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कोरोना का नया सब वेरिएंट JN.1 सामने आने के बाद केंद्र ने जारी की एडवाइजरी

 


नई दिल्ली। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   देश में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी की है. एडवाइजरी में कहा गया है कि आगामी त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ एहतियाती कदम उठाना जरूरी है ताकि इस वायरस के प्रसार के जोखिम को जितना हो सके, उतना कम किया जा सके. 

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इस एडवाइजरी में राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के जिलेवार आंकड़ों पर नजर रखें. साथ ही नियमित तौर पर इस संबंध में अपडेट करते रहें. यह एडवाइजरी केरल में कोरोना के नए सबवैरिएंट JN.1 की पुष्टि के बाद जारी की गई है. दरअसल केरल की 79 साल की एक महिला में  इसकी पुष्टि हुई थी.महिला का 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर टेस्ट रिजल्ट आया था. जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे और वह कोविड-19 से ठीक हो चुकी है. इससे पहले सिंगापुर से लौटे तमिलनाडु के एक शख्स में भी JN.1 सब-वैरिएंट का पता चला था. वह व्यक्ति तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले का रहने वाला था और उसने 25 अक्टूबर को सिंगापुर की यात्रा की थी.

Coronavirus : देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 36,083 नए मामले, 493 लोगों की गई जान

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / भारत में एक दिन में कोरोना वायरस के 36,083 नए मामले सामने आए हैं। जिसके बाद कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 21 लाख 92 हजार हो गई है। इस दौरान हुई 493 ताजा मौतों के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 4 लाख 31 हजार 225 हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक 39 दिनों से रोजाना कोरोना के 50,000 से कम नए मामले सामने आ रहा हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी आंकड़ों के अनुसार सक्रिय मामले घटकर 3 लाख 85 हजार 336 हो गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना रिकवरी दर 97.46 प्रतिशत दर्ज की गई है। 24 घंटे की अवधि में सक्रिय कोरोना वायरस संक्रमण में 2,337 मामलों की कमी दर्ज की गई है। वहीं, दैनिक सकारात्मकता दर 1.88 प्रतिशत दर्ज की गई थी। पिछले 20 दिनों से यह 3 फीसदी से भी कम पर बनी हुई है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि शनिवार 14 अगस्त को 19 लाख 23 हजार 863 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिन्हें मिलाकर देश में अबतक कुल 49 करोड़ 36 लाख से अधिक कोरोना जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 13 लाख 76 हजार हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। साप्ताहिक सकारात्मकता दर 2 प्रतिशत दर्ज की गई है। [पीटीआइ] 

अब वॉट्सऐप से डाउनलोड करें कोरोना टीकाकरण का सर्टिफिकेट, जाने कैसे

 TODAY छत्तीसगढ़  / कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट अब तमाम जगहों पर जरूरी हो गया है। तमाम सरकारी कामकाज के अलावा विभिन्न ऑफिसों में भी कर्मचारियों से कोरोना टीकाकरण का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा है। इसको देखते हुए सरकार ने इसका प्रॉसेस अब और आसान कर दिया है। अब न तो आपको वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के लिए कोई भागदौड़ करने की जरूरत है और न ही कोई अन्य इंतजाम करने की चिंता करनी है। अब यह सर्टिफिकेट आप आसानी से अपने वॉट्सऐप से डाउनलोड कर सकते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के ऑफिस के टि्वटर हैंडल से इस बारे में जानकारी दी गई है। ट्वीट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी के जरिए आम लोगों की जिंदगी बन रही है आसान।

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इस प्रॉसेस से सर्टिफिकेट हो जाएगा डाउनलोड

आइए हम आपको बताते हैं क्या है वॉट्सऐप से कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की पूरी प्रक्रिया...

-सबसे पहले MyGov कोरोना हेल्प डेस्क वॉट्सऐप नंबर +91 90131 51515 अपने मोबाइल में सेव करें। 

-इसके बाद वॉट्सऐप ओपन करें और इसमें हेल्पडेस्क वॉट्सऐप नंबर को सर्च कीजिए। 

-इसके चैट विंडो में टाइप कीजिए डाउनलोड सर्टिफिकेट और सेंड कर दीजिए।

-आप जैसे ही डाउनलोड सर्टिफिकेट का मैसेज सेंड करेंगे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर 6 डिजिट की ओटीपी आएगी।

-अब यह ओटीपी MyGov के वॉट्सऐप में डालें। अगर एक से ज्यादा यूजर्स रजिस्टर्ड हैं तो ऐप पर उनकी लिस्ट दिखेगी।

