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धर्म परिवर्तन : सिख लड़की का दावा- मर्जी से किया निकाह, मैं लापता नहीं। देखें video

TODAY छत्तीसगढ़  / श्रीनगर / जम्मू कश्मीर में दो सिख लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन और निकाह मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में जिस लड़की के लापता होने के दावा किया जा रहा था अब उसने खुद वीडियो जारी कर सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. लड़की ने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है और मेरे साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं हुई है.

'अपनी मर्जी से किया निकाह'

लड़की ने एक वीडियो में कहा कि यह मामला आज का नहीं है बल्कि 2012 में ही मैंने सिख धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था. उन्होंने कहा कि न मेरा अपहरण हुआ है और न ही मेरे साथ किसी तरह की जबरदस्ती की गई है. सिख लड़की ने बयान में कहा कि 2014 में अपने बैच मेट मुजफ्फर के साथ मैंने मर्जी से निकाह किया है.

वीडियो में लड़की ने साफ किया कि वह कोई छोटी बच्ची नहीं है कि उसके साथ कोई ज्यादती की जाए बल्कि 28 साल की लड़की ने कहा कि मुझे अपने बारे में फैसला लेने का अधिकार है. उन्होंने कहा कि मैं लापता या किडनेप नहीं हूं बल्कि परिवार के साथ हूं.

                                                

'लड़के के खिलाफ बयान का दबाव'

उन्होंने बताया कि जब मैंने पुलिस की मदद लेनी चाही तो मेरे दस्तावेजों को ठीक से नहीं देखा गया और लिखित में मेरा बयान तक नहीं लिया. मेरे पति को जेल में डालकर मुझे मेरे परिवार वालों के सुपुर्द कर दिया गया. इसके बाद घरवाले मुझे अमृतसर लेकर आ गए जहां मुझ पर दवाब बनाया जाने लगा. 

लड़की ने एक वीडियो में कहा कि यह मामला आज का नहीं है बल्कि 2012 में ही मैंने सिख धर्म छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया था. उन्होंने कहा कि न मेरा अपहरण हुआ है और न ही मेरे साथ किसी तरह की जबरदस्ती की गई है. 

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लड़की न दावा किया कि पंजाब में सिख समुदाय के लोगों ने मेरा ब्रेन वॉश करने की कोशिश की और मेरे मुस्लिम पति के खिलाफ बयान देने का दबाव बनाया. उन्होंने कहा कि मुझे पति के पास नहीं जाने दिया गया. साथ ही लगातार मुझे धमकियां मिल रही हैं कि अगर लड़के के खिलाफ बयान नहीं दिया तो गोली मार दी जाएगी वरना एडिट अटैक कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं जज के सामने जाने को तैयार हो गई.

'मेरे नाम पर प्रोपगेंडा फैलाया'

इसके बाद हाई कोर्ट में मैंने बयान दिया कि सब कुछ मेरी रजामंदी से हुआ है और मैं किसी बेगुनाह को फंसा नहीं सकती. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भी मेरी बात को ध्यान से सुना और सारे दस्तावेज देखे. कोर्ट में मेरा बयान बगैर किसी दबाव के हुआ और मैंने वहां सब सच बताया. उन्होंने कहा कि मेरे पति पर लगाए गए आरोप झूठे हैं.   

लड़की ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह एक निजी मामले है और इसे किसी भी रूप में धर्म या अल्पसंख्यक समुदाय से नहीं जोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि मेरे निकाह को लेकर प्रोपगेंडा फैलाया जा रहा है और नफरत परोसी जा रही है. लड़ने ने कहा कि मुझे अपने अधिकार मालूम हैं और मेरे साथ कोई अन्याय नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी धर्मिक आजादी और बालिग को अपनी मर्जी से शादी का अधिकार देता है.

