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अटल बिहारी वाजपेयी बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ एक जननायक थे - राज्यपाल


 रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें नमन किया। राज्यपाल ने अपने निवास में स्वर्गीय श्री वाजपेयी के छायाचित्र पर पुष्पाजंलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 

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उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी जी विराट व्यक्तित्व, महानवक्ता, लेखक व बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने के साथ-साथ एक जननायक थे। उन्होंने विदेश व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का मजबूती से पक्ष रखकर देश का मान बढ़ाया। भारत को जब एक कमजोर देश समझा जाता था तब पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत को परमाणु शक्ति संपन्न घोषित किया। इस कदम से उन्होंने भारत को विश्व में एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया। पश्चिम के देशों ने जब एक अनेक प्रतिबंध लगाए तब उसका दृढ़ता पूर्वक सामना करते हुए उनके नेतृत्व में देश ने आर्थिक विकास की ऊंचाईयों को छुआ। उन्होंने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को मूर्त रूप प्रदान किया, जिससे हमारे देश की आधारभूत संरचना मजबूत हुई। 

श्री वाजपेयी ने ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में मजबूती के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया, उनकी सोच समाज के अंतिम व्यक्ति का कल्याण करना था। इसी सोच के फलस्वरूप उनके शासनकाल में अन्नपूर्णा योजना शुरू की गई, जिसमें जिन पात्र बुजुर्गो को वृद्धावस्था पेशन नहीं मिलती थी उन्हें हर माह 10 किलो अनाज निशुल्क दिया गया। राज्यपाल ने कहा कि श्री वाजपेयी भारत के महान सपूत थे। 

राम विचार ने 'प्रोटेम स्पीकर' पद की शपथ ली, मुख्यमंत्री समेत अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे


 रायपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  / भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और विधायक राम विचार नेताम ने रविवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के 'प्रोटेम स्पीकर' (अस्थायी अध्यक्ष) पद की शपथ ली। नेताम को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में शपथ दिलाई।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 'प्रोटेम स्पीकर' विधानसभा का अस्थायी अध्यक्ष होता है जिसे नियमित स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) की अनुपस्थिति में सदन की कार्यवाही संचालित करने के लिए सीमित समय के लिए नियुक्त किया जाता है।

रामविचार नेताम (61) ने हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अजय तिर्की को 29,663 मतों के अंतर से हराकर रामानुजगंज सीट से जीत हासिल की है। छह बार विधायक रहे नेताम 2016 में राज्यसभा सदस्य भी चुने गए थे। वह पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार में दो बार मंत्री भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा का पहला सत्र 19 दिसंबर से शुरू होगा। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   












 

दीपावली का त्यौहार हमारी समृद्ध वैभवशाली परंपरा का अभिन्न अंग है - राज्यपाल


 रायपुर । 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन दीपों के पंच पर्व धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पुजा और भाई दूज पर्व के लिए देश एवं प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। उन्होंने कहा कि दीपावली का त्यौहार हमारी समृद्ध वैभवशाली परंपरा का अभिन्न अंग है। यह पर्व हम मिल जुलकर मनाते है जो लोगों को आपस में जोड़ने और एकता की भावना को बढ़ाने का कार्य करता है। श्री हरिचंदन ने कहा है कि दीपावली का त्यौहार समस्त नागरिकों के लिए मंगलमय हो और उनका जीवन सुख-समृद्धि से भरपूर हो। 

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छत्तीसगढ़ : राज्यपाल ने राष्ट्रपति से अनुसूचित क्षेत्रों में प्रशासन, पांचवी अनुसूची और आदिवासियों के कल्याण पर की चर्चा


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज नई दिल्ली में मुलाक़ात कर जनजातीय क्षेत्रों में पाँचवीं अनुसूची एवं आदिवासियों के विकास-कल्याण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। 

राज्यपाल ने राष्ट्रपति से कहा कि पिछले दिनों कुछ संस्थाओं ने ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल ट्राइबल कॉशिल, राज्य स्तर पर स्टेट ट्राइबल कॉशिल तथा जिला स्तर पर डिस्ट्रीट ऑटोनोमश कॉशिल का गठन किया जाना चाहिए। साथ ही विकासखंड स्तर पर रिजनल कॉशिल, ग्राम स्तर पर ग्रामसभा होनी चाहिए। जिसकी सलाह से आदिवासियों के विकास और कल्याण कि लिए नीतियां बनाई जाए और क्रियान्वित किया जाए। संस्थाओं ने यह भी कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत नियम बनाकर पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए। राज्यों में समय-समय पर आदिवासी सलाहकार परिषद बैठक हो और राज्यपाल से सलाह ली जाए। इनकी सलाह से आदिवासी कल्याण के नीतियां बनाई जाएं तथा लागू किया जाए। इन संस्थाओं ने यह भी आग्रह किया है कि आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए। साथ ही शेड्यूल एरिया एमिस्टेटिव सर्विस कमीशन बनाने की सुझाव दिया है।

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राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने की बात कही।  सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से देश की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार आदिवासी सलाहकार परिषद की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया। इसके अलावा राज्यपाल ने प्रदेश के विकास के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका तथा प्रतीक चिन्ह भेंट की।

प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने की मुलाक़ात, नक्सलवाद समेत कई अहम् मामलों पर चर्चा


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आज नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका भेंट की। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ में वर्षा और कृषि की स्थिति की जानकारी ली। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, पांचवी अनुसूची, परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण इत्यादि विषयों पर चर्चा की। सुश्री उइके ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या गंभीर है। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में मेसा कानून लागू करने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि मेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। 

