गरियाबंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
गरियाबंद लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

कातिल कटा हुआ सिर हाथ में लेकर गाँव में घूमता रहा, टंगिया मारकर धड़ से सिर अलग। देखें VIDEO

 TODAY छत्तीसगढ़  /  गरियाबंद / छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिला में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक युवक ने अपने ही गांव के व्यक्ति का पहले टंगिया से गला काटा फिर सर को धड़ से अलग कर दिया। हैवानियत का मामला इतने पर ही खत्म नहीं हुआ। कटे हुए सर को सड़क पर लेकर वो हैवान काफी देर तक घूमता रहा। गाँव में दहशतगर्दी का पर्याय बनी इस घटना को देखने वालों की रूह थर्रा उठी। मामले की ख़बर गाँव से निकलकर इलाके की पुलिस तक पहुंची, कातिल युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। यह घटना छूरा थाना क्षेत्र के घोंटपानी की है। 
                                             
जानकारी के मुताबिक, नक्सल प्रभावित इलाके घोटपानी निवासी माधव गोंड (35) सूअर पालन करता है। उसके पालतू सूअर अक्सर पड़ोस में रहने वाले करण सिंह कुंजाम (65) की बाड़ी और घर में घुस जाते थे। इसको चलते बाड़ी में लगी सब्जी-भाजी को नुकसान पहुंचाता था। सूअर की छुआछूत के कारण घर की बार-बार साफ-सफाई और लिपाई करनी पड़ती थी। इसके कारण दोनों के बीच अक्सर विवाद होता था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को भी दोनों के बीच विवाद हुआ। इससे तंग आकर माधव गोंड शाम करीब 4 बजे करण सिंह कुंजाम के घर पहुंचा और टंगिया मारकर सिर धड़ से अलग कर दिया। इसके बाद आरोपी माधव उसके कटे सिर को लेकर और टंगिया कंधे पर रख गांव में घूमना शुरू कर दिया। 

5 बच्चों के पिता और 4 बच्चों की माँ की अधूरी प्रेम कहानी, जहर पीकर दोनों ने की ख़ुदकुशी


TODAY छत्तीसगढ़  /  गरियाबंद / सोमवार को जिले के जुगाड़ थाना क्षेत्र में एक महिला और युवक की लाश नदी किनारे मिलने से इलाके में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई । आशंका जताई गई कि दोनों ने जहरीला पदार्थ पीकर जान दी है, हालांकि प्रारम्भिक जांच के बाद इस बात की पुष्टि कर ली गई । जुगाड़ पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवा दिया । मौके पर पुलिस के साथ मौजूद कुछ ग्रामीणों ने बताया कि दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे और शादीशुदा थे। मृतका विधवा थी जिसके चार बच्चे हैं। इसी तरह मृत व्यक्ति के 5 बच्चे हैं। जुगाड़ पुलिस इस सुसाइड को प्रेम प्रसंग  का मामला मान रही है।  

जुगाड़ थाना क्षेत्र की पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें सूचना मिली कि एक महिला और पुरूष के शव गाँव के बाहर नदी किनारे पड़े हुए हैं। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर शवों देखा और उसके बाद उनकी शिनाख्त कराई गई। ग्रामीणों से पुलिस को पता चला कि मृतक का नाम परमेश्वर मरकाम (37) ओर मृतिका ललिता यादव (38) है । दोनों ही पास के गांव साहेबिन कछार के रहने वाले थे। पुलिस को वहीं पर डिस्पोजल गिलास मे एक तरल पदार्थ मिला जो जहरीला था । 

TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  

पुलिस को प्रारम्भिक जांच में पता चला कि दोनों शादीशुदा थे। हालांकि ललिता विधवा थी और उसके 4 बच्चे हैं जबकि परमेश्वर के 5 बच्चे हैं। ग्रामीणों से पूछताछ में ये भी पता चला कि ललिता और परमेश्वर में गहरी दोस्ती थी। दोनों का एक-दूसरे के पास काफी आना-जाना था। रविवार को भी दोनों एक साथ देखे गए थे । 


आत्महत्या : जब एक साथ जी ना सके, तो एक साथ मर गए। एक ही डाल पर झूलता मिला शव

 TODAY छत्तीसगढ़  /  गरियाबंद में एक युवक और युवती ने पेड़ से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। दोनों के शव जंगल में एक ही पेड़ पर पास-पास लटके मिले हैं। आत्महत्या करने वाला युवक शादी शुदा था और उसके तीन बच्चे हैं। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने ग्रामीणों की मौजूदगी में शवों को नीचे उतरवा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया है। यह मामला प्रेम प्रसंग का है जिसके चलते दोनों ने खुदकुशी की है। 

TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

जानकारी के मुताबिक, कोतवाली पुलिस को रविवार दोपहर करीब चार बजे सूचना मिली कि जंगल में एक युवक और युवती का शव पेड़ से लटक रहा है। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को नीचे उतरवाया। आसपास के लोगों से पूछताछ में दोनों की शिनाख्त हो गई। युवक कामता (30) और युवती एनु ध्रुव (18) दोनों एक ही गांव ग्राम कोदोहरदी के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि कामता शादीशुदा था और उसके 3 बच्चे भी हैं। ग्रामीणों के मुताबिक़ मृतक कामता का युवती से तीन साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था, ग्रामीणों की माने तो युवती जब 14 साल की थी तभी से कामता के साथ रिश्ते की शुरुवात हुई। 

लाखों की जमीन का सौदा महज़ 60 हजार में, धोखाधड़ी करने वाले पटवारी को जेल


TODAY छत्तीसगढ़  / गरियाबंद / एक पटवारी ने तहसील की ही जमीन का सौदा कर दिया। उसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन किसी अन्य के नाम दिखाई और फिर उसे बेच दिया। 7 साल बाद जब उस सरकारी जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हुआ तो गड़बड़ी सामने आयी । मामले की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी पटवारी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं एक अन्य आरोपी की पहले मौत हो चुकी है। मामला छुरा थाना क्षेत्र का है।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

जानकारी के मुताबिक, प्रदीप पांडेय और भूपेंद्र सेन ने साल 2014 में तहसील कार्यालय के पीछे राजापारा निवासी रमेशर व बिसेशर से खसरा नंबर 121 की 0.07 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। इस जमीन के लिए दोनों ने 60-60 हजार में सौदा किया था। आरोप है कि इसके बाद जब इस भूमि पर दोनों ने निर्माण कार्य शुरू कराया तो पता चला कि वह सरकारी जमीन है। धोखाधड़ी का अहसास होने पर दोनों ने थाने में मामला दर्ज कराया।

पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि रमेशर और बिसेशर ने पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया है। सरकारी जमीन के फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किए गए और फिर रमेशर व बिसेशर के नाम पर नामांतरण किया गया। आरोपी पटवारी ने उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी कर दी। उसके बाद आरोपियों ने इस जमीन को प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दिया था।

जांच में भूमिका सामने आने के बाद पुलिस ने पटवारी नटेश्वर नायडू और शहर के राजापारा निवासी रमेशर को गिरफ्तार कर लिया। वहीं एक अन्य आरोपी बिसेशर की पहले ही मौत हो चुकी है। दोनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। जिस जमीन के धोखाधड़ी का मामला है, उसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। 

                                                     

फिर मिला एक तेंदुए का शव, किसान की सूचना पर वन अमले को हुई ख़बर


TODAY छत्तीसगढ़  / गरियाबंद / परिक्षेत्र परसूली रेंज के ग्राम नवापारा जंगल में आज सुबह एक व्यस्क तेंदुए की लाश मिली। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग टीम के साथ अधिकारी मौके पर पहुँच कर मृत तेंदुए का पंचनामा कर चिकित्सक द्वारा पोस्टमार्टम पश्चात वहीं जंगल में अंतिम संस्कार किया गया।  

                                       

विभाग से मिली जानकारी अनुसार गरियाबंद जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर परसूली वन परिक्षेत्र सोहागपुर बिट कक्ष क्रमांक 362 में एक तेंदुआ (आठ वर्ष) को मृत अवस्था में नवापारा के किसान द्वारा खेत से लौटते वक्त देखा गया। किसान द्वारा दी गई सूचना पर वन विभाग की टीम मौका स्थल आस पास मुआयना दौरान मृत तेन्दुए का शव दो-तीन दिन पूर्व होने का बताया गया। पशु चिकित्सक घटनास्थल पहुंचकर तेंदुए का पोस्टमार्टम कर वहीं जंगल में वन विभाग टीम व एसडीओ मनोज चंद्राकर, परिक्षेत्र अधिकारी ए के भट्ट, वन अमला की उपस्थिति में दाह संस्कार किया गया।

मौके में मौजूद वन विभाग के एसडीओ मनोज चन्द्राकर ने बताया कि तेंदुआ की मौत दो से तीन दिनों पूर्व होने की आशंका है, साथ ही उसके मस्तक में चोट का निशान है. इससे यह लगता है कि उसका किसी जानवर के साथ झगड़ा हो सकता है, साथ ही बरसात का मौसम है जंगल में बिजली गिरने से भी चोट लग सकती है, ये पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा। 

                                            

मातम में शरीक होकर घर लौट रहा परिवार सड़क हादसे का शिकार, 5 महिलाओं की मौके पर मौत।


