TODAY छत्तीसगढ़ / इंदौर। सीबीआई और व्यापम के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के जाली साइन से आईएएस बने संतोष वर्मा के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अब वर्मा के बारे में पता चला है कि उसने अब तक चार शादियां की हैं और एक लड़की को प्यार में धोखा दिया। वर्मा शुरू से आशिक मिजाज अधिकारी बताया जा रहा है। जहां भी उसकी पोस्टिंग रही, उसने वहां लड़कियों से दोस्ती की और प्रेम संबंध बनाए।
वर्मा के मंगल नगर स्थित घर पर पुलिस ने पिछली रात करीब 8 बजे छापा मारा। पुलिस वर्मा को भी घर ले गई और कुछ दस्तावेज जब्त किए। इस दौरान मां और बेटे को देखकर वर्मा की आंखें भर आईं और दरवाजे की आड़ में हाथ बांधे खड़ा रहा। शादी करने वालों में से एक उसके यहां काम करने वाली बाई भी शामिल है। शासन ने उसे सस्पेंड कर दिया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
दरअसल, कुछ दिन पहले एक महिला ने संतोष वर्मा पर इंदौर के लसूड़िया थाने में मारपीट का केस दर्ज करवाया था। इसी मामले में निर्दोष होने के झूठे कागज तैयार कर आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा ने पदोन्नति ली थी। जब मामले की जांच हुई तो धोखाधड़ी समेत कूटरचित दस्तावेज की धाराओं में एमजी रोड पुलिस ने केस दर्ज कर गिरफ्तार किया है। वर्मा अपनी सहपाठी के साथ लंबे समय से लिवइन रिलेशन में थे और शादीशुदा होने के बाद भी लव मैरिज की थी। इसी दौरान उन्होंने गर्लफ्रेंड की झूठी शिकायत लसूड़िया थाने में की थी, लेकिन जब महिला थाने पहुंची तो पूरे मामले का खुलासा हुआ था।
चार शादी की और एक युवती को प्रेमजाल में फंसाया
रीवा में सांख्यिकी अधिकारी रहते हुए वर्मा को वहां काम करने वाली लड़की से प्रेम हो गया। इसके बाद उसने उसी नौकरानी से शादी कर ली थी। इसके बाद जब वो डिप्टी कलेक्टर बने तो उन्होंने एक नहीं, दो-दो बार शादी रचा ली। कुछ समय बाद वर्मा को हरदा की रहने वाली एक लड़की से प्यार हो गया। इस लड़की पर तो वर्मा इतना फिदा था कि उन्होंने करोड़ों रुपए उस पर लुटा दिए। हालांकि लड़की ने जब शादी का दबाव बनाया तो वो मुकर गया। इस पर गुस्साई लड़की थाने पहुंच गई और वर्मा को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
इधर, धार में पदस्थ रहने के दौरान वर्मा को इंदौर में रहने वाली बीमा एजेंट लड़की से प्यार हो गया। इसके बाद दोनों का मिलना-जुलना बढ़ा और दोनों ने शादी कर ली। वर्मा ने शादी तो कर ली, लेकिन उसके साथ रहने में आनाकानी करने लगा। इसी बात से गुस्साई लड़की इंदौर के लसुड़िया थाने पहुंची और वर्मा के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया।
मामले में जांच शुरू हुई तो वर्मा के फर्जी आईएएस बनने का खुलासा हो गया। इस पूरे केस में भोपाल से भी जानकारी मांगी गई है। अब तक जो भी बातें सामने आई है, पुलिस ने वह भेज दी हैं। पुलिस केस होने और गिरफ्तारी होने के बाद सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत उसे सस्पेंड कर दिया।
इंदौर के एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि मामले में जैसे-जैसे सबूत सामने आएंगे, उसी अनुसार दोषियों के नाम केस में बढ़ाए जाएंगे। वर्मा के विभाग प्रमुखों को उनके गिरफ्तारी की सूचना भेज दी गई है। पुलिस वर्मा की मुलाकात उनके रिश्तेदारों से भी नहीं करवा रही है।
इसलिए फर्जी आदेश बनाकर प्रमोशन बनाया
राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट करने के अधिकारी की जांच की जाती है। मामूली अपराध होने पर आईएएस अवॉर्ड रुक जाता है। ऐसे में वर्मा के खिलाफ दो केस लंबित होने की जानकारी डीपीसी को मिलती तो उन्हें अपने सेवाकाल में कभी आईएएस अवॉर्ड होता ही नहीं, इसलिए उसने फर्जी आदेश बनाकर डीपीसी के समक्ष लगा दिया।