपन, भूख कम लगना और असहजता की शिकायत के साथ सिम्स पहुंची। सोनोग्राफी और सीटी स्कैन में लिवर के दाहिने हिस्से में बड़ा हाइडेटिड सिस्ट पाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिम्स प्रशासन के मार्गदर्शन में इसे दूरबीन पद्धति से ऑपरेट करने का फैसला लिया गया।

विशेषज्ञ टीम ने बिना जटिलता के पूरा किया ऑपरेशन

सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ओ.पी. राज के नेतृत्व में डॉ. रघुराज सिंह, डॉ. बी.डी. तिवारी और डॉ. प्रियंका माहेश्वर की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. भावना रायजादा, डॉ. मिल्टन, डॉ. मयंक आगरे व पीजी रेजिडेंट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने सटीक रिपोर्टिंग कर सर्जरी में अहम सहयोग दिया। ओटी स्टाफ सिस्टर योगेश्वरी, संतोष पांडे और अश्वनी मिश्रा का काम भी सराहनीय रहा। लैप्रोस्कोपिक तकनीक की वजह सेबहुत कम चीरा लगा,रक्तस्राव लगभग नगण्य रहामरीज जल्द ही सामान्य दिनचर्या में लौट सकती है

क्या होता है हाइडेटिड सिस्ट?

यह एक परजीवी संक्रमण है, जो इकाईनोकोकस ग्रेन्यूलोसस (कुत्ता फीता कृमि) के कारण होता है। यह आमतौर पर लिवर और फेफड़ों को प्रभावित करता है। संक्रमण अक्सर दूषित पानी, संक्रमित भोजन, और कुत्तों-भेड़ों के संपर्क से फैलता है।

मुख्य लक्षण -  पेट दर्द, भारीपन, भूख कम लगना, जल्दी पेट भरने का एहसास इसके मुख्य लक्षण है। गहरे और बड़े सिस्ट लीवर की कार्यप्रणाली पर असर डालते हैं और फटने पर ऐनाफाइलैक्सिस जैसी जानलेवा स्थिति भी बन सकती है। स्वच्छ पानी, साफ भोजन और राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत क्रीमनाशक दवाओं का सेवन कर इस रोग से बचाव किया जा सकता है।

छत्तीसगढ़: झोलाछाप इलाज और झाड़-फूंक पर भरोसा तीन मासूमों की जान ले गया, गांव में दहशत


रायपुर / गरियाबंद। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद ज़िले में एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत ने इलाके को सदमे में डाल दिया है। मामला अमलीपदर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम धनौरा का है, जहां झोलाछाप इलाज और झाड़-फूंक के सहारे पर निर्भरता बच्चों के लिए घातक साबित हुई।

धनौरा निवासी डमरूधर नागेश अपने परिवार के साथ मक्का तुड़ाई के लिए उदंती अभ्यारण्य क्षेत्र स्थित अपने ससुराल गए थे। इसी दौरान उनकी 8 वर्षीय बेटी अनिता, 7 वर्षीय बेटा और 4 वर्षीय गोरेश्वर अचानक बुखार से बीमार पड़ गए। परिवार ने प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय झोलाछाप डॉक्टर का सहारा लिया। स्थिति गंभीर होने पर परिवार लौट तो आया, लेकिन गांव में भी अस्पताल जाने के बजाय झाड़-फूंक पर ही भरोसा करता रहा। ग्रामीणों द्वारा बार–बार अस्पताल ले जाने की सलाह देने के बावजूद परिवार ने इसे नजरअंदाज़ कर दिया।

11 नवंबर को सबसे पहले 8 वर्षीय अनिता की मौत हो गई। दो दिन बाद 13 नवंबर को 7 वर्षीय बेटे की मृत्यु हुई और उसी दिन कुछ घंटे बाद 4 वर्षीय छोटे बेटे का भी निधन हो गया। एक ही परिवार में तीन बच्चों की लगातार मौत से गांव में गहरा शोक है और बीमारी को लेकर दहशत फैल गई है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. यू. एस. नवरत्न के निर्देश पर तीन सदस्यीय जांच दल गांव भेजा गया है। अधिकारी मानते हैं कि इस वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और झोलाछाप डॉक्टरों की पहुंच ग्रामीणों को पारंपरिक उपचार की ओर धकेलती है। ऐसे ही मामलों में पहले भी यहां सर्पदंश से जानें जा चुकी हैं।

जिले के सीएमएचओ के अनुसार, रायपुर से एक विशेष टीम भी गांव पहुंचकर विस्तृत जांच करेगी। स्वास्थ्य विभाग अब इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है, ताकि लोग आधुनिक चिकित्सा सेवाओं पर भरोसा कर सकें और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

MP Cough Syrup Case: छिंदवाड़ा में एक और बच्ची की मौत, जांच के आदेश स्थानीय प्रशासन ने दवा की बिक्री पर लगाई रोक



 TODAY छत्तीसगढ़  / भोपाल। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के चकढाना गांव की एक 14 महीने की बच्ची की संदिग्ध किडनी फेल होने से मौत हो गई। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को इसके लिए प्रतिबंधित कफ सिरप पर संदेह है। संध्या पवार की हालत बिगड़ने पर नागपुर के एक सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

परिवार ने बताया कि संध्या को शुरू में हल्का सर्दी-जुकाम और बुखार हुआ था। उसे परासिया के एक निजी क्लिनिक में ले जाया गया, जहां उसे दवा दी गई। उसकी हालत में सुधार हुआ, लेकिन तीन दिन बाद उसे पेशाब आना बंद हो गया। उसे पहले जिला अस्पताल ले जाया गया और फिर आगे के इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया गया। तीन दिन अस्पताल में रहने के बाद उसकी मौत हो गई।