राज्यपाल ने जनजातियों को भूमि विक्रय में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया और समस्या के समाधान करने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा प्रधानमंत्री वनवासी किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री निःशुल्क नमक वितरण योजना, केन्द्रीय योजनाओं का लाभ, स्थानीय वनवासी युवाओं की शासकीय सेवाओं के वर्ग 3 एवं 4 में भर्ती हेतु जिला संवर्ग के पद, वनवासियों की कृषि भूमि का प्रबंधन, ट्राईफेड का सशक्तीकरण, लघु वनोपजों की खरीदी, व्यक्तिमूलक योजनाओं को बढ़ावा देना, वन संरक्षण अधिनियम की समीक्षा, वनवासी युवाओं को आगे लाने हेतु निःशुल्क कोचिंग व्यवस्था सहित विभिन्न बिन्दुओं पर भी चर्चा की। सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन सुधारों के प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भेजा जा चुका है और जनगणना महानिदेशक एवं अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा अपनी अनुशंसा प्रेषित कर दी गई हैं। जनजातीय विभाग द्वारा विधेयक प्रस्तुतीकरण एवं पारित कराना शेष है। राज्यपाल ने इस विषय पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया। 

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राज्यपाल ने उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के चार जिलों चन्दौली, कुशीनगर, संत कबीरनगर, संत रविदास नगर जनजाति जिलों में शामिल करने का भी अनुरोध किया। राज्यपाल ने निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाली उत्खनन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमिस्वामी को उस परियोजनाओं के लाभांश में शेयर होल्डर बनाने या भूमि के उपयोग के लिए वार्षिक या मासिक किराया देने के संबंध में भी चर्चा की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया। 

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के वेबिनार में शामिल हुईं

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली से आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत किए गए इनिशिएटिव/मॉड्यूल का शुभारंभ किया। इस वेबिनार में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल/उप राज्यपाल, राज्यों के मुख्यमंत्री, शिक्षा विद्, उच्च शिक्षा संस्थान प्रमुख, अभिभावक और विद्यार्थीगण शामिल हुए। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति-2020 के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विद्या प्रवेश, भारतीय सांकेतिक भाषा, निष्ठा 2.0, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मॉड्यूल लांच किए। उन्होंने कहा कि नये भारत के निर्माण में यह नीति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस नीति के जरिए युवाओं का सशक्तिकरण होगा और वे भारत का भाग्य बदलने में समर्थ हो सकेंगे। 

पेगासस मामलें में राजीव भवन से राजभवन तक कांग्रेस का पैदल मार्च, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के नेतृत्व में आज राजीव भवन से राजवभन तक पैदल मार्च कर पेगासस जासूसी मामले में देश के गृहमंत्रीअमितशाह को पदमुक्त किये जाने एवं मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में कहा गया है कि केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा देश के केबिनेट मंत्री, संवैधानिक पदों पर आसीन अधिकारियों, भारत के सुरक्षा बलों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख, विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं, पत्रकारों, वकीलों के सेल फोन की विदेशी कंपनी-पेगासस के माध्यम से अवैध और असंवैधानिक रूप से हैकिंग कर जासूसी किये जाने का खुलासा हुआ है, जो बेहद निंदनीय है।

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ताजा खुलासे से पता चला है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष माननीय  राहुल गांधी व उनके कार्यालयीन कर्मचारियों का भी सेलफोन को भी हैक कर लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल 2019 के संसद के आम चुनावों के दौरान सेल फोन को हैक करने के लिये भी किया जा रहा था। पेगासस स्पाइवेयर और सभी एनएसओ उत्पाद केवल सरकार को ही बेचे जाते है। इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि भारत सरकार और उसकी एजेंसियों ने विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं के फोन हैक करने के लिये स्पाइवेयर खरीदा एवं दुरूपयोग कर प्रजातांत्रिक मूल्यों की हत्या किया है।

राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, मंत्री कवासी लखमा, विधायक धनेन्द्र साहू, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन, उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर, प्रभारी महामंत्री प्रशासन रवि घोष, प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी, पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, विधायक कुलदीप जुनेजा, विधायक विकास उपाध्याय, विधायक लक्ष्मी ध्रुव, विधायक अनिता शर्मा, विधायक हरीश कंवर, युवा कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णचंद पाढ़ी, महापौर एजाज ढेबर, महामंत्री डॉ. थानेश्वर पाटिला, रायपुर शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे उपस्थित थे।  

आज राजीव भवन से राजभवन तक के पैदल मार्च में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ-साथ खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत, आरडीए अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य शकुन डहरिया, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष महेन्द्र छाबड़ा, प्रदेश कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अभय नारायण राय, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष अरूण ताम्रकार, रायपुर नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे, महामंत्री राजेन्द्र साहू, सीमा वर्मा, पूर्व विधायक चुरावन मंगेशकर, अशोक राज आहूजा, सुरेश घिंगानी, शोभा कश्यप, शेख ताजीम सहित हजारो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

शिक्षक ज्ञान देने के साथ विद्यार्थियों में अच्छे नागरिक के गुण भी विकसित करते हैं - राज्यपाल

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  शिक्षक, केवल विभिन्न विषयों का ज्ञान ही नहीं देते बल्कि एक अच्छे नागरिक बनने के गुण भी अपने विद्यार्थियों में विकसित करते हैं। शिक्षक विद्यार्थी के अन्दर छुपी प्रतिभा की पहचान कर उन्हें निखारते हैैं और जीवन जीने का सही तरीका सिखाते हैं। चरित्र निर्माण करने के साथ ही नैतिकता का बीजारोपण करते हैं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान-2020 समारोह में संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उल्लेखनीय कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। राज्यपाल ने सभी सम्मानित होने वाले शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित 3 शिक्षकों और राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 47 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षक हमारे मार्गदर्शक और हमारे व्यक्तित्व के निर्माता होते हैं। वे जलते हुए दीपक की तरह स्वयं जलकर, हमारी जिंदगियों में उजाला भरते हैं। वे न केवल हमें ज्ञान की रोशनी देते हैं बल्कि सच्चाई के मार्ग पर चलने का हौसला भी देते हैं, क्योंकि शिक्षक अपना पूरा जीवन, इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए समर्पित कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जब-जब हम पर कोई भी विपदा आई है, शिक्षकों ने कभी हिम्मत नहीं हारी।  पिछले डेढ़ वर्ष से पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा हैं, परंतु शिक्षकों ने इस नए मोर्चे पर भी ऑनलाइन शिक्षण के जरिए पूरी काबिलियत और मेहनत के साथ शिक्षा के मुहिम को जारी रखा। चाहे मोहल्ला क्लासरूम हो या पढ़ई तुंहर द्वार, ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से प्रदेश के शिक्षकों ने पूरे उत्साह और समर्पण के साथ शिक्षण की निरंतरता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आने दी।

राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों का समग्र विकास करना और बच्चों को व्यावहारिक जानकारी तथा विभिन्न कौशल से युक्त करना है ताकि वे पढ़ाई खत्म करने के बाद आत्मनिर्भर बन सके। इस नीति में समावेशी शिक्षा पर भी जोर दिया गया है, जिसमें विशेषकर सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अलावा पृथक से ‘जेंडर इन्क्लूजन फंड’ भी बनाया जाएगा, जिससे बालिकाओं को भी निर्बाध रूप से शिक्षा मिलती रहे। 

राज्यपाल ने बदलते परिवेश में शिक्षकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनके समक्ष अभी कई चुनौतियां है। प्राथमिक स्तर में बच्चों का प्रवेश दर 90 फीसदी है जो हायर सेकण्डरी स्तर आते तक कम हो जाती है। उन्होंने कहा कि बच्चे पढ़ाई बीच में ना छोड़े इसके लिए शिक्षक, अभिनव उपाय अपनाएं और शिक्षण पद्धति आकर्षक बनाए। साथ ही यह भी प्रयास करें कि शिक्षा गुणवत्ता पूर्वक व रोजगार परक हो।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि समाज में शिक्षक समुदाय को हमेशा उच्च स्थान दिया गया है। हमारे ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ में अपनी परम्पराओं का सम्मान और शिक्षा का सर्वोच्च स्थान है। शिक्षा लोक कल्याण का सबसे बड़ा माध्यम बने यही हमारा प्रयास है। अध्यापन का पेशा अनादि काल से मौजूद है। पुराने समय में शिक्षण की गुरूकुल प्रथा थी, जहां कई वर्षाें तक छात्रों को शिक्षण प्रशिक्षण दिया जाता था। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन और डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान शिक्षक हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रथम शिक्षा हमें अपने घर से मिलती है, अनुभव और गलतियां हमारे सबसे बड़े शिक्षक हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे परिस्थितियों को संभालना है। महान शिक्षक भारत रत्न डॉ.राधाकृष्णन जी का मानना था कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों कोे जबरन ठूंसे, बल्कि वास्तविक शिक्षक वह है जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करें। भारत की वर्तमान शिक्षा पद्धति विविध विषयों और प्रौद्योगिकियों के बारे में हमारे ज्ञान के विस्तार को बढ़ाती हैं। यह हमें हमारी संस्कृति और नैतिकता के बारे में जानने में मदद करती हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी के विषम काल में शिक्षा की बागडोर थामे रखने के लिए शिक्षक साथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने फ्रन्ट लाइन वारियर का भी काम किया है। 

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार समारोह में सम्मानित सभी शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन शिक्षक दिवस में करने की परिपाटी रही है, लेकिन विगत वर्ष भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी के असामयिक निधन तथा कोरोना महामारी के कारण यह आयोजन नही हो पाया था। अभी प्रदेश में कोरोना का प्रभाव कम है और आगामी शिक्षक दिवस आने में अभी वक्त है। अतः इस बीच अपनी परम्परा को बनाए रखने के लिए यह आयोजन किया गया।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शिक्षक सम्मान के अवसर पर देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि एक बालक के जन्म से लेकर उसके सम्पूर्ण जीवन काल में गुरू का उच्च स्थान है। गुरू हमें आने वाली कठिनाईयों से बचने और लड़ने की तैयारी कराते हैं। वर्तमान कोरोना कालखंड में जिस तरह से शिक्षकों ने अपनी भूमिका निभाई है वह ऐतिहासिक है। शिक्षकों ने ऑफलाइन और ऑनलाइन पढ़ाई, मोहल्ला क्लास, पढ़ाई तंुहर दुआर जैसे नवाचार के माध्यम से लाखों बच्चों में अध्ययन-अध्यापन की अलख जगाए रखी। आज के दौर में मूल्य आधारित शिक्षा हमारी आवश्यकता बन गई है। डॉ.टेकाम ने शिक्षकों से आव्हान किया कि सभी छात्र-छात्राओं को ऐसी शिक्षा प्रदान करें, जिससे उनमें जीवन मूल्यों का विकास हो सके।  

इस अवसर पर राजभवन में राज्यपाल सुश्री उइके ने शिक्षक श्रीमती मधु शर्मा महासमुंद, श्री नरेश कुमार नायक महासमुंद, श्रीमती लीना वर्मा रायपुर और श्री गोपाल वर्मा, रायपुर को शॉल-श्रीफल और 21 हजार रूपए का बैंक ड्रॉफ्ट देकर सम्मानित किया। इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 के अंतर्गत राज्य के प्रसिद्ध साहित्यकारों की स्मृति में 3 शिक्षकों श्रीमती रश्मि गुप्ता व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल लिबियाडीह बिलासपुर को डॉ. मुकुटधर पांडे स्मृति पुरस्कार, श्री दिनेश कुमार पांडे उच्च श्रेणी शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ओछीनापार कोटा बिलासपुर को डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार और श्री मुन्नालाल देवदास प्रधान पाठक शासकीय बालक पूर्व माध्यमिक शाला कौंदकेरा फिंगेश्वर गरियाबंद को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने पुरस्कृत तीनों शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र, शॉल श्रीफल और 50 हजार रूपए राशि का बैंक ड्रॉफ्ट प्रदान कर सम्मानित किया। श्री बघेल ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 2 शिक्षिकाओं श्रीमती शैलजा सुरेश व्याख्याता शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहका दुर्ग और डॉ.श्रीमती नीलांजना जैन उच्च श्रेणी शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई दुर्ग को भी सम्मानित किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा कार्यक्रम में वर्ष 2020 में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित 54 शिक्षकों के नामों की घोषणा की गई। समारोह में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव डॉ कमलप्रीत सिंह और राज्यपाल के सचिव श्री अमृत खलको उपस्थित थे। पुरस्कृत शिक्षक अपने-अपने जिलों से कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े।

