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जमीन की खरीद-बिक्री पर राहत: सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन दर में संशोधित आदेश वापस लिया


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  प्रदेश में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर कलेक्टर गाइडलाइन दरों में की गई वृद्धि पर व्यापक विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री साय की सरकार ने गाइडलाइन दरों से संबंधित कई संशोधित आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे जमीन कारोबारी, आम नागरिकों और किसानों को राहत मिलने की संभावना है।

500 प्रतिशत तक वृद्धि से भड़का विरोध

हाल ही में जारी नए गाइडलाइन दरों में कई जिलों में 100 प्रतिशत तक, जबकि कुछ क्षेत्रों में 500 प्रतिशत तक वृद्धि की गई थी। इस बढ़ोतरी ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्मा दिया। किसान, आम नागरिक, भूमि विक्रेता और रियल एस्टेट कारोबारी इसके विरुद्ध सड़क पर उतर आए। साथ ही, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया।

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सत्ता पक्ष के सांसद ने भी चेताया

गाइडलाइन दर बढ़ोतरी के विरोध में सिर्फ विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष से भी नाराजगी सामने आई। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि गाइडलाइन वापस नहीं ली गई, तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था, राजस्व और रियल एस्टेट गतिविधियों में ठहराव आ सकता है। उनका कहना था कि जमीन खरीद-बिक्री प्रभावित होने से मंडी, उद्योग और निवेश पर विपरीत असर पड़ेगा।

मुख्यमंत्री साय का जवाब: नियमों के अनुसार समीक्षा जरूरी

विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री साय ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि वर्ष 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार हर वर्ष इसकी समीक्षा आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि यदि नई दरों से जनता पर बोझ बढ़ता है, तो सरकार समीक्षा कर राहत देगी। इसी आधार पर अब संशोधित आदेश वापस ले लिए गए हैं। 

लाभ किसे मिलेगा ?

संशोधित आदेश वापस लेने के बाद:

✔ जमीन खरीदने वालों पर अतिरिक्त बोझ कम होगा

✔ किसानों की कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री प्रभावित नहीं होगी

✔ रियल एस्टेट कारोबार में फिर से गति आएगी

✔ निवेश को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल लौट सकता है

रायपुर में करणी सेना की महापंचायत, राजगीत का अपमान; पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन में जुटे मुठ्ठी भर लोग


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  / राजधानी में सूदखोरी के आरोपी हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह और रोहित तोमर के खिलाफ हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में रविवार को राजपूत करणी सेना ने महापंचायत आयोजित की। संगठन से जुड़े कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों से रायपुर पहुंचे और तोमर परिवार के घर के सामने मैदान में इकट्ठा हुए।

महापंचायत के बाद करणी सेना के प्रतिनिधि शाम चार बजे गृहमंत्री विजय शर्मा के शासकीय निवास के सामने पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए। सेना की ओर से यह कार्रवाई आठ सूत्रीय मांग पत्र के आधार पर की जा रही है।


कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ी राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ को बजाकर की गई। लेकिन आयोजन के दौरान कई कार्यकर्ता गीत बजने के समय बैठे रहे, जिससे विवाद की स्थिति बनी। राजगीत के दौरान खड़े होकर सम्मान देने का नियम अधिसूचित है और पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में प्रकरण दर्ज करने पर विचार किया जा रहा है। 
सेना क्या मांग कर रही है ?

करणी सेना का कहना है कि तोमर परिवार और संगठन से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज मामले राजनीतिक और आधारहीन हैं। संगठन ने सरकार से निम्न मांगें की हैं — प्रमुख मांगों में संबंधित टीआई और सीएसपी पर कार्रवाई, सूदखोरी प्रकरणों में दर्ज एफआईआर को निरस्त किया जाये, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली की जाँच समेत अन्य मुद्दे हैं।  


गृहमंत्री विजय शर्मा के कार्यालय ने फिलहाल इस मामले पर टिप्पणी नहीं की है। पुलिस का कहना है कि शिकायतों और मांगों को विधि अनुसार जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

Chhattisgarh: रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी पर विवाद, मुख्यमंत्री ने पुनर्विचार के दिए संकेत


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ में जमीन की नई रजिस्ट्री (गाइडलाइन) दरों में बढ़ोतरी के विरोध के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि सरकार जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने देगी। साय का कहना है कि गाइडलाइन दर को लेकर विभागीय स्तर पर अभी भी चर्चा जारी है और जरूरत पड़ने पर सरकार पुनर्विचार करने के लिए तैयार है।


मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि वर्ष 2017 के बाद से राज्य में जमीन की गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था, जबकि नियमों के अनुसार हर वर्ष इन दरों को अपडेट किया जाना चाहिए। साय ने कहा कि गाइडलाइन में बढ़ोतरी के कुछ सकारात्मक पहलू भी हैं, लेकिन वे अभी जनता को स्पष्ट रूप से समझ नहीं आ रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि नई दरों से आम लोगों को असुविधा होती है, तो सरकार स्थिति की समीक्षा कर राहत विकल्पों पर विचार करेगी।


नई गाइडलाइन दरों को वापस लेने की मांग तेज होती जा रही है। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि दरों में वृद्धि से राज्य की अर्थव्यवस्था और रियल एस्टेट क्षेत्र प्रभावित हो सकता है। वहीं, विपक्षी दल इसके विरोध में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और दरों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

Chhattisgarh: DSP पर धोखाधड़ी और धमकी के आरोप, अधिकारी ने किया इनकार

DSP कल्पना वर्मा 
रायपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ में तैनात महिला डीएसपी कल्पना वर्मा पर एक दंपति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दंपति का कहना है कि कल्पना वर्मा ने प्रेम संबंध और शादी का दबाव बनाकर करोड़ों रुपये वसूले। वहीं डीएसपी ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया है।


पीड़ित दीपक टंडन का कहना है कि उनकी मुलाकात वर्ष 2021 में डीएसपी कल्पना वर्मा से हुई, जिसके बाद उनके बीच निजी संबंध बन गए। दीपक के मुताबिक यह संबंध लगभग चार साल तक चला। उनका दावा है कि इस दौरान डीएसपी कल्पना वर्मा ने अलग-अलग जरूरतों का हवाला देकर उनसे दो करोड़ रुपये से अधिक की राशि ली। दीपक का आरोप है कि जब डीएसपी ने शादी का दबाव बनाया और उन्होंने पत्नी से तलाक देने से इनकार किया, तो पैसे को लेकर विवाद बढ़ गया। दीपक का कहना है कि विवाद के बाद उन्होंने वसूली गई रकम वापस करने की मांग शुरू की। 
दीपक के अनुसार, दो साल चले रिश्ते में कल्पना को बैंक-ऑनलाइन पेमेंट से ढाई करोड़ (Love Affair Extortion 2.5 Crore) दिए, जिसमें 12 लाख की हीरा की अंगूठी, 10 लाख का ब्रेसलेट, 5-5 लाख सोने की चेन-टॉप्स, महंगे कपड़े और मॉल में शॉपिंग खरीदारी शामिल है। इसके अलावा दीपक ने यह भी दावा किया है कि दबाव में उसने VIP रोड के एटमॉस्फेरिया होटल DSP के भाई के नाम रजिस्टर कराया। दीपक ने इसके लिए मोटी रकम चुकाई लेकिन कल्पना ने 30 लाख लगाकर अपने नाम कर लिया। इतना ही नहीं, DSP ने कारोबारी की पत्नी बरखा के नाम 22 लाख टोयोटा हाइराइडर कार भी कब्जे में ले ली। बरखा ने अपनी शिकायत में पति को बचाने की गुहार लगाई है। 


दीपक की पत्नी, बरखा टंडन का कहना है कि उनके पति देर रात तक डीएसपी से वीडियो कॉल पर बात करते थे और विरोध करने पर भी यह सिलसिला जारी रहा। बरखा ने दावा किया कि कल्पना वर्मा ने उनसे 45 लाख रुपये के चेक पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया, जिसे बाद में बैंक से निकाल लिया गया। बरखा का आरोप है कि इसके बाद डीएसपी ने उल्टा उनके और उनके पति के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। दंपति का कहना है कि उन्होंने अपने दावों से जुड़े स्क्रीनशॉट भी पुलिस अधिकारियों को सौंपे हैं।


इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएसपी कल्पना वर्मा ने दंपति द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को “बेबुनियाद, झूठा और उन्हें फंसाने की कोशिश” बताया है। उनका कहना है कि इस आरोप के पीछे निजी स्वार्थ और दबाव बनाने की रणनीति है।


अधिकारियों के अनुसार, यह मामला अभी प्राथमिक स्तर पर है और दंपति द्वारा की गई शिकायत पर संबंधित विभाग दस्तावेज़ों और डिजिटल साक्ष्यों की जांच कर रहा है। जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

📌 महत्वपूर्ण:
रिपोर्ट में शामिल सभी आरोप एक पक्ष द्वारा लगाए गए हैं। इस मामले में पुलिस जांच जारी है, और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले आधिकारिक जांच का परिणाम आना बाकी है।