उसकी मां ने कहा कि रेफर करने की प्रक्रिया के दौरान अस्पताल के कर्मचारियों ने दवा की शीशी और पर्चा ले लिया और वापस नहीं किया। संध्या परिवार में चार बच्चों में सबसे छोटी थी।

ये घटना छिंदवाड़ा जिले में छोटे बच्चों से जुड़े कई मामलों में से एक है, जिनमें कथित तौर पर कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने के बाद किडनी की परेशानी हुई है। मध्य प्रदेश सरकार ने सात सितंबर से अब तक कम से कम नौ बच्चों की मौत की जानकारी दी है। 

अधिकारियों के मुताबिक, मृत बच्ची ने वही कफ सिरप सेवन किया था, जिसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं। फिलहाल उस दवा के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए हैं।

जांच के आदेश और टीम का गठन - 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। मंत्रालय ने बताया है कि मामले की पड़ताल के लिए विशेषज्ञों की एक टीम बनाई गई है, जिसमें राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और एम्स-नागपुर के विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम को मौके पर जाकर नमूने एकत्र करने और कारणों की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई - 

छिंदवाड़ा ज़िला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर संदिग्ध कफ सिरप की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है।स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जिले के सभी अस्पतालों और दवा दुकानों की निगरानी बढ़ा दी गई है।

ज़िला मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMHO) ने कहा,

“फिलहाल कफ सिरप के सभी बैचों की जांच की जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।”

स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान : शिवतराई में दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन


 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर, 30 सितम्बर।  'स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान' के तहत कोटा विकासखण्ड के आदिवासी बहुल ग्राम शिवतराई आदि कर्मयोगी ग्राम में दो दिवसीय नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा ग्रामीणों को विभिन्न स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गई।

शिविर में कुल 312 हितग्राहियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

 शिविर में बी.पी. जांच के 152, शुगर जांच के 142, कैंसर स्क्रीनिंग के 86, ए.एन.सी. जांच के 86, एनीमिया जांच के 100 और टी.बी. स्क्रीनिंग के 162 मामले शामिल रहे। इसके साथ ही 52 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए, जिससे उन्हें भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा।इस शिविर में चार विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपनी सेवाएँ दीं। उन्होंने ग्रामीणों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया और उन्हें रोगों की रोकथाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए आवश्यक परामर्श दिया। कैंसर एवं टी.बी. जैसी गंभीर बीमारियों की समय पर पहचान के लिए स्क्रीनिंग भी की गई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस अवसर पर महिलाओं में एनीमिया नियंत्रण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल तथा संतुलित आहार से जुड़े विषयों पर जानकारी भी दी गई।

      महिला हितग्राही सुमित्रा बाई ने बताया कि पहले उन्हें बी.पी. और शुगर की नियमित जांच कराने के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब गांव में ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से जांच और परामर्श मिलना बहुत राहत की बात है। वहीं, शांति बाई ने कहा कि एनीमिया की जांच से उन्हें अपनी सेहत के बारे में सही जानकारी मिली, अब वे डॉक्टर द्वारा बताए अनुसार पौष्टिक आहार लेंगी। आदिवासी युवक रामलाल ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनने से अब परिवार को बड़ी बीमारियों के इलाज में आर्थिक परेशानी नहीं होगी।

   शिविर का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शुभा गढ़ेवाल ने पहुंचकर जायजा लिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी, पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे। दो दिवसीय  स्वास्थ्य शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर लाभ उठाया। 


CIMS में पहली बार प्लाज़्माफ़ेरेसिस से मरीज का सफल इलाज


 TODAY छत्तीसगढ़  /  बिलासपुर, 24 सितम्बर। छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (CIMS) बिलासपुर के मेडिसिन विभाग में पहली बार प्लाज़्माफ़ेरेसिस तकनीक का सफल उपयोग कर गंभीर रूप से बीमार 19 वर्षीय युवती का इलाज किया गया। यह प्रक्रिया मरीज को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई, जबकि निजी अस्पतालों में इसकी लागत 40 से 50 हजार रुपये तक होती है।

युवती लंबे समय से कमजोरी और खून की कमी से जूझ रही थी। जांच में पाया गया कि उसके रक्त में हानिकारक प्रोटीन अधिक मात्रा में जमा हो गए थे और आवश्यक प्रोटीन का स्तर असामान्य रूप से घट गया था, जो जानलेवा साबित हो सकता था।

क्या है प्लाज़्माफ़ेरेसिस ?

यह एक उन्नत चिकित्सीय तकनीक है, जिसमें मशीन की सहायता से रक्त से प्लाज़्मा अलग कर उसमें मौजूद हानिकारक एंटीबॉडी, प्रोटीन और टॉक्सिन हटाए जाते हैं और शुद्ध रक्त वापस शरीर में पहुँचाया जाता है। यह उपचार न्यूरोलॉजिकल, रक्त संबंधी, किडनी, लीवर, ऑटोइम्यून बीमारियों और कोविड-19 जैसे गंभीर रोगों में कारगर साबित होता है।

डॉक्टरों की टीम की मेहनत - 

मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. अमित ठाकुर के नेतृत्व में डॉ. आशुतोष कोरी, डॉ. सुयश सिंह, डॉ. किशले देवांगन और डॉ. अर्पणा पांडेय की टीम ने युवती को भर्ती कर विस्तृत जाँच के बाद सफल उपचार किया। वर्तमान में मरीज की हालत सामान्य है और वह स्वास्थ्य लाभ कर रही है।