अकाली नेता ने उठाया मुद्दा

इससे पहले अकाली नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि हाल में कश्मीर में चार सिख महिलाओं का जबरन निकाह कराया गया और उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया. उन्होंने महिलाओं को उनके परिवार को सौंपने और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ एक कानून की मांग की है. इसके लिए उन्होंने श्रीनगर में सिख समुदाय के लोगों के साथ प्रदर्शन भी किया, साथ ही उप राज्यपाल से मुलाकात भी की है. - zee न्यूज़ 

                                                

मैं 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को मिटाना चाहता हूँ - नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के 14 चुनिंदा नेताओं के बीच की अहम बैठक खत्म हो गई है। बैठक में परिसीमन, चुनाव, पूर्ण राज्य के दर्जे की बहाली, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को खत्म करना चाहते हैं।
TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग दलों के 14 चुनिंदा नेताओं के साथ मैराथन चर्चा की। दोपहर 3 बजे शुरू हुई बैठक करीब पौने 4 घंटे तक चली। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को मिटाना चाहते हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। पीएम ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया के बाद सूबे में विधानसभा चुनाव कराना उनकी प्राथमिकता में है।

'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को दूर करना चाहता हूं: PM

 सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि वह 'दिल्ली की दूरी' और 'दिल की दूरी' को दूर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन हम सभी को राष्ट्रीय हित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में सभी की सुरक्षा और बेहतरी के माहौल को सुनिश्चित करने की जरूरत है। 

अच्छे माहौल में हुई बातचीत

बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने बताया कि बातचीत बहुत ही अच्छे माहौल में हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं के सभी मुद्दों को सुना। पीएम ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

कांग्रेस ने राज्य के बंटवारे का किया विरोध

पीएम के साथ बैठक में कांग्रेस ने राज्य के दो हिस्सों में बंटवारे का विरोध किया। कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, स्टेट यूनिट के चीफ गुलाम अहमद मीर और पूर्व डेप्युटी सीएम तारक चंद ने शिरकत की। बैठक के बाद गुलाम नबी आजाद ने बताया कि यह एक खुली चर्चा थी, जो जिस विषय पर बोलना चाहा, बोला।

गृह मंत्री ने दिया पूर्ण राज्य बहाली का भरोसा

आजाद ने बताया, 'आज की मीटिंग में हम तीनों ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म नहीं किया जाना चाहिए था। हमने पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। इससे पहले हमें आश्वासन मिला था। आज पूर्ण राज्य बहाल करने का सबसे अनुकूल समय है। गृह मंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर बहाल होगा लेकिन पहले परिसीमन हो जाए। '

राजनीतिक बंदियों को छोड़ने, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी उठी मांग

गुलाम नबी आजाद ने केंद्र से इस बात की गारंटी मांगी कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का उनकी जमीन पर हक पहले की तरह ही सुरक्षित रहे। उन्होंने बताया, 'केंद्र सरकार से जमीन की गारंटी मिलनी चाहिए। कश्मीरी पंडितों को वापस लाया जाए और पुनर्वास किया जाए। 5 अगस्त को राज्य को दो हिस्सों में बांटा गया, उससे पहले और बाद के राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की मांग की।

आर्टिकल 370 पर नहीं हुई चर्चा

बैठक से पहले ऐसी अटकलें लग रही थीं कि गुपकार से जुड़े नेता आर्टिकल 370 के तहत सूबे को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने का मुद्दा उठा सकते हैं। लेकिन बैठक में यह मुद्दा नहीं उठा। गुलाम नबी आजाद ने बताया कि बैठक में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना था कि यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए इस पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है। 

8 दलों के 14 नेताओं को मिला था पीएम का न्योता

इस बैठक में 8 दलों के 14 नेता आमंत्रित थे। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूख अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद प्रमुख हैं। बीजेपी की ओर से बैठक में जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी शामिल हुए। पीएम के साथ इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पीके मिश्रा और गृह सचिव अजय भल्ला भी मौजूद रहे।  - एनबीटी  

ममता के बाद महबूबा : पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगी जम्मू-कश्मीर की पूर्व CM


TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली /  जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होंगी. जम्मू-कश्मीर में चुनाव और परिसीमन को लेकर इस बैठक में चर्चा हो सकती है. बता दें कि केंद्र सरकार ने कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा के लिए 24 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इसमें सभी पार्टियों को न्योता दिया गया था. पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती पीएम मोदी के साथ बैठक में नहीं शामिल होने के लिए गुपकार के नेताओं के साथ इंटरनल वर्चुअल मीटिंग भी करेंगी. 

