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लोकसभा चुनाव 19 : 6 वें चरण में 64% मतदान; बंगाल और बिहार में हिंसा

[TODAY छत्तीसगढ़ ] / लोकसभा चुनाव के 6वें चरण के लिए 7 राज्यों की 59 सीटों पर 63.3% मतदान हुआ। इन सीटों पर 2014 में 63.7% वोट पड़े थे। बंगाल में लगातार 6वें चरण में भी हिंसा हुई। इसके बावजूद यहां सबसे ज्यादा 80% मतदान हुआ। झारखंड में 64%, मध्यप्रदेश में 63% और हरियाणा में 65% वोट डाले गए।
बिहार के पश्चिम चंपारण सीट से भाजपा प्रत्याशी संजय जायसवाल पर नरकटिया स्थित बूथ पर भीड़ ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। निजी सुरक्षाकर्मियों ने हवाई फायरिंग कर संजय को बचाया। इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट भी हुई। 
 6 वें चरण में भी हिंसा - 
पश्चिम बंगाल में 6वें चरण में भी हिंसा की खबरें हैं। यहां के घाटल से भाजपा प्रत्याशी पूर्व आईपीएस अफसर भारती घोष के काफिले पर हमला किया गया। उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए। केशपुर मतदान केंद्र के बाहर कथित तौर पर उनके साथ मारपीट और धक्का-मुक्की की गई। हमलावरों से बचने के लिए उन्होंने मंदिर में शरण ली। यहां से वे मंदिर की दीवार फांदकर पुलिस स्टेशन पहुंचीं। भाजपा ने इस घटना के लिए तृणमूल कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया है। चुनाव आयोग ने इस मामले में जिला चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।
बंगाल में झारग्राम के गोपीबल्लभपुर में भाजपा कार्यकर्ता का शव मिला है। पार्टी ने तृणमूल पर हत्या का आरोप लगाया है। उधर, पूर्व मिदनापुर के भगवानपुर में भी भाजपा के दो कार्यकर्ताओं अनंता गुचैत और रंजीत मैती को गोली मार दी गई। उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।
 गोली चली, बूथकर्मी की मौत -
बिहार के शिवहर स्थित एक बूथ पर होमगार्ड जवान से गलती से गोली चल गई, जिससे पोलिंग बूथ पर तैनात एक कर्मचारी की मौत हो गई। उधर, मध्यप्रदेश के भिंड में जैतपुरागुढ़ा गांव में बूथ कैप्चरिंग की कोशिश की गई। 
राष्ट्रपति, सोनिया-प्रियंका, राहुल गांधी समेत बड़े नेताओं ने डाला वोट -
6वें चरण के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन कॉम्प्लेक्स में स्थित बूथ पर वोट डाला। वहीं, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली में मतदान किया। इनके अलावा राहुल गांधी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार शीला दीक्षित, विराट कोहली, भोपाल से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर, गौतम गंभीर ने भी अपने-अपने बूथों पर वोट डाले। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
 दिग्विजय सिंह वोट नहीं डाल पाए -
भोपाल से कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह राजगढ़ में वोट नहीं डाल पाए। उन्होंने बताया कि वे भोपाल सीट पर ही व्यस्त रहे।
आप ने गड़बड़ी की शिकायत की -
दिल्ली के कई इलाकों में ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायत मिली। आप के विधायक सोमनाथ भारती ने कहा कि बूथ संख्या 116, 117 और 122 पर ईवीएम काम नहीं कर रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मालवीय नगर के हौजरानी बूथ पर बिना मतदान किए ही 50 वोट डाले गए दिख रहा था। दिल्ली के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चांदनी चौक और पश्चिमी दिल्ली में ईवीएम में शिकायत के बाद 5.5 प्रतिशत मशीन बदल दिए गए थे।
दक्षिण दिल्ली से आप प्रत्याशी राघव चड्डा ने आरोप लगाया है कि संगम बिहार में एक बूथ पर भाजपा कार्यकर्ता चार-चार वोट डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, "हमने ऐसे 8-10 लोगों की पहचान की है। एक को रंगे हाथों भी पकड़ा। भाजपा के रमेश विधूड़ी बुरी तरह से हार रहे हैं, इसलिए ऐसे काम कर रहे हैं।''
इस चरण में 979 प्रत्याशी मैदान में हैं। 2014 में भाजपा इन 59 सीटों में से 45 पर जीती थी। वहीं, 1 पर सहयोगी पार्टी लोजपा को जीत मिली थी। कांग्रेस ने 2, तृणमूल ने 8, सपा ने 1, इनेलो ने 2 सीटें हासिल की थीं। इस चरण में दिल्ली की 7, बिहार की 8, हरियाणा की 10, मध्यप्रदेश की 8, उप्र की 14, बंगाल की 8, झारखंड की 4 और दिल्ली की 7 सीटों पर मतदान हुआ।
मध्यप्रदेश में मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ सीट पर वोटिंग हुई। बंगाल की बैरकपुर सीट के बूथ नंबर 116 और आरमबाग के बूथ नंबर 110 पर पुनर्मतदान हुआ। इसके अलावा त्रिपुरा के 168 पोलिंग बूथों और पुड्डुचेरी के 1 बूथ पर भी पुनर्मतदान हुआ। 

