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निर्वाचित सभी 90 विधायकों ने पहले ही दिन सदस्यता की शपथ ली

 


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  / छठवीं विधानसभा के लिए निर्वाचित सभी 90 विधायकों ने पहले ही दिन सदस्यता की शपथ ली। ऐसा पहली बार हुआ है। पहले दिन को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जितने भी नवनिर्वाचित विधायक थे उन्हें प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने शपथ दिलवाया। सब ने शपथ ली। साय ने कहा कि कल राज्यपाल का उद्बोधन होगा और उसके बाद एक अनुपूरक बजट प्रस्तुत होगा, क्योंकि 18 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास के अंतर्गत पक्का मकान देना है। 2 साल के धान का बोनस भी देना है, इसलिए अनुपूरक बजट पास करना आवश्यक है। अगले दिन दोनों पर चर्चा होगी। वहीं मंडल विस्तार को लेकर सीएम ने कहा, ज्यादा लंबा इंतजार नहीं होगा, कभी भी मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है। 




शराबबंदी के लिए विपक्ष का अशासकीय संकल्प खारिज, जल्दबाजी में नहीं ले सकते फैसला - कांग्रेस

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / शराबबंदी के लिए विधानसभा में विपक्ष का अशासकीय संकल्प खारिज हो गया। सत्तापक्ष में कहा कि शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं की जा सकती है।  भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने संकल्प लाया, और यह कहा कि एक जनवरी 2022 से हो पूर्ण शराबबंदी हो।

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 सत्तापक्ष ने अशासकीय संकल्प का विरोध किया, और कहा कि शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं की जा सकती है। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटियों की जानकारी दी। शराब बंदी निर्धारित प्रक्रिया के तहत करने की वकालत की। भाजपा के सदस्य शिवरतन शर्मा द्वारा लाए गए अशासकीय संकल्प को लेकर मत विभाजन हुआ। इसमें शराबबंदी के पक्ष में 13 और शराब बंदी के खिलाफ 58 वोट पड़े। 1 जनवरी से शराबबन्दी की मांग वाला अशासकीय संकल्प खारिज हो गया। 

विधानसभा : गोठान समितियों में दल विशेष के लोगों को रखने का आरोप, विपक्ष का वॉकऑउट

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  प्रदेश के चार जिलों में गोबर खरीदी केन्द्रों में गोबर चोरी, और पानी में बहने के मामले पर गुरूवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि चार पंचायतों के  खरीदी केन्द्रों में चोरी, अथवा बहने की शिकायत पर गोठान समितियों से साढ़े चार लाख से अधिक की वसूली हुई है। विपक्षी सदस्यों ने गोठान समितियों में ग्रामसभा की सहमति के बिना दल विशेष के लोगों को रखे जाने का आरोप लगाया है। कृषि मंत्री के इंकार के बाद विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया। 

प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मामला उठाया। उन्होंने नेवरा के मॉडल गोठान का जिक्र करते हुए कहा कि जून माह में  गोबर पानी में बह गया, अथवा चोरी हो गया। श्री कौशिक ने बताया कि वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। कृषि मंत्री ने माना कि बिलासपुर जिले की चार समितियों ने गोबर बहने, अथवा चोरी की जानकारी मिली है, और इस मामले में गोठान समितियों से 4 लाख 60 हजार की वसूली की गई है। 

श्री चौबे ने बताया कि गोबर के रखरखाव की जिम्मेदारी गोठान समितियों की है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि करीब 97 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी हुई है। जिसमें से 8 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, और 2 लाख सुपर वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है। कुल मिलाकर 54 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है। 

कृषि मंत्री ने बताया कि 11 हजार पंचायतों ने गोठान बनाने का लक्ष्य है। इनमें से 8 हजार में गोठान निर्माण हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि 11 सौ गोठान समितियां स्वालंबी हो चुकी है। यानी उन्हें किसी तरह की मदद की जरूरत नहीं है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने गोठान समितियों में सदस्यों के लोगों की नियुक्ति को लेकर जानकारी चाही। इस पर कृषि मंत्री ने बताया कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत गोठान समिति के सदस्यों की नियुक्ति की गई है। 

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उन्होंने कहा कि ग्रामसभा का अनुमोदन भी लिया जाता है। इससे विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। शिवरतन शर्मा, और सौरभ सिंह सहित अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि पंचायतों के अधिकारों का अतिक्रमण किया गया है। ग्राम सभा की अनुमति के बिना नियुक्ति की गई है, और पार्टी विशेष के लोगों को रखा गया है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भी इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल किए। इस पूरे मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया। 

भूमिहीन मजदूरों को 'न्याय' : सरकार ने की 200 करोड़ की व्यवस्था, अब भूमिहीन नाई, धोबी, लुहार को भी मिलेगा 6 हजार रूपये सालाना


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को 2 हजार 485 करोड़ 59 लाख 31 हजार 700 रुपए का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। इस बजट में 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था, भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिए प्रस्तावित न्याय योजना के लिए की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस योजना से भूमिहीन मजदूरों को प्रति परिवार सालाना 6 हजार रुपए मिलेंगे।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमने न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना और अब भूमिहीन किसानाें के लिए न्याय योजना का दायरा लाखों लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा, विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल देश भर में सम्मान पा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया, इस योजना के तहत धोबी, नाई, लुहार, बढ़ई और पुरोहिताई जैसे पारंपरिक काम में लगे भूमिहीनों को भी हर साल 6 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना पर काम चल रहा है। अनुमान है कि इससे प्रदेश के 10-12 लाख से अधिक लोगों को फायदा पहुंचेगा।

