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IAS वर्मा 4 बीबियों का मालिक, नौकरानी को भी नहीं बख्शा उससे भी की शादी


TODAY छत्तीसगढ़  / इंदौर। सीबीआई और व्यापम के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के जाली साइन से आईएएस बने संतोष वर्मा के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब वर्मा के बारे में पता चला है कि उसने अब तक चार शादियां की हैं और एक लड़की को प्यार में धोखा दिया। वर्मा शुरू से आशिक मिजाज अधिकारी बताया जा रहा है। जहां भी उसकी पोस्टिंग रही, उसने वहां लड़कियों से दोस्ती की और प्रेम संबंध बनाए। 

वर्मा के मंगल नगर स्थित घर पर पुलिस ने पिछली रात करीब 8 बजे छापा मारा। पुलिस वर्मा को भी घर ले गई और कुछ दस्तावेज जब्त किए। इस दौरान मां और बेटे को देखकर वर्मा की आंखें भर आईं और दरवाजे की आड़ में हाथ बांधे खड़ा रहा। शादी करने वालों में से एक उसके यहां काम करने वाली बाई भी शामिल है। शासन ने उसे सस्पेंड कर दिया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

दरअसल, कुछ दिन पहले एक महिला ने संतोष वर्मा पर इंदौर के लसूड़िया थाने में मारपीट का केस दर्ज करवाया था। इसी मामले में निर्दोष होने के झूठे कागज तैयार कर आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने पदोन्नति ली थी। जब मामले की जांच हुई तो धोखाधड़ी समेत कूटरचित दस्तावेज की धाराओं में एमजी रोड पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया है। वर्मा अपनी सहपाठी के साथ लंबे समय से लिवइन रिलेशन में थे और शादीशुदा होने के बाद भी लव मैरिज की थी। इसी दौरान उन्होंने गर्लफ्रेंड की झूठी शिकायत लसूड़िया थाने में की थी, लेकिन जब महिला थाने पहुंची तो पूरे मामले का खुलासा हुआ था।

चार शादी की और एक युवती को प्रेमजाल में फंसाया

रीवा में सांख्यिकी अधिकारी रहते हुए वर्मा को वहां काम करने वाली लड़की से प्रेम हो गया। इसके बाद उसने उसी नौकरानी से शादी कर ली थी। इसके बाद जब वो डिप्टी कलेक्टर बने तो उन्होंने एक नहीं, दो-दो बार शादी रचा ली। कुछ समय बाद वर्मा को हरदा की रहने वाली एक लड़की से प्यार हो गया। इस लड़की पर तो वर्मा इतना फिदा था कि उन्होंने करोड़ों रुपए उस पर लुटा दिए। हालांकि लड़की ने जब शादी का दबाव बनाया तो वो मुकर गया। इस पर गुस्साई लड़की थाने पहुंच गई और वर्मा को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

इधर, धार में पदस्थ रहने के दौरान वर्मा को इंदौर में रहने वाली बीमा एजेंट लड़की से प्यार हो गया। इसके बाद दोनों का मिलना-जुलना बढ़ा और दोनों ने शादी कर ली। वर्मा ने शादी तो कर ली, लेकिन उसके साथ रहने में आनाकानी करने लगा। इसी बात से गुस्साई लड़की इंदौर के लसुड़िया थाने पहुंची और वर्मा के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।

मामले में जांच शुरू हुई तो वर्मा के फर्जी आईएएस बनने का खुलासा हो गया। इस पूरे केस में भोपाल से भी जानकारी मांगी गई है। अब तक जो भी बातें सामने आई है, पुलिस ने वह भेज दी हैं। पुलिस केस होने और गिरफ्तारी होने के बाद सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत उसे सस्पेंड कर दिया।

इंदौर के एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि मामले में जैसे-जैसे सबूत सामने आएंगे, उसी अनुसार दोषियों के नाम केस में बढ़ाए जाएंगे। वर्मा के विभाग प्रमुखों को उनके गिरफ्तारी की सूचना भेज दी गई है। पुलिस वर्मा की मुलाकात उनके रिश्तेदारों से भी नहीं करवा रही है।

इसलिए फर्जी आदेश बनाकर प्रमोशन बनाया

राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट करने के अधिकारी की जांच की जाती है। मामूली अपराध होने पर आईएएस अवॉर्ड रुक जाता है। ऐसे में वर्मा के खिलाफ दो केस लंबित होने की जानकारी डीपीसी को मिलती तो उन्हें अपने सेवाकाल में कभी आईएएस अवॉर्ड होता ही नहीं, इसलिए उसने फर्जी आदेश बनाकर डीपीसी के समक्ष लगा दिया। 

हनीट्रैप गैंग : वर्दी की आड़ में कोतवाली का SI और दो आरक्षक सालों से चला रहे थे ब्लैकमेलिंग का धंधा

'मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले की बड़ी खबर है. यहां कोतवाली थाने में पदस्थ एसआई और उसके साथ दो आरक्षक ब्लैकमेलिंग गैंग चला रहे थे. एसपी ने तीनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है. सस्पेंड आरोपियों में एक महिला कॉन्सेटेबल भी शामिल है. आरोपी दूसरी महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.'

 TODAY छत्तीसगढ़  /   होशंगाबाद / मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां सब इंस्पेक्टर (SI) दो अन्य पुलिसकर्मियों और एक महिला के साथ मिलकर हनीट्रैप और ब्लैकमेलिंग का गैंग चला रहा था. मामला सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक ने तीनों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. इन सस्पेंड पुलिसकर्मियों में एक महिला कॉन्सटेबल भी है. आरोपी अन्य महिला को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. 

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होशंगाबाद पुलिस अधीक्षक संतोष गौर ने बताया कि मंडीदीप निवासी महिला सुनीठा ठाकुर अमीर पुरूषों को अपने जाल में फंसाती थी. नजदीकियां बढ़ने पर उन पुरुषों को किसी होटल में बुलवा लेती थी. इसके बाद उनके साथ अंतरंगता के वीडियो बना लेती थी. इस बीच कोतवाली थाने में पदस्थ SI जय नलवाया, कॉन्सटेबल मनोज वर्मा और कॉन्सटेबल ज्योति मांझी जांच के नाम पर उस रूम में पहुंच जाते थे. तीनों आरोपी पीड़ित पुरुष को कार्रवाई का डर दिखाकर उससे मोटी रकम ऐंठते थे. पुलिस अधीक्षक संतोष गौर ने तीनों आरोपियों को सस्पेंड कर दिया.