सिम्स अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने बताया कि यह तकनीक भविष्य में और भी ज़रूरतमंद मरीजों को उपलब्ध कराई जाएगी। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने जानकारी दी कि संस्थान इस तरह की जटिल चिकित्सा प्रक्रियाएँ आम जनता के लिए सुलभ कराने को प्रतिबद्ध है। 

स्पोर्टस इंजरी के ट्रीटमेंट का हब बन रहा सिम्स, रिफर किये जाते थे रायपुर


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स के अस्थि रोग विभाग द्वारा स्पोर्टस इंजरी के मरीजों का सफल इलाज डॉक्टरों के द्वारा किया जा रहा है। इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों की औसत उम्र 20 से 35 वर्ष के आसपास होती है एवं अधिकांश मरीजों को घुटनों मे लचकपन, दर्द और सूजन की समस्या रहती है। कुछ मरीज सिम्स अस्पताल में परामर्श के लिए आए थे तथा डॉक्टर द्वारा जाँच और घुटने की एमआरआई करने के बाद पता चला की घुटने की डोरी टुट गई है और कुछ मरीजों में गद्दी (एंटेरियर क्रूसिएट लाइमेंट) फटी पाई गयी। उन्हें दुरबीन पद्धति से (आर्थाेस्कोपिक एसीएल रिकंस्टक्रशन, मेनिस्कूयस रिपेयर) द्वारा ऑपरेशन की सलाह दी गई। दुरबीन पद्धति एक प्रकार की की होल सर्जरी है। इस ऑपरेशन में घुटने में छोटे-छोटे छेद करके ऑपरेशन होता है। 

मरीज की सहमति के बाद ऑपरेशन विभागाध्यक्ष डॉ ए. आर. बेन, प्राध्यापक डॉ आर. के. दास, सहायक प्राध्यापक डॉ संजय कुमार घिल्ले, डॉ अविनाश अग्रवाल एवं डॉ शुभम पाण्डेय की टीम द्वारा किया जाता है। ऑपरेशन में निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश निगम एवं उनकी टीम का योगदान महत्वपूर्ण योगदान रहता है। विगत वर्ष 2023 में स्पोर्टस इंजरी के औसतन 40 मरीज प्रतिमाह ओ. पी. डी. में आये, जिनकी जाँच और एमआरआई कराने के पश्चात् इनमें से कुछ मरीजो को ऑपरेशन की होल सर्जरी कराने की सलाह दी गई और कुछ मरीजो का फिजियोथेरपी के माध्यम से इलाज की सलाह दी गई।

     मरीजो की सहमति के पश्चात् गत वर्षाे में 18 मरीजों की "की होल सर्जरी" (आर्थाेस्कोपिक एसीएल रिकंस्टक्रशन) द्वारा ऑपरेशन किया गया ऑपरेशन के बाद मरीज को रेगुलर फिजियोथेरेपी कराया गया इनमें से अधिकांश मरीज बिल्कुल ठीक और अपने स्पोर्टस एक्टिविटी में वापस लौट चुके है औसतन इस ऑपरेशन में कम्प्लीट रिकवरी में लगभग 06 माह लगते है। पहले इस ऑपरेशन के लिये मरीजों को रायपुर रिफर किया जाता था। यह ऑपरेशन सम्पूर्ण इलाज पूर्णतः निःशुल्क किया गया। इससे यह ऑपरेशन बिलासपुर शहर के केवल निजी अस्पताल में उपलब्ध था, जिसमें 70 से 80 हजार रूपये का खर्च आता था। इस ऑपरेशन हेतु अधिष्ठाता के.के. सहारे एवं चिकित्सा अधीक्षक का मार्गदर्शन, पूर्ण संरक्षण एवं सहयोग प्राप्त हुआ। कुछ वृद्ध अवस्था के मरीजो में की होल सर्जरी द्वारा खराब घुटने में डायग्नोस्टिक आर्थाेस्कोपिक कर लूज बॉडी रिमूवल भी किया गया है।

      इस तरह के जटिल ऑपरेशन से इस संभाग में युवा वर्ग जो कि स्पोट्स इंजरी से पीड़ित है। उनको इलाज पूर्णतः निःशुल्क मिल सकेगा। साथ ही ग्रामीण अंचल एवं दुरदराज के गरीब युवा जो पैसे की कमी के कारण इस तरह का इलाज नहीं करा पाते वो भी इसका लाभ प्राप्त कर सकते है।

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पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति के लिए अंतिम मौका, 23 तक आधार सीडिंग अनिवार्य

 बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़जिले में संचालित सभी शासकीय एवं अशासकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग कॉलेज, आईटीआई एवं पालीटेक्निक कॉलेज आदि में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को 23 जनवरी तक अपने बैंक शाखा में जाकर अनिवार्य रूप से बैंक खाते को आधार से सीडिंग कराना होगा। इसके साथ उन्हें एनपीसीआई मैपिंग भी सक्रिय कराना आवश्यक है। वर्ष 2022-23 ऑनलाईन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति का भुगतान भारत सरकार, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा डीबीटी के माध्यम से किया जा रहा है। इस योजना अंतर्गत विद्यार्थियों के बैंक खाता क्रमांक को आधार से सीडिंग एवं एनपीसीआई मैपिंग इनेबल होने के पश्चात ही विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति राशि हस्तानांतरित होगी। 

सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास ने बताया कि आधार सीडिंग की प्रक्रिया पूर्ण नहीं होने के कारण विद्यार्थी यदि छात्रवृत्ति की राशि से वंचित होते है, तो इसकी संपूर्ण जवाबदेही संबंधित विद्यार्थी की होगी। बैंक खाते से आधार सीडिंग का यह अंतिम अवसर है, पुनः अवसर प्रदाय नहीं किया जाएगा। 