छठवें चरण का मतदान 12 को, आज शाम थम जाएगा चुनावी शोर

[TODAY छत्तीसगढ़ ] / आज यानी शुक्रवार को छठे चरण का चुनाव प्रचार शाम 5 बजे थम जाएगा. इस चरण में 12 मई को जिन 59 सीटों पर वोटिंग है उसपर पिछली बार  बीजेपी ने 44, कांग्रेस ने 2, टीएमसी ने 8 और अन्य ने पांच सीटें जीती थी. इस चरण में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोदी सरकार के मंत्री राधा मोहन सिंह, बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, क्रिकेटर से पॉलिटिशियन बने गौतम गंभीर समेत कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर है.
छठें चरण की कई सीटों पर लड़ाई रोचक है. आजमगढ़ में सपा चीफ अखिलेश यादव के सामने बीजेपी की ओर से भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ, भोपाल में दिग्विजय सिंह के सामने बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बीजेपी ने डॉ. केपी यादव, उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के सामने बीजेपी ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है.
भोपाल सीट से कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को प्रत्याशी बनाया है. दिग्विजय सिंह 1993 में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद वे 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. 2003 में बीजेपी की उमा भारती सीएम बनीं. चुनाव हारने के बाद दिग्विजय सिंह ने तय किया कि वे अगले 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ेंगे. फिर वे पार्टी के महासचिव बन गए. आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की जिम्मेदारी दी गई. जनवरी 2014 में वह मध्यप्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुने गए.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. अखिलेश यादव ने 2000 में अपना पहला लोकसभा चुनाव कन्नौज सीट से लड़ा और जीते. इसके बाद वह 2004 और 2009 का चुनाव भी कन्नौज से जीते. 2012 में महज 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
उत्तर-पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी के टिकट पर गायक हंसराज हंस चुनाव लड़ रहे हैं. हंस राज हंस ने 2009 में शिरोमणि अकाली दल से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की. पांच साल बाद, 2014 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली. फिर 10 दिसंबर 2016 को भाजपा में शामिल हो गए. 2017 में एमसीडी चुनाव में उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया.
47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट से लोकसभा सांसद हैं. इस बार फिर वह गुना सीट से ही मैदान में है. 30 सितंबर, 2001 को विमान हादसे में ज्योतिरादित्य के पिता माधवराव सिंधिया की मौत हो गई. फिर ज्योतिरादित्य राजनीति में आए. 2002 लोकसभा में उन्‍हें सर्वप्रथम चुना गया, 2004 में 14वीं लोकसभा में उन्‍हें दोबारा चुना गया.
कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से प्रत्याशी बनाया है. 2019 के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कमान तजुर्बेकार शीला दीक्षित को सौंपी है. 1998 में जिस समय शीला दीक्षित को सोनिया गांधी ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था, उस समय भी कांग्रेस की हालत आज जैसी पतली ही थी.
बीजेपी ने राधामोहन सिंह को पूर्वी चंपारण से टिकट दिया है. राधामोहन सिंह ने राजनीति की शुरुआत 1967 में छात्र नेता के तौर पर की. उनके जनसंपर्क और जनजुड़ाव का ही नतीजा है कि वह 1989 से लेकर अब तक 5 बार सांसद रहे.
गौतम गंभीर भारत के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी थे. बाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज गौतम दिल्ली से घरेलू क्रिकेट खेलते थे. इंडियन प्रीमियर लीग में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेलते थे. भारत सरकार ने 2008 में गंभीर को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था. अभी भाजपा के टिकट पर पूर्वी दिल्ली सीट पर चुनावी मैदान में हैं.
उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के खिलाफ बीजेपी ने मनोज तिवारी को मैदान में उतारा है. 2009 में मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी की ओर से राजनीति में अपना भविष्य आजमाया पर असफल रहे थे. 2014 में बीजेपी ने उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से टिकट दिया और मोदी लहर में मनोज चुनाव जीत गए. इसके बाद उन्हें दिल्ली बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.
भोपाल लोकसभा सीट की चर्चित उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह के मुकाबले में हैं. शपथपत्र के अनुसार, साध्वी की उम्र 49 साल है. वह उच्च शिक्षित हैं. 1994 में लहार से बीए फाइनल, 1996 में भिंड से एमए फाइनल और 1997 में विद्या निकेतन ऑफ फिजिकल एजुकेशन, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन की डिग्री ली है.
हाल में ही कांग्रेस में शामिल हुए कीर्ति आजाद को पार्टी ने धनबाद सीट से प्रत्याशी बनाया है.  कीर्ति आजाद ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में बीजेपी विधायक के रूप में दिल्ली की गोल मार्केट विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर की. 1999 में वे लोकसभा चुनाव में निर्वाचित हुए. 2009 में वे लोकसभा चुनावों में दोबारा जीते. 31 अगस्‍त 2009 को उन्‍हें मानव संसाधन विकास समिति और 9 जून 2013 से उन्‍हें गृह समिति का सदस्‍य बनाया गया.TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
किन सीटों पर है चुनाव
इस चरण में बिहार की 8 सीटों (वाल्मीकि नगर, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, वैशाली, गोपालगंज, सीवान और महाराजगंज), हरियाणा की 10 सीटों (अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार, कर्नल, सोनीपत, रोहतक, भिवानी–महेन्द्रगढ़, गुड़गांव और फरीदाबाद), झारखंड की 4 सीटों (गिरिडीह, धनबाद, जमशेदपुर और सिंहभूम), उत्तर प्रदेश की 14 सीटों (सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही), मध्य प्रदेश की 8 सीटों, पश्चिम बंगाल की 8 सीटों और दिल्ली की सभी सातों सीटों पर चुनाव होगा.  [आजतक]

मोदी का बयान 'जुमला' - पूर्व नौसेना प्रमुख, बोले INS विराट पर पिकनिक मनाने नहीं सरकारी काम से गए थे राजीव गांधी

[TODAY छत्तीसगढ़] / दिल्ली के रामलीला मैदान में बुधवार को एक जनसभा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) पर एक और सनसनीखेज आरोप लगाया था. पीएम मोदी का आरोप था कि राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए विमानवाहक पोत INS विराट का इस्तेमाल एक द्वीप पर परिवार के साथ छुट्टी मनाने के लिए किया था. पीएम मोदी ने दावा किया था कि इसमें इटली से आए उनके रिश्तेदार भी शामिल हुए थे और INS विराट का इस्तेमाल टैक्सी की तरह किया गया था. पीएम मोदी के इस बयान को पूर्व ऐडमिरल एल रामदास ने जुमला बताया. पूर्व नौसेना प्रमुख एल रामदास ने पीएम मोदी के इस बयान को जुमला बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Rajeev Gandhi) INS विराट (INS Viraat) पर सरकारी काम से गए थे. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी INS विराट पर राष्ट्रीय खेल पुरस्कार वितरण में गए थे. उन्होंने कहा कि आरोप एकदम झूठा है. प्रधनमंत्री का वह सरकारी दौरा था. हम इस तरह के आरोप से व्यथित हैं. सेना किसी के निजी इस्तेमाल के लिए नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा था, ‘आईएनएस विराट का इस्तेमाल एक निजी टैक्सी की तरह करके राजीव गांधी ने इसका अपमान किया गया. यह तब हुआ जब राजीव गांधी एवं उनका परिवार 10 दिनों की छुट्टी पर गए हुए थे. आईएनएस विराट को हमारी समुद्री सीमा की रक्षा के लिए तैनात किया गया था, किन्तु इसका मार्ग बदल कर गांधी परिवार को लेने के लिए भेजा गया जो अवकाश मना रहा था.'
उन्होंने यह भी दावा किया था कि गांधी परिवार को लेने के बाद आईएनएस विराट द्वीप पर 10 दिनों तक खड़ा रहा. पीएम ने सवाल किया, ‘राजीव गांधी के साथ उनके ससुराल के लोग भी थे जो इटली से आए थे. सवाल यह है कि क्या विदेशियों को एक युद्धपोत पर ले जाकर देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया गया?' साथ ही उन्होंने कहा, ‘क्या यह कभी कल्पना की जा सकती है कि भारतीय सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख युद्धपोत का इस्तेमाल निजी अवकाश के लिए एक टैक्सी की तरह किया जाए?' विमान वाहक आईएनएस विराट को भारतीय नौसेना में 1987 में सेवा में लिया गया था. करीब 30 वर्ष तक सेवा में रहने के बाद 2016 में इसे सेवा से अलग किया गया। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि वह 'आदतन झूठे' हैं जिनमें बेरोजगारी और नोटबंदी जैसे मुद्दों पर चुनाव लड़ने का साहस नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारतीय नौसेना के वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) विनोद पसरीचा ने स्पष्ट कर दिया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी आधिकारिक यात्रा के सिलसिले में INS विराट पर सवार थे, वह कोई छुट्टियां नहीं थीं.
उन्होंने कहा, 'लेकिन मोदी को तथ्यों से कोई फर्क नहीं पड़ता. उनके पास बात करने के लिए अपनी उपलब्धियां नहीं हैं. राहुल गांधी छह महीने से उन्हें राफेल सौदा, नोटबंदी, बेरोजगारी पर बहस करने की चुनौती दे रहे हैं, लेकिन मोदी में बोलने की हिम्मत नहीं है.' दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाने के लिए मोदी पर चुटकी लेते हुए खेड़ा ने कहा कि कभी किसी ने पढ़ा है कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा हो कि उनका अगला चुनाव मुगल बादशाह हुमायूं के खिलाफ है. या कभी इंदिरा गांधी ने अपनी पूरी चुनावी लड़ाई महारानी विक्टोरिया के खिलाफ लड़ी हो. उन्होंने कहा, लेकिन अब हम यह सब सुन रहे हैं. मोदी जी हमें बता रहे हैं कि 30 साल पहले राजीव गांधी आईएनएस विराट पर छुट्टियां मनाने गए थे. प्रधानमंत्री आदतन झूठे हैं.
उधर, वाइस एडमिरल (अवकाश प्राप्त) विनोद पसरीचा ने कुछ वक्त पहले चैनलों पर कहा कि यह झूठ है और प्रधानमंत्री सरकारी यात्रा पर थे, छुट्टी पर नहीं.' इससे पहले भी मोदी ने बोफोर्स घोटाले का जिक्र करते हुए राजीव गांधी को 'भ्रष्टाचारी नंबर एक' बताया था. [इनपुट - ndtv]

