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आत्मानंद स्कूल : प्राचार्य, संकुल समन्वयक समेत 5 शिक्षकों का निलंबन के कलेक्टर ने दिए निर्देश

 बिलासपुर / TODAY छत्तीसगढ़  / कलेक्टर अवनीश शरण ने स्वामी आत्मानंद स्कूल जयराम नगर की प्राचार्या  समेत 5 शिक्षकों को निलंबित करने के निर्देश दिए। ये सब अनधिकृत रूप से स्कूल से नदारद थे। एक शिक्षक ने तो आने वाले दिन सोमवार का भी अपना हाजिरी रजिस्टर में चढ़ा दिया था। मध्याह्न भोजन की मेनू का भी पालन नहीं किया जा रहा था। 

कलेक्टर ने आज मस्तुरी ब्लॉक के जयराम नगर सहित कई ग्रामों का सघन दौरा किया। शासकीय योजनाओं का फील्ड स्तर पर क्रियान्वयन का हालात नजदीक से देखने निकले थे। निलंबन की अनुशंसा जिन शिक्षकों के विरुद्ध की गई है, उनमें स्वामी आत्मानंद स्कूल जयराम नगर की प्राचार्या श्रीमती एम मोइत्रा, व्याख्याता एलबी मनोज कुमार तिवारी, व्याख्याता एलबी उषा महानंद, व्याख्याता एलबी प्रदीप कुमार राठौर और संकुल समन्वयक गणेश राम मिरी शामिल है। डीपीआई और संयुक्त संचालक शिक्षा को यथा नियम निलंबन के प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं।

राज्योत्सव 2024 : तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे शिक्षक की करंट लगने से मौत

सारंगढ़ ।  TODAY छत्तीसगढ़  /  राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव 2024 की खुशियों का हिस्सा बनने के लिये स्कुल शिक्षा विभाग भी अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा था, इसी समय करंट लगने से एक शिक्षक की मौत हो गई और मौके पर मातम फ़ैल गया । सारंगढ़ जिला मुख्यालय में राज्योत्सव की तैयारी जोरों से चल रही थी, सभी विभागों के स्टाल राज्योत्सव में लगे हुये है। यहाँ शिक्षा विभाग का भी एक स्टॉल लगा हुआ था, जिसमें बैनर लगाते समय 50 वर्षीय शिक्षक भगत पटेल की विद्युत करंट की चपेट में आकर मौत हो गई। मौत की खबर से पूरे प्रशासन में हड़कंप मच गया वहीं शिक्षा विभाग के सारे कर्मचारी इस घटना से काफी हतप्रभ हैं।

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माना जा रहा है कि इन स्टालों तक बिजली पहुंचाने वाले कर्मचारी की गलती से एक शिक्षक की मौत हो गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी जगह से बिजली का तार कटा हुआ था जिससे करंट स्टाल के लिए लगाए गए लोहे के एंगल में प्रवाहित था, उसकी चपेट में आने से भगत पटेल की मौत हो गयी। 

सीयू में दो दिवसीय कुलपति समागम का समापन, भारत में विश्वगुरू बनने की क्षमता - साव


 बिलासपुर।
   TODAY छत्तीसगढ़  /   गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) मध्य क्षेत्र के दो दिवसीय कुलपति समागम का समापन समारोह आज आयोजित किया गया। समारोह में उप मुख्यमंत्री अरूण साव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। समारोह की अध्यक्षता प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने की। मंच पर, डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ, प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर एवं प्रो. मनीष श्रीवास्तव, कुलसचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर भी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि श्री साव ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा किये जा रहे कार्य प्रशंसनीय है। शिक्षा व संस्कृति के क्षेत्र में संघ के योगदान से शिक्षा में एकरूपता व समानता आ रही है। उन्होेंने कहा कि लार्ड मैकाले की शिक्षा नीति ने हमारे मानसिकता को कमजोर किया है। अब हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विश्वविद्यालयों में शिक्षा की व्यवस्था करनी होगी। हम सभी जानते है कि भारत में विश्वगुरू बनने की क्षमता है। पिछले कुछ वर्षों में पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान एवं स्वीकार्यता बढ़ी है। भारत को देखने का दुनिया का नजरिया बदला है। वह दिन दूर नहीं, जब भारत फिर से विश्व गुरू कहलाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आज विद्यार्थी तनावग्रस्त एवं अवसादग्रस्त हो रहे है। अनेक अप्रिय घटनाएं हो रही है। इसे रोकने की जरूरत है। इसका समाधान भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में हैं। उन्होंने छात्रों से आहृवान किया कि छात्र पढ़ाई को तनाव के रूप में न लें। छात्रों को कक्षा में आत्मविश्वास व ऊर्जा का माहौल मिले। छात्र को राष्ट्रभक्त एवं आत्मविश्वास से परिपूर्ण नागरिक बनाने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों की है। 

कार्यक्रम माँ सरस्वती एवं गुरु घासीदास जी की पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्जवलन के साथ प्रारंभ हुआ। तरंग बैंड के छात्र-छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति दी। इसके पश्चात् मंचस्थ अतिथियों का नन्हें पौधों से स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन देते हुए गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने मंचस्थ अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि परिवार के सदस्य की तरह माननीय उप-मुख्यमंत्री श्री अरूण साव का सहयोग हमेशा विश्वविद्यालय को मिलता है। श्री साव सच्चे अर्थो में लोकनायक एवं जननायक हैं। भारतीय विश्वविद्यालय संघ के सभी पदाधिकारियों का अभिनंदन करते हुए उन्होंने कहा कि यह संघ भारत ही नहीं, पूरे विश्व में अपनी गतिविधियों के लिए जाना जाता है। यूनिवर्सिटी न्यूज की सम्पादक डॉ. एस. रमा देवी पाणी ने दो दिवसीय कुलपति समागम का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, महासचिव भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने गुरू घासीदास विश्वविद्यालय की मेजबानी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस समागम में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागियों का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखा गया। इसके लिए संघ विश्वविद्यालय का आभारी है। उन्होंने शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने में विश्वविद्यालय की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि इसके लिए सात तरह के सहयोग की जरूरत है। शोध एवं नवाचार के लिए विश्वविद्यालयों को निवेश करना पड़ेगा। इसके लिए बजट में प्रावधान भी करना जरूरी है। शोध अनुदान के लिए सरकार पर पूरी तरह निर्भर न रहते हुए अन्य स्त्रोतों की संभावनाओं पर विचार करें।   

