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Independence Day 2021: सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है - मोदी

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली.  देश आज 75वां स्वंत्रता दिवस (Independence day 2021) मना रहा है. इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बेहद खास नारा दिया- सबका साथ,सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास. पीएम मोदी पिछले कई सालों से लगातार सबका साथ और सबका विकास की बात करते आ रहे हैं. लेकिन आज उन्होंने देश की विकास यात्रा में आम जनता को भागीदार बनाने के लिए दो और चीज़ें जोड़ दीं. वो हैं- सबका विश्वास और सबका प्रयास. हमेशा की तरह देश को विकास के रास्तों पर ले जाने की बात करने वाले पीएम मोदी ने एक बार फिर से कहा कि 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती.

पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, ‘आज लाल किले से मैं आह्वान कर रहा हूं- सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारे हर लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुटे हुए हैं.’ 

राजनाथ सिंह ने की तारीफ

पीएम मोदी के इस संकल्प की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी जम कर तारीफ की. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘पीएम मोदी आज लाल क़िले की प्राचीर से देश के सामने अगले 25 वर्षों तक के लिए कई संकल्प रखे, जिनकी पूर्ति के लिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ ज़रूरी है. एक सक्षम, शक्तिशाली और आत्मनिर्भर भारत के लिए पूरा देश संकल्पबद्ध होकर आगे बढ़ेगा.’

‘हमारी ताकत हमारी एकजुटता है’

पीएम मोदी ने अपने एक घंटे से ज्यादा चले भाषण में कहा कि 21वीं सदी में भारत के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने से कोई भी बाधा रोक नहीं सकती. उन्होंने कहा, ‘हमारी ताकत हमारी जीवटता है, हमारी ताकत हमारी एकजुटता है. हमारी प्राणशक्ति, राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम की भावना है. उन्होंने ये भी कहा कि वो मैं भविष्य़दृष्टा नहीं हैं और कर्म के फल पर विश्वास रखता हैं. मेरा विश्वास देश के युवाओं पर है. मेरा विश्वास देश की बहनों-बेटियों, देश के किसानों, देश के प्रोफेशनल्स पर है. ये वो पीढ़ी है जो हर लक्ष्य हासिल कर सकती है.’

 


Independence Day : किसान आंदोलन के बीच छोटे किसानों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से बताई अपनी ख्वाहिश


TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 75वें स्वतंत्रता दिवस (75th Independence Day) पर लाल किले की प्राचीर से आज आठवीं बार देश को संबोधित किया. 88 मिनट के लंबे संबोधन में पीएम ने कहा कि देश के छोटे किसानों पर अब तक ध्यान नहीं दिया जा सका है. उन्होंने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि कृषि सेक्टर की चुनौतियों पर ध्यान देना होगा क्योंकि किसानों की जमीन लगातार छोटी हो रही है. 

देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि 80 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टेयर से भी कम जमीन है. मोदी ने 80 फीसदी किसानों के उत्थान का नारा देते हुए कहा, "छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है. आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा. उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी." TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

पीएम ने कहा कि पहले की सरकारों में जो देश में नीतियां बनीं, उनमें इन छोटे किसानों पर जितना ध्यान केंद्रित करना था, वो रह गया. अब इन्हीं छोटे किसानों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जा रहे हैं. पीएम मोदी की इस बात को छोटे किसानों खासकर 2 हेक्टेयर से छोटी जोत वाले किसानों, जो अपने भरण-पोषण के लिए खेती करते हों और व्यावसायिक खेती में ज्यादा भूमिका नहीं निभाते हों, को लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.

उत्तर भारत खासकर पंजाब, हरियाणा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े किसान जिनकी जोत का आकार 2 हेक्टेयर से ज्यादा है, इन दिनों तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि, आंदोलन को सभी जोत के आकार के किसानों का समर्थन प्राप्त है.

पीएम ने कहा कि आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं. बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी सुविधाओं को पहुंचाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क, डेटा की ताकत पहुंच रही है, इंटरनेट पहुंच रहा है. गांव में भी डिजिटल Entrepreneur तैयार हो रहे हैं.  पीएम ने कहा, "गांव में जो हमारी सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी 8 करोड़ से अधिक बहनें हैं, वो एक से बढ़कर एक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं. इनके प्रॉडक्ट्स को देश में और विदेश में बड़ा बाजार मिले, इसके लिए अब सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी." 

देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता - मोदी, 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाया जाएगा

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली /  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के तौर पर मनाने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा कि देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी. उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है. 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, "विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं देना होगा कोई पैसा, स्क्रैपेज पॉलिसी लॉन्च

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में इन्वेस्टर समिट में हिस्सा लिया. इस समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे. पीएम मोदी ने नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज पॉलिसी की शुरुआत की. उन्होंने कहा, ये नीति नए भारत के ऑटो सेक्टर को नई पहचान देने वाली है. देश में अनफिट वाहनों को एक वैज्ञानिक तरीके से हटाने में ये नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी. 