स्वास्थ्य विभाग के काम काज की समीक्षा, लापरवाह चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मचारी का वेतन रोकने के निर्देश

 


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / कलेक्टर अवनीश शरण ने अस्पतालों की बुनियादी जरूरतों और सेवाओं में सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मैराथन बैठक लेकर हालात की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोगों को बुनियादी चिकित्सा सुविधा प्रदान करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। अस्पतालों की बुनियादी ज़रूरतें प्राथमिकता के साथ पूरी की जा रही हैं, लेकिन इससे ज्यादा  चिकित्सकों और स्टाफ की मरीजों के प्रति समर्पण और सेवा भावना ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि अच्छे काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी जहां पुरस्कृत किए जाएंगे वहीं लापरवाही बरतने वालों को दंडित भी किया जाएगा। कलेक्टर ने नियमित रूप से अस्पताल नहीं जाने पर सीपत के चिकित्सा अधिकारी और सेक्टर सुपरवाइजर के वेतन रोकने के निर्देश भी दिए।वहीं अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर एवं निष्ठापूर्वक  काम करने वाले तखतपुर के ग्राम राजपुर के एएनएम और शहर के राजकिशोर नगर के चिकित्सा अधिकारी का सम्मान करते हुए अपने निवास पर चाय के लिए आमंत्रित किया है। उन्हें गणतंत्र दिवस के जिला स्तरीय समारोह में सम्मानित भी किया जाएगा। कोटा ब्लॉक के सुदूर जंगलों में निवासरत बैगा, बिरहोर सहित अन्य लोगों की सुविधा के लिए 4 बाइक एंबुलेंस की स्वीकृति भी प्रदान की गई। 

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सड़क सुरक्षा माह के तहत बिलासपुर पुलिस द्वारा चौक चौराहों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को यातायात नियमों  के प्रति जागरूक किया जा रहा है। 


सिम्स : अब हर दो घंटे में मिलेगी बायोकेमिस्ट्री जांच रिपोर्ट, मरीजों के हित में लागू की नई व्यवस्था


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स अस्पताल बिलासपुर के बायोकेमिस्ट्री विभाग ने ओपीडी रोगियों के हित में दैनिक जांच रिपोर्ट हर दो घंटे में देने की व्यवस्था लागू की गई है। इस उत्कृष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से ओपीडी में उपचार हेतु आने वाले समस्त मरीजों को उनके द्वारा सैंपल जमा करने के बाद से 2 घंटे के भीतर ही उनकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उन्हें त्वरित उपचार मिल सके। बायोकेमिस्ट्री लैब का संचालन चौबीसों घण्टे हो रहा है जिससे कि रोगियों को हर समय जांच की सुविधा उपलब्ध हो सके। आकस्मिक जांच परीक्षणों की सुविधा सदैव उपलब्ध है और जांच हेतु सभी सैंपल एक ही स्थान पर लिए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने पाए। बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा कई सारी ऐसी जांचे भी की जा रही हैं, जो बाहर अत्यंत महंगी है, जैसे कि थाइरोइड जाँच, विटामिन डी एवं बी 12, और विभिन्न फर्टिलिटी पैरामीटर्स की जांच। यह समस्त जांच शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मुफ्त अथवा अत्यंत ही रियायती दाम पर उपलब्ध हैं। गर्भवती महिलाओं में होने वाली जेस्टेशनल डाईबेटिस की जांच के लिए भी विशेष ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट विभाग द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। 

सिकिल सेल की जांच सुविधा भी विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। इस हेतु रक्त सैंपल भी कलेक्शन सेण्टर में ही लिया जा रहा है। सिम्स के बायोकेमिस्ट्री विभाग ने पिछले वर्ष कुल 6,77,349 रक्त परीक्षण किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस संस्थान ने रोगियों की सेवा में अपने प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। इस प्रकार समस्त पैरामीटर्स को मिला लें तो लगभग 50 तरह की विभिन्न जांचें आम जन के लिए विभाग द्वारा की जा रहीं हैं । बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा किए जा रहे जांचों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए क्वालिटी कण्ट्रोल पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है विभाग जहाँ एक ओर आतंरिक गुणवत्ता पर काम कर रहा है वहीं बाह्य गुणवत्ता हेतु क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर, के नैदानिक बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा एक्सटर्नल क्वालिटी असश्युरेंस स्कीम (EQAS) में भी प्रतिभागी है। इस तरह विभाग द्वारा दिए जा रहे जांच रिपोर्ट उच्च गुणवत्ता युक्त हैं। इस सारे प्रयास के माध्यम से सिम्स, बिलासपुर ने रोगियों को सुरक्षित, त्वरित, और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में महती भूमिका निभा रहा है।


डॉ मनश्वी कुमार ने जिला अस्पताल और अर्बन PHC का किया निरीक्षण, मरीजों से मुलाकात कर ली इलाज और सुविधाओं की जानकारी


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. मनश्वी कुमार आज एक दिवसीय प्रवास पर बिलासपुर जिला पहुंचे। उन्होंने आज जिला अस्पताल और राजकिशोर नगर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया। उन्होंने सभी वार्डो का दौरा कर अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ जगदीश सोनकर, कलेक्टर अवनीश शरण, जिला पंचायत सीईओ अजय अग्रवाल, एसडीएम सूरज साहू, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश शुक्ला एवं संबंधित अधिकारी -कर्मचारी मौजूद थे।

