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BRICS 2024 : सीमा से जुड़े मुद्दों पर बनी सहमति का स्वागत... जिनपिंग से बातचीत में बोले पीएम मोदी


 रूस /
  TODAY छत्तीसगढ़  /  कजान में ब्रिक्स समिट से इतर पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक बातचीत हुई. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता रहनी चाहिए. 5 साल के बाद हमारी (चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ) मुलाकात हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे कूटनीतिक संबंधों की आधारशिला होनी चाहिए. पीएम मोदी ने जिनपिंग से कहा कि हम सीमा समझौते का स्वागत करते हैं. 

बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संबंधों के महत्व को स्वीकार किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हम पांच साल बाद औपचारिक बैठक कर रहे हैं. हमारा मानना ​​है कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. मीटिंग के दौरान दोनों नेताओं ने सहमति व्यक्त की कि भारत-चीन सीमा के सवाल पर विशेष प्रतिनिधि सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के प्रबंधन की देखरेख करेंगे. साथ ही इस मुद्दे का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए जल्द ही बैठक करेंगे. दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दो पड़ोसी और दुनिया के दो सबसे बड़े राष्ट्रों के रूप में भारत और चीन के बीच स्थिर, पूर्वानुमानित और सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों का क्षेत्रीय वैश्विक शांति और समृद्धि पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. यह मल्टीपोलर एशिया और मल्टीपोलर वर्ल्ड में भी योगदान देगा. 

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को मतभेदों को ठीक से संभालने के लिए अधिक संवाद और सहयोग करने की आवश्यकता है. जिनपिंग ने कहा कि दोनों पक्षों के लिए अधिक संवाद, सहयोग, अपने मतभेदों और असहमतियों को ठीक से संभालना और एक-दूसरे की विकास की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने में सहायता करना महत्वपूर्ण है. दोनों पक्षों के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी को निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना भी महत्वपूर्ण है. (साभार / आज तक )

मुंबई से न्यूयॉर्क, जेद्दा और मस्कट जाने वाली 3 फ्लाइट्स को उड़ाने की धमकी


इंडिगो की ओर से कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है, और हर कदम उठाया जा रहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रियों को कोई नुकसान न पहुंचे. यात्रियों को एयरलाइंस और हवाई अड्डे के स्टाफ द्वारा उचित जानकारी और सहायता प्रदान की जा रही है.(फ़ाइल फोटो /TCG )

मुंबई / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  हवाई अड्डे पर इंडिगो एयरलाइंस की दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया है. इससे पहले मुंबई से ही न्यूयॉर्क जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में बम की धमकी आई थी, जिसके बाद फ्लाइट की दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई थी. इंडिगो फ्लाइट 6E 1275, मुंबई से मस्कट के लिए रवाना हो रही थी, वहीं इंडिगो फ्लाइट 6E 56, मुंबई से जेद्दा जा रही थी, दोनों को बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा अलर्ट घोषित किया गया. बता दें कि इससे पहले इंडिगो प्रवक्ता के अनुसार, जैसे ही इन दोनों विमानों को बम की धमकी मिली, सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत दोनों को तुरंत हवाई अड्डे से एक अलग एरिया में दूर ले जाया गया. विमान को अलग स्थान पर खड़ा करने का उद्देश्य संभावित खतरे से यात्रियों और हवाई अड्डे के बाकी हिस्से की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. प्रवक्ता ने बताया कि SOP के तहत अनिवार्य सुरक्षा जांच तुरंत शुरू की गई. इस प्रक्रिया में हवाई अड्डे की सुरक्षा टीम, बम निरोधक दस्ते और अन्य संबंधित एजेंसियां शामिल थीं. विमानों की गहन जांच की जा रही है ताकि किसी भी संभावित खतरे को टाला जा सके.

सुरक्षा जांच के दौरान सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. इंडिगो की ओर से कहा गया है कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है, और हर कदम उठाया जा रहा है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यात्रियों को कोई नुकसान न पहुंचे. यात्रियों को एयरलाइंस और हवाई अड्डे के स्टाफ द्वारा उचित जानकारी और सहायता प्रदान की जा रही है. बम की धमकी मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने मामले की जांच शुरू कर दी है. यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि धमकी कहां से और किसने दी. जांच एजेंसियां यह भी सुनिश्चित कर रही हैं कि इस धमकी के पीछे कोई वास्तविक खतरा है या नहीं.

बता दें कि, इससे पहले मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही एअर इंडिया (Air India) की फ्लाइट में बम की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में प्लेन को हवा में ही दिल्ली की तरफ मोड़ा गया और दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर उसकी लैंडिंग कराई गई थी. यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए सिक्योरिटी प्रोटोकॉल के तहत प्लेन की जांच की गई.

इस मामले में एअर इंडिया ने बयान जारी कर कहा है कि 14 अक्टूबर को मुंबई से जॉन एफ कैनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने वाली फ्लाइट AI119 को एक विशेष सुरक्षा अलर्ट मिला. सरकार की सुरक्षा नियामक समिति के निर्देश पर इसे दिल्ली की ओर मोड़ दिया गया. सभी यात्री उतर चुके हैं और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल पर हैं. ऐसा ही एक केस 22 अगस्त को भी सामने आया था, जब एअर इंडिया के एक और विमान में बम की धमकी मिली थी. यह फ्लाइट मुंबई से तिरुवनंतपुरम पहुंची थी. इसके बाद हवाई अड्डे पर पूरी तरह से इमरजेंसी घोषित कर दी गई थी.  



तिरुपति लडडू विवाद पर SC ने सुनाया फैसला, कहा हम कोर्ट को राजनीति का अखाड़ा नहीं बनने देंगे


नई दिल्ली
/  TODAY छत्तीसगढ़  /  सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को एक स्वतंत्र विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह करोड़ों लोगों की आस्था का सवाल है। कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के पांच सदस्यीय एसआईटी गठित करने का आदेश दिया जिसमें सीबीआई, पुलिस और FSSAI के अधिकारी शामिल होंगे। 

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से कहा कि यदि आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई है तो यह अस्वीकार्य है। तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि एसआईटी जांच की निगरानी केंद्र सरकार के किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा की जाए। 30 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मेहता से यह तय करने में सहायता करने को कहा था कि राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच की जानी चाहिए। 

तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी के कथित इस्तेमाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली याचिका समेत अन्य दूसरी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम अदालत को राजनीतिक युद्धक्षेत्र के रूप में इस्तेमाल नहीं होने देंगे। पिछले महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि राज्य में पिछली जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान तिरुपति में लड्डू तैयार करने में पशु चर्बी का उपयोग किया गया था, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के सार्वजनिक बयान पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लैब रिपोर्ट बिल्कुल स्पष्ट नहीं है। कोर्ट ने पूछा कि इस बात का क्या सबूत है कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। (साभार-एनबीटी)


संधू के साथ धक्का-मुक्की का मामला : 'गुरुद्वारा पूजा-अर्चना करने की जगह है इसे व्यक्तिगत राजनीति से दूर रखना चाहिए'

फ़ाइल फोटो / भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू

 न्यूयार्क।  TODAY छत्तीसगढ़  /   एक अमेरिकी सिख संस्था ने न्यूयॉर्क के एक गुरुद्वारे में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ धक्का-मुक्की की कोशिश के मामले में गुरुद्वारे के प्रबंधन से कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है.