-इसमें से आपको जिसका सर्टिफिकेट चाहिए उसको सेलेक्ट करके नंबर टाइप कर दीजिए।

-यह प्रॉसेस कंप्लीट होते ही कोविड 19 सर्टिफिकेट आपके वॉट्सऐप पर आ जाएगा। 

विमान से छत्तीसगढ़ आने वालों के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य


TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  अन्य राज्यों से वायु मार्ग द्वारा छत्तीसगढ़ आने वाले यात्रियों के लिए राज्य शासन ने संशोधित निर्देश जारी किए हैं। संशोधित निर्देशों के अनुसार सभी यात्रियों के लिए कोविड-19 की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य होगी। केवल आईसीएमआर द्वारा स्वीकृत एवं प्रमाणित पैथोलॉजी लैब की ही रिपोर्ट मान्य की जाएगी। जांच रिपोर्ट में आईसीएमआर आईडी या एसआरएफ आईडी अंकित नहीं होने पर एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर जांच के लिए निर्देशित किया जाएगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी संभागों के आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों, सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को परिपत्र के माध्यम से नए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। संशोधित निर्देश 8 अगस्त 2021 से प्रभावी होंगे।

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राज्य शासन के नए निर्देशों के मुताबिक ऐसे यात्री जिनके पास कोरोना से बचाव के टीके की दोनों खुराकें लेने का प्रमाण हो, उन्हें भी 96 घंटे के भीतर की कोविड-19 आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा। निगेटिव रिपोर्ट नहीं होने की स्थिति में एयरपोर्ट पर आरटीपीसीआर या रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। जांच के लिए सैंपल देते समय यात्री को फोटो, आई.डी. एवं मोबाइल नंबर देना आवश्यक होगा। अपने मोबाइल नंबर से जांच दल के सदस्य को मिस्ड कॉल देकर मोबाइल नंबर प्रमाणित कराना होगा। जिन यात्रियों के पास मोबाइल नंबर उपलब्ध नहीं है, वे अपने परिजन के मोबाइल नंबर से मिस्ड कॉल देकर नंबर प्रमाणित करा सकते हैं। 

केरल में कोरोना बेकाबू, पांचवें दिन भी 20 हजार से ज्‍यादा मामले, तमिलनाडु और कर्नाटक ने उठाए सख्‍त कदम

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्‍ली /  देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 41,831 नए केस सामने आए हैं जिसके साथ संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 3,16,55,824 हो गया है। बीते 24 घंटे में महामारी से 541 लोगों की मौत हो गई जिससे महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,24,351 हो गई है। संक्रमितों के इन आंकड़ों में बड़ा हिस्‍सा केरल का है। केरल में महामारी बेकाबू होती जा रही है। केरल में बीते कुछ दिनों से लगातार 20 हजार से ज्‍यादा केस सामने आ रहे हैं।

केरल में संक्रमण की दर 12.31 फीसद

केरल में लगातार पांच दिनों से 20 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं जो पूरे देश में मिलने वाले कुल संक्रमितों का आधा है। हालांकि, राज्य में संक्रमण को काबू में करने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। केंद्र ने भी छह सदस्यीय एक टीम भेजी है जो सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी और हालात को काबू में करने के लिए स्थानीय प्रशासन की मदद करेगी। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वक्‍त में केरल में संक्रमण की दर 12.31 फीसद पर पहुंच गई है।

केरल में बिगड़े हालात के चलते सक्रिय मामले बढ़े

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार सुबह आठ बजे अपडेट किए गए आंकड़ों के मुताबिक केरल में बिगड़े हालात के चलते सक्रिय मामलों में वृद्धि हो रही है। मौजूदा वक्‍त में देश में सक्रिय मामले 4,10,952 हैं जो कुल मामलों का 1.30 फीसद है। हालांकि, दैनिक और साप्ताहिक संक्रमण दर पांच फीसद से नीचे बनी हुई है। अब तक तीन करोड़ आठ लाख से ज्यादा लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।  - जागरण 

कोरोना संक्रमण की पहचान के लिए छत्तीसगढ़ में अब तक 1.14 करोड़ सैंपलों की जांच

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्य शासन द्वारा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए किए गए प्रभावी उपायों से संक्रमण की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है। प्रदेश में 30 जुलाई को संक्रमण की दर घटकर 0.29 प्रतिशत पर पहुंचने के बाद 31 जुलाई को इसमें और गिरावट आई है। 31 जुलाई की स्थिति में संक्रमण की दर 0.26 प्रतिशत पर पहुंच गई है। प्रदेश के तीन जिलों में कोविड-19 का कोई नया मरीज नहीं मिला है। 