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   संयुक्त सचिव डॉ. मनश्वी कुमार ने जिला अस्पताल में मरीजों के लिए पंजीयन कक्ष का जायजा लिया । इस दौरान गांधी चौक से इलाज कराने आए एक मरीज से पंजीयन के लिए आभा एप्प के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि मरीजों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार किया जाए। अस्पताल में समरीज ऐसे भी परेशान हालात में आतें है। उन्होंने मरीजों के अस्पताल में आने से लेकर जाने तक की पूरी प्रक्रिया को समझा। अस्पताल में नियमित साफ- सफाई करने के निर्देश दिए। संयुक्त सचिव ने डायलिसिस कक्ष, आयुष्मान कार्ड पंजीयन केन्द, 100 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल का भी जायजा लिया। उन्होंने दवा वितरण केंद्र पर पहुंचकर दवा वितरण का जायजा लेते हुए भंडार कक्ष का गहन निरीक्षण किया। तत्पश्चात उन्होंने उपलब्ध दवाओं की बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने दवा वितरण पंजी को भी देखा। वहां उपस्थित फार्मासिस्ट से उन्होंने गहन पूछताछ कर दवाईयों के बारे में जानकारी प्राप्त ली। इसके बाद संयुक्त सचिव डॉ. मनश्वी कुमार ने राजकिशोर नगर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होंने ओपीडी काउंटर पर काउंटर प्रभारी से जानकारी ली। पैथोलॉजी सेंटर का भी निरीक्षण किया गया। इसके बाद प्रसव वार्ड एवं प्रसव कक्ष का निरीक्षण किया गया। इसके अलावा इंजेक्शन, ड्रेसिंग कक्ष, औषधि कक्ष, ओ. पी. डी. महिला कक्ष, नर्सेस ड्यूटी कक्ष, ओ.पी.डी. पुरुष कक्ष, पुरुष वार्ड, नेत्र जाँच कक्ष, वैक्सीन भंडार कक्ष, टीकाकरण, परामर्श कक्ष, सहित पूरे परिसर का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने मरीजों के लिए वेटिंग रूम में स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित जानकारी देने के लिए एलईडी टीवी लगाने कहा। 

सिम्स में सुधार के लिए इलाज एवं प्रशासन दोनों अलग-अलग किये जाएंगे - स्वास्थ्य मंत्री


 बिलासपुर। 
  TODAY छत्तीसगढ़  /  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सिम्स की व्यवस्था में और सुधार के लिए मरीजों के इलाज (क्लिीनिकल) एवं प्रशासनिक व्यवस्था दोनों को अलग-अलग किया जायेगा। अस्पताल प्रशासन के लिए एमबीए उत्तीर्ण प्रशासक और एक जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे। श्री जायसवाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री का प्रभार लेने के बाद पहली बार बिलासपुर पहुंचकर सिम्स में अधिकारियों की बैठक लेकर इस आशय के निर्देश दिए।

 उन्होंने शहर के बीचों-बीच स्थित सिम्स को कोनी में स्थानांतरित करने के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है। कोनी में सिम्स के नये भवन के लिए लगभग 40 एकड़ भूमि आरक्षित रखी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के पूर्व सिम्स अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण भी किया। इलाज कराने पहुंचे मरीजों से मुलाकात कर व्यवस्था की जानकारी ली। बैठक एवं निरीक्षण के दौरानं बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक श्री धरमललाल कौशिक, तखतपुर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती रेणु जी पिल्लई, सिम्स के ओएसडी श्री आर.प्रसन्ना विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने पिछले दो-तीन महीने में अस्पताल की व्यवस्था में आये उल्लेखनीय सुधार के लिए सिम्स अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की सराहना की। 

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         स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जायसवाल ने सिम्स मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में लगभग घण्टे भर तक बैठक लेकर मरीजों के हित में कई निर्देश दिए। बैठक में सिम्स स्वास्थ्य प्रबंधन, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय से आये वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने कोनी में निर्माणाधीन मल्टी स्पेश्यालिटी अस्पताल के बचे काम को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में इसका लोकार्पण किया जायेगा। केन्सर अस्पताल के काम में भी गति लाकर समयसीमा में पूर्ण करने को कहा है। श्री जायसवाल ने कहा कि सिम्स अस्पताल बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल हैं। रायपुर एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं यहां विकसित की जायेंगी। अस्पताल में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर की जायेगी। पिछले दो तीन महीने में हुए सुधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने संतोष प्रकट किया। डीन डॉ.केके सहारे एवं अधीक्षक डॉ. नायक ने सिम्स में वर्तमान में उपलब्ध सुविधाएं, व्यवस्था एवं पिछले दो-तीन महीनों में आये सुधार का तुलनात्मक प्रस्तुतिकरण दिया। मंत्री ने सिम्स अस्पताल के तमाम टॉयलेट को अगले तीन महीने में सुधार करने को कहा है। उन्होंने एक महीने के भीतर मरीजों के लिए वाटर प्यूरीफायर की व्यवस्था के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर का वातावरण एवं प्रबंधन का बर्ताव इतना सद्भावना पूर्ण हो कि आते ही आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाए। सिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए विधायक श्री अमर अग्रवाल, श्री धरमलाल कौशिक एवं श्री सुशांत शुक्ला ने भी अहम सुझाव दिए।

सिम्स अस्पताल का किया निरीक्षण  - 

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पहले सिम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। लगभग आधे घण्टे तक वे अस्पताल के विभिन्न वार्ड में गए। इलाज कराने आये मरीजों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की। बीमारी की जानकारी लेकर त्वरित इलाज करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए। श्री जायसवाल ने प्रमुख रूप से केजुअल्टी वार्ड, पंजीयन कक्ष, दवाई वितरण, ब्लड कलेक्शन सेन्टर, एक्सरे एवं सिटी स्कैन आदि वार्डों का निरीक्षण किया। मरीजों के पंजीयन में सुविधा के लिए जल्द टोकन सिस्टम व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है। 