Chhattisgarh : राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार से 3 और राज्य शिक्षक पुरस्कार से 47 शिक्षक होंगे सम्मानित


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में 22 जुलाई को राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 हेतु चयनित 3 शिक्षकों और राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित 47 शिक्षकों का सम्मान किया जाएगा। शिक्षक सम्मान समारोह में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन दोपहर 12 बजे से 12.45 बजे तक होगा। स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा कार्यक्रम में वर्ष 2020 में राज्य शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए चयनित 55 शिक्षकों के नामों की घोषणा भी की जाएगी। सभी पुरस्कृत शिक्षक इस बार राजभवन नहीं आएंगे, बल्कि अपने-अपने जिलों से ऑनलाइन जुड़ेंगे, इसके लिए पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक अपने जिले के जिला शिक्षा अधिकारी के साथ एनआईसी के कक्ष में मौजूद रहेंगे। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सभी संभाग के संयुक्त संचालकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। 

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राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार 2020 के लिए चयनित 3 शिक्षक बिलासपुर के शिक्षक श्री दिनेश कुमार पाण्डेय को डॉ.बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार, बिलासपुर की व्याख्याता श्रीमती रश्मि गुप्ता को मुकुटधर पाण्डे स्मृति पुरस्कार और गरियाबंद के प्रधान पाठक श्री मुन्नालाल देवदास को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बक्शी स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। 

राज्य शिक्षक पुरस्कार 2019 के लिए चयनित शिक्षकों में बालोद जिले की शासकीय उच्चतर प्राथमिक शाला अमोरा के व्याख्याता एल.बी. श्री लेखराम साहू और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हर्राठेमा की व्याख्याता श्रीमती कमला वर्मा, महासमुंद जिले की शासकीय श्रीराम प्राथमिक शाला की उच्च श्रेणी शिक्षक श्रीमती मधु शर्मा और शासकीय कन्या पूर्व माध्यमिक शाला पिथौरा के प्रधान पाठक श्री नरेश कुमार नायक, गरियाबंद जिले की शा. बालक पूर्व माध्यमिक शाला अमलीपदर के उच्च श्रेणी शिक्षक श्री देवशरण राम साहू और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तेतलखुटी, के व्याख्याता श्री हीरालाल गोयल, राजनांदगांव जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रेंगाकठेरा के व्याख्याता एलबी श्री मोहम्मद सईद कुरैशी और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला दीवानभेडी की शिक्षक श्रीमती शशिकला कठौलीया, कोंडागांव जिले के शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोण्डागांव के प्राचार्य श्री नरेन्द्र कुमार नायक और शासकीय प्राथमिक शाला मुरारीपारा के सहायक शिक्षक श्री पवन कुमार साहू, कांकेर जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिंगारभाट के प्रधान पाठक श्री सुरेशचंद्र श्रीवास्तव और शासकीय प्राथमिक शाला बाबूकोहका के प्रधान पाठक श्री लछमन सिन्हा, जांजगीर-चांपा जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भड़ेसर नवागढ़ के व्याख्याता एलबी श्री कृष्ण कुमार कश्यप और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटमी के प्राचार्य डॉ. प्रफुल्ल शर्मा, सूरजपुर जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलफिली के व्याख्याता एलबी श्री नवीन जायसवाल और शासकीय प्राथमिक शाला पंपापुर रामानुजनगर के सहायक शिक्षक श्री गौतम कुमार शर्मा, रायगढ़ जिले की शासकीय प्राथमिक शाला केदवाहीबार के सहायक शिक्षक एलबी श्री अनुराग वर्मा और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चक्रधरनगर के व्याख्याता श्री शैलेन्द्र कुमार नन्दे, बेमेतरा जिले की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बारगांव बेरला के उच्च श्रेणी शिक्षक श्री राजेश कुमार यादव और शासकीय हाईस्कूल पाहंदा बेरला की व्याख्याता एलबी श्रीमती मीना पाटकर, जगदलपुर जिले की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मांझीगुड़ा के प्रधान पाठक श्री जी.पी. राव और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तितिरगांव के उच्च श्रेणी शिक्षक श्री जी. रामकृष्ण प्रसाद को सम्मानित किया जाएगा। 

