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मुकुल की घर वापसी, बंगाल की जो स्थिति है उसमें कोई भी बीजेपी में नहीं रुक सकता - रॉय

TODAY छत्तीसगढ़  / कोलकाता /  पश्चिम बंगाल में बीते कई सालों से बीजेपी का अहम चेहरा रहे मुकुल रॉय ने अब टीएमसी का दामन थाम लिया है। उन्हें खुद तृणमूल कांग्रेस सुप्रीम ममता बनर्जी ने घर वापसी कराई। इस दौरान उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी मौजूद थे। मुकुल रॉय के साथ ही उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय ने भी टीएमसी जॉइन की है। मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी करते हुए कहा कि मुझे अपने घर में लौटकर बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि मुझे अपने लोगों से मिलकर साथ आकर अच्छा लग रहा है। यही नहीं उन्होंने दीदी को देश और भविष्य का नेता भी बताया। मुकुल रॉय ने कहा कि फिलहाल बंगाल की जो स्थिति है, उसमें कोई भी बीजेपी में नहीं रुक सकता है।

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वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी में हालत बेहद खराब है। वहां कोई भी व्यक्ति सही से नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि मुकुल रॉय अभी यहां आए तो उनकी हालत काफी खराब लग रही थी। उन्हें पार्टी में वापस लिए जाने को लेकर ममता ने कहा कि उनसे मेरी कभी बिगड़ी नहीं। ममता बनर्जी ने कहा कि मुकुल रॉय ने कभी भी मुझ पर हमला नहीं किया और चुनाव में भी हमारे बारे में कुछ नहीं कहा। इसके साथ ही दीदी ने कहा कि जिन लोगों ने हमारे साथ गद्दारी की है, उन्हें पार्टी में नहीं लेंगे।

 हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनावों के बाद मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने से करारा झटका लगा है। 2017 में टीएमसी छोड़ बीजेपी में आने वाले मुकुल रॉय को ममता बनर्जी के उन करीबी नेताओं में शुमार किया जाता रहा है, जिन्हें भगवा दल तोड़ने में कामयाब रहा था। उनके आने के बाद बड़ी संख्या में टीएमसी के नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा था। लेकिन अब मुकुल रॉय के ही पार्टी छोड़ने से कई नेताओं के बीजेपी से निकलने की बात कही जा रही है। 

                                            

Most Wanted Gangster : एसटीएफ ने ईनामी गैंगस्टर जसप्रीत और जयपाल भुल्लर को मार गिराया

TODAY छत्तीसगढ़  / कोलकाता / पंजाब के दो इनामी मोस्टवॉन्टेड इनामी गैंगस्टर को पश्चिम बंगाल एसटीएफ ने बुधवार को कोलकाता में मार गिराया. गैंगस्टर जसप्रीत और जयपाल भुल्लर पंजाब में दो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की हत्या करके फरार हुए थे. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुए एनकाउंटर में पंजाब के दो नामी गैंगस्टर मारे गए. गैंगस्टर जसप्रीत और जयपाल भुल्लर पर 10 लाख और 5 लाख रुपये का इनाम था. पंजाब पुलिस से दोनों के कोलकाता में मौजूदगी की खबर मिलने के बाद ज्वाइंट ऑपरेशन किया गया.

गैंगस्टर्स पर 50 से ज्यादा मामले दर्ज - 

लुधियाना जिले के जगराओं की नई अनाज मंडी में 15 मई को ASI भगवान सिंह और दलविंदरजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप गैंगस्टर जसप्रीत और जयपाल भुल्लर पर था. इन दोनों पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली  में 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.

दरअसल, 28 मई को जयपाल भुल्लर के साथी बलविंदर सिंह उर्फ बब्बी और दर्शन सिंह को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा रेलवे स्टेशन से पुलिस ने धर दबोचा था. दोनों महाराष्ट्र भगाने की फिराक में थे. पंजाब पुलिस ने बलजिंदर और दर्शन को ग्वालियर में पनाह देने वाले हरचरण सिंह को भी गिरफ्तार किया था. खबरों के बलजिंदर और दर्शन से हुई गहन पूछताछ में एसआईटी के हाथ यह सुराग लगे थे कि जयपाल और जस्सी कोलकाता भाग गए हैं. इसके बाद कोलकाता में अपराधियों की खोजबीन शुरू हुई.