सिम्स के कैंसर विभाग में किये जा रहे कई नये अनुसंधान, मरीजों को मिलेगा फायदा

 


बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स चिकित्सालय में कैसर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.चन्द्रहास धु्रव, डॉ. हेमू टंडन, डॉ. सुमन कुमार कुजूर, डॉ. उपासना सिन्हा के अथक प्रयासों एवं कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आज कैंसर मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं। वर्तमान में कैंसर विभाग में मरीजों के साथ साथ कैंसर संबंधी अनेक विषयों पर अनुसंधान किये जा रहे हैं। मुंह एवं गले के कैंसर में जैविक परीक्षण एंव एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण कर एंटीबायोटिक के चयन का निर्धारित किया जा रहा हैं । ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एच०पी०वी०) के संक्रमण से होने वाले बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (सर्विक्स कैंसर) में अनुसंधान किया जा रहा हैं। 

     छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय में कैंसर की महामारी विज्ञान (एपीडेमोलॉजी) का अध्ययन किया जा रहा है। महामारी विज्ञान (एपीडेमोलॉजी) का प्रयोग कैंसर के कारण का पता लगाने तथा बेहतर उपचार विकसित करने के लिए किया जाता है। इन अनुसंधान द्वारा कैंसर की घटनाओं का सूक्ष्मरूप से अवलोकन किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप इन बहूमुल्य अनुसंधानों के निष्कर्षों की पुष्टि होने से कैंसर संबंधी अनेक तथ्य उजागर होंगे। निश्चित रूप से कैंसर रोगियों को इन अनुसंधानों के अध्ययन से लाभ होगा, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी तथा कैंसर के कारणों का पता लगाने तथा उन्नत इलाज में इजाफा होगा। अधिष्ठाता डॉ. के. के. सहारे ने कैंसर रोग विभाग के चिकित्सकों की प्रयासों की सराहना करते हुए मरीज हित में सभी प्रकार के सहयोग का भरोसा दिलाया है। 

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सिम्स के डीन लगातार कर रहे अस्पताल का निरीक्षण, मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / सिम्स के डीन डॉ. के. के. सहारे शुक्रवार को सिम्स अस्पताल की विभिन्ना वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले पंजीयन काउन्टर पहुॅच कर पंजीयन कार्य में लगे आपरेटरों से चर्चा की व मरीज पंजीयन कार्य में जल्दी करने के निर्देश दियें। दवा काउन्टर में कार्यरत कर्मचारियों को सलाह दी गई कि दवा लेने लाईन में खड़े मरीज या परीजनों की पर्ची लेकर उन्हे हॉल में लगी कुर्सी में आराम से बिठाएं व दवा निकाल कर उन्हें बुलाकर दवा प्रदान करने का प्रयास किया जायें। जिससे आम जन को बहुत देर तकखड़ा ना होना पड़े।

महिलाओं की ओपीडी में पहुच कर अधिष्ठाता ने व्यक्तिगत रूप से वहां पहुचें मरीजों से चर्चा की व सुविधाओं के बारे में चर्चा की। वहाँ उपस्थित मरीज व परिजनों ने उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष जताया। एसबीआई के द्वारा सीएसआर मद से चिकित्सालय को उपलब्ध कराये गये बेड साईड स्टूलों (मरीज बिस्तर के बाजू में लगाने के लिए) का निरीक्षण किया व तत्काल सभी स्टूलों को बैड़ के साथ लगवाने हेतु संबंधित को आदेशित किया। वर्तमान में 100 स्टूल चिकित्सालय में आ चुके है व 300 स्टूल अभी और मिलने वाले हैं।

       नेत्र रोग वार्ड पहुंच कर मरीजों से चर्चा की व चिकित्सालय द्वारा दी गई सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तत्काल ड्यूटी डॉक्टर को अवगत कराने व समाधान के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिये। एमएम 3 में निरीक्षण के दौरान डीन प्रत्येक बिस्तर के पास जा कर मरीजों से चर्चा कर रहे थे । तभी उक्त वार्ड में भर्ती मरीज प्रेम सिंह उम्र 62 वर्ष के पास पहुचें। मरीज के परिजनों ने बताया की प्रेम सिंह के पूरे शरीर में सूजन हैं। अधिष्ठाता ने जब ड्युटी डॉक्टर से उक्त मरीज के बारे में चर्चा की तो डॉक्टरों ने बताया की प्रेम सिंह के शरीर में रक्त व प्रोटीन की कमी हैं व मरीज लकवा ग्रस्त हैं। शरीर में सूजन की वजह से रक्त नसें ढूंढनेे में समस्या हो रही हैं अधिष्ठाता डॉ. के. के. सहारे ने तत्काल वार्ड में उपलब्ध आवश्यक सामग्रियों का उपयोग करते हुए स्वय आईव्ही केनुला (जेल्को) प्रेम सिंह को लगाया व वहां उपस्थित समस्त कर्मचारियों को मार्गदर्शन दिया।

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सिम्स : प्रसूताओं को जल्द ही मिलेगी अतिरिक्त ओपीडी की सुविधा, निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   संभाग के सबसे बड़े अस्पताल छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में मरीजों की सुविधा के लिए चिकित्सालय में अतिरिक्त गायनिक (स्त्री रोग) ओपीडी कक्ष निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सिम्स के उपचिकित्सा अधीक्षक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस चरण में एमआरडी (मरीज पंजीयन शाखा) के उपर खाली छत का चयन कर उक्त स्थान पर गायनिक ओपीडी का निर्माण कार्य कराने हेतु मार्किंग कर तैयारी शुरू कर दी गई है। वर्तमान में सिम्स चिकित्सालय में 13 विभागों की ओपीडी व 38 वार्डाें में मरीजों को भर्ती कर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। आने वाले 5 से 6 माह के भीतर उक्त कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। ओपीडी बनने से चिकित्सालय में आने वाली प्रसूताओं को इसका लाभ मिलेगा। अतिरिक्त ओपीडी निर्माण से मरीज व परिजनों को सहूलियत होगी। यह निर्माण कार्य सीजीएमएससी द्वारा करवाया जाएगा।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

