TODAY छत्तीसगढ़ / रायपुर / कोरोना काल में कई शारीरिक-वैचारिक हमलों से जूझ रहे डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की छत्तीसगढ़ इकाई ने मंगलवार को राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र सौंपा। इसमें डॉक्टरों ने कोरोना काल के दौरान की गई सेवाओं और उन पर हुए हमलों का जिक्र किया है। डॉक्टरों ने लिखा है, “एक अस्वस्थ समाज एक अस्वस्थ देश का निर्माण करता है। यह भविष्य के लिए घातक है।”
प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में डॉक्टरों ने कहा, "कोरोना महामारी के दौरान अपने सक्रिय योगदान के बावजूद हम सभी चिकित्सक बहुत दुखी और पीड़ा ग्रस्त हैं। पिछले दिनों देश में बहुत से चिकित्सकों तथा चिकित्सा कर्मियों के ऊपर हिंसक आक्रमण किए गए। बहुतों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बहुत से युवा चिकित्सकों, महिला चिकित्सकों, यहां तक की बहुत से पुराने अनुभवी चिकित्सकों के ऊपर भी आक्रमण हुए। इस तरह का व्यवहार वास्तव में अत्यधिक मानसिक आघात पहुंचा रहा है। सभी कुछ भूलकर समर्पित भाव से कार्य करते हुए बहुत से लोगों की जान बचाने के बावजूद इन हिंसक आक्रमणों में कई युवा चिकित्सकों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसका असर अन्य चिकित्सकों और उनके परिवारों पर भी हुआ। बहुत से परिवारों में चिकित्सक पति पत्नी दोनों का देहांत हो गया और उनके बच्चे अनाथ हो गए। संभव है कि भविष्य में जान जोखिम में डालकर काम करने की बजाय युवा, चिकित्सा क्षेत्र में आना ही ना चाहें और समाज में योग्य चिकित्सकों की कमी हो जाए। असुरक्षित वातावरण में कार्य करने का एक परिणाम यह भी हो सकता है कि, चिकित्सक आपातकालीन स्थितियों में मरीजों का इलाज करने से स्वयं को अलग रखें। इसका खामियाजा अंततः समाज को ही भुगतना पड़ेगा।
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एक अस्वस्थ समाज एक अस्वस्थ देश का निर्माण करता है, जो भविष्य के लिए बहुत घातक है।" राज्यपाल से मिलने जाने वालों में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा, हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन रायपुर के अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल, आइएमए की सचिव डॉ. आशा जैन और हास्पिटल बोर्ड रायपुर के अध्यक्ष डॉ. अनिल जैन शामिल थे।