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इनमें बेमेतरा, कबीरधाम और गरियाबंद शामिल हैं। इस दिन प्रदेश में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। प्रदेश भर में 30 जुलाई को 42 हजार 714 सैंपलों की जांच में 125 और 31 जुलाई को 38 हजार 644 सैंपलों की जांच में 102 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। कोरोना मरीजों के स्वस्थ होने और रोज कम संख्या में नए मरीज मिलने के कारण कोविड-19 के सक्रिय मामले भी तेजी से घट रहे हैं। राज्य में अभी सक्रिय मरीजों की संख्या 1863 है। 

प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए अब तक एक करोड़ 13 लाख 94 हजार 233 सैंपलों की जांच की गई है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रति दस लाख की आबादी में औसत कोरोना जांच और रोजाना प्रति दस लाख की आबादी में कोरोना जांच में छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय औसत से आगे है। प्रदेश में प्रतिदिन प्रति दस लाख की जनसंख्या में 1487 सैंपलों की जांच की जा रही है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 1306 है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की शुरूआत के बाद से अब तक प्रति दस लाख की आबादी में तीन लाख 95 हजार 335 सैंपलों की जांच की गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत तीन लाख 42 हजार 961 है।

CHHATTISGARH : कोरोना से बचाव के लिए अब तक 1.19 करोड़ टीके लगाए गए

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश में अब तक (28 जुलाई तक) एक करोड़ 18 लाख 78 हजार 431 टीके लगाए गए हैं। प्रदेश के 96 लाख 24 हजार 588 लोगों को इसका पहला टीका और 22 लाख 53 हजार 843 को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में तीन लाख नौ हजार 203 स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 17 हजार 010 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 50 लाख 91 हजार 753 और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 39 लाख छह हजार 622 नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 44 हजार 653 स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 26 हजार 034 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 16 लाख 52 हजार 878 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के एक लाख 30 हजार 278 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं।  

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प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 87 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 29 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 72 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 77 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 28 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं। प्रदेश में कुल एक करोड़ 99 लाख 32 हजार 392 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है। इनमें तीन लाख 39 हजार 732 स्वास्थ्य कर्मी, दो लाख 93 हजार 040 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 58 लाख 66 हजार 599 तथा 18 से 44 आयु वर्ग के एक करोड़ 34 लाख 33 हजार 021 नागरिक शामिल हैं। 

उत्तर प्रदेश जाने वाले इन 11 राज्यों के यात्री कृपया ध्यान दें ...


TODAY छत्तीसगढ़  / लखनऊ. कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के बाद अब प्रदेश की योगी सरकार तीसरी लहर को लेकर ज्यादा सतर्क दिख रही है. यही वजह है कि देश में 3 प्रतिशत से अधिक पॉजिटिविटी रेट वाले 11 राज्यों से यूपी में आने वालों के लिए शनिवार से नए नियम लागू कर दिए गए हैं. नए नियम के मुताबिक देश के 11 चिन्हित राज्यों से यूपी में आने वालों के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट या कोरोना के दोनों डोज का प्रमाण पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है.

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नए नियम लागू होने के बाद प्रदेश के सभी हवाई अड्डे, बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर बाहर से आ रहे लोगों की सख्ती के साथ स्क्रीनिंग शुरू कर दी गई है. प्रदेश में आने वाले यात्री के पास अगर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट चार दिन पुरानी नहीं होगी या फिर कोरोना टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं होगा तो ऐसे यात्रियों को यूपी में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. आगामी 31 जुलाई तक इन राज्यों से आ रहे लोगों पर सख्ती की जाएगी. फिर पॉजिटिविटी रेट के अनुसार राज्यों की नई सूची अपडेट होगी.

इन राज्यों से आने वाले यात्रियों पर नियम लागू

जिन 11 राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती की जा रही है उनमें मेघालय, त्रिपुरा, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड, गोवा व अरूणांचल प्रदेश शामिल है. इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट तीन प्रतिशत से ज्यादा है. इन्हें 20 जुलाई से 23 जुलाई के बीच की कोरोना जांच रिपोर्ट दिखानी होगी. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. डीएस नेगी ने बताया कि एक अगस्त से 15 अगस्त तक किन-किन राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती की जाएगी इसकी सूची जल्द तैयार की जाएगी. इन राज्यों के लोगों को 28 जुलाई से 31 जुलाई के मध्य कराई गई कोरोना जांच की रिपोर्ट या फिर दोनों टीके लगाए जाने का प्रमाण पत्र साथ लाना होगा.