सिम्स : डीन डॉ. सहारे निरीक्षण कर ले रहे है मरीजों के इलाज और सुविधाओं की जानकारी

 

बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के डीन  डॉ. के.के. सहारे नियमित रूप से चिकित्सालय का निरीक्षण कर रहे है। चिकित्सालय में होने वाली छोटी-बड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मार्गदर्शन दे रहे है। मरीजों की सुविधा को देखते हुए स्त्री रोग विभाग को प्रथम तल के दन्त रोग विभाग के स्थान पर स्थांनातरित किया गया हैं, वही दन्त रोग विभाग को तृतीय तल में चालू करवाया गया हैं। डीन ने उक्त दोनों विभागों का निरीक्षण कर मरीजों को हर संभव सुविधा देने हेतु संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिये है। 

आपातकाल वार्ड में भर्ती मरीजों को 24 घण्टे के अन्दर संबंधित विभाग में शिफ्ट करने हेतु उपस्थित चिकित्सकों को निर्देश दिये गये। वार्ड में निरीक्षण के दौरान डॉ. सहारे ने भर्ती मरीज व परिजनों से चर्चा कर मिल रहे इलाज व सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। आपातकाल विभाग के पास नई लिफ्ट लगाने का कार्य चल रहा हैं मरीजों को आने जाने में तकलीफ ना हो, इसे देखते हुए बेरीगेड लगाकर कार्य को प्रारम्भ किया गया व जल्द से जल्द नई लिफ्ट को लोगों के लिए चालू करने कहा। लिफ्ट का कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है। संबंधित अधिकारी ने बताया की नई लिफ्ट 15 से 20 दिन में तैयार कर दी जायेगी। वर्तमान में चिकित्सालय में 7 लिफ्ट मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। जिसमें से 1 लिफ्ट पूर्ण रुप से खराब हो चुकी थी जिसके स्थान पर नई लिफ्ट लगाई जा रही हैं। चिकित्सालय में संचालित 38 वार्डाे, जिसमें कुल 750 बेड में मरीजों को भर्ती कर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। सिम्स प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वार्डाें में एक-एक कर पेस्ट कन्ट्रोल ट्रीटमेंट का कार्य शुरु करवाया हैं। जिससे वार्डों को कीट (कीडे-मकोड़े) से मुक्त रखा जा सकें। सिम्स प्रबंधन जानकारों के देखरेख में पेस्ट कन्ट्रोल ट्रीटमेंट प्रारम्भ करने के पूर्व वार्ड को खाली करवाने के बाद यह कार्य किया जा रहा है। अधिष्ठाता डॉ. केके सहारे ने सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को मरीज हित में  सतत् कार्य करने के निर्देश दिये।

नववर्ष : अनहोनी से निपटने सिम्स में विशेष इंतजाम, विशेषज्ञ चिकित्सकों की दो दिनों तक 24 घंटे विशेष ड्यूटी


 बिलासपुर। 
  TODAY छत्तीसगढ़  /  नए साल के उपलक्ष्य में दो दिनों के लिए किसी अनहोनी से निपटने के लिए सिम्स अस्पताल में डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है। कल 31 दिसंबर और 1 जनवरी के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा 8 वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। ये डॉक्टर इन दो दिनों में 24 घंटे ऑन कॉल ड्यूटी पर उपलब्ध रहेंगे। अस्पताल की नियमित व्यवस्था के अलावा इन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। 

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नए साल के स्वागत और जश्न में आयोजित कार्यक्रमों में किसी तरह की अनहोनी की आशंका के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन द्वारा पूर्व तैयारी की गई है। ताकि मरीज का तत्काल इलाज और निगरानी किया जा सके। सिम्स के डीन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिन डॉक्टरों की ऑन कॉल ड्यूटी लगाई गई है, उनमें अस्थिरोग विभाग के सह प्राध्यापक डॉ.संजय घिल्ले, सर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ.राजेंद्र कुमार सिंह व डॉ. कोमल प्रसाद देवांगन,मेडिसिन विभाग के  सहायक प्राध्यापक डॉ. विवेकानंद मिश्रा व सह प्राध्यापक डॉ अमित ठाकुर, स्त्री रोग विभाग के सह प्राध्यापक डॉ दीपिका सिंह व सहायक प्राध्यापक डॉ रचना जैन तथा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सलीम खलखो शामिल हैं। इस दौरान किसी भी प्रकार की घटना अथवा शिकायत के लिए सिम्स अस्पताल के मोबाइल फोन 75874/85907 पर संपर्क किया जा सकता है। इस बीच डीन डॉ. केके सहारे ने आज शाम 6 बजे अस्पताल के मेडिकल वार्ड 1, टीबी वार्ड और एनसीडी वार्ड का आकस्मिक निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों से चर्चा कर दवाइयां और भोजन के बारे में जानकारी ली। मरीजों ने संतोष व्यक्त किया।

ईलाज में लापरवाही, मरीज की मौत के सात साल बाद अपोलो के चार डॉक्टर गिरफ्तार


  बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने की वजह से मरीज की मौत होने के मामले में लगे आरोप सच पाये जाने पर अपोलो अस्पताल के चार डॉक्टरो के खिलाफ गैर इरादतन हत्या तथा साक्ष्य छुपाने का अपराध दर्ज कर आज उन्हें गिरफ्तार किया गया है। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है। करीब सात साल पहले गोल्डी छाबड़ा की इलाज के दौरान हुई मौत पर परिजनों ने अपोलो के चार डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाये थे।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

