रायपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / प्रदेश में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर कलेक्टर गाइडलाइन दरों में की गई वृद्धि पर व्यापक विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री साय की सरकार ने गाइडलाइन दरों से संबंधित कई संशोधित आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे जमीन कारोबारी, आम नागरिकों और किसानों को राहत मिलने की संभावना है।
500 प्रतिशत तक वृद्धि से भड़का विरोध
हाल ही में जारी नए गाइडलाइन दरों में कई जिलों में 100 प्रतिशत तक, जबकि कुछ क्षेत्रों में 500 प्रतिशत तक वृद्धि की गई थी। इस बढ़ोतरी ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्मा दिया। किसान, आम नागरिक, भूमि विक्रेता और रियल एस्टेट कारोबारी इसके विरुद्ध सड़क पर उतर आए। साथ ही, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया।
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सत्ता पक्ष के सांसद ने भी चेताया
गाइडलाइन दर बढ़ोतरी के विरोध में सिर्फ विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष से भी नाराजगी सामने आई। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि गाइडलाइन वापस नहीं ली गई, तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था, राजस्व और रियल एस्टेट गतिविधियों में ठहराव आ सकता है। उनका कहना था कि जमीन खरीद-बिक्री प्रभावित होने से मंडी, उद्योग और निवेश पर विपरीत असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री साय का जवाब: नियमों के अनुसार समीक्षा जरूरी
विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री साय ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि वर्ष 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार हर वर्ष इसकी समीक्षा आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि यदि नई दरों से जनता पर बोझ बढ़ता है, तो सरकार समीक्षा कर राहत देगी। इसी आधार पर अब संशोधित आदेश वापस ले लिए गए हैं।
संशोधित आदेश वापस लेने के बाद:
✔ जमीन खरीदने वालों पर अतिरिक्त बोझ कम होगा
✔ किसानों की कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री प्रभावित नहीं होगी
✔ रियल एस्टेट कारोबार में फिर से गति आएगी
✔ निवेश को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल लौट सकता है