                                               

चंड़ीगढ़ के डीजीपी अनमोल गुलाटी ने कहा, 'इस मामले में पहली सफलता 28 मई को मिली. ग्वालियर के पास चार लोग पकड़े गए, जिनमें से दो 15 मई वाले वाकया में शामिल थे. इन सब इनपुट को फॉलो करते हुए हम काफी राज्यों की छानबीन कर रहे थे. सीसीटीवी की मदद से एक काली Honda Accord पर शक हुआ और उसकी जानकारी इकट्ठा की गई. Accord के मालिक का पता लगाया गया, जो कि बंगाल का था.'

खोजबीन में अपराधियों के एक सोसाइटी में छिपे होने की खबर लगी. इसके बाद कोलकाता एसटीएफ ने पूरी सोसायटी को घेरकर अपराधियों को पकड़ने की कोशिश की. जब पुलिस ने अपराधियों को सरेंडर करने को कहा तो उसने गोली चला दी, इसके बाद पुलिस की फायरिंग में दोनों अपराधी मारे गए जबकि एक पुलिस वाला घायल हो गया. 

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दोनों अपराधी कितने खतरनाक थे, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बदमाशों के पास से 5 पिस्तौल, 89 कारतूस और 7 कैश भी बरामद हुआ. हत्या, बैंक लूट सहित कई मामलों में जयपाल भुल्लर की पंजाब पुलिस को तलाश थी. ऐसे में इन दोनों अपराधियों को मारकर पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. चंडीगढ़ के डीजीपी अनमोल गुलाटी ने बताया कि जयपाल भुल्लर ए कैटेगरी के 31 गैंगस्टर्स में शामिल था. 

                                                  

प्रेग्नेंट नुसरत बोलीं - निखिल जैन से 'वैध' शादी नहीं, फिर तलाक कैसा ?


 TODAY छत्तीसगढ़  /  तृणमूल कांग्रेस सांसद नुसरत जहां प्रेग्नेंट हैं. उनके एक करीबी सूत्र के हवाले से मिडिया में आई ख़बरों में बताया गया है की नुसरत इस वक्त प्रेग्नेंसी में हैं और मां बनने की तैयारी कर रही हैं. टीएमसी सांसद और बंगाली फिल्मों की अभिनेत्री कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय की वजह से अक्सर सुर्खियों में भी रही हैं. नुसरत एक्टिंग करियर में सफलता के बाद राजनीति में मुकाम हासिल करने और हिन्दू परिवार से आने वाले निखिल जैन से शादी के चलते भी चर्चा में बनी रहीं.  वह पिछले कुछ महीनों से प्रग्नेंट हैं और वे खुद की और बेबी की देखभाल करने में पूरी तरह से व्यस्त हैं. 

हाल ही में नुसरत ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक रहस्यमयी पोस्ट के साथ एक और धमाका किया. उनकी स्टोरी में कोट था- "आप हमारे तरीके से खिलेंगे." यहां तक ​​कि एक भी शब्द बोले बिना, नुसरत निश्चित रूप से चल रही अटकलों के बाजार को और गरमा कर रख दिया. विभिन्न बंगाली समाचार वेबसाइटों की रिपोर्टों के मुताबिक, वह छह महीने की प्रेग्नेंट हैं. हालांकि, रिपोर्ट्स का कहना है कि उनके अलग हो चुके पति निखिल जैन को इस खबर की जानकारी नहीं है. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

टीएमसी सांसद नुसरत जहां और उनके पति निखिल जैन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. शादी के बाद से ही दोनों के अलगाव की खबरें आती रही और यह अटकलें लगाई जा रही थी कि नुसरत सह-अभिनेता यश दासगुप्ता के साथ डेटिंग कर रही थीं. नुसरत ने 19 जनवरी 2019 को तुर्की में ब्वॉय फ्रेंड निखिल जैन से शादी की थी. नुसरत जहां और निखिल की शादी हिन्दू और इस्लामिक रीति-रिवाजों से हुई थी.

लेकिन, अब टीएमसी सांसद ने कहा कि उनकी शादी निखिल के साथ भारत में वैध नहीं है. उन्होंने कहा कि अंतर-धार्मिक शादी की वजह से स्पेशल हिन्दू मैरिज एक्ट की वैधता जरूरी होता है. लेकिन वह इस मामले में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि कानून के हिसाब से यह शादी वैध नहीं है इसलिए यह कानून के हिसाब से शादी नहीं थी. उन्होंने बुधवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह शादी नहीं बल्कि एक लिव-इन-रिलेशनशिप था. इसलिए इस मामले में तलाक का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने कहा कि हमारा अलगाव काफी पहले ही हो चुका है. लेकिन निजी जिंदगी को प्राइवेट रखने के चलते मैंने इसे जाहिर नहीं किया.