सिख ऑफ़ अमेरिका ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि गुरुद्वारा पूजा-अर्चना करने की जगह है इसे व्यक्तिगत राजनीति से दूर रखना चाहिए. संधू गुरु पूरब के मौके पर न्यूयॉर्क के हिक्सविल के एक गुरुद्वारे में गए थे जहां पर ख़ालिस्तान समर्थकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की कोशिश की लेकिन उन्हें सिख समुदाय के सदस्यों ने सुरक्षा घेरे में ले लिया. संधू ने रविवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर द्वीट करके गुरुद्वारे में जाने की जानकारी दी थी. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

उन्होंने लिखा था, "गुरु पूरब के मौक़े पर लॉन्ग आईलैंड के गुरु नानक दरबार की स्थानीय संगत में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ जिसमें अफ़ग़ानिस्तान से भी लोग शामिल हुए, कीर्तन सुना और गुरु नानक के एकजुटता, एकता, बराबरी के संदेश के बारे में भी बताया और सबका आशीर्वाद लिया." संधू का गुरुद्वारे में गर्मजोशी से स्वागत किया गया था लेकिन इसी दौरान कुछ ख़ालिस्तान समर्थकों ने उनका विरोध किया.

रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ लोगों ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निञ्जर की हत्या को लेकर उनके साथ धक्का-मुक्की करने की कोशिश की लेकिन उन्हें सिख समुदाय के सदस्यों ने सुरक्षित तरीक़े से बाहर निकाला.

सोमवार को इस  घटना पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने एक्स पर बताया है कि 'खालिस्तानियों ने भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ आधारहीन सवालों पर धक्का-मुक्की की कोशिश की,'

आरपी सिंह लिखा- " वो गुरपतवंत की हत्या की नाकाम योजना और खालिस्तान जनमत संग्रह अभियान के आधारहीन सवालों पर उनसे धक्का-मुक्की की कोशिश कर रहे थे."

"हिक्सविल गुरुद्वारे में हिम्मत सिंह ने खालिस्तान समर्थकों का नेतृत्व किया जो राजदूत संधू पर आरोप लगा रहे थे, वो सरे गुरुद्वारे के अध्यक्ष और खालिस्तान जनमत संग्रह के कनाडा चैप्टर के संयोजक हैं."  (साभार / bbc.com/hindi)


IMEC : परियोजनाओं में शामिल सभी देशों को फायदा होगा, क्योंकि यह परिवहन दक्षता को बढ़ाती है - सीतारमण

Terming IMEC as one of the most promising connectivity projects, Sitharaman said it will benefit all countries involved as it increases transport efficiency, reduces logistics costs, enhances economic integration, creates employment. He said the project will reduce greenhouse gas emissions and help create a cleaner, safer, better world.

नई दिल्ली (भाषा)। TODAY छत्तीसगढ़  /   इजराइल और गाजा के बीच जारी संघर्ष भारत- पश्चिम एशिया- यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) के लिए एक चुनौती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह बात कही।

आईएमईसी की परिकल्पना परिवहन दक्षता बढ़ाने और लॉजिस्टिक लागत कम करने के लिए की गई है। आईएमईसी को सबसे आशाजनक संपर्क परियोजनाओं में एक बताते हुए सीतारमण ने कहा कि इससे इसमें शामिल सभी देशों को फायदा होगा, क्योंकि यह परिवहन दक्षता को बढ़ाती है, लॉजिस्टिक लागत को कम करती है, आर्थिक एकता बढ़ाती है, रोजगार पैदा करती है। उन्होंने कहा कि परियोजना से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटेगा और एक स्वच्छ, सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाने में मदद मिलेगी।

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उन्होंने यहां हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद को संबोधित करते हुए कहा, "हालांकि, इससे साथ भू-राजनीतिक चुनौतियां भी जुड़ी हैं और इजराइल तथा गाजा के बीच चल रहा संघर्ष इसकी एक चिंताजनक अभिव्यक्ति है।" सितंबर में नयी दिल्ली में आयोजित 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान आईएमईसी पर हस्ताक्षर किए गए थे।  

भारत ने इसराइल के ख़िलाफ़ वोट क्यों किया ?


  TODAY छत्तीसगढ़  /  भारत ने पिछले हफ़्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया, जिसमें कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बस्तियों की निंदा की गई थी.

'पूर्वी यरुशलम और सीरियाई गोलान समेत कब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में इसराइली बस्तियां' टाइटल से यूएन महासभा में प्रस्ताव पेश किया गया था.

इस प्रस्ताव के समर्थन में 145 वोट पड़े, ख़िलाफ़ में सात और 18 देश वोटिंग से बाहर रहे. जिन्होंने इस प्रस्ताव के ख़िलाफ़ वोट किया, वे देश हैं- कनाडा, हंगरी, इसराइल, मार्शल आईलैंड्स, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेसिया, नाऊरु और अमेरिका. सबसे दिलचस्प है कि भारत ने इसराइल के ख़िलाफ़ वोट किया. इसराइल के ख़िलाफ़ वोट करने वाले देशों में बांग्लादेश, भूटान, चीन, फ़्रांस, जापान, मलेशिया, मालदीव, रूस, साउथ अफ़्रीका, श्रीलंका और ब्रिटेन हैं. (www.bbc.com/hindi)

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खौफ़ की गवाह है ये तस्वीर, जब दहशतज़दा 800 लोगों को लेकर आसमान में उड़ा वायु सेना का सी-17 ग्लोबमास्टर

 TODAY छत्तीसगढ़  /   काबुल /  अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो चुका है. वहां का प्रशासन तालिबान नेतृत्व को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए बातचीत कर रहा है. इसके साथ ही अफगानिस्तान के लोगों में डर भी बढ़ता जा रहा है. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

तालिबान से बचने के लिए देश छोड़ रहे लोग

अफगानिस्तान (Afghanistan) के लोग 90 के दशक में तालिबान (Taliban) राज के जुल्मों सितम को भूले नहीं है. इसलिए उसके हाथ में वास्तविक सत्ता आने से पहले किसी भी कीमत पर देश से निकल जाना चाहते हैं. इसके लिए काबुल (Kabul) एयरपोर्ट पर लोगों की जबरदस्त भीड़ लगी हुई है. अफगानिस्तान के लोगों के हालात को बयां करती ऐसी ही तस्वीर हाल में वायरल हुई थी. जिसमें विमान से लटके तीन लोग ऊंचाई से गिरकर मर गए थे. 

