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विधानसभा : गोठान समितियों में दल विशेष के लोगों को रखने का आरोप, विपक्ष का वॉकऑउट

TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर /  प्रदेश के चार जिलों में गोबर खरीदी केन्द्रों में गोबर चोरी, और पानी में बहने के मामले पर गुरूवार को विधानसभा में जमकर बहस हुई। कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि चार पंचायतों के  खरीदी केन्द्रों में चोरी, अथवा बहने की शिकायत पर गोठान समितियों से साढ़े चार लाख से अधिक की वसूली हुई है। विपक्षी सदस्यों ने गोठान समितियों में ग्रामसभा की सहमति के बिना दल विशेष के लोगों को रखे जाने का आरोप लगाया है। कृषि मंत्री के इंकार के बाद विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया। 

प्रश्नकाल में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मामला उठाया। उन्होंने नेवरा के मॉडल गोठान का जिक्र करते हुए कहा कि जून माह में  गोबर पानी में बह गया, अथवा चोरी हो गया। श्री कौशिक ने बताया कि वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी। कृषि मंत्री ने माना कि बिलासपुर जिले की चार समितियों ने गोबर बहने, अथवा चोरी की जानकारी मिली है, और इस मामले में गोठान समितियों से 4 लाख 60 हजार की वसूली की गई है। 

श्री चौबे ने बताया कि गोबर के रखरखाव की जिम्मेदारी गोठान समितियों की है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि करीब 97 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी हुई है। जिसमें से 8 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, और 2 लाख सुपर वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है। कुल मिलाकर 54 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री हुई है। 

कृषि मंत्री ने बताया कि 11 हजार पंचायतों ने गोठान बनाने का लक्ष्य है। इनमें से 8 हजार में गोठान निर्माण हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि 11 सौ गोठान समितियां स्वालंबी हो चुकी है। यानी उन्हें किसी तरह की मदद की जरूरत नहीं है। भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने गोठान समितियों में सदस्यों के लोगों की नियुक्ति को लेकर जानकारी चाही। इस पर कृषि मंत्री ने बताया कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत गोठान समिति के सदस्यों की नियुक्ति की गई है। 

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उन्होंने कहा कि ग्रामसभा का अनुमोदन भी लिया जाता है। इससे विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। शिवरतन शर्मा, और सौरभ सिंह सहित अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि पंचायतों के अधिकारों का अतिक्रमण किया गया है। ग्राम सभा की अनुमति के बिना नियुक्ति की गई है, और पार्टी विशेष के लोगों को रखा गया है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने भी इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल किए। इस पूरे मामले में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्यों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया। 

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