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सवा 9 लाख रूपये कीमती अवैध ब्राऊन शुगर के साथ मुंगेली के 5 युवक गिरफ़्तार


 मुंगेली। TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ में नशे के खिलाफ चल रही पुलिसिया मुहीम को आरोपी हर दिन मुँह चिढ़ाते दिखाई दे रहें हैं। नशे का अवैध कारोबार और नशाखोरी से निपटना राज्य की पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। बिलासपुर संभाग के मुंगेली जिले की पुलिस को नशे का अवैध काम करने वाले कुछ आरोपी पकड़ने में सफलता मिली है। बताया जा रहा है कि पकडे गये आरोपियों के पास से 46 ग्राम ब्राऊन शुगर मिला है जिसकी बाज़ार में कीमत 9 लाख रूपये से अधिक है। 

  इस मामले में मुंगेली पुलिस का कहना है कि 13 अक्टूबर को साइबर सेल की टीम और थाना जरहागांव को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि कुछ युवक सफ़ेद रंग की अर्टिगा कार क्रमांक CG K4790 में अवैध मादक पदार्थ ब्राउन शुगर लेकर बिलासपुर की तरफ से मुंगेली आ रहें हैं। मुखबिर की सूचना जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को दी गई और तत्काल नाके बंदी कर आरोपियों को पकड़ने की रणनीति बनाई गयी।  मुंगेली जिले की पुलिस को मिली सूचना के आधार पर चेकिंग के दौरान देर शाम अर्टिगा कार क्रमांक CG  K 4790 बिलासपुर की ओर से आती दिखाई पड़ी, पुलिस ने कार की तलाशी ली जिसमें  ब्राउन शुगर की पुड़िया मिली। कार में बैठे सभी युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गयी। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे ब्राउन शुगर को दूसरे राज्य से लेकर आये थे। इस मामले में अपचारी बालक सहित अन्य 05 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा गया है। सभी के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की गयी है।  

NDPS मामले में  गिरफ्तार आरोपियों के नाम  - 

01.  आनन्द उर्फ भूरू यादव पिता हेम कुमार (उम्र 20 साल साकिन मल्हापारा मुंगेली)

02.  संदीप गोस्वामी पिता मनोज (उम्र 21 साल साकिन बुधवारी बाजार मुंगेली)

03.  सुनील जायसवाल पिता गणेश उम्र 24 साल साकिन नंदी चौक शंकर मंदिर के पास 

04.  प्रिंशु गुप्ता पिता प्रभात गुप्त (उम्र 23 साल साकिन गोलबाजार मुंगेली)

05.  आसुतोश जायसवाल पिता रमेश (उम्र 25 साल साकिन परमहंस वार्ड मुंगेली) 

शारदीय नवरात्र : आवास मेले में कन्या भोज का आयोजन, 125 कुंवारी कन्याओं को भोज कराया गया

 


बिलासपुर / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  शारदीय नवरात्र में आज अष्टमी-नवमी के दिन मुंगेली जिला मुख्यालय स्थित मंडी परिसर में आयोजित आवास मेले अंतर्गत कन्या भोज का भी आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री अरुण साव और जिले के प्रभारी मंत्री लखन लाल देवांगन ने 125 कुंवारी कन्याओं को भोज कराया। उन्होंने सभी कन्याओं को अपने हाथों से खीर, पूड़ी, हलवा सहित विभिन्न प्रकार का मिष्टान्न परोसा और उपहार भेंट किया। साथ ही कन्याओं की मां देवी के रूप में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। 

बता दें कि शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक जिस तरह से माता दुर्गा की आवभगत और पूजा-अर्चना की जाती है, उसी तरह से नवरात्रि में सप्तमी तिथि से कन्या पूजन का दौर शुरू हो जाता है। अष्टमी और नवमी तिथि पर कुंवारी कन्याओं को नौ देवी का रूप मानकर उनका स्वागत-सत्कार किया जाता है। नवरात्र में कुंवारी कन्याओं के भोजन कराने से पुण्य और कल्याण की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर मुंगेली विधायक पुन्नूलाल मोहले, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

हाथी की मौत के मामले में 6 संदेहियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू