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

बता दें, मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब सलकनपुर निवासी युवक सुनीता ठाकुर के संपर्क में आया. महिला युवक के बहुत जल्दी नजदीक आ गई. एक दिन युवक आरोपी महिला के साथ बाइक खरीदने होशंगाबाद आया. यहां सुनीता उसे होटल ले गई और रूम बुक कर लिया. कुछ देर बाद आरोपी तीनों पुलिसकर्मी भी पहुंच गए और थाने ले जाकर मामला दर्ज करने का डर दिखाने लगे  लगे. आरोपियों ने युवक से रुपयों की मांग की. उन्होंने उसके पास बाइक खरीदने के लिए रखे 80 हजार रुपए ले लिए. बात यहीं नहीं रुकी. ये पुलिसकर्मी उससे आगे भी ब्लैकमेल करने लगे.

एक और युवक ने भी की चारों की शिकायत

पुलिसवालों की इस हरकत से परेशान युवक ने साहस दिखाते हुए होशंगाबाद थाने ने  सुनीता और तीनों पुलिसकर्मियों की शिकायत की. मामला मिडिया में आने के बाद होशंगाबाद के शांति नगर में रहने वाला दूसरा युवक भी थाने पहुंचा और चारों की शिकायत की. मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस अधीक्षक ने तीनों को सस्पेंड कर दिया.

'भाभी' का नाम लेकर तूने बुलाई अपनी मौत, IAS लोकेश को जान से मारने की धमकी

TODAY छत्तीसगढ़  / लगातार तबादलों की वजह से मध्यप्रदेश के 'खेमका' के नाम से मशहूर हो रहे आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ को जान से मारने की धमकी मिली है। आरोप है कि किसी ने उन्हें अज्ञात नंबर से सिग्नल एप पर कॉल किया और कहा कि साधना भाभी का नाम लेकर तूने अपनी मौत बुला ली है। बता दें कि साढ़े चार साल की नौकरी में जांगिड़ का नौ बार तबादला हो चुका है। वहीं, कुछ समय पहले उन्हें बड़वानी जिले में अपर कलेक्टर के पद से राज्य शिक्षा केंद्र भेज दिया गया। ऐसे में उन्होंने बड़वानी कलेक्टर पर सवाल उठाए। साथ ही, उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए। इस संबंध में उन्होंने मध्यप्रदेश आईएएस असोसिएशन के ग्रुप में अपने दिल की बात लिखी। यह चैट वायरल हो गई, जिससे राज्य की राजनीति में घमासान शुरू हो गया। 

पोस्ट नहीं हटाई तो ग्रुप से निकाला -

बताया जा रहा है कि आईएएस असोसिएशन के ग्रुप में किए गए पोस्ट को हटाने के लिए लोकेश जांगिड़ पर काफी दबाव बनाया गया। जब उन्होंने पोस्ट हटाने से इनकार कर दिया तो उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया। इसके बाद आईएएस लोकेश जांगिड़ ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। साथ ही, बड़वानी कलेक्टर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। ऐसे में जांगिड़ के रुख पर राज्य सरकार ने नाराजगी जताई और शासन की तरफ से उन्हें नोटिस जारी कर दिया गया, जिसका जवाब सात दिन में मांगा गया है। उधर, आईएएस लोकेश जांगिड़ ने महाराष्ट्र में डेपुटेशन के लिए आवेदन दे दिया। 


अनजान नंबर से मिली धमकी -

जानकारी के मुताबिक, इस बीच आईएएस लोकेश को गुरुवार (17 जून) रात अनजान नंबर से धमकी मिली, जिसके बाद उन्होंने डीजीपी को लिखित शिकायत दी। उन्होंने बताया कि गुरुवार रात करीब 11:30 बजे सिग्नल एप पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने कहा कि तू नहीं जानता, तूने किससे पंगा लिया है। साधना भाभी का नाम लेकर तूने मौत को बुलाया है। तुझे अपनी और बेटे की जान की परवाह है तो छह महीने की छुट्टी पर चला जा। मीडिया से बात करना बंद कर दे। आईएएस लोकेश ने कहा कि धमकी मिलने के बाद मेरे परिवार को जान का खतरा हो गया है। उन्होंने भोपाल स्थित अपने आवास पर सुरक्षाकर्मियों की मांग की। - अमर उजाला

एक बार फिर गूंजेगी अफ्रीकी चीतों की दहाड़, एमपी के नौरादेही अभ्यारण्य में बसाने की कोशिशें शुरू हुईं

" भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अफ्रीकी चीतों को देश में उचित स्थान पर बसाने की इजाजत दे दी है. इस प्रयोग में यह देखा जाएगा कि क्या वे भारत की जलवायु में खुद को ढाल पाते हैं. "
TODAY छत्तीसगढ़  /  भारत में आखिरी बार सन 1947 में चीतों का शिकार हुआ था. कहा जाता है कि सरगुजा के महाराजा ने आखिरी तीन चीतों का शिकार किया था. विशेषज्ञों का कहना है कि देश में पहले से ही जंगली जानवर और इंसानों का संघर्ष चल रहा है और इस पर पहले ध्यान देने की जरूरत है.

दुनिया भर में इस वक्त अनुमान के मुताबिक 7,100 चीते ही बचे हैं. करीब 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ने वाला यह जानवर मुश्किल दौर से गुजर रहा है. चीतों का भविष्य अनिश्चितता से भरा हुआ. लेकिन भारत में चीतों को बसाने को लेकर नई उम्मीद जगी है. भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को सुप्रीम कोर्ट ने उनके लिए उचित अभयारण्य में बसाने की अनुमति दे दी है. 

 भोपालः देश में विलुप्त हुए चीता को मध्यप्रदेश की सागर जिले स्थित नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में बसाने की कवायद फिर से शुरू हो गई है. इसके लिए मध्यप्रदेश वन विभाग ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) को पिछले महीने पत्र लिखा है. गौरतलब है कि यह केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. वर्ष 2010 में यह योजना मध्यप्रदेश को सौंपते हुए केंद्र सरकार ने नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में चीता को पुनर्स्थापित करने को कहा था. कुछ सालों तक इसे अमलीजामा पहनाने के लिए इस पर काम चला, लेकिन पिछले चार साल से यह ठंडे बस्ते में रख दिया गया था.