इसी प्रकार बिलासपुर जिले के शासकीय हाईस्कूल पाली की व्याख्याता श्रीमती रश्मि सिंह धुर्वे और शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला सरकंडा की व्याख्याता श्रीमती पूर्णिमा मिश्रा, जशपुर जिले के शासकीय बालक प्राथमिक शाला सिटोंगा जशपुर के प्रधान पाठक श्री शिवराम भगत और शासकीय नवीन आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जशपुरनगर के व्याख्याता एलबी श्री जेयश टोप्पो, दंतेवाड़ा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बचेली के प्राचार्य श्री डी.के. सोनी और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कारली के प्राचार्य श्री खेदू राय, सक्ती के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जवाली डभरा के शिक्षक श्री हेमनारायण पटेल, दुर्ग जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहका की व्याख्याता श्रीमती शैलजा सुरेश और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नेवई की उच्च श्रेणी शिक्षक डॉ. नीलांजना जैन, कोरबा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोतरी के व्याख्याता श्री धरम लहरे और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुदुरमाल के व्याख्याता श्री गौरव शर्मा, कोरिया जिले के शासकीय प्राथमिक शाला पुटा की सहायक शिक्षक एलबी परवीन बानो और शासकीय प्राथमिक शाला महुआपारा के सहायक शिक्षक एलबी श्री जयप्रकाश साहू, कबीरधाम जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कापादह के व्याख्याता एलबी श्री रूपचंद जायसवाल और शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला उदका के शिक्षक श्री विजय कुमार चंदेल, रायपुर जिले की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पचेड़ा की व्याख्याता एलबी श्रीमती लीना वर्मा और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खोला के व्याख्याता श्री गोपालराम वर्मा, बलौदाबाजार जिले के शासकीय प्राथमिक शाला खैरा के प्रधान पाठक श्री जगन्नाथ प्रसाद देवांगन और शासकीय प्राथमिक शाला जेवराडीह के प्रधान पाठक श्री कार्तिकेश्वर सिंह, सरगुजा जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामपुर की व्याख्याता श्रीमती लीना धामरा, सुकमा जिले की प्राथमिक शाला पुसपाल के प्रधान पाठक श्री आसदेव कंवर और पूर्व माध्यमिक शाला सुकमा के प्रधान पाठक श्री शिवलाला पाण्डेय, नारायणपुर जिले की शासकीय माध्यमिक शाला सोनपुर के प्रधान अध्यापक श्री रणजीत सिंह धनेलिया, मुंगेली जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पडिपाईन के व्याख्याता एलबी श्री पवन कुमार गिरे और शासकीय प्राथमिक शाला पीथमपुर के सहायक शिक्षक एलबी श्री रामनाथ कुलमित्र को भी सम्मानित किया जाएगा। 

कोविड-19 : राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों पर मुख्यमंत्री की सराहना की

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौजन्य भेंट की। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को शाल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने भी राज्यपाल को साड़ी भेंट कर सम्मान किया।

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राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों की सराहना की और उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत की स्थापना के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना एवं चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय के संबंध में भी चर्चा की। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग की समन्वय समिति और आदिवासी मंत्रणा परिषद् की बैठक जल्द बुलाने को कहा। सुश्री उइके ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न शासकीय विभागों तथा विश्वविद्यालय स्तर पर नौकरी कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रकरणों का न्यायालय में जल्द सुनवाई कराएं और दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो भी उपस्थित थे। 

राज्यपाल की पहल से बलरामपुर जिले की दिव्यांग बेटी का होगा इलाज

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में श्रीमती फुलमनिया ने अपनी दिव्यांग बेटी शशिप्रभा के साथ मुलाकात की। राज्यपाल को मीडिया के माध्यम से बलरामपुर जिले के एक छोटे से गांव करकली में रहने वाली सात वर्षीय शशिप्रभा के बारे में जब पता चला कि वह चलने फिरने और बोलने में असमर्थ है और सरगुजा में उसका इलाज नहीं हो पा रहा है।

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राज्यपाल ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन बलरामपुर को शशिप्रभा को उसके परिजनों के साथ राजभवन भिजवाने के निर्देश दिए। ताकि यहां के चिकित्सकों से परामर्श लेकर उसका इलाज कराया जा सके। शशिप्रभा के पिताजी की मृत्यु हो चुकी है और उनकी आर्थिक हालत अच्छी नहीं है, इसलिए राज्यपाल सुश्री उइके ने उसकी मां और साथ में आई मौसी श्रीमती कांता को आश्वासन दिया कि उनकी बेटी का हरसंभव इलाज कराया जाएगा। 

राज्यपाल की सहृदयशीलता से श्रीमती कांता और श्रीमती फुलमनिया की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि हमने सोचा भी नहीं था कि रायपुर आकर हमारी बेटी का इलाज हो सकेगा। उन्होंने राज्यपाल को इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद दिया। 

महिलाओं को सशक्त बनाने का कार्य सराहनीय: सुश्री उइके


TODAY छत्तीसगढ़  /रायपुर /  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज यहां राजभवन में सामजिक कार्यकर्ता पद्मश्री श्रीमती फुलबासन बाई यादव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। श्रीमती यादव ने उन्हें महिला समूहों के कार्य के अवलोकन के लिए राजनांदगांव आने का निमंत्रण दिया। 

राज्यपाल ने श्रीमती यादव के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा जो महिला समूहों को जोड़ने तथा सशक्तिकरण का कार्य किया जा रहा है वह प्रेरणादायी है। ऐसे कार्यो से महिलाओं को आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने श्रीमती यादव की हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया। श्रीमती यादव ने बताया कि उनके द्वारा मां बम्लेश्वरी महिला फाउंडेशन नाम से एक कंपनी बनाई गई है। उसमें महिला समूहों को जोड़ा गया है। इस कंपनी में करीब 1400 महिलाएं शामिल है जो करीब कई महिला समूहों से जुड़ी हुई है। कई महिला समूहों द्वारा जैविक खाद बनाने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही डेयरी भी चलाई जा रही है। इस डेयरी को अमूल जैसा ब्रांड बनाने का प्रयास किया जा रहा है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

इसके अवलोकन तथा प्रशिक्षण के लिए एक अमेरिकी संस्था जल्द ही राजनांदगांव आएगी। श्रीमती यादव ने बताया कि उनके द्वारा बनाए जैविक खादों को देश एवं प्रदेश में भेजा जा रहा है। इससे महिलाओं को अच्छी आय हो रही है और वे आत्मनिर्भर हो रही है। इस अवसर पर श्रीमती अनुपमा त्रिपाठी और सुश्री जितेश्वरी साहू उपस्थित थे।

IMA के सदस्यों ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र, राज्यपाल से मिलकर बोले 'हमें सुरक्षा दी जाये'


TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  कोरोना काल में कई शारीरिक-वैचारिक हमलों से जूझ रहे डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ इकाई ने मंगलवार को राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र सौंपा। इसमें डॉक्टरों ने कोरोना काल के दौरान की गई सेवाओं और उन पर हुए हमलों का जिक्र किया है। डॉक्टरों ने लिखा है, “एक अस्वस्थ समाज एक अस्वस्थ देश का निर्माण करता है। यह भविष्य के लिए घातक है।”

प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में डॉक्टरों ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान अपने सक्रिय योगदान के बावजूद हम सभी चिकित्सक बहुत दुखी और पीड़ा ग्रस्त हैं। पिछले दिनों देश में बहुत से चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों के ऊपर हिंसक आक्रमण किए गए। बहुतों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बहुत से युवा चिकित्सकों, महिला चिकित्सकों, यहां तक की बहुत से पुराने अनुभवी चिकित्सकों के ऊपर भी आक्रमण हुए। इस तरह का व्यवहार वास्तव में अत्यधिक मानसिक आघात पहुंचा रहा है। सभी कुछ भूलकर समर्पित भाव से कार्य करते हुए बहुत से लोगों की जान बचाने के बावजूद इन हिंसक आक्रमणों में कई युवा चिकित्सकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसका असर अन्य चिकित्सकों और उनके परिवारों पर भी हुआ। बहुत से परिवारों में चिकित्सक पति पत्नी दोनों का देहांत हो गया और उनके बच्चे अनाथ हो गए। संभव है कि भविष्य में जान जोखिम में डालकर काम करने की बजाय युवा, चिकित्सा क्षेत्र में आना ही ना चाहें और समाज में योग्य चिकित्सकों की कमी हो जाए। असुरक्षित वातावरण में कार्य करने का एक परिणाम यह भी हो सकता है कि, चिकित्सक आपातकालीन स्थितियों में मरीजों का इलाज करने से स्वयं को अलग रखें। इसका खामियाजा अंततः समाज को ही भुगतना पड़ेगा। 

                                         

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 एक अस्वस्थ समाज एक अस्वस्थ देश का निर्माण करता है, जो भविष्य के लिए बहुत घातक है।" राज्यपाल से मिलने जाने वालों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल, आइएमए की सचिव डॉ. आशा जैन और हास्पिटल बोर्ड रायपुर के अध्यक्ष डॉ. अनिल जैन शामिल थे।

                                            

वर्तमान परिस्थिति में बुजुर्गों के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता - राज्यपाल

विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई छत्तीसगढ़ की राज्यपाल। 

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज यहां राजभवन में हेल्पएज इंडिया द्वारा विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुई। उन्होंने वृद्धजनों को नमन करते हुए वर्तमान परिस्थिति में बुजुर्गों के प्रति ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति में लोगों की जीवन शैली में व्यापक बदलाव आए हैं। पहले लोग संयुक्त परिवार में रहते थे। संयुक्त परिवार में आनंद की अनुभूति होती है। वर्तमान परिस्थिति में नौकरी इत्यादि के लिए लोग संयुक्त परिवार को छोड़कर एकल परिवार में रहने लगते हैं। बुजुर्गों के संरक्षण में संयुक्त परिवार में यदि बच्चे पलते-बढ़ते हैं तो उनमें एक अलग संस्कार जागृत होता है। 

उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में परिवार एवं माता-पिता के प्रति क्या कर्त्तव्य होना चाहिए, को आवश्यक रूप से जोड़ना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बुजुर्गों के लिए हेल्पलाईन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो, इससे बुजुर्गों में आत्मविश्वास जागृत होगा तथा फोन पर मदद लेने का प्रयास भी कर सकेंगे। कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने हेल्पएज इंडिया के पदाधिकारियों एवं सभी वक्ताओं को बधाई दी। 

राज्यपाल ने कहा कि पारिवारिक ढांचे में बुजुर्ग वट वृक्ष के समान होते हैं, जिनकी हर शाखा परिवार के सदस्यों के आश्रय और छाया के लिए होती है। अपना संपूर्ण जीवन परिवार और उसके सदस्यों के लालन-पालन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मद्द करने वाले बुजुर्गों को समाज में महत्वपूर्ण स्थान मिलना ही चाहिए। हालांकि उनकी उपेक्षा की स्थिति में शासन की ओर से स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उनके लिए वृद्ध आश्रम भी बनाये जाने लगे हैं। लेकिन बेहतर होगा कि वे अपने जीवन की संध्या अपने परिवार और बच्चों के साथ खुशी-खुशी गुजारेंगे । 

उन्होंने कहा कि युवाओं को बुजुर्गों को यह समझाने की जरूरत है कि वे उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और उन्हें उनकी जरूरत है। इसके साथ ही उन्हें यह एहसास भी दिलाना होगा कि समाज के प्रति अभी उनकी जिम्मेदारी खत्म नहीं हुई है। हमें उन्हें मानसिक एवं शारीरिक रूप से मजबूत बनाना होगा और उनमें जीवन के प्रति उत्साह जागृत करना होगा। उन्हें यह महसूस होना चाहिए कि वे अपने अनुभवों की रोशनी से बच्चों के जीवन में प्रकाश ला सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि पूरे विश्व सहित हमारे देश में बुजुर्गों की बड़ी संख्या है। हर व्यक्ति उम्र के इस पड़ाव में एक दिन जरूर पहुंचता है। उस समय उन्हें विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है मानसिक और शारीरिक दोनो रूप से। यदि बुजुर्गों को अनुभवों का समृद्ध खजाना कहा जाए तो यह कोई अतिश्योक्तिपूर्ण बात नहीं होगी। ऐसे अनुभवी खजाने का युवाओं द्वारा अपना जीवन संवारने और सीख लेने में उपयोग करना चाहिए। भारतीय समाज में सदैव से बड़े-बुजुर्गों का सम्मानजनक स्थान रहा है और उनकी आज्ञा और मार्गदर्शन में काम करना हमारी परम्परा रही है।