 बिलासपुर / मुंगेली।  TODAY छत्तीसगढ़  /  वन परिक्षेत्र खुड़िया के भूतकछार सर्किल के सरगढ़ी के जंगल में हाथी के मौत के मामले में जांच अधिकारियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। खोजी कुत्ता की मदद से प्रकरण के 6 संदेही को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इसमें पूरी जांच होने के बाद और भी आरोपी पकड़े जायेंगे।            

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"हाथी की मौत की सुक्ष्मता से जांच की जा रही है जांच के लिये डाग स्क्वायड की मदद ली गयी है। कुछ संदेही पकड़ाये है जिनसे पूछताछ की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद सभी आरोपी गिरफ्त में होंगे।"

क्रिस्टोफर कुजूर, वन परिक्षेत्र अधिकारी खुड़िया

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       उल्लेखनीय है कि 24 नवंबर को सरगढ़ी के जंगल में एक हाथी का शव मिला . यह हाथी का शव दो दिन पुराना था 6 हाथियों का दल पंडरिया से एटीआर लौटते समय सरगढ़ी में एक हाथी की मौत हो गयी बाकी हाथी ही एटीआर में पहुंचे हाथी की मौत के बाद पूरा विभाग सकते में आ गया . हाथी के शव पर पीएम कराकर पंचनामा कर घटना स्थल पर ही दफनाकर जांच शुरू की गयी। हाथी के पैर और गले में चोट की निशान के आधार पर करेंट से हाथी की मौत की आशंका जताई गयी क्योंकि इस इलाके में शिकारियों द्वारा वन्य जीवों के शिकार के लिये करेंट बिछाया जाता है . हाथी के मौत के प्रकरण को गंभीरता से लेते हुये डीएफओ सत्यदेव शर्मा ने डाग स्क्वायड बुलाया।  एटीआर का खोजी कुत्ता रिटायर होने की वजह से जंगल सफारी रायपुर से डाग स्क्वायड की टीम आयी, टीम 25 नवंबर की शाम पहुंची रात होने की वजह से 26 नवंबर को सुबह घटना स्थल से जांच शुरू की गयी। इधर वन विभाग के निचले स्तर के कर्मचारियों ने मुखबिरों के माध्यम से ग्रामीणों से पूछताछ कर संदेहियों की पतासाजी की।

 


वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह : सत्यप्रकाश ने तस्वीरों के माध्यम से दिया वन्यजीवन संरक्षण का सन्देश

बिलासपुर /  TODAY छत्तीसगढ़  /  वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के मौके पर वन मंडल मुंगेली द्वारा 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक विभिन्न आयोजन किये गए। निबंध, चित्रकला, पेंटिंग प्रतियोगिता और फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से वन मंडल मुंगेली ने वन्य प्राणियों और वन की महत्ता को बताते हुए नई पीढ़ी ख़ासकर स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों को जागरूक किया। इस ख़ास अवसर पर वन मंडल मुंगेली ने वन्य जीवन पर आधारित तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय परिसर मुंगेली में 8 अक्टूबर से आयोजित की जिसमें वाइल्डलाइफ फोटो जर्नलिस्ट सत्यप्रकाश पांडेय ने 319 तस्वीरों के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य की वन संपदा, वन्य जीवन और जैव विविधता को जीवंत रूप से दिखाने की कोशिश की। 
जिला मुख्यालय मुंगेली में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय परिसर में कलेक्टर अजीत बसंत और डीएफ़ओ रामवतार दुबे के मार्गदर्शन में वन मंडल मुंगेली द्वारा 8 अक्टूबर को एक भव्य फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी का शुभारम्भ जिला पंचायत अध्यक्ष लेखनी सोनू चंद्राकर, हेमेंद्र गोस्वामी, सीसीएफ वाइल्डलाइफ जगदीशन, पुलिस अधीक्षक डी.आर. आंचला, सीईओ जिला पंचायत रोहित व्यास, उप वन मंडलाधिकारी चूड़ामणि सिंह, एसडीओ मुंगेली गणेश यूआर और डीईओ सतीश पांडेय की गरिमामय उपस्थिति में हुआ। तीन दिनों तक चली फोटो प्रदर्शनी में राज्य के वाइल्डलाइफ फोटोजर्नलिस्ट सत्यप्रकाश पांडेय ने 319 तस्वीरों के माध्यम से प्रकृति, वन और वन्यप्राणियों की खूबसूरती को दिखाया। रविवार 10 अक्टूबर की शाम फोटो प्रदर्शनी का औपचारिक समापन हो गया लेकिन इस फोटो प्रदर्शनी ने वन्य जीवन से प्यार करने वाले दर्शकों के दिल पर गहरी छाप छोड़ दी। खासकर स्कूल-कालेज के छात्र-छात्राओं ने फोटो प्रदर्शनी देखकर वाइल्ड लाइफ के प्रति अपनी कई जिज्ञासा और सवालों के उत्तर प्राप्त किये। 
तीन दिन तक चली फोटो प्रदर्शनी में शहर के आवाम के बीच जिले के विभिन्न स्कूलों के करीब 1800 से अधिक बच्चों ने वाइल्डलाइफ को करीब से देखा। इस फोटो प्रद्रशनी में वन मंडल मुंगेली के अधिकारीयों, कर्मचारियों के अलावा बर्ड वॉचर एवं वाईल्ड लाइफ फोटोग्राफर कंचन पांडेय, जिला शिक्षा विभाग का विशेष सहयोग रहा।  