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता सैय्यद सुहैल बुखारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियों की बैठक से आज (रविवार को) पीडीपी की मीटिंग हुई. पार्टी के सभी सदस्यों ने मिलकर फैसला किया है कि महबूबा मुफ्ती पीएम मोदी के साथ बैठक में शामिल नहीं होंगी. उन्होंने आगे कहा कि दो दिन के अंदर गुपकार गठबंधन के नेताओं की मीटिंग भी होगी. इस मुद्दे की चर्चा उस मीटिंग में भी की जाएगी.

पीएम मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इन नेताओं को बैठक में आमंत्रित करने के लिए उनसे संपर्क किया. आमंत्रित लोगों में चार पूर्व मुख्यमंत्री- नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती शामिल हैं.

बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करके धारा 370 हटा दी थी और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. उसके बाद से प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ यह पहली बातचीत होगी. 

माँ वैष्णो देवी मंदिर परिसर में लगी भीषण आग, कैश काउंटर जलकर खाक

 TODAY छत्तीसगढ़  / जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में भीषण आग लग गई है। मंदिर परिसर में स्थित कालिका भवन के पास काउंटर नंबर दो के नजदीक यह आग लगी है। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अब तक किसी के इस घटना में हताहत होने की खबर नहीं मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां आग लगी है उस स्थान से प्राकृतिक गुफा की दूरी तकरीबन सौ मीटर है। आग की लपटें भैरो घाटी तक दिख रही हैं। कहा जा रहा है कि वीआईपी गेट के पास काउंटिंग रूम में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। 

मिल रही जानकारी के मुताबि, भवन या गर्भगृह से सटे एक कैश काउंटिंग रूम के अंदर आग लगी गै। इमारत को काफी नुकसान हुआ है। आग पर काबू पाने के बाद के दृश्यों से पता चला कि यह लगभग पूरी तरह से जल चुका था। आग शाम करीब 4.15 बजे लगी और शाम 5 बजे तक इस पर काबू पा लिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि शुरुआती अलार्म वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने बजाया था। 

                                       

हर महीने लाखों श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। हालांकि गनीमत रही कि यह घटना कोरोना से निपटने के लिए पाबंदियों के दौरान हुई है। इसके चलते वहां ज्यादा संख्या में लोग मौजूद नहीं थे। यदि यह घटना आम दिनों में हुई तो श्रद्धालुओं में भगदड़ जैसी अनहोनी भी हो सकती थी। बता दें कि वैष्णो देवी मंदिर परिसर के साथ ही बड़ी संख्या में इमारतें बनी हुई हैं, जिनमें श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था रहती है। 

इस घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर से आने वाले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि कुछ वक्त पहले वैष्णो देवी में आग लग गई थी, लेकिन फिलहाल उस पर काबू पा लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले कुछ घंटों तक हमें बारीकी से नजर रखनी होगी। - हिंदुस्तान 

                                             

BJP नेता और सरपंच सज्जाद अहमद की गोली मारकर हत्या

TODAY छत्तीसगढ़  / जम्मू कश्मीर से एक और बीजेपी की आतंकियों द्वारा हत्या किए जाने की खबर आ रही है. खबर है कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में भाजपा नेता और सरपंच सज्जाद अहमद की आतंकियों ने आज सुबह गोली मारकर हत्या की. सज्जाद कुलगाम जिला बीजेपी के उपाध्यक्ष थे. इस हत्या को किस आतंकी संगठन ने अंजाम दिया इसकी जानकारी अभी नहीं मिल सकी है. जम्मू कश्मीर पुलिस की तरफ से भी इस मामले पर कोई बयान सामने नहीं आया है. लेकिन यहां गौर करने वाली बात ये है कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी नेता पर हमले की यह चौथी वारदात है.  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
इससे पहले 8 जुलाई को बांदीपोरा में आतंकियों ने भाजपा नेता शेख वसीम उनके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी. शेख वसीम भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष थे और अपने परिवार के साथ पड़ोस की एक दुकान में बैठे थे, जब आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं. जिस समय यह हादसा हुआ वहां कोई कोई सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं था. वसीम को सुरक्षा के लिए जिन पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, उनमें से कोई भी मौजूद नहीं था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि निजी सुरक्षा अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया जाएगा. 
एक नए आतंकी समूह - द रेसिस्टेंस फ्रंट- ने हमले की जिम्मेदारी ली थी. पुलिस ने कहा था यह जैश, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन की एक विंग है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि वसीम की मृत्यु पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है. जून में, एक कांग्रेस सरपंच अजय भारती आतंकवादी हमले के दौरान मारे गए थे. [NDTV]