मुख्यमंत्री ने नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी की अवधारणा पर उठाए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, नया काम है, हो सकता है कुछ गलतियां हो जाएं। नरवा, गरुवा को पहले अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे थे। लेकिन आज हम 10 हजार गांवों में एक लाख एकड़ जमीन को सुरक्षित कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ इकलौता प्रदेश है जिसके पास 10 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट है। उन्होंने कहा, वे कृषि मंत्री से कहेंगे कि सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद सभी विधायकों को किसी गौठान में ले जाएं। काम दिखाएं, वहां से आने के बाद सुझाव आमंत्रित रहेंगे। -भास्कर 

बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में उठाया छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण, बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिग्या का मामला

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर  / भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आज विधानसभा में  शून्यकाल के दौरान छत्तीसगढ़ में व्यापक पैमाने पर हो रहे धर्मांतरण व बांग्लादेशी घुसपैठियों व रोहिंग्या को बसाने का मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने व उनके दल के द्वारा इस मामले पर स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी गई है। अतः सदन की कार्यवाही रोक कर इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा कराई जाए।

श्री अग्रवाल ने  मामला उठाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण , बांग्लादेशी घुसपैठिए , रोहिंग्या को बसाने के कारण  पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था बिगड़ रही है।  इतना ही नहीं कानून व्यवस्था की स्थिति भी बढ़ रही है ।  बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक ने अपने सभी सबोर्डिनेट को पत्र लिखकर कहा कि बस्तर के सुकमा जिले में धर्मांतरण की गतिविधियों के कारण अव्यवस्था फैल रही है ।  कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है । इसके बारे में सभी अधिकारियों को सजग रहना चाहिए  । और इसके ऊपर में इंटेलिजेंट के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहिए । 

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श्री अग्रवाल ने कहा कि हमारे वनवासी और आदिवासी का धर्मांतरण करवा कर उनकी संस्कृति को समाप्त करने का काम सरकार के संरक्षण में हो रहा है । नया रायपुर में 19 बच्चों को पकड़ा गया इन  19 बच्चों को अवैध रूप से मध्यप्रदेश से लाकर धर्मांतरण के लिए रखा गया ।  रायगढ़ जिले के ग्राम पंचायत जामबहर  में  14 परिवारों के जो अनुसूचित जनजाति के लोग हैं उनको लालच देकर उनका धर्मांतरण मतांतरण करवाने की कोशिश की गई। नई राजधानी मैं एक राजपत्रित अधिकारी के घर में यह मतांतरण  का अवैध काम चल रहा था ।

श्री अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 1000 से  ज्यादा प्रकरण शिकायतें थानों में पड़ी है किसी के ऊपर  कहीं पर भी एफ आई आर दर्ज नहीं की गई है । सरकार के संरक्षण में धर्मांतरण हो रहा है । सरकार के संरक्षण में मेरी विधानसभा क्षेत्र में ढाई साल में 5000 से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए रोहिंग्या आकर उनका प्रमाण पत्र बन रहा है । उनके शपथ पत्र बन रहे हैं । उनको मकान उपलब्ध  कराया  जा रहा है । और यह बहुत अव्यवस्था की स्थिति है ।क्योंकि जहां जहां धर्मांतरण होता है वहां वहां   राष्ट्रांतरण  हो जाता है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि सुकमा के एसपी के पत्र लिखने के बाद सुकमा के एसपी को डराया धमकाया जा रहा है । अगर हमारे प्रशासनिक अधिकारियों को इस प्रकार के काम करने से रोका जाएगा तो हमारी छत्तीसगढ़ की जनजाति संस्कृति समाप्त हो जाएगी अब तो इतना ही नहीं राजनांदगांव  जिले में 7 अपराधियों को पकड़ा गया और वह अपराधी बांग्लादेशी पाए गए। दुर्ग जिले के भिलाई चरोदा नगर निगम के देवबलोदा  में जुलाई माह में 5 परिवारों के 20 सदस्यों का मतांतरण करवाया गया है । श्री बृज मोहन अग्रवाल डॉ रमन सिंह  धरमकौशिक अजय चंद्राकर शिवरतन शर्मा सहित भाजपा विधायकों ने   ने इस मामले पर सदन में स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से चर्चा कराने की मांग की । 

छत्तीसगढ़ विधानसभा : टीएस बाबा पर लगाए गए आरोप वापस लेते हुए वृहस्पत सिंह ने खेद जताया, गृह मंत्री बोले - सिंहदेव पर लगे आरोप निराधार

 TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा में कल से चल रहा गतिरोध आज खत्म होने का आसार है जब सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के विधायक बृहस्पति सिंह ने सदन में इस बात के लिए खेद जताया कि उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के खिलाफ सदन के बाहर एक बयान आवेश में दे दिया था। दूसरी तरफ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सदन में कहा कि टी.एस. सिंहदेव पर लगाए गए आरोप सही नहीं है, वे पूरी तरह असत्य हैं। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपने बंगले से विधानसभा के लिए निकले। 

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इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में तीसरे दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विधानसभा नहीं पहुंचे। उन्हें आज चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण विधेयक सदन में पेश करना था। कार्यवाही शुरू होते ही सिंहदेव के सदन छोड़ देने की बात पर हंगामा हो गया। विपक्ष ने पूछा- क्या मंत्री का इस्तीफा हो गया है। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही अब तक दो बार स्थगित करनी पड़ी है। प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।