भारतीय चीते की प्रजाति के विलुप्त होने का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट से नामीबिया से उसे यहां लाकर बसाने की इजाजत मांगी थी. मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसकी अनुमति देते हुए कहा कि अदालत इस परियोजना की निगरानी करेगी. बेंच ने इस संबंध में तीन सदस्यीय समिति गठित की है. समिति में पूर्व वन्यजीव निदेशक रंजीत सिंह, वन्यजीव महानिदेशक धनंजय मोहन और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के डीआईजी शामिल हैं.

चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर में रखे जाने की खबरें हैं. देश में इस वक्त बड़ी बिल्लियों की 15 प्रजातियां मौजूद हैं लेकिन इनमें चीते की कमी है. कुछ वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट इस फैसले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वाइल्ड लाइफ एसओएस के सह संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण कहते हैं, "बड़ी बिल्लियों की प्रजातियों के सीमित आवास को लेकर देश पहले से ही जूझ रहा है. सभी नस्ल के जंगली जानवर भारी चुनौती का सामना कर रहे हैं. एशियाई शेरों को ही ले लीजिए, इनकी आबादी भारत में मौजूद है लेकिन अगर कोई बीमारी या महामारी फैलती है तो उनके लिए वैकल्पिक आवासों की जरूरत होगी, नहीं तो उनकी पूरी आबादी ही खत्म हो जाएगी." सत्यनारायण आगे कहते हैं, "सरकार ने कई साल तक वैकल्पिक आवास के लिए प्रयास किए थे जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है." TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   


चीतों को बसाने की चुनौती

साल 2010 में केंद्र सरकार ने चीतों को दोबारा बसाने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की थी. इस समिति ने सुझाव दिया था कि दुनिया के सबसे तेज जानवार का घर मध्य प्रदेश के कूनो पालपुर, गुजरात के वेलावदार राष्‍ट्रीय उद्यान और राजस्थान के ताल छापर अभ्यारण हो सकते हैं. मध्य प्रदेश ने कूनो पालपुर में गुजरात से लाकर एशियाई शेरों को बसाने की योजना बनाई थी लेकिन गुजरात ने शेरों को देने से इनकार कर दिया था. 

"सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय अभ्यारण्यों के लिए अफ्रीकी चीता (Cheetah) लाने की इजाजत दे दी है . कोर्ट ने कहा कि वह अफ्रीकी चीतों को नामीबिया से भारत लाकर मध्यप्रदेश स्थित नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य में बसाने की महत्वाकांक्षी परियोजना के खिलाफ नहीं है. न्यायालय ने कहा कि बाघ-चीते के बीच टकराव के कोई सबूत रिकार्ड में नहीं हैं. "

भारत में चीतों को दोबारा बसाने के लिए कूनो पालपुर एक पसंदीदा जगह हो सकती है. हालांकि सत्यनारायण इसके साथ ही जंगली जानवरों और इंसानों के बीच आए दिन होने वाले संघर्ष का भी जिक्र करते हैं. सत्यनारायण कहते हैं, "बाघ और तेंदुए को लेकर हम रोजाना कोई बुरी खबर सुनते हैं कि उनको मारा गया या फिर उनकी मौत दुर्घटना की वजह से हो गई. चीतों को दोबारा बसाने का फैसला स्वागत योग्य है लेकिन साथ ही यह एक बड़ी चुनौती भी है कि हम उनके लिए किस तरह का आवास मुहैया करा पाते हैं." 

" मध्यप्रदेश के नौरादेही में चीतों के लिए 150 वर्ग किलोमीटर के दायरे में बाड़ा बनाने के लिए 25 से 30 करोड़ रूपये की जरूरत होगी. वर्ष 2009 में केंद्र ने मध्यप्रदेश सरकार से चीता के लिए अभ्यारण्य तैयार करने को कहा था और इसको बनाने की घोषणा की थी. " 

सत्यनारायण के मुताबिक, "बड़ी बिल्लियों की प्रजातियां हमारे देश में अच्छा कर रही है लेकिन चीतों को लाने से मौजूदा चुनौतियां और बढ़ेंगी. पहले से मौजूद प्रजातियों के लिए धन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. अगर चीतों को भारत लाते हैं तो हमारा ध्यान एक नई चुनौती की तरफ चला जाएगा. हो सकता है कि आने वाले कुछ सालों में जब हम संघर्ष को कम या खत्म कर दें तो चीतों को लाकर बसाना ज्यादा सफल साबित होगा और उसमें कामयाब भी हो जाएं." चीतों की आबादी फिलहाल ईरान और अफ्रीकी महाद्वीप में बची है. शिकार, तस्करी और प्राकृतिक आवास में कमी के कारण दुनिया भर में चीतों की संख्या प्रभावित हुई हैं. - डीडब्ल्यू . कॉम  

'शिव' का जंगल बनाम हीरा खदान की सौदेबाजी


TODAY छत्तीसगढ़  /  माता नर्मदा नदी के किनारे लाखों पौधरोपण के घोटालेबाज, केन बेतवा लिंक से पन्ना टाइगर के हत्यारें अब बकस्वाहा के जंगल को हीरा खदान की बिकवाली में दांव पर लगा दिये। देखिये आशीष सागर की ये ख़ास रपट -  

                       

दिल का दौरा पड़ने से उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी का निधन

'इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए, मेरे " अल्लाह " मेरी खाक ठिकाने लग जाए'
TODAY छत्तीसगढ़  / मशहूर शायर राहत इंदौरी का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे 70 वर्ष के थे. कोरोना पॉज़िटिव पाए जाने के बाद वे अस्पताल में भर्ती थे. इंदौर के कलेक्टर ने उनके निधन की पुष्टि की है. चाहने वालों के बीच 'राहत साहब' के नाम से लोकप्रिय राहत इंदौरी का यूं 'जाना' साहित्‍य जगत खासकर उर्दू शायरी की दुनिया के लिए बड़ी क्षति है. जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बताया, "कोविड-19 से संक्रमित इंदौरी का अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया. उन्होंने बताया कि इंदौरी हृदय रोग, किडनी रोग और मधुमेह सरीखी पुरानी बीमारियों से पहले से ही पीड़ित थे.
                                         