अगस्त के आखिरी सफ्ताह तक आ सकती है तीसरी लहर

गौरतलब है कि कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक के बाद अब भारत में भी एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के अंतिम सप्ताह में आ सकती है. ऐसे में जब यूपी में इस समय सिर्फ 0.01 फीसद पॉजिटिविटी रेट है, तो तीसरी लहर को रोकने के लिए और संक्रमण न बढ़े इसलिए सख्ती की जा रही है. 

कोरोना से बचने के लिए टीका ज़रूर लगवायें - जयसिंह अग्रवाल

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने आज रायपुर स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचकर कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाया। टीका लगाने के बाद मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल वहां लगभग आधे घंटे चिकित्सकों की निगरानी में रहे। 

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इस मौके पर मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने राज्य के सभी नागरिकों से कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य रूप से कोरोना वैक्सीन का टीका लगवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी जगहों पर कोरोना का टीका निःशुल्क लगाया जा रहा है। उन्होंने ऐसे लोगों से जिन्होंने अभी तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, उन्हें अपने मोहल्ला, वार्ड स्थित वैक्सीनेशन सेंटर पर जाकर टीका लगवाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीका को लेकर किसी भी तरह का संशय मन में न पाले। सुनी-सुनाई बातों और अफवाहों पर ध्यान न दें। कोरोना वैक्सीन सुरक्षित है। कोरोना संक्रमण और बीमारी की गंभीर स्थिति से बचने के लिए टीका लगवाना ही सबसे सुरक्षित एवं प्रभावी विकल्प है। 

पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में कोरोना पॉजिटिव 35 जवान मिले, कैंपस कंटेनमेंट जोन घोषित

 TODAY छत्तीसगढ़  / राजनांदगांव / जिले में पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय (PTS) में 35 जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। यह सभी जवान बस्तर के सुकमा व आसपास जिले से आए थे। जिसके बाद सभी का कोरोना टेस्ट कराया गया, टेस्ट के बाद जवानों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिला प्रशासन ने PTS परिसर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और बाकी के जवानों को क्वारैंटाइन कर दिया गया है।

कलेक्टर के आदेश के बाद पीटीएस को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। कलेक्टर तारण सिन्हा ने बड़ी संख्या में पुलिस जवान के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर सभी को अलर्ट कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, ये सभी जवान सुकमा, कोंडागांव और कबीरधाम जिलों से आए थे। सभी संदिग्ध जवानों को भी निगरानी में रखने और स्टाफ सहित सभी का कोरोना का परीक्षण कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। साथ ही जवानों की कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग करने के भी निर्देश जारी कर दिए गए है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

राजनांदगांव कलेक्टर तारण सिंहा ने कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील भी की है। स्वास्थ्य की सुरक्षा सबसे पहले आती है। अपने और अपने परिजनों की सुरक्षा के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर मास्क लगाने, हाथों को बार-बार धोने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा है।

CMHO डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि ज्यादातर जवान सुकमा जिले से आए है। पॉजिटिव जवानों को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में भर्ती कर दिया गया है। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। [फोटो और ख़बर - भास्कर ]

कोविड-19 जांच सुनिश्चित करने के निर्देश, जांच कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध होगी FIR

 TODAY छत्तीसगढ़  /   रायपुर / कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी सौरभ कुमार ने कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के सीधे एवं प्राइमरी संपर्क में आये व्यक्तियों की कोविड-19 जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है तथा जांच कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार एफ.आई.आर. दर्ज कराने हेतु कार्यपालक मजिस्ट्रेट एवं नायब तहसीलदार एन.के. सिन्हा को अधिकृत किया है। उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर को उप निरीक्षक से अनिम्न पुलिस अधिकारी की ड्यूटी भी श्री सिन्हा के साथ लगाना सुनिश्चित करने कहा है।

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उल्लेखनीय है कि कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कार्य की गत् दिवस की गई समीक्षा में यह पाया गया कि कोविड 19 पॉजिटिव व्यक्तियों के सीधे एवं प्राइमरी कॉन्टेक्ट में आये कुछ व्यक्तियों द्वारा कोविङ-19 जांच कराने में आना-कानी की जा रही है या सैम्पल देने से इनकार किया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के फैलाव से बचाव तथा कोरोना वायरस की चैन को तोड़ने हेतु कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्तियों के सीधे एवं प्राइमरी कॉन्टेक्ट  में आये तथा कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों की कोविड-19 जाँच कराना अत्यंत आवश्यक है।