पीएम मोदी ने कहा, इस पॉलिसी से सामान्य परिवारों को हर प्रकार से बहुत फायदा होगा, सबसे पहला लाभ ये होगा कि पुरानी गाड़ी को स्क्रैप करने पर एक सर्टिफिकेट मिलेगा. ये सर्टिफिकेट जिसके पास होगा उसे नई गाड़ी की खरीद पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा. इसके साथ ही उसे रोड टैक्स में भी कुछ छूट दी जाएगी. दूसरा फायदा ये होगा कि पुरानी गाड़ी की मैंटेनेंस कॉस्ट, रिपेयर कॉस्ट, फ्यूल में भी बचत होगी. तीसरा फायदा सीधा जीवन से जुड़ा है. पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नॉलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी. चौथा, इससे हमारे स्वास्थ्य प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें भी कमी आएगी. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

पीएम मोदी ने बताया कि नई स्क्रैपिंग नीति कचरे से कंचन के अभियान की सर्कुलर अर्थव्यवस्था की एक अहम कड़ी है. ये नीति शहरों से प्रदूषण कम करने और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ तेज विकास की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है. ये नीति मेटल सेक्टर में देश की आत्मनिर्भरता को भी नई ऊर्जा देगी. ये नीति देश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नया निवेश लाएगी और हजारों रोजगार का निर्माण करेगी.

क्या है स्क्रैप पॉलिसी ? 

15 और 20 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी कबाड़ कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी के लिए 15 और निजी गाड़ी के लिए 20 साल का समय थय किया गया है. तय समय बाद वाहनों को ऑटोमेटेड़ फिटनेस सेंटर ले जाना होगा. ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का संचालन प्राइवेट कंपनियां करेंगी और इन्हीं निवेशकों को लुभाना इस समिट का एक बड़ा एजेंडा भी है. इस स्क्रैप पॉलिसी से क्या फायदा होगा वो भी जान लीजिए.

स्क्रैप पॉलिसी से क्या फायदा ?

वाहन मालिकों को आर्थिक नुकसान कम होगा, इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाएं कम होगी और जीवन सुरक्षित होगा. नए वाहनों में ज्यादा सुरक्षा मानकों का पालन होगा. पुराने वाहनों के स्क्रैप से प्रदूषण कम होगा. बजट में भी वित्त मंत्री नई स्क्रैप पॉलिसी का जिक्र कर चुकी हैं, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने अगले 5 सालों में 2 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. 



राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार अब 'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा


TODAY छत्तीसगढ़  / टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey team) ने शानदार परफॉर्मेंस किया और पुरूष टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम करने में सफल रही. वहीं, भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी शानदार परफॉर्मेंस किया और ब्रॉन्ज मेडल का मैच खेलने में सफल रही. ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार परफॉर्मेंस के बाद अब भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक बड़ा फैसला किया है. 

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पीएम ने खेलरत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पुरस्कार के नाम से जाने जानी की घोषणा कर दी है. पीएम ने ट्वीट करते हुए भी इसकी जानकारी सभी के साथ साझा भी की है. पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव लाया, लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है'. बता दें कि पहले खेल रत्न पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाता था. 

देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए। लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है।

बता दें कि भारतीय हॉकी के इतिहास में मेजर ध्यानचंद सबसे बड़े खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं.  काफी समय से इस बात की भी चर्चा थी कि ध्यानचंद को भारत रत्न के खिताब से भी नवाजा जाए. मेजर ध्यानचंद को भारतीय हॉकी का जादूगर माना जाता है. 

टोक्यो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों को दमखम देखने को मिला है. भारत ने ओलंपिक में अबतक 5 मेडल जीत लिए हैं. वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने भारत के खाते में सबसे पहले ब्रॉन्ज मेडल डाला था. इसके बाद बैडमिंटन दिग्गज पीवी सिंधु ने रजत पदक जीतकर कमाल कर दिखाया. भारतीय हॉकी टीम भले ही ब्रॉन्ज मेडल ही जीत पाई है लेकिन 41 साल के बाद पहली बार मेडल जीतकर भारतीय हॉकी में नए युग की शुरूआत कर दी है.    - एनडीटीवी 

मेडिकल कोर्स में OBC को 27%, EWS को 10% रिजर्वेशन, मोदी सरकार का बड़ा ऐलान


TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली /  मोदी सरकार ने पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए बड़ी सौगात दी है. सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण मंजूर कर लिया है. सरकार के इस फैसले से करीब 5550 स्टूडेंट्स को फायदा होगा. 

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सरकार के फैसले के मुताबिक अब MBBS और BDS के ग्रेजुएशन कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स और डिप्लोमा स्तर के मेडिकल कोर्सेज में दाखिले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के छात्रों को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग (EWS) के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस फैसले से हर साल MBBS कोर्स में ओबीसी के करीब 1500 स्टूडेंट्स और पोस्टग्रेजुएट में 2500 ओबीसी छात्रों को फायदा हो सकता है. इसी तरह MBBS में EWS के करीब 550 स्टूडेंट्स और पोस्ट ग्रेजुएशन में 1000 छात्रों को लाभ हो सकता है.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि दाखिले की यह व्यवस्था सेशन 2021-22 से लागू होगी. इसके तहत ऑल इंडिया कोटे के अंतर्गत आने वाले सभी UG और PG मेडिकल व डेंटल कोर्सेज में स्टूडेंट्स को रिजर्वेशन मिलेगा. बता दें कि हाल में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के नेतृत्व में ओबीसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर मेडिकल कॉलेजों में OBC और EWS स्टूडेंट्स के लिए आरक्षण लागू करने की मांग की थी.  

