पुलिस का नशे के कारोबार पर प्रहार, 5.5 किलो गांजा के साथ युवक गिरफ्तार


बिलासपुर | 
TODAY छत्तीसगढ़  / जिले में अवैध मादक पदार्थों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए सिरगिट्टी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गांजा बेचते एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से 5.590 किलो गांजा, जिसकी कीमत करीब 66 हजार रुपये बताई जा रही है, जब्त किया गया है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी तरुण सिंह अर्गल उर्फ रितीक (23) पिता दयाराम सिंह, निवासी चकबतरा, थाना मोहद, जिला भिंड (मध्य प्रदेश), नशा करने वाले युवकों को गांजा बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहा था।

रविवार 14 दिसंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि मरीमाई मंदिर के पास एक युवक काले रंग के पिट्ठू बैग में गांजा रखकर बिक्री कर रहा है। सूचना पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान उसके बैग से गांजा बरामद किया गया। आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 709/2025, धारा 20(बी) एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया और न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

ठगी करने वाला फर्जी बिल्डर पकड़ा गया, व्यापारियों ने की पिटाई


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / फर्जी बिल्डर बनकर शहर के व्यापारियों से लाखों रुपये की ठगी करने वाला कोरबा निवासी उज्ज्वल विश्वास आखिरकार व्यापारियों के हत्थे चढ़ ही गया। आरोपी पर आरोप है कि उसने जिन व्यापारियों को चेक के जरिए भुगतान किया वे सारे चेक बाउंस हो गये। इस तरह के 10 से अधिक व्यापारियों से आरोपी ने करीब 20 लाख रुपये की ठगी की थी।

जानकारी के अनुसार, 2 अगस्त को आरोपी ने जरहाभाठा स्थित दीपक इंटरप्राइजेज से 89,400 रुपये का बिजली सामान खरीदा था। उसने ऑनलाइन भुगतान का भरोसा दिलाया और बाद में HDFC बैंक का चेक दिया, जो खाते में लगाने पर बाउंस हो गया। जब दुकानदारों ने जांच की तो सामने आया कि उज्ज्वल विश्वास पहले भी कई व्यापारियों के साथ इसी तरह की ठगी कर चुका है।

व्यापारियों का आरोप है कि मामले की शिकायत पहले पुलिस से की गई थी, लेकिन समय रहते कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इससे नाराज व्यापारियों ने खुद आरोपी की तलाश शुरू की और व्यापार विहार क्षेत्र में उसे पकड़ लिया।  बताया जा रहा है कि ठगी से आक्रोशित व्यापारियों ने आरोपी की जमकर पिटाई कर दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बाद में पुलिस को सूचना दी गई।

फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी से पूछताछ की जा रही है। साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि उसने शहर में और कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। 

Chhattisgarh: जंगल में मिला बाघ का शव, शिकारी हमले की आशंका


सूरजपुर | 
TODAY छत्तीसगढ़  /जिले के वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र से सटे भैंसामुंडा क्षेत्र के जंगल में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई इस मौत ने वन्यजीव सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पूरे इलाके को घेराबंदी कर सील कर दिया गया। प्रारंभिक जांच में बाघ के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे शिकारी हमले की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल शव का परीक्षण कर पोस्टमार्टम किया गया, पोस्टमार्डम रिपोर्ट से मौत के वास्तविक कारणों का पता चल सके।

मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ वन अधिकारी भी मौके पर पहुंचें । आसपास के जंगल क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है, वहीं स्थानीय ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है, ताकि किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिल सके।

वन मंडल अधिकारी आलोक बाजपेई ने बताया कि यह क्षेत्र सूरजपुर जिले का सरहदी वन इलाका है, जहां संरक्षित वन्यजीवों की विशेष निगरानी की आवश्यकता रहती है। उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी।

छत्तीसगढ़ के गेड़ी नृत्य का अद्भुत प्रदर्शन, यूनेस्को ने सराहा


रायपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ राज्य के बिलासपुर जिले की सांस्कृतिक संस्था ‘लोक श्रृंगार भारती’ के गेड़ी लोक नृत्य दल द्वारा सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) व संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के आमंत्रण पर नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला प्रांगण में गेड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गई।  7 से 13 दिसम्बर तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय समारोह में 180 देशों के प्रतिनिधियों की सहभागिता रहीं। समारोह में बिलासपुर के गेड़ी नर्तक दल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को काफी सराहा गया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस गेडी नर्तक दल को बधाई और शुभकामनाएं दीं है l 

समारोह का ऐतिहासिक क्षण तब आया जब भारत के महापर्व दीपावली को यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की गई। इस उपलब्धि में छत्तीसगढ़ के गेड़ी लोक नृत्य दल की प्रस्तुति को विशेष सराहना मिली गेड़ी नृत्य की भावपूर्ण और साहसिक प्रस्तुति से केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत प्रभावित हुए। उन्होंने “छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया” कहकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। 

मुख्य गायक एवं नृत्य निर्देशक अनिल गढ़ेवाल के कुशल नेतृत्व में गेड़ी नृत्य दल ने अपने सशक्त, ऊर्जावान एवं रोमांचक प्रदर्शन से अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों को रोमांचित कर दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता, विभिन्न राज्यों के कलाकारों सहित 180 देशों के डेलिगेट्स उपस्थित रहे। यूनेस्को के महानिदेशक डॉ. खालिद एन. एनानी सहित 180 देशों के प्रतिनिधियों ने गेड़ी नृत्य दल के साथ स्मृति चित्र लिए 

