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CIMS: हाइडेटिड सिस्ट का पाँचवाँ सफल दूरबीन ऑपरेशन, लैप्रोस्कोपी से बनी बड़ी सर्जरी भी सुरक्षित


बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर ने जटिल सर्जरी के क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी दर्ज की है। सर्जरी विभाग की टीम ने दूरबीन (लैप्रोस्कोपिक) तकनीक का उपयोग करते हुए लिवर में मौजूद 10 सेंटीमीटर के हाइडेटिड सिस्ट को सुरक्षित रूप से निकाल दिया। यह सिम्स में इस तरह की पाँचवीं सफल लैप्रोस्कोपिक सर्जरी है।

मुंगेली की 20 वर्षीय तीजन नेताम पेट में भारीपन, भूख कम लगना और असहजता की शिकायत के साथ सिम्स पहुंची। सोनोग्राफी और सीटी स्कैन में लिवर के दाहिने हिस्से में बड़ा हाइडेटिड सिस्ट पाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिम्स प्रशासन के मार्गदर्शन में इसे दूरबीन पद्धति से ऑपरेट करने का फैसला लिया गया।

विशेषज्ञ टीम ने बिना जटिलता के पूरा किया ऑपरेशन

सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ओ.पी. राज के नेतृत्व में डॉ. रघुराज सिंह, डॉ. बी.डी. तिवारी और डॉ. प्रियंका माहेश्वर की टीम ने ऑपरेशन को अंजाम दिया। एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. भावना रायजादा, डॉ. मिल्टन, डॉ. मयंक आगरे व पीजी रेजिडेंट्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रेडियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. अर्चना सिंह ने सटीक रिपोर्टिंग कर सर्जरी में अहम सहयोग दिया। ओटी स्टाफ सिस्टर योगेश्वरी, संतोष पांडे और अश्वनी मिश्रा का काम भी सराहनीय रहा। लैप्रोस्कोपिक तकनीक की वजह सेबहुत कम चीरा लगा,रक्तस्राव लगभग नगण्य रहामरीज जल्द ही सामान्य दिनचर्या में लौट सकती है

क्या होता है हाइडेटिड सिस्ट?

यह एक परजीवी संक्रमण है, जो इकाईनोकोकस ग्रेन्यूलोसस (कुत्ता फीता कृमि) के कारण होता है। यह आमतौर पर लिवर और फेफड़ों को प्रभावित करता है। संक्रमण अक्सर दूषित पानी, संक्रमित भोजन, और कुत्तों-भेड़ों के संपर्क से फैलता है।

मुख्य लक्षण -  पेट दर्द, भारीपन, भूख कम लगना, जल्दी पेट भरने का एहसास इसके मुख्य लक्षण है। गहरे और बड़े सिस्ट लीवर की कार्यप्रणाली पर असर डालते हैं और फटने पर ऐनाफाइलैक्सिस जैसी जानलेवा स्थिति भी बन सकती है। स्वच्छ पानी, साफ भोजन और राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत क्रीमनाशक दवाओं का सेवन कर इस रोग से बचाव किया जा सकता है।

सिम्स में अत्याधुनिक ‘पेन क्लीनिक’ की नियमित सेवाएं शुरू, जटिल और दीर्घकालिक दर्द के लिए हाई-टेक इंटरवेंशनल उपचार उपलब्ध

 


बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) बिलासपुर ने निश्चेतना विभाग में अत्याधुनिक “दर्द निवारण पेन क्लीनिक” की नियमित सेवाओं का शुभारंभ कर दिया है। पिछले वर्ष विश्व निश्चेतना दिवस पर प्रस्तावित इस क्लीनिक को इस वर्ष व्यवस्थित रूप से शुरू कर दिया गया है। अब गंभीर, क्रॉनिक और जटिल दर्द से पीड़ित मरीजों को यहां वैज्ञानिक एवं तकनीकी रूप से उन्नत उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।

नया पेन क्लीनिक कैंसर दर्द, न्यूरोपैथिक दर्द, जोड़ और मस्कुलोस्केलेटल दर्द, कमर–गर्दन दर्द, दुर्घटना के बाद होने वाले तीव्र दर्द तथा दीर्घकालिक पेन जैसी स्थितियों के लिए समर्पित रूप से संचालित हो रहा है। उपचार में Neuromodulation, Ganglion Block, फ्लोरोस्कोपी-गाइडेड इंटरवेंशन, अल्ट्रासाउंड आधारित इंजेक्शन तकनीक और उन्नत नर्व स्टिमुलेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। अभी तक 32 से अधिक मरीज इस क्लीनिक की सेवाओं से लाभान्वित हो चुके हैं।