सैम्स के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया, "इंदौरी के दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था."उन्होंने बताया, "सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया था और ऑक्सीजन दी जा रही थी लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हम उनकी जान नहीं बचा सके."इंदौरी के बेटे और युवा शायर सतलज राहत ने अपने पिता की मौत से पहले मंगलवार सुबह बताया था, "कोविड-19 के प्रकोप के कारण मेरे पिता पिछले साढ़े चार महीनों से घर में ही थे.वह केवल अपनी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिये घर से बाहर निकल रहे थे."उन्होंने बताया कि इंदौरी को पिछले पांच दिन से बेचैनी महसूस हो रही थी और डॉक्टरों की सलाह पर जब उनके फेफड़ों का एक्स-रे कराया गया तो इनमें निमोनिया की पुष्टि हुई थी. बाद में जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे।.गौरतलब है कि शायरी की दुनिया में कदम रखने से पहले, इंदौरी एक चित्रकार और उर्दू के प्रोफेसर थे. उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे थे और दुनिया भर के मंचों पर काव्य पाठ किया था.  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -      
राहत ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की चपेट में आने की जानकारी ट्विटर के जरिए दी थी. उन्होंने कहा था कि Covid-19 के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है. अरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं. दुआ कीजिये जल्द से जल्द इसबीमारी को हरा दूं.उन्होंने लोगों से अपील की थी कि स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए बार-बार उन्हें या फिर परिवार को फोन न करें, इसकी जानकारी ट्विटर और फेसबुक के माध्यम से सभी को मिलती रहेगी. हालांकि लोगों की तमाम दुआओं के बावजूद राहत साहब का मंगलवार को इंतकाल हो गया. मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत साहब के निधन पर दुख जताते हुए इसे प्रदेश और देश की अपूरणीय क्षति बताया है.मध्‍यप्रदेश के सीएम ने अपने शोक संदेश में लिखा, अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अज़ीज़ राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दुःख को सहने की शक्ति दें.




देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शायर राहत इंदौरी के निधन को साहित्‍य जगत का बड़ा नुकसान बताया है. उन्‍होंने ट्वीट किया,' मक़बूल शायर राहत इंदौरीजी के गुज़र जाने की खबर से मुझे काफ़ी दुख हुआ है. उर्दू अदब की वे क़द्दावर शख़्सियत थे. अपनी यादगार शायरी से उन्होंने एक अमिट छाप लोगोंके दिलों पर छोड़ी है. आज साहित्य जगत को बड़ा नुक़सान हुआ है. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके चाहने वालों के साथ हैं.' कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी राहत इंदौरी के निधन पर शोक जताया है.(NDTV & भाषा से इनपुट)

बीजेपी सांसद हिमाद्री को हाईकोर्ट से राहत,

TODAY छत्तीसगढ़  / मध्यप्रदेश के शहडोल से बीजेपी सांसद हिमाद्रि सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शहडोल लोकसभा सीट से हुए निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज हो गई है। बीजेपी सांसद के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार रही प्रमिला सिंह ने याचिका दायर की थी। इस मामले में याचिका दायर करने के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार प्रमिला सिंह खुद को बीमार बताकर गवाही देने नहीं पहुंच रही थी, प्रमिला सिंह की लगातार गैर हाजिरी को देखते हुए हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है।दायर की गई याचिका में बीजेपी प्रत्याशी पर चुनाव आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का निधन, भाजपा में शोक की लहर

TODAY छत्तीसगढ़  / अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के निधन पर राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शोक व्यक्त किया है। उनके निधन पर एक दिन का राजकीय शोक भी घोषित किया गया है। भाजपा के नेताओं व पदाधिकारी कार्यकर्ताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कैलाश जोशी हमारे पालक थे। उनका आशीर्वाद स्नेह हमें सदैव मिलता रहा है। वह हर युग में संगठन के शिल्पी  की तरह याद किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के संगठन के विस्तार में उनका कार्य अनुकरणीय रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी कुशल संगठनकर्ता थे। उनके नेतृत्व में हमारी विचारधारा को मजबूती मिली। उनका योगदान समाज जीवन में हमेशा आदर्श रहेगा। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अविभाजित मध्य प्रदेश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री स्वर्गीय जोशी संगठन के आधार थे। वे एक कर्मयोगी कार्यकर्ता के रूप में हमारी स्मृतियों में रहेंगे। उनके बताए मार्ग पर चलकर हमें संगठन को मजबूत करते हुए समाज जीवन के लिए और बेहतर कार्य करना होगा। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह,  राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडे, अनुसूचित जनजाति मोर्चा अध्यक्ष रामविचार नेताम, पवन साय सहित पार्टी के पदाधिकारी, विधायक, सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, व कार्यकर्ताओं ने जोशी निधन पर गहरा शोक जताते हुए इसे अपूरणीय क्षति कहा।

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी के खिलाफ की शिकायत

[TODAY छत्तीसगढ़] / भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को लोकसभा का टिकट दिए जाने के बाद से विवाद जारी है। अब मालेगांव ब्लास्ट के एक पीड़ित के पिता ने शिकायत दर्ज कराते हुए उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दी है। ऐप्लिकेशन में प्रज्ञा ठाकुर के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए गए हैं क्योंकि एनआईए कोर्ट ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों से ही जमानत दी थी। फिलहाल जमानत पर चल रहीं प्रज्ञा ठाकुर को बीजेपी ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इसी सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के उतरने से इस सीट पर रोमांचक मुकाबले की उम्मीद है। 
दिग्विजय सिंह की धुर विरोधी -
साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह को एक-दूसरे का धुर विरोधी माना जाता है। दिग्विजय सिंह कांग्रेस के उन चुनिंदा नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने यूपीए सरकार के दौर में 'भगवा आतंकवाद' के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। शायद यही वजह है कि साध्वी प्रज्ञा चुनावी बिसात पर दिग्विजय सिंह को चुनौती देना चाहती हैं। 
साध्‍वी प्रज्ञा ठाकुर और दिग्विजय का मुकाबला इसलिए भी दिलचस्‍प होने वाला है क्‍योंकि दिग्विजय 16 साल बाद चुनाव लड़ने जा रहे हैं। 1993 से 2003 तक लगातार 10 सालों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह 2003 के बाद से अबतक किसी भी लोकसभा या विधानसभा चुनाव में नहीं लड़े हैं। 

2008 में चर्चा में आईं प्रज्ञा ठाकुर -
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं, जब 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया। वह 9 सालों तक जेल में रहीं और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। जमानत पर बाहर आने के बाद उन्होंने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गई थी। साध्वी प्रज्ञा 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया। साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था। हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा का शुरुआत से ही राष्ट्रवादी संगठनों की तरफ रुझान था। वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं। इनपुट-नवभारत टाइम्स 

