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राजधानी में चौथे दिन भी चला बुलडोजर, कालीबाड़ी में ढ़हाया गये अवैध कब्जे


  रायपुर । 
 TODAY छत्तीसगढ़  /    राजधानी में आज चौथे दिन शुक्रवार की सुबह से कालीबाड़ी में नगर निगम का बुलडोजर अवैध कब्जों के तोड़फोड़ में जुट गया है। निगम और पुलिस प्रशासन की टीम यह अवैध निर्माण तोड़ रहा है। इस दौरान वहां विरोध करने वालों की गहमागहमी बनी हुई है। इससे पहले तोडू दस्ते ने पंडरी लोधीपारा चौक पर सड़क घेरकर अवैध रूप से संचालित फलों की दुकानों को साफ किया। इससे पहले पांच वर्ष पूर्व, तत्कालीन मुख्य सचिव आरपी मंडल के निर्देश पर तोड़े गए ये कब्जे अगले कुछ दिनों बाद फिर आबाद हो गए थे।

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दूसरे दिन भी चला बुलडोज़र, दर्जनों चखना सेंटरों को किया गया जमींदोज


 बिलासपुर।
TODAY छत्तीसगढ़  /  कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर शराब दुकानों के समीप संचालित चखना सेंटरों को हटाने की कार्रवाई आज  दूसरे दिन भी जारी रही। नगर निगम, आबकारी और पुलिस की संयुक्त टीम ने सकरी, उस्लापुर, गनियारी, तखतपुर, यदुनंदन नगर, तिफरा, बोदरी, सिरगिट्टी, परसदा, दगोरी, बिल्हा, हरदीटोना समेत अन्य देशी विदेशी शराब दुकानों के समीप संचालित चखना सेंटरों को ध्वस्त किया।

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 इसी प्रकार नगर पंचायत बोदरी एवं मल्हार में भी दर्जनों चखना सेंटरों पर कार्रवाई करते हुए हटाया गया। कलेक्टर ने आज समय-सीमा की बैठक में भी समीक्षा करते हुए शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भी चखना सेंटरों को ध्वस्त करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा है कि फिर से यह सेंटर संचालित न हो सके इसलिए इन्हें जमींदोज किया जाए। शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ अगले दो दिनों तक ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान चलाकर शराब दुकानों के समीप संचालित चखना सेंटरों को निस्तोनाबूत किया जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे इस कदम से राहगीरों समेत आसपास रहने वाले लोगों को काफी राहत मिली है। लोग इस कार्रवाई के लिए प्रशासन की सराहना कर रहे है। गौरतलब है कि शहर के अंदर सार्वजनिक स्थानों के आसपास संचालित इन चखना सेंटरों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे आसपास के रहवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी जगहों पर अपराधिक घटनाओं की भी आशंका बनी रहती है। 

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अवैध अहातों पर चले बुलडोज़र,शहर के चखना सेंटरों को किया जा रहा ध्वस्त

 


बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़  /  राज्य में सरकार के बदलते ही अवैध कारोबार पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बिलासपुर शहर में शराब दुकानों के पास संचालित अवैध चखना सेंटरों को नगर निगम द्वारा तोड़ा जा रहा है। 

आज सुबह 11 बजे नगर निगम,आबकारी की टीम ने सबसे पहले लिंक रोड स्थित शराब दुकान के पास संचालित अहाता पर बुलडोजर चलाया,जिसके बाद पुराना बस स्टैंड स्थित अहाता को जमींदोज किया,इसी तरह व्यापार विहार में संचालित चखना सेंटर को भी हटाया गया है। विदित है की शहर के अंदर सार्वजनिक स्थानों के पास संचालित इन अवैध चखना सेंटरों की वजह से आस-पास का माहौल खराब रहता था,दिन भर असामाजिक तत्वों के मजमा लगे रहने से महिलाओं का निकलना मुश्किल था। शहर के इन सभी चखना सेंटर के हट जाने से खुलेआम शराबखोरी और गुण्डागर्दी पर लगाम लगेगा। नगर निगम क्षेत्र के सरकंडा, सकरी, तिफरा, पुराना बस स्टैण्ड सहित सभी जगहों से अवैध चखना सेंटरों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। संयुक्त टीम द्वारा कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   



Single Use Plastic : 81 दुकानदारों से 58 हजार की वसूली, कपड़े या जूट के थैले का प्रयोग करें - दुदावत