Corona Third Wave : दुनिया भर में दस्तक दे चुकी है तीसरी लहर, सम्भल जाइये ख़तरा करीब है

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उत्तर पूर्वी राज्यों में कोरोना के मामलों में एकबार फिर से तेजी देखी जा रही है। देश के 55 जिलों में फिलहाल पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है। वहीं 73 जिलों में अभी भी हर दिन औसतन 100 से ज्यादा नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर दस्तक दे चुकी और अगर हमने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया तो हमें भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि जब तीसरी लहर की बात होती है तो लोग इसे मौसम की भविष्यवाणी की तरह लेते हैं। उन्होंने आग कहा, 'वे तीसरी लहर की गंभीरता और इससे जुड़ी जिम्मेदारी को समझ नहीं रहे हैं। उत्तर पूर्वी राज्यों मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, और अरुणाचल प्रदेश में फिर से नए मामलों में तेजी देखी जा रही है। हमने कोरोना प्रबंधन के लिए 11 राज्यों में टीमें भेजी हैं। इसमें उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ केरल और ओडिशा शामिल हैं।'

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अभी 73 जिलों में हर दिन 100 से ज्यादा नए केस रिपोर्ट हो रहे हैं, 4 मई को कोरोना पीक के दौरान 531 जिलों में 100 से ज्यादा नए मामले रिपोर्ट हो रहे थे। मंत्रालय ने आगे बताया कि देश के 55 जिलों में फिलहाल पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है। इनमें सबसे ज्यादा राजस्थान के 9 जिले शामिल हैं। लव अग्रवाल ने कहा, 'पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 31,443 मामले दर्जे हुए हैं। पिछले हफ़्ते से कोरोना मामलों में 6% की कमी देखी गई हैं। देश में अब सिर्फ़ 73 जिले ऐसे हैं, जहां 100 से ज़्यादा कोरोना के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। अब तक 30.66 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी गई और 7.49 करोड़ लोगों को दूसरी डोज दी गई।' 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 1 हफ्ते में नए मामलों में 6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फिलहाल देश में हर हफ्ते औसतन 40,841 नए मामले रिपोर्ट हो रहे हैं। देश में फिलहाल 30.3 फीसदी केस केरल से, महाराष्ट्र से 20.8 फीसदी, तमिलनाडु से 8.5 फीसदी, आंध्र प्रदेश से 7.3 फीसदी और ओडिशा से 6.5 फीसदी नए मामले सामने आ रहे हैं। यानी पूरे देश में कोरोना के नए मामलों में से 73.4 फीसदी इन 5 राज्यों से ही रिपोर्ट हो रहे हैं।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कोरोना नियमों के प्रति लापरवाही के प्रति लोगों को आगाह करते हुए कहा, 'दुनियाभर में कोरोना की तीसरी लहर जारी है, हमारे देश में तीसरी वेव ना आए इसके लिए हम सब को साथ आना होगा। देश के कई हिस्सों में कोरोना नियमों का उल्लंघन देखा जा रहा है। यह अभी तक कोरोना पर हमने जितना काबू पाया है, उसे खत्म कर सकता है।' 


कोविड-19 : राज्यपाल ने छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों पर मुख्यमंत्री की सराहना की

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौजन्य भेंट की। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को शाल एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने भी राज्यपाल को साड़ी भेंट कर सम्मान किया।

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राज्यपाल ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों की सराहना की और उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत की स्थापना के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना एवं चन्दूलाल चन्द्राकर चिकित्सा महाविद्यालय के संबंध में भी चर्चा की। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग की समन्वय समिति और आदिवासी मंत्रणा परिषद् की बैठक जल्द बुलाने को कहा। सुश्री उइके ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न शासकीय विभागों तथा विश्वविद्यालय स्तर पर नौकरी कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रकरणों का न्यायालय में जल्द सुनवाई कराएं और दोषियों पर वैधानिक कार्यवाही करें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू एवं राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो भी उपस्थित थे। 

