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Chhattisgarh: बीजापुर में सुरक्षाबलों की बड़ी सफलता, 12 नक्सली ढेर; तीन जवान शहीद, दो घायल

सांकेतिक तस्वीर/ TCG NEWS 
बीजापुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत बीजापुर जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की। घने जंगलों में चली भीषण मुठभेड़ में बलों ने 12 माओवादियों को ढेर कर दिया। क्षेत्र में अभी भी सर्च और कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है।

मुठभेड़ के दौरान DRG बीजापुर के प्रधान आरक्षक मोनू वडाड़ी, आरक्षक दुकारू गोंडे और आरक्षक रमेश सोड़ी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए शहादत दी। सरकार ने तीनों वीर जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। इस मुठभेड़ में दो अन्य जवान घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि दोनों खतरे से बाहर हैं और उनका समुचित इलाज कराया जा रहा है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक बस्तर के अंतिम गाँव में शांति, सुरक्षा और विकास का प्रकाश नहीं पहुँचता, अभियान निर्बाध जारी रहेगा। 

सरकार का कहना है कि जवानों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। लगातार मिल रही सफलताएँ यह संकेत देती हैं कि लाल आतंक का अंत अब निकट है। सुरक्षा बल और सरकार “माओवाद के पूर्ण खात्मे” के संकल्प पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।


बस्तर में बड़ी सफलता: 25 लाख के इनामी चैतू सहित 10 माओवादी का आत्मसमर्पण, मुख्यधारा में लौटे


रायपुर/बस्तर।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ में माओवाद समाप्ति की दिशा में राज्य सरकार को एक और बड़ी सफलता मिली है। बस्तर क्षेत्र में वर्षों से सक्रिय रहे कुख्यात माओवादी और 25 लाख के इनामी चैतू उर्फ श्याम दादा ने अपने साथियों सहित आत्मसमर्पण कर दिया है। कुल 10 माओवादी, जिन पर मिलाकर 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था, ने हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया।

समर्पण का आधार बनी सरकार की नई नीतियाँ

राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” और “पूना मारगेम–पुनर्वास से पुनर्जीवन” जैसी मानवीय और दूरदर्शी पहल का बस्तर में गहरा प्रभाव दिखाई दे रहा है। सरकार का कहना है कि इन नीतियों ने क्षेत्र में विश्वास, सुरक्षा और स्थायी शांति का माहौल बनाया है। इसी वजह से माओवादी संगठन के भ्रमजाल में फँसे कई लोग अब लगातार हिंसा छोड़कर विकास की राह चुन रहे हैं।

वरिष्ठ माओवादी भी लौट रहे मुख्यधारा में

आत्मसमर्पण करने वालों में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का वरिष्ठ सदस्य शाम दादा (चैतू) भी शामिल है, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों की तलाश में था। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, यह समर्पण बस्तर में माओवाद के कमजोर होते नेटवर्क का अहम संकेत है।

पुनर्वास व सुरक्षा की गारंटी

सरकार ने स्पष्ट किया है कि समर्पण करने वाले सभी माओवादियों को सुरक्षित, सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन के लिए आवश्यक पुनर्वास सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इनमें आवास, आर्थिक सहायता, कौशल प्रशिक्षण, स्वास्थ्य सुविधा और पुनर्वास अनुदान शामिल है।

बस्तर में स्थायी शांति की दिशा में बढ़ते कदम

पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिससे सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है और विकास कार्यों में तेजी आई है। सरकार का दावा है कि यह उपलब्धि जनता के विश्वास और क्षेत्र में लागू प्रभावी रणनीति का परिणाम है।

हिड़मा के आतंक का हुआ अंत, बस्तर में लौट रहा है शांति का वसंत - मुख्यमंत्री


रायपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़–आंध्र प्रदेश सीमा पर सुरक्षा बलों ने एक बड़े अभियान में नक्सल संगठन के शीर्ष कमांडर और सीसी मेंबर माडवी हिड़मा को मार गिराने का दावा किया है। इस मुठभेड़ में कुल छह नक्सली neutralize किए गए। हिड़मा को बस्तर में नक्सल गतिविधियों का सबसे सक्रिय और खतरनाक चेहरा माना जाता था। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यह अभियान नक्सल विरोधी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण सफलता है। इस बड़ी सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने X पर ट्वीट किया है। 