सुपर मॉम : 29 शावक जन्म देने वाली 'कॉलरवाली'

[TODAY छत्तीसगढ़] / पेंच नेशनल पार्क सतपुड़ा की पहाड़ियों के दक्षिणी भाग में स्थित है। इस स्थान का नामकरण पेंच नदी के कारण हुआ है जो कि पेंच नेशनल पार्क के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है। यह पार्क मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा में महाराष्ट्र के पास स्थित है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा इसे 1983 में नेशनल पार्क घोषित किया गया और 1992 में इसे अधिकारिक रूप से भारत का उन्नीसवा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। इस नेशनल पार्क में हिमालयी प्रदेशों के लगभग 210 प्रजातियों के पक्षी आते हैं। अनेक दुर्लभ जीवों और प्रवासी पक्षियों की मेजबानी करने वाला पेंच नेशनल पार्क तेजी से पर्यटकों को अपनी ओर खींच रहा है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान [मध्यप्रदेश] की मशहूर बाघिन 'कॉलरवाली' की ये तस्वीर कई मायनों में ख़ास है। 27 दिसंबर 2018 को चार शावकों को जन्म देने के बाद वो कल पहली बार कैमरे में कैद हुई है। ये दावा नेशनल पार्क के प्रबंधन का है। 
अब जरा 'कॉलरवाली' की खासियत भी जान लीजिये, ये सम्भवतः विश्व की पहली ऐसी बाघिन है जिसने आठवीं बार शावकों को जन्म दिया है। दिसंबर में चार शावकों को जन्म देने से पहले तक इस बाघिन के नाम 25 शावकों को जन्म देने का रिकार्ड है। इस बार की संख्या मिला दें तो 29 शावकों को जन्म देने वाली शायद ये पहली बाघिन है। उम्र दराज [14 साल] 'कॉलरवाली' बाई को चार शावकों के साथ इसी माह  [12 अप्रैल 19 ] चंद पर्यटकों की भीड़ में मैंने भी कैमरे में कैद किया। इसके पहले इन चार बच्चों के साथ 'कॉलरवाली' की तस्वीर सामने नहीं आई थी। 'सुपर मॉम' के नाम से प्रसिद्ध 'कॉलरवाली' बाघिन का जन्म सितंबर 2005 में हुआ था। T - 15 यानी 'कॉलरवाली' को 11 मार्च 2008 में सुरक्षा के लिहाज रेडियो कॉलर लगाया गया था, तभी से इस बाघिन को 'कॉलरवाली' के नाम से पुकारा जाने लगा। मई 2008 में 'कॉलरवाली' पहली बार माँ बनी, उसने 3 शावकों को जन्म दिया। उसके बाद 2009, 2010 में तीसरी बार माँ बनी। मई 2012 में 3 शावकों को जन्म देकर चौथी बार माँ बनने का गौरव हासिल किया। 2013 में पांचवीं बार फिर 2015 में लगातार 6 वीं बार माँ बनकर 'कॉलरवाली' ने 4 शावकों को जन्म दिया। अप्रैल 2017 में 'कॉलरवाली' सातवीं बार माँ बनी और तीन बच्चों को जन्म देकर 25 शावक जन्म देने का रिकार्ड बनाया। इस बार की संख्या मिलाकर इस 'सुपर मॉम' के नाम 29 शावक जन्म देने का रिकार्ड विभागीय दस्तावेज में दर्ज हो गया है। जानकार बताते हैं की बेहद चालाक और फुर्तीली 'कॉलरवाली' ने इसके पहले यानी 25 में से 21 शावकों को सुरक्षित तरीके से वयस्क किया है। इस बार भी वो अपने शावकों को लेकर सतर्क है और जल्दी उन्हें लेकर सामने नहीं आ रही है। 

गिद्धों की संख्या बढ़ाने में कान्हा प्रबंधन के प्रयास कारगर

[TODAY छत्तीसगढ़] / ये पुरानी दुनिया का गिद्ध है जो नई दुनिया के गिद्धों से अपनी सूंघने की शक्ति में भिन्न हैं। यह मध्य और पश्चिमी से लेकर दक्षिणी भारत तक पाया जाता है। प्रायः यह खड़ी चट्टानों के श्रंग में अपना घोंसला बनाता है, परन्तु राजस्थान में यह अपना घोंसला पेड़ों पर बनाते हुये भी पाये गये हैं। दूसरे गिद्धों की भांति यह भी अपमार्जक या मुर्दाख़ोर होता है और ऊँची उड़ान भरकर इंसानी आबादी के नज़दीक या फिर जंगलों में मुर्दा पशु को ढूंढ लेते हैं और उनका आहार करते हैं। इनके चक्षु बहुत तीक्ष्ण होते हैं और काफ़ी ऊँचाई से यह अपना आहार ढूंढ लेते हैं। यह प्रायः समूह में रहते हैं। White Rumped Vulture का सर गंजा होता है, उसके पंख बहुत चौड़े तथा पूँछ के पर छोटे होते हैं। इसका वज़न 5.5 Kg से 6.4 Kg होता है। इसकी लंबाई 80-103 से. मी. तथा पंख खोलने में 1.96 से 2.38 मी. की चौड़ाई होती है।
यह जाति आज से दो दशक पहले तक काफी संख्या में पायी जाती थी लेकिन 1990 के दशक में इस जाति का 95% से 98% पतन हो गया है। इसका मूलतः कारण पशु दवाई डाइक्लोफिनॅक (diclofenac) है जो कि पशुओं के जोड़ों के दर्द को मिटाने में मदद करती है। जब यह दवाई खाया हुआ पशु मर जाता है और उसको मरने से थोड़ा पहले यह दवाई दी गई होती है और उसको गिद्ध खाता है तो उसके गुर्दे बंद हो जाते हैं और वह मर जाता है।
आज  गिद्धों का प्रजनन बंदी हालत में किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि खुले में यह विलुप्ति की कगार में पहुँच गये हैं। शायद इनकी संख्या बढ़ जाये। गिद्ध दीर्घायु होते हैं लेकिन प्रजनन में बहुत समय लगाते हैं। गिद्ध प्रजनन में 5 वर्ष की अवस्था में आते हैं। एक बार में एक से दो अण्डे देते हैं लेकिन अगर समय खराब हो तो एक ही चूजे को खिलाते हैं। यदि परभक्षी इनके अण्डे खा जाते हैं तो यह अगले साल तक प्रजनन नहीं करते हैं। यही कारण है कि भारतीय गिद्ध अभी भी अपनी आबादी बढ़ा नहीं पा रहा है। लेकिन देश के कुछ स्थानों से गिद्धों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कारगर कदम उठाये गए हैं। 
छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व के औरापानी में भी इनके संरक्षण को लेकर प्रयास जारी है। छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती राज्य मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क और बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में इनकी संख्या अच्छी खासी है। कान्हा के जानकारों की माने तो वहां 50 से अधिक की संख्या में White Rumped Vulture  हैं जिनकी संख्या साल दर साल बढ़ती जा रही है। 
तस्वीरें / White Rumped Vulture कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से इसी माह ली गई हैं - 