मुंगेली के पूर्व सीएमओ पाटले, नपा अध्यक्ष संतुलाल सहित 6 के खिलाफ FIR दर्ज, कई अफसर सस्पेंड

 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर। 13 लाख रुपये के नाली निर्माण घोटाले में फंसे मुंगेली नगरपालिका परिषद् के अध्यक्ष भाजपा नेता संतूलाल सोनकर, पूर्व सीएमओ विकास पाटले सहित 6 लोगों के खिलाफ आज मुंगेली कोतवाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके साथ ही सीएमओ पाटले सहित इंजीनियर और लेखापाल सस्पेंड कर दिये गये हैं। अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।

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सोनकर व अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। शहर के परमहंस वार्ड में स्वीकृत नाली का निर्माण नहीं होने की शिकायत स्थानीय लोगों ने कलेक्टर अजीत वसंत से की थी। एसडीएम की जांच में मुंगेली के परमहंस वार्ड में होरीलाल शर्मा के घर से गार्डन की बाउण्ड्रीवाल होते हुए स्टेडियम तक 300 मीटर नाली निर्माण कार्य होना नहीं पाया गया।  मेसर्स सोफिया कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर अकलतरा को बिना कार्य कराए 13 लाख 21 हजार 818 रुपए का भुगतान कर दिया गया। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर ने नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव को पत्र लिखकर नगरपालिका के, तत्कालीन सीएमओ और संलिप्त अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।

नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के निर्देश पर आज तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी विकास पाटले, उप अभियंता जोयस तिग्गा, लेखापाल आनंद निषाद तथा सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू को नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में नगर पालिका परिषद मुंगेली अध्यक्ष संतूलाल सोनकर को कारण बताओ नोटिस जारी की गई। निलंबित अधिकारी और कर्मचारियों का निलंबन अवधि में मुख्यालय,कार्यालय संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर रखा गया है। 

ATR को मिला प्रभारी CCF, एस. जगदीशन को मिली जिम्मेदारी

TODAY छत्तीसगढ़  / मुंगेली / अचानकमार टाइगर रिजर्व को पूर्ण प्रभार वाला नया मुख्य वन संरक्षक कब मिलेगा फिलहाल खबर नहीं है लेकिन सीसीएफ अनिल सोनी की मृत्यु के बाद रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए आईएफएस एस.जगदीशन को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एस. जगदीशन को फिलहाल प्रभारी CCF अचानकमार टाइगर रिजर्व बनाया गया है। इसके अलावा उन्हें अचानकमार टाइगर रिजर्व का क्षेत्र संचालक (फील्ड डायरेक्टर) का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। दोनों ही स्थान IFS अधिकारी अनिल सोनी के आकस्मिक निधन के बाद खाली थे। एस. जगदीशन 2005 बैच के भारतीय वनसेवा के अफसर हैं। राज्य सरकार की तरफ से प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में आज शाम आदेश जारी किया है। 

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तेंदुआ के शिकार मामले में दो एसडीओ समेत तीन वन अधिकारी सस्पेंड

TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व में अवैध कटाई और जानवरों के अवैध शिकार का मामला विधानसभा में उठा। इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने तीन अफसरों को निलंबित करने की घोषणा की। 
भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि अचानकमार वन अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का अवैध शिकार हो रहा है। इसके जवाब में वन मंत्री ने कहा कि कोई अवैध शिकार की घटना नहीं हुई है। इस वर्ष अब तक एक ही प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें संलिप्त दोषियों पर कार्रवाई भी की गई है। वन मंत्री ने कहा कि यह मामला गंभीर है इसलिए कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि तीन अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें सहायक संचालक संजय लुथर भी है, उनके दो सहयोगियों को भी निलंबित किया गया है। 
श्री अकबर ने छत्तीसगढ़ में बाघ के शिकार की कोई भी घटना टाइगर रिजर्व में संज्ञान में नहीं आई है। उन्होंने बताया कि रिजर्व में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिकों द्वारा नियमित पेट्रोलिंग की जाती है। यहां 5 वॉच टावर में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा सतत निगरानी की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर रिजर्व में पदस्थ अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई रोकने नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है। इसके लिए वन रक्षकों को रोजाना मॉनिटरिंग के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध कराया गया है। वही कानन जुलाजिकल पार्क में दरियाई घोड़े की मौत के मामले में टी आर जायसवाल निलंबित किया गया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

निर्वाचन तत्काल : 28 शासकीय अधिकारी, कर्मचारी निलंबित

[TODAY छत्तीसगढ़] / छत्तीसगढ़ में तीसरे और अंतिम चरण का कल मतदान होना है लेकिन उससे पहले ही चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने पर कर्मचारियों और अधिकारियों पर निर्वाचन अधिकारी ने गाज गिरा दी है। 
राज्य के मुंगेली जिले में निर्वाचन कार्य में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने 3 पीठासीन सहित 22 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।  लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ड्यूटी लगाई गई थी। कार्य में लापरवाही और समय पर उपस्थित नहीं होने की वजह से कार्रवाई की गई है जिसके बाद रिजर्व कोटे से अल्टरनेट व्यवस्था की गई है।  इसी तरह अंबिकापुर जिले में जिला निर्वाचन अधिकारी ने 6 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। चुनाव प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर यह कार्रवाई की गई है। कारवाही में प्रभावित होने वाले शासकीय कर्मी 17 अप्रैल को चुनाव प्रशिक्षण में बिना बताए अनुपस्थित रहे।  निलंबित कर्मचारियों में 3 सहायक शिक्षक, 1 प्रधानाध्यापक, सहायक ग्रेड 3 सहित ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी शामिल है। 