नई शिक्षा नीति किसी भी दबाव से मुक्‍त, छात्र अब अपनी मर्जी से चुन सकते हैं कोर्स - नरेंद्र मोदी


TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली /  देश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू हुए एक साल पूरा हो गया है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के शिक्षाविदों को संबोधित किया.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक Subject का दर्जा प्रदान किया गया है. अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पाएंगे. इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी.' 

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पीएम ने कहा, 'मुझे खुशी है कि 8 राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं. इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है.'

'युवाओं को एक कदम आगे का सोचना होगा'

पीएम मोदी ने कहा, 'आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा. हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा. लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं. नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है.'

पीएम मोदी ने कहा, 'जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनाएगा, AI driven economy के रास्ते खोलेगा. 21वीं सदी का आज का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है. इसलिए, उसे exposure चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए.'

पीएम मोदी ने कहा, 'भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं. मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है.' 

प्रधानमंत्री मोदी ने दिया देश भर में 1500 ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने का आदेश, तीसरी लहर को थामने कमर कसी

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने तैयारियां तेज कर दी हैं। देश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग की और 1,500 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने का आदेश दिया। इन प्लांट्स को देश भर के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि ये जल्दी से जल्दी काम करना सुनिश्चित कर दें। इसके साथ ही मीटिंग में पीएम मोदी ने हॉस्पिटल स्टाफ को ऑक्सीजन प्लांट के संचालन और रखरखाव के लिए जरूरी ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया।  

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इन ऑक्सीजन प्लांट्स की फंडिंग पीएम केयर्स फंड से की जाएगी। इससे देश में 4 लाख ऑक्सीजन बेड तैयार करने में मदद मिलेगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अहम मीटिंग में कहा कि हर जिले में ऐसे कुछ लोग होने चाहिए, जिन्हें ऑक्सीजन प्लांट्स के संचालन और रखरखाव के लिहाज से ट्रेनिंग दी जाए। भारत में मार्च से लेकर मई तक चली कोरोना की दूसरी लहर में बड़े पैमाने पर कोरोना के केस मिले थे। यही नहीं पहली लहर के मुकाबले इस बार ऑक्सीजन की कमी के मामले बहुत ज्यादा देखने को मिले थे। वहीं मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु समेत देश के तमाम शहरों में मेडिकल ऑक्सीजन, वेंटिलेटर बेड्स आदि तक की कमी पड़ गई थी। 

अधिकारी राज्य सरकारों संग काम करें - मोदी 

इसके चलते सरकार को भी काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था। शायद यही वजह है कि तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच पीएम मोदी ने यह मीटिंग की है और जल्दी से जल्दी ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने का आदेश दिया है। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि अस्पतालों के स्टाफ की सही ट्रेनिंग हो सके। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारों को नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ऑक्सीजन प्लांट्स के कामकाज की मॉनिटरिंग की जा सके। 

मोदी के मंत्रियों को विभागों का बँटवारा, शाह को बड़ी जिम्‍मेदारी, सिंधिया नागरिक उड्डयन मंत्री, अश्विनी चलायेंगे रेल

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्‍ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। कुल 43 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। नारायण राणे, सर्बानंद सोनोवाल, के अलावा मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार समेत 15 सांसदों ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। नई कैबिनेट में 28 राज्य मंत्री है। प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 32 ऐसे चेहरे हैं जो पहली बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांस एंड पेंशन, एटॉमिक एनर्जी, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस, पॉलिसी इश्यू मंत्रालयों की निगरानी करेंगे .TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

शाह को बड़ी जिम्‍मेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई कैबिनेट में एक नया मंत्रालय मिनिस्ट्री ऑफ को-ऑपरेशन बनाया है। इस मंत्रालय के जरिए सरकार अपने 'सहकार से समृद्धि' के विजन को अमलीजामा पहनाएगी। सूत्रों की मानें तो यह मंत्रालय देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत करने के लिए अलग से प्रशासनिक ढांचा उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने इस नए मंत्रालय की जिम्‍मेदारी गृह मंत्री अमित शाह को सौंपी है। शाह को यह अतिरिक्‍त जिम्‍मेदारी सौंपी गई है...