प्रसूता को मिली दूषित दवा: कैल्शियम सिरप में मिला मांस का टुकड़ा, अस्पताल में हड़कंप


रायपुर ।
 TODAY छत्तीसगढ़  / प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। कुछ दिन पहले बीजापुर में आंखों के ऑपरेशन में बरती गई लापरवाही सुर्खियों में थी। अब राजधानी रायपुर से एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां स्वास्थ्य केंद्र में प्रसूता को दिए गए कैल्शियम सिरप की बोतल में मांस का टुकड़ा पाया गया।

यह मामला देवपुरी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। सिरप पीने के दौरान परिजन को बोतल में संदिग्ध रूप नजर आया। संदेह होने पर प्रसूता का पति सिरप की बोतल लेकर सीधे स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गया। बोतल में मिला मांस का टुकड़ा कथित रूप से कैलसिड कंपनी के कैल्शियम सिरप में पाया गया। जानकारी के अनुसार, यह सिरप दवा निगम के माध्यम से अस्पताल को उपलब्ध कराया गया था।

घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी ने बोतल को जांच के लिए सुरक्षित रख लिया है। उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। वहीं, इस घटना से अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते सिरप न परोसा जाता तो मरीज की जान पर भी बन सकती थी।

इस घटना के बाद देवपुरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है। 

26 दिन से फरार: अमित बघेल 3 दिन की पुलिस रिमांड पर, पहले जाएंगे मां के अंतिम संस्कार में

Chhattisgarh: विवादित बयानों के मामले में करीब 26 दिनों से फरार चल रहे छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को देवेंद्र नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बघेल खुद थाने पहुंचे थे, लेकिन अंदर जाने से पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।


रायपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /विवादित बयानों के मामले में फरार चल रहे छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल को देवेंद्र नगर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। बघेल पुलिस थाने के बाहर खुद को सरेंडर करने पहुंचे थे, लेकिन थाने से करीब 20 मीटर पहले ही पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उन्हें पकड़ लिया। पुलिस इसे कानूनी गिरफ्तारी बता रही है, जबकि समर्थक इसे स्वैच्छिक सरेंडर बता रहे हैं।

गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अमित बघेल को कोर्ट में पेश किया, जहां न्यायालय ने उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। इससे पहले उन्हें पुलिस कस्टडी में ही मां के अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव भेजा जाएगा। गौरतलब है कि बघेल की मां का निधन शुक्रवार को हुआ है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को गांव पथरी में होना है।

समर्थकों ने जी-रोड जाम किया, आम जनता परेशान

गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही बघेल के समर्थकों ने आमापारा जी-रोड पर प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दी। करीब दो घंटे तक दोनों ओर से यातायात बाधित रहा, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बाद में पुलिस और समर्थकों की आपसी समझ से एंबुलेंस को रास्ता दिया गया और एक ओर का रास्ता खोलकर जाम आंशिक रूप से हटाया गया।

26 दिनों से थे फरार, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी फटकार

अमित बघेल विवादित और आपत्तिजनक बयानों से जुड़े मामलों में करीब 26 दिनों से फरार थे। 26 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए सख्त टिप्पणी की थी। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था— “अपनी जुबान पर लगाम रखें। जहां-जहां FIR दर्ज है, वहां की कानूनी प्रक्रिया का सामना करें। कोई राहत नहीं दी जाएगी, कानून अपना काम करेगा।”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी बयान देते हुए कहा कि अलग-अलग धर्म और संप्रदायों के खिलाफ टिप्पणी करने पर कई जिलों में FIR दर्ज हुई थीं। आज कानून के अनुसार कार्रवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी हुई है।

RAIPUR: ट्रैफिक समस्या को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल, रिंग रोड-1 की सर्विस रोड होगी 11 मीटर चौड़ी


नई दिल्ली/रायपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर शहर की ट्रैफिक समस्या को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल गई है। सांसद बृजमोहन अग्रवाल के प्रयासों पर केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एनएच-53 रिंग रोड नंबर-1 की सर्विस रोड चौड़ीकरण परियोजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

संसद भवन में हुई विशेष मुलाकात के दौरान सांसद अग्रवाल ने रायपुर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव, स्थानीय नागरिकों को हो रही समस्या और सर्विस रोड की अपर्याप्त चौड़ाई का मुद्दा मजबूती से उठाया। उनके तथ्यात्मक और जनहितकारी तर्कों से प्रभावित होकर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने तुरंत परियोजना को मंजूरी देते हुए संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