मोदी ने कहा, देश की रक्षा करने वालों को अपनी जागीर समझता रहा है गाँधी परिवार

[TODAY छत्तीसगढ़] / दिल्ली के रामलीला मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर हमला बोला. पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की छुट्टियों का मामला उठाते हुए पूछा कि क्या आपने सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाए? आप इस सवाल से हैरान मत होइये, ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है.TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
पीएम मोदी ने कहा कि देश की रक्षा करने वालों को अपनी जागीर कौन समझता रहा है. ये भी मैं आज दिल्ली की धरती से उन लोगों की आंख में आंख मिलाकर देश और दिल्ली की जनता को बताना चाहता हूं. कांग्रेस के नामदार परिवार ने आईएनएस विराट का व्यक्तिगत टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया, उसका अपमान किया था. ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और 10 दिन की छुट्टियां मनाने निकले थे. 
एक घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों में, उनकी ससुराल वाले यानी इटली वाले भी शामिल थे. सवाल ये कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया गया था? या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी की ससुराल के लोग थे. इन सब लोगों की खातिरदारी के लिए सेना लगी हुई थी. पीएम मोदी ने कहा कि जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तब देश की सुरक्षा दांव पर लग ही जाती है. जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की चिंता भी नहीं रह जाती. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले एक साथ 2 बड़े आयोजन करने में सरकार के हाथ पांव फूल जाते थे. 2009 में और 2014 में तो कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव और आईपीएल एक साथ नहीं करा पाई थी.

घोटालेबाजों को जेल के दरवाजे तक ले आया हूँ, आशीर्वाद दीजिए इस बार अंदर कर दूंगा: मोदी

[TODAY छत्तीसगढ़ ] / लोकसभा चुनाव के छठे चरण के प्रचार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को हरियाणा के फतेहाबाद में चुनावी सभा को संबोधित किया. रैली में पीएम ने कहा कि देश में पांच चरण हो चुके हैं और स्थिति साफ है कि 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि विपक्ष में सभी ने हाथ सरकार खड़े कर दिए हैं, खिचड़ी वाली सरकार बनाने के सभी मंसूबे ध्वस्त हो गए हैं.
फतेहाबाद की रैली में पीएम ने कहा कि ये चौकीदार देश को विश्व शक्ति बनाने के लिए जुटा है. जो राष्ट्र अपनी रक्षा नहीं कर पाता, क्या दुनिया उसकी बात सुनेगी... नए भारत की रक्षा नीति पर कांग्रेस और उसके महामिलावटी राष्ट्रीय सुरक्षा पर नहीं बोलते हैं. इनका अतीत ऐसा है कि राष्ट्र रक्षा पर ये कुछ नहीं बोलते हैं.
पीएम ने कहा कि जब भी दिल्ली-हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी तो कौड़ियों के दाम पर जमीन बांटी गई थी.  उन्होंने बिना वाड्रा का नाम लिए कहा की आज ये लोग जमानत के लिए चक्कर काट रहे हैं, ईडी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तो उन्हें जेल के दरवाजे तक ले जाया गया है, इस बार आशीर्वाद दीजिए अंदर कर दूंगा. 

रैली में मोदी ने कहा कि भारत माता की जय पर ऐतराज करने वाली कांग्रेस देशद्रोह का कानून हटाने का वादा कर रही है. वो चाहती है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग को खुली छूट मिले. प्रधानमंत्री ने कहा कि 1984 में देश के कई हिस्सों में कांग्रेस के दरबारियों के इशारे पर सिखों को मारा गया, 34 साल तक सिखों को इंसाफ नहीं मिला लेकिन हमारी सरकार ने इंसाफ दिलाया. सिख दंगे को लेकर जिसपर सवाल उठे, उसे ही एमपी का सीएम बना दिया. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
प्रधानमंत्री ने एक बार फिर यहां पाकिस्तान का मुद्दा उठाया, उन्होंने कहा कि 2014 से पहले पाकिस्तान हमारे सैनिकों के साथ बर्बरता करता था और हमले करता था लेकिन कांग्रेस की सरकार कुछ नहीं करती थी. 2014 में हमारी सरकार बनी तो जवानों के हाथ खुले, अब हमारी सेना आतंकियों के अड्डे में घुसकर मारती है.
इधर वाड्रा का बिना नाम लिए प्रधानमंत्री का जो बयान सामने आया है उसे लेकर राबर्ट वाड्रा ने ट्वीटर के जरिये नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। वाड्रा ने कहा है की प्रधानमंत्री देश की बुनियादी जरूरतों के मुद्दों को छोड़कर उन पर लगातार हमला कर रहें हैं।    


वोट मांगने पर अनुपम खेर से दुकानदारों ने पूछा ...


[TODAY छत्तीसगढ़ ] / अपनी पत्नी  किरण खेर के लिए चुनाव प्रचार कर रहे अनुपम खेर को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब एक दुकानदार ने पिछले वादे के बारे में पूछ लिया. प्रचार के लिए वह एक दुकान पर पहुंचे तो दुकानदार ने उन्हें 2014 के चुनावी घोषणा पत्र दिखाकर पिछले वादों के बारे में पूछा तो उनसे जवाब देते नहीं बना और वहां से बिना कुछ कहे ही वापस लौट गए. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
चंडीगढ़ से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर किरण खेर चुनाव लड़ रही हैं. वह 2014 में भी इस सीट पर विजयी रही थीं और दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रही हैं. उनके लिए मशहूर फिल्म अभिनेता अनुपम खेर भी इन दिनों लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं.

अपने साथियों के साथ चुनाव प्रचार करते हुए अनुपम खेर अचानक एक दुकान पर पहुंचे तो वहां एक दुकानदार ने एक कार्ड दिखाते हुए पिछले लोकसभा चुनाव में किए गए वादों की स्थिति जाननी चाही तो अनुपम खेर से कुछ कहते नहीं बना और वह वहां से आगे बढ़ गए.

'हम अमेठी का नाम बदनाम नही होने देंगे'