मनसुख मंडाविया को स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की कमान

कोरोना महामारी के संकट के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्‍मेदारी अब मनसुख मंडाविया संभालेंगे। इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन इस मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाल रहे थे। मांडविया को स्वास्थ्य के साथ रसायन और उर्वरक मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

दिग्‍गजों पर दारोमदार - 

मनसुख मंडाविया - स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री

धर्मेंद्र प्रधान - शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय

अश्विनी वैष्णव - रेल मंत्री के साथ आईटी और संचार मंत्री होंगे। 

पीयूष गोयल - उपभोक्ता कल्याण मंत्रालय के अलावा कपड़ा एवं वाणिज्य मंत्रालय

हरदीप सिंह पुरी - पेट्रोलियम मंत्रालय

सिंधिया- सिविल एविएशन

स्मृति ईरानी: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्‍वच्‍छ भारत मिशन भी देखेंगी

ज्योतिरादित्य सिंधिया: नागरिक उड्डयन मंत्रालय

धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय का जिम्मा मिला

पशुपति पारस : खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय

किरन रिजिजू : संस्कृति मंत्रालय

सर्बानंद सोनोवाल: आयुष मंत्रालय, उत्तर-पूर्व के मामले भीपुरुषोत्तम रूपाला: डेयरी और फिशरीज मंत्रालय

अनुराग ठाकुर: खेल और युवक कल्याण मंत्रालय

गिरिराज सिंह: ग्रामीण विकास मंत्रालय

भूपेंद्र यादव: श्रम मंत्रालय

प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने मई 2019 में 57 मंत्रियों के साथ अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कि‍या था। इसके बाद पीएम मोदी ने पहली बार केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार किया है। नियम के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अधिक से अधिक 81 सदस्‍य हो सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्‍तार में उत्तर प्रदेश को बड़ा हिस्सा मिला है। केंद्र सरकार ने इस विस्‍तार में शिक्षित और युवा सदस्यों को तरजीह दी है। 


सिंधिया, मीनाक्षी, अनुप्रिया, पशुपति पारस, सोनोवाल समेत 43 मंत्री शपथ लेकर मोदी मंत्रीपरिषद का हिस्सा बने

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / नरेंद्र मोदी 2.0 कैबिनेट के पहले विस्तार में कई नए चेहरों को जगह मिली है और कुछ मौजूदा मंत्रियों की तरक्की हुई है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कुल 43 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। इनमें 36 नए चेहरे हैं और 7 ऐसे राज्यमंत्री भी हैं जिन्हें प्रमोशन दिया गया है। प्रमोशन पाने वालों में किरेन रिजिजू, हरदीप सिंह पुरी, अनुराग ठाकुर, जी. किशन रेड्डी प्रमुख हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराकर फिर से शिव'राज' की वापसी के सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया, असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे, एलजेपी में बगावत करने वाले पशुपतिनाथ पारस, जेडीयू चीफ आरसीपी सिंह मंत्रिपरिषद में जगह पाने वाले प्रमुख चेहरों में शामिल हैं। 

आज शपथ लेने वाले मंत्रियों में 36 नए चेहरे और 7 पुराने मंत्री जिन्हें प्रमोशन दिया गया शामिल हैं। कुल 43 मंत्रियों ने मोदी केबिनेट का हिस्सा बनने का गौरव हासिल किया। शपथ लेने वाले मंत्री  -  
1. नारायण तातु राणे 2. सर्बानंद सोनोवाल 3. वीरेंद्र कुमार 4. ज्योतिरादित्य एम सिंधिया 5. रामचंद्र प्रसाद सिंह 6. अश्विनी वैष्णव 7. पशुपति कुमार पारस 8. किरेन रिजिजू 9. राज कुमार सिंह 10.हरदीप सिंह पुरी 11.मनसुख मंडाविया 12.भूपेंद्र यादव 13. पुरुषोत्तम रूपाला 14.जी. किशन रेड्डी 15.अनुराग सिंह ठाकुर 16.पंकज चौधरी 17.अनुप्रिया सिंह पटेल 18.डॉ. सत्य पाल सिंह बघेल 19.राजीव चंद्रशेखर 20.शोभा करंदलाजे 21.भानु प्रताप सिंह वर्मा 22.दर्शन विक्रम जरदोशी 23.मीनाक्षी लेखी 24.अन्नपूर्णा देवी 25.ए. नारायणस्वामी 26.कौशल किशोर 27.अजय भट्ट 28.बी. एल वर्मा 29.अजय कुमार 30.चौहान देवुसिंह: 31.भगवंत खुबा  32.कपिल मोरेश्वर पाटिल 33.प्रतिमा भौमिक 34.डॉ. सुभाष सरकार 35.डॉ. भागवत किशनराव कराडी 36.डॉ. राजकुमार रंजन सिंह 37.डॉ. भारती प्रवीण पवार 38.बिश्वेश्वर टुडु 39.शांतनु ठाकुर 40.डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई 41.जॉन बरला 42.डॉ. एल. मुरुगनी 43.निसिथ प्रमाणिक शामिल हैं। 

मोदी की क्लास ख़त्म, 43 मंत्री कुछ ही मिनटों में लेंगे शपथ । रविशंकर समेत 11 मंत्री की छुट्टी


TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / अब से कुछ ही देर बाद राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद का फेरबदल होने जा रहा है. कुल 43 मंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. इनमें से सात मंत्रियों को प्रोन्नत किया जा रहा है, जबकि 36 नए चेहरों को शामिल किया जा रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने शपथ समारोह से पहले सभी नए मंत्रियों को राजनीतिक शूचिता का पाठ पढ़ाया है. पीएम आवास में इनके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और राजनाथ सिंह भी मौजूद थे.