                                             

MODI vs DIDI : 'जो डरते हैं, वो मरते हैं'... मोदी-शाह तानाशाओं की तरह देश चला रहे - ममता

नरेंद्र मोदी और अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। ममता ने कहा, 'केंद्र सरकार यह सब करके कोविड मैनेजमेंट, अर्थव्यवस्था, कृषि समस्या जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।'

TODAY
 छत्तीसगढ़  / 
कोलकाता / 'जो डरते हैं, वो मरते हैं'... पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की बीजेपी सरकार पर जमकर हल्ला बोला। ममता ने देश के सभी विपक्षी मुख्यमंत्रियों और सीनियर नेताओं से केंद्र के 'तानाशाही रवैये' के खिलाफ बिना डरे आवाज बुलंद करने की अपील करते हुए बॉलिवुड की मशहूर फिल्म 'शोले' के डायलॉग का इस्तेमाल किया।
ममता ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर जारी तनातनी के मसले पर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर संघीय व्यवस्था और ब्यूरोक्रेसी को तबाह करने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। बंगाल ने कभी हारना नहीं सीखा है। हम हमेशा सिर ऊंचा करके ही चलेंगे।'
उन्होंने देश के प्रमुख विपक्षी नेताओं से अपील करते हुए कहा, 'मैं विपक्षी मुख्यमंत्रियों और सीनियर नेताओं से एक साथ आकर आवाज उठाने की अपील करती हूं। केंद्र और राज्य के बीच हमेशा से ही एक लक्ष्मण रेखा रही है। जवाहरलाल नेहरू और बी.आर. आंबेडकर ने इस पर जोर दिया था। सरकारिया आयोग के बाद सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी हरी झंडी मिली थी। सलाह-मशविरे की प्रक्रिया होती है।

'तानाशाहों से की मोदी-शाह की तुलना' -

ममता ने स्वामी विवेकानंद और गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के विचारों को रखा। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिटलर, स्टालिन जैसे तानाशाहों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। ममता ने कहा, 'केंद्र सरकार यह सब करके कोविड मैनेजमेंट, अर्थव्यवस्था, कृषि समस्या जैसे जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।'

केंद्र और ममता के बीच जारी है रस्साकसी -

केंद्र सरकार और मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी के बीच जारी रस्‍साकसी के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय ने सोमवार को रिटायरमेंट ले लिया। 31 मई को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था जो तीन महीनों के लिए बढ़ाया गया था। उन्हें केंद्र सरकार ने वापस बुला लिया था, लेकिन वे नहीं गए। अब ममता बनर्जी ने उन्हें अपना विशेष सलाहकार नियुक्त किया है। वह अगले तीन साल तक इस पद पर रहेंगे। वहीं, अपर मुख्य सचिव गृह एच.के. द्विवेदी को बंगाल का नया मुख्‍य सचिव बनाया गया है। [एनबीटी]

मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट खत्म, ममता के साथ विपक्ष ने कहा

