लखनऊ। TODAY छत्तीसगढ़ / समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को बड़ी राहत मिली है। सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया है कि आज़म खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म को रामपुर जिला जेल में ही रखा जाए। साथ ही अदालत ने जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि आज़म खान को क्लास-1 कैटेगरी की सुविधाएं और जरूरत के मुताबिक मेडिकल केयर उपलब्ध कराई जाए।
पहले भी आज़म खान और उनके बेटे दो बार जेल जा चुके हैं। पहली बार दोनों ने सीतापुर जेल में 27 महीने बिताए थे। इसके बाद दूसरी बार 23 महीने की जेल के दौरान दोनों को अलग-अलग रखा गया—आज़म खान सीतापुर में और अब्दुल्लाह हरदोई जेल में।
इस बार 17 नवंबर 2025 को सजा मिलने के बाद आज़म खान ने अदालत में अर्जी लगाई थी। उनका कहना था कि उनकी तबीयत ठीक नहीं रहती, उनके खिलाफ 100 से ज्यादा केस चल रहे हैं और बेटे अब्दुल्लाह के खिलाफ 45 से अधिक मुकदमे लंबित हैं, जिनमें ज्यादातर की सुनवाई रामपुर में होती है। ऐसे में दोनों को रामपुर जेल में ही रखा जाना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य कारणों से उन्हें बेटे का सहयोग मिल सके। अभियोजन पक्ष ने इस अर्जी का विरोध किया। उनका तर्क था कि आरोपी हर मामले में अलग-अलग बीमारियां बताता है और इसका कोई ठोस सबूत नहीं देता। साथ ही जेल ट्रांसफर प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिस पर कोर्ट में अपील नहीं की जा सकती।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एमपी-एमएलए विशेष न्यायाधीश शोभित बंसल ने फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि आज़म खान के अधिकतर मामलों की सुनवाई रामपुर में होनी है, इसलिए उन्हें और उनके बेटे को रामपुर जेल में ही रखा जाए। बिना कोर्ट की अनुमति के दोनों को किसी दूसरी जेल में शिफ्ट न किया जाए।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि आज़म खान को सुपीरियर क्लास (क्लास-1) की सुविधाएं और आवश्यक मेडिकल सुविधा दी जाए। यह आदेश आज़म खान के लिए राहत भरा माना जा रहा है, क्योंकि रामपुर जेल उनके घर के सबसे करीब है।



