निश्चेतना विभागाध्यक्ष डॉ. मधुमिता मूर्ति ने बताया कि इस सुविधा से सिम्स की दर्द प्रबंधन सेवाओं में बड़ा बदलाव आएगा। नए उपकरणों और विशेषज्ञ टीम के सहयोग से कैंसर सहित कई गंभीर दर्द स्थितियों का अधिक सटीक निदान और प्रभावी उपचार संभव हो रहा है।

क्लीनिक को फ्लोरोस्कोपी, डिफिब्रिलेटर, नर्व स्टिमुलेटर, इन्फ्यूजन पंप और अल्ट्रासाउंड जैसी अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है। साथ ही फिजियोथेरेपी, साइकोसोमैटिक मूल्यांकन और बहु-विषयक विशेषज्ञ टीम — डॉ. भावना रायजादा, डॉ. श्वेता कुजूर, डॉ. मिल्टन, डॉ. सुरभि बंजारे, डॉ. यश तिवारी, डॉ. प्रशांत पैकरा और डॉ. अर्पण मिश्रा — क्लीनिक को और अधिक सशक्त बना रही है।

सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा कि अत्याधुनिक तकनीक के साथ यह पेन क्लीनिक उन मरीजों के लिए जीवनदायिनी सिद्ध होगा, जो वर्षों से ऐसे दर्द से जूझ रहे हैं जिनका उपचार सामान्य दवाओं से संभव नहीं हो पाता। उन्होंने बताया कि विशेषकर कैंसर, जोड़ एवं नसों के जटिल दर्द के उपचार में यह सुविधा बड़ी राहत प्रदान करेगी।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह के अनुसार, कई मरीज लंबे समय तक चुपचाप दर्द सहते रहते हैं क्योंकि पारंपरिक इलाज उन्हें पर्याप्त राहत नहीं दे पाता। यह नया क्लीनिक ऐसे मरीजों को आधुनिक, सटीक और लक्षित उपचार विकल्प उपलब्ध कराएगा। सिम्स बिलासपुर का यह कदम राज्य में इंटरवेंशनल पेन थेरेपी को नई दिशा देने के साथ दर्द प्रबंधन के क्षेत्र में तकनीकी प्रगति का प्रतीक बन रहा है।

सिम्स में मनाया गया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस, 10 नवम्बर तक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा घोषित



TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर, 10 अक्टूबर।  विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर सिम्स के मनोरोग विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष डब्ल्यूएचओ द्वारा सेवाओं तक पहुँच-आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य की थीम पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 10 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता पखवाड़ा घोषित किया गया है जिसके अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में सिम्स महाविद्यालय के डीन डॉ रामनेश मूर्ति, विशिष्ट अतिथि डॉ लखन सिंह चिकित्सा अधीक्षक सिम्स चिकित्सालय एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ भूपेंद्र कश्यप नोडल अधिकारी सिम्स, डॉ मधुमिता मूर्ति विभागध्यक्ष एनेस्थेसिया सिम्स थी। अन्य अतिथि गण में डॉ आरती पाण्डेय, डॉ अमित  श्रीवास्तव, डॉ राकेश नहरेल, डॉ शिक्षा जांगड़े उपस्थित थे।

मानसिक स्वास्थय जागरूकता रैली का आयोजन सिम्स महाविद्यालय में किया गया जिसमे डीन द्वारा रैली को हरी झंडी दिखाई गई। रैली में सिम्स महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं नर्सिंग कालेज की छात्राओं एवं शिक्षकों ने भाग लिया तथा लोगो को मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के दूसरे चरण में सिम्स सभागार में जागरूकता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे विभागध्यक्ष डॉ सुजीत नायक द्वारा बाँसुरी वादन एवं तबले पर डॉ सुधांशु भट्ट ने मनमोहक प्रस्तुति दी। डीन डॉ रामनेश मूर्ति द्वारा प्राकृतिक आपदा, महामारी, युद्ध जैसी परिस्थिति में मानसिक स्वास्थय के महत्त्व एवं उपयोगिया के बारे में विचार साझा किया गया। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर हम कैसे अपने मानसिक स्वास्थय को बेहतर कर सकते है जानकारी दी। डॉ राकेश जांगड़े, डॉ अंकिता खरे ने भी इस संबंध में अपने विचार रखें। सांदीपनी नर्सिंग कालेज के छात्राओं द्वारा मोबाइल फोन की लत विषय में मूक नाट्य मंचन किया गया। बिलासा नर्सिंग कालेज के छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के मनोरोगों के बारे में पोस्टर बना कर जानकारी प्रदर्शित की गयी। आत्महत्या विषय में शासकीय नर्सिंग कालेज द्वारा नाट्य प्रस्तुति दी गयी। डॉ सुजीत नायक द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। सम्पूर्ण कार्यक्रम के सफल होने में डॉ गौरीशंकर सिंह, डॉ किशन दिनकर, डॉ अलीश मेहेर, डॉ अंशुल गुप्ता, डॉ प्रियांश दुबे, डॉ सत्यास्मिता जेना, डॉ तुलेश्वर एवं डॉ पायल सोमनानी ने योगदान दिया।


