(TODAY छत्तीसगढ़ / आईएएनएस) / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री डिब्रूगढ़ के निकट मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर पहुंचे और हेलीकॉप्टर से बोगीबील के लिए रवाना हुए।
Have a look at these pictures of the Bogibeel Bridge. pic.twitter.com/V3XcfE2uxS— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2018
धेमाजी व डिब्रूगढ़ को जोड़ने वाले पुल का उद्घाटन करते हुए मोदी व उनका काफिला पुल से गुजरा। पुल के मध्य में रुक कर मोदी ने दोनों तरफ खड़े हजारों लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। पुल को असम व पूर्वोत्तर भारत के लिए लाइफलाइन बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने बीते साढ़े चार सालों में सुशासन के लक्ष्य का अनुसरण किया है। उन्होंने कहा ऐतिहासिक रेल-सह-सड़क पुल का लोकार्पण सुशासन का प्रतीक है। यह पुल इंजीनियरिंग व प्रौद्योगिकी का मेल है और इसका विशेष सामरिक महत्व है। उन्होंने कहा कि यह पुल असम व अरुणाचल प्रदेश के बीच की दूरी को कम करता है। मोदी ने कहा, यह बड़े पैमाने पर क्षेत्र में जीवन को सहज बनाएगा। यह पुल क्षेत्र के लोगों की पीढ़ियों का सपना था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 60-70 सालों में ब्रह्मपुत्र पर सिर्फ तीन पुल बने जबकि बीते साढ़े चार साल में ही तीन पुल बने हैं। उन्होंने कहा, "अन्य पांच का काम प्रगति पर है। एक बार पूरा हो जाने पर ये सभी पुल ब्रह्मपुत्र के उत्तरी व दक्षिणी तटों के बीच संपर्क को बढ़ा देंगे। इस पुल की अनुमानित लागत 5,000 करोड़ रुपये है। इस पुल से असम व अरुणाचल प्रदेश में रह रहे करीब 50 लाख लोगों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है और इससे खासतौर से जवानों के आवागमन में तेजी सुनिश्चित होने से देश की रक्षा क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
इस पुल की आधारशिला 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एच.डी.देवेगौड़ा ने रखी थी। इसका निर्माण कार्य अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री रहने के दौरान 2002 में शुरू हुआ। यह पुल असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा से करीब 20 किमी दूर स्थित है और ऐसे इसके तेजपुर में कोलिया भोमोरा सेतु के विकल्प के तौर पर कार्य करने की उम्मीद है।