हिड़मा की मौत को सुरक्षा बलों ने बड़ा ऑपरेशनल अचीवमेंट बताया। हिड़मा पर कई बड़ी वारदातों को अंजाम देने का आरोप था और वह पिछले कई वर्षों से सुरक्षा बलों के रडार पर था। अधिकारियों के अनुसार, उसकी निष्क्रियता से बस्तर क्षेत्र में माओवादी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

पिछले कुछ महीनों में सैकड़ों नक्सलियों के आत्मसमर्पण, कई शीर्ष कैडरों की गिरफ्तारी और कई सफल अभियानों के बाद सुरक्षा बल यह दावा कर रहे हैं कि बस्तर में नक्सल प्रभाव लगातार कमजोर हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार संयुक्त प्रयासों के तहत क्षेत्र में सुरक्षा कैंपों की स्थापना, पुनर्वास नीति और विकास कार्यक्रमों को तेज गति से आगे बढ़ा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि इन कदमों से लोगों का विश्वास बढ़ा है और गांवों में सामान्य गतिविधियाँ तेजी से लौट रही हैं।

2026 तक नक्सल–मुक्त भारत का लक्ष्य

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा रणनीति और लगातार सफल ऑपरेशन्स को देखते हुए 2026 तक देश को पूरी तरह नक्सल–मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।


सीमा पर मुठभेड़: टॉप नक्सली कमांडर हिडमा ढेर, पत्नी भी मारी गई


रायपुर।
आंध्र प्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा के घने जंगलों में मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को मार गिराया। संयुक्त बलों की इस कार्रवाई को पिछले दो दशकों में माओवादी नेटवर्क पर सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। 

दो दशक से सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती था PLGA बटालियन-1 का प्रमुख

मुठभेड़ अल्लूरी जिले (आंध्र प्रदेश) और सुकमा (छत्तीसगढ़) की सीमावर्ती पहाड़ियों में उस समय शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया। जंगल में घेरा बनाते हुए आगे बढ़ रही टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू की, जिसके जवाब में हुई कार्रवाई में हिडमा और उसकी पत्नी ढेर हो गए।

PLGA बटालियन-1 का प्रमुख और करोड़ों का इनामी

मादवी हिडमा लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सबसे कठिन चुनौती रहा है। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर-1 का मुखिया था, और CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य। हिडमा की रणनीतिक योजना और जंगलों में गुरिल्ला युद्ध कौशल ने उसे संगठन का सबसे प्रभावशाली सैन्य कमांडर बना दिया था। उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

दरभा नरसंहार सहित 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड

1981 में सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में जन्मे हिडमा ने कम उम्र में ही माओवादी संगठन ज्वाइन कर लिया था। वह कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से — 2013 का दरभा घाटी नरसंहार, जिसमें कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए, 2017 का सुकमा CRPF हमला, जिसमें 25 जवान शहीद हुए। इसके अलावा उसने कम से कम 26 बड़े हमलों की योजना बना कर उन्हें अंजाम दिया।

पत्नी भी सक्रिय नक्सली रही - मुठभेड़ में मारी गई उसकी पत्नी की पहचान भी एक सक्रिय माओवादी सदस्य के रूप में हुई है, जो कई अभियानों में उसके साथ शामिल रही थी। आंध्र प्रदेश पुलिस और विशेष बलों को कुछ समय से हिडमा की आवाजाही को लेकर पुख्ता इनपुट मिल रहे थे। इसी आधार पर मंगलवार सुबह ऑपरेशन शुरू किया गया। सुरक्षा बलों के अनुसार, अभियान अभी जारी है और क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की तलाश की जा रही है।

नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका

हिडमा के मारे जाने को सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका बताया है। अधिकारियों का कहना है कि उसके खात्मे से दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।

आंध्र प्रदेश की पुलिस और विशेष बलों को लंबे समय से उसकी गतिविधियों के बारे में इनपुट मिल रहे थे। ताजा मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना के आधार पर जंगल में घेरा डालकर ऑपरेशन शुरू किया। जवाबी फायरिंग में हिडमा और उसकी पत्नी मारे गए. उसकी पत्नी भी नक्सली संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी और कई ऑपरेशनों में सक्रिय रही थी। 


रायपुर: माओवादी दंपती गिरफ्तार, शहरी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई