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TODAY छत्तीसगढ़  / ब्राजील में एक बुजुर्ग ने इंश्योरेंस के पैसों के लिए जंगल के पास ले जाकर अपनी कार में आग लगा दी. हालांकि इसका नतीजा काफी बुरा हुआ और यहां लगी आग ने 673 एकड़ के जंगल को जलाकर ख़ाक कर दिया. ये जंगल ब्राजील के संरक्षित रेनफॉरेस्ट का हिस्सा था जिसे इस शख्स की एक गलती ने जलाकर ख़ाक कर दिया है. डेली मेल की खबर के मुताबिक 66 वर्षीय हेली बोरोसो रिटायर हो चुके हैं और कई महीनों से पेंशन न मिलने के चलते पैसों की तंगी से जूझ रहे थे. बोरोसो ने पैसों के लिए अपनी पुरानी कार का इंश्योरेंस क्लेम करने की योजना बनाई थी. बोरोसो अपनी कार को अरारास बायोलॉजिकल रिजर्व की पहाड़ियों में लेकर पहुंचे और उसमें आग लगा दी. वापस लौटकर उन्होंने एक एफआईआर दर्ज कराई कि मोटरसाइकिल पर सवार दो बंदूकधारियों ने उनकी कार को छीनकर उसे आग के हवाले कर दिया है. पुलिस ने जब छानबीन की तो पता चला कि इस कार से फैली आग ने 673 हेक्टेयर करीब 1257 फुटबॉल ग्राउंड के बराबर के इलाके में मौजूद जंगल को जलाकर ख़ाक कर दिया है. पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो पूछताछ में उन्होंने पाया कि उस दिन किसी ने भी इस इलाके में ऐसे मोटरसाइकिल सवार नहीं देखे थे. पुलिस को जब बोरोसो की कहानी पर शक हुआ तो उन्होंने और छानबीन करनी शुरू की. जांचकर्ताओं ने पाया कि कार को पेट्रोल छिड़ककर आग लगाई गयी थी. जब बोरोसो से पूछा गया कि दो लोग बाइक पर इतना सारा पेट्रोल लेकर क्यों घूम रहे थे और गाड़ी ले जाने की जगह उन्होंने इसमें आग क्यों लगा दी तो वो कुछ ठीक-ठीक जवाब नहीं दे पाए. इसके अलावा बोरोसो ये भी नहीं बता पाए कि लूट करने वाले लोगों ने उनका फोन और पैसा क्यों नहीं छीना. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बोरोसो ने कबूला कि ये सब उसने इंश्योरेंस के करीब साढ़े तीन लाख रुपये के लिए किया था. बाद में पुलिस को उस पेट्रोल पंप की फुटेज भी मिल गयी जहां से बोरोसो ने कार को आग लगाने के लिए पेट्रोल खरीदा था

मनोज सिन्हा होंगे जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल


TODAY छत्तीसगढ़ / पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया है. मनोज सिन्हा मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्य मंत्री रह चुके हैं. मगर पिछले साल वो ग़ाज़ीपुर से अपनी सीट पर चुनाव हार गए थे. मनोज सिन्हा को जीसी मुर्मू की जगह जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल का दायित्व सौंपा गया है. मुर्मू ने अचानक से बुधवार को इस्तीफ़ा दे दिया था. राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफ़ा मंज़ूर कर लिया है. जीसी मुर्मू ने इस्तीफ़ा ऐसे दिन दिया जब जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का ठीक एक साल पूरा हो रहा था. हालाँकि, उनके इस्तीफ़े को लेकर आधिकारिक तौर पर कोई बयान या घोषणा नहीं की गई. मगर समाचार एजेंसियों और सरकारी प्रसारण सेवाओं पर ये ख़बर जारी की गई. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मुर्मू को केंद्र में एक नया प्रभार सौंपा जा सकता है. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

