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पांच सदी की प्रतीक्षा के बाद रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान

 


अयोध्या। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम लला के चल रहे सात दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा समारोह में सोमवार को सोने की छड़ी से प्रतीकात्मक रूप से मूर्ति की आंखें खोलकर अंतिम वैदिक अनुष्ठान किया और आरती और शाष्टांग प्रणाम (साष्टांग प्रणाम) के साथ अनुष्ठान समाप्त किया। देवता, पूरे भारत में और दुनिया के कई हिस्सों में हिंदू प्रवासी द्वारा उत्सव मनाने के लिए प्रेरित करते हैं। 

भगवान के लिए चांदी का छत्र लेकर, मोदी राम जन्मभूमि मंदिर में प्रवेश करने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़े, जिसे पीले और केसरिया गेंदे के फूलों से सजाया गया था, दोपहर 12.10 बजे के आसपास विशेष आमंत्रितों के बीच बैठे संतों ने नारा लगाया। 'जय श्री राम'।  क्रीम कुर्ता और क्रीम धोती और पटका पहने हुए उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 'संकल्प' लिया और बाद में अनुष्ठान के लिए गर्भगृह में चले गए।

प्रधानमंत्री जब गर्भगृह में पहुंचे तो उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे। समारोह के दौरान भागवत मोदी के बगल में बैठे थे। राम मंदिर के गर्भगृह में वैदिक अनुष्ठान राम लला विराजमान (राम लला की पुरानी मूर्ति) की विशेष पूजा के साथ शुरू हुए, जिनकी पूजा आज तक अस्थायी राम मंदिर में की जा रही थी।  

अयोध्या : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए 'टेंट सिटी' का निर्माण कराया जा रहा

फ़ाइल फोटो 

 लखनऊ / अयोध्या  (भाषा)। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  भगवान श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या में बनाये जा रहे भव्य राम मंदिर में अगले वर्ष (जनवरी 2024) 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश-विदेश से बड़ी संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 'टेंट सिटी' का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें 80 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। 

लखनऊ में जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों लोगों के अयोध्या पहुंचने की संभावना को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व अयोध्या विकास प्राधिकरण की ओर से विभिन्न स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है। इनमें ठहरने और भोजन की उत्तम व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी।

बयान में अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) के सचिव सत्येंद्र सिंह के हवाले से यह जानकारी दी गयी है कि माझा गुप्तार घाट में 20 एकड़ भूमि में टेंट सिटी स्थापित की जाएगी। इसमें लगभग 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम में ब्रह्मकुंड के पास भी एक टेंट सिटी स्थापित की जा रही है। इसमें 35 टेंट लगेंगे, जिसमें लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बाग विजेसी में 25 एकड़ भूमि में टेंट सिटी स्थापित की जा रही है, जिसमें लगभग 25 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था हो सकेगी। इसके अलावा कारसेवकपुरम व मणिराम दास की छावनी में भी श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जाएगी।

सत्येंद्र सिंह ने बताया कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के समय कड़ाके की ठंड रहेगी। ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जा रही है। शीतकाल में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को देखते हुए टेंट सिटी का निर्माण इस प्रकार किया जाएगा कि श्रद्धालुओं को ठंड से राहत मिल सके। इसके लिए गद्दे-कंबल का भी प्रबंध हो रहा है। यहां ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए शौचालय व स्नानगृह के अतिरिक्त भोजन के लिए भंडारागृह व मेडिकल शिविर का भी प्रबंध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एडीए की ओर से जो टेंट सिटी स्थापित की जा रही है वह ठेकेदारों द्वारा निर्मित की जाएगी।  

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राम जन्मभूमि ट्रस्ट: भ्रष्टाचार के आरोप बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित - महासचिव

राम मंदिर ट्रस्ट पर घोटाले के आरोपों पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद और निराधार है। यह आरोप राजनीति से प्रेरित है।

चम्पत राय [महासचिव, राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र]
TODAY छत्तीसगढ़  / अयोध्या / राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर राम मंदिर के लिए जमीन खरीदने में भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगा है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और पूर्व राज्य मंत्री पवन पांडेय ने आरोप लगाया है। हालांकि भ्रष्टाचार के आरोप पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। चंपत राय ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया । उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं वह भ्रामक है और समाज को गुमराह करने के लिए है। ये सारे ही आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। चंपत राय ने एक प्रेस रिलीज भी जारी की । 

चंपत राय ने कहा कि जिस जमीन को लेकर चर्चा की जा रही है वह रेलवे स्टेशन के पास वह प्राइम लोकेशन है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने अभी तक जितनी जमीन खरीदी है खुले बाजार की कीमत से बहुत कम दामों पर खरीदी है।                                          