[TODAY छत्तीसगढ़] / पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ आयोजित की गई विपक्षी दलों की रैली में विपक्षी दलों का जमावड़ा दिखा. रैली में शामिल विपक्षी नेताओं ने जमकर केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर जमकर निशाना साधा. ममता ने कहा कि मोदी सरकार की एक्सपायरी डेट निकल गई है. अगर वह सत्ता में आई तो देश का विनाश होगा.
कोलकाता के ब्रिगेड ग्राउंड में आयोजित यूनाइटेड इंडिया रैली में बीजेपी के बागी नेता शत्रुध्न सिन्हा और अरुण शौरी भी शामिल हुए. बीजू जनता दल (बीजद) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) नीत वाम मोर्चे के अलावा सभी मुख्य विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने रैली में हिस्सा लिया.
राजनीति में शिष्टता का पालन नहीं कर रही बीजेपीः ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बदलाव की बयार की बात कहते हुए कहा कि मोदी सरकार की समाप्ति का वक्त (एक्सपायरी डेट) आ गया है. उनका समय पूरा हो चुका है. इस मंच पर पूरा हिंदुस्तान दिख रहा है. रैली में 23 से 26 पार्टी के लोग इकट्ठा हुए हैं. मोदी जी को लगता है कि वही बस ईमानदार हैं बाकी सब बेईमान हैं. राजनीति में शिष्टता होती है लेकिन बीजेपी ने कभी इसका पालन नहीं किया. जो बीजेपी के साथ नहीं हैं, उन्हें चोर बता दिया जाता है. उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं के हालात पर कहा कि मोदी सरकार ने सभी संस्थाओं को बर्बाद कर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने किसी को नहीं छोड़ा. उन्होंने लालू यादव, अखिलेश यादव और मायावती को नहीं छोड़ा, तो हम लोग आपको क्यों छोड़ेंगे? उन्होंने रैली से आगाह किया कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो देश का विनाश होगा.
ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज और नितिन गडकरी को नजरअंदाज किया गया, अगर बीजेपी चुनाव जीतती है तो उन्हें फिर से नजरअंदाज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जब मौसम बदलता हो तो दिल्ली में बीजेपी की सरकार क्यों नहीं बदलेगी. ममता बनर्जी के मंच से आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी भगाओ और देश बचाओ का वक्त आ गया है. चौकीदार जी जान लें कि थानेदार देश की जनता है. हमारी अनेकता में एकता है. हम सब मिलकर देश को तरक्की की राह पर ले जाने का काम करेंगे.
सच कहना बगावत तो मैं बागीः सिन्हा
विरोधी दलों के मंच से बीजेपी के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हिस्सा लिया और कहा, 'देश बदलाव चाहता है. लोग मुझसे कहते हैं कि मैं बीजेपी के खिलाफ बोलता हूं, अगर सच कहना बगावत है तो समझ लो मैं भी बागी हूं. हो सकता है कि इस रैली के बाद मैं बीजेपी में ही न रहूं.' उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बगैर आरोप लगाते हुए कहा कि आज के दौर में जो तानाशाही है वो नहीं चलेगी. नोटबंदी और जीएसटी ने देश को बहुत परेशान किया.
कांग्रेस की ओर से रैली में शामिल हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सोनिया गांधी ने एक संदेश भेजा है कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को खतरा है. संविधान के खिलाफ काम करने वाली ताकतों को हराना ही होगा. प्रधानमंत्री मोदी का काम समाज को तोड़ना है. वो कहते हैं मैं न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन वो अडानी और अंबानी को खिला रहे हैं.
गठबंधन से देश में खुशीः अखिलेश
ममता के मंच से बोलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन होने से देश में खुशी की लहर दौड़ गई है और इससे परेशान बीजेपी को उत्तर प्रदेश में एक-एक सीट की रणनीति बनाने के लिए नए सिरे से तैयारी करनी पड़ रही है. विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि वो पूछते हैं कि विपक्षी दलों की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन है. जबकि हमारा कहना है कि हम लोग मिलकर प्रधानमंत्री उम्मीदवार का फैसला करेंगे.
मोदी-शाह की जोड़ी ने किया कबाड़ाः केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने भी रैली में हिस्सा लिया और कहा कि पिछले पांच साल में मोदी और शाह की जोड़ी ने देश का कबाड़ा कर दिया. देश के युवा परेशान हैं, उनके पास नौकरी नहीं है, पीएम ने नौकरी के नाम पर झूठ बोलकर धोखा दिया. आज की तारीख में देश में सवा करोड़ नौकरियां खत्म हो गई हैं. किसान बीजेपी से नाराज हैं और इसका परिणाम उन्हें भुगतना होगा.
इसी मंच से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर केरल में जारी तनाव पर कहा कि बीजेपी पूरे देश में मंदिरों में कलह पैदा कर रही है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने टेलीकांफ्रेंस के जरिए अपनी पार्टी के नेताओं से कहा कि वे लोग मोबाइल मीडिया बनें और घर-घर जाकर प्रचार करें.