सदन की कार्रवाई शुरू होते ही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन छोड़ देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सिंहदेव का सदन में दिया भाषण भी मीडिया में लीक होने पर आपत्ति की। उनका कहना था, सदन की कार्यवाही का प्रसारण नहीं होता, फिर यह भाषण लीक कैसे हो गया। इसकी जांच की जानी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने तीन-चार दिन पहले सदन के बाहर यह बयान दिया था कि टी.एस. सिंहदेव से उनकी जान को खतरा है। कल जब विधानसभा में भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था तो गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक ऐसा जवाब पढ़ा था जिसमें टी.एस. सिंहदेव का कोई जिक्र ही नहीं था, और इसमें सिर्फ थाने में दर्ज रिपोर्ट के हवाले से जवाब दिया गया था। इस जवाब से असंतुष्ट टी.एस. सिंहदेव यह बोलते हुए विधानसभा छोडक़र चले गए थे कि जब तक सरकार के जवाब से उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं होती वे अपने आपको इस सदन में रहने का हकदार नहीं मानते।

सिंहदेव के सदन छोडऩे को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर भारी हंगामा चलते रहा, और विधानसभा भी स्थगित हो गई।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पी.एल. पुनिया तीन दिनों से रायपुर में ही हैं, और उनकी मौजूदगी में ही पार्टी के इतिहास का हाल के बरसों का यह सबसे बड़ा बवाल खड़ा हुआ है। कई बैठकों के सिलसिले के बाद कांग्रेस ने कल रात बृहस्पति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में आज विधानसभा में बृहस्पति सिंह ने यदि किसी को बुरा लगा हो जैसी भाषा में खेद व्यक्त किया है।

सदन छोड़कर चले गए सिंहदेव : 'जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, मैं इस पवित्र सदन में खुद को बैठने लायक नहीं समझता'

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों के बाद मंगलवार को विधानसभा में उस वक्त हलचल मच गई, जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने यह कहते हुए सदन छोड़ दिया, कि मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं। शायद कुछ छिपा है, जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मसले पर शासन से स्पष्ट जवाब न आ जाए, वो इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझते हैं। इसके बाद शोर शराबे, और हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।

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इससे पहले बृहस्पत सिंह, और टीएस सिंहदेव के मसले से परे  गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपने बयान में कहा कि अंबिकापुर में बृहस्पत सिंह के फालो गाड़ी, और गार्ड के साथ घटना हुई थी। दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के जवाब से विपक्षी भाजपा सदस्यों ने आपत्ति की, और कहा कि बृहस्पत सिंह के आरोपों से बवंडर मचा हुआ है, जिस पर गृहमंत्री का जवाब आना चाहिए था। गृहमंत्री का जवाब घटना से अलग है।

बाकी सदस्यों ने भी आपत्ति की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि दोनों सदस्य यहां बैठे हुए हैं। उनसे बात होनी चाहिए। इस घटना को मजाक बना दिया गया है। एक मंत्री पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। बृहस्पत सिंह के सिंहदेव पर आरोप गंभीर है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा 24 तारीख को बृहस्पति सिंह के साथ हुई घटना की जानकारी के बाद मैंने बृहस्पति सिंह और दो दो बार फोन लगाया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। 25 तारीख को मैं रायपुर में ही था विधायक ने मुझे जान के खतरे की जानकारी नहीं दी।

ऐसे में  मुझे तो किसी विधायक ने बताया कि किसी को जान का खतरा है। टी एस  सिंहदेव ने सदन में खड़े होकर कहा, बहुत हो चुका। मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं। शायद कुछ छिपा है जिसे सामने लाने की कोशिश की जा रही है। जब तक इस मामले में सरकार का सही जवाब नहीं आता। तब तक मैं अपने आप को सदन में खड़े होने योग्य नहीं समझता। टी एस सिंहदेव इतना बोल कर अपनी सीट छोड़ कर चले गए। 

विधानसभा के सदस्य ध्यान दें, बिना वैक्सीनेशन नो एंट्री। मानसून सत्र से पहले वैक्सीन जरूर लगवा लें - अध्यक्ष

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रायपुर /  कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने वाले विधायक अब विधानसभा में प्रवेश नहीं कर पाएंगे. वैक्सीन लगवाने के बाद ही विधायकों को मानसून सत्र में शामिल होने की अनुमति मिलेगी. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि मैंने सभी विधायकों से कहा है कि वे वैक्सीन जरूर लगवाएं. जिस विधायक का वैक्सीनेशन नहीं है वह सत्र में प्रवेश नहीं कर पाएगा. सभी वैक्सीन लगवा लें. वैक्सीनेशन के बाद ही विधानसभा में प्रवेश कर पाएंगे. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आगे कहा कि 26 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र प्रारंभ हो रहा है. कोरोना संकट को देखते हुए सत्र के दौरान सावधानियां बरती जाएंगी. तीसरे लहर के भय को देखते हुए इस बार भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करेंगे. 