प्लेन के अंदर की तस्वीर हो रही वायरल

अब उसी प्लेन के अंदर की एक तस्वीर वायरल हो रही है. जिसे देखकर अफगानिस्तान (Afghanistan) की विभीषिका का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. Defense One वेबसाइट की ओर से जारी वायरल तस्वीर में अमेरिकी (America) वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर (C-17 Globemaster) की अंदर की तस्वीर दिख रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस विमान में 134 लोगों के बैठने की ही सीटें होती हैं. हालांकि एयरपोर्ट पर जैसे ही विमान का गेट खुला. उसमें धड़ाधड़ 800 लोग भर गए. अंदर घुसे लोग किसी भी कीमत पर बाहर निकलने को तैयार नहीं था. उनका कहना था कि अफगानिस्तान में रुके तो तालिबानी उन्हें मार देंगे.

800 लोगों को एक साथ लेकर उड़ा प्लेन

आखिर में प्लेन के क्रू ने दुस्साहिक फैसला लिया. उन्होंने 800 लोगों के साथ ही प्लेन (C-17 Globemaster) को उड़ाने का फैसला किया. इसके लिए सीटें निकाल दी गई. जिसके बाद लोग प्लेन की फर्श पर बैठ गए. अधिकारियों के मुताबिक प्लेन में भरे 800 लोगों में से 650 अफगानी (Afghanistan) नागरिक थे. इसके बाद उन लोगों को सुरक्षित अमेरिका (America) ले जाया गया. इस बारे में अमेरिकी वायु सेना की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं आया है. हालांकि माना जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को निकालने का यह एक रिकॉर्ड हो सकता है.  

काबुल से जामनगर पहुंचा वायुसेना का C-17 विमान, भारतीय राजदूत समेत 120 लोगों को लाया गया वापस, देखें VIDEO

भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान (C-17 Globemaster) काबुल से भारतीय राजदूत समेत 120 से अधिक अधिकारियों को लेकर वापस आ गया है। भारतीय कर्मचारियों को कल देर शाम हवाई अड्डे के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था।

 TODAY छत्तीसगढ़  / नई दिल्ली / अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हालात बहुत तेजी से खराब होते जा रहे हैं। दुनिया के अमेरिका समेत दूसरे देशों की तरह भारत ने भी वहां फंसे अपने नागरिकों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है। इसी के तहत वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब भारतीय राजदूत समेत 120 से अधिक अधिकारियों को लेकर काबुल से गुजरात के जामनगर पहुंच गया है। कर्मचारियों को कल देर शाम हवाई अड्डे के सुरक्षित इलाकों में सुरक्षित पहुंचा दिया गया था। बता दें कि इससे पहले सोमवार को सी-17 ग्लोबमास्टर विमान करीब 150 लोगों को लेकर भारत पहुंच गया था।

गुजरात के जामनगर पहुंचने के बाद अफगानिस्तान में भारतीय दूत रुद्रेंद्र टंडन ने खुशी जाहिर करते हुए भारतीय वायुसेना को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने अफगानिस्तान के लोगों को छोड़ दिया है, उनका कल्याण और उनके साथ हमारा रिश्ता गहरा है। भारतीय राजदूत ने कहा कि वापस आने वाले भारतीय नागरिक अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं। हमने सलाह दी है कि ये जरूरी है कि भारतीय नागरिक भारतीय दूतावास में अपना रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि ऐसे वक्त में हम उन्हें वापस ला पाएं।

अफगानिस्तान की राजधानी पर तालिबान के कब्जे के बाद कई अन्य देशों ने वहां स्थित अपने दूतावास बंद कर दिए हैं। सऊदी अरब ने काबुल में अपने दूतावास से सभी राजनयिकों को निकाल लिया है। न्यूजीलैंड सरकार भी देश से अपने लोगों की निकासी के लिए विमान भेज रही है। रूस और चीन ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद नहीं किए हैं, जबकि अमेरिका अपने दूतावास को बंद करने के साथ ही कर्मचारियों को भी बाहर निकालने में जुटा है। 

बता दें कि तालिबान के कब्जे के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हुए हैं। काबुल एयरपोर्ट से सभी कमर्शियल फ्लाइट्स को उड़ान भरने से रोक दिया गया है। एयरपोर्ट के अनियंत्रित घोषित होने के बाद एयर इंडिया ने सोमवार को काबुल के लिए संचालित होने वाली अपनी उड़ान रद कर दी। इसके अलावा विभिन्न एयरलाइनों ने अफगानी वायुक्षेत्र से बचने के लिए भारत और पश्चिमी देशों के बीच अपनी उड़ानों का मार्ग बदल दिया।

अमेरिकी मदद से निकाले गए भारतीय

अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए वायुसेना के दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों को काबुल रवाना किया गया था। सूत्रों की मानें तो काबुल एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ को देखते हुए वहां विमानों की लैंडिंग नहीं हो सकी थी। इसके बाद ताजिकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर विमानों को उतारा गया। फिर अमेरिकी बेड़े की मदद से विमान काबुल पहुंचे। वहां से एक विमान ईरानी वायुक्षेत्र का इस्तेमाल करके करीब 150 लोगों को लेकर सोमवार को हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर उतरा। 

तालिबान के चंगुल से अपनों को बचाने काबुल आ-जा रहे ग्‍लोबमास्‍टर, एक बार फिर मिशन पर एयरफोर्स

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्‍ली / तालिबान का नियंत्रण बढ़ने के साथ ही काबुल में हालात बद से बदतर हो गए हैं। अफगानिस्‍तान में कई भारतीय भी फंसे हुए हैं, हालांकि सरकार ने सुरक्षा कारणों के चलते उनकी संख्‍या नहीं बताई है। उन्‍हें वापस लाने के लिए वायुसेना के दो C-17 ग्‍लोबमास्‍टर विमानों को लगाया गया है। इनमें से एक ने रविवार रात उड़ान भरी और काबुल से कुछ यात्रियों को लेकर सोमवार सुबह भारत पहुंचा। दूसरा विमान काबुल से करीब 130 लोगों को लेकर मंगलवार सुबह उड़ा। सूत्रों ने कहा कि ये दोनों विमान अभी काबुल के कई चक्‍कर लगाएंगे।

सरकार ने एक बयान में कहा कि वह भारतीय नागरिकों के संपर्क में है जो लौटना चाहते हैं। इसके अलावा अफगान सिख और हिंदू समुदाय के प्रतिनिधियों से भी सरकार संपर्क साध रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा, "जो लोग अफगानिस्‍तान छोड़ना चाहते हैं, हम भारत आने में उनकी मदद करेंगे।"

एक बार फिर देवदूत बनी वायुसेना

विदेशों में जब भी कहीं भारतीय ऐसे संकट में फंसते हैं, वायुसेना उनकी मदद को पहुंचती है। चाहे कोविड-19 महामारी का दौर रहा हो या फिर यमन संकट के दौरान चला 'ऑपरेशन राहत'... भारतीय वायुसेना ने अपनों को निकाला है। नेपाल में 'ऑपरेशन मैत्री', बेल्जियम में आत्‍मघाती हमले के बाद भारतीयों को निकालना हो या लीबियाई गृहयुद्ध से अपनों को बचाकर लाना, IAF हर बार भरोसे पर खरी उतरी है। 

सैन्‍य अभियान से हिचक रही सरकार ?