राम मंदिर : भूमि पूजन शुरू, पीएम मोदी के साथ मोहन भागवत-योगी भी मौजूद

TODAY छत्तीसगढ़  / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर भूमि पूजन के लिए अयोध्या के लिए आज सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर रवाना हुए और तय कार्यक्रम के अनुसार 11 बजकर 30 मिनट पर अयोध्या पहुंचे. यहां उनका स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. बता दें कि वह आज सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर एयर इंडिया के विमान से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे. वहां से हेलिकॉप्टर की मदद से अयोध्या पहुंचे. आज के कार्यक्रम के लिए पीएम मोदी खास धोती कुर्ता पहने नजर आए. उन्होंने भगवा रंग का कुर्ता और धोती पहनी है और इसकी तस्वीर पीएमओ द्वारा शेयर की गई है .









- तीन घंटे अयोध्या में रहेंगे पीएम मोदी 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम के लिए कुल 3 घंटे अयोध्या में रहेंगे. मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हनुमानगढ़ी पहुंचकर  पूजा की . दरअसल, माना जाता है कि भगवान हनुमान के आशीर्वाद के बिना भगवान राम का कोई काम शुरू नहीं किया जाता है. इस वजह से पीएम मोदी पहले हनुमान भगवान की पूजा करने पहुंचें उसके बाद भूमि पूजन के लिए कार्यक्रम स्थल गए। 

भूमिपूजन : रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे राम-लक्ष्मण, भरत-शत्रुघन

TODAY छत्तीसगढ़  /  भगवान राम,  भाई-लक्ष्मण, भरत एवं शत्रुघ्न पांच अगस्त को राम मंदिर के 'भूमिपूजन' के अवसर पर रत्नजड़ित पोशाक पहनेंगे। रामदल सेवा ट्रस्ट के अधय्क्ष पंडित कल्की राम भगवान की मूर्तियों पर ये पोशाक पहनाएंगे। इन पोशाकों पर नौ तरह के रत्न लगाए गए हैं। भगवान के लिए वस्त्र सिलने का काम करने वाले भगवत प्रसाद ने कहा कि भगवान राम हरे रंग की पोशाक पहनेंगे। भूमिपूजन बुधवार को होना है और इस दिन का रंग हरा होता है। (आईएएनएस) TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

"हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं"