मोदी सरकार की गलत नीतियो के कारण राज्य में वैक्सीन की कमी - कांग्रेस

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार की अकर्मण्यता और अदूरदर्शी नीति के कारण छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में कोविड वैक्सीन की कमी हो गयी है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार राज्य को वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवा रही है इस कारण राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम लगभग बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। वैक्सीन के मामले में रोज-रोज बयान देने वाले भाजपा नेताओं की बोलती अब क्यों बंद है ? रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, विष्णुदेव साय, बृजमोहन अग्रवाल केन्द्र से वैक्सीन आपूर्ति करने की मांग करने का साहस क्यों नहीं दिखा रहे ? मुफ्त वैक्सीन के नाम पर मोदी सरकार की शान में कसीदे पढ़ने वाले भाजपा सांसद सुनील सोनी, सरोज पांडेय कहां मुंह छुपाये हुये है? राज्य की जनता वैक्सीन लगवाने के लिये परेशान है लेकिन भाजपाई सांसद मोदी से राज्य के लिये वैक्सीन मांगने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे। 

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक दिन में 3 से 4 लाख लोगों को वैक्सीन लगाने की क्षमता रखता है। इसीलिये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के लिये जुलाई माह में 1 करोड़ वैक्सीन की मांग केन्द्र से किया है। राज्य की वैक्सीनेशन दर भी राष्ट्रीय औसत से बेहतर है लेकिन केन्द्र की अकर्मण्यता के कारण राज्य में वैक्सीन का संकट पैदा हो गया है। मोदी सरकार महामारी से निपटने की कार्ययोजना बनाने में इच्छाशक्ति नहीं दिखा पा रही है।

 देश की कुल वैक्सीन की निर्माण क्षमता कोवीशिल्ड और कोवैक्सीन मिलाकर प्रतिदिन 28 लाख डोज है। प्रधानमंत्री मोदी प्रतिदिन 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का हवाई लक्ष्य रखते है जब देश में वैक्सीन का निर्माण सिर्फ 28 लाख डोज का हो रहा है तब 1 करोड़ वैक्सीन कैसे लगेगा? यदि मोदी सरकार बेहतर सामंजस्य के साथ कार्ययोजना बनाती देश की अन्य कंपनियों को वैक्सीन निर्माण की अनुमति देती तो देश में वैक्सीन का संकट पैदा नहीं होता। भारत सरकार से अनुमति मांग रही सभी कंपनियों को वैक्सीन निर्माण की अनुमति दे दी जाती है तो देश की वैक्सीन निर्माण की क्षमता 1 करोड़ प्रतिदिन हो जायेगी और देश में टीकों का जो संकट और आपाधापी मची है वह नहीं होता। 

Coronavirus India : पिछले 24 घंटे में 895 की मौत, करीब 41,506 नए मरीज़ मिले

TODAY छत्तीसगढ़  /नई दिल्ली /  देश में कोरोना का संकट जारी है. महामारी का खतरा अभी टला नहीं है. पिछले कुछ दिनों से रोजाना 40 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 41,506 नए कोरोना केस आए और 895 संक्रमितों की जान चली गई है. इससे पहले शुक्रवार को 42,766 नए केस आए थे.

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आपको बता दें कि ये लगातार 33वां दिन है जब देश में एक लाख से कम नए कोरोनो केस सामने आए हैं. भारत में 4 लाख 54 हजार 118 एक्टिव मामले हैं और अब तक कुल 4 लाख 8 हजार 40 मौतें हुई हैं. अब तक कुल 2 करोड़ 99 लाख 75 हजार लोग ठीक हो चुके हैं. महामारी की शुरुआत से अब तक कुल तीन करोड़ 8 लाख 37 हजार 222 लोग संक्रमित हो चुके हैं. देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.32 % है जबकि रिकवरी रेट 97 % से ज्यादा है. एक्टिव केस डेढ़ % से कम हैं. कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है. वहीं देश मे बीते रोज कोरोना केस पॉजिटिविटी रेट 2.25% दर्ज हुआ था. 

प्रधानमंत्री मोदी ने दिया देश भर में 1500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने का आदेश, तीसरी लहर को थामने कमर कसी

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग की और 1,500 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया। इन प्लांट्स को देश भर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि ये जल्दी से जल्दी काम करना सुनिश्चित कर दें। इसके साथ ही मीटिंग में पीएम मोदी ने हॉस्पिटल स्टाफ को ऑक्सीजन प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए जरूरी ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया।  

