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अमित शाह की एंट्री से सुलझेगा सीमा विवाद, मिजोरम पड़ा नरम, असम सीएम के खिलाफ दर्ज FIR वापस लेने को तैयार

TODAY छत्तीसगढ़  /  बीते एक हफ्ते से असम के साथ जारी तनाव के बीच मिजोरम के तेवर थोड़े नरम पड़ते दिख रहे हैं। सीमा पर खूनी संघर्ष के बाद से तनावपूर्ण माहौल के बीच मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने जहां कहा है कि दोनों राज्य अब बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाएंगे तो वहीं उनके मुख्य सचिव ने बताया है कि मिजोरम अब असम के सीएम हिमंत बिस्वा के खिलाफ दायर एफआईआर को भी वापस लेने को तैयार। खुद गृह मंत्री अमित शाह इस मामले को लेकर लगातार सक्रिय दिखे हैं। ऐसे में अब दोनों राज्यों के बीच शांति बहाली की उम्मीदें की जा रही हैं।

मिजोरम के चीफ सेक्रटरी लालननमाविया चुआंगो ने रविवार को बताया कि राज्य सरकार असम चीफ मिनिस्टर के खिलाफ दायर एफआईआर को वापस लेने को राजी है। उन्होंने यह भी बताया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा भी सरमा के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के खिलाफ थे। उन्होंने कहा, 'हमारे मुख्यमंत्री ने भी असम के सीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने को मंजूरी नहीं दी थी। उन्होंने हमें सलाह दी थी कि इस मसले को देखें।'

चुआंगो ने कहा कि वह इस मसले पर संबंधित पुलिस अधिकारियों से बात करेंगे और अगर कोई कानूनी वैधता नहीं मिलती है तो असम के मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर को वापस लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि असम के 6 शीर्ष अधिकारियों और 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लिया जाएगा या नहीं।

दूसरी तरफ, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा के ट्वीट से संकेत मिल रहे हैं कि गृह मंत्री के दखल के बाद दोनों राज्यों के बीच बात बन सकती है। मिजोरम सीएम ने बताया है कि अमित शाह से फोन पर हुई बातचीत के बाद असम के साथ विवाद को वार्ता के जरिए सुलझाया जाएगा। उन्होंने मिजोरम के लोगों से अपील की वे विवाद को आगे बढ़ाने से बचें। सीएम जोरामथांगा ने रविवार को ट्वीट किया, 'केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से फोन पर हुई बातचीत के बाद हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सार्थक वार्ता के जरिए सुलझाने को तैयार हो गए हैं।' इसके बाद दोनों राज्यों के बीच तनाव कम करने के लिए एक बार फिर से नए दौर की वार्ता शुरू हो गई है। - हिंदुस्तान 

बता दें कि असम और मिजोरम के बीच बीते हफ्ते 26 जुलाई को सीमा विवाद इतना बढ़ गया कि गोलीबारी तक हो गई। इसमें असम पुलिस के 6 जवान मारे गए और एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। इतना ही नहीं तनातनी इतनी बढ़ गई कि मिजोरम ने इस वारदात को लेकर दायर की गई अपनी एफआईआर में असम के मुख्यमंत्री और अन्य शीर्ष अधिकारियों तक का नाम दे दिया। मिजोरम के पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) जॉन एन ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ हत्या का प्रयास और आपराधिक साजिश समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। असम पुलिस के 200 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ भी मामले दर्ज किये गए हैं।

दूसरी तरफ असम सरकार ने लोगों को यात्रा परामर्श जारी करके राज्य के लोगों से अशांत परिस्थितियों के मद्देनजर मिजोरम की यात्रा से बचने और वहां काम करने वाले और रहनेवाले राज्य के लोगों से अत्यंत सावधानी बरतने को कहा। किसी भी राज्य सरकार द्वारा जारी किया गया इस तरह का यह शायद पहला परामर्श है।


महिला IPS की 14 साल की बेटी का एसपी गौरव ने किया यौन शोषण, चार्जशीट दायर

  
TODAY छत्तीसगढ़  /  चिरांग । एसपी गौरव उपाध्याय पर यौन शोषण मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। 2012 बैच के IPS अफसर के खिलाफ इस मामले में चार्जशीट दायर कर दी गयी है। अभी गौरव उपाध्याय असम के चिरांग जिले के एसपी हैं। पुलिस अधीक्षक पर आरोप है कि एक सीनियर महिला IPS की 14 साल की बेटी के साथ उन्होंने यौन शोषण किया था।

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14 मई को असम सरकार के गृह (ए) विभाग द्वारा जारी एक आदेश में गौरव उपाध्याय को चिरांग जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में स्थानांतरित और तैनात किया गया था. वह पहले गुवाहाटी में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर तैनात थे. उत्तर प्रदेश के 2012 बैच के आईपीएस अधिकारी उपाध्याय 2019 में कार्बी आंगलोंग पुलिस अधीक्षक थे, तब उन्होंने दिसंबर में लड़की का यौन उत्पीड़न किया था। इस महीने नई सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस अधिकारियों के सामूहिक स्थानांतरण में उन्हें पिछले सप्ताह चिरांग स्थानांतरित कर दिया गया था। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 

मिली जानकारी के अनुसार इस साल 31 मार्च को, भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354A और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था. जांच के बाद चार्जशीट दायर की गई, जिसमें मामले की सुनवाई होना अभी बाकी है. सबूतों से पता चला कि गौरव उपाध्याय इस मामले में शामिल थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता और उसकी मां ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत पिछले साल 3 जनवरी को शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें मामला (संख्या 5/2020) दर्ज किया गया था.  


मोदी ने देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का किया लोकार्पण

(TODAY छत्तीसगढ़ आईएएनएस) / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के निकट मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर पहुंचे और हेलीकॉप्टर से बोगीबील के लिए रवाना हुए। 

धेमाजी व डिब्रूगढ़ को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन करते हुए मोदी व उनका काफिला पुल से गुजरा। पुल के मध्य में रुक कर मोदी ने दोनों तरफ खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। पुल को असम व पूर्वोत्तर भारत के लिए लाइफलाइन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में सुशासन के लक्ष्य का अनुसरण किया है। उन्होंने कहा ऐतिहासिक रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण सुशासन का प्रतीक है। यह पुल इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी का मेल है और इसका विशेष सामरिक महत्व है। उन्होंने कहा कि यह पुल असम व अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम करता है। मोदी ने कहा, यह बड़े पैमाने पर क्षेत्र में जीवन को सहज बनाएगा। यह पुल क्षेत्र के लोगों की पीढ़ियों का सपना था।


प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 60-70 सालों में ब्रह्मपुत्र पर सिर्फ तीन पुल बने जबकि बीते साढ़े चार साल में ही तीन पुल बने हैं। उन्होंने कहा, "अन्य पांच का काम प्रगति पर है। एक बार पूरा हो जाने पर ये सभी पुल ब्रह्मपुत्र के उत्तरी व दक्षिणी तटों के बीच संपर्क को बढ़ा देंगे। इस पुल की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है। इस पुल से असम व अरुणाचल प्रदेश में रह रहे करीब 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है और इससे खासतौर से जवानों के आवागमन में तेजी सुनिश्चित होने से देश की रक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा ने रखी थी। इसका निर्माण कार्य अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान 2002 में शुरू हुआ। यह पुल असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा से करीब 20 किमी दूर स्थित है और ऐसे इसके तेजपुर में कोलिया भोमोरा सेतु के विकल्प के तौर पर कार्य करने की उम्मीद है। 

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