भारत ने कहा कि काबुल एयरपोर्ट से सोमवार को कॉमर्शियल उड़ानों की आवाजाही स्‍थगित कर दी गई है। इससे वहां से लोगों को निकालने में रुकावट आई है। बयान में कहा गया, "हम प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के लिए फ्लाइट्स बहाल होने का इंतजार कर रहे हैं।" बयान से ऐसे संकेत मिलते हैं कि सरकार इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं हैं कि सैन्‍य बचाव अभियान चलाया जा सकता है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे किसी ऑपरेशन को अंजाम देने के लिहाज से काबुल में काफी अनिश्चितता है। फिर भी किसी विकल्‍प को खारिज नहीं किया गया है।

दूतावास बंद करने के मूड में नहीं भारत

केंद्र के बयान से यह भी इशारा मिलता है कि वह अस्‍थायी तौर पर भी दूतावास बंद करने का नहीं सोच रहा। जिन अफगान नागरिकों ने भारत के विकास कार्यक्रमों में मदद की है, वे इसे धोखेबाजी की तरह देखेंगे। भारत के पास यह विकल्‍प है कि वह कूटनीतिक मौजूदगी को कम कर दे या फिर स्‍थानीय कर्मचारियों के भरोसे कुछ दिन दूतावास चलाए। अगले कुछ दिन में इसपर फैसला हो सकता है। - एनबीटी 

भारतीय महिला हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्रिटेन से मिली शिकस्त, हिन्दुस्तान बोला 'वो दिन दूर नहीं जब भारत की बेटियाँ मेडल लेकर आएंगी'

  TODAY छत्तीसगढ़  /  टोक्यो  / भारतीय महिला हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में ब्रिटेन के हाथों 3-4 से हार का सामना करना पड़ा. टोक्‍यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे स्‍थान पर रही.  एक समय भारतीय टीम 3-2 से बढ़त बनाए हुए थी, मगर इसके बाद ब्रिटेन ने वापसी की और लगातार दो गोल दागकर भारत पर दबाव बना दिया. मैच के आखिरी सेकंड तक रानी रामपाल की टीम ने भरपूर कोशिश की, मगर चूक गई. ओलंपिक में भारतीय महिला टीम का यह सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन है.  

Tokyo Olympics 2020: भारतीय महिला हॉकी को टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले हार का सामना करना पड़ा. लेकिन यह ऐसी हार नहीं, जिस पर रंज हो. भला कितनी बार ऐसा हुआ है कि हमारी हॉकी टीम 0-2 से पिछड़ने के 5 मिनट के भीतर 3-2 की बढ़त बना ले. टोक्यो ओलंपिक के ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में ऐसा हुआ. वह दिन दूर नहीं जब भारत की बेटियां मेडल लेकर आएंगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'इस टीम पर गर्व है. टोक्यो ओलंपिक्स 2020 में हमारी महिला हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन को हम हमेशा याद रखेंगे. हम महिला हॉकी में बेहद करीब से पदक चूक गए, लेकिन यह टीम नए भारत की भावना को दिखाती है.' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैच के बाद ट्वीट कर भारतीय महिला हॉकी टीम पर गर्व जताया है. उन्होंने कहा है कि टोक्यो में मिली सफलता कई और बेटियों को हॉकी खेलने के लिए प्रेरित करेगी. पीएम मोदी ने गुरुवार को पुरुष हॉकी टीम की जीत पर भी बधाई दी थी.
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय महिला टीम (Indian Women Hockey Team) भले ही कांस्य पदक से चूक गई हो लेकिन पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा है. शुक्रवार को हुए मुकाबले में ब्रिटेन ने भारतीय टीम को 4-3 से हरा दिया. भारतीय टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था. इस बीच उद्योगपित आनंद महिन्द्रा (Anand Mahindra) ने कहा है कि उनका (भारतीय महिला टीम) भी वक्त आएगा. उद्योगपति ने कहा कि – ‘आज हमने अंडरडॉग्स को बेरहमी से गुर्राते हुए सुना उनका भी वक्त आएगा. उन्होंने एक ऐसी क्रांति शुरू की है जिसे रोका नहीं जा सकता.’
भारत का इससे पहले ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी. उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो फाइनल में पहुंची थी.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में ऐतिहासिक प्रदर्शन करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) की प्रशंसा की है. सीएम योगी ने आज इंग्लैंड के खिलाफ कांस्य पदक के मुकाबले में हारने वाली टीम इंडिया के लिए लिखा है कि मैच हारा, लेकिन मन जीता…टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने वाली मां भारती की बेटियों का हार्दिक अभिनंदन. जय हिंद ! 
भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने ब्रिटेन के साथ ब्रॉन्ज मेडल के लिए शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन मेडल अपने नाम करने में वह सफल नहीं रह सकीं. हालांकि महिला टीम के इस शानदार प्रदर्शन को फैंस सालों तक याद रखेंगे. टीम का यह ओलंपिक (Tokyo Olympics) में ओवरऑल सबसे बेहतरीन प्रदर्शन है. अंक तालिका में भारतीय महिला हॉकी टीम चौथे नंबर पर जरूर है, लेकिन भारतीय के दिलों में उन्होंने अहम स्थान बना लिया है. ब्रिटेन से भारत को मिली हार के बाद बॉलीवुड (Bollywood) के किंग खान यानी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने टीम का हौसला बढ़ाते हुए एक ट्वीट किया है.
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के द्वारा मेडल जीतने के बाद लोगों की निगाहें भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) पर थीं. लेकिन शुक्रवार की सुबह देश को हार के साथ निराशा का सामना किया. लेकिन इस हार के बाद भी टीम का हौसला लोग सोशल मीडिया पर खूब बढ़ा रहे हैं. इस लिस्ट में शाहरुख खान भी शामिल हैं. 
उन्होंने ट्वीट कर कहा- ‘दिल टूटा!!! लेकिन हमारे सिर को ऊंचा रखने के सभी कारण हैं, भारतीय महिला हॉकी टीम ने अच्छा खेला. आप सभी ने भारत में सभी को प्रेरित किया, वही जीत है’.
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी ने शानदार प्रदर्शन किया है. उन्हें मेडल नहीं मिला, लेकिन अपने अंतिम मैच में टीम ने बेहतरीन खेल दिखाया और ब्रॉन्ज मेडल से चूक गई. हरियाणा सरकार ने अब इन महिला हॉकी खिलाड़ियों पर इनाम की बौछार कर दी है. भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल हरियाणा की 9 बेटियों को 50-50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार की घोषणा की गई है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह घोषणा की और कहा कि भारतीय महिला हॉकी टीम रानी झांसी की तरह अंत तक लड़ी है. हालांकि, उन्होंने उम्दा खेल दिखाया. सीएम ने कहा कि सरकार की ओर से सभी खिलाड़ियों को 50-50 लाख रुपये इनाम दिया जाएगा. 