                                                

ट्राईब्स इंडिया बिक्री केन्द्र के खुलने से आदिवासी आर्थिक रूप से होंगे सशक्त: सुश्री उइके

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज यहां राजभवन में ट्राईफेड द्वारा ‘‘संकल्प से सिद्धी-मिशन वन धन’’ मुहिम तथा छत्तीसगढ़ राज्य के जगदलपुर में दो नये ट्राईब्स इंडिया बिक्री केन्द्र के वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हुई। राज्यपाल ने कहा कि जगदलपुर में ट्राईब्स इंडिया बिक्री केन्द्र के खुलने से राज्य के आदिवासी आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। इससे संग्राहक से उद्यमी बनने का संकल्प भी पूरा होगा तथा आदिवासियों का जीवन स्तर अच्छा होगा। उन्होंने कहा- मेरे छत्तीसगढ़ राज्य पर सदैव ऐसे ही आशीर्वाद बनाएं रखें, जिससे मेरा छत्तीसगढ़ राज्य तेजी से प्रगति करे और सर्वोच्च शिखर पर पहुंचे। कार्यक्रम को जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुण्डा एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह ने भी संबोधित किया।
 

राज्यपाल ने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बाहुल्य राज्य है। साथ ही वन संसाधनों से भी भरपूर है। आदिवासियों की आजीविका मूलतः वन तथा वनोपज पर आधारित रहती है। क्योंकि आदिवासी प्रकृति पूजक होते हैं और प्रकृति के अनुरूप जीवन यापन करते हैं। अतः उन्हें वनों में पाए जाने वाले वन उत्पादों और जड़ी-बुटियों की अच्छी जानकारी होती है। इसकी मेडिसिनल वेल्यू भी अच्छी होती है। आदिवासी जन्म से हूनरमंद होते हैं। ईश्वर ने उनके हाथ में किसी कला कृति को गढ़ने और बनाने की शक्ति प्रदान की है। जिस वस्तु को हाथ लगाते हैं उसमें एक अद्भुत सौंदर्य आ जाता है। मगर स्थानीय स्तर पर उनके कला कृतियों को अच्छी कीमत नहीं मिल पाती है। परन्तु राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में इसकी कीमत हजारों लाखों में होती है। उन्होंने कहा कि ट्राईफेड द्वारा यह केन्द्र खोलने पर आदिवासियों को अपने उत्पादों को बेचने का अच्छा केन्द्र उपलब्ध हो जाएगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। वे राष्ट्र की प्रगति में संपूर्ण योगदान दे पाएंगे। क्योंकि देश के आर्थिक विकास में उनका योगदान अपेक्षाकृत कम है, इससे उनके योगदान में वृद्धि होगी। 

इस अवसर पर वन-धन वेब एवं मोबाईल एप्लीकेशन का लांच किया गया तथा ट्राईबल आर्ट एंड क्राफ्ट कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया गया। उल्लेखनीय है कि जगदलपुर के चांदनी चौक और एयरपोर्ट में बिक्री केन्द्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ट्राईफेड के चेयरमेन श्री रमेश चन्द मीणा और ट्राईफेड के चेयरमेन श्री प्रवीर कृष्णा भी उपस्थित थे।

                                            

राज्यपाल ने स्वास्थ्य सचिव और महाधिवक्ता के साथ बैठक की, मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण और जेल में बंद आदिवासियों के मामलों पर हुई चर्चा

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल अनुसुईया उइके ने शुक्रवार को राजभवन में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के साथ बैठक की. राज्यपाल ने डॉ. शुक्ला से चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग में अध्यनरत छात्रों के संबंध में जानकारी ली और जल्द आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने महाधिवक्ता वर्मा के साथ न्यायालयीन प्रकरणों के संबंध में भी चर्चा की.

राज्यपाल उइके ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग में अध्यनरत छात्रों के भविष्य के संबंध में संज्ञान लिया है. उन्होंने स्वास्थ्य सचिव डॉ. शुक्ला से कहा कि मेडिकल छात्रों के विषय में संवेदनशीलता के साथ कार्य करें. यह विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है. यह विषय काफी समय से लंबित है. छात्रों और पालकों द्वारा मुझसे राहत दिलाने के लिए निरंतर निवेदन किया जा रहा है. इसलिए इसमें त्वरित निर्णय लें, ताकि उनका अध्ययन सुचारू रूप से चले और उनका भविष्य सुरक्षित रहे. 

                                               

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स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला ने बताया कि कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर विभिन्न समितियां गठित की गई है. उन समितियों से प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात जल्द कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में यदि न्यायालय का निर्णय आता है, तो उसका पालन किया जाएगा. साथ ही मेडिकल कॉसिल ऑफ इंडिया के द्वारा अनुमति प्रदान किए जाने पर अध्ययनरत छात्रों को अन्य कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कॉलेज प्रबंधन शुल्क को लेकर किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोक सकता. इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे.

राज्यपाल ने महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के साथ बैठक में उच्च न्यायालय में लंबित राज्य शासन के विभिन्न प्रकरणों की जानकारी ली. राज्यपाल ने नक्सली मामलों में जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई के संबंध में चर्चा की. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए जल्द सुनवाई कराने का प्रयास करें. ताकि जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई जल्द हो सके. उन्होंने कहा कि वे चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज के संबंध में न्यायालय से जल्द निर्णय सुनाने का निवेदन करें. ताकि छात्र अपने भविष्य को लेकर संशय की स्थिति में न रहे और उनका अध्ययन निर्बाध रूप से पूर्ण हो सके.