गुजरात काडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं मुर्मू - 

जी सी मुर्मू को पिछले साल जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद उपराज्यपाल बनाया गया था।  60 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को पिछले वर्ष 29 अक्तूबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक को गोवा भेजे जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया था. गुजरात काडर के मुर्मू नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान राज्य के मुख्य सचिव रह चुके हैं. भारतीय संसद ने पिछले वर्ष 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के साथ उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. साथ ही लद्दाख को भी प्रदेश से अलग करके एक अलग केंद्रशासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्टूबर से आधिकारिक तौर पर केंद्र शासित प्रदेश बन गए थे. इसके बाद दोनों जगह उपराज्यपालों की नियुक्ति की गई थी. राधा कृष्ण माथुर को लद्दाख का उपराज्यपाल बनाया गया था.(BBC) 

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महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना से 334 मौतें हो गईं। एक दिन में मौतों का यह अब तक का सबसे ज्यादा आंकड़ा है। राज्य में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा अब 10 हजार को पार कर गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राज्य में इससे पहले, 1 अगस्त को 322 मौतें हुई थीं। अब एक दिन में संक्रमण के 10,309 नए मामले सामने आने का भी एक रिकार्ड कायम हो गया है। हालांकि 30 जुलाई को इससे ज्यादा 11,147 नए मामले आए थे। बुधवार को और 334 मौतें होने के साथ राज्य में कोरोना से मौतों की संख्या बढ़कर 16,476 हो गई। यह देश में सबसे ज्यादा आंकड़ा है। राज्य में संक्रमितों के ठीक होने की दर 65.37 फीसदी थी, जो घटकर 65.25 हो गई है।

पुलवामा अटैक : 5 कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से छीनी गई सुरक्षा

[TODAY छत्तीसगढ़] / जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीरी अलगाववादियों को मिली सुरक्षा छीन लेने का फैसला किया है. इन अलगाववादी नेताओं में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज़ उमर फारूक, अब्दुल ग़नी बट्ट, बिलाल लोन, हाशिम कुरैशी, शब्बीर शाह शामिल हैं. सरकार की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, इन अलगाववादियों को मुहैया कराई गई सुरक्षा और दूसरे वाहन आज शाम से वापस ले लिए जाएंगे. इसमें कहा गया है, किसी भी अलगाववादी को सुरक्षाबल अब किसी सूरत में सुरक्षा मुहैया नहीं कराएंगे. अगर उन्हें सरकार की तरफ से कोई अन्य सुविधा दी गई है, तो वह भी तत्काल प्रभाव से वापस ले ली जाएगी.
इसके साथ ही अब पुलिस मुख्यालय किसी अन्य अलगाववादियों को मिली सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करेगा और उसे भी तत्काल वापस ले लिया जाएगा. यह कदम ऐसे समय लिया गया है, जब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिन पहले कहा था, 'जम्मू कश्मीर में कुछ तत्वों का आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों से साठगांठ है. उन्हें मिली सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी.'
बता दें कि पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ की टुकड़ी पर किए गए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले को लेकर देश भर में गम और गुस्से का माहौल है. हर तरफ यही मांग है कि जवानों की शहादत का बदला लिया जाए. मोदी सरकार इसके लिए एक्शन में भी नज़र आ रही है. इस संबंध में शनिवार को सर्वदलीय बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के घर पर एक अहम मीटिंग हुई.

बेशर्म पाकिस्तान कर रहा LOC पर फायरिंग, सेना दे रही मुंहतोड़ जवाब, धमाके में मेजर शहीद