CIMS: एमबीबीएस बैच 2025-26 का वाइट कोट सेरेमनी एवं इंडक्शन डे सम्पन्न


TODAY छत्तीसगढ़  /  बिलासपुर। छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ (सिम्स), बिलासपुर में शनिवार 4 अक्टूबर को एमबीबीएस बैच 2025-26 के लिए इंडक्शन डे एवं वाइट कोट सेरेमनी उत्साहपूर्वक आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ। सहायक स्टूडेंट सेल प्रभारी डॉ. सचिन पांडेय ने नए विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान की शैक्षणिक एवं नैतिक परंपराओं से अवगत कराया।

डीन डॉ. रमणेश मूर्ति ने अपने संबोधन में चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “वाइट कोट सिर्फ एक परिधान नहीं, बल्कि यह सेवा, संवेदना और जिम्मेदारी का प्रतीक है।” उन्होंने अनुशासन, करुणा और निरंतर सीखने की भावना को चिकित्सा पेशे की आधारशिला बताया।

समारोह के दौरान नए छात्रों को प्रतीकात्मक रूप से ‘वाइट कोट’ पहनाकर चिकित्सा सेवा के प्रति उनकी निष्ठा को औपचारिक रूप दिया गया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश पाना अनेक विद्यार्थियों का सपना होता है।

इस वर्ष विशेष गौरव का विषय रहा कि संभाग आयुक्त, बिलासपुर श्री महादेव क़वारे एवं रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. दिलीप जैन के सुपुत्र ने भी सिम्स में एमबीबीएस में प्रवेश लिया है। इससे संस्थान की प्रतिष्ठा और आकर्षण में निरंतर वृद्धि परिलक्षित होती है।

सिम्स की शुरुआत वर्ष 2001 में पहले बैच के 100 विद्यार्थियों के साथ हुई थी, जो अब 2025 में बढ़कर 150 छात्र-छात्राओं तक पहुंच गई है। यह प्रदेश का दूसरा मेडिकल कॉलेज होने के साथ-साथ निरंतर प्रगति पर अग्रसर है।

कार्यक्रम में ,  डॉ. मधुमिता मूर्ति (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया),डॉ  अर्चना सिंह( प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष रेडियो डायग्नोसिस) डॉ. आरती पांडेय (प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, ईएनटी), डॉ संगीता रमन जोगी (प्रोफेसर विभागध्यक्ष स्त्री रोग विभाग) डॉ भूपेंद्र कश्यप( नोडल अधिकारी सिम्स)  सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य, अभिभावक एवं वरिष्ठ छात्र बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।

कार्यक्रम का समापन फिजियोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं मेडिकल एजुकेशन यूनिट के प्रभारी डॉ. केशव कश्यप द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।


मरीजों को राहत : सिम्स में मरीजों के पंजीयन के लिए शुरू हुई टोकन व्यवस्था


 बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स अस्पताल में मरीजों के पंजीयन के लिए टोकन व्यवस्था शुरू हो गई। लंबे समय तक लाइन में खड़े रहकर इंतजार करने की बाध्यता का अंत हो गया। गर्भवती, बुजुर्ग, दिव्यांग सहित इलाज करने पहुंचे सभी तरह के मरीजों को राहत मिली है। इलाज कराने पहुंचे मरीजों ने प्रबंधन की इस व्यवस्था को सुविधाजनक बताया है।