छत्तीसगढ़ विधानसभा : प्रमुख सचिव गंगराड़े को तीसरी बार मिला 6 महीने का एक्सटेंशन


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 छत्तीसगढ़
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TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने के पहले स्पीकर डाॅ.चरणदास महंत ने प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े के सर्विस एक्सटेंशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। श्री गंगराड़े को छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया है, यह उनका तीसरा एक्सटेंशन होगा। 
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने के ठीक पहले ही आज एक बड़ा फैसला हुआ है. विधानसभा अध्यक्ष  डाॅ.चरणदास महंत ने प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े के सर्विस एक्सटेंशन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. गंगराड़े को छह महीने का एक्सटेंशन दिया गया है. यह उनका तीसरा एक्सटेंशन होगा. विधानसभा संचालन नियमों के तहत स्पीकर के पास प्रमुख सचिव या सचिव को तीन साल तक सेवा वृद्धि देने का अधिकार होता है.
इससे पहले जनवरी 2021 में ही उन्हें छह महीने का एक्सटेंशन दिया था. सदन के संचालन में उनके दीर्घकालीन अनुभव के मद्देनजर स्पीकर ने उन्हें एक बार फिर एक्सटेंशन देने का फैसला लिया है. 28 जून 1958 को जन्में चंद्रशेखर गंगराड़े अक्टूबर 2019 में विधानसभा के प्रमुख सचिव बने थे. 30 दिसंबर 2020 को उनका रिटायरमेंट था, लेकिन तब पहली बार स्पीकर डाॅ.महंत ने उन्हें सर्विस एक्सटेंशन दिया था.

CHHATTISGARH : विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से, शराब-किसान और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों पर विपक्ष उठायेगा सवाल

TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 26 जुलाई से शुरू होने जा रहा है । राज्य सरकार ने आज इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। विधानसभा के प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने बताया कि 30 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र के लिए तैयारियां शुरू की जा रही हैं। मानसून सत्र में 5 बैठकें होंगी। माना जा रहा है कि मानसून सत्र की तारीख तय हो जाने के बाद विपक्ष भी सरकार को घेरने की तैयारियों में जुट जाएगा।

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गत 17 जून को छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। अब राज्य सरकार ने मानसून सत्र को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है, ऐसे में विपक्ष के कटाक्ष और तीखे सवालों से सरकार को दो-दो हाथ करना होगा। हालांकि सत्ता पक्ष अधिकाँश मुद्दों पर पहले भी जवाब देती रही है। सदन में विपक्ष किसान, शराबबंदी, कानून व्यवस्था जैसे ज्वलंत मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। 

                                             

Chhattisgarh : विधानसभा सचिवालय के अपर सचिव मूर्ति का निधन, कोरोना संक्रमण से लड़ रहे थे

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर। छत्तीसगढ़ विधान सभा सचिवालय के अपर सचिव जीएस मूर्ति का शुक्रवार को प्रयागराज के एक निजी चिकित्सालय में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे 60 वर्ष के थे। श्री मूर्ति पिछले कुछ दिनों से कोराना से संक्रमित थे एवं उनका प्रयागराज के निजी चिकित्सालय में इलाज चल रहा था। उनकी बेटी, दामाद एवं उनके छोटे भाई पेशे से चिकित्सक है एवं उनके मार्गदर्शन में उनका वहां उपचार चल रहा था। लम्बे उपचार के बाद भी उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ एवं श्री मूर्ति शुक्रवार की सुबह जीवन की जंग हार गए । 

श्री मूर्ति के निधन पर विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की है। विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराडे ने भी श्री मूर्ति के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। जीएस मूर्ति का कल शनिवार को 5 जून पूर्वान्ह: 11.30 बजे रायपुर के महादेव घाट में अंतिम संस्कार किया जाएगा। आपको बता दें की मध्यप्रदेश से विभाजन के समय श्री मूर्ति छत्तीसगढ़ आये थे।  

                                           

रेंजर संदीप के निलंबन पर वन्यप्राणी प्रेमी भडक़े, सिंघवी बोले - शिकार बढ़ेगा और जंगल की कटाई बढ़ जाएगी