प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि भारत बदल रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप यहां की शिक्षा नीति भी बदल रही है। हमारा आत्मविश्वास विश्व में सबसे ऊपर रहा है। हम मानते रहे हैं कि जो कुछ हमारे पास है, वही श्रेष्ठ है। भारतीय ज्ञान परंपरा को अपनाते हुए अब नकारात्मकता को जड़ से खत्म कर सकारात्मक विचार लाने की आवश्यकता है। हमें विश्व गुरू बनने से कोई भी नहीं रोक सकता। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गरिमा तिवारी, सहायक प्राध्यापक, वानिकी विभाग ने किया।

सामाजिक समरसता एवं समानता का बाबा जी का संदेश आज के समय में अधिक सार्थक - विष्णुदेव साय


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बिलासपुर के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित बाबा घासीदास जी की जयंती समारोह एवं कुल उत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा जी का सामाजिक समरसता एवं समानता का संदेश आज अधिक प्रासंगिक एवं सार्थक है। उनके उपदेश का असर है कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता बनी हुई है। बाबा जी के बताये रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार सामाजिक समरसता को और समृद्ध करने का प्रयास करेगी।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति श्री आलोक कुमार चक्रवाल ने की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुलपति द्वारा संपादित किताब ‘गुरू घासीदास सतनाम पंथ के प्रवर्तक’ का विमोचन भी किया। श्री साय ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र -छात्राओं को सम्मानित भी किया। विशेष अतिथि के रूप में समारोह में एटीईक्यू इन्टरनेशन के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेन्टर ,बिल्हा विधायक  धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल,बेलतरा विधायक  सुशांत शुक्ला उपस्थित थे।

घासीदास पर कुलपति द्वारा संपादित पुस्तक का विमोचन

 मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा घासीदास जयंती की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद शैक्षणिक संस्थाओं के अंतर्गत घासीदास विश्वविद्यालय में पहला कार्यक्रम बना है। विशाल स्तर पर जयंती समारोह आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई दी। श्री साय ने कहा कि 18 वीं सदी में देश में सामाजिक भेदभाव एवं छूआछूत की भावना चरम पर थी। समाज में ऊंच-नीच की भावना गहराई लिए थी। ऐसी हालात में बाबा घासीदास जी का अवतरण हुआ। उन्हेांने मनखे-मनखे एक समान का उपदेश देकर सामाजिक समरसता का सूत्रपात किया। हमें गर्व है कि बाबा घासीदास जी के नाम पर पूरे देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद एवं जनता के सहयोग से छत्तीसगढ़ को और समृद्ध राज्य बनाएंगे। प्रकृति ने छत्तीसगढ़ की भूमि को उर्वरा बनाया है। खनिज एवं वन ससंाधनों की बहुलता है। छत्तीसगढ़ को देश का नम्बर वन राज्य बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के अन्य प्रकल्पों पर काम के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। मुख्यमंत्री ने जयंती के अवसर पर कॉलेज के एनएसएस ईकाई द्वारा ब्लड डोनेशन कैम्प का शुभारंभ किया। 2 सौ यूनिट ब्लड संकलन का लक्ष्य इस शिविर में रखा गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में बच्चों के लिए संचालित सस्ते केन्टीन की प्रशंसा की। मात्र 10 रूपये में बच्चों को भरपेट एवं गुणवत्ता पूर्ण भोजन परोसी जाती है। फिलहाल 600 बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घासीदास विश्वविद्यालय का राजधानी में विस्तार के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने बाबा जी के संदेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 18 लाख आवासहीन परिवारों को मकान देने का निर्णय लिया। ये सब पिछले पांच साल से मकान को लेकर काफी परेशान थे। राज्य सरकार ने मकान देने में काफी सहानुभूति पूर्वक निर्णय लिया है। बाबा जी ने अपने संपूर्ण जीवन काल में सामाजिक समरसता बनाने और विषमता को दूर करने का काम किया। उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब उनके बताये रास्ते पर चलकर समृद्व छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।  कुलपति श्री आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को गर्व है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे पहले दौरे पर हमारी शैक्षणिक संस्थान में आये। उन्हांेने कहा कि मनखे-मनखे एक समान का बाबाजी का संदेश अभूतपूर्व है। उनके संदेशों की भावना को हमारे सविधान में भी शामिल किया गया है। जिसके कारण देश आज तरक्की के नये आयाग विकसित कर रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल एटीईक्यू इन्टरनेशन के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेन्टर ने भी बाबा जी के जीवन संदेश और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया । 

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मुख्यमंत्री ने बाबा गुरु घासीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया


बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरु घासीदास बाबा की जयंती पर गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित बाबा घासीदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें सादर नमन किया। उन्होंने  छत्तीसगढ़ की खुशहाली एवं समृद्धि के लिए गुरु बाबा से आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं मौजूद थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री साय का किसी शैक्षणिक संस्थान में पहला दौरा था, जिससे छात्र-छात्राओं में अभूतपूर्व उत्साह था। प्रतिमा स्थल पर छात्रों ने पंथी नृत्य से मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय का स्वागत किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री  विजय शर्मा, बिलासपुर विधायक  अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक  धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक  सुशांत शुक्ला एवं गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति  आलोक कुमार चक्रवाल भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हेलीपैड पर जोशीला स्वागत