5 मीटर से बढ़कर 11 मीटर होगी सर्विस रोड

सांसद अग्रवाल द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव के मुताबिक मौजूदा 5 मीटर सर्विस रोड को बढ़ाकर 11 मीटर किया जाएगा। यह चौड़ीकरण टाटीबंध से तेलीबांधा के बीच किया जाना है, जो शहर का सबसे व्यस्त मार्ग है और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधीन आता है।

तेजी से बढ़ते शहरीकरण से बढ़ा ट्रैफिक

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि रिंग रोड-1 को कभी शहर की सीमा के बाहर बनाया गया था, लेकिन तेज शहरीकरण के कारण इसके आसपास अब बड़ी आवासीय कालोनियां और व्यावसायिक परिसरों का विकास हो चुका है। ऐसे में भारी और स्थानीय वाहनों का दबाव काफी बढ़ गया है, जिससे 5 मीटर चौड़ाई पर्याप्त नहीं रह गई।

जाम से राहत, आपातकालीन वाहनों की आवाजाही सुगम

सर्विस रोड के चौड़ीकरण से स्थानीय यातायात को मेन हाईवे से अलग किया जा सकेगा। 11 मीटर चौड़ी लेन पर वाहनों का दबाव विभाजित होगा, जिससे एनएच-53 पर जाम की समस्या में कमी आएगी। साथ ही आम नागरिकों, व्यापारी वर्ग, कार्यालय आने-जाने वालों एवं एंबुलेंस/आपात वाहनों की आवाजाही में उल्लेखनीय सुधार होगा।

“जनहित मेरा पहला लक्ष्य” — सांसद अग्रवाल

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि रायपुरवासियों की सुविधा और सुरक्षित यातायात व्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्वीकृति रायपुर की वर्षों पुरानी ट्रैफिक समस्या के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण जीत है।

Chhattisgarh: आदिवासी क्षेत्रों में खनन का विरोध तेज, सरकार पर पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने के आरोप


रायपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ में खनन परियोजनाओं को लेकर उबाल तेज होता जा रहा है। विभिन्न संगठनों का आरोप है कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक आंदोलनों को दरकिनार कर सरकार पुलिस बल के सहारे परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है, जिससे लोगों में गहरी नाराज़गी व्याप्त है। 
जल, जंगल-जमीन के लिए सालों से आदिवासियों के हक़ की आवाज़ बने आलोक शुक्ला ने राजनैतिक लोगों पर खुलकर आरोप लगाया है कि वे केवल बयानबाजी तक सिमित हैं।   
आरोप है कि पिछले दो वर्षों में सरकार का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों की जंगल-जमीन छीनकर निजी कंपनियों के हवाले करना बन गया है। हसदेव अरण्य में कथित तौर पर फर्जी ग्रामसभा प्रस्ताव की जांच रिपोर्ट आने के बाद भी परसा और PEKB कोल ब्लॉक के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर पेड़ों की कटाई कराई गई। अब दोबारा पेड़ों की कटाई की तैयारी की जा रही है।

इधर रायगढ़ में भी विरोध के बावजूद गारे–पेलमा कोल ब्लॉक के लिए पेड़ काटकर खदान संचालन शुरू कर दिया गया। स्थानीय लोगों के व्यापक विरोध के बावजूद गारे–पेलमा-1 की जनसुनवाई फिर करवाई जा रही है। हाल ही में अंबुजा-अदाणी परियोजना की जनसुनवाई के दौरान प्रशासन की सख्ती के चलते लोगों को सड़क काटकर धरना पर बैठना पड़ा।

मेनपाट में भी बक्साइट खनन के लिए भारी विरोध के बीच जनसुनवाई जबरन आयोजित कराई गई। बस्तर में नंदराज पहाड़ की कथित फर्जी ग्रामसभा निरस्त होने के बावजूद खनन की तैयारी जारी है। आंदोलनकारी संगठनों का कहना है कि आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के हनन पर मुख्यमंत्री की चुप्पी चिंता का विषय है।  
आरोप ये भी है कि पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ की ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी गई। वहीं कांग्रेस के कुछ नेताओं पर भी आरोप लगे कि वे केवल बयान देकर अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं।

 (सोर्स/ आलोक शुक्ल जी के फेसबुक वाल से)

Chhattisgarh: बीजापुर में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, 12 नक्सली ढेर; तीन जवान शहीद, दो घायल

सांकेतिक तस्वीर/ TCG NEWS 
बीजापुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बीजापुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। घने जंगलों में चली भीषण मुठभेड़ में बलों ने 12 माओवादियों को ढेर कर दिया। क्षेत्र में अभी भी सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है।

