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इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में तीसरे दिन की कार्यवाही हंगामेदार रही। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विधानसभा नहीं पहुंचे। उन्हें आज चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण विधेयक सदन में पेश करना था। कार्यवाही शुरू होते ही सिंहदेव के सदन छोड़ देने की बात पर हंगामा हो गया। विपक्ष ने पूछा- क्या मंत्री का इस्तीफा हो गया है। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही अब तक दो बार स्थगित करनी पड़ी है। प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन छोड़ देने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सिंहदेव का सदन में दिया भाषण भी मीडिया में लीक होने पर आपत्ति की। उनका कहना था, सदन की कार्यवाही का प्रसारण नहीं होता, फिर यह भाषण लीक कैसे हो गया। इसकी जांच की जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने तीन-चार दिन पहले सदन के बाहर यह बयान दिया था कि टी.एस. सिंहदेव से उनकी जान को खतरा है। कल जब विधानसभा में भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया था तो गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक ऐसा जवाब पढ़ा था जिसमें टी.एस. सिंहदेव का कोई जिक्र ही नहीं था, और इसमें सिर्फ थाने में दर्ज रिपोर्ट के हवाले से जवाब दिया गया था। इस जवाब से असंतुष्ट टी.एस. सिंहदेव यह बोलते हुए विधानसभा छोडक़र चले गए थे कि जब तक सरकार के जवाब से उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं होती वे अपने आपको इस सदन में रहने का हकदार नहीं मानते।
सिंहदेव के सदन छोडऩे को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर भारी हंगामा चलते रहा, और विधानसभा भी स्थगित हो गई।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी महासचिव पी.एल. पुनिया तीन दिनों से रायपुर में ही हैं, और उनकी मौजूदगी में ही पार्टी के इतिहास का हाल के बरसों का यह सबसे बड़ा बवाल खड़ा हुआ है। कई बैठकों के सिलसिले के बाद कांग्रेस ने कल रात बृहस्पति सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके जवाब में आज विधानसभा में बृहस्पति सिंह ने यदि किसी को बुरा लगा हो जैसी भाषा में खेद व्यक्त किया है।