 


बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के बिलासपुर पहुंचने पर हेलीपैड में आत्मीय स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री बनने के बाद श्री साय का पहला बिलासपुर दौरा है। श्री साय गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित बाबा गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं। उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी साथ में आए। उनका भी जोरदार स्वागत किया गया।

 केंद्रीय विश्वविद्यालय परिसर में निर्मित हेलीपैड पर प्रमुख रूप से कुलपति आलोक कुमार चक्रवाल, बिल्हा विधायक  धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक  अमर अग्रवाल, बेलतरा विधायक  सुशांत शुक्ला,महापौर रामशरण यादव, पूर्व विधायक रजनीश सिंह,कमिश्नर केडी कुंजाम, आईजी अजय यादव,कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी  संतोष सिंह, रामदेव कुमावत सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों ने गुलदस्ता भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। केंद्रीय विश्वविद्यालय के युवाओं ने भी गाजे बाजे के साथ मुख्यमंत्री का उत्साहपूर्ण स्वागत किया। 

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GGU : गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव 2023 में शामिल होंगे मुख्य मंत्री


 बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में कल सोमवार 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव 2023 का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्य मंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।  उप मुख्य मंत्री अरुण साव अति विशिष्ट अतिथि होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल करेंगे। 

      उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश के मुख्य मंत्री विष्णु देव साय कल पहली बार किसी  सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने बिलासपुर पहुँच रहे हैं।  विश्वविद्यालय में  मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर सभी शिक्षकों,कर्मचारियों,अधिकारियों एवं छात्र -छात्राओं में काफी खुशी और उत्साह है।

प्रतिवर्ष की भांति सोमवार को विश्वविद्यालय में गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव 2023 मनाया जायेगा। सर्वप्रथम विश्वविद्यालय स्थित गुरु घासीदास जी की प्रतिमा पर सुबह 11.00 बजे माल्यार्पण का कार्यक्रम होगा। तत्पश्चात, गुरु घासीदास जी की प्रतिमा स्थल से शोभा यात्रा प्रस्थान करेगी जो विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में प्रातः 11.45 पहुंचेगी। शोभायात्रा में  प्रतिमा स्थल से सभागार तक पंथी नृत्य का भी आयोजन होगा। शोभायात्रा में विश्वविद्यालय के पदाधिकारी, शिक्षक,कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएं भी शामिल होंगे।

तत्पश्चात, रजत जयंती सभागार के मुख्य कक्ष में गुरु घासीदास जयंती एवं कुल उत्सव 2023 कार्यक्रम का प्रारंभ अपराह्न 12 बजे से शुरू होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता  कुलपति प्रो.आलोक कुमार चक्रवाल करेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के  मुख्य मंत्री  विष्णु देव साय   एवं अति विशिष्ट अतिथि उप मुख्य मंत्री  अरुण साव  तथा विशिष्ट अतिथि ए.टी.ई.क्यू. इंटरनेशनल के अध्यक्ष डाॅ. विलियम पेंटर होंगे। इस अवसर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल द्वारा संपादित पुस्तक” गुरु घासीदास सतनाम पंथ के प्रवर्तक” का विमोचन मुख्य मंत्री  विष्णु देव साय द्वारा किया जाएगा।

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 इससे पूर्व मुख्य मंत्री  विश्वविद्यालय स्थित गुरू घासीदास  की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद मुख्य मंत्री  एवं अन्य सभी विशिष्ट जन रजत जयंती सभागार को प्रस्थान करेंगे जहां सभागार के कक्ष संख्या 02 में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना(एनएसएस)  द्वारा आयोजित  ब्लड डोनेशन कैम्प का उदघाटन करेंगे।

बाल अधिकार व पॉक्सो एक्ट पर स्कूली बच्चों की कार्यशाला

 


बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /   ज़िला कलेक्टर अवनीश शरण के मार्गदर्शन में यूनिसेफ़ द्वारा जिले के सभी ब्लॉक में बाल अधिकार एवं पॉक्सो एक्ट विषय पर स्कूली बच्चों का उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यशाला को  ज़िला प्रशासन ,यूनिसेफ़ ,छत्तीसगढ़ वी द पीपल फाउंडेशन और सीजी एग्रीकों समिति की संयुक्त तत्वाधान में किया गया जिसमें पुलिस डिपार्टमेंट बिलासपुर और महिला बाल विकास विभाग द्वारा पूर्ण सहयोग दी गई। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

कार्यक्रम 11दिसंबर से 14 दिसंबर तक ग्राम खोंगसरा , केंदा, घुटकू, रानीडेरा, दर्रीघाट, लोहार्सी सोन , चकरभाता जैसे ग्रामों के हायर सेकेंडरी स्कूलों में यूनिसेफ़ द्वारा कार्यशाला आयोजित कर समाज में बच्चों के साथ होने वाले अलग अलग प्रकार के शोषण एवं अत्याचार के बारे में अवगत कराते हुए उन्हें उनके अधिकारों के बारे में समझाया गया । साथ ही बाल संरक्षण इकाई और पुलिस प्रशासन द्वारा पॉकसो एक्ट के बारे में उदाहरण और कहानियों के माध्यम से समझाया गया कि आजकल बच्चे किस तरह अनजाने में बड़े बड़े क़ानूनी मामलो में फंस जाते हैं। साथ ही मनोबल प्रोग्राम के कार्यप्रणाली के बारे में सार रूप में जानकारी दी गई । 