मुठभेड़ के दौरान DRG बीजापुर के प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और आरक्षक रमेश सोड़ी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहादत दी। सरकार ने तीनों वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। इस मुठभेड़ में दो अन्य जवान घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों खतरे से बाहर हैं और उनका समुचित इलाज कराया जा रहा है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक बस्तर के अंतिम गाँव में शांति, सुरक्षा और विकास का प्रकाश नहीं पहुँचता, अभियान निर्बाध जारी रहेगा। 

सरकार का कहना है कि जवानों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। लगातार मिल रही सफलताएँ यह संकेत देती हैं कि लाल आतंक का अंत अब निकट है। सुरक्षा बल और सरकार “माओवाद के पूर्ण खात्मे” के संकल्प पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।


IND vs SA: टीम इंडिया और दक्षिण अफ्रीका रायपुर पहुंची, 3 को नवा रायपुर स्टेडियम में होगा वनडे मैच


 रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 3 दिसंबर को खेले जाने वाले वनडे मुकाबले को लेकर राजधानी रायपुर में उत्साह चरम पर है। मैच से पहले दोनों टीमें रांची से रायपुर एयरपोर्ट पहुंच गईं। एयरपोर्ट पर रोहित शर्मा, विराट कोहली सहित अन्य खिलाड़ियों के स्वागत के लिए भारी संख्या में फैन्स का जमावड़ा देखने को मिला। सुरक्षा घेरे के बीच खिलाड़ी सीधे नवा रायपुर स्थित मेफेयर होटल के लिए रवाना हुए। इस सम्बन्ध में एक सवाल के जवाब में राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ख़ुशी व्यक्त की है। 

आज प्रैक्टिस करेगी दोनों टीमें

प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 दिसंबर को दक्षिण अफ्रीका की टीम दोपहर 1:30 बजे, जबकि टीम इंडिया शाम 5:30 बजे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में अभ्यास करेगी। खिलाड़ियों की सुविधा के लिए मुंबई से विशेष लग्जरी बसें रायपुर भेजी गई हैं, जो एयरपोर्ट से स्टेडियम और होटल के लिए उपयोग की जाएंगी।

स्टेडियम तैयारियों में तेजी, 70% काम पूरा

नवा रायपुर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में वनडे मैच की तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं। लगभग 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी कार्य युद्धस्तर पर जारी है। दर्शकों के बैठने की व्यवस्था सुधारने के लिए टूटी कुर्सियाँ बदली गई हैं। पूरे परिसर में रंग-रोगन कर स्टेडियम को नया स्वरूप दिया गया है।

सुरक्षा कड़ी, स्टेडियम में प्रवेश नियम सख्त

पिछले मैच में एक फैन के सुरक्षा घेरा तोड़कर रोहित शर्मा तक पहुंचने की घटना को ध्यान में रखते हुए इस बार सुरक्षा बेहद मजबूत की गई है। स्टेडियम की जालियों की ऊंचाई बढ़ा दी गई है और चारों ओर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी। स्टेडियम में पेन, पानी की बोतल, खाने-पीने की वस्तुएँ ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। मैच दोपहर 1 बजे शुरू होगा, इसलिए दर्शकों को समय से पहले पहुंचने की सलाह दी गई है।

खिलाड़ियों के लिए विशेष भोजन व्यवस्था

दोनों टीमों के लिए भोजन की विशेष व्यवस्था की गई है। टीम इंडिया को छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजनों के साथ विभिन्न राज्यों की डिशेज परोसी जाएंगी। वहीं दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए विदेशी भोजन और स्पेशल न्यूट्रीशियन डाइट तैयार की गई है। मैच वाले दिन भोजन होटल से सीधे स्टेडियम पहुँचाया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों को स्वाद और फिटनेस, दोनों में कोई असुविधा न हो।


रायपुर में DGP/IGP कॉन्फ्रेंस का पहला दिन, सुरक्षा तंत्र पर हुई गहन चर्चा


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /   राजधानी रायपुर में आयोजित DGP/IGP कॉन्फ्रेंस के पहले दिन देश की सुरक्षा व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत मंथन किया गया। देशभर से पहुंचे शीर्ष पुलिस अधिकारी राष्ट्रीय सुरक्षा, आंतरिक चुनौतियों और आधुनिक policing से जुड़े मुद्दों पर अपने अनुभव और विचार साझा करते नजर आए। इस आशय का ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर किया है। 