[TODAY छत्तीसगढ़] / कांग्रेस का तीर्थ स्थल कही जाने वाली अमेठी इस बार विकास के नए आयाम गढ़ने को लेकर काफी पशोपेश में नज़र आई । एक तरफ बदलाव के बहाने विकास की नई किरण निकल आने की लालसा दिखाई पड़ी तो दूसरी तरफ इतिहास बदल जाने के भय से मन अशांत था । कांग्रेस की जिस अमेठी में बाहरी प्रांत के पार्टी नेताओं को घुसकर प्रचार-प्रसार की इजाज़त नही थी वहाँ इस बार देश के दूसरे हिस्सों के बड़े-छोटे नेताओं ने न सिर्फ राहुल गांधी के पक्ष में प्रचार किया बल्कि खुद को अमेठी में पाकर पुण्य लाभ मिल जाने का सौभाग्य हासिल किया । इन सबके बीच सबसे अहम और अफसोसजनक जो बात रही वो ये कि अमेठी अपना इतिहास दोहराना तो चाहती है मगर बतौर प्रधानमंत्री राहुल गांधी की बजाय उन्हें नरेंद्र मोदी से बेहतर विकल्प दिखाई नही पड़ता । हाँ, इस देश का ये पहला लोकसभा क्षेत्र होगा जिसके मतदाता खुलकर कहते है 'हम अमेठी का नाम बदनाम नही होने देंगे' ... अमेठी फिर अपना इतिहास दोहराएगी, इस भरोसे के साथ मतदाताओं ने कल ईवीएम में राहुल गाँधी और स्मृति ईरानी के भाग्य को ईवीएम में बंद कर दिया है ।  
आपको बता दें साल 2014 का चुनाव भी राहुल गांधी ने मोदी लहर में यहीं से जीता था. हालांकि बीजेपी से लड़ने आईं स्मृति ईरानी ने ठीकठाक टक्कर दी थी . बड़े जोरशोर से लड़ने आए आम आदमी पार्टी के नेता डॉ. कुमार विश्वास यहां चौथे नंबर रहे जबकि बीएसपी प्रत्याशी धर्मेन्द्र तीसरे नंबर थे. इस चुनाव में राहुल गांधी को 408651 वोट मिले थे वहीं बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी को 300748 वोट मिले थे. कुमार विश्वास को मात्र 25 हजार और बीएसपी को 57716 वोट मिले थे. मतगणना के दिन इस सीट पर एक मौका ऐसा भी आया जब स्मृति ईरानी ने सबको चौंकाते हुए राहुल गांधी को पीछे छोड़ दिया था. इस बार भी मुकाबला संघर्षपूर्ण है लेकिन जनता का मन टटोलने पर जो जवाब मिलता है उससे नतीजे राहुल गांधी के पक्ष में जाता दिखाई दे रहा है। 
 वैसे राहुल गांधी इस बार अमेठी के अलावा वायनाड से भी चुनाव मैदान में हैं, उनके दो जगह से चुनाव लड़ने को लेकर भी काफी चर्चा होती रही, सियासी जमात के लोग खासकर विपक्ष लगातार राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने को लेकर बयानबाजी करता रहा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में मतदान के दौरान मौजूद नहीं रहे. अमेठी से राहुल 2004, 2009 और 2014 में चुनाव जीत चुके हैं. राहुल के विरुद्ध चुनाव लड़ रहीं भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष को लापता सांसद करार दिया और कहा कि मौजूदा सांसद ने मतदान के दिन भी क्षेत्र का दौरा नहीं किया.  उन्होंने पत्रकारों से कहा कि राहुल ने चुनाव के दिन अमेठी के लोगों को धोखा दिया है.  स्मृति ने कहा, "मैं नहीं जानती थी कि वह इतने घमंडी हो सकते हैं कि अमेठी में मतदान के दिन भी नहीं आएंगे."  जबकि राहुल गांधी ने मतदान से ठीक एक दिन पहले अपने संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को एक पत्र लिखकर कहा, 'अमेठी मेरा परिवार है। मेरा अमेठी परिवार मुझे हिम्‍मत देता है कि मैं सच्‍चाई के साथ खड़ा रहूं, मैं गरीब-कमजोर लोगों की पीड़ा सुन सकूं और उनकी आवाज उठा सकूं और सबके लिए एक समान न्‍याय का संकल्‍प ले सकूं। आपने मुझे जो प्‍यार की सीख दी थी, उसके आधार पर मैंने पूरे देश को उत्‍तर से दक्षिण, पूरब से पश्चिम तक जोड़ने की कोशिश की है।' 

जनता की नाराजगी - 
देश की वीवीआईपी सीटों में शुमार अमेठी की जनता अपने सांसद राहुल गांधी से खासी नाराज़ भी दिखाई देती है लेकिन उस नाराजगी के बावजूद वो गांधी परिवार का साथ नहीं छोड़ना चाहती। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आम जनमानस की राय का जिक्र करें तो वे अपने सांसद [राहुल गांधी] से नहीं मिल पाते। उनका मानना है की कड़ी सुरक्षा घेरे से घिरे सांसद क्षेत्र के कुछ लोगों की भीड़ से ही घिरे रहते हैं। जनता छोटी-बड़ी समस्याओं को लेकर अपने सांसद तक नहीं जा सकती जबकि अमेठी के कुछ पुराने लोग उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी के कार्यकाल को याद करते हुए कहते हैं कि 'जब वे प्रधानमंत्री थे तब दिल्ली के दरबार में प्रत्येक सप्ताह अमेठी के लोगों के लिए मिलने का वक्त तय हुआ करता था, अपने क्षेत्र की जनता से मिलकर वे उनकी समस्याओं को सुनते और उसके निराकरण की दिशा में काम भी किया करते थे लेकिन राहुल गाँधी में वो बात नहीं है।' आमजनता के इस ख्यालात को सुनकर सांसद बदलने के सवाल पर जो जवाब है वो जाहिर तौर पर चौकाने वाला है।  अमेठी की अधिकाँश जनता इस बात को सहजता से स्वीकारती है कि देश-विदेश में अमेठी को पहचान सिर्फ गांधी परिवार की वजह से मिली है। शायद तमाम नाराजगी इसी बात को सोचकर दूर हो जाती है। शायद जनता की इसी नाराज़गी को राहुल गांधी ने समझकर वायनाड जाने का फैसला लिया हो ? खैर इस बार राहुल गांधी की राह में दिखाई देते काँटों को उनकी बहन और कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दूर करने की काफी कोशिश की है। उनकी बहन और कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अमेठी लोकसभा क्षेत्र में ना सिर्फ सघन जनसम्पर्क किया बल्कि हर आम-ओ-ख़ास को बताया गया की अमेठी की जनता गांधी परिवार का हिस्सा है, गांधी परिवार को अमेठी की जनता ने ही बनाया है।  

   अमेठी लोकसभा सीट: 
अमेठी लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश (यूपी) की 80 लोकसभा सीटों में से एक हैं. ये अमेठी और रायबरेली जिले की पांच विधानसभा सीटों को मिलाकर बनी है. चार विधानसभा सीटें अमेठी जिले की हैं और एक सीट रायबरेली जिले की है. अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 4 तहसील और 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं । इन 5 विधान सभा क्षेत्रों में तिलोई, सलोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी हैं जिसमें सलोन और जगदीशपुर अनुसूचित जाति के लिए अरक्षित है। देश में 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए थे, तब अमेठी लोकसभा का कोई वजूद नहीं था तब ये इलाका सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था। यहां से तब कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर चुनाव जीते थे। इसके बाद 1957 में मुसाफिरखाना लोकसभा सीट अस्तित्व में आई, जो इस वक्त अमेठी जिले की एक तहसील है, तब कांग्रेस के बी वी केशकर यहां के सांसद बने थे। साल 1967 के आम चुनाव में अमेठी लोकसभा अस्तित्व में आई, नई सीट पर कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी को अमेठी का पहला सांसद बनने का गौरव मिला, वो 1971 में भी यहां से एमपी चुने गए। 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने राजा रणंजय सिंह के बेटे संजय सिंह को प्रत्याशी बनाया लेकिन उस वक्त देश में जनता पार्टी लहर थी, संजय सिंह चुनाव हार गए और भारतीय लोकदल के रविन्द्र प्रताप सिंह सांसद चुने गए, तब पहली बार चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस हारी थी।