TODAY छत्तीसगढ़  / शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदन में अचानकमार टाइगर रिजर्व में पूर्व में पदस्थ रेंजर संदीप सिंह जिनकी कि ग्रामीणों ने पिटाई की, उठक-बैठक लगवाई उनको तथाकथित रूप से ग्रामीणों को प्रताडि़त करने के आरोप में निलंबित करने के विरुद्ध वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने वन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि इस कार्यवाही से आमजन में उचित सन्देश नहीं गया है।
सिंघवी ने बताया कि वास्तव में रेंजर के हिप ज्वाइंट का ऑपरेशन 2 साल पहले हुआ था परंतु ग्रामीणों द्वारा बंधक बनाए जाने के कारण, मजबूरीवश उन्हें दो महिला कर्मचारियों के साथ  उठक बैठक करना पड़ा। 6 घंटे बंधक बनाए रखने के दौरान उनके हिप ज्वाइंट में मारा गया। गार्ड के गले में चोट पहुंचाई गई। वन विभाग के 3 कर्मचारी अस्पताल में 3 दिन भर्ती रहे एवं रेंजर 7 दिन भर्ती रहे। विधान सभा को बताया कि ग्रामीणों द्वारा रेंजर की उठक बैठक करवाई गई, इसका वीडियो भी उपलब्ध है, इसके बावजूद भी रेंजर को निलंबित किया गया है।
रेंजर को मार्च 2020 में एक तेंदुए को जाल से पकडऩे के फोटो ट्रैप कैमरे में मिले थे जो कि कोर क्रिटिकल हैबिटेट सुरही रेंज के थे। जाल में फंसने एवं चोट लगने के कारण तेंदुए की तीन दिन बाद में कानन पेंडारी जू में मौत हो गई। अप्रैल 2020 में 4 ग्रामीण धनुष तीर के साथ ट्रैप कैमरे में उसी सुरही रेंज में पाए गए। रेंजर ने 12 कर्मचारियों तथा डॉग स्क्वायड के साथ शिकारी गतिविधियों के चलते इलाके के ग्राम निवासखार मैं छापा मारकर व्यापक मात्रा में हथियार, धनुष, तीर, तार जिन पर खून के निशान थे जप्त किए जिसके कारण ग्रामीणों ने रेंजर व कर्मचारियों को बंधक बनाकर पिटाई की। दूसरे दिन जाँच में गई पुलिस जीप पर भी पथराव किया गया।
वन विभाग के रेंजर एवं कर्मचारी जो शिकारियों को पकड़ते हैं, ग्रामीणों से पिटाई खाते हैं, घंटों बंधक रहते हैं, तदोपरांत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती रहते हैं उनमें से एक, रेंजर संदीप सिंह को कर्तव्य पूर्ण करने के कारण निलंबन किए किया गया। इस कार्रवाई से कुछ बचे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी निरुत्साहित हो अकर्मण्य हो जाएंगे तथा वन संरक्षण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति उनके मन में अरुचि उत्पन्न हो जाएगी जो कि हमारे जैसे राज्य जहां पर अवैध कटाई एवं शिकार बढ़ रहा है उस राज्य के हित में नहीं  है। सिंघवी ने मांग  की है कि रेंजर का निलंबन तत्काल वापस लिया जाये एवं जाँच उपरांत ही जो भी पक्ष दोषी हो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रेरणा सिंह बिंद्रा पहले ही घटना का विरोध कर चुकी है-

देश के वन्यजीव संरक्षण में कार्यरत, प्रसिद्ध लेखिका, नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्ड लाइफ की स्टैंडिंग समिति की एव उत्तराखंड वाइल्डलाइफ बोर्ड की पूर्व सदस्य प्रेरणा सिंह ने मई 2020 में मामले का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को अचानकमार के तेंदुए शिकार प्रकरण में कार्यवाही करने की मांग करते हुए पत्र लिखा था कि अपमानित किये गए फ्रंट लाइन स्टाफ के साथ न्याय होना चाहिए। छत्तीसगढ़ की हालत पर वे बहुत दुखी है वहां ना तो टाइगर सेल है ना ही स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स।

हाईकोर्ट विखंडन प्रस्ताव विधानसभा कैसे चला गया नहीं पता- रेणु जोगी

 TODAY छत्तीसगढ़  / [ छत्तीसगढ़ ] छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की तीन खंडपीठ गठित करने का विधान सभा  में अशासकीय संकल्प लाने के बयान का भारी विरोध होने के कोटा विधायक डॉ रेणु जोगी अब इससे पलट गई हैं और कहा है कि ऐसा प्रस्ताव उनकी  जानकारी के बिना उनके कार्यालय  से कैसे चला गया उनको  नहीं मालूम।
छत्तीसगढ जनता कांग्रेस की विधायक डॉ  जोगी के कार्यालय से जारी एक बयान में मीडिया प्रमुख इक़बाल अहमद रिजवी ने कहा था 3 साल पहले डॉ  रमन सिंह के कार्यकाल में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष  टी एस सिंहदेव  ने रायपुर, जगदलपुर और अम्बिकापुर  में हाईकोर्ट  की खंडपीठ स्थापित करने का प्रस्ताव  रखा था जो सर्व सम्मति से पारित  भी हुआ था। लेकिन स्वीकृति के बाद तत्कालीन भाजपा  सरकर ने आगे कोई पहल नहीं की और न ही डेढ़ साल बीत जाने के बाद कांग्रेस सरकार ने कोई कदम उठाया। इसे देखते हुए डॉ  जोगी ने उक्त प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाने के लिये अशासकीय प्रस्ताव विधानसभा के अगले सत्र में लाने के लिये रखा है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
डॉ. जोगी की ओर से यह बयान आने के बाद बिलासपुर के अधिवक्ताओं में रोष फैल गया और उन्होंने इसका विरोध करने और हाईकोर्ट के किसी भी तरह के विखंडन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे दी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट प्रैक्टिसिंग बार एसोसियेशन के पदाधिकारी संदीप दुबे, राजेश केशरवानी, गुरुदेव शरण, सलीम काजी आदि अधिवक्ताओं ने कहा कि डॉ. जोगी बिलासपुर जिले की विधायक होने के बावजूद यहां के हितों के विपरीत ऐसा प्रस्ताव ला रही हैं। अभी तक यहां न्यायाधीशों के स्वीकृत पद ही नहीं भरे गये तथापि हाईकोर्ट का कार्य संतोषजनक है। पूर्व में बस्तर में खंडपीठ की मांग की गई थी जिसे हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ अमान्य कर चुकी है। सरगुजा से हाईकोर्ट की दूरी मात्र पांच घंटे की तथा राजधानी  रायपुर की डेढ़ घंटे की दूरी है। यदि हाईकोर्ट के विभाजन का कोई प्रयास किया गया तो अधिवक्ता इसके विरोध में आंदोलन करेंगे। राज्य निर्माण के समय बिलासपुर की मांग राजधानी की रही है और हाईकोर्ट के लिये सहमति बनी थी।
जिला कांग्रेस कमेटी तथा अन्य अधिवक्ताओं ने भी इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि विधानसभा में ऐसा कोई प्रस्ताव न लायें जिससे लोगों की भावनायें आहत हों। 