 TODAY छत्तीसगढ़  /  रायपुर, 26 सितम्बर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने कथित तौर पर माओवादी संगठन से जुड़े एक दंपती को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नक्सलियों की शहरी गतिविधियों पर नकेल कसने की दिशा में अहम कदम है।

गिरफ्तारी डीडी नगर थाना क्षेत्र के चंगोराभाठा इलाके से हुई, जहां दंपती इलाज का बहाना बनाकर किराए के मकान में रह रहा था। पुलिस का कहना है कि उनके पास से कई दस्तावेज, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं, जिनसे संगठन की गतिविधियों और नेटवर्क से जुड़ी अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है।

बीजापुर के रहने वाले -

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान जग्गू उर्फ रमेश कुरसम (28) और उनकी पत्नी कमला कुरसम (27) के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। पुलिस के मुताबिक, यह दंपती वर्ष 2017-18 से माओवादी संगठन से जुड़ा है और पिछले पांच से छह वर्षों से रायपुर में रहकर संगठन को सहयोग प्रदान कर रहा था।

आगे की जांच - 

सुरक्षा एजेंसियां अब इस गिरफ्तारी के बाद शहर में सक्रिय माओवादी नेटवर्क की संभावित कड़ियों की पड़ताल कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि बरामद दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों की जांच से संगठन की रणनीति और अन्य सहयोगियों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। छत्तीसगढ़ लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में शहरी और ग्रामीण दोनों स्तरों पर सक्रिय माओवादी गतिविधियों से जूझ रहा है। रायपुर जैसी शहरी जगहों पर गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियों को नेटवर्क की नई परतें सामने आने की उम्मीद है। 

गढ़चिरौली : नक्सलियों और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़, 5 नक्सली ढ़ेर

फाईल फोटो 
 मुंबई । TODAY छत्तीसगढ़  /  महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले यह मुठभेड़ पूर्वी महाराष्ट्र जिले के भामरागढ़ तालुका के एक जंगल में हुई। इस मुठभेड़ में गढ़चिरौली पुलिस की सी-60 विशेष लड़ाकू इकाई के कमांडो ने प्रमुख भूमिका निभाई।

गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 20 नवंबर के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, नक्सलियों का एक समूह पिछले दो दिनों से महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर जंगल में एकत्र हुआ था और हमले की योजना बना रहा था।

अधिकारी ने फोन पर 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि नक्सली जिस क्षेत्र में एकत्र हो रहे थे, वह छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के नक्सल प्रभावित जिले नारायणपुर की सीमा से लगा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में सी-60 कमांडो की 22 टीम और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के दो दस्तों ने वन क्षेत्र में दो अलग-अलग बिंदुओं से नक्सल रोधी अभियान चलाया।

प्रारंभिक सूचना का हवाला देते हुए विज्ञप्ति में बताया गया कि पुलिस और सीआरपीएफ के जवान जैसे ही उस इलाके में पहुंचे, जहां नक्सली एकत्र थे, तो उन्हें नक्सलियों की अंधाधुंध गोलीबारी का सामना करना पड़ा। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने भी जवाबी कार्रवाई की और मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जंगल में तलाश अभियान जारी है। मारे गए नक्सलियों की पहचान का खुलासा मंगलवार को गढ़चिरौली में संवाददाता सम्मेलन में किया जाएगा। (भाषा) 

गश्त के दौरान पुलिस के हाथ लगा ईनामी नक्सली


राजनांदगांव ।
  TODAY छत्तीसगढ़  /   छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे महाराष्ट्र की गढ़चिरौली पुलिस ने दो लाख रुपए के एक ईनामी नक्सली को गिरफ्तार किया है। पुलिस के हत्थे चढ़ा नक्सली छत्तीसगढ़ के बीजापुर का रहने वाला है। PLGA सप्ताह मना रहे नक्सलियों के खिलाफ गश्त अभियान के दौरान पुलिस ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया। 