" ऐसे प्लास्टिक आमतौर पर मिट्टी के भीतर जाकर दफन हो जाते हैं। कई सालों बाद ये छोटे छोटे कणों में विघटित होने लगते हैं। इस दौरान प्लास्टिक काफी जहरीले रसायन छोड़ते हैं। ये पानी और भोजन की आपूर्ति के साथ हमारे शरीर के अंदर आ जाते हैं। इसके कई दुष्परिणाम हमारे स्वास्थ्य पर पड़ते हैं। इससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हमारे शरीर में जन्म ले सकती हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने पर पर्यावरण भी दूषित होता है।"


 बिलासपुर।  TODAY छत्तीसगढ़  /  नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर से 'सिंगल यूज प्लाॅस्टिक' के खिलाफ  अभियान शुरू कर दिया है। बिलासपुर निगम निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत के निर्देश पर शुक्रवार को नगर निगम की टीम सड़क पर नज़र आई। टीम ने प्रतिबंधित  प्लाॅस्टिक रखने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 81 दुकानदारों से 70 किलो प्लाॅस्टिक जब्त किया, जिसके एवज में जुर्माने के तौर पर नगर निगम ने 57 हजार 8 सौ रूपये वसूल किया । 

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कपड़े या जूट से बने थैले का उपयोग करें - दुदावत 

नगर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत ने बिलासपुर शहर के व्यापारियों और नागरिकों से अपील करते हुए कहा की 'सिंगल यूज़ प्लाॅस्टिक' से हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचता है,इसलिए प्लाॅस्टिक की जगह कपड़े से निर्मित या जूट के थैले का प्रयोग करें और पर्यावरण को बचाएं तथा आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ्य भविष्य दें।

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जुलाई 2022 से प्रतिबन्ध - 

भारतीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर एक रिपोर्ट से पता चला कि भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम है, जबकि प्लास्टिक की प्रति व्यक्ति खपत का वैश्विक औसत 28 किलोग्राम है । भारत ने 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में पहचान की गई सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है । 1 जुलाई से कम उपयोगिता और उच्च कूड़े की क्षमता वाली पहचान की गई एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लागू है।  

प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में शामिल हैं - 

प्लास्टिक के साथ ईयरबड्स लाठी,  गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पालीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण पत्र, सिगरेट के पैकेट और प्लास्टिक या पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम, स्टिरर

 हर जगह है प्लास्टिक की मौजूदगी -

प्लास्टिक का आविष्कार पहली बार 1907 में हुआ था। दरअसल, यह अन्य सामग्रियों की तुलना में सस्ता और अधिक सुविधाजनक था। आज, प्लास्टिक हमारे पैसे से लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरणों तक लगभग हर चीज में मौजूद है और इसका उपयोग पैकेजिंग, भवन, निर्माण, परिवहन, औद्योगिक मशीनरी और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में किया जाता है। 1950 से 2015 तक, वैश्विक स्तर पर लगभग 8.3 अरब मीट्रिक टन ( Billion Metric Tonnes) प्लास्टिक का उत्पादन किया गया था, और इसमें से 80 प्रतिशत - 6.3 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे के रूप में दर्ज किया गया था। 

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पंडित देवकीनंदन दीक्षित की प्रतिमा किनारे शिफ्ट, यातायात व्यवस्था सुचारु बनाने की कोशिशें

TODAY छत्तीसगढ़  /  बिलासपुर । शहर के दानवीर देवकीनंदन दीक्षित को कौन नहीं जानता ।सर्वस्व दानी पंडित दीक्षित के योगदान को अक्षुण्य बनाए रखने उनकी स्थापित प्रतिमा अब यातायात में बाधा बन रही है इसलिए यातायात विभाग और नगर निगम ने प्रतिमाओं के आइलैंड को छोटा करने और यातायात में बाधा बन रहे प्रतिमाओं को अन्यत्र शिफ्ट करना शुरू कर दिया है । पूराने बस स्टैंड में स्थापित श्यामा प्रसाद मुकर्जी की और रामा मैंगेटो माल के सामने लगाए गए पंडित दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा को भी अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना है । सोमवार को शहर के महान दानी पंडित देवकीनंदन दीक्षित की प्रतिमा को हटा दिया गया ।

शहर में यातायात को व्यवस्थित करने और ट्रफिक को सुगम बनाने के साथ ही शहर को व्यवस्थित करने की दिशा में आज से नगरनिगम बिलासपुर और यातायात विभाग के द्वारा काम शुरू कर दिया गया है जिसके तहत आज देवकीनंदन चौक में स्थित प्रतिमा को शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया। क्रेन की मदद से प्रतिमा को सावधानी के साथ हटाकर किनारे में बनाये गए स्थान पर प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। 