TODAY छत्तीसगढ़  / गरियाबंद / सड़क पर बेलगाम रफ़्तार का कहर शनिवार देर रात राष्ट्रीय राजमार्ग 130 पर बड़े हादसे की तस्वीर सामने लेकर आया। गरियाबंद मुख्य मार्ग पर बीती रात सड़क पर दौड़ती एक कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। इस हादसे में एक ही परिवार की पांच महिलाओं की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई । वही चालक समेत 6 लोगों को गंभीर चोट आईं हैं।  बताया जा रहा है कि कार में क्षमता से अधिक लोग सवार थे। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

गरियाबंद जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने प्रारम्भिक विवेचना के बाद बताया कि सड़क हादसे का शिकार बना परिवार जिले के मालगांव का रहने वाला है।  एक रिश्तेदार की मौत की सुचना पर शनिवार को मारुती वैन में 12 लोग सवार होकर अभनपुर गए थे, वहां पारिवारिक शोक के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद परिवार के सभी सदस्य देर रात घर मालगांव लौट रहे थे कि कोपरा मोड़ के पास कार सड़क किनारे एक पेड़ से जा टकराई। बताया जा रहा है की कार की रफ्तार अधिक होने की वजह से वो पेड़ से टकराने के बाद उसी में फंसी रह गई। 

किसी तरह  घटना की जानकारी पांडुका थाने में दी गई।  सूचना के बाद हाइवे की पुलिस पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद कार में फंसे घायलों और मृतकों को बाहर निकाला गया। हादसे में कार के पिछले हिस्से में बैठी महिलाओं को सर में गंभीर चोट थी जिसके चलते उनकी मौके पर ही मौत हो गई। एक ही परिवार की 5 महिलाओं की मौत और चालाक समेत घायल 6 लोगों की ख़बर से गाँव सन्नाटा पसर गया। जानकारी के मुताबिक कार में एक 13 साल की बच्ची भी सवार थी जिसे मामूली चोटें आई हैं। 

                                            

कोरोना संक्रमित गर्भवती माँ की मौत, घर में दो साल का बेटा करता रहा इंतज़ार


TODAY छत्तीसगढ़  /  गरियाबंद / कोरोना ने आज एक ऐसी महिला को लील लिया जिसकी कोख में एक ज़िन्दगी साँस ले रही थी, कोरोना संक्रमित महिला के साथ-साथ वो साँसे भी हमेशा के लिए थम गईं जो चंद महीनों बाद इस दुनिया में आकर अपनी आँखे खोलता। मृत गर्भवती महिला करिश्मा वर्मा 2013 बैच की अफसर थीं, उन्होंने हाल ही में गरियाबंद [ छत्तीसगढ़] तहसीलदार के रूप में ज्वाइन किया था। बताया जा रहा है कि करिश्मा के पति चंद्रकांत वर्मा, आईएएस  जो गरियाबंद जिला पंचायत में सीईओ हैं वे भी कोरोना पॉजिटिव थे। हालाँकि उनका स्वास्थय कुछ ही दिनों में ठीक हो गया था। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें  -

जानकारी के मुताबिक़ तहसीलदार करिश्मा करीब  25 दिन पहले कोरोना संक्रमित पायी गयी थी। पिछले दिनों तहसीलदार करिश्मा वर्मा की तबीयत अचानक ज्यादा बिगड़ गयी जिसके चलते उन्हें  6 मई को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया।  उनका अंतिम संस्कार अब से कुछ देर बाद रायपुर के निलजा [धमतरी] गांव में किया जायेगा।आपको बताते चलें कि IAS चंद्रकांत वर्मा और करिश्मा वर्मा का एक 2 साल का बेटा भी है।

कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारी के आश्रित को मिलेगा 60 साल तक पूरा वेतन - पढ़ें  


देह व्यापार : आठ गिरफ्तार, जेल भेजे गए

[TODAY छत्तीसगढ़] / राज्य के गरियाबंद जिले की पुलिस ने आठ संदिग्ध लोगो को हिरासत में लिया है जिनमें 4 पुरुष और 4 महिला शामिल हैं। पुलिस को मुखबिर ने सुचना दी थी कि ग्राम तुमगांव में जिस्म फरोशी का कारोबार काफी फलफूल रहा है। सुचना के बाद पुलिस ने सेक्स रैकेट के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस को सूचना मिली थी कि तुमगांव में बाहर से लडकिया लाकर उनसे यहां पर देह व्यापार कराया जा रहा है. शिकायत पर महासमुंद एसपी संतोष सिंह ने कारवाही के निर्देश दिए। पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ थाना तुमगांव में अप क्र 239/18 धारा 3,4,5,7 अनैतिक देह ब्यापार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है। 

छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु 'श्यामू' की मौत, वन अमले को खबर नहीं