इस मामले में अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक गढ़चिरौली जिले में  PLGA सप्ताह के दौरान हिंसक वारदात से निपटने के लिए सुरक्षाबलों का सर्चिग अभियान लगातार चल रहा है। गश्त के बीच गढ़चिरौली के दरमांचा बेस कैम्प के पास पुलिस को एक संदिग्ध व्यक्ति नजर आया। पुलिस ने संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान संदिग्ध व्यक्ति की पहचान महेन्द्र किशतैया के रूप में हुई । पुलिस के मुताबिक वो लंबे समय से गढ़चिरौली जिले में सक्रिय है। नक्सल संगठन में रहते उसने कई हिंसक वारदातों को अंजाम दिया है। जिसमें डकैती, आगजनी तथा अन्य आपराधिक वारदात शामिल है। नक्सलियों की ओर से उत्तर गढ़चिरौली डिवीजन में पीएलजीए सप्ताह मनाने की लोगों से अपील की गई है। पुलिस लगातार मोहला-मानपुर जिले की सीमा से लेकर गढ़चिरौली तक गश्त कर रही है। आपको बता दें कि पकडे गये नक्सली पर दो लाख रूपये का इनाम भी घोषित है। 


6 नक्सलियों ने आंध्रा पुलिस के समक्ष किया समर्पण, 4 नक्सली छत्तीसगढ़ के बीजापुर से


TODAY छत्तीसगढ़  / जगदलपुर /  आज एओबीएसजेडसी (आंध्र ओडी स्पेशल जोनल कमेटी) के ईनामी 6 सीपीआई (माओवादी) महत्वपूर्ण कैडर ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और आंध्रप्रदेश राज्य डीजीपी कार्यालय, मंगलागिरी, विजयवाड़ा एपी में मीडिया के सामने पेश किया गया। इनमें चार छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के हैं।

डी.गौतम सवांग, आईपीएस, पुलिस महानिदेशक, एपी ने यूजी कैडर के माओवादियों से अपील की कि जो ज्यादातर गुमराह युवा हैं, वे आगे आएं और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करें और सरकारी समर्पण और पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं, जैसा कि माओवादी विचारधारा है। और कार्यप्रणाली बेमानी, अप्रचलित हो गई है और वर्तमान समय में इसकी प्रासंगिकता खो गई है।

विशेष रूप से, छत्तीसगढ़ के एओबी क्षेत्र में कार्यरत कैडर को आश्वासन दिया जाता है कि वे अपने आत्मसमर्पण के लिए बिना किसी डर के किसी भी नजदीकी पुलिस प्रतिष्ठान से संपर्क कर सकते हैं, क्योंकि यह पता चला है कि उन्हें माओवादी पकड़ से बाहर आने और पुलिस से संपर्क करने में मुश्किल हो रही है। इलाके के ज्ञान और भाषा बाधा की कमी के कारण।

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समर्पित नक्सलियों के नाम-

1) चिक्कुडु चिन्ना राव, मंडल समिति के सदस्य (डीसीएम) पेद्दाबैलु-कोरुकोंडा एसी और डिवीजनल कमांड के कमांडर (32 वर्ष) कोंडरंगु, पेद्दाबैलु, विशाखापत्तनम जिला। इनाम -5 लाख, यूजी - 15 साल, अपराध शामिल-93

2) वंथला वन्नू, एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) पेद्दाबैलु कोरुकोंडा एसी (25 वर्ष)  संपांगिगोंडी (वी), जीके वेधी (एम )विशाखापत्तनम जिला। इनाम-4 लाख, यूजी-10 साल, अपराध शामिल-10

3) मदकम सोमिदी, क्षेत्र समिति सदस्य (एसीएम), पेदाबैलु - कोरुकोंडा एसी, (25), बीजापुर जिला, छत्तीसगढ़। इनाम-4 लाख, यूजी-11 साल, अपराध शामिल- 9

4) मदकम मंगल, पीएम, उदय (सीसीएम) प्रोटेक्शन टीम, 21 साल, डी/ओ मदकम सोमादा, बिदिया भूमि (वी)। भैरमगड़ी (एम), बीजापुर जिला, छत्तीसगढ़। इनाम-1 लाख, यूजी-6 वर्ष, अपराध शामिल-9

5) पोयम रुकिनी, पीएम, कलीमेला एसी, 18 साल, डी/ओ पोयम विज्जा, एन/ओ मावाड़ा (वी), बीजापुर जिला, छत्तीसगढ़। इनाम-1 लाख, यूजी-3 साल, अपराध शामिल-3

6)  सोड़ी भीम (18 वर्ष) डी / ओ सोदी बुद्र, एन / ओ कोयला (वी)। बीजापुर, छत्तीसगढ़। इनाम-1 लाख, यूजी-6 साल, अपराध शामिल-3 