मुख्य गायक अनिल गढ़ेवाल द्वारा प्रस्तुत “काट ले हरियर बांसे” गीत ने विदेशी प्रतिनिधियों के मन में छत्तीसगढ़ी संस्कृति के प्रति गहरी जिज्ञासा उत्पन्न की। वहीं मुख्य मांदल वादक मोहन डोंगरे द्वारा एक ही स्थान पर घूमते हुए मांदल वादन किया। हारमोनियम वादक सौखी लाल कोसले एवं बांसुरी वादक महेश नवरंग की स्वर लहरियों पर विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधि झूम उठे। गेड़ी नर्तकों प्रभात बंजारे, सूरज खांडे, शुभम भार्गव, लक्ष्मी नारायण माण्डले, फूलचंद ओगरे एवं मनोज माण्डले ने साहसिक करतबों से दर्शकों को रोमांचित किया। विशेष रूप से तब, जब एक गेड़ी पर संतुलन बनाते हुए कलाकारों ने मानवीय संरचनाएं बनाईं, पूरा प्रांगण तालियों से गूंज उठा।

छत्तीसगढ़ की पारंपरिक वेशभूषा, कौड़ियों व चीनी मिट्टी की मालाएं, पटसन वस्त्र, सिकबंध एवं मयूर पंख धारण कर प्रस्तुत भाव नृत्य ने प्रस्तुति को और भी आकर्षक बना दिया। यूनेस्को के महानिदेशक डॉ. खालिद एन. एनानी सहित विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने गेड़ी नृत्य दल के साथ स्मृति चित्र लिया व छत्तीसगढ़ राज्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सांस्कृतिक पहचान दिलाने के लिए शुभकामनाएं दी।

पालिघाट के SBI कियोस्क पर शुरू हुआ आईरिस स्कैनर, बुजुर्गों और ग्रामीणों को बड़ी राहत


पालिघाट, करमागढ़ |
 TODAY छत्तीसगढ़  /ग्रामीण अंचल में बैंकिंग सेवाओं को और सुगम बनाने की दिशा में एक अहम पहल करते हुए पालिघाट, करमागढ़ स्थित SBI ग्राहक सेवा केंद्र (कियोस्क) पर अब आईरिस स्कैनर सुविधा शुरू कर दी गई है। इस सुविधा से खाताधारकों की पहचान आंखों की पुतलियों के जरिए की जा रही है, जिससे खासकर बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को बड़ी राहत मिली है।

अब तक फिंगरप्रिंट न मिल पाने के कारण कई बुजुर्ग और मेहनतकश लोग बैंकिंग सेवाओं से वंचित रह जाते थे। नकद निकासी या अन्य कामों के लिए उन्हें दूर बैंक शाखाओं तक जाना पड़ता था। नई आईरिस स्कैनर सुविधा शुरू होने से अब यह परेशानी खत्म हो गई है और लोग अपने गांव में ही आसानी से बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा पा रहे हैं।

इस सुविधा की शुरुआत SBI बैंक मित्र ओम प्रकाश शर्मा की पहल से की गई है। उन्होंने बताया कि आईरिस स्कैनर के जरिए अब नकद निकासी, खाते से जुड़ी जानकारी और अन्य बैंकिंग सेवाएं सरलता से उपलब्ध कराई जा रही हैं। इससे महिलाओं, बुजुर्गों और ग्रामीण उपभोक्ताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

ओम प्रकाश शर्मा ने इस पहल में सहयोग के लिए RBO रायगढ़ के बी. एल. पुर्ति, दिलीप सेठी और प्रिया श्रीवास्तव तथा SBI तमनार (JPL) के रविंद्र कुमार और शिखा कुमारी का आभार जताया। ग्रामीणों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से उन्हें सम्मान के साथ, बिना किसी झंझट के बैंकिंग सेवाएं मिल रही हैं। डिजिटल बैंकिंग को गांव तक पहुंचाने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं अपने ही क्षेत्र में मिल सकेंगी।

संगीता बरुआ बनीं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की पहली महिला अध्यक्ष


नई दिल्ली। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (PCI) के हालिया चुनाव में संगीता बरुआ ने अध्यक्ष पद पर शानदार जीत दर्ज की है। इस ऐतिहासिक जीत के साथ वे प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की पहली महिला अध्यक्ष बन गई हैं। उनके पूरे पैनल ने भी चुनाव में सफलता हासिल की।

अध्यक्ष पद के लिए संगीता बरुआ को कुल 1019 मत प्राप्त हुए। उपाध्यक्ष पद पर जतिन गांधी ने 1029 मतों के साथ विजय हासिल की, जबकि महासचिव पद पर अफजल इमाम 948 मतों के साथ निर्वाचित हुए। इससे पहले सुनील कुमार (संयुक्त सचिव) और अदिति राजपूत (कोषाध्यक्ष) अपने-अपने पदों पर निर्विरोध चुने जा चुके थे।

भाजपा में बड़ा संगठनात्मक बदलाव: नितिन नवीन बने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष


नई दिल्ली।
  TODAY छत्तीसगढ़  / भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री नितिन नवीन को अपना राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया। यह राज्य से जुड़े एक वरिष्ठ नेता के लिए एक बड़ा संगठनात्मक पदोन्नयन माना जा रहा है। वह भाजपा के सबसे युवा राष्ट्रीय अध्यक्षों में से एक हैं। यह निर्णय भाजपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया और इसकी घोषणा भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से की गई। यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

नितिन नवीन वर्तमान में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में सड़क निर्माण मंत्री हैं और उन्हें भाजपा में एक अनुभवी संगठनात्मक नेता माना जाता है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनके करीबी समन्वय के लिए पहचाने जाने वाले नितिन नवीन ने बिहार में पार्टी के जमीनी संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा के साथ भी व्यापक रूप से काम किया है और युवा कार्यकर्ताओं के बीच संगठनात्मक मजबूती खड़ी करने का श्रेय उन्हें दिया जाता है।