अमेठी लोकसभा सीट का इतिहास
देश में 1951-52 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए. तब अमेठी लोकसभा का कोई वजूद नहीं था. तब ये इलाका सुल्तानपुर दक्षिण लोकसभा सीट में आता था. यहां से तब कांग्रेस के बालकृष्ण विश्वनाथ केशकर चुनाव जीते थे.
1957 में मुसाफिरखाना लोकसभा सीट अस्तित्व में आई. जो इस वक्त अमेठी जिले की एक तहसील है. कांग्रेस के बी वी केशकर फिर से यहां के सांसद बने.
1962 के लोकसभा चुनाव में राजा रणंजय सिंह मुसाफिरखाना लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. राजा सिंह अमेठी राजघराने के 7वें राजा था. रणंजय सिंह वर्तमान राज्यसभा सांसद संजय सिंह के पिता थे.
1967 के आम चुनाव में अमेठी लोकसभा अस्तित्व में आई. नई सीट पर कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी को अमेठी का पहला सांसद बनने का गौरव मिला. लेकिन उनकी जीत को भारतीय जनसंघ के गोकुल प्रसाद पाठक ने काफी मुश्किल कर दिया था. उन्हें चुनाव में मात्र 3,665 वोटों के अन्तर से जीत मिली.
1971 में फिर से कांग्रेस के विद्याधर वाजपेयी अमेठी से सांसद चुने गए. लेकिन इस बार जीत का अन्तर 75,000 से ज्यादा था.
1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस ने राजा रणंजय सिंह के बेटे संजय सिंह को प्रत्याशी बनया. उस वक्त देश में जनता पार्टी लहर थी, संजय सिंह चुनाव हार गए और भारतीय लोकदल के रविन्द्र प्रताप सिंह सांसद चुने गए. पहली बार चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था.
1980 के चुनाव से कांग्रेस ने सत्ता के साथ-साथ इस सीट पर भी वापसी की. इस सीट से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद चुने गए. इस सीट पर पहली बार नेहरू-गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ा. 23 जून 1980 को संजय गांधी की विमान दुर्घटना में मौत हो गई.
1981 में हुए उपचुनाव में इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए.
अक्टूबर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिसंबर 1984 में लोकसभा के चुनाव हुए. राजीव गांधी एक बार फिर अमेठी से प्रत्याशी बने. संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी पति की विरासत पर दावा करने के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरीं लेकिन मेनका को सिर्फ 50,000 वोट मिले. राजीव गांधी 3 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से चुनाव जीते और साबित किया कि नेहरू-गांधी परिवार के असली वारिस वही हैं.
1989 और 1991 के लोकसभा चुनावों में राजीव गांधी फिर से अमेठी से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने. 1989 में राजीव गांधी ने जनता दल के प्रत्याशी और महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी को हराया.
1991 में मई-जून के महीनों में लोकसभा चुनाव हुए थे. 20 मई को पहले चरण की वोटिंग हुई. 21 मई को राजीव गांधी प्रचार करने तमिलनाडु गए जहां उनकी हत्या कर दी गई. 1991 में अमेठी लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ जिसके बाद कांग्रेस के सतीश शर्मा सांसद चुने गए.
1996 में सतीश शर्मा फिर से सांसद चुने गए.
1998 में बीजेपी ने कांग्रेस से बीजेपी में आए अमेठी राजघराने के वारिस संजय सिंह को चुनाव लड़ाया. संजय सिंह चुनाव जीत गए और सतीश शर्मा चुनाव हार गए. ये दूसरा मौका था जब इस सीट पर कांग्रेस को हार मिली.
1999 में राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी चुनाव मैदान में ऊतरीं और अमेठी की सांसद बनीं. बीजेपी से चुनाव मैदान में ऊतरे संजय सिंह चुनाव हार गए.
2004 में अमेठी से राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी पहली बार सांसद चुने गए. राहुल 3 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीते. समाजवादी पार्टी ने यहां अपना प्रत्याशी नहीं उतारा.
2009 में राहुल गांधी फिर से सांसद चुने गए. इस बार जीत का अन्तर 3,50,000 से भी ज्यादा का रहा. समाजवादी पार्टी ने फिर से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा.
2014 में राहुल गांधी इस सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए. लेकिन इस बार राहुल गांधी की जीत का अंतर 1,07,000 वोटों का ही रह गया. बीजेपी ने राज्यसभा सांसद स्मृति ईरानी को यहां से मैदान में उतारा था. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) के कुमार विश्वास भी यहां से चुनाव लड़े थे. ईरानी ने 3 लाख से ज्यादा वोट हासिल कर राहुल को कड़ी टक्कर दी जबकि कुमार विश्वास की जमानत जब्त हो गई थी. समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर अपना प्रत्याशी नहीं ऊतारा था.

प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी से नामांकन दाखिल किया, NDA सहयोगी दल के नेता रहे मौजूद

[TODAY छत्तीसगढ़] / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी लोकसभा सीट से दूसरी बार पर्चा भरा। इस दौरान एनडीए के सात सहयोगी दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री ने बूथ अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा- मोदी सबसे ज्यादा वोट से जीते या न जीते, लोकतंत्र जीतना चाहिए। मोदी ने यह भी कहा कि काशी को तो कल ही जीत लिया। उनका इशारा गुरुवार को उनके द्वारा किए गए मेगा रोड शो में उमड़े जनसैलाब की ओर था। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
कलेक्टोरेट पहुंचने से पहले मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा की। मोदी के नामांकन भरने के दौरान एनडीए का शक्ति प्रदर्शन नजर आया। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल, अन्नाद्रमुक नेता ओ पन्नीरसेल्वम और थम्बीदुरई, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और एनडीपीपी नेता और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो बनारस पहुंचे। इन सभी का भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्वागत किया। भाजपा की तरफ से शाह के अलावा उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उत्तरप्रदेश के प्रभारी जेपी नड्डा, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। इनपुट-दैनिक भास्कर 

छत्तीसगढ़ में सात सीटों पर 69 फीसद से अधिक मतदान

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में तीसरे और अंतिम चरण की सात सीटों पर भी जमकर वोट बरसे। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा और सरगुजा लोकसभा सीटों पर करीब 70  फीसद मतदान हुआ है । 2014 में इन सात सीटों पर 69.50 फीसद मतदान हुआ था। इस बार मतदान में उत्साह के आगे बीमारी, दिव्यांगता, बुजुर्गियत भी हार मान गई। कडी धूप और 40 के पार पहुंचा पारा कडी परीक्षा लेता रहा। इसका असर दोपहर में दिखा जरूर लेकिन सुबह और शाम को मतदाताओं ने तपिश को भी हरा दिया। मतदान करने वालों में महिलाओं की कतार और उत्साह से लबरेज भीड़ देखते ही बनी। 
 तीसरे चरण में मतदाताओं ने 123 प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया है। परिणाम के लिए अब 23 मई तक का इंतजार करना पड़ेगा। राज्य में पहले चरण में बस्तर व दूसरे चरण में कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद लोकसभा सीटों के लिए मतदान कराया गया था। तीसरे चरण की सात सीटों के साथ राज्य की सभी 11 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है। राज्य की सभी 11 सीटों पर इस बार मतदान का आंकडा 70  फीसद से पार पहुंच गया है जो 2014 में हुए 69.39 फीसद से अधिक है।
इधर तीसरे चरण में झारखंड की सीमा से सटे सरगुजा लोकसभा सीट के महज दो पोलिंग बूथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्र में थे। प्रशासन ने इस बार नक्सल प्रभावित चुनचुना, पुनदाग बूथों को 13 किमी दूर सीआरपीएफ कैंप बंदरचुआं में शिफ्ट कर दिया था। मतदान शुरू होते ही नक्सलियों ने चुनचुना- पुनदाग के पास जंगल में आइईडी विस्फोट किया जिसमें किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। यह कायराना हरकत नक्सलियों ने मतदाताओं को डराने के लिए किया लेकिन वोटरों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा। 

पहली बार जो वोट दे रहे हैं, ये सदी उनकी है - मोदी

[TODAY छत्तीसगढ़] / लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 15 राज्यों की 117 सीटों पर आज वोट डाले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में डाला वोट। उन्‍होंने गांधीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शहर के रणिप क्षेत्र स्थित एक स्कूल में स्थापित एक बूथ पर मतदान किया। तीसरे चरण में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी और वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत कई वीवीआइपी मतदाता भी हैं, जो देश के अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। 19 मई तक मतदान के सात चरणों में लोकसभा की 543 सीटों के लिए चुनाव होंगे। नतीजे 23 मई को आएंगे। आज तीसरे चरण में गुजरात की 26, केरल की 20, महाराष्ट्र की 14, कर्नाटक की 14, उत्तर प्रदेश की 10, छत्तीसगढ़ की 7, ओडिशा की 6, बिहार की 5, पश्चिम बंगाल की 5, असम की 4, गोवा की 2, जम्मू-कश्मीर, दादर नागर हवेली, दमन दीव और त्रिपुरा की 1-1 सीट पर मतदान हो रहा है। 
मतदान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि "जैसे कुंभ के मेले में स्‍नान करके पवितत्रा का अनुभव होता है, वैसे ही मतदान करके में लोकतंत्र के पर्व में अनुभूति करता हूं। मैंने मतदाताओं से अपील करता हूं कि पूरे उत्‍साह और उमंग के साथ मतदान करें। मतदान किसको करें या ना करें, इसको मतदाता जानता है। मतदाता नीर-खीर का विवेक जानता है। पहली बार जो वोट दे रहे हैं, ये सदी उनकी है। उनको अपनी पूरी सदी बनाने के लिए मतदान करना है। इसलिए मैं मतदाताओं से अपील करूंगा की शत-प्रतिशत मतदान करें। "