          सिम्स चिकित्सालय के उप अधीक्षक डॉ. विवेक शर्मा ने बताया कि 16 जनवरी 2024 से  पंजीयन क्षेत्र में टोकन सिस्टम लगाया गया है। जिसमें दो  कियोस्क मशीन लगाई गई हैं, जो टोकन प्रदाय करती हैं। तथा नौ काउंटर है जिसमें टोकन नंबर प्रदर्शित होता है। आज टोकन सिस्टम का प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया गया । साथ ही जो भी कमियां पाई गई उन्हे भी निराकृत किया गया । टोकन सिस्टम लगने के बाद अब मरीजों को लाइन लगा कर खड़े नहीं रहना पड़ेगा। पंजीयन कक्ष के सामने हाल में मरीजों के बैठने के लिए कुर्सियां लगा दी गई हैं जिसमें बैठकर मरीज अपने टोकन का नंबर आने पर ही काउंटर पर जाएंगे तथा अपनी पर्ची कटवाएंगे । इससे  गर्भवती महिलाओं दिव्यांगो को और अन्य बीमार लोगों को लंबे लंबे समय तक खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि लगभग 1500 मरीज हर रोज अपनी विभिन्न रोग एवम् स्वास्थ्य समस्या को दिखाने आते हैं। उन्हें पंजीयन कराने के लिए काफी समय तक खड़े रहकर प्रतीक्षा करनी पड़ती थी।

मानसिक रोगियों का सिम्स में सीटी स्कैन एवं जांच मुफ्त, जीवनदीप समिति की बैठक में लिया गया निर्णय


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  कमिश्नर श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी की अध्यक्षता में सेन्दरी स्थित राज्य मानसिक चिकित्सालय के जीवनदीप समिति की बैठक आयोजित की गई। श्रीमती तिवारी ने सिम्स में मानसिक रोगियों के सीटी स्कैन एवं अन्य जांच निःशुल्क करने के निर्देश दिए। उन्होंने तहसीलदार को परिसर से अवैध अतिक्रमण जल्द हटाने को कहा है ताकि राज्य के एकमात्र मानसिक अस्पताल की वार्डों एवं अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जा सके। फिलहाल अस्पताल को आवंटित भूमि के लगभग 10 एकड़ क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण हुआ है। कलेक्टर श्री अवनीश शरण जीवनदीप समिति के सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि सेन्दरी में राज्य के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय की क्षमता 200 बेड की है। अस्पताल में प्रतिदिन 91 ओपीडी मरीज एवं 3 अंतःरोगी मरीज का इलाज होता है। गत वर्ष अप्रैल से दिसम्बर महीने तक कुल 9 महीने में 27 हजार बाह्य रोगी एवं 9 सौ अंतःरोगियों की भर्ती कर स्वास्थ्य लाभ दिया गया है। अस्पताल की जरूरत के अनुसार सभी प्रकार की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। समिति की बैठक में अस्पताल को सुदृढ़ करने एवं सुविधाओं के विकास के लिए कई प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया। योग शिक्षकों का मानदेयएक हजार रूपये बढ़ाकर 7 हजार रूपये प्रति माह किया गया। अस्पताल की जमीन में भावी विस्तार के लिए ब्लू प्रिन्ट तैयार करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिए गए। चिकित्सालय में कार्यरत मजदूरों को की गई लगभग छह लाख रूपये की भुगतान की कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की गई। बाह्य रोगी मरीजों के बैठने के लिए सीएसआईडीसी दर पर खरीदने का निर्णय भी लिया गया। आय-व्यय की जानकारी भी बैठक में दी गई। इसके अनुसार फिलहाल समिति के खाते में 1.42 लाख रूपये की राशि जमा है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. आर्या ने आभार व्यक्त किया।













कलेक्टर ने किया सिम्स का निरीक्षण, बेतरतीब खड़े निजी एम्बुलैंस को हटाने दिए निर्देश



बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /   कलेक्टर अवनीश शरण ने आज सिम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल गेट के सामने बेतरतीब खड़े निजी एम्बुलैंस वाहनों को हटाने के निर्देश दिए। उनकी पार्किंग के लिए रिवर व्यू पाइंट में स्थल चिन्हांकित किया गया है। इससे अस्पताल आने-जाने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को आवागमन में सुविधा होगी। उन्होंने अस्पताल परिसर एवं विभिन्न वार्डो का निरीक्षण कर कई व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिए। अस्पताल मंे भरती मरीजों के परिजनों के भोजन बनाने के लिए भी स्थल चिन्हांकित कर शेड बनाने को कहा है। अन्तःरोगी वार्डो के नजदीक उपलब्ध खुले जगह पर इसे बनाया जायेगा। परिजनों के यहां बैठकर भोजन करने की व्यवस्था भी रहेगी।