‘वाशिंगटन एक्जामिनर’ की रिपोर्ट कहती है, तालिबान ने दानिश की बड़ी क्रूरता से हत्या की

TODAY छत्तीसगढ़  / वाशिंगटन / पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी ना तो अफगानिस्तान में गोलीबारी में फंसकर मारे गए, ना ही वह इन घटनाओं के दौरान हताहत हुए बल्कि तालिबान द्वारा उनकी पहचान की पुष्टि करने के बाद ‘‘क्रूरता से हत्या’’ की गई थी. अमेरिका की एक पत्रिका ने बृहस्पतिवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह दावा किया.

सिद्दीकी (38) अफगानिस्तान में असाइनमेंट पर थे जब वह मारे गए. पुरस्कार विजेता पत्रकार की कंधार शहर के स्पिन बोल्डक जिले में अफगान सैनिकों और तालिबान के बीच संघर्ष को कवर करते समय मौत हुई थी.

‘वाशिंगटन एक्जामिनर’ की रिपोर्ट के मुताबिक सिद्दीकी ने अफगान नेशनल आर्मी टीम के साथ स्पिन बोल्डक क्षेत्र की यात्रा की ताकि पाकिस्तान के साथ लगे सीमा क्रॉसिंग पर नियंत्रण के लिए अफगान बलों और तालिबान के बीच चल रही जंग को कवर किया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हमले के दौरान, सिद्दीकी को छर्रे लगे और इसलिए वह तथा उनकी टीम एक स्थानीय मस्जिद में गए, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार मिला. हालांकि, जैसे ही यह खबर फैली कि एक पत्रकार मस्जिद में है तालिबान ने हमला कर दिया. स्थानीय जांच से पता चला है कि तालिबान ने सिद्दीकी की मौजूदगी के कारण ही मस्जिद पर हमला किया था.

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जब पकड़ा गया तब जिंदा थे दानिश

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘सिद्दीकी उस वक्त जिंदा थे जब तालिबान ने उन्हें पकड़ा. तालिबान ने सिद्दीकी की पहचान की पुष्टि की और फिर उन्हें और उनके साथ के लोगों को भी मार डाला. कमांडर और उनकी टीम के बाकी सदस्यों की मौत हो गई क्योंकि उन्होंने उसे बचाने की कोशिश की थी.’’

अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट में सीनियर फैलो माइकल रूबीन ने लिखा है, ‘‘व्यापक रूप से प्रसारित एक तस्वीर में सिद्दीकी के चेहरे को पहचानने योग्य दिखाया गया है, हालांकि मैंने भारत सरकार के एक सूत्र द्वारा मुझे प्रदान की गई अन्य तस्वीरों और सिद्दीकी के शव के वीडियो की समीक्षा की, जिसमें दिखा कि तालिबान ने सिद्दीकी के सिर पर हमला किया और फिर उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया.’’

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘तालिबान का हमला करने, सिद्दीकी को मारने और फिर उनके शव को क्षत-विक्षत करने का निर्णय दर्शाता है कि वे युद्ध के नियमों या वैश्विक संधियों का सम्मान नहीं करते हैं.’’ सिद्दीकी का शव 18 जुलाई की शाम दिल्ली हवाई अड्डे पर लाया गया और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया. 

अलास्का में 8.2 तीव्रता के भूकंप के झटके, सुनामी की चेतावनी

TODAY छत्तीसगढ़  /  वॉशिंगटन /  अमेरिका (America) के अलास्का प्रायद्वीप (Alaskan peninsula) में स्थानीय समय के मुताबिक बुधवार देर रात 8.2 तीव्रता वाला शक्तिशाली भूकंप (Earthquake) आया. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने इसकी जानकारी दी है. USGS ने बताया कि भूकंप के केंद्र की गहराई 45 किमी नीचे थी. हालांकि भूकंप के झटकों के बाद किसी के हताहत होने या किसी बड़ी क्षति की खबर नहीं आई. भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई है.

अमेरिकी जियॉलजिकल सर्वे ने रात 11:15 बजे सतह के 29 मील नीचे भूकंप महसूस किया. इसका असर केंद्र से कहीं दूर तक हुआ है. USGS के मुताबिक बाद में कम से कम दो और झटके आए हैं, जिनकी तीव्रता 6.2 और 5.6 बताई गई है. पिछले सात दिन में इस इलाके के 100 मील के अंदर 3 की तीव्रता से ज्यादा का भूकंप नहीं आया है.

इन झटकों के बाद दक्षिण अलास्का, अलास्का के पेनिनसुला और एलेयुटियन द्वीप पर सुनामी की चेतावनी दी गई है. इसके अलावा गुआम और हवाई में भी सतर्क रहने को कहा गया है. लोगों से तट से दूर सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है.

बता दें कि अलास्का Pacific Ring of Fire में आता है, जिसे सीस्मिक एक्टिविटी में काफी सक्रिय माना जाता है. अलास्का के तलकीतना पर्वतीय क्षेत्र में 31 मई की रात 6.1 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया और हल्के झटके सोमवार सुबह तक आते रहे.  - न्यूज़ 18 

कंप्यूटर पर पोर्न देखने का फर्जी पुलिस नोटिस, जुर्माना वसूलने वाले भारतीय मास्टरमाइंड समेत 3 गिरफ्तार

TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / कंबोडिया और तमिलनाडु से संचालित हाई-टेक जबरन वसूली गिरोह के भारतीय मास्टरमाइंड समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है. इस रैकेट का पता सोशल मीडिया के जरिए चला था, पुलिस ने इस पर स्वत: संज्ञान लिया और कार्रवाई शुरू कर दी. ब्राउजर पॉप-अप विंडो और एडवेयर के जरिए फर्जी पुलिस नोटिस भेजा जाता था. इसमें पीड़ितों को कहा जाता था कि पोर्नोग्राफी देखने के लिए जुर्माना भरना होगा, वरना पुलिस उनकी गिरफ्तारी करेगी. जबरन वसूली के लिए यूपीआई और क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता था. इस अनूठी धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड कंबोडिया, दक्षिण-पूर्व एशिया में है. 20 से ज्यादा खातों के जरिए पैसा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए देश से बाहर जाने का संदेह है.