बिहार में अपने कार्य के अलावा, नितिन नवीन ने राज्य प्रभारी के रूप में भी सेवाएँ दी हैं, जिससे उन्हें अपने गृह राज्य से बाहर संगठनात्मक प्रबंधन का अनुभव मिला है। वर्षों के दौरान उन्होंने कई संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाई हैं और एक अनुशासित नेता के रूप में पहचान बनाई है, जिनके पार्टी कार्यकर्ताओं और राज्य नेतृत्व से मजबूत संबंध हैं।

राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, नितिन नवीन की जिम्मेदारी होगी कि वे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व और राज्य इकाइयों के बीच समन्वय स्थापित करें, संगठनात्मक मामलों की देखरेख करें और देशभर में भाजपा की राजनीतिक एवं चुनावी रणनीतियों को लागू करने में सहयोग करें।

उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। जनवरी 2020 में पदभार संभालने वाले नड्डा को 2024 के लोकसभा चुनाव सहित कई अहम राजनीतिक चरणों के दौरान पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कई बार कार्यकाल विस्तार दिया गया था। हालिया संगठनात्मक फेरबदल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में संक्रमण काल का संकेत देता है।

नितिन नवीन कौन हैं?

नितिन नवीन बिहार से भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा हैं। उनका जन्म पटना में हुआ था। वह दिवंगत नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हैं, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक थे। पिता के निधन के बाद उन्होंने सक्रिय चुनावी राजनीति में प्रवेश किया।

नितिन नवीन पांच बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने पहली बार वर्ष 2006 में पटना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। इसके बाद उन्होंने बांकीपुर विधानसभा सीट से 2010, 2015, 2020 और 2025 में लगातार चार बार जीत दर्ज की।

2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा को निर्णायक अंतर से हराया था। हाल के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने बांकीपुर सीट से 51,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। 

कैमरे की कलम: 'फोटो फ्रेम में सत्ता, फुटनोट में जनता'


इन दिनों सोशल मीडिया पर यह तस्वीर कुछ इस तरह वायरल है, जैसे किसी सूबे में बाढ़ आ गई हो और हज़ारों परिवारों से आशियाने छिन गए हों। हालाँकि इस तस्वीर में सिर्फ मुस्कानें हैं - महँगी, सुरक्षित और वातानुकूलित। यह तस्वीर एक शादी समारोह की है। यहां सत्ता और ताक़तवर लोग केंद्र में हैं। दूल्हा है —अमन सिंह (रिटायर्ड आईआरएस ) का बेटा । अमन सिंह, छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह की सरकार में सर्वशक्तिमान मुख्य सचिव रहे। राज्य की राजनीति जिनकी भौंहों की हरकत से दिशा तय करती थी और नौकरशाही जिनसे नज़र मिलाने से पहले कैलेंडर देखती थी। रिटायर हुए तो देश के सबसे ताकतवर पूंजीपतियों में शुमार अडानी समूह से जुड़ गये। यानि सरकारी फाइल से कॉरपोरेट फोल्डर तक की यात्रा, बिना किसी ब्रेकडाउन के।

इतने प्रभावशाली व्यक्ति के बेटे की शादी हो और सरकार बहादुर न पहुँचे — ऐसा सोचना लोकतंत्र के विरुद्ध है। दिल्ली दरबार से लेकर अलग-अलग सूबों के सियासतदान, चाहे सत्ता में हों या विपक्ष में। सब बारात में शरीक हुये। इस महफ़िल में वे पत्रकार भी मौजूद थे जो सत्ता और पूंजी के बीच पुल नहीं — फ्लाईओवर की भूमिका में हैं। ख़ुशनुमा माहौल में कैमरे क्लिक होते रहे, इतिहास सुरक्षित होता रहा और इन सबके बीच सैकड़ों सवाल कहीं बाहर छूट जाते हैं। 

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई यह शाही शादी आज के संदर्भ में इसलिए खास है क्योंकि तस्वीर में जो हँसी है वह छत्तीसगढ़ की हालिया सूरत से सीधा टकराती है। तस्वीर के केंद्र में — गौतम अडानी है। उनके इर्द-गिर्द — छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, दिल्ली दरबार के बड़े नेता राजीव प्रताप रूड़ी, संगठन की कमान से सियासी अखाड़े में तीरंदाजी करने वाले सौदान सिंह, पूर्व सांसद और भाजपा की प्रभावशाली नेत्री सरोज पांडेय के अलावा सत्ता की निरंतरता के अन्य गवाह बैठे हैं।

यह पारिवारिक फोटो नहीं है। यह उस गठजोड़ का सामूहिक चित्र है जो चुनावों से नहीं बदलता। कहावत यूँ ही नहीं बनी — सियासत और पूंजीपतियों का हनीमून कभी खत्म नहीं होता। यह रिश्ता सात फेरों से नहीं, नीतियों, परियोजनाओं और एमओयू से बंधा होता है। यहाँ जनता की भूमिका साफ़ है, वह सिर्फ फोटोग्राफ़र है। वो तस्वीर खींचती है, जो हमेशा फ्रेम से बाहर रहती है। सरकारें बदलती हैं, घोषणापत्र बदलते हैं, नारे बदलते हैं लेकिन निवेशक वही रहते हैं। बस कुर्सी के सामने बैठने वाला चेहरा बदल जाता है।