निर्वाचन तत्काल : 28 शासकीय अधिकारी, कर्मचारी निलंबित

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में तीसरे और अंतिम चरण का कल मतदान होना है लेकिन उससे पहले ही चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने पर कर्मचारियों और अधिकारियों पर निर्वाचन अधिकारी ने गाज गिरा दी है। 
राज्य के मुंगेली जिले में निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने 3 पीठासीन सहित 22 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ड्यूटी लगाई गई थी। कार्य में लापरवाही और समय पर उपस्थित नहीं होने की वजह से कार्रवाई की गई है जिसके बाद रिजर्व कोटे से अल्टरनेट व्यवस्था की गई है।  इसी तरह अंबिकापुर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। चुनाव प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर यह कार्रवाई की गई है। कारवाही में प्रभावित होने वाले शासकीय कर्मी 17 अप्रैल को चुनाव प्रशिक्षण में बिना बताए अनुपस्थित रहे।  निलंबित कर्मचारियों में 3 सहायक शिक्षक, 1 प्रधानाध्यापक, सहायक ग्रेड 3 सहित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी शामिल है। 

गरीबी पर करेंगे 'सर्जिकल स्ट्राइक' - राहुल

               
[TODAY छत्तीसगढ़] / कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहे। उन्होंने बिलासपुर जिले के सकरी नगर में विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर रखा। राहुल गांधी ने सियासी तरकश में रखे शब्द रूपी बाणों से मोदी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि जब कांग्रेस ने चौकीदार को चोर कहा तो मोदी ने देश के आवाम को चौकीदार बताना शुरू कर दिया,  राहुल गाँधी ने मोदी से सवाल पूछा की उन्होंने देश के आवाम को कभी प्रधानमंत्री क्यों नहीं कहा ? राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर झूठे वायदे और देश की जनभावनाओं को छलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा इस देश का किसान, बेरोजगार, गरीब कभी भी मोदी को माफ़ नहीं करेगा।
 चुनावी मंच से वोटरों को साधने की कोशिश करते राहुल गांधी ने कहा कांग्रेस की सरकार केंद्र में आई तो गरीबी पर सर्जिकल स्ट्राइक होगी, उन्होंने एक बार फिर से गरीबी दूर करने की बात कही। किसान, बेरोजगार, गरीब, स्वस्थ्य, शिक्षा जैसे मुद्दों पर बोलते हुए राहुल गांधी ने जनमानस से कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपील की वहीँ मंच के माध्यम से राहुल गाँधी ने कांग्रेस के प्रत्येक कार्यकर्ता को 'बब्बर शेर' बताया। उन्होंने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया और उनसे भरोसा लिया कि उन्होंने जिस लगन और ईमानदारी से विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में ऐतिहासिक जीत दिलाई है ठीक उसी तरह के परिश्रम की बदौलत राज्य की 11 लोकसभा सीटें कांग्रेस की झोली में डालेंगे।
चौकीदार चोर है ... चौकीदार चोर है ... चौकीदार चोर है ...  इस चर्चित नारे से आज सकरी का मैदान घंटों गूँजता रहा। मंच पर राहुल गांधी थे, सामने कार्यकर्ताओं का हुजूम और उनके बीच जमा हजारों की तादात में लोग। अपने चिर-परिचित अंदाज में राहुल गांधी ने कहा कि इस देश के चौकीदार नरेंद्र मोदी ने उद्योगपति विजय माल्या,  नीरव मोदी, ललित मोदी और अनिल अम्बानी की चौकीदारी की है। हजारो-हजार करोड़ रूपये लेकर चंद उद्योगपति विदेश भाग गए, कुछ अभी भी इसी देश में जमे हुए हैं लेकिन खुद को चौकीदार कहने वाले मोदी को कुछ दिखाई नहीं पड़ा। इस देश का किसान बैंकों का कर्ज नहीं चुका पाने की वजह से मौत का रास्ता चुनता रहा, लाखों बेरोजगार नौकरी की तलाश में उस सपने के पीछे भागते दिखे जो प्रधानमंत्री ने दिखाया था। गरीबों के किस बैंक खातों में पंद्रह लाख रूपये पहुंचें ये प्रधानमंत्री नहीं बता पाते।
 ऐसे कइयों सवाल मोदी पर दागते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस की आगामी योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने चुनावी जनसभा में मौजूद लोगों को भरोसा दिलाने की कोशिश कि जिस तरह छत्तीसगढ़ समेत तीन अन्य राज्यों में कांग्रेस की सरकार ने किसानों की कर्ज माफ़ी के वायदों को नियत समय में पूरा किया ठीक उसी तरह केंद्र में सरकार बनते ही इस देश के प्रत्येक गरीब को न्यूनतम आय की गारंटी दी जाएगी,  प्रत्येक गरीब परिवार के खाते में 6000 रूपये महीना यानी एक साल में 72000 रूपये जमा किये जायेंगे। देश में खाली पड़ी सरकारी नौकरियों पर भर्ती करके बेरोजगारों को रोजगार दिया जाएगा, जीएसटी का सरलीकरण होगा। स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सुरक्षा को लेकर कांग्रेस की सरकार बेहतर और ठोस कदम उठाएगी। शनिवार को सकरी में जनसभा को सम्बोधित कर रहे राहुल गांधी पहले से कुछ ज्यादा गंभीर और मुद्दों पर बोलते नज़र आये। 
इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनमानस से कांग्रेस के पक्ष में मतदान की अपील के साथ-साथ कार्यकर्ताओं से कहा की सभी मिलकर इस फ़ाइनल मुकाबले को बड़ी जीत के रूप में राहुल गाँधी को सौंपें।  उन्होंने कहा मोदी सरकार ने नोटबंदी और जीएसटी लागू करके देश के व्यापार को खत्म कर दिया । बेरोजगारों को नौकरी देने के झूठे सपने दिखाए, किसानों से किये गए वायदों को पूरा नहीं किया गया जबकि कांग्रेस ने वादा किया था कि छत्तीसगढ़ में सरकार बनने के बाद 10 दिन के भीतर ऋण माफ करेंगे । बिजली बिल आधा करेंगे और तेंदूपत्ता संग्राहक की राशि बढ़ाएंगे । ये सभी वायदे राज्य की कांग्रेस सरकार ने पुरे किये हैं। उन्होंने चुनावी सभा में चेतावनी भरे लहजे में कहा कि देश के प्रधानमंत्री चिटफंड के नाम पर बड़ी बड़ी बात करते है और छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में धरमलाल कौशिक –रमन सिंह चीटफंड का धंधा चला रहे थे। गरीबो का लाखों रुपया खा गये, सरकार लोकसभा चुनाव के बाद उस पर भी सख्त कार्रवाई करेगी।  
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया ,चंदन यादव ,राज्य सरकार में मंत्री टी एस सिंह देव, रविन्द्र चौबे और ताम्रध्वज साहू, के अलावा बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह, बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी समेत संगठन से जुड़े अनेक पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे। 
जोगी कांग्रेस की टीम के कई सियासी खिलाडी आज कांग्रेस मंच साझा करते दिखाई पड़े। बिल्हा से विधायक रहे कांग्रेस नेता सियाराम कौशिक के अलावा चंद्रभान बारमते, अनिल टाह जोगी के करीबियों में माने जाते रहे हैं। अजीत जोगी ने जब कांग्रेस का दामन छोड़कर राज्य में नई पार्टी बनाई तो ये सभी नेता कांग्रेस को बाय-बाय कर जोगी की ताकत बढ़ाने में जुट गए। विधानसभा चुनाव के बाद बदले समीकरण और सत्ता परिवर्तन ने कई नेताओं का जोगी प्रेम खत्म कर दिया। दूसरे लहजे में कहें तो राज्य में तीसरी ताकत के रूप में सियासत की केमेस्ट्री बनाने वाली जोगी की पार्टी अब चंद कार्यकर्ताओं की मेहमान दिखाई देती है क्यूंकि अधिकाँश  नेताओं का जोगी मोह भंग हो चुका है। 
            इधर आज कांग्रेस के मंच पर भाजपा नेता संतकुमार नेताम ने विधिवत कांग्रेस की सदस्य्ता ली। संतकुमार नेताम आदिवासी नेता है, उन्होंने ही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति का मामला उठाया था। आदिवासी नेता संतकुमार नेताम आज भी जोगी के मामले को लेकर न्यायालयीन लड़ाई लड़ रहे हैं।      