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साइबर सेल के डीसीपी अनियेश रॉय के मुताबिक सोशल मीडिया शिकायत की निगरानी के दौरान यह पाया गया कि कुछ लोगों ने एक नोटिस के बारे में रिपोर्ट किया है. कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने बताया कि यह नोटिस उन्हें पुलिस मिला है. जिसमें कहा गया था कि वे पोर्नोग्राफी देख रहे थे जो एक प्रतिबंधित गतिविधि है, इसलिए उनके कंप्यूटर की सभी फाइलों को ब्लॉक कर दिया गया है. इसके लिए उन्हें 3000 रुपये का जुर्माना देने के लिए कहा जाता था. पीड़ितों ने यह भी बताया कि उनकी स्क्रीन पर यह मैसेज तब भी आया जब वे वेब ब्राउजर पर कोई भी अश्लील सामग्री नहीं खोज रहे थे. 

सोशल मीडिया इनपुट के आधार पर केस दर्ज करने के बाद इस मामले में कार्रवाई शुरू की गई. फर्जी पॉपअप नोटिस की तकनीकी जांच से पता चला कि ये विदेश से आ रहे हैं. हालांकि, मनी ट्रेल की जांच में पता चला कि ठगी के पैसे तमिलनाडु में संचालित कई बैंक खातों में जा रहे थे. पुलिस की एक टीम तमिलनाडु गई, जांच में पता चला कि खाते फर्जी पतों पर खोले गए थे. पुलिस टीम ने एक सप्ताह से अधिक समय तक इस इलाके में डेरा डाला और चेन्नई, त्रिची, कोयंबटूर, उधगमंडलम और कई अन्य जगहों के बीच 2,000 किमी से अधिक की यात्रा की और अंत में स्थानीय मास्टरमाइंड बी. धीनुशांत उर्फ धीनू सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार आरोपी धीनुशांत ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया, उसने बताया कि पूरे गोरखधंधे का तकनीकी हिस्सा यानि फर्जी पुलिस नोटिस भेजना और इंटरनेट उपयोग करने वालों का चुनाव उसका भाई बी चंद्रकांत उर्फ चंद्रू करता है जो दक्षिण पूर्व एशिया के कंबोडिया की राजधानी नोम पेन्ह के पास वील पोन से काम कर रहा है. पुलिस ने जो लोग गिरफ्तार किए हैं, उनमें गेब्रियल जेम्स ,राम कुमार सेल्वम और बी. धीनुशांत शामिल हैं. 

अब तक की गई जांच में पता चला है कि ठगी के पैसे 20 से ज्यादा बैंक खातों में जाते थे, फरवरी, 2021 से जून, 2021 में 30 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का पता चला है. अंदेशा है कि इनके कई और बैंक खातें हैं. गिरफ्तार आरोपी धीनुशांत ने खुलासा किया कि उसका भाई चंद्रू द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बैंकिंग सिस्टम से पैसे निकाले जा रहे थे. पूरे पैसे के लेन-देन का पता लगाने के लिए मामले की और जांच की जा रही है. [ndtv]

पाकिस्तानी खालिक को उसी के घर में हराकर ‘फ्लाइंग सिख’ बने मिल्खा, कोरोना से ज़िंदगी की रेस हार गए

TODAY छत्तीसगढ़  /  'फ्लाइंग सिख' के नाम से मशहूर भारत के महान धावक मिल्खा सिंह का कल देर रात निधन हो गया. 91 वर्षीय मिल्खा सिंह को कोरोना होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां गुरुवार को उनकी रिपोर्ट निगेटिव तो आ गई थी लेकिन कल उनकी हालत नाजुक हो गई और उन्होंने जिंदगी का साथ छोड़ दिया. मिल्खा सिंह भारत के खेल इतिहास के सबसे सफल एथलीट थे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु से लेकर पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान तक सब मिल्खा के हुनर के मुरीद थे. 

मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवम्बर 1929 गोविंदपुरा (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा हैं) में एक सिख परिवार में हुआ था. उनका बचपन बेहद कठिन दौर से गुजरा. भारत के विभाजन के बाद हुए दंगों में मिल्खा सिंह ने अपने मां-बाप और कई भाई-बहन को खो दिया. उनके अंदर दौड़ने को लेकर एक जुनून बचपन से ही था. वो अपने घर से स्कूल और स्कूल से घर की 10 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर पूरी करते थे. 

मिल्खा सिंह को मिले 'फ्लाइंग सिख' के खिताब की कहानी बेहद दिलचस्प है और इसका संबंध पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है. 1960 के रोम ओलिंपिक में पदक से चूकने का मिल्खा सिंह के मन में खासा मलाल था. इसी साल उन्हें पाकिस्तान में आयोजित इंटरनेशनल एथलीट कम्पटिशन में हिस्सा लेने का न्योता मिला. मिल्खा के मन में लंबे समय से बंटवारे का दर्द था और वहां से जुड़ी यादों के चलते वो पाकिस्तान नहीं जाना चाहते थे. हालांकि बाद में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के समझाने पर उन्होंने पाकिस्तान जाने का फैसला किया. 

पाकिस्तान में उस समय एथलेटिक्स में अब्दुल खालिक का नाम बेहद मशहूर था. उन्हें वहां का सबसे तेज धावक माना जाता था. यहां मिल्खा सिंह का मुकाबला उन्हीं से था. अब्दुल खालिक के साथ हुई इस दौड़ में हालात मिल्खा के खिलाफ थे और पूरा स्टेडियम अपने हीरो का जोश बढ़ा रहा था लेकिन मिल्खा की रफ्तार के सामने खालिक टिक नहीं पाए. रेस के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ने मिल्खा सिंह को 'फ्लाइंग सिख' का नाम दिया और कहा 'आज तुम दौड़े नहीं उड़े हो. इसलिए हम तुम्हें फ्लाइंग सिख का खिताब देते हैं.' इसके बाद से ही वो इस नाम से दुनिया भर में मशहूर हो गए. खेलों में उनके अतुल्य योगदान के लिये भारत सरकार ने उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया है. 

चार बार कोशिश करने के बाद साल 1951 में मिल्खा सिंह सेना में भर्ती हुए. भर्ती के दौरान हुई क्रॉस-कंट्री रेस में वो छठे स्थान पर आये थे, इसलिए सेना ने उन्हें खेलकूद में स्पेशल ट्रेनिंग के लिए चुना था. इस दौरान सिकंदराबाद के EME सेंटर में ही उन्हें धावक के तौर पर अपने टैलेंट के बारे में पता चला और वही से उनके करियर की शुरुआत हुई. मिल्खा पर एथलीट बनने का जुनून इस कदर हावी हो गया था कि वो अभ्यास के लिए चलती ट्रेन के साथ दौड़ लगाते थे. इस दौरान कई बार उनका खून भी बह जाता था और सांस भी नहीं ली जाती थी, लेकिन फिर भी वो दिन-रात लगातार अभ्यास करते रहते थे.  

