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सीमा पर मुठभेड़: टॉप नक्सली कमांडर हिडमा ढेर, पत्नी भी मारी गई


रायपुर।
आंध्र प्रदेश–छत्तीसगढ़ सीमा के घने जंगलों में मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने कुख्यात नक्सली कमांडर मादवी हिडमा और उसकी पत्नी को मार गिराया। संयुक्त बलों की इस कार्रवाई को पिछले दो दशकों में माओवादी नेटवर्क पर सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। 

दो दशक से सुरक्षा बलों के लिए सबसे बड़ी चुनौती था PLGA बटालियन-1 का प्रमुख

मुठभेड़ अल्लूरी जिले (आंध्र प्रदेश) और सुकमा (छत्तीसगढ़) की सीमावर्ती पहाड़ियों में उस समय शुरू हुई, जब सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया। जंगल में घेरा बनाते हुए आगे बढ़ रही टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग शुरू की, जिसके जवाब में हुई कार्रवाई में हिडमा और उसकी पत्नी ढेर हो गए।

PLGA बटालियन-1 का प्रमुख और करोड़ों का इनामी

मादवी हिडमा लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सबसे कठिन चुनौती रहा है। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर-1 का मुखिया था, और CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति का सबसे कम उम्र का सदस्य। हिडमा की रणनीतिक योजना और जंगलों में गुरिल्ला युद्ध कौशल ने उसे संगठन का सबसे प्रभावशाली सैन्य कमांडर बना दिया था। उसके सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।

दरभा नरसंहार सहित 26 बड़े हमलों का मास्टरमाइंड

1981 में सुकमा जिले के पुवर्ती गांव में जन्मे हिडमा ने कम उम्र में ही माओवादी संगठन ज्वाइन कर लिया था। वह कई बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से — 2013 का दरभा घाटी नरसंहार, जिसमें कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए, 2017 का सुकमा CRPF हमला, जिसमें 25 जवान शहीद हुए। इसके अलावा उसने कम से कम 26 बड़े हमलों की योजना बना कर उन्हें अंजाम दिया।

पत्नी भी सक्रिय नक्सली रही - मुठभेड़ में मारी गई उसकी पत्नी की पहचान भी एक सक्रिय माओवादी सदस्य के रूप में हुई है, जो कई अभियानों में उसके साथ शामिल रही थी। आंध्र प्रदेश पुलिस और विशेष बलों को कुछ समय से हिडमा की आवाजाही को लेकर पुख्ता इनपुट मिल रहे थे। इसी आधार पर मंगलवार सुबह ऑपरेशन शुरू किया गया। सुरक्षा बलों के अनुसार, अभियान अभी जारी है और क्षेत्र में अन्य नक्सलियों की तलाश की जा रही है।

नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका

हिडमा के मारे जाने को सुरक्षा एजेंसियों ने माओवादी संगठन के लिए बड़ा झटका बताया है। अधिकारियों का कहना है कि उसके खात्मे से दक्षिण बस्तर क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।

आंध्र प्रदेश की पुलिस और विशेष बलों को लंबे समय से उसकी गतिविधियों के बारे में इनपुट मिल रहे थे। ताजा मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने गुप्त सूचना के आधार पर जंगल में घेरा डालकर ऑपरेशन शुरू किया। जवाबी फायरिंग में हिडमा और उसकी पत्नी मारे गए. उसकी पत्नी भी नक्सली संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी और कई ऑपरेशनों में सक्रिय रही थी। 


आंध्र प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने सख़्त लहज़े में कहा - अगर एक बच्चे को भी कुछ हुआ तो...

 TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली / कोरोना को लेकर ज्यादातर राज्यों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द की जा चुकी है। लेकिन आंध्र प्रदेश सरकार 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने को लेकर अड़ी हुई है। मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हए कहा कि अगर एक भी बच्चे को कुछ हुआ तो राज्य सरकार को इसका खामियाजा भुगताना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी की भी मौत हुई तो राज्य सरकार को 1 करोड़ का मुआवजा चुकाना पड़ सकता है। कोर्ट ने आंध्र सरकार को कहा कि जब तक सभी बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती, वह राज्यों में 12वीं बोर्ड की परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं देगा।

कोर्ट ने गुरुवार को राज्यों को आदेश दिया है कि सीबीएसई की तर्ज पर राज्य 10 दिन के भीतर इंटर्नल असेसटमेंट पॉलिसी जारी करें और 31 जुलाई तक नतीजे घोषित करें। उधर 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित कराने को लेकर अड़ी आंध्र सरकार को कोर्ट ने कहा कि वह तब तक परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं देगा, जब तक यह सुनिश्चित नहीं हो जाए कि इन परीक्षाओं की वजह से 5.2 लाख छात्रों की जान को खतरा नही होगा।

