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घोटालेबाज़ VIP : केंद्रीय जेल रायपुर में हवा खा रहे टुटेजा, ढेबर, तिवारी समेत अन्य आरोपी दूसरी जेलों में शिफ्ट


 रायपुर / 
  TODAY छत्तीसगढ़  /  ईडी के आवेदन पर विशेष कोर्ट का आदेश मिलने के बाद आबकारी, कोयला और कस्टम मिलिंग के मामलों में केंद्रीय जेल रायपुर में बंद आरोपियों को प्रदेश की अलग अलग जेलों के लिए आज रवाना कर दिया गया है। सभी को अलग वाहनों में कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार सुबह करीब-करीब पौने 11 बजे केंद्रीय जेल रायपुर से रवाना किया गया। इनमें आबकारी घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को अंबिकापुर जेल, अनिल टुटेजा को कांकेर जेल,  एपी. त्रिपाठी को जगदलपुर जेल में रखने के दिए निर्देश दिए हैं।

इसी तरह से कस्टम मिलिंग के आरोपी मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल और कोयला घोटाले के किंगपिन सरगना सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल ट्रांसफर किया जाएगा। ईडी ने रायपुर जेल में एक साथ रहने पर इन सभी के द्वारा सिंडिकेट चलाने और जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट की शिकायत करते हुये सभी को अलग-अलग जेल में भेजने संबंधी एक आवेदन विशेष कोर्ट में लगाया था। 

1086 बंदी जमानत पर रिहा, 369 बंदियों को विशेष अदालत के फैसले से मिली राहत


 बिलासपुर ।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  जेलों में बंदियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए दो माह तक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद 1455 बंदी रिहा किए गए हैं। इनमें से 1086 बंदियों को जमानत पर रिहा किया गया, जबकि 369 बंदियों को विशेष अदालत के फैसले से राहत मिली है। 

उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सन् 2021 की एक क्रिमिनल रिट पिटिशन पर इस संबंध में आदेश दिया है। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली का भी निर्देश है कि जेलों में बंदियों की भीड़ कम करने के लिए प्रयास किये जाएं। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी की निगरानी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में अण्डर ट्रायल रिव्यू कमेटी गठित की गई है। जिलों में कमेटियों ने निरन्तर बैठक ली। इस विशेष अभियान के तहत छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों में निरुद्ध पात्र बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें रिहा करने की कार्रवाई की गई है।

इस तारतम्य में 18 सितम्बर से 20 नवम्बर तक एक विशेष अभियान चलाया गया। अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की सतत बैठक करते हुए बंदियों को रिहा करने के लिए निर्देश दिया गया। उक्त कमेटी में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश अध्यक्ष एवं संबंधित जिले के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जेलर और सचिव सदस्य हैं। यह समिति बंदियों को जमानत पर रिहा करने की अनुशंसा करती है। उपरोक्त दो माह की अवधि में समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की कुल 114 बैठके आयोजित की गई और पात्र अभिरक्षा के अधीन बंदियों को जमानत पर रिहा किये जाने हेतु अनुशंसित किया गया है, जिसमें उक्त कमेटी के द्वारा कुल 1389 बंदियों को चिन्हांकित कर 1222 बंदियों को जमानत का लाभ देने की अनुशंसा किया गया, जिस पर संबंधित न्यायालयों ने 1086 बंदियों को जमानत का लाभ प्रदान करते हुए उन्हें रिहा किया। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   


फरार काजल पकड़ी गई, अपने ही गुरु का किया था कत्ल

TODAY छत्तीसगढ़  / दुर्ग / केंद्रीय जेल दुर्ग में हत्या के आरोप में विचाराधीन बंदी ट्रांसजेंडर काजल उर्फ शंकर बुद्धे 5 दिन पहले जिला अस्पताल से फरार हो गई थी। पुलिस ने लोकेशन ट्रेस कर उसे महाराष्ट्र के गोंदिया से गिरफ्तार कर लिया है। काजल को 6 जुलाई को तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान 8 जुलाई को काजल शौचालय जाने की बात कहकर भाग निकली थी।

एडिशनल SP संजय ध्रुव ने बताया कि फरार काजल की लगातार तलाश की जा रही थी। गोंदिया में उसके होने की सूचना मिलने पर टीम को वहां भेजा गया और 12 जुलाई को उसे पकड़ लिया। बताया जा रहा है कि काजल अस्पताल से भाग कर इंदिरा मार्केट गई। वहां करीब 2-3 घंटे घूमती रही। उसके बाद शाम 6 बजे रेलवे स्टेशन दुर्ग पहुंची। रात 11 बजे ट्रेन आई तो गोंदिया भाग गई। 

पुलिस के मुताबिक गया नगर निवासी किन्नर सोनू सार्थी उर्फ छाया का शव खाली प्लाट में पड़ा मिला था। जांच में पता चला कि सोनू की शिष्य राजीव नगर निवासी काजल उर्फ शंकर (30) पुत्र गंगाराम बुद्धे ने हत्या की थी। काजल ने गुरू सोनू की हत्या करने के बाद शव को रस्सी से बांधा, चादर लपेटा और बोरे में भरकर 29 सितंबर 2019 को घर से 40 मीटर दूरी पर खाली प्लॉट में छोड़कर घर चला गया। 

माँ के कातिल ने जेल में लगाई फांसी, प्रबंधन सवालों के कटघरे में



TODAY छत्तीसगढ़  / मनेन्द्रगढ़ /  बीस दिन पहले जिस शख्स ने अपनी माँ की हत्या की थी, गुरुवार को उप जेल मनेंद्रगढ़ में उसका शव फांसी के फंदे पर झूलता मिला मनेंद्रगढ़ पुलिस मामले की जांच कर रही है। गुरुवार को उप जेल मनेंद्रगढ़ में चिरमिरी थानांतर्गत मोहन कॉलोनी निवासी विचाराधीन बंदी 33 वर्षीय राम कुमार कुर्मी का शव जेल के अंदर शौचालय में गमछे से फांसी के फंदे पर झूलता पाया गया। ज्ञात हो कि घटना दिवस 13 मई को मृतक रामकुमार ने धारदार बसुला से वार कर अपनी माँ पुनी बाई की हत्या कर दी थी। वारदात के बाद उसका कहना था कि उसकी माँ उसे पगला बोलती थी, इसलिए उसने उसकी हत्या की है।

परिजनों के अनुसार मृतक मानसिक रूप से बीमार है। पूर्व में करीब 4-5 वर्षों तक उसका रांची (झारखंड) में इलाज भी हुआ है, लेकिन परिजनों के पास उसके इलाज से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं होने की वजह से आरोपी रामकुमार माँ की हत्या के जुर्म में 13 मई से मनेंद्रगढ़ उप जेल में विचाराधीन बंदी के रूप में निरुद्ध था। गुरुवार की सुबह 8 बजे जेल में बंदियों को नास्ता दिया जा रहा था, उसी दौरान बैरक नं. 5 के पीछे टायलेट में बंदी रामकुमार का शव गमछे से फांसी के फंदे पर झूलता पाया गया।

जानकारी मिलने पर जेलर एके शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर शव का मुआयना किया और उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना दी। जानकारी मिलते ही एसडीएम नयनतारा सिंह तोमर, एसडीओपी कर्ण कुमार उके और मनेंद्रगढ़ थाना प्रभारी सचिन सिंह भी मौके पर पहुंचे। एसडीएम की मौजूदगी में शव का पंचनामा कराकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।

                                          

                                          
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