शादी समारोह में भोजन की मेज पर जमी सत्ता और पूंजी की यह महफ़िल आगे और कितने गुल खिलाएगी यह भविष्य नहीं, बस्तर तय करेगा। फिलहाल तो राज्य के जंगल, खासकर हसदेव इस तस्वीर को देखकर सिहर रहा हैं। छत्तीसगढ़ के जंगल इन दिनों किसी प्राकृतिक आपदा से नहीं, बल्कि तथाकथित विकास पुरुषों की दृष्टि से सबसे अधिक संकट में हैं। फर्क बस इतना है कि इस आपदा को सरकारी फाइलों में “परियोजना”, कॉरपोरेट प्रस्तुतियों में “निवेश” और मीडिया की सुर्खियों में “रोज़गार सृजन” कहा जा रहा है। इनके लिये जंगल अब पेड़ों का समूह नहीं “अवरोध” बन चुके हैं। नदियाँ जीवनदायिनी नहीं बल्कि “अनुपयोगी संसाधन” हैं। आदिवासी समाज संस्कृति नहीं, बल्कि “पुनर्वास की समस्या” है और वन्यजीव ? वे तो विकास के रास्ते में आने वाले आंकड़े भर हैं। 

जिस देश में संविधान ने आदिवासियों को जंगलों का संरक्षक माना, उसी देश में उन्हें अपने ही घर में अवैध घोषित किया जा रहा है। ग्राम सभा की सहमति अब एक औपचारिक मुहर भर है, जिसे परियोजना की गति के अनुसार लगाया या हटाया जा सकता है। विडंबना यह है कि जिन लोगों ने सदियों तक जंगल बचाया, वे आज “वन भूमि पर अतिक्रमणकारी” कहलाते हैं, और जिनका जंगल से रिश्ता सिर्फ मुनाफ़े का है, वे विकास दूत बन गये हैं। 

जब तस्वीरों में सब बहुत सुरक्षित, बहुत खुश और बहुत संतुष्ट दिखें तो समझ लीजिए कहीं न कहीं कोई जंगल कट चुका है, कोई नदी दम तोड़ चुकी है और कोई आदिवासी पुनर्वास के वादे में गायब हो चुका है। यह मुलाक़ात शिष्टाचार की मिसाल भी हो सकती है लेकिन छत्तीसगढ़ के जंगलों, नदियों और ज़मीनों को विकास की रफ्तार में समय से भी तेज़ चलते देखकर मुझे तो डर लगता है। आपका पता नहीं ... 

उप मुख्यमंत्री से मिलीं अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम, राज्य में खेल सुविधाओं के विकास पर हुई चर्चा


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /उप मुख्यमंत्री तथा खेल एवं युवा कल्याण मंत्री अरुण साव से छह बार की बॉक्सिंग विश्व चैंपियन एवं ओलंपिक पदक विजेता, प्रसिद्ध मुक्केबाज एम.सी. मैरी कॉम ने सौजन्य मुलाकात की। श्री साव ने अपने नवा रायपुर स्थित शासकीय निवास कार्यालय में मुलाकात के दौरान उन्हें राज्य में खेलों के विकास और खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मैरी कॉम जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलंपिक-2025 के संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं के शुभारंभ समारोह में शामिल होने छत्तीसगढ़ आई थीं। उन्होंने 11 दिसम्बर को इसमें शामिल होकर खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अभावों और मुश्किलों के बीच अपनी प्रतिभा, मेहनत और दृढ़ संकल्प से विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत का नाम रोशन करने वाली मैरी कॉम की लंबी खेल यात्रा की प्रशंसा की। श्री साव ने कहा कि मैरी कॉम देश का गौरव और प्रेरणा हैं। उनकी उपस्थिति से बस्तर के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने और मेहनत करने की प्रेरणा जरूर मिली होगी। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में शामिल होने छत्तीसगढ़ आने के लिए मैरी कॉम को धन्यवाद दिया। 

मैरी कॉम ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अपने अनुभव साझा करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री साव से छत्तीसगढ़ के युवाओं के खेल में सुधार के लिए हरसंभव मदद की बात कही। उन्होंने बस्तर ओलंपिक के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि दूरस्थ गांवों से पहुंचे युवाओं को देख उनकी पुरानी यादें ताजा हो गईं। बस्तर ओलंपिक वहां के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अच्छा मंच है। उन्होंने आयोजन की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खेलों और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए अच्छा काम कर रही है। आने वाले समय में यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल जरूर जीतेंगे। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किए जाने पर राज्य शासन के प्रति आभार व्यक्त किया। 

#KOPRACALLING: बिलासपुर जिले का कोपरा जलाशय राज्य का पहला रामसर साइट घोषित, भारत ने बढ़ाई पर्यावरणीय ताकत


बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / भारत ने छत्तीसगढ़ के कोपरा जलाशय (बिलासपुर) और राजस्थान की सिलिसेर झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले आर्द्र स्थलों की रामसर सूची में शामिल कर लिया है। इन दो नए स्थलों के जुड़ने से देश में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने ऑफिशियली सोशल हेंडल X पर ट्वीट करके ख़ुशी वक्त करते हुए पक्षी संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताई है साथ ही यह उपलब्धि प्रदेश में इको-टूरिज्म व स्थानीय रोजगार के नए अवसर खोलेगी और वेटलैंड संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता को भी मजबूत करेगी। 

कोपरा जलाशय : छत्तीसगढ़ का नया रामसर स्थल

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में स्थित कोपरा जलाशय (स्थल संख्या 2583) महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बना एक महत्वपूर्ण जलाशय है। मूल रूप से सिंचाई के लिए निर्मित यह क्षेत्र आज आसपास की कृषि भूमि और गांवों का आधार है।

जलाशय के विस्तृत खुले जल क्षेत्र में उथले और पोषक तत्वों से समृद्ध बैकवाटर मौजूद हैं, जो इसे पारिस्थितिकी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं। यहां 60 से अधिक प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो घोंसले बनाने, भोजन और प्रवास के दौरान ठहरने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं।