आजादी के बाद यह दूसरी बड़ी लड़ाईः स्टालिन
ममता बनर्जी की रैली में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी हिस्सा लिया और कहा कि यह आम चुनाव बीजेपी के 'कट्टर हिंदुत्व' के खिलाफ यह लड़ाई आजादी की दूसरी लड़ाई की तरह है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कुछ लोगों से डरते हैं. हम हिंदुत्व और कट्टर हिंदूवाद के जहर को नहीं फैलने देंगे. हमारी अपील नरेंद्र मोदी को हराने और देश को बचाने की है. अगर मोदी फिर से सत्ता में लौटते हैं तो देश 50 साल पीछे चला जाएगा.
एनडीए सरकार के अंत की शुरुआतः बसपा
ममता की इस रैली में बहुजन समाज पार्टी की ओर से मायावती के प्रतिनिधि के रूप में शामिल होने वाले राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन केंद्र की 'दलित-विरोधी' और 'अल्पसंख्यक-विरोधी' एनडीए सरकार के अंत की शुरुआत है. केंद्र की बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने को लेकर यूपी में किए गए गठबंधन के बाद यह रैली इस दिशा में अगला कदम है. उन्होंने कहा कि इस रैली से पुष्टि हो गई है कि संविधान को सुरक्षित रखने के लिए बीजेपी को हराना जरूरी है.
बीजेपी के खिलाफ एकजुट हों विपक्षीः अरुण शौरी
इसी मंच से बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष को साथ एकजुट होकर लड़ना होगा. सभी विपक्षी दलों को एक साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए और इसके लिए साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ एक उम्मीदवार उतारना चाहिए.
ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से मिले विपक्षः फारुक
कोलकाता में ममता बनर्जी की ओर से यूनाइटेड इंडिया रैली में हिस्सा लेते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'यह किसी एक व्यक्ति को सत्ता से बाहर करने का सवाल नहीं है. देश को बचाने और आजादी के लिए लड़ने वालों के बलिदान का सम्मान की बात है. ईवीएम, एक चोर मशीन है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए. ईवीएम का इस्तेमाल रोकने के लिए विपक्षी दलों को चुनाव आयोग और राष्ट्रपति से मिलना चाहिए.
ममता की रैली में पहुंचे यशवंत, बोले-आंकड़ों में बाजीगरी कर रही बीजेपी
ममता की रैली में कभी बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश की यह पहली सरकार है जो विकास के आंकड़ों के साथ 'बाजीगरी' कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान शासन में अगर सरकार की तारीफ की जाए तो उसे ‘देशभक्ति’ कहा जाता है और अगर आलोचना करते हैं उसे ‘देश द्रोह’ कहा जाता है. यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के नारे 'सबका साथ, सबका विकास' का मजाक उड़ाते हुए इसे 'सबका साथ, सबका विनाश' करार दिया.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस तरह से बीजेपी देश को चला रही है उससे देश में 'हिंसा और अशांति का माहौल' बन गया है. हम सभी को मिलकर सांप्रदायिक ताकतों का माकूल जवाब देना होगा. हमें बीजेपी को न सिर्फ केंद्र से उखाड़ना होगा बल्कि उसे अन्य राज्यों से भी हटाना होगा.
बदले की राजनीति कर रही बीजेपीः कांग्रेस
कांग्रेस की ओर से रैली में शामिल होने वाले अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन का मकसद बीजेपी को चुनाव में हराना और देश में धर्म निरपेक्ष सरकार बनाना है. हमने बदले की ऐसी राजनीति पहले कभी नहीं देखी थी. अमित शाह ने जब उत्तर प्रदेश में 100 रैलियां की तो किसी ने उनसे सवाल नहीं पूछा लेकिन जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने रैली का आयोजन किया तो उसे आयकर का नोटिस थमा दिया गया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के गठबंधन का मजाक उड़ाते रहते हैं, लेकिन उनकी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में सबसे अनैतिक गठबंधन किया और इस बारे में वह क्या कहेंगे?
‘सुलग’ रहा पूर्वोत्तर भारतः लालदूहोमा
ममता की ओर से आयोजित रैली में शामिल हुए ‘जोरम नेशनलिस्ट पार्टी’ के नेता लालदूहोमा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के कारण पूर्वोत्तर भारत ‘सुलग’ रहा है. अगर इस विधेयक लागू किया गया तो भारत वह जगह नहीं रहेगा जो वह है. हमें केंद्र में धर्म निरपेक्ष सरकार चाहिए, ताकि यह विधेयक वापस ले लिया जाए या पूर्वोत्तर को छूट मिले. मिजोरम विधानसभा में विपक्ष के नेता लालदूहोमा ने बीजेपी और आरएसएस पर इतिहास को अपने तरह से दोबारा लिखने का आरोप लगाते हुए कहा कि हम केंद्र में धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं ताकि पूर्वोत्तर के लोग सुरक्षित हो पाएं. इनपुट- आजतक 
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