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इन ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग पीएम केयर्स फंड से की जाएगी। इससे देश में 4 लाख ऑक्सीजन बेड तैयार करने में मदद मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अहम मीटिंग में कहा कि हर जिले में ऐसे कुछ लोग होने चाहिए, जिन्हें ऑक्सीजन प्लांट्स के संचालन और रखरखाव के लिहाज से ट्रेनिंग दी जाए। भारत में मार्च से लेकर मई तक चली कोरोना की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर कोरोना के केस मिले थे। यही नहीं पहली लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सीजन की कमी के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिले थे। वहीं मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत देश के तमाम शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स आदि तक की कमी पड़ गई थी। 

अधिकारी राज्य सरकारों संग काम करें - मोदी 

इसके चलते सरकार को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। शायद यही वजह है कि तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच पीएम मोदी ने यह मीटिंग की है और जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का आदेश दिया है। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि अस्पतालों के स्टाफ की सही ट्रेनिंग हो सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारों को नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट्स के कामकाज की मॉनिटरिंग की जा सके। 

छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव के लिए अब तक 1.04 करोड़ टीके लगाए गए

0 टीकाकरण में कई बड़े राज्यों से आगे, प्रदेश की करीब 30 प्रतिशत आबादी तक पहुंचा टीका
0  45 वर्ष से अधिक के 82 प्रतिशत और 18 से 44 आयु वर्ग के 23 प्रतिशत नागरिक लगवा चुके हैं पहला टीका   0  प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर एक प्रतिशत

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  कोरोना से बचाव के लिए छत्तीसगढ़ में अब तक (8 जुलाई तक) एक करोड़ तीन लाख 84 हजार टीके लगाए गए हैं। आबादी के हिसाब से टीकाकरण कवरेज के मामले में छत्तीसगढ़ देश के कई बड़े राज्यों से आगे है। प्रदेश में तीन लाख नौ हजार स्वास्थ्य कर्मियों, तीन लाख 16 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 48 लाख 20 हजार और 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 31 लाख 32 हजार नागरिकों को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। वहीं दो लाख 41 हजार स्वास्थ्य कर्मियों, दो लाख 15 हजार फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 12 लाख 68 हजार तथा 18 से 44 आयु वर्ग के 82 हजार 724 लोगों को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। प्रदेश में 91 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, शत-प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 82 प्रतिशत नागरिकों और 18 से 44 आयु वर्ग के 23 प्रतिशत युवाओं ने कोरोना से बचाव का पहला टीका लगवा लिया है। वहीं 71 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों, 73 प्रतिशत फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 वर्ष से अधिक के 22 प्रतिशत लोगों ने दोनों टीके लगवा लिए हैं।प्रदेश की करीब 30 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का पहला टीका लगाया जा चुका है। छत्तीसगढ़ इस मामले में देश के कई बड़े राज्यों से आगे है। बिहार, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान की तुलना में छत्तीसगढ़ में टीकाकरण का कवरेज ज्यादा है। देश में टीकाकरण का राष्ट्रीय औसत करीब 22 प्रतिशत है। प्रदेश में 8 जुलाई को टीकाकरण के बाद अभी एक लाख 98 हजार 890 टीके उपलब्ध हैं। इनमें एक लाख 61 हजार 230 टीके कोविशील्ड के और 31 हजार 660 टीके कोवैक्सीन के हैं। 

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए किए गए प्रभावी उपायों से प्रदेश में संक्रमण अभी नियंत्रण में है। 8 जुलाई की स्थिति में संक्रमण की दर एक प्रतिशत है। मार्च के आखिरी सप्ताह में प्रदेश की पॉजिविटी दर 8.5 प्रतिशत, अप्रैल में 30 प्रतिशत तथा मई के अंतिम सप्ताह में 4 प्रतिशत थी। कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब तक प्रदेश में नौ लाख 78 हजार 654 लोग कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें से आठ लाख 11 हजार 904 मरीजों ने होम आइसोलेशन में रहकर और एक लाख 66 हजार 750 मरीजों ने कोविड अस्पतालों और कोविड केयर सेंटर्स में इलाज कराकर कोरोना को मात दी है। प्रदेश में अभी कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या केवल 4914 है।

                                           

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्टता के लिए छत्तीसगढ़ को एक्सीलेंस अवार्ड

कोरोना महामारी काल में भी लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का रखा गया बेहतर ध्यान, स्वास्थ्य विभाग के काम को राष्ट्रीय स्तर पर मिली पहचान
TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  कोरोना महामारी काल में भी छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्वास्थ्य सेवाओं का लोहा मनवाया है। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया संस्था द्वारा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ को कोरोना काल में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए एक्सीलेंस इन मेन्टल हेल्थ अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। राज्य को यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जा रहा है। संस्था के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं को राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुँचाने के लिए राज्य द्वारा किए गए वृहद् प्रयास प्रशंसनीय हैं। 