ATR में ईंट भठ्ठे, वन अफसरों पर संदेह और सवाल

              [TODAY छत्तीसगढ़] /  अचानकमार टाईगर रिजर्व, कभी बिलासपुर जिले का हिस्सा था अब मुंगेली जिले की पहचान है। छत्तीसगढ़ राज्य का यह टाईगर रिजर्व अक्सर चर्चा और सुर्ख़ियों में रहा है। कभी बाघों की संख्या तो कभी रसूखदारों की करतूत, कभी लकड़ी की अवैध कटाई तो कभी अधिकारीयों के जंगल राज के कइयों फ़साने एटीआर को सुर्खियां दिलाते रहें हैं। इन सबके बीच एटीआर आज बर्बादी की कगार पर खड़ा है। वन्य जीवों की जगह पालतू मवेशियों का चारागाह बना एटीआर ना जाने कितने ही तरह के अवैध कार्यों की कारगुजारियों का गवाह है। एटीआर के जिम्मेदार अधिकारियों की बेरुखी कहें या उनकी मिलीभगत, हकीकत दोनों में से एक तो है तभी तो खुले आम टाइगर रिजर्व के भीतर कोर क्षेत्र में इन दिनों ईंट भठ्ठे संचालित हो रहें हैं। रिजर्व फारेस्ट के बीच ईंट बनाने का काम बिंदावल, छपरवा, अचानकमार के अलावा लमनी तक के जंगल में जगह-जगह देखा जा सकता है। आलम और बेखौफियत देखिये की कई जगहों पर सड़क किनारे ही धड़ल्ले से ईंटें बनाई जा रहीं हैं और कर्तव्य पथ पर ईमानदारी और निष्ठा की शपथ लेने वाले नज़र घुमाये उन रास्तों से गुजर जाते हैं। 
ये तस्वीरें अचानकमार टाईगर रिजर्व प्रबंधन के जिम्मेदार अफसरों की कर्तव्यनिष्ठा पर संदेह और सवाल खड़े करने के लिए काफी है। रिजर्व फारेस्ट के कोर क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से ईंट बनाने का काम चल रहा है। एटीआर के ग्राम बिंदावल में सड़क किनारे खुलेआम ग्रामीण ईंटें बना रहें हैं। बात सिर्फ एक गाँव की होती तो भी गनीमत समझिये, टाइगर रिजर्व में सड़क किनारे के अधिकाँश गाँवों में नियम-कायदों को मिटटी में सानकर ईंट का आकार दिया जा रहा है। जानकारों से इस संबंध में जब बात की गई तो उन्होंने एनटीसीए के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए बताया की किसी भी टाइगर रिजर्व में इस तरह के काम, निर्माण और अन्य गतिविधियों को गैर कानूनी माना गया है।
 ऐसा नहीं है की अचानकमार टाईगर रिजर्व में पहली बार किसी तरह का गैर कानूनी काम हो रहा है, सालों बीत गए। जंगल के मूल निवासी धीरे-धीरे जंगल से बेदखल कर दिए गए, कुछ बाहरी लोग सालों पहले एटीआर में आये फिर धीरे-धीरे परिवार बढ़ता गया। दैहान वालों की बढ़ी आबादी और पालतू मवेशियों का चारागाह बना एटीआर कुछ वन अफसरों, कर्मचारियों के मुंह पर दूध, मलाई और घी मलता रहा। आलम अब ये है की एटीआर में खुलेआम जंगलराज देखा जा सकता है। रेंज के कई अफसर मुख्यालय में रहते नहीं, चंद वन कर्मियों के भरोसे अचानकमार टाइगर रिजर्व के जंगल में बाघों की गुर्राहट के किस्से शहरों में सुनाये जा रहें हैं। एटीआर में कइयों बार रेत उत्खनन, मुरुम, मिटटी खनन के दृश्य भी सामने आये हैं जिसकी शिकायत करने पर अधिकारी अक्सर पता लगाने की बात कहकर मामले को दबाते रहें हैं। लकड़ी की अवैध कटाई के सबूत की शायद किसी को दरकार नहीं होनी चाहिए क्यूंकि कुछ साल पहले का एटीआर अब बदला-बदला सा दिखाई पड़ता है। शिकार के मामले अब सामने आ रहें हैं जबकि एटीआर को कुछ अफसरों और रसूखदारों के साथ-साथ सियासतदारों के लिए शिकारगाह के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व में चल रहे ईंट भठ्ठे और अन्य गैर जरूरी मामलों के संबंध में एटीआर के फील्ड डायरेक्टर से बात करनी चाही लेकिन उनसे सम्पर्क नहीं हो सका, चूँकि रिजर्व जंगल खासकर एटीआर में खुलेआम ईंट भठ्ठे के संचालन की तस्वीरें थीं लिहाजा TODAY छत्तीसगढ़  ने एआईजी सेन्ट्रल जोन NTCA हेमंत कामड़ी से बातचीत की और उन्हें पुरे मामले की जानकारी दी गई। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक कारवाही हेतु संबंधित अधिकारी से बातचीत करने की बात कही है। 
ATR का रास्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर फिर खुला  - 
भारत सरकार, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अधिकरण द्वारा वन्य जीव संरक्षण एक्ट 1972 के तहत 24 सितंबर 2015 को अचानकमार टाइगर रिजर्व फारेस्ट के अंदर के मार्ग का यातायात के लिए बंद करने का निर्देश जारी किया था। कलेक्टर सह जिला मजिस्ट्रेट बिलासपुर ने अधिसूचना जारी कर कोटा-अचानकमार-केंवची राजमार्ग 19 जनवरी 2017 को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए पूर्णतः बंद कर दिया। इसके अलावा रिजर्व फारेस्ट के अंदर बसे गांव में रहने वालों को भी पास बनाने के बाद ही आने-जाने का आदेश दिया। मार्ग को बंद करने के खिलाफ पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष धर्मजीत सिंह, सज्जाद खान, अविश कुमार यादव सहित अन्य ने अधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि कोटा-अचानकमार-केंवची मार्ग को बंद करना नागरिकों को संविधान धारा 19 (1) बी के तहत मिले मूलभूत अधिकार का उल्लंघन है। एटीआर के अंदर 24 गांव में रहने वालों को उनके मूलभूत अधिकार से वंचित किया जा रहा है। याचिका पर शासन की ओर से जवाब पेश कर कहा गया कि केंद्र सरकार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अधिकरण ने अचानकमार को नेशनल टाइगर रिजर्व फारेस्ट घोषित किया है। इस मार्ग से प्रतिदिन एक हजार से अधिक गाड़ियां गुजरती थीं। इसके कारण वन्य जीवों का प्राकृतिक रहवास प्रभावित हो रहा है। तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से प्रतिवर्ष कई वन्य जीवों की मौत होती है। वन्य जीवों को संरक्षण देने इस मार्ग को बंद किया गया है। याचिका में जस्टिस संजय के. अग्रवाल के कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि कलेक्टर सह जिला मजिस्ट्रेट को मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 115 के अंतर्गत कोटा-अचानकमार-केंवची राजमार्ग 8 को बंद करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने प्रशासन को इस मार्ग को यातायात के लिए खोलने का आदेश दिया। अब यह मार्ग आमजन के आने-जाने के लिए उपयोग किया जा रहा है। कोटा-अचानकमार-केंवची राजमार्ग 8 को यातायात के लिए खोलने का आदेश 7 मार्च 2018 को दिया गया।
सिंघवी ने NTCA को लिखा पत्र  - 
छत्तीसगढ़ के वन्यजीव जानकार और प्रर्यावरण संरक्षण की दिशा में महती भूमिका निभाने वाले रायपुर निवासी नितिन सिंघवी ने एटीआर का रास्ता पुनः खोले जाने के बाद एनटीसीए के सदस्य सचिव को एक पत्र लिखकर मांग की है की शिवतराई से केंवची [एटीआर] होकर गुजरने वाली सड़क पीडब्लूडी की है जिसके निर्माण, मरम्मत, संधारण या फिर नवीनीकरण के लिए आदेश न करें। पत्र में उन्होंने WL [P] एक्ट 1972 के प्रावधानों का भी उल्लेख किया है। सिंघवी ने NTCA के सदस्य सचिव को यह पत्र कोटा-अचानकमार-केंवची राजमार्ग 8 को यातायात के लिए खोलने का आदेश 7 मार्च 2018 को हाईकोर्ट द्वारा देने के बाद 16 जुलाई 2018 को लिखा गया ।   
कोर एरिया में 19 और बफर एरिया में 5 गांव - 
अचानकमार टाइगर रिजर्व फारेस्ट का कुल क्षेत्रफल 914.017 वर्ग किलो मीटर है। इसमें 626.195 वर्ग किलो मीटर एरिया कोर जोन एवं 287.822 वर्ग किलो मीटर एरिया बफर जोन है। इसमें कोर एरिया में 19 गांव व बफर एरिया में 5 गांव बसे हैं।

