अयोध्या। TODAY छत्तीसगढ़ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लला के चल रहे सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सोमवार को सोने की छड़ी से प्रतीकात्मक रूप से मूर्ति की आंखें खोलकर अंतिम वैदिक अनुष्ठान किया और आरती और शाष्टांग प्रणाम (साष्टांग प्रणाम) के साथ अनुष्ठान समाप्त किया। देवता, पूरे भारत में और दुनिया के कई हिस्सों में हिंदू प्रवासी द्वारा उत्सव मनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
Glimpses from a very special day in Ayodhya! pic.twitter.com/EYLYnThyos
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रामज्योति! #RamJyoti pic.twitter.com/DTxg2QquTT
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अयोध्या धाम में आज राम लला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं। इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासियों से मेरा आग्रह है कि रामज्योति प्रज्वलित कर अपने घरों में भी उनका स्वागत करें। जय सियाराम! #RamJyoti pic.twitter.com/jllwCKNaym
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आज जब भारतवर्ष परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता के पथ पर चल रहा है, ऐसे में हमारी युवा शक्ति से मेरा एक आग्रह… pic.twitter.com/mCPgbY8NZN
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भगवान के लिए चांदी का छत्र लेकर, मोदी राम जन्मभूमि मंदिर में प्रवेश करने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़े, जिसे पीले और केसरिया गेंदे के फूलों से सजाया गया था, दोपहर 12.10 बजे के आसपास विशेष आमंत्रितों के बीच बैठे संतों ने नारा लगाया। 'जय श्री राम'। क्रीम कुर्ता और क्रीम धोती और पटका पहने हुए उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 'संकल्प' लिया और बाद में अनुष्ठान के लिए गर्भगृह में चले गए।
प्रधानमंत्री जब गर्भगृह में पहुंचे तो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे। समारोह के दौरान भागवत मोदी के बगल में बैठे थे। राम मंदिर के गर्भगृह में वैदिक अनुष्ठान राम लला विराजमान (राम लला की पुरानी मूर्ति) की विशेष पूजा के साथ शुरू हुए, जिनकी पूजा आज तक अस्थायी राम मंदिर में की जा रही थी।