                                               

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन में किया पौधरोपण


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने शनिवार को राजभवन परिसर के उद्यान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पौधरोपण किया। उन्होंने इस अवसर पर अमलताश, कचनार, चंदन, फाईकस और गोल्डन साईप्रस पौधे का रोपण किया। राज्यपाल ने अपने द्वारा पूर्व में रोपण किए गए पौधों का निरीक्षण किया गया और उन्हें संरक्षित करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई दी। साथ ही उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी पर्यावरण का संरक्षण करें और अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें। इसे एक दिन के आयोजन से ही इतिश्री न करें। जब-जब अनुकुलता हो वृक्षारोपण करें और उनके संरक्षण की जिम्मेदारी लें। यह देखें कि पौधा लगाने के बाद नष्ट न हों। आज कोरोना संक्रमण के समय पर्यावरण संरक्षण की अधिक जरूरत है, जिसे हम वृक्षारोपण के माध्यम से पूरी कर सकते हैं।  

                                              

नशामुक्त समाज के निर्माण में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने का संकल्प लें - राज्यपाल

TODAY
 छत्तीसगढ़  / 
 हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस दिन, लोगों को स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं.
तंबाकू के उपयोग से जुड़े जोखिम को उजागर करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. वार्षिक अभियान लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने और उपयोग को कम करने में मदद करने के लिए जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है. इस दिन, लोगों को स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. अगर आप धूम्रपान छोड़ देते हैं तो तत्काल और दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तंबाकू के उपयोग के स्वास्थ्य जोखिमों को उजागर करने और धूम्रपान और अन्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने में मदद करने वाली नीतियों को लागू करने के लिए सरकारों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस को बढ़ावा देता है.
 दिन विशेष पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने ट्वीटर के माध्यम से नशामुक्त समाज निर्माण की अपील की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लिखते हैं - " तम्बाखू सेवन से दूर रहकर स्वस्थ्य जीवन जीये। इसी तरह आज ट्वीटर पर तम्बाखू सेवन के विरोध में सैकड़ों ट्वीट किये गए हैं।  

इसके अलावा और अपडेट ट्वीट देखने के लिए यहाँ क्लिक करें -  

देश को कोरोना वायरस तथा विघटनकारी तत्वों से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें - राज्यपाल


TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूरे देशवासियों, सेना के जवानों सहित प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि 15 अगस्त 1947 को आज ही के दिन हमारा देश गुलामी से मुक्त हुआ था और स्वतंत्रता की ताजी हवा में सांस ली थी। अनेक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समर्पण, त्याग और बलिदान से देश को आजादी मिली। मैं इस अवसर पर उन समस्त महापुरूषों को नमन करती हूं। इस आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमारे सेना के जवानों और पुलिस कर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है। मैं उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित करती  हूंऔर नमन करती हूं। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
राज्यपाल ने कहा कि आजादी के इस पावन पर्व पर देश को कोरोना वायरस तथा विघटनकारी तत्वों से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें और आधुनिक तकनीक और स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा कर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जो पूरे विश्व का नेतृत्व करे। साथ ही मैं नई  पीढ़ी से आह्वान करती हूं कि इस आजादी को अक्षुण्ण बनाए रखने तथा भारत की एकता और अखण्डता को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भागीदारी निभायें। 

कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने युवाओं को प्रेरित किया जाए- राज्यपाल

TODAY छत्तीसगढ़  / राज्यपाल अनुसुईया उइके आज स्नातक कृषि शिक्षा में पुनर्विचार विषय पर आयोजित भारतीय कृषि विश्वविद्यालय संघ के 44वें वार्षिक कुलपति सम्मेलन में शामिल हुई। उन्होंने कहा कि दिनों दिन बढ़ रही आबादी की तुलना में रोजगार के अवसर उतने नहीं बढ़ रहे हैं, ऐसे में कृषि ही एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें बड़ी संख्या में रोजगार का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाने युवाओं को प्रेरित किया जाए, जिससे कृषि को उद्योग के रूप में परिवर्तित किया जावे।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे परम्परागत और पुराने बीजों का संरक्षण किया जाना चाहिए। जैविक खेती का प्रचलन बढ़ रहा है, इसे अधिक से अधिक अपनाना चाहिए। हमारे आदिवासी क्षेत्रों में कोदो-कुटकी की खेती होती रही है, अब उन्हें बहुराष्ट्रीय कंपनियां अच्छे दामों में खरीद रही हैं, यह कभी गरीबों का भोजन हुआ करता था, आज बड़े-बड़े होटलों में इनकी मांग बढ़ रही है। मेरा सुझाव है कि आदिवासी क्षेत्रों में बोए जाने वाले इस तरह के फसलों को प्रोत्साहित करें। इससे हमारा आदिवासी समाज कृषि के क्षेत्र में प्रगति कर पाएगा।
सुश्री उइके ने पुराने समय के याद साझा करते हुए कहा कि मेरी भी कृषि में रूचि है और मैंने अपने गृह जिले में एक छोटा सा फार्म हाऊस विकसित किया है, जिसमें मैं खेती करती थी और बड़ी मात्रा में शिमला मिर्च और अन्य सब्जियों का उत्पादन करती थी। आज इतनी अच्छी तकनीक आ गई है कि विद्यार्थी इन्हें अपनाकर कृषि कार्य करें तो कृषि को मुनाफे का व्यवसाय के रूप में अपना सकते हैं।
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राज्यपाल ने कहा कि आने वाले समय में कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ इस व्यवसाय को और अधिक लाभप्रद बनाना होगा। इस हेतु हमें प्रशिक्षक मानव संसाधन को कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों में लाना होगा एवं यदि हम 80 प्रतिशत कृषि स्नातकों को इस क्षेत्र में ला सकें तो कृषि, समाज एवं देश की कई समस्याओं का समाधान किया जा सकता। साथ ही छात्र स्नातक शिक्षा समाप्त करने के साथ ही कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग प्रारंभ करने के योग्य हो जावे। कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति डॉ. एस.के.पाटिल तथा अन्य विभिन्न विवि के कुलपति उपस्थित थे।
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