करंट लगाकर तेंदुए का शिकार, खाल बरामद

[TODAY छत्तीसगढ़] / खुड़िया रेंज में विस्थापित गांवों के किनारे तेंदुए का शिकार करने का मामला सामने आया है। पूरी घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी खाल व मूंछ को बेचने के फिराक में थे। सूचना मिलते ही एटीआर की एंटी पोचिंग स्क्वायर्ड ने चारों का पीछा कर खाल और मूंछ के साथ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अचानकमार टाइगर रिजर्व से 2009-10 में बोकराकछार, सांभरधसान व बाकल ग्राम का विस्थापन हुआ था। उन्हें खुड़िया रेंज के कारीडोंगरी के बसाया गया। इन्हीं गांव के रहने वाले रामप्रसाद बैगा, रामलाल बैगा व मनहरण और दरवाजा गांव के रामचरण सोनी के पास तेंदुए की खाल होने की सूचना एंटी पोचिंग के प्रभारी संदीप सिंह को मिली थी। साथ ही यह भी पता चला कि खाल को बेचने के लिए ग्राहक खोज रहे हैं। उन्होंने इसकी जानकारी केवल अफसरों को दी और चारों को रंगे हाथों पकड़ने की योजना बताई। इस दौरान एक कर्मचारी को ग्राहक बनाकर चारों से संपर्क करने के लिए कहा गया। आरोपी विभाग के जाल में फंस गए और खाल बेचने के लिए राजी हो गए। टीम को मालूम था कि उन्होंने खाल को कहीं छिपाकर रखा होगा। सौदा होने के बाद गांव के पास ही जगह तय हुई। उनके पहुंचने से पहले घेराबंदी कर दी गई। लेकिन आरोपियों को इसकी भनक लग गई और मौके पर पहुंचने के बाद आरोपी बाइक में भाग निकले लेकिन विभागीय अमले की सूझबूझ से आरोपी ज्यादा दूर तक नहीं भाग सके।  भारी मशक्कत के बाद आखिरकार ईस्ट पंडरिया रेंज के बोटला गांव के नजदीक चारों आरोपियों को पकड़ लिया गया। जांच के दौरान आरोपियों  से तेंदुए की खाल, 26 मूंछ बरामद की गई । आरोपियों ने पूछताछ में  बताया कि उन्होंने तेंदुए का शिकार नया बोकराकछार, सांभरदशान व बाकल के किनारे किया था। इसके लिए बिजली तार बिछाया गया था। करेंट की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई। पकडे गए आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से सभी को  जेल भेज दिया गया है। 