शैक्षणिक भ्रमण : वनवासी विद्यार्थियों ने देखी विधानसभा की कार्रवाही

TODAY छत्तीसगढ़  / सोमवार 2 दिसम्बर को वनवासी शिक्षा दूत स्व. श्री प्रभुदत्त खेडा द्वारा स्थापित शाला अभ्यारण शिक्षम समिति छपरवा के विद्यार्थियों ने शैक्षणिक भ्रमण में राज्य विधानसभा का अवलोकन किया।
सुबह ग्राम छपरवा से अपने शिक्षको के साथ रवाना होकर विद्यार्थी बिलासपुर होते हुए रायपुर पहुंचें। स्कूल शिक्षा विभाग के लिये यह गौरव का दिन रहा कि वनवासी शिक्षा दूत प्रभुदत्त खेडा के वर्षों के परिश्रम से जिन बैगा वनवासी बच्चो ने शिक्षा के माध्यम से समाज की मुख्यधारा से जुड़कर अपना स्थान मुक्कमल किया है वे सोमवार को जंगल से निकलकर राज्य की विधानसभा पहुंचें और वहां के संबंध में विस्तार से जानकारियां जुटाईं और सदन की कार्रवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखा ।  स्वर्गीय खेड़ा जी ने हमेशा वनवासी बच्चों और उनके परिजनों को सामाजिक व्यवस्था से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ाने की कोशिशें की। सोमवार को कराया गया शैक्षणिक भ्रमण जिला प्रशासन एवं स्कूल शिक्षा विभाग के सहयोग से हुआ । TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
 वनवासी बैगा बच्चो के साथ सजग टीम के संदीप चोपडे, सहायक संचालक, अजय नाथ परियोजना संचालक, मनोज वैद्य, कोस्तब चटर्जी, रविकांत चारी,संजय बडेरा और श्रीमती स्मिता चोपडे प्राचार्यगण मौजूद रहे ।
ख़ास बात यह रही कि वनवासी बैगा बच्चो के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल,विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसायसिंग, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमर जीत भगत, मुख्य सचिव आर पी मंडल, समेत कई प्रशासनिक अधिकारीयों ने ग्रुप फोटो भी खिंचवाई। 

शीतसत्र : सारकेगुड़ा मुठभेड़ का मुद्दा, जांच रिपोर्ट लीक होने पर विपक्ष का जोरदार हंगामा

 TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आज सारकेगुड़ा मुठभेड़ का मुद्दा गूंजा। विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विपक्ष ने सरकेगुड़ा मुठभेड़ की न्यायिक जांच रिपोर्ट लीक होने का मामला उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने विधानसभा में आने से पहले रिपोर्ट लीक होने को सदन की अवमानना बताया। उन्होंने कहा, सारकेगुड़ा न्यायिक जांच की रिपोर्ट सदस्यों को मीडिया के माध्यम से पढऩे को मिल रही है। इस पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की। विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  
कांग्रेस की ओर से मोहन मरकाम ने सारकेगुड़ा मामले में सामने आई न्यायिक जांच रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकेगुड़ा मुठभेड़ की न्यायिक जांच रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा।
बता दें कि बीजापुर के सारकेगुड़ा में 28 जून 2012 को हुई मुठभेड़ फर्जी थी। सारकेगुड़ा मामले की जांच कर रही आयोग की टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि घटना के दौरान किसी ग्रामीण की तरफ से एक भी गोली नहीं चली। नवंबर के पहले हफ्ते में राज्य सरकार को सौंपी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों की बैठक पर एकतरफा हमला किया। 

कांग्रेस के मंडावी का विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय, निर्विरोध चयन की कोशिश

