राज्यपाल उइके ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज दुर्ग में अध्यनरत छात्रों के भविष्य के संबंध में संज्ञान लिया है. उन्होंने स्वास्थ्य सचिव डॉ. शुक्ला से कहा कि मेडिकल छात्रों के विषय में संवेदनशीलता के साथ कार्य करें. यह विद्यार्थियों के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है. यह विषय काफी समय से लंबित है. छात्रों और पालकों द्वारा मुझसे राहत दिलाने के लिए निरंतर निवेदन किया जा रहा है. इसलिए इसमें त्वरित निर्णय लें, ताकि उनका अध्ययन सुचारू रूप से चले और उनका भविष्य सुरक्षित रहे.
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स्वास्थ्य सचिव आलोक शुक्ला ने बताया कि कॉलेज के अधिग्रहण को लेकर विभिन्न समितियां गठित की गई है. उन समितियों से प्रतिवेदन प्राप्त होने के पश्चात जल्द कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में यदि न्यायालय का निर्णय आता है, तो उसका पालन किया जाएगा. साथ ही मेडिकल कॉसिल ऑफ इंडिया के द्वारा अनुमति प्रदान किए जाने पर अध्ययनरत छात्रों को अन्य कॉलेजों में शामिल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के भविष्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा. कॉलेज प्रबंधन शुल्क को लेकर किसी भी विद्यार्थी को परीक्षा में शामिल होने से नहीं रोक सकता. इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए जाएंगे.
राज्यपाल ने महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के साथ बैठक में उच्च न्यायालय में लंबित राज्य शासन के विभिन्न प्रकरणों की जानकारी ली. राज्यपाल ने नक्सली मामलों में जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई के संबंध में चर्चा की. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रकरणों की प्रक्रिया में तेजी लाते हुए जल्द सुनवाई कराने का प्रयास करें. ताकि जेलों में बंद आदिवासियों की रिहाई जल्द हो सके. उन्होंने कहा कि वे चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज के संबंध में न्यायालय से जल्द निर्णय सुनाने का निवेदन करें. ताकि छात्र अपने भविष्य को लेकर संशय की स्थिति में न रहे और उनका अध्ययन निर्बाध रूप से पूर्ण हो सके.