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सींगों से बनाया गया स्वागत द्वार, सैलानी आश्चर्य चकित

[TODAY छत्तीसगढ़] / पुरे विश्व में कान्हा राष्ट्रीय उद्यान अपनी अनेक विशेषताओं के लिए अलग पहचान रखता है। उन्ही विशेषताओं में एक है ये स्वागत द्वार।  मध्यप्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में हिरण प्रजाति के सींगों से बनाया गया स्वागत द्वार (मेहराब) पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है । कान्हा में म्यूजियम के पास करीब 5 हजार किलो और लगभग 10 हजार सींगों से बनाया गया  विहंगम द्वार अपनी तरह की अलग ही कलाकृति है। कान्हा प्रबंधन के इस प्रयास को देख एक तरफ जहां विदेशी सैलानी आश्चर्य चकित होते हैं वहीँ भारतीय मेहमानों को हिरण की सींगों को काफी करीब से देखने और जानने का मौक़ा मिलता है। कान्हा-किसली जोन के सेंट्रल पॉइंट में बनाया गया ये मेहराब जितना खूबसूरत है उतना ही प्रेरणादायक। प्रेरणादायक इसलिए क्यूंकि कान्हा प्रबंधन ने अपनी सूझ-बूझ से हिरणों की गिरी और टूटी हुई सींगों से एक ऐसा द्वार बनाया है जो सभी को एक नज़र में भाता है। शायद इस तरह के प्रयास दूसरे नेशनल पार्क या फिर टाइगर रिजर्व में देखने को नहीं मिलते हैं। 
आपको बता दें की हिरण प्रजाति के नर के सिर पर प्रजनन काल के पूर्व हर साल सींग उगते हैं। प्रजनन काल के बाद सींग गिर जाते हैं। पार्क प्रबंधन ने हिरण, चीतल और सांभर के सीगों को स्थानीय वनवासियों से एकत्र कराया । विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इन सींगों को आजादी के बाद से ही एकत्रित किया जा रहा हैं, जिससे इनकी संख्या काफी अधिक हो गई थी । इन्ही सींगों से कान्हा जोन में म्यूजियम के पास पार्क प्रबंधन ने स्वागत द्वार तैयार करने की सालों पहले योजना तैयार की थी जो बरसों से पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केंद्र है। बताया जाता है की इस अनोखे द्वार में करीब 10 हजार 830 सींग जिनका वजन लगभग 5 हजार 525 किग्रा हैं। 

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