कार्यशाला को सफल बनाने हेतु चयनित स्कूलों में यूनिसेफ़ ज़िला सलाहकार रुमाना ख़ान, यूनिसेफ़ ज़िला नोडल श्री पंकज सिंह ( अधीक्षक भू- अभिलेख ), मनोबल प्रोग्राम ज़िला समन्वयक योगेश पुरोहित, समस्त सहायक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी , समस्त संबंधित थाना प्रभारी , ज़िला बाल संरक्षण इकाई बिलासपुर एवं अन्य लोग उपस्थित होकर सहयोग प्रदान किए। सभी स्कूल प्राचार्य एवं शिक्षकों द्वारा कार्यशाला की सराहना करते हुए समय समय पर ऐसे कई सामाजिक विषयों पर बात चित करने की बात की गई। 

संयुक्त संचालक ने बाबू एवं भृत्य को किया निलंबित


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  स्कूल शिक्षा विभाग ने एक सहायक वर्ग 2 एवं एक भृत्य को निलंबित कर दिया है। संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा विभाग ने 11 दिसम्बर को निलंबन के आदेश जारी किये हैं। निलंबित कर्मचारियों में राजेन्द्र नगर स्थित शासकीय उमावि में पदस्थ सहायक वर्ग दो  उमेश शर्मा एवं सेंवार (बिल्हा ब्लॉक) उमावि में कार्यरत भृत्य विकास वर्मा शामिल हैं।  उमेश शर्मा को कैश रजिस्टर का समुचित संधारण नहीं किये जाने और भृत्य विकास वर्मा को तीन महीने से लगातार कार्य पर अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित किया गया है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त संचालक शिक्षा श्री आरपी आदित्य ने इन दोनों स्कूलों का निरीक्षण किया था। इन्हें अभिलेख पूर्ण करने एवं नियमित रूप से स्कूल आने की हिदायत दी गई थी। फिर भी उनके काम-काज में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया। सहायक वर्ग दो श्री उमेश शर्मा को शासकीय कन्या उमावि सरकण्डा एवं भृत्य श्री विकास वर्मा को बीईओ आफिस बिल्हा में संलग्न किया गया है। नियमानुसार उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगी।

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CGBSE : बोर्ड की कक्षा 10वीं , 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 10 जनवरी से शुरू होंगी


 रायपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल, रायपुर (CGBSE) ने छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं के सभी छात्रों के लिए एक बेहद जरूरी नोटिस जारी किया है. यह नोटिस सीजीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं के उन छात्रों के लिए है, जो आगामी वर्ष में बोर्ड की परीक्षाएं देंगी. आधिकारिक सूचना के अनुसार छत्तीसगढ़ बोर्ड की कक्षा 10वीं , 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाएं 10 जनवरी 2024 से शुरू होंगी. दोनों कक्षाओं के लिए प्रैक्टिकल बोर्ड परीक्षा संबंधित स्कूलों में 10 जनवरी से 31 जनवरी 2024 के बीच आयोजित की जाएगी. स्टूडेंट नोटिस बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट cgbse.nic.in पर देख सकते हैं. छत्तीसगढ़ बोर्ड ने अपने नोटिस में स्टूडेंट को सचेत करते हुए कहा कि सीजीबीएसई 10वीं, 12वीं प्रैक्टिकल परीक्षा 2024 में अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं को कोई अतिरिक्त या विशेष मौका नहीं दिया जाएगा और ना ही दोबार से परीक्षा आयोजित की जाएगी. 

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सीजीबीएसई बोर्ड प्रैक्टिकल 2024 परीक्षाओं के लिए बाहरी परीक्षकों की नियुक्ति करेगा. स्कूलों को बाहरी परीक्षक नियुक्त करने की अनुमति नहीं है. परीक्षकों की नियुक्ति होने के बाद स्कूल के प्रमुखों को एग्जाम डेट को लेकर परीक्षकों से संपर्क करना होगा. वहीं बोर्ड प्रोजेक्ट कार्य के लिए बाहरी लोगों की नियुक्ति नहीं करेगा और यह संस्थान स्तर पर किया जाएगा. प्रोजेक्ट का काम भी इसी निर्धारित अवधि में पूरा करना है.

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स्कूल शिक्षा : DEO ने अनुकम्पा नियुक्ति के पूर्व मंगाई दावा-आपत्ति


 बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /   जिला शिक्षा अधिकारी ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए प्राप्त आवेदन के छानबीन के क्रम में एक सप्ताह में आमजनता से दावा आपत्ति मंगाई है। फिलहाल एक आवेदिका ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया हैं। डीईओ ने बताया कि मस्तूरी विकासखण्ड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कन्या चिस्दा में प्रधान पाठक के पद पर कार्यरत स्व. श्री राजेश्वर सिंह पैकरा के परिवार से उनकी पत्नी श्रीमती उत्तरा पैकरा ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया है। 

आमजनों की जानकारी में यदि दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित परिवार में यदि कोई सदस्य राज्य अथवा केन्द्र की शासकीय सेवा में कार्यरत होने की सूचना है, तो वे 7 दिवस के भीतर पुरानी कम्पोजिट बिल्डिंग स्थित कक्ष क्र. 25, जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में स्वयं उपस्थित होकर अथवा डाक के जरिए जानकारी दे सकते हैं ताकि नियमानुसार पात्र व्यक्ति को ही अनुकम्पा नियुक्ति का लाभ दिया जा सके।

रूबरू : हमारे DNA में बस गई है आध्यत्मिकता, आध्यत्म को जीते हैं भारतवासी - वाजपेयी

 


बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  भारत में शोषण, पोषण, अलग करने और जोड़ने के साथ ही कई तरह की संस्कृतियां हैं। हमारे यहां के लोग आध्यत्म को जीते हैं। यहां आध्यत्म एक परंपरा बन गई है। हमारे डीएनए में भी आध्यत्म बस गई है।  ये बातें अटल बिहारी बाजपेयी यूनिवर्सिटी के कुलपति अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने बुधवार को बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू कार्यक्रम में कहीं। 

