बिलासपुर । TODAY छत्तीसगढ़ / अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के निर्देश पर गुरुवार को बिलासपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुमा आचार्य ने दो अहम राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को कमजोर कर उसे धीरे-धीरे समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
अनुमा आचार्य ने आरोप लगाया कि मनरेगा की आत्मा ग्राम पंचायतों के अधिकार, रोजगार की कानूनी गारंटी और सत्ता के विकेंद्रीकरण में निहित है, जिसे जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने फंडिंग रेश्यो को 90:10 से बदलकर 60:40 कर दिया, कार्य अवधि 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी और ग्राम पंचायतों से अधिकार छीन लिए गए। उन्होंने कहा कि बिना किसी पायलट प्रोजेक्ट के कानून में बदलाव कर दिया गया, जो देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला है।
125 दिन रोजगार का दावा केवल छलावा है, जबकि हकीकत में औसतन 40 से 50 दिन से अधिक रोजगार नहीं दिया जा रहा।
नेशनल हेराल्ड केस पर कांग्रेस का पलटवार
दूसरे मुद्दे पर बोलते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण है। उन्होंने दावा किया कि पिछले 12–13 वर्षों तक सीबीआई और ईडी खुद स्वीकार करती रहीं कि न कोई मनी ट्रांजैक्शन हुआ, न संपत्ति का ट्रांसफर और न ही कोई मूल अपराध मौजूद था। उन्होंने कहा कि अदालत के हालिया फैसले ने स्पष्ट कर दिया है कि यह मामला निराधार था। यह सिर्फ कांग्रेस की नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं की जीत है।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि मनरेगा को कमजोर करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग के खिलाफ पार्टी सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रखेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहर जिला अध्यक्ष सिद्धांशु मिश्रा, ग्रामीण जिलाध्यक्ष महेंद्र गंगोत्री, कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष विजय केसरवानी, विजय पाण्डेय, सियाराम कौशिक, ग्रामीण महिला अध्यक्ष सीमा धृतेश, प्रदेश महिला महासचिव शिल्पी तिवारी, युवा कांग्रेस अध्यक्ष शेरू असलम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।