जस्टिस एम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने आंध्र सरकार से पूछा कि जब कोरोना का इतना खतरनाक वेरियंट फैल रहा है और अन्य राज्य परीक्षाएं रद्द कर चुके हैं तो फिर वो फिजिकल परीक्षाएं क्यों करना चाहती है ? कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर परीक्षा आयोजित होने की वजह से 1 भी मौत होती है तो वह राज्य को 1 करोड़ के मुआवजे का आदेश देगा। आंध्र प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया था कि वह बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं सफलतापूर्वक करा लेगी क्योंकि राज्य बोर्ड के विद्यार्थियों के मूल्यांकन के लिए और कोई भरोसेमंद विकल्प नहीं हैं।

राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा है कि वह संभावित रूप से जुलाई के अंतिम सप्ताह में 12वीं कक्षा की परीक्षा कराएगी और इस संबंध में परीक्षा का कार्यक्रम जल्द जारी किया जाएगा। राज्य के स्थायी वकील महफूज ए नाजकी के माध्यम से दाखिल हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के मामले तेजी से घट रहे हैं। राज्य सरकार ने बताया कि 20 जून को प्रदेश में कोविड-19 के 5,646 मामले थे। 21 जून के संक्रमण के मामलों की संख्या 5,541 और 22 जून को 4,169 थी। और पिछले माह की इन तारीखों से तुलना करें तो 20 मई को संक्रमण के 22,610, 21 मई को 20,937 और 22 मई को 19,981 मामले थे।

आंध्र सरकार ने कहा कि विशेषज्ञों से सलाह ली गई है और उनका मानना है कि परीक्षा कराना व्यावहारिक होगा। राज्य सरकार उसी के अनुसार जुलाई के अंतिम सप्ताह में परीक्षाएं कराने का प्रयास करेगी। शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं नहीं कराने का राज्य सरकारों को निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। न्यायालय ने मंगलवार को कहा था कि अगर किसी की मौत हुई तो हम राज्य को जिम्मेदार ठहरायेंगे। - एनबीटी 

Naxal Encounter : 3 महिला माओवादी समेत 6 नक्सली ढ़ेर, सर्चिंग जारी


TODAY छत्तीसगढ़  / दोरनापाल / छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में बुधवार सुबह हुई मुठभेड़ में 3 महिला सहित 6 नक्सलियों को मार गिराया है। इनमें नक्सली लीडर सांदे गंगैया उर्फ डॉ. अशोक और देभा माधी उर्फ रानादेव भी शामिल हैं। मारी गई एक महिला नक्सली छत्तीसगढ़ की रहने वाली है। जवानों ने मौके से कई हथियार भी बरामद किए हैं। फिलहाल इलाके में सुरक्षा बल सर्चिंग कर रहे हैं, दावा किया जा रहा है कि अभी और भी शव मिल सकते हैं। 

जानकारी के मुताबिक, विशाखापट्नम में मांपा क्षेत्र के थीगलमेट्‌टा जंगल में जवान सर्चिंग के लिए निकले थे। इस दौरान आज सुबह कोय्यरू क्षेत्र में नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान जवानों को भारी पड़ता देख नक्सली वहां से भाग निकले। इसके बाद जवानों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया तो DCM स्तर के दो कैडर सहित 6 नक्सलियों के शव मिले हैं। जवानों ने AK-1, SLR-1, करबाइन-1, 303 राइफल-3, तमंचा-1 बरामद किया है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

अफसरों का दावा है कि मुठभेड़ के दौरान मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ सकती है। सारे जवान सुरक्षित हैं। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। इनमें तेलंगाना निवासी सांदे गंगैया उर्फ डॉ. अशोक, कालीमेला, ओडिशा निवासी देभा माधी उर्फ अर्जुन उर्फ रानादेव, विशाखापट्नम निवासी ललिता, छत्तीसगढ़ निवासी पैइके शामिल हैं। जबकि एक महिला और एक पुरूष नक्सली की अभी पहचान नहीं हो सकी है।

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छत्तीसगढ़-ओडिशा बार्डर पर भी मंगलवार दोपहर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सर्चिंग पर निकले जवानों पर जंगल में नक्सलियों ने फायरिंग की। इस पर जवानों ने जवाबी कार्रवाई की तो नक्सली वहां से भाग निकले। मौके से जवानों ने इंसास राइफल, गोलियां, IED बनाने का सामान सहित अन्य सामान भारी मात्रा में बरामद किया था। मुठभेड़ ओडिशा के मलकानगिरी और कोरापुट जिले के सीमावर्ती जंगल में हुई।

                                             
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