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उन्हें ब्रिटिश पार्लियामेंट के हाउस ऑफ लाड्र्स से इंटरनेशनल बुक ऑफ ऑनर अवार्ड से नवाजा गया है। उनकी इस उपलब्धि पर बिलासपुर प्रेस क्लब की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष इरशाद अली ने की। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार, साहित्यकार, सृजन पीठ के संस्थापक सतीश जायसवाल, प्राचार्य सिद्धेश्वर सिंह रहे। उन्होंने कहा कि लंदन में 100  यूनिवर्सिटी के कुलपति को बुलाया गया था, उस कार्यक्रम में वे भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान भारतीय संस्कृति की विश्ोषताओं को दूसरे देशों की कल्चर से कैसे अलग और विशेष स्वरूप में स्थापित करने की चुनौती थी। उन्होंने कहा कि जितने भी विकसित देश हैं, 'वहां फुट डालो और शासन करो’ नीति अपनाई जाती है। यह एक तरह से संस्कृति ही है। 

हमारे भारत देश में तरह-तरह की संस्कृति और परंपराएं चलन में हैं। हमारे देश के कुछ हिस्सों में शोषण संस्कृति है तो कुछ जगहों पर पोषण भी संस्कृति का स्वरूप है। लोगों को अलग करना और जोड़ना भी संस्कृति का हिस्सा है। आज के राजनीतिक परिवेश की बात करें तो अलग करो की संस्कृति दिखाई देती है। राजनीतिक दल फुट डालो और सत्ता में पाओ की नीति पर काम करते हैं। कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रुद्र अवस्थी ने कहा कि यह एक ऐसा क्षण है, जिस ज्ञान को हम कई पुस्तकों को पढ़कर नहीं प्रा’ कर पाते, यहां आए बुद्धिजीवियों केा चंद मिनटों में सुनकर उसे कहीं अधिक ज्ञान पा लेते हैं। 

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छात्रावास के कमरे में पंखें से फंदा लगाकर छात्रा ने आत्महत्या की, सुसाइड नोट नहीं मिला


 जयपुर ।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  राजस्थान के कोटा जिले में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही एक और छात्रा ने बुधवार रात अपने छात्रावास के कमरे में पंखें से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जवाहर नगर पुलिस थाना के सहायक उप निरीक्षक कुंदन कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की रहने वाली निशा अहीर (22) ने महावीर नगर स्थित छात्रावास में अपने कमरे के पंखें से लटकर आत्महत्या कर ली।

उन्होंने बताया कि उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। वास्तविक कारणों का पता उसके परिजनों के यहां पहुंचने और मृतका का पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद चल सकेगा। शिक्षा नगरी में इससे पूर्व नीट की तैयारी कर रहे पश्चिम बंगाल के रहने वाले फोरिद ने भी सोमवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि जिला प्रशासन ने कोचिंग संस्थानों और छात्रावास संचालकों के साथ बैठक कर उन्हें ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिये कदम उठाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने बताया कि जिस छात्रावास में छात्रा ने पंखें से लटकर आत्महत्या की है वहां पंखें से लटकने को रोकने वाले 'एंटी हैगिंग डिवाइस' नहीं लगाने पर छात्रावास संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। 

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निजात अभियान : बच्चे अपना लक्ष्य विद्यार्थी जीवन में ही तय करें - एसपी


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   गुरुवार को पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के मुख्य आतिथ्य में बर्जेस मेमोरियल स्कूल ग्राउंड में निजात अभियान के तहत एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। बच्चों को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह के द्वारा नशे से होने वाले दुष्परिणाम एवं निजात अभियान के उद्देश्य से अवगत कराया गया ।

 इसके साथ ही बच्चों को उन्हीं की भाषा में कहानी के माध्यम से बताया गया कि संसार में बहुत सारे जानवर शक्ति शाली है किन्तु शेर ही जंगल का राजा होता है क्योंकि उसके पास आत्मबल होता है जो निरंतर हार नहीं मानने को प्रोत्साहित करता है। जिले के पुलिस कप्तान ने कहा की नशा को खत्म करने के लिए, कभी हार नहीं मानना चाहिए आत्मबल होना चाहिए। बच्चों को अपना लक्ष्य निर्धारण विद्यार्थी जीवन में ही कर लेना चाहिए। 

 

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इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्रीमती अर्चना झा के द्वारा स्कूली बच्चों को साइबर सुरक्षा की जानकारी दी गई। सीएसपी सिविल लाइंस संदीप कुमार पटेल (IPS) के द्वारा बच्चो के कैरियर पर जरुरी गाइड लाइन दी गई । कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेंद्र जायसवाल के अलावा शहर के विभिन्न थानों के प्रभारी भी उपस्थित रहे। 
इस ख़ास मौके पर प्रतिभावान छात्रों को पुलिस कप्तान संतोष कुमार के हाथों मेडल और मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया l इसी कार्यक्रम में उन प्रतिभाओं को भी सम्मान दिया गया जो निजात कार्यक्रम के तहत शहर के विभिन्न स्कूलों में चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लेकर विजेता रहे। प्रतिभावान छात्रों के अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकों को सम्मानित किया गया।  सिविल सोसाइटी की मदद से पुलिस के द्वारा आयोजित कार्यक्रम में छाया फ़ाउंडेशन रायपुर के अध्यक्ष बी शैलजा, इंगलिश मीडियम स्कूल के प्राचार्य श्री पाल, टीचर्स और लगभग 2000 बच्चे उपस्थित रहे। 

सेजेस स्कूलों की समीक्षा, गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के दिए गए निर्देश

 


बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   जिले में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिन्दी माध्यम के 34 विद्यालयों के प्राचार्याें की एक दिवसीय समीक्षा बैठक आज जिला शिक्षा कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा श्री आर.पी. आदित्य, जिला शिक्षा अधिकारी श्री टी.आर. साहू, सेजेस नोडल डॉ. अनिल तिवारी ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के सफल संचालन एवं गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने हेतु उपस्थित प्राचार्यों को विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए शासन के मंशानुरूप अपेक्षित शैक्षिक उपलब्धि अर्जित करने हेतु विशेष रूप से प्रेरित किया। विद्यालय प्रबंधन हेतु प्राचार्यों को अनेक सुझाव देते हुए उनके समुचित कार्य दायित्व निर्वहन करने के निर्देश दिए गए। विद्यालयीन शैक्षणिक कलैण्डर के अनरूप कक्षा अध्यापन कराने तथा विषय शिक्षकों के अभाव में वैकल्पिक शिक्षक की व्यवस्था विद्यालय स्तर पर करते हुये पाठयक्रम पूर्ण करने कहा गया। 

बैठक में शिक्षकों की दैनंदनी का नियमित रूप से प्राचार्यों को निरीक्षण करने एवं उसमें रिमार्क अंकित करने हेतु कहा गया। जिस शिक्षक की दैनंदनी उत्कृष्ट हो उसे प्राचार्य के द्वारा विद्यालय में सप्ताहांत में विद्यालयीन डिस्प्ले बोर्ड में प्रदर्शित करने निर्देश दिए गए। जिससे कि अन्य शिक्षकों को अच्छे कार्य करने के लिये प्रोत्साहन मिल सके। सभी शिक्षकों को कक्षा के अनुसार कार्य दायित्व देते हुए परिसर की स्वच्छता एवं विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करते हुए विद्यालय में उत्कृष्ट शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करने हेतु विशेष प्रयास करने पर जोर दिया गया। हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में अध्ययनरत विज्ञान विषय को प्रायोगिक कार्य शैक्षणिक कलेंडर के अनुरूप सुनिश्चित किये जाने हेतु विशेष रूप से प्राचार्यों को आगाह किया गया। शासन द्वारा प्रदत्त एल्मेनेक (शैक्षणिक डायरी) के अनुरूप संचालित किये जाने वाले उत्कृष्ट सेजेस विद्यालय का रैंकिंग किये जाने हेतु सेजेस नोडल अधिकारी डॉ. अनिल तिवारी को विशेष रूप से निर्देशित किया गया। विद्यालय में कक्षा अध्यापन के अतिरिक्त अन्य पाठय सहगामी गतिविधियों का संचालन सतत रूप से करने के लिये प्राचार्यों का ध्यान आकृष्ट जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया गया। इन गतिविधियों से संबंधित जानकारी पालकों तक पहुंचाने हेतु विशेष रूप से जोर दिया गया। पुस्ताकालय के रख-रखाव एवं इसके समुचित उपयोग सुनिश्चित करने हेतु विद्यालय के समस्त शिक्षकों को दायित्व दिये जाने की बात की गई। शैक्षणिक कलेंडर के अनुरूप सतत् रूप से कक्षा अध्यापन एवं मूल्यांकन की यथोचित व्यवस्था करने तथा निरंतर शैक्षणिक सुधार हेतु विद्यालय के समस्त शिक्षकों को सम्मिलित रूप से प्रयास करने हेतु विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया। जिले में स्वीकृत 03 नवीन सेजेस विद्यालय क्रमशः तिफरा, जयरामनगर एवं बेलतरा में प्रवेश प्रक्रिया अविलंब पूर्ण करते हुए विद्यालय में नियमित कक्षा अध्यापन हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में जिले के समस्त स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य एवं लिपिक के साथ समग्र शिक्षा कार्यालय के ए.पी.सी. श्री रामेश्वर जायसवाल एवं डॉ. मुकेश पाण्डेय विशेष रूप से उपस्थित रहें। 


छात्रवृत्ति के लिए आधार से लिंक मोबाईल नंबर का सत्यापन अनिवार्य


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   राज्य की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु संचालित ऑनलाईन पोर्टल में जरूरी बदलाव करते हुए आधार से लिंक मोबाईल नंबर की प्रविष्टि को अनिवार्य किया गया है। वर्तमान सत्र 2023-24 से विद्यार्थियों द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए किये गये आवेदन का सत्यापन आधार से लिंक मोबाईल नंबर पर ओटीपी के माध्यम से किया जाएगा। इस संबंध में आदिवासी विकास विभाग बिलासपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिले में संचालित सभी शासकीय एव अशासकीय संस्थाओं में पढ़ने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को ये सूचना दी गई है कि वे आधार नम्बर पर रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर आवेदन करते समय पोर्टल पर दर्ज कराना सुनिश्चित करेंगे। रजिस्टर्ड मोबाईल नंबर पर प्राप्त ओटीपी पोर्टल पर दर्ज करने के बाद ही विद्यार्थियों का आवेदन लॉक होगा। जिसके बाद विद्यार्थियों के आवेदन ऑनलाईन स्वीकार किये जायेंगे। 

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Bilaspur High Court : सहायक शिक्षकों और शिक्षकों की पदोन्नति का मामला, पुराने पदस्थ स्कूलों में ज्वाइन करने की छूट


 बिलासपुर /  
TODAY छत्तीसगढ़  / सहायक शिक्षकों और शिक्षकों की पदोन्नति के मामले में हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता शिक्षकों को पुराने पदस्थ स्कूलों में ज्वाइन करने की छूट दी है। शिक्षकों को 15 दिनों के भीतर स्कूल शिक्षा विभाग में अपना अभ्यावेदन जमा करना होगा। याचिकाकर्ता को यह छूट होगी कि उसने संशोधन के लिए जो प्रमुख आधार बताएं हैं उससे संबंधित या अन्य दस्तावेज भी अभ्यावेदन के साथ प्रस्तुत कर सकता है।