सम्मेलन के दौरान अधिकारियों ने बतौर मंच इसका महत्व रेखांकित करते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस देशभर के पुलिस बलों के लिए सर्वोत्तम कार्य-प्रणालियों और नवीन नवाचारों को साझा करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। बदलती सुरक्षा जरूरतों को देखते हुए आपसी समन्वय और तकनीकी उन्नयन पर भी विशेष जोर दिया गया।

पहले दिन की बैठकों में राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर साइबर क्राइम, कानून-व्यवस्था और खुफिया व्यवस्था को मजबूत करने जैसे मुद्दों पर व्यापक विमर्श हुआ। सम्मेलन के आगामी सत्रों में भी कई अहम विषयों पर चर्चा जारी रहने की संभावना है।

बस्तर में बड़ी सफलता: 25 लाख के इनामी चैतू सहित 10 माओवादी का आत्मसमर्पण, मुख्यधारा में लौटे


रायपुर/बस्तर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ में माओवाद समाप्ति की दिशा में राज्य सरकार को एक और बड़ी सफलता मिली है। बस्तर क्षेत्र में वर्षों से सक्रिय रहे कुख्यात माओवादी और 25 लाख के इनामी चैतू उर्फ श्याम दादा ने अपने साथियों सहित आत्मसमर्पण कर दिया है। कुल 10 माओवादी, जिन पर मिलाकर 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था, ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

समर्पण का आधार बनी सरकार की नई नीतियाँ

राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम–पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी मानवीय और दूरदर्शी पहल का बस्तर में गहरा प्रभाव दिखाई दे रहा है। सरकार का कहना है कि इन नीतियों ने क्षेत्र में विश्वास, सुरक्षा और स्थायी शांति का माहौल बनाया है। इसी वजह से माओवादी संगठन के भ्रमजाल में फँसे कई लोग अब लगातार हिंसा छोड़कर विकास की राह चुन रहे हैं।

वरिष्ठ माओवादी भी लौट रहे मुख्यधारा में

आत्मसमर्पण करने वालों में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का वरिष्ठ सदस्य शाम दादा (चैतू) भी शामिल है, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों की तलाश में था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह समर्पण बस्तर में माओवाद के कमजोर होते नेटवर्क का अहम संकेत है।

पुनर्वास व सुरक्षा की गारंटी

सरकार ने स्पष्ट किया है कि समर्पण करने वाले सभी माओवादियों को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन के लिए आवश्यक पुनर्वास सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इनमें आवास, आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सुविधा और पुनर्वास अनुदान शामिल है।

बस्तर में स्थायी शांति की दिशा में बढ़ते कदम

पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है और विकास कार्यों में तेजी आई है। सरकार का दावा है कि यह उपलब्धि जनता के विश्वास और क्षेत्र में लागू प्रभावी रणनीति का परिणाम है।

Chhattisgarh: महिला कबड्डी विश्व कप की स्टार खिलाड़ी संजू देवी ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात


रायपुर । 
TODAY छत्तीसगढ़  / महिला कबड्डी विश्व कप में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाने वाली स्टार खिलाड़ी संजू देवी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य भेंट की। संजू देवी की उपलब्धियों पर मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर संजू देवी ने न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी संजू देवी अपने खेल कौशल से राज्य की प्रतिभाओं का मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से खेल और खिलाड़ियों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।

संजू देवी ने मुलाकात के दौरान विश्व कप के अनुभव साझा किए और राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को दिए जाने वाले सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि महिला कबड्डी विश्व कप में संजू देवी के दमदार प्रदर्शन ने भारतीय टीम को मजबूत बढ़त दिलाई थी। मुख्यमंत्री और खिलाड़ी की इस सौजन्य भेंट के दौरान खेल विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

जशपुर स्कूल में दर्दनाक हादसा: प्रिंसिपल पर आरोप, छात्रा ने की आत्महत्या

सांकेतिक तस्वीर / TCG NEWS 

Chhattisgarh: शिक्षकों पर नई जिम्मेदारी, अब करेंगे ‘डॉग वॉचर’ की ड्यूटी

सांकेतिक तस्वीर / साभार NBT 

सरदार पटेल जयंती: करमसद से केवड़िया तक की पदयात्रा में शामिल होंगे छत्तीसगढ़ के 68 युवा


 रायपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय पदयात्रा में शामिल होने के लिए छत्तीसगढ़ के 68 युवाओं का दल रायपुर को रायपुर से रवाना हुआ। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हरी झंडी दिखाकर इस दल को गुजरात के लिए प्रस्थान कराया। यह युवा दल सरदार पटेल की कर्मभूमि करमसद से लेकर केवड़िया तक आयोजित होने वाली राष्ट्रीय पदयात्रा का हिस्सा बनेगा।

मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल स्वतंत्र भारत के आधार-स्तंभ रहे हैं। उन्होंने देश की 562 रियासतों और ब्रिटिश शासन के अधीन क्षेत्रों को एकसूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्माण किया। उनकी अद्वितीय नेतृत्व क्षमता, दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रहित के प्रति अटूट समर्पण के कारण ही उन्हें ‘लौह पुरुष’ के रूप में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को सरदार पटेल के जीवन, कार्य और राष्ट्रधर्म को समझना चाहिए, जिससे उनमें देश सेवा की भावना और अधिक प्रबल हो सके।

उन्होंने पदयात्रा में शामिल छत्तीसगढ़ के युवाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह यात्रा न केवल सरदार पटेल के योगदान को स्मरण कराने वाली है, बल्कि देश की एकता, अखंडता और विविधता को समझने का भी अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री साय ने उम्मीद जताई कि यह अनुभव युवाओं के व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र निर्माण की भावना को और मजबूत करेगा।

उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर से 6 दिसंबर तक आयोजित इस यूनिटी मार्च में देशभर के जनप्रतिनिधि, युवा संगठनों के सदस्य और विभिन्न राज्यों के युवा दल शामिल होंगे। करमसद से केवड़िया तक की इस पदयात्रा का उद्देश्य सरदार पटेल के विचारों और उनके राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से युवाओं को अवगत कराना है। कार्यक्रम में युवा आयोग के पदाधिकारी, विभागीय अधिकारी और पदयात्रा में शामिल होने वाले सभी प्रतिभागी उपस्थित थे।


दुर्गम बस्तर से उठी प्रतिभा ने रोमानिया में रचा इतिहास, अबूझमाड़ के युवाओं को मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

 


बस्तर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  घने जंगलों और दुर्गम पहाड़ियों से घिरे अबूझमाड़ के एक छोटे से गाँव से निकलकर मल्लखंब की कला को अंतरराष्ट्रीय मंच तक ले जाना किसी सपने से कम नहीं। लेकिन बस्तर के उभरते मल्लखंब कलाकारों की मेहनत और लगन ने इस सपने को सच कर दिखाया है। रोमानिया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मल्लखंब प्रतियोगिता में इन कलाकारों ने अपने शानदार प्रदर्शन से इतिहास रच दिया और भारत का तिरंगा गर्व से लहरा दिया। इस ख़ास मौके पर प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने X हैंडल पर सभी प्रतिभागियों को  शुभकामनाएँ दी हैं। 

प्रतियोगिता में बस्तर के इन युवा कलाकारों ने न केवल अपनी अद्भुत फुर्ती, संतुलन और शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी पारंपरिक कला की छाप से दर्शकों और निर्णायकों को भी प्रभावित किया। उनके प्रदर्शन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिली सराहना ने यह साबित कर दिया कि प्रतिभा किसी संसाधन की मोहताज नहीं होती—केवल अवसर और दृढ़ संकल्प ही सफलता का मार्ग बनाते हैं।

इन कलाकारों की उपलब्धि पर पूरे बस्तर संभाग और छत्तीसगढ़ में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों से लेकर खेल प्रेमियों तक ने इन युवाओं को शुभकामनाएँ दी हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर मिली इस सफलता से बस्तर की पारंपरिक कलाओं और खेलों को नई पहचान मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

रायपुर : भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी रिंकू सिंह ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात


 रायपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे और दमदार बल्लेबाज़ रिंकू सिंह ने आज रविवार को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास पहुँचकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने शॉल ओढ़ाकर तथा नंदी जी का प्रतीक चिन्ह भेंट कर रिंकू सिंह का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में सौहार्द्रपूर्ण माहौल देखने को मिला।

मुख्यमंत्री साय ने रिंकू सिंह को भारतीय टीम में उनके लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन, मैच में दिखाई गई धैर्यपूर्ण बल्लेबाज़ी और टीम इंडिया के लिए किए जा रहे महत्वपूर्ण योगदान के लिए साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि रिंकू सिंह जैसे ऊर्जावान युवा खिलाड़ी देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के युवाओं को भी प्रेरित करते हैं। मुख्यमंत्री ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उम्मीद जताई कि वे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में और भी यादगार प्रदर्शन करेंगे।