इनमें संकटग्रस्त greater spotted eagle (Aquila clanga) and the endangered Egyptian vulture (Neophron percnopterus) खासतौर पर उल्लेखनीय हैं। प्राकृतिक सौंदर्य और पक्षी अवलोकन के कारण यह स्थल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। हालांकि, गाद जमाव, आक्रामक प्रजातियों और कृषि विस्तार के कारण यह क्षेत्र खतरे का सामना कर रहा है। संरक्षण उपाय प्रस्तावित हैं, पर प्रबंधन योजना अभी तैयार की जानी है। 



सिलिसेर झील : राजस्थान का महत्वपूर्ण मानव-निर्मित आर्द्र क्षेत्र

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सिलिसेर झील (स्थल संख्या 2581) सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन में बनी एक ऐतिहासिक मानव-निर्मित झील है। अर्ध-शुष्क क्षेत्र में स्थित यह झील आसपास की जैव विविधता के लिए एक प्रमुख जल स्रोत का कार्य करती है।

यहां 149 पक्षी और 17 स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें संकटग्रस्त रिवर टर्न तथा लुप्तप्राय बाघ प्रमुख हैं। यह झील काली सारस की विश्व आबादी के 1% से अधिक को भी सहारा देती है, जो इसे वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण बनाता है।

उन्नीसवीं सदी के मध्य में निर्मित यह झील समय के साथ एक सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान बन चुकी है। सिलिसेर लेक पैलेस से घिरी यह झील स्थानीय समुदाय को लंबे समय से पेयजल उपलब्ध कराती रही है और पर्यटन का प्रमुख आकर्षण भी रही है। मगर बढ़ती कृषि गतिविधियाँ और मानव बस्तियों का विस्तार इसके लिए चुनौती बने हुए हैं। फिलहाल इसके संरक्षण और पुनर्स्थापन की योजना पर काम जारी है।

Bilaspur: ईंट भट्ठे पर बंधक बनाए गए 16 श्रमिकों की सकुशल घर वापसी


बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / साप्ताहिक जनदर्शन में मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को ग्राम सरगवां, मस्तूरी निवासी अमित कुमार मधुकर द्वारा एक गंभीर शिकायत प्रस्तुत की गई। शिकायत में बताया गया कि गांव के 16 श्रमिक (महिला, पुरुष) और दो बच्चे झारखंड के सेमडेगा जिले में स्थित एक ईंट भट्ठे पर बंधक बनाकर अमानवीय परिस्थितियों में काम कराया जा रहा है। श्रमिकों के साथ मारपीट, छेड़छाड़ और जबरन श्रम कराने की जानकारी भी दी गई। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को अत्यंत संवेदनशील मानते हुए तत्काल श्रम विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।


ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस, कानूनी कार्रवाई की तैयारी

श्रम विभाग ने शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए संबंधित लेबर ठेकेदार नीलकंठ अंबेडकर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।
विभाग ने बताया कि आगामी दिनों में मामले को माननीय श्रम न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।


झारखंड प्रशासन से समन्वय, श्रमिकों को मुक्त कराने की पहल

बिलासपुर जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सेमडेगा जिला प्रशासन (झारखंड) से तुरंत संपर्क कर समन्वय स्थापित किया और श्रमिकों को मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की।
प्रशासनिक स्तर पर तेज़ कार्रवाई के बाद श्रमिकों को बंधन से छुड़ाया जा सका।


10 दिसंबर की सुबह सभी श्रमिक सकुशल घर लौटे

प्रशासनिक प्रयासों के परिणामस्वरूप 10 दिसंबर की सुबह, सभी श्रमिक—महिला, पुरुष एवं दो बच्चे—सुरक्षित अपने गांव सरगवां, तहसील मस्तूरी वापस पहुंचे।
घर लौटने पर श्रमिकों और उनके परिजनों ने कलेक्टर, श्रम विभाग और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

बस्तर ओलम्पिक 2025: मुख्यमंत्री ने किया संभागीय प्रतियोगिता का शुभारंभ, खिलाड़ियों में दिखा उत्साह


जगदलपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /बस्तर ओलम्पिक 2025 के अंतर्गत संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ गुरुवार को स्थानीय इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में बड़े उत्साह के साथ हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने परंपरागत तरीके से कार्यक्रम का उद्घाटन किया और बस्तर संभाग के सातों जिलों से पहुंचे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान खिलाड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च-पास्ट ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

“बस्तर ओलम्पिक को युवाओं ने ऐतिहासिक बना दिया”—मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को महत्वपूर्ण बना दिया है। विशेष रूप से नुआ बाट के प्रतिभागियों की उपस्थिति को उन्होंने ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि “बड़ी संख्या में बेटियों और बहनों का हिस्सा लेना महिला सशक्तिकरण का प्रमाण है। सरकार युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और विकास में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को क्रमशः तीन-तीन करोड़ और दो करोड़ रुपये की सम्मान निधि प्रदान की जाएगी।

“बस्तर प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, खेल अवसंरचना को मिलेगा विस्तार”— अरुण साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर प्राकृतिक रूप से समृद्ध है और यहां के युवाओं के विकास हेतु सरकार निरंतर प्रयासरत है। बस्तर ओलम्पिक न केवल खेल प्रतिभाओं को आगे लाने का माध्यम है, बल्कि युवाओं को विकास की धारा से जोड़ने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि खेल में हार भी सीख देती है और बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।

“बस्तर ओलम्पिक सकारात्मक पहल”— विजय शर्मा

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार बस्तर के आंतरिक इलाकों के युवा खिलाड़ियों को अधिक अवसर देकर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।

मैरी कॉम व अन्य गणमान्य उपस्थित

ओलम्पिक ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट एवं पद्मश्री एम.सी. मैरी कॉम ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक विनायक गोयल, विधायक चैतराम अटामी समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