मिलिशिया कमांडर के तौर पर काम करने वाला एक लाख का ईनामी नक्सली गिरफ्तार

TODAY
 छत्तीसगढ़  /  
दंतेवाड़ा /  केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों ने दंतेवाड़ा के अरनपुर से 1 लाख का ईनामी जन मिलिशिया कमांडर को हिरासत में लिया। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि अरनपुर स्थित सीआरपीएफ की 231वीं बटालियन के एफ कम्पनी को कोंदापारा में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
 सूचना मिलते ही द्वितीय कमान अधिकारी राजीव यादव के मार्गदर्शन और सहायक कमांडेंट संदीप कुमार के नेतृत्व में गश्ती दल रवाना हुआ। अरनपुर के कोंदापारा पहुंचने पर एक संदिग्ध व्यक्ति छुपने लगा। पुलिस के सतर्क जवानों ने घेराबंदी कर उक्त व्यक्ति से कड़ाई से पूछताछ की। जिसमें उसकी  शिनाख्त माड़वी  मासा (27 वर्ष) के रूप में हुई। 
नक्सल आरोपी मासा सुकमा जिला के गादीरास थाना अंतर्गत पोरो परिया गांव का निवासी है। उक्त व्यक्ति नक्सली संगठन में मिलिशिया कमांडर के तौर पर कार्यरत का था। वह मुख्य रूप से नक्सली विचारधारा के प्रचार प्रसार, बड़े लीडरों की संतरी ड्यूटी करना और पुलिस बल की रेकी करने में शामिल था। 

मिलिशिया कमांडर के कब्जे से इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, जिलेटिन स्टिक, कोडेक्स वायर, बिजली तार मय स्विच और  नक्सली बैनर सहित दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की गई। राज्य शासन द्वारा जन मिलिशिया कमांडर की गिरफ्तारी पर 1 लाख रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया है। 

नक्सल विस्फोट में बोलेरो के परखच्चे उड़े, 10 से अधिक लोग घायल


TODAY छत्तीसगढ़  /बस्तर / गुरुवार यानि आज सुबह लगभग 07:30 बजे जिला बस्तर के थाना मालेवाही क्षेत्रांतर्गत मालेवाही एवं बोदली कैम्प के मध्य माओवादियों द्वारा लगाये गये आईईडी की चपेट में आने से 1 निजी बोलेरो वाहन ब्लास्ट हो गया। वाहन में सवार 2 ग्रामीण घायल हो गये हैं । घायलों के नाम धनसिंह आत्मज सिलदार उम्र 30 वर्ष एवं रूपलाल आत्मज कुरप लाल उम्र 25 वर्ष है। दोनों भगतवाही जिला बालाघाट मध्यप्रदेश के निवासी है ये निजी काम से बालाघाट से तेलंगाना जा रहे थे घायलों को जिला अस्पताल दंतेवाड़ा लाया गया है l घायलों की स्थिति सामान्य तथा खतरे से बाहर बताई जा रही है।  

माओवादी शहीदी सप्ताह : रेंगापारा के जंगलों में माओवादी स्मारक ध्वस्त

 TODAY छत्तीसगढ़  / बीजापुर /  जिले में चलाये जा रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत मंगलवार को सुरक्षाबल के जवानों ने नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के आखिरी दिन एक नक्सल स्मारक को ध्वस्त किया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार की सुबह तर्रेम थाना से जिलाबल व एसटीएफ की संयुक्त टुकड़ी नक्सली अभियान पर रेंगापारा व मंडीमरका की तरफ निकली हुई थी। इसी दौरान रेंगापारा के जंगलों में नक्सली द्वारा बनाये गए एक नक्सल स्मारक को जवानों ने ध्वस्त कर दिया। 


तीन नक्सलियों ने बिना हथियार आत्मसर्मपण किया

TODAY छत्तीसगढ़  / सुकमा / सुकमा के केरलापाल थाने में तीन नक्सलियों ने बिना हथियार आत्मसर्मपण किया। जिला सुकमा में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार से प्रभावित होकर नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर प्रतिबंधित नक्सली संगठन से जुड़े  3 नक्सली सदस्यों क्रमश: कलमू गंगा (जनमिलिशिया सदस्य) (35) बड़़ेसट्टी दुरमापारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा, कलमू मासा (जनमिलिशिया सदस्य) (34) बड़ेसट्टी पटेल पारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा, रवा देवा (जनमिलिशिया सदस्य) (26) बड़ेसट्टी स्कूलपारा थाना फुलबगड़ी जिला सुकमा ने 1 अगस्त को थाना केरलापाल में परमेश्वर तिलकवार पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सुकमा,  निशांत पाठक, उप पुलिस अधीक्षक नक्सल ऑप्स,  योगेन्द्र यादव सहायक कमांडेन्ट 2 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।