सींगों से बनाया गया स्वागत द्वार, सैलानी आश्चर्य चकित

[TODAY छत्तीसगढ़] / पुरे विश्व में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान अपनी अनेक विशेषताओं के लिए अलग पहचान रखता है। उन्ही विशेषताओं में एक है ये स्वागत द्वार।  मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में हिरण प्रजाति के सींगों से बनाया गया स्वागत द्वार (मेहराब) पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है । कान्हा में म्यूजियम के पास करीब 5 हजार किलो और लगभग 10 हजार सींगों से बनाया गया  विहंगम द्वार अपनी तरह की अलग ही कलाकृति है। कान्हा प्रबंधन के इस प्रयास को देख एक तरफ जहां विदेशी सैलानी आश्चर्य चकित होते हैं वहीँ भारतीय मेहमानों को हिरण की सींगों को काफी करीब से देखने और जानने का मौक़ा मिलता है। कान्हा-किसली जोन के सेंट्रल पॉइंट में बनाया गया ये मेहराब जितना खूबसूरत है उतना ही प्रेरणादायक। प्रेरणादायक इसलिए क्यूंकि कान्हा प्रबंधन ने अपनी सूझ-बूझ से हिरणों की गिरी और टूटी हुई सींगों से एक ऐसा द्वार बनाया है जो सभी को एक नज़र में भाता है। शायद इस तरह के प्रयास दूसरे नेशनल पार्क या फिर टाइगर रिजर्व में देखने को नहीं मिलते हैं। 
आपको बता दें की हिरण प्रजाति के नर के सिर पर प्रजनन काल के पूर्व हर साल सींग उगते हैं। प्रजनन काल के बाद सींग गिर जाते हैं। पार्क प्रबंधन ने हिरण, चीतल और सांभर के सीगों को स्थानीय वनवासियों से एकत्र कराया । विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इन सींगों को आजादी के बाद से ही एकत्रित किया जा रहा हैं, जिससे इनकी संख्या काफी अधिक हो गई थी । इन्ही सींगों से कान्हा जोन में म्यूजियम के पास पार्क प्रबंधन ने स्वागत द्वार तैयार करने की सालों पहले योजना तैयार की थी जो बरसों से पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र है। बताया जाता है की इस अनोखे द्वार में करीब 10 हजार 830 सींग जिनका वजन लगभग 5 हजार 525 किग्रा हैं। 

RSS कार्यकर्ता की हत्या, 7 दिन में 3 नेता मारे गए

 [TODAY छत्तीसगढ़] / मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की हत्या का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अज्ञात हमलावरों ने एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या कर दी। मामला मध्यप्रदेश के रतलाम का है जहां हिम्मत पाटीदार नाम के आरएसएस कार्यकर्ता की गला रेत कर हत्या कर दी गई है। मृतक का भाई भी आरएसएस में जिला घोष प्रमुख है। राज्य के पूर्व सीएम शिवराजसिंह ने मृतक को आरएसएस का स्वयंसेवक बताया है। इधर जघन्य हत्याकांड की खबर सामने आने के बाद इलाके में सनसनी फ़ैल गई। पिछले सात दिन में ये तीसरी हत्या है जिसे लेकर भाजपा खेमें में सरकार के प्रति काफी आक्रोश है।
मध्यप्रदेश के रतलाम में हिम्मत पाटीदार नाम के शख्स की गला रेतकर निर्मम हत्या करने के बाद अज्ञात हमलावरों ने उसकी पहचान छुपाने के लिए चेहरा जलाने की कोशिश की है।  हत्या की खबर मिलते ही घटनास्थल पर रतलाम पुलिस के अलावा ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना और आरएसएस-बीजेपी से जुड़े कई लोग पहुंच गए। पुलिस ने मौक़ा मुआयना के बाद हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश के भाजपा और आरएसएस से जुड़े लोग इस हत्या को राजनैतिक षड्यंत्र बता रहें हैं वहीँ दूसरी तरफ लगातार हो रही हत्या के चलते विपक्ष प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करने लगा है।
आपको बता दें कि 17 जनवरी को मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष और बीजेपी नेता प्रह्लाद बंधवार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद 20 जनवरी को बड़वानी जिले के बलवाड़ी में बीजेपी नेता मनोज ठाकरे की हत्या कर दी गई थी।
  

पेंच के बाद आज कान्हा में मिली एक बाघिन की लाश

[TODAY छत्तीसगढ़] / एक तरफ बाघ संरक्षण को लेकर देश भर में विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहें हैं वहीँ दूसरी तरफ लगातार बाघों के मौत की आ रही ख़बरें निश्चित तौर पर वाइल्डलाइफ प्रेमियों के लिए किसी बड़े सदमें से कम नहीं है। दो दिन पहले महाराष्ट्र के पेंच टाइगर रिजर्व से 12 माह की मादा बाघिन की मौत के मामले का सच सामने नहीं आया था तब तक देश के विख्यात और नामचीन राष्ट्रीय उद्यान कान्हा से एक बाघिन के मौत की खबर निकलकर सामने आ गई है। 
विश्वसनीय सूत्रों से हासिल जानकारी के मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क में आज एक बाघिन का शव मिला है।
मध्यप्रदेश के मंडला जिले में स्थित कान्हा नेशनल पार्क में एक बाघिन का शव मिलने से हड़कंप मचा हुआ है। मृत बाघिन की उम्र लगभग 4 वर्ष बताई जा रही है। बाघिन का शव किसली परिक्षेत्र के खटिया बीट कक्ष क्रमांक 633 में मिला है । इस मामले में कान्हा नेशनल पार्क के अधिकारी फिलहाल कुछ ख़ास कहने से बच रहें हैं। हालांकि बाघिन की लाश को देखकर महकमा इस नतीजे पर पहुंचा है की किसी बड़े बाघ से संघर्ष के दौरान बाघिन घायल हुई और बाद में उसकी मौत हो गई। क्षत-विक्षत हालत में मिली बाघिन की लाश को पोस्टमार्डम के बाद जला दिया गया है।