       कलेक्टर ने सिम्स अस्पताल परिसर में गेट के समीप रेडक्रास सोसायटी द्वारा बनाये जा रहे दवाई दुकान को 15 जनवरी तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। इससे पुरानी दवाई दुकान की जगह खाली होने पर उसका अन्य उपयोग किया जायेगा। उन्होंने निरीक्षण कर अस्पताल के सौंदर्यीकरण के लिए भी प्रस्ताव देने के निर्देश नगर निगम को दिए। स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने छह तारीख को बैठक में सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए थे। सौंदर्यीकरण के अंतर्गत एलईडी डिस्पले, गार्डन, पुराने लोहे की दीवार आदि बदलने के निर्देश दिए। प्रवेश द्वार के समीप लोहे के खम्बे जैसी संरचनाएं खड़ी करने को कहा ताकि चौपहिया वाहन वहां खड़ी नहीं हो सके। केवल दुपहिया वाहन रखा जा सके। कलेक्टर ने पंजीयन के लिए प्रस्तावित टोकन व्यवस्था की तैयारियां 15 तारीख तक पूर्ण करने को कहा है। उन्होंने अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनाने की व्यवस्था का भी अवलोकन किया और इसे बिना नागा किए निरंतर संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दंतरोग विभाग, गायनिक, फिमेल सर्जिकल वार्ड सहित कई वार्डो का निरीक्षण किया। उन्होंने मरीजों से भी चर्चा कर व्यवस्था की जानकारी ली। अकलतरा से आये मरीज दादुराम ने बताया कि अच्छा भोजन मिल रहा है। उन्होंने अस्पताल की नर्सों से भी मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। इस अवसर पर सीएमचओ डॉ. राजेश शुक्ला, उप अधीक्षक सिम्स डॉ. विवेक शर्मा, प्रभारी निगम आयुक्त श्री जायसवाल सहित पीडव्ल्यूडी एवं सीजीएमएससी से संबंधित अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।


सिम्स : अब हर दो घंटे में मिलेगी बायोकेमिस्ट्री जांच रिपोर्ट, मरीजों के हित में लागू की नई व्यवस्था


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स अस्पताल बिलासपुर के बायोकेमिस्ट्री विभाग ने ओपीडी रोगियों के हित में दैनिक जांच रिपोर्ट हर दो घंटे में देने की व्यवस्था लागू की गई है। इस उत्कृष्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से ओपीडी में उपचार हेतु आने वाले समस्त मरीजों को उनके द्वारा सैंपल जमा करने के बाद से 2 घंटे के भीतर ही उनकी जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उन्हें त्वरित उपचार मिल सके। बायोकेमिस्ट्री लैब का संचालन चौबीसों घण्टे हो रहा है जिससे कि रोगियों को हर समय जांच की सुविधा उपलब्ध हो सके। आकस्मिक जांच परीक्षणों की सुविधा सदैव उपलब्ध है और जांच हेतु सभी सैंपल एक ही स्थान पर लिए जा रहे हैं, जिससे मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने पाए। बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा कई सारी ऐसी जांचे भी की जा रही हैं, जो बाहर अत्यंत महंगी है, जैसे कि थाइरोइड जाँच, विटामिन डी एवं बी 12, और विभिन्न फर्टिलिटी पैरामीटर्स की जांच। यह समस्त जांच शासन की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत मुफ्त अथवा अत्यंत ही रियायती दाम पर उपलब्ध हैं। गर्भवती महिलाओं में होने वाली जेस्टेशनल डाईबेटिस की जांच के लिए भी विशेष ओरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट विभाग द्वारा नियमित रूप से किया जा रहा है। 

सिकिल सेल की जांच सुविधा भी विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है। इस हेतु रक्त सैंपल भी कलेक्शन सेण्टर में ही लिया जा रहा है। सिम्स के बायोकेमिस्ट्री विभाग ने पिछले वर्ष कुल 6,77,349 रक्त परीक्षण किए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस संस्थान ने रोगियों की सेवा में अपने प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। इस प्रकार समस्त पैरामीटर्स को मिला लें तो लगभग 50 तरह की विभिन्न जांचें आम जन के लिए विभाग द्वारा की जा रहीं हैं । बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा किए जा रहे जांचों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए क्वालिटी कण्ट्रोल पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है विभाग जहाँ एक ओर आतंरिक गुणवत्ता पर काम कर रहा है वहीं बाह्य गुणवत्ता हेतु क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर, के नैदानिक बायोकेमिस्ट्री विभाग द्वारा एक्सटर्नल क्वालिटी असश्युरेंस स्कीम (EQAS) में भी प्रतिभागी है। इस तरह विभाग द्वारा दिए जा रहे जांच रिपोर्ट उच्च गुणवत्ता युक्त हैं। इस सारे प्रयास के माध्यम से सिम्स, बिलासपुर ने रोगियों को सुरक्षित, त्वरित, और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में महती भूमिका निभा रहा है।