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आत्मसमर्पित नक्सली कलमू गंगा वर्ष 2020 में बड़ेसट्टी के स्वास्थ्य केन्द्र की तोडफ़ोड़ व पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना मे शामिल रहा। घटना के संबंध में थाना फुलबगड़ी में धारा 147, 148, 149, 307 भादवि. 25, 27 आर्म्स एक्ट, 3 लोक संपत्ति नुकसानी अधिनियम प्रकरण पंजीबद्ध है। प्रकरण में न्यायालय सुकमा के द्वारा वारंट जारी किया गया था। 

निर्माण में रोड़ा बने नक्सली, सड़क बनाने के काम में लगे 6 वाहन आग के हवाले


TODAY छत्तीसगढ़  / रांची /  झारखंड के गढ़वा जिले में रविवार को नक्सलियों ने एक निजी सड़क निर्माण कंपनी के छह वाहनों में आग लगा दी। पुलिस के मुताबिक, रविवार तड़के 10 से 12 हथियारबंद नक्सलियों ने गढ़वा के घाघरी गांव में कंपनी के कैंप कार्यालय में छापा मारा। सो रहे कर्मचारियों के साथ मारपीट की, सड़क निर्माण कार्य में लगे वाहनों पर डीजल डालकर आग लगा दी।

छह वाहनों में दो रोड रोलर और दो जेसीबी शामिल हैं। हमले की वजह विद्रोहियों को 'लेवी' देने से इनकार करना बताया जा रहा है। एक महीने पहले इसी कंपनी के एक इंजीनियर का माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। राज्य के 24 में से 18 जिलों में नक्सली सक्रिय हैं। 


सुकमा : नक्सलियों और सुरक्षा बल के बीच मुठभेड़, एक नक्सली के मारे जाने की पुष्टि

 TODAY छत्तीसगढ़  / सुकमा । छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड हुई है। एसपी सुनील शर्मा ने कहा, सुकमा जिले के मिनपा और पद्दीगुड़ा के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। 

इससे एक दिन पहले शनिवार को दंतेवाड़ा जिले में चल रहे लोन वर्राटू (घर वापसी) अभियान के तहत चार नक्सलियों ने एसपी अभिषेक पल्लव के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। इन पर विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं। एसपी डा अभिषेक पल्लव ने बताया कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। उन्होंने बताया कि दरभा डिवीजन के मलांगीर एरिया कमेटी में सक्रिय रहे नक्सली मोटू मरकाम, ललिता तामो, बामन राम कुंजाम तथा भीमा मरकाम सभी जनमिलिशिया सदस्य निवासी मड़कामीरास ने किरंदुल में आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों का चोलनार में आइइडी ब्लास्ट कर वाहन उड़ाने समेत कई घटनाओं में हाथ रहा है। सभी नक्सलियों को शासन के पुनर्वास नीति के तहत लाभान्वित किया जाएगा। उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई और इसके साथ ही कोविड वैक्सीनेशन भी करवाया जा रहा है।

पेड़ काटकर नक्सलियों ने किया आवागमन बाधित, बैनर-पोस्टर लगाकर दी चेतावनी


TODAY छत्तीसगढ़  / राजिम /  गरियाबंद  जिले के शोभा थानाक्षेत्र अंतर्गत कोकड़ी गांव के पास नक्सलियों ने पेड़ काटकर रोड जाम कर दिया है। घटना बीती रात की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस पार्टी मौके के लिए रवाना हो चुकी है।

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मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने शोभा-गोरगांव मार्ग पर कोकड़ी के पास एक पेड़ काटकर रोड पर गिरा दिया है। जिससे आवाजाही बंद हो गयी है। नक्सलियों ने मौके पर कुछ बैनर पोस्टर लगाए होने की सूचना भी प्राप्त हुई है। जिसमे नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को मनाने की अपील की गई है। नक्सलियों द्वारा मौके पर बम प्लांट किए जाने की भी खबर है हालॉकि फिलहाल इसकी पुष्टि नही हुई है।