TODAY छत्तीसगढ़  / भानुप्रतापपुर के कांग्रेस विधायक मनोज मंडावी का निर्विरोध विधानसभा उपाध्यक्ष बनना तय हो गया है। श्री मंडावी ने शनिवार को नामांकन दाखिल किया। विपक्ष ने भी उनका समर्थन किया है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया और विधायक मोहन मरकाम की उपस्थिति में शनिवार को विधायक मनोज मंडावी ने विधानसभा उपाध्यक्ष के पद के लिए नामांकन दाखिल किया। इसके पहले मनोज मंडावी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से उनके कक्ष में जाकर मुलाकात की।
सोमवार को श्री मंडावी के नाम की विधिवत घोषणा की जाएगी। श्री मंडावी ने नामांकन का 9 सेट जमा किया। इनमें एक सेट में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा जनता कांग्रेस के नेता धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा ने भी समर्थन किया है। एक अन्य नामांकन पत्र में बसपा सदस्य केशव चंद्रा व इंदू बंजारे के हस्ताक्षर हैं। कुल मिलाकर सत्ता पक्ष के साथ-साथ पूरे विपक्ष ने मनोज मंडावी का समर्थन किया है।
ऐसे हुई ताजपोशी...
मंडावी के उपाध्यक्ष बनने के बाद बस्तर को और प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गई है। पहले कवासी लखमा को सरकार में मंत्री बनाया गया था। इसके बाद कोंडागांव के विधायक मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपी गई। अब तीन बार के विधायक मनोज को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि मनोज को पहले मंत्री बनाने की चर्चा थी, लेकिन तब अमरजीत भगत को मंत्री बनाया गया। इसके बाद पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया था। तब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोहन मरकाम और मनोज मंडावी, दोनों का इंटरव्यू लिया था।
बाद में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री श्री बघेल की पसंद को महत्व देते हुए मरकाम की नियुक्ति की गई, लेकिन यह भी तय था कि सिंहदेव की राय को भी तवज्जों देते हुए मनोज को देर सबेर अहम जिम्मेदारी दी जाएगी। चर्चा तो यह भी है कि मनोज पहले उपाध्यक्ष बनने के लिए ना नुकुर कर रहे थे। उनकी दिलचस्पी मंत्री पद के लिए ज्यादा थी । मगर अमरजीत मंत्री बन गए, तो उनके  पास कोई अच्छा विकल्प नहीं रह गया था।
 इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे पिक्चर में आए और उन्होंने मनोज को उपाध्यक्ष पद संभालने के लिए तैयार कर लिया। मंडावी शुक्रवार को चौबे के साथ ही विधानसभा गए थे। मनोज ने सिंहदेव से भी चर्चा की। इससे पहले उनकी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात भी हुई थी। मनोज के निर्वाचन की कार्रवाई के लिए संसदीय कार्यमंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से चर्चा की। चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के लिए सहमति बनने के बाद विपक्ष को भी विश्वास में लेने  की योजना बनाई गई। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
श्री चौबे ने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक और अन्य भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल व अजय चंद्राकर से भी बात की। सबकी सहमति मिलने के बाद जनता कांग्रेस के नेता धर्मजीत सिंह और बसपा सदस्य को भी मनोज का समर्थन देने के लिए मनाया। धर्मजीत सिंह तो शनिवार को मनोज मंडावी के नामांकन दाखिले के मौके पर मौजूद थे। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय विकास मंत्री डॉ शिव डहरिया, उद्योगमंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया और सत्यनारायण शर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे। 

हवाई सेवा के लिए बघेल सरकार की सौगात, एयरपोर्ट के उन्नयन, टर्मिनल और रनवे के लिए मिलेगी राशि

TODAY छत्तीसगढ़  /  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर के लिए बड़ी सौगात देते हुए आज विधानसभा में घोषणा की है। जिसमें उन्होने कहा है कि सरकार बिलासपुर हवाई सेवा के विस्तार के लिए 27 करोड़ की राशि देगी, जिसके माध्यम से रनवे विस्तार और भवन निर्माण जैस कार्य किए जाएंगे। इसके पहले जोगी कांग्रेस से विधायक धर्मजीत सिंह द्वारा बिलासपुर में हवाई सेवा के लिए अशासकीय संकल्प पर सदन के सभी सदस्यों ने भाग लिया।
सदन के सभी सदस्यों ने केंद्र से ​हवाई सेवा शुरू करने के लिए अविलंब कार्यवाही करने का अनुरोध किया। सदन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा मैं केंद्रीय उड्डयन मंत्री से मिल कर आपकी माँग रख चुका हूँ, इस मसले पर इस संकल्प का समर्थन करता हूँ,साथ ही एयरपोर्ट के उन्नयन, टर्मिनल और रनवे के लिए 27 करोड़ की राशि सरकार देगी यह घोषणा करता हूँ। इसके पहले जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने अशासकीय संकल्प पेश करते हुए कहा कि बिलासपुर वह संभाग है जो देश के कोयला का पच्चीस प्रतिशत देता है, रेवेन्यू को लेकर भी आँकड़े प्रभावशाली हैं।प्रदेश की न्यायधानी है वहाँ हवाई सेवा चाहिए, हर बार एयरपोर्ट को लेकर तमाम पेंच खड़े किए जाते हैं..यह नहीं होना चाहिए। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
इस दौरान चर्चा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय, तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ने भी भाग लिया। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी मांग की कि बिलासपुर एयरपोर्ट के लिए भी राशि की घोषणा कर दीजिए, हम सहमति देते हैं। मुख्यमंत्री के राशि के ऐलान के बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने इस संकल्प के सर्वसम्मति से पारित होने की घोषणा की।

विधानसभा : धान-खरीद मसले पर बहस, मंत्री बोले केंद्र द्वारा निर्धारित मूल्य पर खरीदेंगे धान, अंतर की राशि देने का निर्धारण कैबिनेट उपसमिति करेगी