[TODAY छत्तीसगढ़] / जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए ब्लास्ट में शहीद 40 जवानों की चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि घाटी में एक और ब्लास्ट की खबर सामने आ गई है. यह ब्लास्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास हुआ है, जिसमें एक मेजर शहीद हो गए हैं और एक जवान के घायल होने की भी सूचना है. वहीं, पाकिस्तान ने एक बार फिर अपनी बेशर्मी दिखाई है. पाक की सेना ने शनिवार शाम अंतरराष्ट्रीय सीमा के सटे राजौरी में फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया है. पाकिस्तान की तरफ से हो रही इस गोलीबारी में एक जवान के घायल होने की खबर है. हालांकि, भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
जानकारी के मुताबिक नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा से 1.5 किलोमीटर अंदर आतंकियों ने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाया था. सेना की तलाशी अभियान के दौरान इस बात की जानकारी मिली कि वहां पर आईईडी लगाई गई है. इसके बाद सेना सतर्क हो गई. लेकिन आईईडी डिफ्यूज करते समय ही ब्लास्ट हो गया जिसमें एक मेजर शहीद हो गए, वहीं एक जवान भी घायल हुआ है. शहीद होने वाले मेजर इंजिनियरिंग कॉप से थे.
बता दें कि गुरुवार को ही घाटी के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी आदिल अहमद डार ने आत्मघाती हमला किया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. दरअसल, आतंकी ने आरडीएक्स से भरी गाड़ी के साथ सीआरपीएफ के काफिले में टक्कर मार दी जिसके बाद एक बड़ा धमाका हुआ और 40 जवान हमेशा के लिए साथ छोड़कर चले गए. श्रीनगर स्थित सीआरपीएफ कैंप के एक जवान (जो काफिले में शामिल थे) ने आजतक को बताया कि सीआरपीएफ के काफिले पर पहले पत्थरबाजी हुई और उसके 10 मिनट बाद धमाका हुआ. जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में पाकिस्तान और आतंकी संगठन के खिलाफ गुस्सा है. देश के कोने-कोने में लोगों ने जुलूस और कैंडल मार्च निकाला गया. 40 शहीदों को आखिरी विदाई और श्रद्धांजलि देने के लिए शहर दर शहर लोगों की भीड़ उमड़ी है. लोग गम में हैं. ऐसा गम में जो गुस्सा बनकर वैसे हर किसी को नेस्तनाबूद करने का माद्दा रखता है जिन्होंने नापाक साजिशों को अंजाम दिया है.
सीआरपीएफ ने कहा कि जवानों की शहादत को ना भूलेंगे, ना माफ करेंगे, ना ही छोडेंगे. एक-एक जवान की शहादत का बदला लिया जायेगा. वहीं, देश की भावनाओं को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी  कहा है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. सेना को खुली छूट है. वो समय, स्थान खुद तय करें. उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों के हर आंसू का बदला लिया जाएगा. पीएम ने कहा कि हम पहले छेड़ते नहीं और नए भारत को छेड़ने वालों को छोड़ते भी नहीं.   इनपुट -आजतक 

पुलवामा : CRPF की बस को उड़ाया, 42 जवान शहीद

[TODAY छत्तीसगढ़] / जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आज दोपहर बड़ा आतंकी हमला हुआ है. जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर CRPF की बस को उड़ा दिया. इस हमले में 42 CRPF के जवान शहीद हो गए हैं. 45 से अधिक जवान घायल हुए हैं . इनमें से कई जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है।



घाटी में काफी लंबे समय के बाद आतंकियों ने आत्मघाती हमले के जरिए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले को अंजाम दिया है। खबर लिखे जाने तक शहीद जवानों की संख्या की सीआरपीएफ ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।  घायल जवानों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके साथ ही इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है। 
बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाडिय़ों में 2500 से अधिक जवान सवार थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाडिय़ों को निशाना बनाया है। उरी के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है। उरी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने सीआरपीएफ के काफिले पर फिदायीन हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें डेढ़ दर्जन जवानों के शहीद होने की खबर है और कई घायल हैं। जेईएम प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने एक बयान में कहा कि हमले में सुरक्षाबलों के दर्जनों वाहन नष्ट कर दिए।
एक समाचार एजेंसी को दिए एक टेली स्टेटमेंट में जैश ए मोहम्मद के प्रवक्ता ने बताया कि यह फिदायीन हमला था। इसको अंजाम देने वाला ड्राइवर पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है। इसका नाम आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो है। आदिल अहमद का एक फोटो भी सामने आया है। इसमें वह अपने आपको जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर बता रहा है और लिखा, गिन रखा है अपने लहू का हर कतरा हमने, न बख्शे हमारे शहीद हमें, जो हमने तुमको एक-एक कतरा गिनवाया नहीं- जाहिद बिन तलहा।
सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में आईईडी लगाया गया था। कार हाईवे पर खड़ी थी। जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया। इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है। इस हमले में 42 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 18 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था।
प्रधानमंत्री ने किया ट्वीट - 
राहुल  गाँधी  ने लिखा - 
अखिलेश यादव ने किया नमन -  


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