1956 में मेलबर्न में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में उन्होंने पहली बार 200 मीटर और 400 मीटर की रेस में भाग लिया. एक एथलीट के तौर पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनका ये पहला अनुभव भले ही अच्छा न रहा हो लेकिन ये टूर उनके लिए आगे चलकर बेहद फायदेमंद साबित हुआ. उस दौरान विश्व चैंपियन एथलीट चार्ल्स जेनकिंस के साथ हुई मुलाकात ने उनके लिए भविष्य में बहुत बड़ी प्रेरणा का काम किया.  

मिल्खा सिंह ने साल 1958 में कटक में आयोजित नेशनल गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर स्पर्धा में रिकॉर्ड बनाए. इसके बाद उसी साल टोक्यो में आयोजित हुए एशियन गेम्स में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ में भी गोल्ड मेडल अपने नाम किया. साल 1958 में ही इंग्लैंड के कार्डिफ में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में मिल्खा ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए 400 मीटर की रेस  में गोल्ड मेडल अपने नाम किया. उस समय आजाद भारत में कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत को स्वर्ण पदक जीताने वाले वे पहले भारतीय थे.

1958 के एशियाई खेलो में मिली सफलता के बाद मिल्खा सिंह को आर्मी में जूनियर कमीशन का पद मिला. साल 1960 में रोम में आयोजित ओलंपिक खेलों में उन्होंने 400 मीटर की रेस में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन अंतिम पलों में वे जर्मनी के एथलीट कार्ल कूफमैन से सेकेंड के सौवें हिस्से से पिछड़ गए थे और कांस्य पदक जीतने से मामूली अंतर से चूक गए थे. इस दौरान उन्होंने इस रेस में पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान भी तोड़ा और 400 मीटर की दौड़ 45.73 सेकेंड में पूरी कर नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया. 400 मीटर की रेस में उनका ये रिकॉर्ड 40 साल बाद जाकर टूटा.


भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन को पुलित्जर पुरस्कार


TODAY छत्तीसगढ़  / न्यूयॉर्क / भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन को पुलित्जर पुरस्कार से नवाजा गया है. उन्होंने अशांत शिंजियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों को हिरासत में रखने के लक्ष्य से चीन द्वारा गोपनीय तरीके से बनाए गए जेल और अन्य भवनों के बारे में जानकारी सार्वजनिक की थी. इंटरनेशनल रिपोर्टिंग कैटेगरी में शिंजियांग प्रांत की सीरीज के लिए राजगोपालन को इस पुरस्कार से नवाजा गया है. 'बजफीड न्यूज' की राजगोपालन समेत दो अन्य पत्रकारों को इनोवेटिव इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के लिए पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है. यह पत्रकारिता के क्षेत्र में दिया जाने वाला अमेरिका का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार है.

तंपा बे टाइम्स की नील बेदी को लोकल रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है. वह एक खोजी रिपोर्टर हैं. बेदी के साथ-साथ कैथलीन मैकग्रॉरी को भी इस सम्मान से नवाजा गया है. मैकग्रॉरी को शेरिफ ऑफिस की एक पहल को उजागर करने वाली सीरीज के लिए पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, जो भविष्य में अपराध के संदिग्ध लोगों की पहचान करने के लिए कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करती है. इस कार्यक्रम के तहत बच्चों सहित करीब 1,000 लोगों पर नजर रखी गई. 

साल 2017 में चीन ने शिंजियांग प्रांत में लाखों मुस्लिमों को हिरासत में लिया था, तब राजगोपालन पहली थीं जिन्होंने इंटरनेशनल कैंप का दौरा किया था. उस समय चीन ने ऐसी कोई जगह होने से इंकार किया था. 'बजफीड न्यूज' ने पुलित्जर पुरस्कार के लिए एंट्री पर लिखा था, 'इस खबर के जवाब में, चीनी सरकार ने उसे चुप कराने की कोशिश की, उसका वीजा रद्द कर दिया और उसे देश से निकाल दिया.'

लंदन में रहकर पत्रकारिता कर रहीं मेघा राजगोपालन ने तब चुप रहने से इंकार कर दिया था और अपने दो सहयोगियों के साथ मिलकर चीन के झूठ को बेनकाब किया था. 'बजफीड न्यूज' के एडिटर इन चीफ मार्क शॉफ ने कहा कि शिंजियांग प्रांत की कहानियों ने बताया था कि यह हमारे समय का सबसे खराब मानवाधिकारों का हनन था.

                                            

एक साथ 10 बच्चों को महिला ने दिया जन्म, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

TODAY छत्तीसगढ़  /  दक्षिण अफ्रीका की एक महिला ने एक बार में 10 बच्चों को जन्म दिया है, जिसने पिछले महीने मोरक्को (Morocco) में नौ बच्चों को जन्म देने वाले मालियन हलीमा सिसे द्वारा बनाए गए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड  को तोड़ दिया है.

न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, 37 वर्षीय गोसियाम थमारा सिथोल ने शुरू में सोचा था कि उनके आठ बच्चे होने जा रहे हैं. लेकिन जब उसने सोमवार की रात को जन्म दिया, तो सिथोल और उनका परिवार 10 बच्चों को पैदा होते देखकर हैरान रह गया - पिछले स्कैन की तुलना में दो बच्चे ज्यादा थे. 

उसके पति, तेबोहो त्सोतेत्सी ने डिक्यूपलेट्स के जन्म के बाद प्रिटोरिया न्यूज को बताया, "यह सात लड़के और तीन लड़कियां हैं. वह सात महीने और सात दिन की गर्भवती थी. मैं खुश हूं. मैं भावुक हूं." गौतेंग की सिथोल ने कहा, कि उनकी गर्भावस्था स्वाभाविक थी और उन्हें किसी भी प्रजनन उपचार से नहीं गुजरना पड़ा. उसके पहले से छह साल के जुड़वां बच्चे हैं. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

"मैं अपनी गर्भावस्था से हैरान हूं," सिथोल ने पिछले महीने प्रिटोरिया न्यूज को बताया था, जब उन्हें अभी भी विश्वास था कि उनके पास ऑक्टोपलेट्स होंगे. "मुझे विश्वास था कि अगर यह ज्यादा होगा, तो यह जुड़वाँ या तीन गुना होगा, उससे अधिक नहीं. उसने कहा, जब डॉक्टर ने मुझे बताया, तो मुझे इस पर विश्वास करने में समय लगा." 

रिटेल स्टोर मैनेजर ने कहा, कि उसे अपने अजन्मे बच्चों की चिंता में रातों की नींद हराम हो गई थी. उसने कहा, "वे गर्भ में कैसे फिट होंगे? क्या वे जीवित रहेंगे? क्या होगा यदि वे सिर पर, पेट या हाथों में जुड़े हुए निकले?" "मैंने अपने आप से ये सभी प्रश्न तब तक पूछे जब तक डॉक्टर ने मुझे आश्वासन नहीं दिया कि मेरा गर्भ अंदर विस्तार करना शुरू कर रहा है. भगवान ने एक चमत्कार किया और मेरे बच्चे बिना किसी जटिलता के गर्भ में रहे."