TODAY छत्तीसगढ़  /  धान-खरीद मसले पर गुरूवार को विधानसभा में खूब बहस हुई। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 1815 रूपए प्रति क्विंटल पर ही किसानों से धान खरीदी करेगी। बाकी अंतर की राशि देने का निर्धारण कैबिनेट उपसमिति  करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम किसानों को 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल देंगे और इसको कोई रोक नहीं सकता। विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चुटकी ली कि  कब बबा मरही, कब बरा खाबो...। भाजपा सदस्यों ने अंतर की राशि भुगतान की समय सीमा की जानकारी चाही, लेकिन मंत्री के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से वाकऑउट कर गए।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य अरूण वोरा की गैर मौजूदगी में सदस्य धनेन्द्र साहू ने यह मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि खरीफ वर्ष 2019-20 में सहकारी समितियों के जरिए समर्थन मूल्य पर 85 लाख टन धान उपार्जन अनुमानित है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान की समर्थन मूल्य 1815 रूपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड के धान के लिए 1835 रूपए निर्धारित किया गया है।
श्री साहू के पूरक सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्ष-2019-20 के एग्रीमेंट में सेंट्रल पूल से चावल लेने का निर्धारण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई थी। इस बार केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य के साथ शर्त रख दी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी करने की दशा में सेंट्रल पूल से चावल नहीं लिया जाएगा। खाद्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र की हटधर्मिता के कारण समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी नहीं की जा रही है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों को धोखा दे रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जानना चाहा कि अंतर की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? खाद्य मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया है। बजट सत्र के बाद इसको लेकर बैठक होगी। समिति की अनुशंसा के बाद किसानों को अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि छत्तीसगढ़ को छोडक़र किसी भी राज्य में समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी नहीं हो रही है। ऐसे में समिति के दूसरे राज्यों में जाने का औचित्य नहीं है।
श्री कौशिक ने कहा कि सरकार को 25 सौ रूपए क्विंटल पर धान खरीद नहीं कर पाने के लिए माफी मांग लेना चाहिए। खाद्य मंत्री श्री भगत ने कहा कि हम किसानों को 25 सौ रूपए क्विंटल देंगे और इसको कोई नहीं रोक सकता। विपक्षी सदस्यों ने अंतर की राशि भुगतान करने की तारीख की जानकारी चाही। इस पर मंत्री ने अपने कथन को दोहराया। इससे असंतुष्ट विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सदन से वाकऑउट कर दिया। 

विधानसभा : शराब विक्रय से प्राप्त राशि ट्रेजरी में जमा नहीं, प्रकाशित खबरों का ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन द्वारा खंडन, सदन में हंगामा

TODAY छत्तीसगढ़  /  शराब विक्रय से प्राप्त राशि ट्रेजरी में जमा नहीं करने संबंधी प्रकाशित खबरों का ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन द्वारा खंडन करने के मामले पर गुरूवार को विधानसभा में शोर-शराबा हुआ। जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह ने अफसर के खिलाफ विशेषाधिकार की सूचना दी और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन की कार्रवाई का खंडन करना गंभीर विषय है।
प्रश्नकाल के बाद जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि शराब विक्रय से प्राप्त राशि के संबंध में विधानसभा में मामला उठाया था। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रकरण की जांच कराने की बात कही थी, लेकिन इसके खिलाफ ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन के एमडी द्वारा खंडन जारी किया गया। जिसमें अखबार में प्रकाशित खबर को असत्य, भ्रामक बताया गया है। उन्होंने कहा कि यह नई परम्परा की शुरूआत है। विधानसभा सत्र के चलते यह आपत्तिजनक है। श्री सिंह ने कहा कि उन्होंने विशेषाधिकार हनन की सूचना दी है, इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने भी इस पूरे मामले को गंभीर बताया और कहा कि विधानसभा के फैसले के खिलाफ बाहर टिप्पणी करना गलत है। इस मामले में जिम्मेदार अफसर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।  उल्लेखनीय है कि प्रबंध संचालक ने बताया कि राज्य में वर्तमान में फूटकर मदिरा दुकानों का संचालन एवं उनके माध्यम से मदिरा के विक्रय का कार्य छत्तीसगढ़ शासन द्वारा नहीं किया जा रहा है।
यह कार्य छत्तीसगढ़ शासन के पूर्ण स्वामित्व वाली उपक्रम, छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा किया जा रहा है। मदिरा के फुटकर विक्रय से प्राप्त राशि कार्पोरेशन के खाते में जमा होती है तथा कार्पोरेशन द्वारा राज्य शासन को राजस्व जमा किया जाता है। मदिरा के विक्रय की राशि कोषालय में जमा न किए जाने की खबरें तथ्यहीन है।

तेंदुआ के शिकार मामले में दो एसडीओ समेत तीन वन अधिकारी सस्पेंड

TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व में अवैध कटाई और जानवरों के अवैध शिकार का मामला विधानसभा में उठा। इस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने तीन अफसरों को निलंबित करने की घोषणा की। 
भाजपा सदस्य सौरभ सिंह ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिए यह मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि अचानकमार वन अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का अवैध शिकार हो रहा है। इसके जवाब में वन मंत्री ने कहा कि कोई अवैध शिकार की घटना नहीं हुई है। इस वर्ष अब तक एक ही प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें संलिप्त दोषियों पर कार्रवाई भी की गई है। वन मंत्री ने कहा कि यह मामला गंभीर है इसलिए कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि तीन अफसरों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। इनमें सहायक संचालक संजय लुथर भी है, उनके दो सहयोगियों को भी निलंबित किया गया है। 
श्री अकबर ने छत्तीसगढ़ में बाघ के शिकार की कोई भी घटना टाइगर रिजर्व में संज्ञान में नहीं आई है। उन्होंने बताया कि रिजर्व में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी और सुरक्षा श्रमिकों द्वारा नियमित पेट्रोलिंग की जाती है। यहां 5 वॉच टावर में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा सतत निगरानी की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि टाइगर रिजर्व में पदस्थ अधिकारियों द्वारा अवैध कटाई रोकने नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है। इसके लिए वन रक्षकों को रोजाना मॉनिटरिंग के लिए स्मार्टफोन उपलब्ध कराया गया है। वही कानन जुलाजिकल पार्क में दरियाई घोड़े की मौत के मामले में टी आर जायसवाल निलंबित किया गया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 
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