आज शपथ लेने वाले सभी 43 लोगों के नाम सामने आ चुके हैं. लिस्ट के मुताबिक ये लोग कुछ ही देर बाद मंत्री पद की शपथ लेंगे। 

1. नारायण तातु राणे 2. सर्बानंद सोनोवाल 3. वीरेंद्र कुमार 4. ज्योतिरादित्य एम सिंधिया 5. रामचंद्र प्रसाद सिंह 6. अश्विनी वैष्णव 7. पशुपति कुमार पारस 8. किरेन रिजिजू 9. राज कुमार सिंह 10.हरदीप सिंह पुरी 11.मनसुख मंडाविया 12.भूपेंद्र यादव 13. पुरुषोत्तम रूपाला 14.जी. किशन रेड्डी 15.अनुराग सिंह ठाकुर 16.पंकज चौधरी 17.अनुप्रिया सिंह पटेल 18.डॉ. सत्य पाल सिंह बघेल 19.राजीव चंद्रशेखर 20.शोभा करंदलाजे 21.भानु प्रताप सिंह वर्मा 22.दर्शन विक्रम जरदोशी 23.मीनाक्षी लेखी 24.अन्नपूर्णा देवी 25.ए. नारायणस्वामी 26.कौशल किशोर 27.अजय भट्ट 28.बी. एल वर्मा 29.अजय कुमार 30.चौहान देवुसिंह: 31.भगवंत खुबा  32.कपिल मोरेश्वर पाटिल 33.प्रतिमा भौमिक 34.डॉ. सुभाष सरकार 35.डॉ. भागवत किशनराव कराडी 36.डॉ. राजकुमार रंजन सिंह 37.डॉ. भारती प्रवीण पवार 38.बिश्वेश्वर टुडु 39.शांतनु ठाकुर 40.डॉ. मुंजापारा महेंद्रभाई 41.जॉन बरला 42.डॉ. एल. मुरुगनी 43.निसिथ प्रमाणिक 

इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, सदानंद गौड़ा, संजय धोत्रे, रतन लाल कटारिया और देबाश्री चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय से दो इस्तीफे हुए हैं. स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे,  राव साहेब दानवे पाटिल और बंगाल कोटे से मंत्री बाबुल सुप्रियो ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. अब तक कुल 12 मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. माना जा रहा है कि कुछ और मंत्रियों की टीम मोदी से विदाई हो सकती है. थावरचंद गहलोत पहले ही राज्यपाल बनाए जा चुके हैं. 

राष्ट्रपति भवन से जारी सूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने 11  मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं. आज इन मंत्रियों ने दिए इस्तीफे-

1. डी.वी. सदानंद गौड़ा 2.  रविशंकर प्रसाद 3. थावरचंद गहलोत 4. रमेश पोखरियाल 'निशंक' 5. डॉ. हर्षवर्धन 6. प्रकाश जावड़ेकर 7. संतोष कुमार गंगवार 8. बाबुल सुप्रियो 9. धोत्रे संजय शामराव 10. रतन लाल कटारिया 11. प्रताप चंद्र सारंगी 12. देबाश्री चौधरी 

ये है मोदी सरकार के संभावित नए मंत्रियों की पूरी लिस्‍ट, कैबिनेट विस्‍तार जल्‍द। आधा दर्जन मंत्रियों की छुट्टी

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्‍ली / केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए मंत्रिपरिषद में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (OBC) का प्रतिनिधित्‍व बढ़ने के पूरे आसार हैं। साथ ही साथ, कैबिनेट में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी फोकस होगा। 2019 में दूसरी बार सरकार बनाने के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार मंत्रिपरिषद का व‍िस्‍तार करने वाले हैं।

कई प्रमुख मंत्रालयों का जिम्‍मा खाली पड़ा है। इस कैबिनेट विस्‍तार के जरिए, 2022 में कई राज्‍यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी संदेश दिया जाएगा। चुनावी राज्‍यों के नेताओं को कैबिनेट में जगह मिलनी लगभग तय है। युवाओं के साथ-साथ अनुभवी नेताओं का एक बैलेंस बनाने की कोशिश होगी। आइए जानते हैं उन नामों के बारे में जो चर्चा में हैं। 

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जिन-जिन नेताओं को फोन पर मंत्री बनाए जाने की सूचना दी जा रही है, उन्‍हें दिल्‍ली बुलाया गया है। सिंधिया, सोनोवाल, राणे समेत कई नेता राजधानी पहुंच चुके हैं। चुनाव वाले राज्यों और सामाजिक समीकरणों को देखते हुए करीब दो दर्जन मंत्रियों को शामिल किए जाने की खबर है। गठबंधन के सहयोगियों को भी फेरबदल में मंत्री पद दिया जाएगा। 

आज शाम तक होने वाले बड़े फेरबदल और मोदी केबिनेट के विस्तार की हलचल प्रधानमंत्री निवास पर देखि जा रही है। मंत्रीमंडल विस्तार से पहले कुछ मंत्रियों को हटाए जाने के कयास पर छाये बादल भी छंट गए हैं। खबर है कि आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों की छुट्टी कर दी गयी है। इन मंत्रियों में रमेश पोखरियाल निशंक, संतोष गंगवार, देबोश्री चौधरी, संजय धोत्रे, बाबुल सुप्रियो, राव साहेब दानवे पाटिल, सदानंद गौड़ा और डॉ हर्षवर्धन का नाम शामिल होना बताया गया है। 

मोदी कैबिनेट में फेरबदल : देश के इतिहास में अब तक का 'सबसे युवा' मंत्रिमंडल होगा !

  TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली /  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में फेरबदल बुधवार शाम 6 बजे किया जाएगा। साथ ही ये भी ख़बरें आ रहीं हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट भारत के इतिहास में सबसे युवा होगी। सियासी सूत्रों ने बताया कि नई केबिनेट की औसतन आयु अभी तक सबसे कम होगी और शैक्षणिक योग्यता सबसे ज्यादा. इनमें पीएचडी, एमबीए, पोस्ट ग्रेजुएट और प्रोफेशनल शामिल होंगे. साथ ही सूत्रों ने कहा कि प्रत्येक राज्य और यहां तक ​​कि राज्यों के क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने बताया, करीब दो दर्जन ओबीसी का प्रतिनिधित्व होगा. छोटे समुदायों को शामिल करने की योजना है. अधिक महिला मंत्री होंगी और प्रशासनिक अनुभव रखने वालों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया जाएगा. 

कैबिनेट में शामिल होने को लेकर जिन लोगों की चर्चा हैं, उनमें से कई दिल्ली आ चुके हैं, जबकि कुछ दिल्ली आ रहे हैं. इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, पशुपति पारस, नारायण राणे और वरुण गांधी शामिल हैं. दिल्ली की फ्लाइट पकड़ने से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया उज्जैन के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा करते हुए दिखे. सिंधिया ने बताया, 'मैं उज्जैन की यात्रा पूरी करने के बाद दिल्ली जाऊंगा.' सिंधिया ने पिछले साल ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी. 

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असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल चुनाव के बाद हेमंत बिस्वा सरमा के लिए मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए राजी हो गए थे. उन्हें भी केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. वहीं, बिहार से पशुपति पारस को कुर्ता खरीदते हुए देखा गया. जब उस दौरान उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें दिल्ली से निमंत्रण मिला है तो उन्होंने कहा, 'राज को राज ही रहने दो.' उनके करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से फोन आया था.

केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का राज्यपाल बना दिया गया है. इसके साथ ही मंत्रिमंडल में उनकी जगह खाली हो गई है. उनका राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक का है. ऐसे में मंत्रिमंडल में ऐसे व्यक्ति को शामिल किया जा सकता है, जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है. उसे गहलोत के बाकि बचे हुए कार्यकाल के लिए राज्यसभा में भेजा जा सकता है. सोर्स  - एनडीटीवी 

मैं 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को मिटाना चाहता हूँ - नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के 14 चुनिंदा नेताओं के बीच की अहम बैठक खत्म हो गई है। बैठक में परिसीमन, चुनाव, पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को खत्म करना चाहते हैं।
TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग दलों के 14 चुनिंदा नेताओं के साथ मैराथन चर्चा की। दोपहर 3 बजे शुरू हुई बैठक करीब पौने 4 घंटे तक चली। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। पीएम ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया के बाद सूबे में विधानसभा चुनाव कराना उनकी प्राथमिकता में है।

'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को दूर करना चाहता हूं: PM

 सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को दूर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम सभी को राष्ट्रीय हित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में सभी की सुरक्षा और बेहतरी के माहौल को सुनिश्चित करने की जरूरत है। 

अच्छे माहौल में हुई बातचीत

बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने बताया कि बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के सभी मुद्दों को सुना। पीएम ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

कांग्रेस ने राज्य के बंटवारे का किया विरोध

पीएम के साथ बैठक में कांग्रेस ने राज्य के दो हिस्सों में बंटवारे का विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, स्टेट यूनिट के चीफ गुलाम अहमद मीर और पूर्व डेप्युटी सीएम तारक चंद ने शिरकत की। बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने बताया कि यह एक खुली चर्चा थी, जो जिस विषय पर बोलना चाहा, बोला।

गृह मंत्री ने दिया पूर्ण राज्य बहाली का भरोसा

आजाद ने बताया, 'आज की मीटिंग में हम तीनों ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म नहीं किया जाना चाहिए था। हमने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। इससे पहले हमें आश्वासन मिला था। आज पूर्ण राज्य बहाल करने का सबसे अनुकूल समय है। गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर बहाल होगा लेकिन पहले परिसीमन हो जाए। '

राजनीतिक बंदियों को छोड़ने, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी उठी मांग

गुलाम नबी आजाद ने केंद्र से इस बात की गारंटी मांगी कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का उनकी जमीन पर हक पहले की तरह ही सुरक्षित रहे। उन्होंने बताया, 'केंद्र सरकार से जमीन की गारंटी मिलनी चाहिए। कश्मीरी पंडितों को वापस लाया जाए और पुनर्वास किया जाए। 5 अगस्त को राज्य को दो हिस्सों में बांटा गया, उससे पहले और बाद के राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की मांग की।