3,500 खिलाड़ी ले रहे हैं हिस्सा

संचालक खेल एवं युवा कल्याण तनुजा सलाम ने बताया कि संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर एवं बस्तर जिले सहित नुआ बाट के करीब 3,500 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इस वर्ष पंजीयन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 3,92,000 से अधिक प्रतिभागी, जिनमें 2,27,000 से अधिक महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह आंकड़ा बस्तर में बदलती सोच और बढ़ती खेल भावना का परिचायक है। कार्यक्रम में माता रूकमणी कन्या आश्रम तथा अन्य विद्यालयों की छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। 

मुख्यमंत्री साय एम्स पहुंचे, साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का हालचाल जाना


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शाम राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे और वहां उपचाररत वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए परिजनों तथा चिकित्सकों से स्थिति की जानकारी ली।

एम्स के चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को चल रहे उपचार और स्वास्थ्य प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों और डॉक्टरों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि उपचार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

गौरतलब है कि विनोद कुमार शुक्ल देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों में से एक हैं और उनके अस्वस्थ होने की जानकारी के बाद साहित्य जगत सहित पूरे प्रदेश में चिंता व्यक्त की जा रही थी।

धीरज हत्याकांड: पुरानी रंजिश के चलते हत्या कर तालाब में फेंका शव, आरोपी कानून की गिरफ्त में


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / जिले के कोटा थाना क्षेत्र स्थित ग्राम घोड़ामार में युवक की नृशंस हत्या कर शव तालाब में फेंके जाने के सनसनीखेज मामले का बिलासपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुरानी रंजिश के चलते की गई इस वारदात में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

थाना कोटा क्षेत्र निवासी धीरज साहू (26 वर्ष) 30 नवंबर की रात भोजन के बाद अपने पोल्ट्री फार्म में सोने गया था, लेकिन अगले दिन लापता मिला। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने गुम इंसान दर्ज कर तलाश शुरू की। 1 दिसंबर को युवक का कोई सुराग नहीं मिला, जबकि 7 दिसंबर को घोड़ामार स्थित बांधा तालाब में एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली। पहचान धीरज साहू के रूप में हुई।

पोस्टमार्टम में हत्या की पुष्टि होने पर थाना कोटा में धारा 103(1), 238 BNS के तहत मामला पंजीबद्ध कर त्वरित विवेचना शुरू की गई। जांच टीम ने मुख्य मार्गों और आसपास के सैकड़ों CCTV फुटेज का सूक्ष्म अवलोकन किया। कई मोबाइल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण के अलावा मृतक के परिजनों, मित्रों और संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जाती रही। पुलिस जांच टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर दो संदेही अनिल साहू और जगन्नाथ उर्फ अंगद साहू को पूछताछ के लिए तलब किया। पुलिस की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने हत्या करना स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि लगभग एक वर्ष पूर्व के विवाद के कारण धीरज से रंजिश थी। 

आरोपियों ने जो कहानी पुलिस को बताई उस लिहाज से 30 नवंबर की रात करीब 11:30 बजे, दोनों आरोपी मोटरसाइकिल (CG 10 BG 1727) से पहुंचे। दोनों ने मोटर पंप निकालने का बहाना बनाकर धीरज को बुलाया। इसके बाद चाकू से हमला कर उसकी हत्या की और शव पर पत्थर बाँधकर तालाब में फेंक दिया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने वारदात में प्रयुक्त चाकू, मृतक के कपड़े और मोबाइल को कोरी डेम में फेंक दिया। 

पुलिस ने दोनों आरोपी (अनिल कुमार साहू और जगन्नाथ उर्फ अंगद साहू) गिरफ्तार कर हथियार और घटना में प्रयुक्त वाहन जब्त जब्त कर लिया है। आज दोनों आरोपियों को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। 

ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में उपयोग होने वाले फर्जी "म्यूल अकाउंट" का सप्लायर गिरफ्तार


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / रेंज साइबर थाना बिलासपुर को बड़ी सफलता मिली है। ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी बैंक अकाउंट (म्यूल अकाउंट) उपलब्ध कराने वाला मुख्य आरोपी दीपक विश्वकर्मा छह महीने से फरार चल रहा था, जिसे पुलिस ने पकड़ लिया है। आरोपी के विरुद्ध रेंज साइबर थाना में दर्ज 05 मामलों में लगातार जांच चल रही थी।
आरोपी दीपक विश्वकर्मा, पिता रामगोपाल विश्वकर्मा, (उम्र 45 वर्ष) रेलवे में कोच अटेंडर का काम कर रहा था और इसी दौरान वह देशभर में अपने साथियों तक म्यूल बैंक खाते पहुंचाता था। पुलिस से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा। पुलिस के मुताबिक़ वो 06 माह से फरार था। 

जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने कई व्यक्तियों से 5000–10000 रुपये कमीशन पर बैंक खाते खुलवाए और इन्हें साइबर अपराधियों तक पहुंचाया। आरोपी ने इन खातों का उपयोग— डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, फर्जी बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च स्कैम का इस्तेमाल किया। आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि पहले उसने अपने नाम से खाते खुलवाए और बाद में लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते भी साइबर फ्रॉड गैंग को उपलब्ध कराए। 

TODAY छत्तीसगढ़ आपसे अनुरोध करता है साइबर ठगों से बचने के लिए 'जागरूक रहें, सतर्क रहें, किसी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी (OTP, पासवर्ड, बैंक डिटेल) किसी से शेयर न करें', क्योंकि बैंक या पुलिस कभी फोन पर ये जानकारी नहीं मांगते; 'डिजिटल अरेस्ट' जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं होती, और किसी भी ऑफर या धमकी भरे मैसेज को तुरंत ब्लॉक करें और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें। 