एएसपी सुखनंदन राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि रोड जाम करने की सूचना मिलने पर पार्टी मौके के लिए रवाना हो।चुकी है। बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि सीतानदी एरिया कमेटी द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है। 


पुलिस संदिग्ध व्यक्ति समझकर थाने ले आई, पूछताछ हुई तो इनामी नक्सली निकले

TODAY छत्तीसगढ़  /  दंतेवाड़ा /  दंतेवाड़ा में पुलिस को नक्सली उन्मूलन अभियान में दो मोर्चों पर निरंतर सफलता मिल रही है। एक ओर घर वापस आइए अभियान में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की झड़ी लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा नामजद नक्सल आरोपियों को हिरासत में लिया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव के मुताबिक कटेकल्याण थाना से जिला आरक्षी बल के जवान सोमवार को गश्त अभियान में निकले थे। इसी दौरान मारजूम और कलेपाल के जंगलों में पुलिस दल को देखकर तीन संदिग्ध व्यक्ति छिपने लगे। पुलिस द्वारा उक्त व्यक्तियों को घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया। पुलिस के कड़ाई से पूछताछ करने पर सभी नामजद नक्सल आरोपी निकले।

इनमें से एक व्यक्ति की शिनाख्त कलेपाल जनताना सरकार सदस्य बामन मरकाम (30 वर्ष) के रूप में हुई। बामन कलेपाल गांव जिला बस्तर का निवासी है। उक्त नक्सली पुलिस दल पर एंबुश लगाकर हमला करने की वारदात में शामिल था। इसी कड़ी में डीएकेएमएस अध्यक्ष भीमा मरकाम (35 वर्ष) को भी हिरासत में लिया गया। भीमा ग्रामीणों के साथ लूटपाट, पुलिस दल पर हमला एवं नक्सली विचारधारा के प्रचार प्रसार में शामिल था। उक्त नक्सली की गिरफ्तारी पर राज्य शासन द्वारा 1 लाख रूपये का पुरस्कार घोषित किया गया है। वह कटेकल्याण थाना अंतर्गत मार्जूम गांव का निवासी है।

इसी कड़ी में डीएकेएमएस सदस्य सुकलू कुहरामी (30 वर्ष) को भी जंगलों से घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया। सुकलू कटेकल्याण थाना अंतर्गत मार्जूम गांव का निवासी है। उक्त नक्सली ग्रामीणों के साथ लूटपाट एवं पुलिस दल पर हमला करने में भागीदार था। पुलिस ने सभी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। 

विधायक की रोड ओपनिंग पार्टी पर नक्सली हमला, एक जवान शहीद

TODAY छत्तीसगढ़  / नारायणपुर / आज जिले के अमदई व शिव मंदिर मार्ग के बीच पहाड़ी पर विधायक की रोड ओपनिंग पार्टी पर नक्सल हमला हुआ, जिसमें गोली लगने से आईटीबीपी 45 वाहिनी के एक जवान शहीद हो गए, जबकि गोलीबारी के बाद पहाड़ी पर चढऩे के दौरान गिरने से एक अन्य जवान घायल हो गया।

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मंगलवार को छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष एवं नारायणपुर विधायक चन्दन कश्यप के ओरछा प्रवास के लिए रोड ओपनिंग पार्टी लगाई गई थी। इसी दौरान मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे अमदई व शिव मंदिर मार्ग के बीच पहाड़ी पर रोड ओपनिंग पार्टी पर नक्सल हमला हुआ। यह हमला विधायक के काफिला जाने के बाद हुआ।

हमले में पेट में गोली लगने से शिवनारायण मीणा शहीद हो गए। वे राजस्थान के रहने वाले हंै। वहीं उनके पीछे चल रहे हिमाचल प्रदेश निवासी केशवराम अचानक गोलीबारी से गिर गए, जिससे घायल हो गए। उन्हें हल्की चोट आई हैं। घायल जवान सुरक्षित है। हमले के बाद विधायक के सारे कार्यक्रम पूरी सुरक्षा के साथ विश्राम गृह के अंदर किये गए। विधायक की वापसी के लिए हेलीकॉप्टर अबूझमाड़ के ओरछा पहुंचा। विधायक हेलीकॉप्टर से जिला मुख्यालय वापसी के लिए रवाना हुए। घटना की पुष्टि एसपी यू उदय किरण ने की है। 