मुख्यमंत्री ने पहनाया जूता, बोले इन्हे सलाम करता हूँ

[TODAY छत्तीसगढ़] / संकल्प पूरा होने में भले ही डेढ़ दशक लग गए मगर जो कसम उठाई उसे पूरा होने तक टूटने नहीं दिया। ये किस्सा नहीं हकीकत है मध्यप्रदेश के उस कांग्रेस कार्यकर्ता की जिसने कांग्रेस की सत्ता में वापसी तक नंगे पाँव रहने का संकल्प लिया था। अब जबकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस सत्ता के सिंहासन पर बैठ चुकी है तो उस कार्यकर्ता ने बुधवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समक्ष 15 साल बाद जूते पहने। 
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट पर इसके उल्लेख में लिखा- ‘आज निवास पर राजगढ़ के कार्यकर्ता दुर्गालाल किरार से मिलकर उन्हें जूते पहनाएं। उन्होंने संकल्प लिया था कि जब तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं बनेगी, तब तक जूते नहीं पहनेंगे। ऐसे कार्यकर्ताओं को सलाम है, जो पूरी निष्ठा से कांग्रेस के लिए दिन-रात मेहनत करते है।’ ट्विटर पर मुख्यमंत्री ने इस मौके का फोटो भी शेयर किया। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से लगभग 20 किलोमीटर दूर लिम्मबोदा गांव के दुर्गालाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के समर्थक हैं। दुर्गालाल ने 2003 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद कांग्रेस की सरकार बनने तक पैरों में जूते नहीं पहनने और नंगे पैर रहने का संकल्प लिया था। अब 15 साल बाद दुर्गालाल का संकल्प पूरा हुआ।


कमलनाथ मंत्रीमंडल ने ली शपथ, 28 मंत्री बने

[TODAY छत्तीसगढ़] / मध्यप्रदेश में मुख्यमत्री का पदभार संभालने के बाद कमलनाथ ने सोमवार को अपने 28 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया है. विधायकों को सोमवार को मंत्री पद की राज्यपाल आनंदीबेन ने शपथ दिलाई. मंत्री पद की शपथ लेने वालों में सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा, गोविंद सिंह, बाला बच्चन, तुलसी सिलावट, आरिफ अकील, बृजेंद्र सिंह राठौर, विजयलक्ष्मी साधौ, प्रदीप जायसवाल, लाखन सिंह यादव, इमरती देवी, ओमकार सिंह मरकाम, गोविंद राजपूत, प्रभुराम चौधरी, प्रियव्रत सिंह, सुखदेव पांसे, उमंग सिधार, हर्ष यादव, जयवर्धन सिंह, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, लखन घनघोरिया, महेंद्र सिसोदिया, पीसी शर्मा, प्रद्मुमन सिंह, सचिन यादव, सुरेंद्र सिंह बघेल, तरुण भनोत शामिल हैं.

गौरतलब है कि 17 दिसंबर को अकेले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ली थी. इसके बाद मंत्रिमंडल के गठन को लेकर वे बीते दो दिनों से कांग्रेस आलाकमान से चर्चा करने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए थे.  उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित अन्य नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद मंत्रिमंडल के सदस्यों का नाम तय किया है.

मैं सोया नहीं जाग रहा हूँ - शिवराज

[TODAY छत्तीसगढ़] / मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए किसानों की कर्ज माफ़ी के आदेश पर आज एक ट्वीट किया है। उन्होंने मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री पर ट्वीट कर आरोप लगाया है की उन्होंने अपने आदेश में समयसीमा और आधी-अधूरी कर्ज माफ़ी की बात कही है। शिवराज सिंह ने कहा मुख्यमंत्री का आदेश मेरे प्रदेश के किसान भाइयों-बहनों के साथ अन्याय है।  कांग्रेस ऐसे छलावे से बचे, उन्हें जान लेना चाहिए की मैं सोया नहीं जाग रहा हूँ। गुरुवार को शिवराज सिंह चौहान ने  माध्यम से पार्टी कार्यक्रमों में शामिल रहने की व्यस्तता के बीच ट्रेन से बिना जाने तक की तस्वीरें शेयर की। उन्होंने तीन घंटे के भीतर तीन ट्वीट किये जिसमें एक ट्वीट प्रदेश की नई सरकार पर पैनी नज़र होने की बात कहती रही।  

    31 मार्च 2018 तक का टाइम बैरियर लगा कर, छन्नी लगा कर आधी-अधूरी क़र्ज़ माफ़ी की घोषणा मेरे प्रदेश के किसान भाइयों-बहनों के साथ घोर अन्याय है। कांग्रेस को ऐसे छलावे से दूर रहना चाहिए।लेकिन, ये वो ठीक से जान ले कि मैं सोया नहीं हूँ, मै जाग रहा हूँ और मेरी पैनी नज़रें उन पर ही हैं।