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राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में राज्य स्तरीय नवाचार चैम्प प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1400 से अधिक मेडिकल ऑफ़िसर्स और ग्रामीण स्वास्थ्य सहायकों को देश की उत्कृष्ट संस्था नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) बैंगलोर से प्रशिक्षण कराया गया है जो सभी स्वास्थ्य संस्थाओं तक मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सभी सेवाओं को पहुँचाने में कारगर रहा है। इन प्रशिक्षित मेडिकल ऑफिसर्स और ग्रामीण स्वास्थ्य सहायकों की सहायता से अब तक हज़ारों की संख्या में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से प्रभावित व्यक्तियों की काउन्सलिंग की जा चुकी है।

यहाँ यह उल्लेखनीय है कोविड-19 महामारी के समय जब बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, तब विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत टेलीकम्युनिकेशन सेवा के माध्यम से उनका मनोबल बढ़ाया गया एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी मुहैया कराई गईं। नई दिल्ली में 30 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

कोरोना वैक्सीन का 2.49 लाख डोज पहुंचा रायपुर, वैक्सीनेशन की रफ़्तार बढ़ाने और डोज की ज़रूरत

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / कोरोना वैक्सीन की भारी किल्लत के बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने कोवीशील्ड की नई खेप भेजी है। दोपहर बाद ये वैक्सीन की 2 लाख 49 डोज की यह खेप विमान से रायपुर पहुंची है।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

प्रदेश के अधिकांश जिलों में टीकों की किल्लत की वजह से टीकाकरण कहीं बंद है तो कहीं टीकाकरण की रफ़्तार धीमी पड़ गई है । रायपुर में पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक शनिवार को उन्ही लोगों को टीका लगेगा जो दूसरी डोज लगवाने आए हैं। वहीँ सोमवार की शाम को रायपुर जिला प्रशासन ने टीका आने तक टीकाकरण अभियान बंद रखने का आदेश जारी कर दिया। मंगलवार को प्रदेश भर में केवल 42 हजार 448 लोगों को टीका लगाया जा सका। जिसमें निजी अस्पतालों में लगे सशुल्क टीके की संख्या भी शामिल है। आपको बता दें कि टीकों की किल्लत और कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की चिंताओं के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उसमें उन्होंने प्रदेश की जरूरतों को देखते हुए जुलाई महीने में एक करोड़ डोज वैक्सीन की मांग की थी। 


सुप्रीम कोर्ट : कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा दे सरकार

 TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना वायरस से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने के मामले में अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि केंद्र कोविड से मरने वालों के परिवारों को मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा कि केंद्र मुआवजा राशि तक कर छह हफ्तों के भीतर राज्य सरकारों को निर्देश दे। साथ ही केंद्र को निर्देश दिया कि मृत्यु प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया को भी सरल किया जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है, केंद्र सरकार उनके परिवारों को मुआवजा दे। हालांकि, ये मुआवजा कितना होना चाहिए ये खुद सरकार को तय करना होगा। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि कोरोना से मरने वालों के परिवारों को चार-चार लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है। 

 सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) से यह भी कहा कि वह एक ऐसा सिस्टम बनाए, जिससे कम से कम ही सही, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड से जुड़े मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करे, जो प्रमाण पत्र पहले ही जारी हो गए हैं, उनमें सुधार किया जाए। 

इससे पहले केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 के पीड़ितों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही मुआवजे का प्रावधान है। सरकार ने आगे कहा कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजे की राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो यह पूरी तरह से गलत होगा। 

केंद्र सरकार ने कहा कि सरकारी संसाधनों की एक सीमा होती है। केंद्र ने यह भी कहा है कि अगर इस तरह से मुआवजा दिया गया तो वर्ष 2021-22 के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के लिए आवंटित राशि 22184 करोड़ रुपये इस मद में ही खर्च हो जाएंगे और इससे महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग होने वाली राशि प्रभावित होगी। चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि राज्य सरकारों की वित्तीय सामर्थ्य से परे है। पहले से ही राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वित्त पर भारी दबाव है।

क्या है मामला ?

केंद्र सरकार ने यह जवाब वकील गौरव बंसल और रीपक कंसल द्वारा दायर उन याचिकाओं पर दिया है, जिसमें कोविड -19 महामारी से मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत  चार लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सोमवार को सुनवाई करेगा।  

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