  [TODAY छत्तीसगढ़] /  छत्तीसगढ़ राज्य में वन और वन्य प्राणियों की दयनीय स्थिति किसी से छिपी नहीं है। राज्य के अधिकाँश जंगल उजड़ने की कगार पर हैं तो वहीं लगातार वन्य जीवों की अकाल मौत कइयों सवाल खड़े करती है। बिलासपुर जिले के कानन जू में सफ़ेद बाघ की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के सही कारणों का पता चलता उससे पहले ही गरियाबंद जिले में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व से राजकीय पशु वन भैंसे की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आ गया है।
 छत्तीसगढ़ में राजकीय पशु को संरक्षित करने और उनके वंश वृद्धि को लेकर करोड़ों रूपये सरकार के खजाने से निकलकर जंगल तक पहुंचा लेकिन वन भैंसे की वंश वृद्धि तो दूर उन्हें ही बचा पाने में वन अमला नाकाम रहा जबकि जिस वन भैंसे की मौत का मामला सामने आया है उसे रेडियो कॉलर लगाया गया था ताकि विभागीय अमले को उसके लोकेशन की जानकारी रहे। अफ़सोस की श्यामू नाम का वो वन भैंसा तीन दिन पहले मर गया और विभाग को भनक तक नहीं लगी। आज एक ग्रामीण के जरिये श्यामू की मौत की जानकारी विभाग के मुस्तैद अफसरों को लगी। श्यामू वन भैंसे की लाश आज सुबह सड़ी-गली अवस्था में टाइगर रिजर्व के बरदुला वन क्षेत्र में मिली है।
  राज्य के उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व के उत्तर क्षेत्र  में विचरण करने वाले श्यामू वन भैंसे की लाश आज काफी बुरी अवस्था में मिली, ग्रामीणों के मुताबिक़ लाश 3 दिन या चार दिन पुरानी हो सकती है। इस पुरे मामले का सबसे दुखद पहलु ये रहा की जिस वन भैंसे की संदिग्ध मौत हुई है उसके गले में रेडियो कॉलर लगा हुआ है। बावजूद इसके वन महकमें को राजकीय पशु की लाश सड़ जाने तक भनक नहीं लगी। सूत्रों के मुताबिक़       उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में वन भैसा श्यामू की लाश जिस जगह बरामद की गई है वहां से मैनपुर मुख्यालय की दुरी महज 5 किमी है। वन क्षेत्र में लाश सड़ने के बाद फैली बदबू के चलते आस-पास मवेशी चराने वालों को इस घटनाक्रम की भनक लगी। सुचना के बाद सक्रीय हुआ वन अमला फिलहाल अपनी खाल बचाता दिखाई दे रहा है, अफसर कुछ भी कहने से बच रहें हैं। 
देश में वन भैंसों की खत्म होती नस्ल को बचाने की दिशा में अलग-अलग राज्यों में परिस्थितियों के हिसाब से कार्य योजना बनाकर काम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भी संभावना तलाशी गई, करोड़ों की कार्य योजना बनी। गरियाबंद जिले के उदंती-सीतापुर टाइगर रिजर्व को वन भैंसों को संरक्षित करने के लिए उचित स्थान माना गया। यहां मौजूद वन भैंसों में दो को रेडियो कॉलर लगाया गया ताकि विभाग उनकी गतिविधियों पर नज़र रख सके। बताया जा रहा है की यहां श्यामू की मौत के बाद अब केवल 7 नर बचे हैं जबकि मादा की संख्या केवल दो है।   
छत्तीसगढ़ में राजकीय पशु वन भैंसे के संरक्षण-संवर्धन के लिए सरकार ने करोड़ों रूपये खर्च कर विधिवत कार्य योजना तैयार की, काम भी शुरू हुआ लेकिन नतीजे सकारात्मक नहीं निकले। आलम ये है की वन भैंसे के संरक्षण-संवर्धन को लेकर ठीक उसी तर्ज पर काम हो रहा है जिस ढंग से राज्य में हाथियों को लेकर सरकारी तंत्र अब तक गंभीर नज़र आता रहा है। मतलब साफ़ है कहीं टाइगर के नाम पर, तो कोई वन भैंसे की आड़ में तो किसी ने गजराज परियोजना के नाम पर अब तक वन मंत्री से लेकर संतरी तक को गुमराह किया है। 
राज्य में बदली परिस्थितियों में इस बात के कयास लगाए जा रहें है की पिछले एक दशक में वन महकमें में जिन महत्वपूर्ण योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के नाम पर सिर्फ सरकारी कागज पर स्याही चलती रही है उस तरफ नए वन मंत्री ध्यान देंगे और अगर मामलों की जांच की गई तो कई चौकाने वाले तथ्य भी सामने आ सकते हैं।
एक साल पहले ये पोस्ट लिखी गई और संभावना जताई गई थी, पढ़िए पूरा - 





© all rights reserved TODAY छत्तीसगढ़ 2018
todaychhattisgarhtcg@gmail.com