सिम्स में सुधार के लिए इलाज एवं प्रशासन दोनों अलग-अलग किये जाएंगे - स्वास्थ्य मंत्री


 बिलासपुर। 
  TODAY छत्तीसगढ़  /  स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सिम्स की व्यवस्था में और सुधार के लिए मरीजों के इलाज (क्लिीनिकल) एवं प्रशासनिक व्यवस्था दोनों को अलग-अलग किया जायेगा। अस्पताल प्रशासन के लिए एमबीए उत्तीर्ण प्रशासक और एक जनसम्पर्क अधिकारी नियुक्त किये जाएंगे। श्री जायसवाल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री का प्रभार लेने के बाद पहली बार बिलासपुर पहुंचकर सिम्स में अधिकारियों की बैठक लेकर इस आशय के निर्देश दिए।

 उन्होंने शहर के बीचों-बीच स्थित सिम्स को कोनी में स्थानांतरित करने के लिए तैयारी शुरू करने को कहा है। कोनी में सिम्स के नये भवन के लिए लगभग 40 एकड़ भूमि आरक्षित रखी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने बैठक के पूर्व सिम्स अस्पताल के विभिन्न वार्डों का निरीक्षण भी किया। इलाज कराने पहुंचे मरीजों से मुलाकात कर व्यवस्था की जानकारी ली। बैठक एवं निरीक्षण के दौरानं बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक श्री धरमललाल कौशिक, तखतपुर विधायक श्री धर्मजीत सिंह, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती रेणु जी पिल्लई, सिम्स के ओएसडी श्री आर.प्रसन्ना विशेष रूप से उपस्थित थे। स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने पिछले दो-तीन महीने में अस्पताल की व्यवस्था में आये उल्लेखनीय सुधार के लिए सिम्स अस्पताल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की सराहना की। 

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         स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जायसवाल ने सिम्स मेडिकल कॉलेज के सभाकक्ष में लगभग घण्टे भर तक बैठक लेकर मरीजों के हित में कई निर्देश दिए। बैठक में सिम्स स्वास्थ्य प्रबंधन, जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय से आये वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। उन्होंने कोनी में निर्माणाधीन मल्टी स्पेश्यालिटी अस्पताल के बचे काम को जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए। मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में इसका लोकार्पण किया जायेगा। केन्सर अस्पताल के काम में भी गति लाकर समयसीमा में पूर्ण करने को कहा है। श्री जायसवाल ने कहा कि सिम्स अस्पताल बिलासपुर संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल हैं। रायपुर एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं यहां विकसित की जायेंगी। अस्पताल में जो भी कमियां हैं, उन्हें दूर की जायेगी। पिछले दो तीन महीने में हुए सुधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने संतोष प्रकट किया। डीन डॉ.केके सहारे एवं अधीक्षक डॉ. नायक ने सिम्स में वर्तमान में उपलब्ध सुविधाएं, व्यवस्था एवं पिछले दो-तीन महीनों में आये सुधार का तुलनात्मक प्रस्तुतिकरण दिया। मंत्री ने सिम्स अस्पताल के तमाम टॉयलेट को अगले तीन महीने में सुधार करने को कहा है। उन्होंने एक महीने के भीतर मरीजों के लिए वाटर प्यूरीफायर की व्यवस्था के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर का वातावरण एवं प्रबंधन का बर्ताव इतना सद्भावना पूर्ण हो कि आते ही आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाए। सिम्स की व्यवस्था में सुधार के लिए विधायक श्री अमर अग्रवाल, श्री धरमलाल कौशिक एवं श्री सुशांत शुक्ला ने भी अहम सुझाव दिए।

सिम्स अस्पताल का किया निरीक्षण  - 

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने पहले सिम्स अस्पताल का निरीक्षण किया। लगभग आधे घण्टे तक वे अस्पताल के विभिन्न वार्ड में गए। इलाज कराने आये मरीजों एवं उनके परिजनों से मुलाकात की। बीमारी की जानकारी लेकर त्वरित इलाज करने के निर्देश चिकित्सकों को दिए। श्री जायसवाल ने प्रमुख रूप से केजुअल्टी वार्ड, पंजीयन कक्ष, दवाई वितरण, ब्लड कलेक्शन सेन्टर, एक्सरे एवं सिटी स्कैन आदि वार्डों का निरीक्षण किया। मरीजों के पंजीयन में सुविधा के लिए जल्द टोकन सिस्टम व्यवस्था लागू करने के लिए कहा है। 

सिम्स के कैंसर विभाग में किये जा रहे कई नये अनुसंधान, मरीजों को मिलेगा फायदा

 


बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  सिम्स चिकित्सालय में कैसर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.चन्द्रहास धु्रव, डॉ. हेमू टंडन, डॉ. सुमन कुमार कुजूर, डॉ. उपासना सिन्हा के अथक प्रयासों एवं कड़ी मेहनत के फलस्वरूप आज कैंसर मरीजों का इलाज सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं। वर्तमान में कैंसर विभाग में मरीजों के साथ साथ कैंसर संबंधी अनेक विषयों पर अनुसंधान किये जा रहे हैं। मुंह एवं गले के कैंसर में जैविक परीक्षण एंव एंटीबायोटिक संवेदनशीलता परीक्षण कर एंटीबायोटिक के चयन का निर्धारित किया जा रहा हैं । ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (एच०पी०वी०) के संक्रमण से होने वाले बच्चेदानी के मुंह का कैंसर (सर्विक्स कैंसर) में अनुसंधान किया जा रहा हैं। 

     छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय में कैंसर की महामारी विज्ञान (एपीडेमोलॉजी) का अध्ययन किया जा रहा है। महामारी विज्ञान (एपीडेमोलॉजी) का प्रयोग कैंसर के कारण का पता लगाने तथा बेहतर उपचार विकसित करने के लिए किया जाता है। इन अनुसंधान द्वारा कैंसर की घटनाओं का सूक्ष्मरूप से अवलोकन किया जा रहा है। परिणाम स्वरूप इन बहूमुल्य अनुसंधानों के निष्कर्षों की पुष्टि होने से कैंसर संबंधी अनेक तथ्य उजागर होंगे। निश्चित रूप से कैंसर रोगियों को इन अनुसंधानों के अध्ययन से लाभ होगा, जिससे मृत्यु दर में कमी आएगी तथा कैंसर के कारणों का पता लगाने तथा उन्नत इलाज में इजाफा होगा। अधिष्ठाता डॉ. के. के. सहारे ने कैंसर रोग विभाग के चिकित्सकों की प्रयासों की सराहना करते हुए मरीज हित में सभी प्रकार के सहयोग का भरोसा दिलाया है। 

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सिम्स के डीन लगातार कर रहे अस्पताल का निरीक्षण, मरीजों के स्वास्थ्य पर नजर


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / सिम्स के डीन डॉ. के. के. सहारे शुक्रवार को सिम्स अस्पताल की विभिन्ना वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले पंजीयन काउन्टर पहुॅच कर पंजीयन कार्य में लगे आपरेटरों से चर्चा की व मरीज पंजीयन कार्य में जल्दी करने के निर्देश दियें। दवा काउन्टर में कार्यरत कर्मचारियों को सलाह दी गई कि दवा लेने लाईन में खड़े मरीज या परीजनों की पर्ची लेकर उन्हे हॉल में लगी कुर्सी में आराम से बिठाएं व दवा निकाल कर उन्हें बुलाकर दवा प्रदान करने का प्रयास किया जायें। जिससे आम जन को बहुत देर तकखड़ा ना होना पड़े।

महिलाओं की ओपीडी में पहुच कर अधिष्ठाता ने व्यक्तिगत रूप से वहां पहुचें मरीजों से चर्चा की व सुविधाओं के बारे में चर्चा की। वहाँ उपस्थित मरीज व परिजनों ने उपलब्ध सुविधाओं पर संतोष जताया। एसबीआई के द्वारा सीएसआर मद से चिकित्सालय को उपलब्ध कराये गये बेड साईड स्टूलों (मरीज बिस्तर के बाजू में लगाने के लिए) का निरीक्षण किया व तत्काल सभी स्टूलों को बैड़ के साथ लगवाने हेतु संबंधित को आदेशित किया। वर्तमान में 100 स्टूल चिकित्सालय में आ चुके है व 300 स्टूल अभी और मिलने वाले हैं।

       नेत्र रोग वार्ड पहुंच कर मरीजों से चर्चा की व चिकित्सालय द्वारा दी गई सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तत्काल ड्यूटी डॉक्टर को अवगत कराने व समाधान के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिये। एमएम 3 में निरीक्षण के दौरान डीन प्रत्येक बिस्तर के पास जा कर मरीजों से चर्चा कर रहे थे । तभी उक्त वार्ड में भर्ती मरीज प्रेम सिंह उम्र 62 वर्ष के पास पहुचें। मरीज के परिजनों ने बताया की प्रेम सिंह के पूरे शरीर में सूजन हैं। अधिष्ठाता ने जब ड्युटी डॉक्टर से उक्त मरीज के बारे में चर्चा की तो डॉक्टरों ने बताया की प्रेम सिंह के शरीर में रक्त व प्रोटीन की कमी हैं व मरीज लकवा ग्रस्त हैं। शरीर में सूजन की वजह से रक्त नसें ढूंढनेे में समस्या हो रही हैं अधिष्ठाता डॉ. के. के. सहारे ने तत्काल वार्ड में उपलब्ध आवश्यक सामग्रियों का उपयोग करते हुए स्वय आईव्ही केनुला (जेल्को) प्रेम सिंह को लगाया व वहां उपस्थित समस्त कर्मचारियों को मार्गदर्शन दिया।