सुरक्षा बल और नक्सलियों में मुठभेड़, 3 ईनामी नक्सली मारे गए

TODAY छत्तीसगढ़  /  दंतेवाड़ा / नक्सलियों को दंतेवाड़ा जिले में एक बार फिर से तगड़ा झटका लगा है। फरसपाल थानाक्षेत्र के ढोलकाल की पहाड़ियों में देर शाम दंतेवाड़ा से निकली डीआरजी और भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय नक्सलियों के बीच तगड़ी मुठभेड़ हुई।

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 मुठभेड़ में 3 ईनामी नक्सलियों को डीआरजी जवानों ने मार गिराया है जिनसे पास से हथियार भी बरामद हुए है। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने घटना की पुष्टि करते हुए जानकारी दी कि मारे गये नक्सलियों ने 1 लाख का ईनामी बिरजू केकम मिलिशिया प्लाटून कमांडर, जग्गू केकम, आरपीसी वाइस प्रिसिडेंट, और अजय ओयामी मिलिशिया प्लाटून मेम्बर है, जिन्हें डीआरजी के जवानों ने शिनाख्त किया है। घटना स्थल से 3 देशी बन्दूक, 5 पिठ्ठू, 3 किलो वजनी बम, के साथ दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद हुई है। मुठभेड़ स्थल में सर्चिंग जवानों की जारी है। 

हार्डकोर नक्सली नेता रमन्ना के बेटे रंजीत ने किया सरेंडर, उच्च शिक्षा पाने के बाद तेलंगाना स्टेट कमेटी का सदस्य बना

TODAY छत्तीसगढ़  / सुकमा /  नक्सलियों के बटालियन चीफ सेंट्रल कमेटी मेंबर रहे रमन्ना के बेटे रंजीत ने सरेंडर कर दिया है. वह माओवादियों की स्टेट कमेटी का मेंबर है. जबकि उसने तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों में रहकर उच्च दर्जे की पढ़ाई की है. वहीं, पढ़ाई करने के बाद रंजीत 2017 के करीब तेलंगाना स्टेट कमेटी का मेंबर बना था. TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

बहरहाल, रंजीत माओवादियों के बड़े लीडर्स में से एक है और उसे जल्द ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही उसने तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. रंजीत सेंट्रल कमेटी मेंबर और नक्सलियों के सबसे बड़े लीडर्स में से एक रहे रमन्ना का बेटा है. रमन्ना की मौत 2019 में हार्ट अटैक से छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुई थी. जानकारी के मुताबिक, रंजीत की मां सावित्री नक्सलियों के महिला विंग की प्रमुख है और उसकी भी कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से तबीयत बेहद खराब है. 

कोरोना संक्रमित नक्सली कमांडर विनोद की मौत, झीरम घाटी नक्सल हमला और भीमा मंडावी की हत्या का मास्टर माइंड था

TODAY छत्तीसगढ़  / सुकमा /  झीरम घाटी नक्सली हमले के मास्टर माइंड नक्सली कमांडर विनोद हेमला की कोरोना से मौत की खबर है। दरभा डिवीजन का विनोद हेमला झीरम घाटी हमले, विधायक भीमा मंडावी की हत्या का मास्टरमाइंड माना जाता है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

 पुलिस के मुताबिक विनोद हेमला दरभा डिवीजन में डीवीसीएम के पद पर था, जिस पर 40 से ज्यादा अपराध पंजीबद्ध है। NIA ने भी विनोद हेमला पर 5 लाख का अलग से ईनाम रखा हुआ था। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने विनोद हेमला की मौत की पुष्टि की है। पुलिस तक विनोद के मौत की पुख़्ता जानकारी पहुंची है। उस पर 25 लाख रुपए से अधिक का इनाम घोषित था. सुकमा-बीजापुर बॉर्डर इलाके के जंगल में मौत होने की खबर है। 2013 में कांग्रेसी नेताओं के फाफ़िले पर नक्सली हमले का मास्टर माइंड था, जिसमें कांग्रेस नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हुई थी। बताया जा रहा है कि नक्सली कमांडर विनोद कुछ समय से बीमार चल रहा था। जंगल में ही नक्सली कमांडर विनोद का इलाज किया जा रहा था। कोरोना वायरस ने उसे अपने चपेट में ले लिया था, जिस कारण आज उसकी मौत हो गई। उसकी मौत की जानकारी कोत्तागुड़म पुलिस तक पहुंची है। 
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