यदि पुष्टि की जाती है, तो गोसियाम थमारा सिथोल की 10-बच्चे की डिलीवरी डिक्यूपलेट्स का पहला ज्ञात मामला होगा. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एक प्रतिनिधि ने न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया, कि संगठन इस मामले को देख रहा है.

रिकॉर्ड लिस्टिंग के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा, "गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स इस खबर से अवगत है कि गोसियाम थमारा सिथोले ने डिक्यूपलेट्स को जन्म दिया है, और हम परिवार को बधाई और शुभकामनाएं भेजते हैं." "वर्तमान समय में, हमें इसे एक रिकॉर्ड के रूप में सत्यापित करना बाकी है, क्योंकि मां और बच्चों दोनों की भलाई सर्वोच्च प्राथमिकता है."

                                                 

गर्लफ्रेंड ने खोले राज : Mehul Choksi ने अपना नाम 'राज' बताया था और मुझे गिफ्ट किया हीरा नकली था

  TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली /  भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) केस में जिस 'मिस्ट्री गर्ल' बारबरा जराबिका (Barbara Jarabica) की बार-बार चर्चा की जा रही उसे हमारे सहयोगी चैनल WION ने ढूंढ़ निकाला है. WION से खास बातचीत में बारबरा जराबिका ने दावा किया है, जिस दिन मेहुल चोकसी लापता हुआ था उस दिन वो एंटीगुआ में नहीं थी. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

राज नाम बताकर मिला था चोकसी

मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) की कथित गर्ल फ्रेंड  बारबरा जराबिका (Barbara Jarabica) ने चोकसी के साथ अपने संबंधों की जानकारी देते हुए कहा, 'वह (चोकसी) मुझे पसंद करता था लेकिन इसे गुप्त रखा.' चोकसी ने जराबिका को अपना नाम राज बताया था. जराबिका का दावा है कि उसे चोकसी के अतीत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उसने एक हीरा उपहार में दिया जो नकली था और बहुत झूठ बोला था. 

अपहरण का आरोप किया खारिज

बारबरा जराबिका ने बताया कि उसकी और चोकसी की पहली मुलाकात पिछले साल अगस्त में हुई थी. साथ ही उसने अपहरण के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. कहा है कि दिन के समय अपहरण का कोई सवाल ही नहीं उठता. मुलाकात कैसे हुई, इस बारे में बताते हुए बारबरा ने कहा, वह प्रोपर्टी कंसल्टेंट के तौर पर काम करती है. बीते दो वर्षों से वह एंटीगुआ में थी इसी दौरान उसकी मुलाकात मेहुल से हुई. जब मुलाकात हुई तब ज्यादातर स्टाफ मेहुल को राज कह कर ही बुला रहा था.

चोकसी ने लगाया है ये आरोप

बता दें, मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) ने एंटीगुआ के पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिख बारबरा जराबिका समेत 5 लोगों पर खुद को अगवा कर डोमिनिका (Dominica) लाने का आरोप लगाया है. चिट्ठी में मेहुल चोकसी ने कहा कि वो बारबरा को पहले से जानता था क्योंकि वो उसके घर के पास ही रहती थी. शाम की सैर के दौरान वे अक्सर मिलते रहते थे. 

'बारबरा ने घर से कराया अपहरण

चोकसी (Mehul Choksi) ने आरोप लगाया कि 23 मई को बारबरा ने उसे अपने घर बुलाया ताकि दोनों साथ चल सकें. जब मेहुल चोकसी बारबरा के घर 5 बजे पहुंचा तो वो वाइन पी रही थी. उसने कहा कि कुछ ही मिनट में चलेंगे. तभी 8-10 पहलवान जैसे लोग बारबरा के घर में घुसे और मुझे उठा कर ले जाने लगे. उन्होंने खुद को एंटीगुआ का पुलिसकर्मी बताया और कहा कि सेंट जॉन पुलिस स्टेशन ले जा रहे हैं. 

लगातार लगाई पिटाई

मेहुल चोकसी ने आरोप लगाया, 'उन्हें मेरे बारे में सब जानकारी थी कि मैं कहां रहता हूं, क्या करता हूं. वे पिछले काफी समय से मुझ पर नजर रखे हुए थे. मैंने जब अपने वकील से बात करने की कोशिश की तो उसे भी मना कर दिया गया. वो सभी मुझे लगातार पीट रहे थे और टीजर का भी इस्तेमाल किया. जिसकी वजह से मेरे शरीर पर काफी चोटें आईं. उन्होनें मेरी घड़ी, पैसे, फोन छीन लिये और व्हीलचेयर पर बैठाकर बांध दिया. मेरे मुंह में कपड़ा ठूंस दिया गया और चेहरा ढ़क दिया ताकि मैं कुछ देख बोल ना सकूं.' [Z न्यूज ]

                                                  

माँ वैष्णो देवी मंदिर परिसर में लगी भीषण आग, कैश काउंटर जलकर खाक

 TODAY छत्तीसगढ़  / जम्मू के कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में भीषण आग लग गई है। मंदिर परिसर में स्थित कालिका भवन के पास काउंटर नंबर दो के नजदीक यह आग लगी है। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अब तक किसी के इस घटना में हताहत होने की खबर नहीं मिली है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जहां आग लगी है उस स्थान से प्राकृतिक गुफा की दूरी तकरीबन सौ मीटर है। आग की लपटें भैरो घाटी तक दिख रही हैं। कहा जा रहा है कि वीआईपी गेट के पास काउंटिंग रूम में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी है। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। 

मिल रही जानकारी के मुताबि, भवन या गर्भगृह से सटे एक कैश काउंटिंग रूम के अंदर आग लगी गै। इमारत को काफी नुकसान हुआ है। आग पर काबू पाने के बाद के दृश्यों से पता चला कि यह लगभग पूरी तरह से जल चुका था। आग शाम करीब 4.15 बजे लगी और शाम 5 बजे तक इस पर काबू पा लिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि शुरुआती अलार्म वहां तैनात सीआरपीएफ कर्मियों ने बजाया था। 

                                       

हर महीने लाखों श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। हालांकि गनीमत रही कि यह घटना कोरोना से निपटने के लिए पाबंदियों के दौरान हुई है। इसके चलते वहां ज्यादा संख्या में लोग मौजूद नहीं थे। यदि यह घटना आम दिनों में हुई तो श्रद्धालुओं में भगदड़ जैसी अनहोनी भी हो सकती थी। बता दें कि वैष्णो देवी मंदिर परिसर के साथ ही बड़ी संख्या में इमारतें बनी हुई हैं, जिनमें श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन आदि की व्यवस्था रहती है। 

इस घटना को लेकर जम्मू-कश्मीर से आने वाले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि कुछ वक्त पहले वैष्णो देवी में आग लग गई थी, लेकिन फिलहाल उस पर काबू पा लिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगले कुछ घंटों तक हमें बारीकी से नजर रखनी होगी। - हिंदुस्तान 

                                             
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