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सत्तापक्ष ने अशासकीय संकल्प का विरोध किया, और कहा कि शराबबंदी जल्दबाजी में नहीं की जा सकती है। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने शराबबंदी के लिए बनाई गई कमेटियों की जानकारी दी। शराब बंदी निर्धारित प्रक्रिया के तहत करने की वकालत की। भाजपा के सदस्य शिवरतन शर्मा द्वारा लाए गए अशासकीय संकल्प को लेकर मत विभाजन हुआ। इसमें शराबबंदी के पक्ष में 13 और शराब बंदी के खिलाफ 58 वोट पड़े। 1 जनवरी से शराबबन्दी की मांग वाला अशासकीय संकल्प खारिज हो गया।