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सामाजिक समरसता एवं समानता का बाबा जी का संदेश आज के समय में अधिक सार्थक - विष्णुदेव साय

विश्वविद्यालय के विजेता बच्चों को बांटे पुरस्कार, जयंती पर आयोजित ब्लड डोनेशन कैम्प का किया शुभारंभ


 बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज बिलासपुर के गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित बाबा घासीदास जी की जयंती समारोह एवं कुल उत्सव में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा जी का सामाजिक समरसता एवं समानता का संदेश आज अधिक प्रासंगिक एवं सार्थक है। उनके उपदेश का असर है कि छत्तीसगढ़ में सामाजिक समरसता बनी हुई है। बाबा जी के बताये रास्ते पर चलकर छत्तीसगढ़ सरकार सामाजिक समरसता को और समृद्ध करने का प्रयास करेगी।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति श्री आलोक कुमार चक्रवाल ने की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुलपति द्वारा संपादित किताब ‘गुरू घासीदास सतनाम पंथ के प्रवर्तक’ का विमोचन भी किया। श्री साय ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र -छात्राओं को सम्मानित भी किया। विशेष अतिथि के रूप में समारोह में एटीईक्यू इन्टरनेशन के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेन्टर ,बिल्हा विधायक  धरमलाल कौशिक, बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल,बेलतरा विधायक  सुशांत शुक्ला उपस्थित थे।

घासीदास पर कुलपति द्वारा संपादित पुस्तक का विमोचन

 मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा घासीदास जयंती की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद शैक्षणिक संस्थाओं के अंतर्गत घासीदास विश्वविद्यालय में पहला कार्यक्रम बना है। विशाल स्तर पर जयंती समारोह आयोजित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन को बधाई दी। श्री साय ने कहा कि 18 वीं सदी में देश में सामाजिक भेदभाव एवं छूआछूत की भावना चरम पर थी। समाज में ऊंच-नीच की भावना गहराई लिए थी। ऐसी हालात में बाबा घासीदास जी का अवतरण हुआ। उन्हेांने मनखे-मनखे एक समान का उपदेश देकर सामाजिक समरसता का सूत्रपात किया। हमें गर्व है कि बाबा घासीदास जी के नाम पर पूरे देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाबा के आशीर्वाद एवं जनता के सहयोग से छत्तीसगढ़ को और समृद्ध राज्य बनाएंगे। प्रकृति ने छत्तीसगढ़ की भूमि को उर्वरा बनाया है। खनिज एवं वन ससंाधनों की बहुलता है। छत्तीसगढ़ को देश का नम्बर वन राज्य बनाने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के अन्य प्रकल्पों पर काम के लिए विश्वविद्यालय की सराहना की। मुख्यमंत्री ने जयंती के अवसर पर कॉलेज के एनएसएस ईकाई द्वारा ब्लड डोनेशन कैम्प का शुभारंभ किया। 2 सौ यूनिट ब्लड संकलन का लक्ष्य इस शिविर में रखा गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय में बच्चों के लिए संचालित सस्ते केन्टीन की प्रशंसा की। मात्र 10 रूपये में बच्चों को भरपेट एवं गुणवत्ता पूर्ण भोजन परोसी जाती है। फिलहाल 600 बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने घासीदास विश्वविद्यालय का राजधानी में विस्तार के लिए पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी समारोह को सम्बोधित किया। उन्होंने बाबा जी के संदेश पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 18 लाख आवासहीन परिवारों को मकान देने का निर्णय लिया। ये सब पिछले पांच साल से मकान को लेकर काफी परेशान थे। राज्य सरकार ने मकान देने में काफी सहानुभूति पूर्वक निर्णय लिया है। बाबा जी ने अपने संपूर्ण जीवन काल में सामाजिक समरसता बनाने और विषमता को दूर करने का काम किया। उनको सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम सब उनके बताये रास्ते पर चलकर समृद्व छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे।  कुलपति श्री आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को गर्व है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद वे पहले दौरे पर हमारी शैक्षणिक संस्थान में आये। उन्हांेने कहा कि मनखे-मनखे एक समान का बाबाजी का संदेश अभूतपूर्व है। उनके संदेशों की भावना को हमारे सविधान में भी शामिल किया गया है। जिसके कारण देश आज तरक्की के नये आयाग विकसित कर रहा है। विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल एटीईक्यू इन्टरनेशन के अध्यक्ष डॉ. विलियम पेन्टर ने भी बाबा जी के जीवन संदेश और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया । 

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