वादा निभाया कमलनाथ ने, किसानों का कर्ज माफ़

[TODAY छत्तीसगढ़] कमलनाथ मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कमलनाथ को पद और गोपनियता की शपथ दिलाई. शपथ लेने के तुरंत बाद ही अपने वादे के मुताबिक मध्यप्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजधानी भोपाल में किसानों के कर्ज़ माफ करने वाली फाइल पर दस्तखत कर दिए. बता दें कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ लेने से पहले ही कहा कि था कि वे 10 दिनों से पहले ही किसानों का कर्ज माफ करेंगे. पिछले दिनों कमलनाथ ने कहा था, '10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ हो जाएगा. कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में ही 2 लाख रुपये तक के कर्जमाफी की घोषणा की थी, जिसे सरकार गठन के तुरंत बाद ही बाद अमल में लाया गया. बता दें कि कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एचडी देवगौड़ा, शरद यादव, राकांपा के शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू भी मौजूद थे. शपथ ग्रहण समारोह जम्बूरी मैदान में हुआ।
शपथग्रह के कुछ ही घंटे बाद मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से जारी विज्ञप्ति में कहा गया, 'मध्यप्रदेश शासन एतद् द्वारा निर्णय लिया जाता है कि मध्यप्रदेश राज्य में स्थित राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों में अल्पकालीन फसल ऋण के रूप में शासन द्वारा पात्रता अनुसार पाए गए किसानों के 2 लाख रुपये की सीमा तक का दिनांक 31 मार्च, 2018 की स्थित में बकाया फसल ऋण माफ किया जाता है. बता दें कि किसानों की ऋण माफी से मध्यप्रदेश सरकार पर 56 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. इसके अलावा मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्‍यमंत्री कन्‍या विवाह योजना के अंतर्गत मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाकर 51000 रुपये कर दी है.
बता दें कि कर्ज माफी जून 2009 के बाद के कर्जदार किसानों की होगी. इसमें लगभग 33 लाख किसानों को फायदा होगा. प्रदेश के किसानों पर सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. इसमें 56 हजार करोड़ रुपये का कर्ज 41 लाख किसानों ने लिया है. वहीं, लगभग 15 हजार करोड़ रुपये डूबत कर्ज (एनपीए) है. कर्ज माफी के लिए फिलहाल जिस फॉर्मूले पर मंथन हो रहा है, उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपये प्रोत्साहन दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि इससे लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय भार सरकार पर आएगा.
गौरतलब है कि चुनावी नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि सबसे पहले हमारी प्राथमिकता किसानों की कर्जमाफी की होगी. राहुल गांधी ने कहा था कि यह जीत किसानों की है. युवाओं की है. छोटे दुकानदारों की है. राहुल गांधी ने कहा कि अब बदलाव का समय है. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि पीएम मोदी ने किसानों के साथ जो वादा किया था वह भी टूटा है. उन्होंने कहा कि हम जहां जीते हैं, वहां ऐसी सरकार देंगे उसपर लोग गर्व करेंगे. उन्होंने कहा था कि सरकार का गठन होते ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा.
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए 28 नवंबर को मतदान हुआ था और 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिलीं. यह संख्या साधारण बहुमत, 116 सीट, से दो कम हैं. हालांकि बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन दिया है. जिससे कांग्रेस को फिलहाल कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिली हैं.

  [साभार- NDTV india]

अब भूपेश की बारी, गहलोत और कमलनाथ ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शाम 5 बजे शपथ लेंगे, वहीँ दूसरी ओर मध्य प्रदेश में कमलनाथ ने अब से कुछ देर पहले दोपहर 2.32 बजे शपथ ली। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधिवध शपथ दिलाई। मध्यप्रदेश के 18 वें मुख्यमंत्री बने कमलनाथ ने शपथ लेने के बाद मंच और समक्ष बैठे अतिथियों का आत्मीय अभिनन्दन किया।  इन दो राज्यों के अलावा कांग्रेस की सरकार राजस्थान में भी बनी है। सबसे पहले राजस्थान में आज शपथ ग्रहण समारोह हुआ, राजस्थान में सोमवार यानी आज सुबह 11 बजे अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री और सचिन पायलट ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इन दोनों जगहों पर पार्टी आलाकमान राहुल गाँधी विशेष रूप से मौजूद रहे उनके साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी रहे।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता कमलनाथ की मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी आज जम्बूरी मैदान में हुई। वहीं राजस्थान में आजादी के बाद पहली बार राजधानी जयपुर के हृदय स्थल अल्बर्ट हॉल पर किसी नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ।  इससे पहले नई सरकारों के शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में ही होते रहे है।
छत्तीसगढ़ में रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन रखा गया था लेकिन आज सुबह से हो रही बारिश के चलते मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह का रंग कुछ फीका ना रह जाए इस कारण आनन्-फानन में प्रशासन ने शपथ ग्रहण समारोह के स्थान में परिवर्तन किया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कुछ देर बाद रायपुर के इनडोर स्टेडियम में शपथ लेंगे।



प्रदर्शन, सिंधिया बोले सुबह बात करेंगे

[TODAY छत्तीसगढ़] / द‍िल्ली में ज्योत‍िराद‍ित्य स‍िंध‍िया के घर मध्यप्रदेश के व‍िधायक जुट गए हैं. वे स‍िंध‍िया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं. समर्थकों को कहना है क‍ि ज‍िस तरह राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम और सच‍िन पायलट को ड‍िप्टी सीएम बनाया गया है, इसी को ध्यान में रखते हुए स‍िंध‍िया को प्रदेश अध्यक्ष को बनना चाह‍िए. 
स‍ि‍ंध‍िया के घर पर समर्थकों की भीड़ लग गई. उनके समर्थक पैरों में गि‍र-ग‍िरकर अपनी भावनाओं का इजहार कर रहे थे.  स‍िंध‍िया उनके बीच में जाकर उन्हें द‍िलासा दे रहे थे लेक‍िन उनके समर्थक मान ही नहीं रहे थे. उन्होंने समर्थकों को द‍िलासा देते हुए कहा क‍ि वह इस बारे में कल सुबह कोई बात करने की स्थि‍त‍ि में होंगे.  गौरतलब है कि काफी माथापच्ची के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश के सीएम के नाम का भोपाल में गुरुवार को देर रात को ऐलान हुआ था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक फोटो ट्वीट की थी, जिसमें वो कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दिख रहे थे. इसमें उन्होंने Leo Tolstoy का एक कथन लिखकर राजनैतिक संदेश दिया कि धैर्य और समय दो सबसे ताकतवर योद्धा होते हैं. ऐसा माना गया कि इसके माध्यम से राहुल गांधी ने ज्योतिरादित्य को धैर्य रखने के लिए कह दिया और यह बता दिया कि कमलनाथ का समय आ गया है.
इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने  ट्विटर पर लिखा था कि "ये कोई रेस नहीं और ये कुर्सी के लिए नहीं, हम यहां मध्य प्रदेश की जनता की सेवा के लिए हैं,  मैं भोपाल आ रहा हूं, और आज ही CM के नाम का एलान होगा." इससे भी ऐसा लगा था कि ज्योतिरादित्य ने कमलनाथ के सामने सरेंडर कर दिया है. 


गौरतलब है क‍ि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर कमलनाथ ने उन्हें विधायकों की लिस्ट दी, जिसके बाद राज्यपाल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने का नियुक्ति पत्र सौंप द‍िया है. वे 17 दिसम्बर को भोपाल के लाल परेड मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 
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