उनके अभ्यावेदन के आधार पर सरकार द्वारा बनाई गई 7 सदस्यीय कमेटी 45 दिनों के भीतर मामले का निराकरण करेगी। वेतन का भुगतान भी संबंधित स्कूल से ही होगा। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा है कि एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें अध्यक्ष के रूप में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, एक सदस्य के रूप में लोक शिक्षण निदेशक और सदस्य के रूप में संबंधित पांच प्रभागों के सभी संयुक्त निदेशक शामिल होंगे।

शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की सिंगल बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि याचिकाकर्ता शिक्षकों को समिति के समक्ष 15 दिनों के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होगा। समिति प्रत्येक याचिकाकर्ता के मामले का निर्णय करेगी। शिक्षकों के नए पदस्थापना आदेश समिति या सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए जाएंगे। निर्णय लेते समय समिति या सक्षम प्राधिकारी याचिकाकर्ताओं के मामले और उनके नए पोस्टिंग आदेश जारी करने के लिए, राज्य की स्थानांतरण नीति के अंतर्गत जारी निर्देशों पर भी विचार करेगी। 

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1900 से अधिक शिक्षकों ने दायर की है याचिका - 

हाईकोर्ट में लगभग 1900 शिक्षकों ने अपने अधिवक्ताओं शिक्षकों के माध्यम से अलग-अलग याचिका दायर कर राज्य शासन द्वारा चार सितंबर 2023 को पारित आदेश को चुनौती दी है। इसमें संबंधित संभागीय संयुक्त निदेशकों द्वारा जारी याचिकाकर्ताओं के संशोधित पोस्टिंग आदेश रद्द कर दिए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा एवं उप महाधिवक्ता संदीप दुबे द्वारा बताया गया कि सभी याचिकाकर्ता 4 सितंबर के आदेश से कार्यमुक्त हो चुके थे। वेतन भुगतान के लिए उनको पूर्व पोस्टिंग स्थान पर ज्वाइन करना होगा। इसके बाद राज्य सरकार उनके वेतन भुगतान की व्यवस्था करेगी। कोर्ट के आदेश के बाद याचिका निराकॄत कर दी गई है। 

गोंडी, हल्बी, सरगुजिहा, सादरी, भतरी, कुडुख में होगी अब पढ़ाई, किताबें पहुंची स्कूलों में

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ राज्य के स्कूली बच्चे अब अपने इलाके की स्थानीय भाषा और बोली में पढ़ाई कर सकेंगे। प्राथमिक शालाओं में अध्ययन-अध्यापन रूचिकर, सरल, सहज और ग्राह्य बनाने के उददेश्य से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग को स्थानीय बोलियों में पाठ्य-पुस्तकें न सिर्फ तैयार करने को कहा था, बल्कि उन्होंने इसकी विधिवत घोषणा भी 26 जनवरी 2020 को गणतंत्र दिवस समारोह में जगदलपुर में की थी। मुख्यमंत्री की मंशा और उनकी घोषणा के अनुरूप स्कूल शिक्षा विभाग ने सादरी, भतरी, दंतेवाड़ा गोंड़ी, कांकेर गोंड़ी, हल्बी, कुडुख, उड़िया बोली-भाषा के जानकार लोगों से बच्चों के लिए पठन सामग्री, वर्णमाला चार्ट तथा रोचक कहानियों की पुस्तकें तैयार करवाकर स्कूलों में भिजवा दी है। 
अब पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों को उनके इलाके की बोली-भाषा में पढ़ाई करायी जाएगी, ताकि बच्चे विषयों को अच्छे से समझ सके और उसे ग्राह्य कर सके। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसके अलावा छत्तीसगढ़ी, अंग्रेजी और हिन्दी में भी बच्चों के लिए पठन सामग्री स्कूलों को उपलब्ध करायी है। यह पुस्तकें उन्हीं इलाके के स्कूलों में भेजी गई है जहां लोग अपने बात-व्यवहार में उस बोली-भाषा का उपयोग करते है।    

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव ने बताया कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में अलग-अलग हिस्सों में विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्र जैसे बस्तर अंचल, सरगुजा अंचल और ओड़िसा से प्रांत से लगे सीमावर्ती इलाके के लोगों द्वारा दैनिक जीवन में स्थानीय बोली-भाषा का उपयोग बहुलता के साथ किया जाता है। यदि इन इलाकों में बच्चों को उनकी बोली-भाषा में शिक्षा दी जाए तो बच्चों के लिए यह सरल, सहज और ग्राह्य होगी। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल की भी यहीं मंशा है कि बच्चों को इस तरह से पढ़ाया-लिखाया जाए कि उन्हें बात समझ में आए। पढ़ाई-लिखायी बोझिल न लगे और वह स्कूल आने के लिए लालयित हो। उन्होंने बताया कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा धुर्वा, भतरी, संबलपुरी, दोरली, कुडुख, सादरी, बैगानी, हल्बी, दंतेवाड़ा गोड़ी, कमारी, ओरिया, सरगुजिया, भुंजिया बोली-भाषा में पुस्तकें और पठन सामग्री तैयार करायी गई। सभी प्राथमिक स्कूलों को उक्त पठन सामग्री के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी तथा अंग्रेजी में वर्णमाला पुस्तिका-मोर सुग्घर वर्णमाला एवं मिनी रीडर इंग्लिश बुक दी गई है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के जिन जिलों में छत्तीसगढ़ बहुतायत से बोली जाती है उन जिलों के चयनित प्राथमिक स्कूलों में लेंगुएज लर्निंग फाउंडेशन द्वारा तैयार चित्र कहानियां-सुरीली अउ मोनी, तीन संगवारी, गीता गिस बरात, बेंदरा के पूंछी, चिड़िया, मुर्गी के तीन चूजे, सोनू के लड्डू हिन्दी एवं छत्तीसगढ़ी दोनों भाषाओं में लिखी कहानियों की पुस्तक भेजी गई हैं।