साध्वी प्रज्ञा के बयानों से भाजपा ने किया किनारा, कहा वो उनके निजी विचार

[TODAY छत्तीसगढ़] / बीजेपी ने भोपाल से अपनी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए आपत्तिजनक बयान से दूरी बना ली है। चुनाव आयोग द्वारा बयान का संज्ञान लेने और कांग्रेस द्वारा निशाना साधने के बाद बीजेपी ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी ने हमेशा हेमंत करकरे को शहीद माना है। बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'बीजेपी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय हेमंत करकरे आतंकियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। बीजेपी ने हमेशा उन्हें शहीद माना है।' 
आपको बता दें कि शुक्रवार को साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल में मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने करकरे से कहा था कि तुम्हारा सर्वनाश होगा। इतना ही नहीं, प्रज्ञा ने कहा, 'वह (करकरे) तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ?... यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था।' इसके बाद IPS असोसिएशन ने साध्वी के बयान को आपत्तिजनक करार देते हुए शहीदों का सम्मान करने को कहा है। 
बीजेपी ने कहा, साध्वी का निजी बयान -
शुक्रवार शाम में बीजेपी ने बयान जारी कर कहा, 'जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ (हेमंत करकरे) में बयान का विषय है तो वह उनका निजी बयान है, जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा।' 
इससे पहले कांग्रेस ने शहीद के अपमान का आरोप लगाते हुए मांग की थी कि पीएम मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीएम से मांग करते हुए कहा कि मुंबई आतंकी हमले से लेकर पुलवामा हमले तक के शहीदों के प्रति अगर जरा सा भी सम्मान है तो प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही की जानी चाहिए। 

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी के खिलाफ की शिकायत

[TODAY छत्तीसगढ़] / भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लोकसभा का टिकट दिए जाने के बाद से विवाद जारी है। अब मालेगांव ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराते हुए उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दी है। ऐप्लिकेशन में प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए गए हैं क्योंकि एनआईए कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत दी थी। फिलहाल जमानत पर चल रहीं प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से इस सीट पर रोमांचक मुकाबले की उम्मीद है। 
दिग्विजय सिंह की धुर विरोधी -
साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने यूपीए सरकार के दौर में 'भगवा आतंकवाद' के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। शायद यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं। 
साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्‍प होने वाला है क्‍योंकि दिग्विजय 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं। 

2008 में चर्चा में आईं प्रज्ञा ठाकुर -
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया। वह 9 सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गई थी। साध्वी प्रज्ञा 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा का शुरुआत से ही राष्ट्रवादी संगठनों की तरफ रुझान था। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं। इनपुट-नवभारत टाइम्स 

"हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं"

[TODAY छत्तीसगढ़] / पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक नगरी, जो बहुसंख्यक भारतीय हिंदुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां लोग मोक्ष की कामना लिए पहुँचते हैं जिसकी तरफ लोग हाथ उठाकर कसमें खाते हैं, जहां भगवान को मनुष्य मानकर उनकी सेवा की जाती है, जहां पूरे नगर में रामकथाएं और रामधुन गूंजती हैं, उस नगर को दुनिया 'अयोध्या' के नाम से जानती है. स्थानीय लोग कहते हैं ‘अयोध्या उपेक्षा और राजनीति का शिकार हो गई। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने अयोध्या को हमेशा देश और दुनिया में चर्चा का केंद्र बनाये रखा। अदालती फैसले के इंतज़ार में थक चुके स्थानीय लोगों के साथ-साथ मैं भी सोचता हूँ अगर ये विवाद ना होता तो क्या अयोध्या उतनी ही चर्चित होती ? शायद नहीं, इसका जवाब स्थानीय लोग देते हैं। वे कहते हैं आस्था के शोर में लोगों की जरूरतें, सुविधाएँ सब सरकारी फाइलों में दफन हैं।
अयोध्या राज घराने से ताल्लुक रखने वाले शैलेंद्र जी मिश्र ने हमें बताया, हम हिन्दू हैं, गर्व होता है। जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के पक्षधर शैलेन्द्र ने बताया भगवान राम की नगरी अयोध्या उपेक्षा और राजनीति का शिकार है। देश की राजनैतिक पार्टियों में किसी ने 'राम' को जरूरत के हिसाब और अपने नफे-नुक़सान के लिए इस्तेमाल किया तो कोई राम से दुरी बनाकर मतलब साधता दिखा। इस आम चुनाव में भी कुछ ऐसा ही है, अफ़सोस होता है तमाम शोर-शराबों के बावजूद इस बार 'राम' फिर से हाशिये पर है ।
प्रधानमंत्री कभी आये ही नहीं
अयोध्या के गिरिजेश गोस्वामी कहते हैं 'अयोध्या जिसे राजनीतिक हलकों में बीजेपी की 'प्राणवायु' समझा जाता है वहां नरेंद्र मोदी कभी नहीं आये। शिकायत भरे लहजे में गोस्वामी जी बोले 'नरेंद्र मोदी बनारस से लेकर मगहर तक चले गए। दुनिया भर में घूम-घूम कर मंदिर, मस्जिद और मज़ार पर सजदा कर आये लेकिन अयोध्या से पता नहीं क्या बेरुख़ी है उन्हें ? ' दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ़ प्रधानमंत्री रहते कभी अयोध्या नहीं आए ऐसा भी नहीं है। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी अयोध्या यात्रा से परहेज रखा। यही नहीं, लोकसभा चुनाव के दौरान और ढाई बरस पहले हुए विधान सभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में हुई दर्जनों जनसभाओं में उन्होंने कहीं भी अयोध्या या राम मंदिर का कोई ज़िक्र नहीं किया। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान तो एक जनसभा में उन्होंने ये कहकर एक तरह से राम मंदिर को पार्टी की प्राथमिकताओं से ही लगभग ख़ारिज कर दिया कि 'पहले शौचालय, फिर देवालय।' हालांकि पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र में 'राम' हैं मगर इस बार 'राष्ट्र' सबसे ऊपर है।
सिर्फ हिंदू नहीं है बल्कि उसमें मुसलमान भी
अयोध्या के ही दीपक मिश्र कहते हैं, ‘अयोध्या में राम कथा की सालों पुरानी एक परंपरा है, यहां नाट्य कला आज भी ज़िंदा है। यहां की पारम्परिक लोक कलाएं हैं, जिसमें किसी भी तरह की सांप्रदायिकता की कोई चेष्टा नज़र नहीं आती है। उसे अयोध्या से अलग नहीं किया जा सकता। अयोध्या की जो धार्मिकता है वह सिर्फ हिंदू नहीं है बल्कि उसमें मुसलमान भी हैं। उसमें तमाम अन्य जातियों के लोग भी हैं। अयोध्या बहुत उदार सांस्कृतिक, धार्मिक और पारम्परिक धरातल है, जो लोग इसे राजनीतिक रंग देते हैं उन्हें ये याद रखना होगा की रामलीला के विकास में मुग़लों की भी बड़ी भूमिका रही है। अयोध्या की जीवनदायनी सरयू नदी इन दिनों सुखी हुई हैं, घाट गंदगी से पटे हैं। सरकार स्वच्छता का नारा लिखकर सफाई व्यवस्था दुरुस्त होने का दम्भ भर रही है।
हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं
यहां हनुमान गढ़ी और उसके आसपास की सड़कों पर दोनों तरफ़ दुकानें हैं। चूड़ियों की दुकानें, सिंदूर-चंदन, मूर्तियों के अलावा धार्मिक साहित्य और पूजन सामग्री की दुकानें सजी हैं। इसी हनुमानगढ़ी से पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रोड शो किया और कांग्रेस के लिए सियासी जमीन तलाश की। अयोध्या भले ही ख्याति में हिंदू तीर्थ है लेकिन मंदिरों में हर जाति के महंत हैं वहीं सड़कों पर हर जाति धर्म के दुकानदार। अयोध्या के हनुमानगढ़ी में यूसुफ मियां की चूड़ियों की दुकान है। वे कहते हैं ‘अयोध्या हमारी जन्मभूमि है, हम यहीं पैदा हुए - यहीं पले-बढ़े बड़े। अयोध्या से हमारी रोज़ी-रोटी चलती है। हमें तो आज तक कोई परेशानी नहीं है। वे मानते हैं हिन्दू-मुसलमान का झगड़ा पैदा करने वाले लोग अयोध्या के नहीं हैं।
पिछले दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सियासी मिज़ाज की नब्ज टटोलते हुए जब अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में घूम रहा था तो लगा बिना अयोध्या गए यात्रा अधूरी रह जायेगी। 29 मार्च को मैंने अयोध्या का रुख किया, मैं लखनऊ की तरफ़ से नवाबगंज होते हुए अयोध्या की ओर बढ़ रहा था। कटरा बाज़ार पार करते ही शफ़्फ़ाक रेत की चादरों के बीच बहती सरयू नदी ने हमारा स्वागत किया। एक पतली मगर स्वच्छ धार जो दिल्ली की काली पड़ चुकी यमुना से हज़ार गुना साफ़। एक तरफ़ आस्थावानों के नहाने के लिए घाट और दूसरी तरफ़ दूर तक फ़ैले तट पर बना श्मशान घाट । 'राम' की नगरी को मैंने करीब से देखा और समझने की कोशिश की । गलियों से गुजरती गलियां, खंडहर हो चुकीं कइयों इमारतों में जिंदगी बसर करते लोगों को रामलला पर भरोसा है। मगर रामराज्य कब आएगा अनुराग तिवारी नहीं जानते लेकिन रिक्शा खींचते रसूल मियाँ कहते हैं 'अयोध्या' में भाईचारा है।