ATR में वन्यप्राणियों के शिकार के लिए बिछाया जाल, 8 गिरफ्तार

[TODAY छत्तीसगढ़] / अचानकमार टाइगर रिजर्व के सुरही परिक्षेत्र में वन्यप्राणियों के शिकार के लिए फैलाये गए जाल में आठ लोग खुद फंस गए हैं। टाइगर रिजर्व के सुरही क्षेत्र में गश्त करते वन कर्मियों की मुस्तैदी के चलते नए साल की पहली ही तारीख को आठ लोग गिरफ्तार किये गए हैं जिनके पास से तीर-धनुघ और तार से बनाया गया जाल बरामद किया गया है। आज बुधवार को आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए न्यायिक रिमांड में लेने का आवेदन वन अफसरों ने न्यायालय में प्रस्तुत किया। वन अफसरों की माने तो पकडे गए आरोपियों से शिकार से संबंधित मामलों की और भी जानकारी जुटाई जा सकती है।
विभागीय सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक़ मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व के सुरही परिक्षेत्र में नियमित गश्त के दौरान एक जनवरी की शाम कक्ष क्रमांक 523 R.F. में एक जगह मोटरसाइकिल क्लच तार और अन्य तरह के तार से बना हुआ जाल जमीन में बिछाया गया है। संरक्षित वन क्षेत्र के कोर इलाके में बिछाये गए जाल को देखकर वन्यप्राणियों के शिकार  हुआ। वनकर्मियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आस-पास में पूछताछ शुरू की। इस दौरान ग्राम सुरही का रहने वाला चन्दर पिता पंचू सिंह बैगा [25वर्ष] संदिग्ध हालत में दिखाई पड़ा, वन कर्मी को देख चन्दर कुछ हड़बड़ाया। चन्दर को पकड़कर वन अफसरों की मौजूदगी में पूछताछ की गई, शुरुवाती दौर में चन्दर  वन्य प्राणियों के शिकार के लिए बिछाए जाल से खुद को अनभिज्ञ बताता रहा। हालांकि सिलसिलेवार हुई पूछताछ में चन्दर बैगा ने शिकार करने के उद्देश्य से जाल बिछाने की बात कबूल करते हुए अपने अन्य आठ साथियों के नाम भी बताये। 
चन्दर के बयान और निशानदेही पर वन अफसरों ने लोरमी थाना क्षेत्र के लक्षमण बैगा, मोटू पिता भुरुवा बैगा, सुकलाल बैगा, रामप्रसाद बैगा, छोटू पिता भुरुवा बैगा, शत्रुघन बैगा और जोहन बैगा को गिरफ्तार कर लिया है। पकडे गए सभी आरोपी लोरमी थाना क्षेत्र के ग्राम सुरही के निवासी हैं। जानकारी के मुताबिक़ रेंज के वन अफसर को इस बात की लगातार खबर मिल रही थी की कुछ ग्रामीण जंगल के भीतर वन्यप्राणियों के शिकार की तलाश में रहते हैं। सुचना पर रेंज अफसर ने सह कर्मियों को मुस्तैद कर रखा था।   


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