सीढ़ी (एक भाषा से दूसरी भाषा सीखने)- भाषा सेतु सहायिका पठन सामग्री बस्तर क्षेत्र, केन्द्रीय जोन में रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर, सरगुजा जोन में सभी प्राथमिक कक्षा पहली-दूसरी के बच्चों को उपलब्ध करवाई गई है। इसमें बच्चे चित्र देखकर उनके नाम अपनी स्थानीय भाषा-बोली में लिखने का अभ्यास करेंगे। कक्षा पहली-दूसरी के बच्चों के लिए विभिन्न छह भाषा छत्तीसगढ़ी, गोंड़ी कांकेर, हल्बी, सादरी, सरगुजिहा, गोंडी दंतेवाड़ा में आठ कहानी पुस्तिकाएं- अब तुम गए काम से, चींटी और हाथी, बुलबुलों का राज, पांच खंबों वाला गांव, आगे-पीछे, अकेली मछली, घर, नटखट गिलहरी पढ़ने के लिए उपलब्ध करवाई गई है।  

स्वतंत्रता दिवस : बीईओ कार्यालय में सुरेंद्र यदु ने किया ध्वजारोहण

TODAY छत्तीसगढ़  /  भाटापारा / स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर विकास खंड शिक्षा कार्यालय भाटापारा परिसर में जनपद भाटापारा शिक्षा समिति के सभापति सुरेंद्र यदु जी द्वारा ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम उन्होंने भारत माता एवं गांधीजी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए देश के स्वाधीनता सेनानियों को अपनी श्रद्धांजलि दी तत्पश्चात ध्वजारोहण कर राष्ट्रगान का आयोजन हुआ। 

मालूम हो छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 15 अगस्त से गढ़बो नवा भविष्य योजना अंतर्गत प्राथमिक स्कूल के बच्चों को किस्से और कहानियों के माध्यम से पुस्तकीय  ज्ञान की जगह  समाज और परिवेश के संदर्भ व्यवहारिक जानकारियों से अवगत कराने का अभियान शुरू किया जा रहा है।साथ ही मिडिल स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी भाषा के कौशल  उन्नयन हेतु छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों में "सौ दिन सौ कहानियां"अभियान शुरू किया जा रहा है।

 विकास खंड शिक्षा अधिकारी  केके यदु स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ के पावन पर्व पर बधाई देते हुए सभी शिक्षक बंधुओं को कोरोना के बाद शुरू हुए सत्र में स्कूली बच्चों को महामारी के बचाव के तरीकों का पालन कराते हुए लर्निंग आउटकम में वृद्वि लाने के लिए सतत प्रयास करने हेतु आग्रह किया। उन्होंने बताया आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्कूली बच्चों को देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास और गौरवगाथा से विभिन्न कक्षाओं के अध्यापक अध्ययनरत बच्चों को अवगत कराएं जिससे देश के स्वतंत्रता आंदोलन की व्यवहारिक जानकारी बच्चों को मिल सके। इस मौके पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के  कार्यालय के अधिकारी,कर्मचारी,संकुल समन्वयक गण उपस्थित हुए।

प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रवेश के लिये आयुसीमा का बंधन समाप्त, सीएम भूपेश बघेल ने की घोषणा

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर / स्वतंत्रता दिवस के 75वें वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए प्रदेश के महाविद्यालयों में प्रवेश के लिये आयुसीमा के बंधन को समाप्त कर दिया है।

केन्द्र द्वारा घोषित की गई समग्र शिक्षा नीति में भी इसकी घोषणा की गई है। मध्यप्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों ने प्रवेश में आयुसीमा का बंधन समाप्त कर दिया है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न श्रेणियों में राज्य में नौकरियों के लिये आवेदन करने की पात्रता विशेषकर महिलाओं को 40-45 वर्ष तक मिली हुई है किन्तु कॉलेज में प्रवेश की अधिकतम आयु 27 वर्ष ही रखी गई है। इसे विसंगतिपूर्ण प्रावधान माना गया है। यदि कोई व्यक्ति 27 वर्ष के बाद आगे की पढ़ाई कर अपनी योग्यता के अनुरूप नौकरी हासिल करना चाहता हो तो उन्हें कॉलेजों में प्रवेश नहीं मिल पाता था। अब किसी भी आयु में कॉलेजों में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश लिया जा सकेगा। 

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छत्तीसगढ़ में सिर्फ 13 प्रतिशत नामांकन, अब स्थिति सुधरेगी-प्रो. वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि समग्र शिक्षा नीति में सन् 2035 तक उच्च शिक्षा में नामांकन का प्रतिशत 50 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी राष्ट्रीय औसत 26 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में तो केवल 13 प्रतिशत यानि राष्ट्रीय औसत से भी आधा है। ऐसे में जो लोग गरीबी के कारण या अन्य किसी वजह से पढ़ाई नहीं कर पाये, उनको अब किसी भी उम्र में अध्ययन का अवसर मिल सकेगा। छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या पिछड़े वर्ग तथा आदिवासियों की है। उच्च शिक्षा से वंचित होने वाले इन समुदायों को भी अब मौका मिल सकेगा तथा नामांकन के औसत में सुधार होगा। इससे नौकरी व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रो. वाजपेयी ने साथ ही कहा कि इसके साथ ही उच्च-शिक्षा में संसाधनों को बढ़ाना पड़ेगा। भवन, शिक्षक, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी आदि की संख्या बढ़ानी होगी।

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