बता दें कि बिलासपुर के आदर्श कॉलोनी दयालबंद (थाना कोतवाली) में रहने वाले 29 वर्षीय गोल्डी उर्फ गुरविन छाबड़ा (पिता परमजीत सिंह की छाबड़ा) की मृत्यु अपोलो में इलाज के दौरान हो गई थी। गोल्डी की मौत के बाद परिजनों ने अपोलो प्रबंधन और चिकित्सकों के खिलाफ लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया था। इसकी रिपोर्ट सरकंडा थाने में दर्ज करवाई गई थी। शिकायत और परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर सरकंडा पुलिस ने जांच के दौरान मृतक का पोस्टमार्टम सिम्स से करवाया तथा जब्तशुदा पदार्थों का परीक्षण राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर से करवाया गया। 

मृत्यु के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिसमें विशेषज्ञों के द्वारा अपोलो प्रबंधन व डॉक्टरों द्वारा ईलाज के दौरान लापरवाही का उल्लेख किया गया है। डायरेक्ट संचालनालय मेडिकोलोगल संस्थान गृह विभाग द्वारा भी अपोलो अस्पताल द्वारा लापरवाही किए जाने के संबंध में अलग अलग बिंदुओं पर उल्लेख किया गया था।

सभी रिपोर्टों के आधार पर थाना सरकंडा में अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों देवेंद्र सिंह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय, डॉक्टर सुनील केडिया के खिलाफ अपराध क्रमांक 1342/2023 धारा 304 ए, तथा साक्ष्य छुपाने की धारा 201,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार किया गया।

मरीजों के पंजीयन के लिए अब टोकन सिस्टम शुरू होगा, कलेक्टर ने सिम्स का किया आकस्मिक निरीक्षण


 बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  कलेक्टर अवनीश शरण ने आज शाम सिम्स अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया। करीब घण्टे भर तक विभिन्न वार्डाे का दौरा कर अस्पताल की विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने मरीजों की सुविधा के लिए पंजीयन विभाग में टोकन सिस्टम शुरू करने के निर्देश अस्पताल अधीक्षक को दिए ताकि मरीजों को लाईन में अनावश्यक खड़ा न रहना पड़े। स्त्री रोग विभाग के बाहर गलियारे में मरीजों के परिजनों के बैठने के लिए अतिरिक्त कुर्सिया लगाने कहा। कलेक्टर के निर्देश पर तत्काल कुर्सियां लगायी गई। सिम्स में खराब दो लिफ्ट तत्काल सुधरवाने के निर्देश दिए। मरीजों की सुविधा के लिए अतिरिक्त लिफ्ट का प्रस्ताव भी तैयार करने कहा। उन्होंने इलाज कराने आये मरीजों से मुलाकात कर कुशलक्षेम पूछी। अस्पताल की रसोईघर  पहुंचकर मरीजों के लिए बनाये गये भोजन की भी जानकारी ली। कंडम सामग्रियों को स्टोर रूम में रखने अथवा विनष्टीकरण की कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान नगर निगम कमिश्नर श्री कुणाल दुदावत, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजय अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ. राजेश शुक्ला, अस्पताल अधीक्षक डॉ. एस के नायक भी उपस्थित थे।

        कलेक्टर ने अस्पताल में घुम-घुमकर व्यवस्थाएं देखी। कॉकरोच से बचाव के लिए पेस्ट कंट्रोल सहित अन्य सुरक्षात्मक उपाय अपनाने के निर्देश दिए। अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न सामग्रियों और इनका मरीजों के हित में उपयोग पर जोर दिया। टॉयलेट एवं वाशरूम का भी निरीक्षण किया। नियमित साफ-सफाई करने के निर्देश दिए। सफाईकर्मियों से भी चर्चा की। सफाईकर्मियों ने बताया कि उन्हें हर महीने लगभग 25 तारीख को भुगतान किया जाता है। कलेक्टर ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए संबंधित एजेंसी को हर महीने की 05 तारीख तक भुगतान करने कहा। रेडक्रास सोसायटी को 100 कंबल सिम्स में और 50 कंबल जिला अस्पताल में मरीजों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने डॉक्टरों की ड्यूटी चार्ट सुस्पष्ट अक्षरों में मोबाईल नम्बर के साथ प्रदर्शित करने को कहा है। कलेक्टर ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि प्राईवेट अस्पताल के डॉक्टर भी प्रिस्क्रीपशन कैपिटल अक्षरों में ही लिखेंगे। कलेक्टर ने अस्पताल में फर्श पर हुई टूटफूट की तत्काल मरम्मत के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल परिसर में गुटखा खाकर आने वाले लोगों पर पाबंदी लगाने कहा। गुटखा खाने पर 500 रूपए का जुर्माना संबंधी निर्देश जगह-जगह पर डिस्पले करने कहा। 






कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 सामने आने के बाद केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

 


नई दिल्ली। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके. 

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इस एडवाइजरी में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखें. साथ ही नियमित तौर पर इस संबंध में अपडेट करते रहें. यह एडवाइजरी केरल में कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 की पुष्टि के बाद जारी की गई है. दरअसल केरल की 79 साल की एक महिला में  इसकी पुष्टि हुई थी.महिला का 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट रिजल्ट आया था. जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से ठीक हो चुकी है. इससे पहले सिंगापुर से लौटे तमिलनाडु के एक शख्स में भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था. वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का रहने वाला था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी.

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