TODAY छत्तीसगढ़ / धान-खरीद मसले पर गुरूवार को विधानसभा में खूब बहस हुई। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य 1815 रूपए प्रति क्विंटल पर ही किसानों से धान खरीदी करेगी। बाकी अंतर की राशि देने का निर्धारण कैबिनेट उपसमिति करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम किसानों को 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल देंगे और इसको कोई रोक नहीं सकता। विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने चुटकी ली कि कब बबा मरही, कब बरा खाबो...। भाजपा सदस्यों ने अंतर की राशि भुगतान की समय सीमा की जानकारी चाही, लेकिन मंत्री के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से वाकऑउट कर गए।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य अरूण वोरा की गैर मौजूदगी में सदस्य धनेन्द्र साहू ने यह मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री ने कहा कि खरीफ वर्ष 2019-20 में सहकारी समितियों के जरिए समर्थन मूल्य पर 85 लाख टन धान उपार्जन अनुमानित है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा धान की समर्थन मूल्य 1815 रूपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड के धान के लिए 1835 रूपए निर्धारित किया गया है।
श्री साहू के पूरक सवाल के जवाब में खाद्य मंत्री ने बताया कि वर्ष-2019-20 के एग्रीमेंट में सेंट्रल पूल से चावल लेने का निर्धारण नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में 80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई थी। इस बार केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य के साथ शर्त रख दी है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी करने की दशा में सेंट्रल पूल से चावल नहीं लिया जाएगा। खाद्य मंत्री ने कहा कि केन्द्र की हटधर्मिता के कारण समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी नहीं की जा रही है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें -
भाजपा सदस्य शिवरतन शर्मा ने कहा कि सरकार किसानों को धोखा दे रही है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जानना चाहा कि अंतर की राशि का भुगतान कब तक कर दिया जाएगा? खाद्य मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया गया है। बजट सत्र के बाद इसको लेकर बैठक होगी। समिति की अनुशंसा के बाद किसानों को अंतर की राशि का भुगतान किया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया और कहा कि छत्तीसगढ़ को छोडक़र किसी भी राज्य में समर्थन मूल्य से अधिक पर धान खरीदी नहीं हो रही है। ऐसे में समिति के दूसरे राज्यों में जाने का औचित्य नहीं है।
श्री कौशिक ने कहा कि सरकार को 25 सौ रूपए क्विंटल पर धान खरीद नहीं कर पाने के लिए माफी मांग लेना चाहिए। खाद्य मंत्री श्री भगत ने कहा कि हम किसानों को 25 सौ रूपए क्विंटल देंगे और इसको कोई नहीं रोक सकता। विपक्षी सदस्यों ने अंतर की राशि भुगतान करने की तारीख की जानकारी चाही। इस पर मंत्री ने अपने कथन को दोहराया। इससे असंतुष्ट विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सदन से वाकऑउट कर दिया।