आर्टिकल 370 पर नहीं हुई चर्चा

बैठक से पहले ऐसी अटकलें लग रही थीं कि गुपकार से जुड़े नेता आर्टिकल 370 के तहत सूबे को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने का मुद्दा उठा सकते हैं। लेकिन बैठक में यह मुद्दा नहीं उठा। गुलाम नबी आजाद ने बताया कि बैठक में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना था कि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए इस पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है। 

8 दलों के 14 नेताओं को मिला था पीएम का न्योता

इस बैठक में 8 दलों के 14 नेता आमंत्रित थे। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद प्रमुख हैं। बीजेपी की ओर से बैठक में जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी शामिल हुए। पीएम के साथ इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पीके मिश्रा और गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद रहे।  - एनबीटी  

International Day of Yoga : कोरोना महामारी के दौरान योग बना उम्मीद की किरण - मोदी


TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / आज 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा- 'आज जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का मुकाबला कर रहा है, तो योग उम्मीद की एक किरण बना हुआ है।' पीएम मोदी ने कहा कि दो वर्ष से दुनिया भर के देशो में और भारत में भले ही बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हुआ हों, लेकिन योग दिवस के प्रति उत्साह कम नहीं हुआ है।

देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा- दुनिया के अधिकांश देशों के लिए योग दिवस कोई उनका सदियों पुराना सांस्कृतिक पर्व नहीं है। इस मुश्किल समय में, इतनी परेशानी में लोग इसे भूल सकते थे, इसकी उपेक्षा कर सकते थे। लेकिन इसके विपरीत, लोगों में योग का उत्साह बढ़ा है, योग से प्रेम बढ़ा है।

कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा - 'जब कोरोना के अदृष्य वायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी, तब कोई भी देश, साधनों से, सामर्थ्य से और मानसिक अवस्था से, इसके लिए तैयार नहीं था। हम सभी ने देखा है कि ऐसे कठिन समय में, योग आत्मबल का एक बड़ा माध्यम बना।'

योग दिवस पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा- जब भारत ने यूनाइटेड नेशंस में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था, तो उसके पीछे यही भावना थी कि ये योग विज्ञान पूरे विश्व के लिए सुलभ हो। आज इस दिशा में भारत ने यूनाइटेड नेशंस, WHO के साथ मिलकर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब विश्व को, M-Yoga ऐप की शक्ति मिलने जा रही है। इस ऐप में कॉमन योग प्रोटोकॉल के आधार पर योग प्रशिक्षण के कई विडियोज दुनिया की अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध होंगे।

आपको बता दें कि इस साल योग दिवस की थीम 'योग फॉर वेलनेस' है जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित है। कोरोना संक्रमण के चलते योग दिवस पर इस बार ज्यादातर कार्यक्रम वर्चुअली आयोजित किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी योग दिवस के मौके पर दिल्ली स्थित अपने आवास पर योगाभ्यास किया।  

                                                 

MSP : सरकार ने धान सहित कई खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया, मोदी सरकार के फैसले से किसानों को होगा फायदा

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / मोदी कैबिनेट ने बुधवार को धान सहित कई खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि कर दी है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी है। धान (Paddy) का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के ₹1868 प्रति क्विंटल से 72 रुपये बढ़ाकर साल 2021-22 के लिए ₹1940 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। 

कैबिनेट मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि इस साल तिल के भाव (MSP) में सबसे अधिक ₹452 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है, जबकि तुअर और उड़द के भाव में ₹300 प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट (Modi Cabinet) की एक वर्चुअल मीटिंग आयोजित की गई थी। एमएसपी (MSP) वह दर होती है जिस दर से सरकार किसानों से खाद्यान्न खरीदती है। 

किसानों के हित के कदम

केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मोदी कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों की MSP में 50 फीसदी तक वृद्धि करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पिछले सात साल से किसानों के हित में फैसले ले रही है और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करने के लिए हर वक्त तैयार रहती है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

रेलवे के लिए भी स्पेक्ट्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में रेलवे (Indian Railway) के लिए 5 मेगाहट्र्ज (MHZ) के 4G स्पेक्ट्रम आवंटन को भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने रेलवे की संचार व सिग्नल प्रणाली उन्नत करने के लिए पांच मेगाहर्ट्ज के 4जी स्पेक्ट्रम को मंजूरी दी है। इस योजना पर अगले पांच साल में 25,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मोदी कैबिनेट ने रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड में संशोधन के साथ नई निवेश नीति (एनआईपी)-2012 के हिसाब से विस्तार को भी मंजूरी दे दी है। 

MSP पर गेहूं की खरीदारी

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अब तक पूरे देश से इस साल करीब 416.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 371.33 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। पिछले साल के मुकाबले इस बार MSP पर 12.14 प्रतिशत ज्यादा खरीद हुई है। गेहूं खरीद में टॉप 5 राज्यों में पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। कुल खरीद में 132.1 लाख मीट्रिक टन के साथ सबसे ऊपर है, दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है जहां 128.08 एलएमटी की खरीद हुई है जबकि 84.93 एलएमटी के साथ तीसरे नंबर पर हरियाणा और 45.78 एलएमटी के साथ उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर है। 

                                               

मोदी से मिलने के बाद बोले उद्धव - " मैं कोई नवाज़ शरीफ से मिलने नहीं गया था "

TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली /  महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात की. इस बैठक के दौरान उन्होंने मराठा आरक्षण, मेट्रो कार शेड, जीएसटी, कोरोना की स्थिति और ताऊते से हुए नुकसान समेत कई मुद्दों पर चर्चा की. इस बैठक में राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार और कांग्रेस नेता अशोक च्हवाण भी शामिल हुए. 

