Slider

Bilaspur: स्वस्थ मृदा से बनेगा स्वस्थ शहर, कृषि विज्ञान केंद्र में विशेषज्ञों की राय


बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / विश्व मृदा स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र, बिलासपुर में ‘स्वस्थ मृदा, स्वस्थ शहर’ थीम पर जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शिल्पा कौशिक ने की। उन्होंने मिट्टी के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव और प्राकृतिक खेती के महत्व पर विशेष जोर दिया।

कार्यक्रम में डॉ. अमित शुक्ला ने मिट्टी की महत्ता और उसके स्वास्थ्य को सुधारने के वैज्ञानिक उपायों की विस्तृत जानकारी दी। श्री जयंत साहू ने किसानों को खेत की मिट्टी की जांच करवाकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी।

केंद्र की वैज्ञानिक डॉ. एकता ताम्रकार ने कहा कि कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी लगातार दूषित हो रही है। जागरूकता की शुरुआत घर, मोहल्ला और फिर शहर स्तर तक ले जाना आवश्यक है, तभी ‘स्वस्थ मृदा, स्वस्थ शहर’ का लक्ष्य पूरा होगा। कृषि विशेषज्ञ श्रीमती हेमकांति बंजारे ने धान की फसल में रोपा की तुलना में कतार बोनी पद्धति को लाभकारी बताया। डॉ. निवेदिता पाठक ने पोषण वाटिका में रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद के प्रयोग को बेहतर विकल्प माना। वहीं डॉ. स्वाति शर्मा ने रासायनिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक कीटनाशकों को अपनाने पर बल दिया।


कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी एवं कर्मचारी — डॉ. शिल्पा कौशिक, डॉ. अमित शुक्ला, श्री जयंत साहू, डॉ. निवेदिता पाठक, श्रीमती सुशीला ओहदार, डॉ. स्वाति शर्मा, श्री इंद्रराम पटेल और राजू कश्यप उपस्थित रहे। कृषि महाविद्यालय, बिलासपुर के छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में किसानों ने भी सहभागिता दर्ज कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com