लोकसभा 19 : बिलासपुर से अरुण, रायपुर से सुनील समेत कई नए चेहरों पर दांव

[TODAY छत्तीसगढ़] / भाजपा ने आज लोकसभा उम्मीदवारों की एक और सूची जारी की है जिसमें छत्तीसगढ़ की बची हुई 6 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। राजनांदगांव संसदीय सीट से संतोष पाण्डेय को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. पार्टी द्वारा नाम का ऐलान किये जाने से पहले तक ये कयास भी लगाए जा रहे थे कि पार्टी तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके डाक्टर रमन सिंह को मैदान में उतारेगी लेकिन पार्टी ने संतोष पाण्डेय को टिकट दे दिया। 
 छत्तीसगढ़ की दुर्ग संसदीय सीट से पूर्व संसदीय सचिव विजय बघेल को पार्टी ने टिकट देकर नई संभावनाओं को जन्म दिया है। विजय बघेल छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रिश्तेदार हैं, हालांकि सियासी मैदान में दोनों के बीच राजनैतिक रिश्ते परस्पर प्रतिद्वंदी के ही रहें हैं। 
इसके अलावा पार्टी ने कोरबा से ज्योतिनंद दुबे, बिलासपुर से अरुण साव को मैदान में उतारा है जबकि राजधानी रायुपर से पार्टी ने पूर्व महापौर सुनील सोनी पर भरोसा जताया है. सुनील सोनी कांग्रेस उम्मीदवार और रायपुर के वर्तमान महापौर प्रमोद दुबे को कड़ी टक्कर देंगे ऐसे कयास लगाए जा रहें हैं।  भाजपा के लिए रायपुर की सीट अजेय मानी जाती रही है। यहां से रमेश बैस 7 बार सांसद चुने गए हैं, हालांकि पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है। भाजपा ने महासमुंद से पूर्व विधायक चुन्नी लाल साहू को टिकट दिया है। चुन्नी लाल साहू महासमुंद जिले की खल्लारी सीट से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा आज जारी सूचि में तेलंगाना, महाराष्ट्र और मेघालय राज्य की तीन लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किए हैं। 

लोकसभा चुनाव : कांग्रेस ने 7 वी सूची जारी की, छत्तीसगढ़ के चार नामों समेत 35 नाम शामिल

 [TODAY छत्तीसगढ़] / शुक्रवार देर रात कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की 7 वी सूची जारी की है। इस सूची में कांग्रेस ने 35 उम्मीदवारों का नाम जारी किया है। कांग्रेस ने इस सूची में छत्तीसगढ़ से 4, उत्तर प्रदेश से 9, तामिलनाडु से 8, जम्मू-कश्मीर से 3, महाराष्ट्र से 5, ओडिशा से 2, तेलंगाना से 1, त्रिपुरा से 2 और पांडुचेरी से 1 उम्मीदवारों की घोषणा की है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 11 , 18  और 23  अप्रैल को तीन चरणों में लोकसभा चुनाव होना है। जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर ली है। छत्तीसगढ़ की बिलासपुर संसदीय सीट को लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लग गया है। पार्टी के प्रदेश महासचिव अटल श्रीवास्तव को कांग्रेस ने मौक़ा दिया है। इसी तरह रायपुर से महापौर प्रमोद दुबे के नाम पर कांग्रेस ने मुहर लगा दी है। प्रदेश की 11 सीटों में से 5 सीटों पर पार्टी ने कुछ समय पहले ही नाम की घोषणा कर दी थी। इस सूचि में चार नामों में बिलासपुर से अटल श्रीवास्तव, रायपुर से प्रमोद दुबे, महासमुंद से धनेन्द्र साहू और राजनांदगांव से भोलाराम साहू को टिकट दी गई है। बाकी की दो लोकसभा सीटों पर जल्द ही नामों का एलान कर दिया जाएगा।    
छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारो के अलावा कांग्रेस ने पांडुचेरी से वी. वैथालिगम, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के नसीमुद्दीन सिद्दीकी, मुरादाबाद से इमरान प्रतापघनिया, हथरस से त्रिलोकराम दिवाकर, आगरा से प्रिता हरित, फतेहपुर सिकरी से राज बब्बर, बरेली से प्रवीण अरोन, हरदोई से विरेन्द्र कुमार वर्मा, बांदा से बाल कुंवर पटेल, कुसाम्बी से गिरीश चंद पाशी जैसे दिग्गजों पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है।
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