मुलाकात के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में खेलों को नई दिशा देने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खेल अधोसंरचना को मजबूत करने, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं को आगे लाने और युवाओं को अवसर देने के लिए कई पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि खेल सिर्फ प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और प्रदेश की पहचान को मजबूत करने का सशक्त साधन है।

इस दौरान छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और राज्य में हो रहे महत्वपूर्ण आयोजनों पर भी बातचीत हुई। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से बस्तर ओलंपिक का उल्लेख करते हुए बताया कि यह आयोजन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन रहा है और इसमें लाखों खिलाड़ियों व ग्रामीण प्रतिभाओं की भागीदारी से बस्तर की पहचान और भी व्यापक हुई है।

रिंकू सिंह ने मुख्यमंत्री से प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए जो वातावरण तैयार किया जा रहा है, वह आने वाले समय में राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण खेल केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। रिंकू ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे देश के साथ-साथ प्रदेश के युवाओं को प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।

मुलाकात के अंत में मुख्यमंत्री साय ने रिंकू सिंह को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि उनका उत्साह, मेहनत और संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए नज़ीर है। दोनों के बीच सौहार्द्रपूर्ण चर्चा के साथ यह भेट संपन्न हुई।

मुख्यमंत्री ने साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने पर दी बधाई

 


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किए जाने पर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल हिंदी साहित्य की उस समृद्ध परंपरा के सशक्त प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने अपनी सादगी, गहरी संवेदना और विलक्षण लेखन शैली से साहित्य जगत में विशिष्ट पहचान बनाई है। उनकी रचनाओं ने न केवल हिंदी भाषा को नई ऊँचाई दी है, बल्कि पाठकों की कई पीढ़ियों को गहराई से प्रभावित किया है। 

Chhattisgarh: दुर्लभ पक्षियों के आसरे को मिलेगा वैश्विक दर्जा: कोपरा जलाशय प्रस्तावित रामसर स्थल


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ सरकार ने बिलासपुर जिले में स्थित कोपरा जलाशय को प्रस्तावित रामसर स्थल घोषित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर राज्य वेटलैंड प्राधिकरण ने इसके लिए औपचारिक प्रस्ताव भेजा है। प्राकृतिक एवं मानव निर्मित विशेषताओं वाला यह जलाशय जल संसाधन, सिंचाई और जैव विविधता के लिए क्षेत्र का प्रमुख केंद्र माना जाता है।

राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलने की उम्मीद

वन मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि कोपरा जलाशय को रामसर स्थल का दर्जा मिलने से न केवल इसका संरक्षण और मजबूत होगा, बल्कि क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलेगी। यह जलाशय वर्षा और आसपास के नालों से भरता है तथा स्थानीय ग्रामीणों की पेयजल और सिंचाई आवश्यकताओं का मुख्य स्रोत है। जलाशय के आसपास की भूमि अत्यंत उपजाऊ होने के कारण कई गाँवों की कृषि गतिविधियाँ इसी पर निर्भर हैं। 

जैव विविधता का समृद्ध केंद्र

कोपरा जलाशय वर्षभर विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों, जलचर जीवों और वनस्पतियों का सुरक्षित आवास बना हुआ है। खासकर प्रवासी पक्षियों की यहां बड़ी संख्या में मौजूदगी दर्ज की जाती है। जलाशय में मछलियों, जलीय पौधों, उभयचर, सरीसृपों और असंख्य कीट-पतंगों की उपस्थिति इसे महत्वपूर्ण जैव विविधता क्षेत्र बनाती है।

दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण का उपयुक्त स्थल

राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के अनुसार यह क्षेत्र रिवर टर्न, कॉमन पोचार्ड और इजिप्शियन वल्चर जैसे दुर्लभ एवं संवेदनशील पक्षियों के संरक्षण के लिए अत्यंत उपयुक्त है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोपरा जलाशय रामसर मानदंड 02, 03 और 05 को पूरा करता है, जो इसे एक उत्कृष्ट वेटलैंड इकोसिस्टम बनाते हैं। 

पर्यटन और संरक्षण दोनों को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र से स्वीकृति मिलने पर कोपरा जलाशय को अंतरराष्ट्रीय स्तर का संरक्षण मिलेगा और इसका वैज्ञानिक, पर्यावरणीय तथा पर्यटन संबंधी महत्व और बढ़ जाएगा। सरकार जल संरक्षण, जैव विविधता संवर्धन और ग्रामीण आजीविका से जुड़ी गतिविधियों को भी सुदृढ़ करने की तैयारी कर रही है, ताकि क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों और स्थानीय समुदाय के बीच बेहतर संतुलन स्थापित किया जा सके।

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