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सिम्स : प्रसूताओं को जल्द ही मिलेगी अतिरिक्त ओपीडी की सुविधा, निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार


 बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   संभाग के सबसे बड़े अस्पताल छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में मरीजों की सुविधा के लिए चिकित्सालय में अतिरिक्त गायनिक (स्त्री रोग) ओपीडी कक्ष निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सिम्स के उपचिकित्सा अधीक्षक ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस चरण में एमआरडी (मरीज पंजीयन शाखा) के उपर खाली छत का चयन कर उक्त स्थान पर गायनिक ओपीडी का निर्माण कार्य कराने हेतु मार्किंग कर तैयारी शुरू कर दी गई है। वर्तमान में सिम्स चिकित्सालय में 13 विभागों की ओपीडी व 38 वार्डाें में मरीजों को भर्ती कर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। आने वाले 5 से 6 माह के भीतर उक्त कार्य को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। ओपीडी बनने से चिकित्सालय में आने वाली प्रसूताओं को इसका लाभ मिलेगा। अतिरिक्त ओपीडी निर्माण से मरीज व परिजनों को सहूलियत होगी। यह निर्माण कार्य सीजीएमएससी द्वारा करवाया जाएगा।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

सिम्स : डीन डॉ. सहारे निरीक्षण कर ले रहे है मरीजों के इलाज और सुविधाओं की जानकारी

 

बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) के डीन  डॉ. के.के. सहारे नियमित रूप से चिकित्सालय का निरीक्षण कर रहे है। चिकित्सालय में होने वाली छोटी-बड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मार्गदर्शन दे रहे है। मरीजों की सुविधा को देखते हुए स्त्री रोग विभाग को प्रथम तल के दन्त रोग विभाग के स्थान पर स्थांनातरित किया गया हैं, वही दन्त रोग विभाग को तृतीय तल में चालू करवाया गया हैं। डीन ने उक्त दोनों विभागों का निरीक्षण कर मरीजों को हर संभव सुविधा देने हेतु संबंधित चिकित्सकों को निर्देश दिये है। 

आपातकाल वार्ड में भर्ती मरीजों को 24 घण्टे के अन्दर संबंधित विभाग में शिफ्ट करने हेतु उपस्थित चिकित्सकों को निर्देश दिये गये। वार्ड में निरीक्षण के दौरान डॉ. सहारे ने भर्ती मरीज व परिजनों से चर्चा कर मिल रहे इलाज व सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। आपातकाल विभाग के पास नई लिफ्ट लगाने का कार्य चल रहा हैं मरीजों को आने जाने में तकलीफ ना हो, इसे देखते हुए बेरीगेड लगाकर कार्य को प्रारम्भ किया गया व जल्द से जल्द नई लिफ्ट को लोगों के लिए चालू करने कहा। लिफ्ट का कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है। संबंधित अधिकारी ने बताया की नई लिफ्ट 15 से 20 दिन में तैयार कर दी जायेगी। वर्तमान में चिकित्सालय में 7 लिफ्ट मरीजों के लिए उपलब्ध हैं। जिसमें से 1 लिफ्ट पूर्ण रुप से खराब हो चुकी थी जिसके स्थान पर नई लिफ्ट लगाई जा रही हैं। चिकित्सालय में संचालित 38 वार्डाे, जिसमें कुल 750 बेड में मरीजों को भर्ती कर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं। सिम्स प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वार्डाें में एक-एक कर पेस्ट कन्ट्रोल ट्रीटमेंट का कार्य शुरु करवाया हैं। जिससे वार्डों को कीट (कीडे-मकोड़े) से मुक्त रखा जा सकें। सिम्स प्रबंधन जानकारों के देखरेख में पेस्ट कन्ट्रोल ट्रीटमेंट प्रारम्भ करने के पूर्व वार्ड को खाली करवाने के बाद यह कार्य किया जा रहा है। अधिष्ठाता डॉ. केके सहारे ने सभी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को मरीज हित में  सतत् कार्य करने के निर्देश दिये।

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