[TODAY छत्तीसगढ़] / पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक नगरी, जो बहुसंख्यक भारतीय हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां लोग मोक्ष की कामना लिए पहुँचते हैं जिसकी तरफ लोग हाथ उठाकर कसमें खाते हैं, जहां भगवान को मनुष्य मानकर उनकी सेवा की जाती है, जहां पूरे नगर में रामकथाएं और रामधुन गूंजती हैं, उस नगर को दुनिया 'अयोध्या' के नाम से जानती है. स्थानीय लोग कहते हैं ‘अयोध्या उपेक्षा और राजनीति का शिकार हो गई। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने अयोध्या को हमेशा देश और दुनिया में चर्चा का केंद्र बनाये रखा। अदालती फैसले के इंतज़ार में थक चुके स्थानीय लोगों के साथ-साथ मैं भी सोचता हूँ अगर ये विवाद ना होता तो क्या अयोध्या उतनी ही चर्चित होती ? शायद नहीं, इसका जवाब स्थानीय लोग देते हैं। वे कहते हैं आस्था के शोर में लोगों की जरूरतें, सुविधाएँ सब सरकारी फाइलों में दफन हैं।
अयोध्या राज घराने से ताल्लुक रखने वाले शैलेंद्र जी मिश्र ने हमें बताया, हम हिन्दू हैं, गर्व होता है। जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पक्षधर शैलेन्द्र ने बताया भगवान राम की नगरी अयोध्या उपेक्षा और राजनीति का शिकार है। देश की राजनैतिक पार्टियों में किसी ने 'राम' को जरूरत के हिसाब और अपने नफे-नुक़सान के लिए इस्तेमाल किया तो कोई राम से दुरी बनाकर मतलब साधता दिखा। इस आम चुनाव में भी कुछ ऐसा ही है, अफ़सोस होता है तमाम शोर-शराबों के बावजूद इस बार 'राम' फिर से हाशिये पर है ।
प्रधानमंत्री कभी आये ही नहीं
अयोध्या के गिरिजेश गोस्वामी कहते हैं 'अयोध्या जिसे राजनीतिक हलकों में बीजेपी की 'प्राणवायु' समझा जाता है वहां नरेंद्र मोदी कभी नहीं आये। शिकायत भरे लहजे में गोस्वामी जी बोले 'नरेंद्र मोदी बनारस से लेकर मगहर तक चले गए। दुनिया भर में घूम-घूम कर मंदिर, मस्जिद और मज़ार पर सजदा कर आये लेकिन अयोध्या से पता नहीं क्या बेरुख़ी है उन्हें ? ' दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ़ प्रधानमंत्री रहते कभी अयोध्या नहीं आए ऐसा भी नहीं है। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी अयोध्या यात्रा से परहेज रखा। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान और ढाई बरस पहले हुए विधान सभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई दर्जनों जनसभाओं में उन्होंने कहीं भी अयोध्या या राम मंदिर का कोई ज़िक्र नहीं किया। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान तो एक जनसभा में उन्होंने ये कहकर एक तरह से राम मंदिर को पार्टी की प्राथमिकताओं से ही लगभग ख़ारिज कर दिया कि 'पहले शौचालय, फिर देवालय।' हालांकि पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र में 'राम' हैं मगर इस बार 'राष्ट्र' सबसे ऊपर है।
सिर्फ हिंदू नहीं है बल्कि उसमें मुसलमान भी
अयोध्या के ही दीपक मिश्र कहते हैं, ‘अयोध्या में राम कथा की सालों पुरानी एक परंपरा है, यहां नाट्य कला आज भी ज़िंदा है। यहां की पारम्परिक लोक कलाएं हैं, जिसमें किसी भी तरह की सांप्रदायिकता की कोई चेष्टा नज़र नहीं आती है। उसे अयोध्या से अलग नहीं किया जा सकता। अयोध्या की जो धार्मिकता है वह सिर्फ हिंदू नहीं है बल्कि उसमें मुसलमान भी हैं। उसमें तमाम अन्य जातियों के लोग भी हैं। अयोध्या बहुत उदार सांस्कृतिक, धार्मिक और पारम्परिक धरातल है, जो लोग इसे राजनीतिक रंग देते हैं उन्हें ये याद रखना होगा की रामलीला के विकास में मुग़लों की भी बड़ी भूमिका रही है। अयोध्या की जीवनदायनी सरयू नदी इन दिनों सुखी हुई हैं, घाट गंदगी से पटे हैं। सरकार स्वच्छता का नारा लिखकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने का दम्भ भर रही है।
हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं
यहां हनुमान गढ़ी और उसके आसपास की सड़कों पर दोनों तरफ़ दुकानें हैं। चूड़ियों की दुकानें, सिंदूर-चंदन, मूर्तियों के अलावा धार्मिक साहित्य और पूजन सामग्री की दुकानें सजी हैं। इसी हनुमानगढ़ी से पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो किया और कांग्रेस के लिए सियासी जमीन तलाश की। अयोध्या भले ही ख्याति में हिंदू तीर्थ है लेकिन मंदिरों में हर जाति के महंत हैं वहीं सड़कों पर हर जाति धर्म के दुकानदार। अयोध्या के हनुमानगढ़ी में यूसुफ मियां की चूड़ियों की दुकान है। वे कहते हैं ‘अयोध्या हमारी जन्मभूमि है, हम यहीं पैदा हुए - यहीं पले-बढ़े बड़े। अयोध्या से हमारी रोज़ी-रोटी चलती है। हमें तो आज तक कोई परेशानी नहीं है। वे मानते हैं हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं हैं।
पिछले दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी मिज़ाज की नब्ज टटोलते हुए जब अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में घूम रहा था तो लगा बिना अयोध्या गए यात्रा अधूरी रह जायेगी। 29 मार्च को मैंने अयोध्या का रुख किया, मैं लखनऊ की तरफ़ से नवाबगंज होते हुए अयोध्या की ओर बढ़ रहा था। कटरा बाज़ार पार करते ही शफ़्फ़ाक रेत की चादरों के बीच बहती सरयू नदी ने हमारा स्वागत किया। एक पतली मगर स्वच्छ धार जो दिल्ली की काली पड़ चुकी यमुना से हज़ार गुना साफ़। एक तरफ़ आस्थावानों के नहाने के लिए घाट और दूसरी तरफ़ दूर तक फ़ैले तट पर बना श्मशान घाट । 'राम' की नगरी को मैंने करीब से देखा और समझने की कोशिश की । गलियों से गुजरती गलियां, खंडहर हो चुकीं कइयों इमारतों में जिंदगी बसर करते लोगों को रामलला पर भरोसा है। मगर रामराज्य कब आएगा अनुराग तिवारी नहीं जानते लेकिन रिक्शा खींचते रसूल मियाँ कहते हैं 'अयोध्या' में भाईचारा है।
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