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इस बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बेहद रोचक जवाब दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री से मुलाकात को लेकर उठा जा रहे सवालों पर कहा कि मैं कोई नवाज शरीफ से तो मिला नहीं हूं.

उन्होंने कहा, ''हम राजनीतिक तौर पर साथ नहीं हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारे संबंध खत्म हो गए हैं. मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था. इसलिए मैं अगर मैं प्रधानमंत्री से अकेले में मिलता हूं तो इसमें कुछ गलत नहीं हैं.''

इसके अलावा ठाकरे ने वैक्सीननीति में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री ने टीकाकरण की सारी जिम्मेदारी केंद्र के ऊपर ली है तो हम उनको धन्यवाद देना चाहते हैं और अपेक्षा करते हैं कि जो रुकावटें आ रही थीं वे अब दूर हो जाएंगी और जल्द से जल्द सबका टीकाकरण हो जाएगा.''

ठाकरे ने कहा, ‘‘ मराठा आरक्षण, मेट्रो के ‘कार शेड’, जीएसटी मुआवजे से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री से बातचीत की. ’’ वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार और मंत्रिमंडल के सदस्य अशोक चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.’’ 

                                             

मोदी का एलान: योग दिवस से मुफ्त वैक्सीन, दिवाली तक 80 करोड़ से अधिक लोगों को फ्री अनाज

TODAY
 छत्तीसगढ़  /  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को देश को एक बार फिर से संबोधित किया। उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर के बीच लोगों को जागरूक रहने की अपील की। साथ ही, कोरोना वॉरियर्स का हौसला भी बढ़ाया। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना काल में अब तक 8 बार देश को संबोधित कर चुके हैं। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी -

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी। 

वैक्सीन की किल्लत को दूर करने के लिए 'मिशन इंद्रधनुष' को शुरू किया है - 

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे बड़े देश में क्या होता? आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था। लेकिन हमने इस समस्या के समाधान के लिए 'मिशन इंद्रधनुष' को शुरू किया है।

तीन और टीके का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है -

पीएम मोदी ने कहा कि जरूरी दवाओं के प्रोडेक्शन को कई गुना बढ़ाया गया। दूसरे देशों से उन्हें लाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन के लिए सबसे प्रभावी हथियार एहतियात ही है। इस लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह हैं। आज देश में 7 कंपनियां, विभिन्न प्रकार के टीके का उत्पादन कर रही हैं। तीन और टीके का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है।

देश भर में अब कोविड टीकाकरण की जिम्मेदारी भारत सरकार की - 

पीएम मोदी ने कहा कि आज ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 फीसदी काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था आने वाले 2 सप्ताह में लागू की जाएगी। इन दो सप्ताह में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइंस के अनुसार आवश्यक तैयारी कर लेंगी।

21 जून से भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन देगी - 

21 जून, सोमवार से देश के हर राज्य में, 18 वर्ष से ऊपर की उम्र के सभी नागरिकों के लिए, भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल वैक्सीन उत्पादन का 75 फीसदी हिस्सा भारत सरकार खुद ही खरीदकर राज्य सरकारों को मुफ्त देगी। देश की किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा। अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है। अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे। सभी देशवासियों के लिए भारत सरकार ही मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाएगी।

प्राइवेट अस्पताल की व्यवस्था जारी रहेगी - 

देश में बन रही वैक्सीन में से 25 फीसदी प्राइवेट सेक्टर के अस्पताल सीधे ले पाएं, ये व्यवस्था जारी रहेगी। प्राइवेट अस्पताल, वैक्सीन की निर्धारित कीमत के उपरांत एक डोज पर अधिकतम 150 रुपए ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे। इसकी निगरानी करने का काम राज्य सरकारों के ही पास रहेगा।

'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा - 

पीएम मोदी ने कहा कि आज सरकार ने फैसला लिया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है।यानि नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।

बच्चों के लिए नाक से दी जाने वाली दवा का परीक्षण जारी - 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में नेजल वैक्सीन पर अनुसंधान जारी है। इसे सिरिंज से ना लेकर नाक में स्प्रे किया जाएगा। अगर यह ट्रायल सफल हो गया तो इससे भारत के वैक्सीन अभियान में और भी तेजी आएगी।

खुद पर विश्वास हो तो सफलता जरूर मिलती है: पीएम मोदी - 

पीएम मोदी ने कहा कि जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं। हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी। 

                                            
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