जमीन को लेकर खूनखराबा, पुलिस ने पूर्व सरपंच के हत्यारों को पकड़ा


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / सकरी थाना क्षेत्र के ग्राम चोरभट्ठीखुर्द में जमीन विवाद के चलते हुई हत्या की गुत्थी को पुलिस ने मात्र 24 घंटे में सुलझाकर बड़ी सफलता हासिल की है। बीती रात ग्राम निवासी मनबोध यादव (48 वर्ष) का खून से लथपथ शव भैराबांधा तालाब के पास बरामद हुआ था, जिसके सामने आते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। 

मृतक के पुत्र मयंक यादव की रिपोर्ट पर सकरी थाना पुलिस ने मर्ग कायम करते हुए अपराध क्रमांक 956/2025, धारा 103 (1), 61 (2) BNS के तहत हत्या का मामला दर्ज किया। पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों और मानवीय सूचना तंत्र का उपयोग करते हुए घटनास्थल के आसपास त्वरित सुराग जुटाए। पुलिस जांच आगे बढ़ी और कुछ ही घंटों में संदेह के आधार पर पुलिस ने गौतमचंद साहू (33 वर्ष), गुलाबचंद साहू (30 वर्ष) और अजय ध्रुव (22 वर्ष) को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। पुलिस की माने तो पूछताछ में आरोपियों ने जमीन विवाद को लेकर मनबोध यादव पर टांगिया से हमला कर हत्या करना स्वीकार कर लिया।  


सकरी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत चोरभट्ठी खुर्द में बुधवार देर रात एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई। गांव के पूर्व सरपंच मनबोध यादव की हत्या कर दी गई। गुरुवार सुबह उनका रक्तरंजित शव चोरभट्ठी कला के पास स्थित तालाब की मेढ़ पर पड़ा मिला, जिसे देखकर ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। तत्पश्चात सूचना पुलिस को दी गई। 

परिजनों के अनुसार मनबोध यादव बुधवार रात लगभग 8 बजे स्कूटी से घर से निकले थे। देर रात तक उनके न लौटने पर परिजनों ने तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। सुबह ग्रामीणों ने तालाब की मेढ़ पर उनका खून से सना शव देखा। शव के सिर और चेहरे पर धारदार हथियार के कई वार पाए गए हैं, जिससे हत्या की पुष्टि हुई।

जांच के दौरान पुलिस को मौके से शराब की खाली बोतलें, डिस्पोजल ग्लास और कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। इनसे यह आशंका गहराई है कि मृतक घटना से पहले कुछ लोगों के साथ बैठे हुए थे और किसी विवाद के बाद उनकी हत्या की गई। मृतक मनबोध यादव की स्कूटी तालाब में पाई गई है। पुलिस का मानना है कि आरोपियों ने हत्या के सबूत मिटाने के उद्देश्य से स्कूटी को पानी में फेंक दिया। 

फॉरेंसिक टीम और सकरी थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से मौके की बारीकी से जांच की है। टीम ने खून के नमूने, मिट्टी, पैरों के निशान, और संभावित हथियार के संकेत जैसे अहम सबूत एकत्र किए हैं। साथ ही मृतक की मोबाइल लोकेशन, कॉल डिटेल, तथा आसपास के CCTV फुटेज की जांच की गई। 

वाहन मालिक से रंजिश, दुर्घटनाग्रस्त बस में आग लगाने वाला खलासी गिरफ्तार


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / पेन्ड्रा–रतनपुर मुख्य मार्ग के बंजारीघाट (केन्दा) में बीते 2 दिसंबर की शाम हुई बस दुर्घटना और उसके बाद बस में लगी आग के मामले में पुलिस ने आरोपी खलासी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

दीप ट्रैवेल्स की बस (क्रमांक CG 10 G 0336) दुर्घटना के बाद घाट में फंसी थी। उसी रात बस में आग लगने की सूचना वाहन मालिक संदीप कुमार साहू ने चौकी बेलगहना, थाना कोटा में दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आगजनी की जांच शुरू की।

जांच के दौरान पता चला कि बस के खलासी शिवा उर्फ शेरप्रताप सिंह (पिता दुर्गविजय सिंह, उम्र 29 वर्ष), निवासी देवकली, थाना मेहनगर, जिला आजमगढ़ (उ.प्र.) ने ही बस में आग लगाई थी। पुलिस के अनुसार वाहन मालिक से रंजिश के चलते आरोपी ने रात के समय अवसर पाकर बस की सीट के फोम में आग लगाई। उस समय बस की सुरक्षा में तैनात उसके साथी गर्म कपड़े लेने गए थे। आगजनी के बाद आरोपी ने अपने साथियों और वाहन मालिक को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बस में आग लगाए जाने की भ्रामक जानकारी दी।

जांच में तथ्य सामने आने पर आरोपी के विरुद्ध धारा 326 (च) तथा 324 (5) BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने विवेचना पूर्ण करते हुए 11 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

Chhattisgarh: मानवता की ऐतिहासिक मिसाल पेश की-शहीद वीर नारायण सिंह ने


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / शहीद वीर नारायण सिंह का 168 वां बलिदान दिवस के अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद एवं पूर्व विभाग अध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला प्रोफेसर (डॉ.) आभा रूपेंद्रपाल ने कहा कि वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों, किसानों और वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हुए एक ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने 1956 के भीषण अकाल के समय गरीबों में अनाज बांटकर मानवता की ऐतिहासिक मिसाल पेश की। इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छत्तीसगढ़) में कल शहीद वीर नारायण सिंह जी का 168 वां बलिदान दिवस मनाया गया, इस अवसर पर विभाग में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

(डॉ.) आभा पाल ने कहा कि अंग्रेजों की गलत नीतियों के कारण जब किसान और उनके बच्चे भूखों मरने लगे तो यह बात वीरनारायण सिंह से सहन नहीं हुई। उन्होंने किसानों को संगठित करके अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया। शहीद वीर नारायण सिंह पर अंग्रेजों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने गोदामो में भरे अनाज को लूटकर अपनी प्रजा में बंटवा दिया था। लेकिन यदि न्याय की बात की जाए तो उन्होंने अकाल के कारण दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे अपनी प्रजा तक उनके अधिकारों को पहुंचाया था। अंग्रेजी हुकूमत ने वीर सपूत नारायण सिंह के इस प्रजाहितैषी कार्य करते हुए  किसानों को संगठित करके अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया। अंततः वे अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए और 10 दिसंबर 1857 को उन्हें रायपुर में फांसी दे दी गई।  

           कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर (डॉ.) आर के ब्रह्मे अध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला ने करते हुए कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह सोनाखान के जमींदार थे। वे चाहते तो अंग्रेजों की जी.हुजूरी करते हुए सुविधापूर्ण और भोग विलास का जीवन जी सकते थेए लेकिन उन्होंने अन्याय के खिलाफ संघर्ष का मार्ग चुना। प्रमुख वक्ता प्रोफेसर रमेंद्र नाथ मिश्र पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह पर अंग्रेजों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने गोदामो में भरे अनाज को लूटकर अपनी प्रजा में बंटवा दिया था। लेकिन यदि न्याय की बात की जाए तो उन्होंने अकाल के कारण दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे अपनी प्रजा तक उनके अधिकारों को पहुंचाया।वीर नारायण सिंह की लड़ाई असमानता के खिलाफ थी, लेकिन अंग्रेजों ने उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया और सजा दी। वीर नारायण सिंह को रायपुर स्थित जय स्तंभ चौक में 10 दिसम्बर को अंग्रेजों द्वारा फाँसी में चढ़ा दिया गया था। उन्हें 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का गौरव प्राप्त है। उनका बलिदान सदियों से संघर्ष, स्वाभिमान और अन्याय के प्रतिकार की प्रेरणा देता आया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) के के अग्रवाल उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद एवं पूर्व प्रोफेसर इतिहास, प्रोफेसर (डॉ.) बी एल सोनकर अध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययन शाला उपस्थिति रहे।

          इस अवसर पर इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के छात्रों द्वारा किए गए खेलकूद गतिविधियों का आयेाजन तथा भाषण प्रतियोगिता, गीत, रंगोली प्रतियोगिता का आयंाजन किया और विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों (डॉ.) डी एन खूटे सह-प्राध्यापक तथा आभार प्रदर्शन (डॉ.) बसों नूरूटि सह-प्राध्यापक, श्रीमती (डॉ.)सीमापाल, (डॉ.)उदय अडाउ, (डॉ.) दिप्ती वर्मा के अलावा शोधार्थी, विभाग के विद्यार्थियों ने वीर नारायण सिंह के योगदान विषय पर परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी गोल्डी राज एक्का ने किया। इस अवसर पर इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के शोधार्थी, छात्र-छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित रहे।

आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, औषधियों का वितरण किया गया


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयुष विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशन में तथा जिला आयुष अधिकारी डॉ. यशपाल सिंह ध्रुव के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। शिविर का संचालन आयुष चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सोनी द्वारा किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में लोग  स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचे।197 लोगों की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच की गई तथा आयुष पद्धति पर आधारित निःशुल्क औषधियों का वितरण किया गया। नागरिकों ने आयुर्वेदिक परामर्श एवं उपचार का लाभ उठाया। शिविर में डॉ. रश्मि श्रीवास द्वारा 91 लोगों की रक्तचाप (बीपी) स्क्रीनिंग तथा 58 लोगों की ब्लड शुगर जांच की गई। जांच के दौरान पाए गए संभावित रोगियों को आगे आवश्यक उपचार एवं सावधानियों की जानकारी दी गई।

निर्ममता की हद: सब्बल से पत्नी की हत्या, आरोपी पति गिरफ्तार


बिलासपुर (कोनी)।
 TODAY छत्तीसगढ़  / लोफदी फोकटपारा इलाके में पत्नी की हत्या कर फरार हुए आरोपी पति को कोनी पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अपनी पत्नी पर चरित्र संदेह करता था, जिसके चलते उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे दिगर राज्य भागने से पहले ही दबोच लिया।

चरित्र शंका बनी हत्या की वजह

मामला 11 दिसंबर 2025 का है। पुलिस को सूचना मिली कि लोफदी फोकटपारा में पुसऊ राम केवट के दामाद जितेंद्र केवट (35) ने अपनी पत्नी संतोषी केवट पर लोहे के सब्बल से वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया। सूचना मिलते ही मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह को दी गई। एसएसपी ने तत्काल आरोपी की खोजबीन कर उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।

पुलिस की तेज कार्रवाई, कुछ घंटों में दबोचा आरोपी

प्रार्थीया कुंती केवट की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्ग और अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेन्द्र जायसवाल के मार्गदर्शन और निरीक्षक भावेश शेंडे के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। पुलिस ने संभावित ठिकानों पर दबिश देना शुरू किया।

इस बीच पता चला कि आरोपी जितेंद्र केवट दिगर राज्य में भागने की फिराक में है। पुलिस टीम ने सक्रियता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और पुलिस अभिरक्षा में ले लिया।

पूछताछ जारी, आगे की कार्रवाई प्रगति पर

आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जिसमें हत्या के पीछे चरित्र संदेह की बात सामने आई है। पुलिस ने बताया कि मामले की आगे की कार्रवाई तेज़ी से की जा रही है और सभी आवश्यक सबूत जुटाए जा रहे हैं।

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