दरअसल शहर के लोगो के द्वारा इस बारे में प्रस्ताव बनाकर दिया गया था जिस सभी राजनीतिक दलों की सहमति के बाद प्रतिमा को हटाए जाने और जो नियत स्थान तय किये गए है वहाँ पर स्थापित किये जाने का काम शुरू कर दिया गया है। देवकीनंदन चौक के बाद अग्रसेन चौक, सी एम डी चौक में स्थित प्रतिमाओं को हटाकर किनारे प्रतिमाओं को स्थापित किया जाएगा।  इसके साथ साथ चौक को चौड़ा करते हुए यातायात को भी व्यवस्थित किया जाएगा।  माना जा रहा है कि इससे शहर में यातायात व्यवस्थित होने के साथ जाम की समस्या और भीड़भाड़ से लोगो को निजात मिलेगी। 

बिलासपुर हाईकोर्ट : मैग्नेटो मॉल तालाब पर बना, राज्य सरकार और नगर निगम को नोटिस

TODAY छत्तीसगढ़  /  बिलासपुर /  शहर के रामा ग्रुप के मैग्नेटो माल को तालाब पर बना दिए जाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन और नगर पालिक निगम बिलासपुर को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

बिलासपुर शहर के व्यापार विहार क्षेत्र में तालाब को पाटकर बनाये गए रामा मैग्नेटो मॉल का मामला बिलासपुर हाईकोर्ट में है। उस मामले में लगी याचिका पर आज बिलासपुर हाईकोर्ट सख्त नजर आया,  याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने छत्तीसगढ़ शासन और नगर निगम बिलासपुर से जवाब तालाब किया है। हाईकोर्ट ने जारी नोटिस में दो सप्ताह के भीतर मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है। 

आपको बता दें कि राजनीतिक रसूख वाले एक बड़े ग्रुप ने बिलासपुर में मैग्नेटो माल बनाने के लिए एक बड़े से तालाब को पाट दिया। इस मामले में रोहित राठौर ने बिलासपुर हाईकोर्ट में यचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि किसी भी प्राकृतिक जल स्रोत पर निर्माण नही किया जा सकता न उसके स्वरूप को बिगड़ा जा सकता है। जबकि रामा मैग्नेटो माल की नीव तालाब को पाटकर रखी गई। याचिका में ये भी बताया गया है कि तालाब पाट दिए जाने से इलाके का वाटर लेबल नीचे चला गया है। नैसर्गिक स्रोत को पाट कर माल बना दिया गया जो गलत है। जलस्रोत जनउपयोगी और जनहित के लिये होता है। 

MIC : व्यापार विहार का तारामंडल पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम से जाना जाएगा

 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर / साढ़े 5 करोड़ रुपये की लगात से व्यापार विहार में बन रहा देश का दूसरा थ्री डी तारामंडल का नाम वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही तारामंडल में बनाए जा रहें गार्डन में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा राजेद्र नगर चौक के गार्डन का नाम पूर्व राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शुक्ला के नाम पर रखा जाएगा। यह प्रस्ताव शुक्रवार को मेयर इन काउंसिल की बैठक में पास किया गया।

 विकास भवन दृष्टि सभा कक्ष में महापौर रामशरण यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सभपति शेख नजीरुद्दीन , नगर निगम आयुक्त अजय कुमार त्रिपाठी शामिल थे जिसमें कुल 61 प्रस्ताव पर चर्चा हुई जिसमें सभी प्रस्ताव सदस्यों द्बारा परित कर दिया गया। इसमें मुख्यमंत्री पेंशन योजना के तहत वृद्धा, विधवा और परितवक्ता पेशन का प्रस्ताव परित किया गया। वार्ड क्रमांक 54 में गंधर्व समाज के भवन के पास किचनशेड्सऔर सीढ़ी बनाने का प्रस्ताव, जोन क्रमांक 2 वार्ड क्रमांक 5 में पौनी पसारी योजना के तहत श्ोड चबूतरा, शौचालय के निर्माण के लिए 3० लाख रूपए की स्वीकृति दी गई। वार्ड क्रमांक 63 में 54 लाख रूपय की लागत से सीसीरोड़ बनाने का प्रस्ताव पास किया गया। वार्ड क्रमांक 66 में देव नगर नाला से आनंद मार्ग स्कूल होते हुए गुरूघासीदास विश्वविद्यालय के बाउड्रीवाल को छोड़ 1 करोड़ 6० लाख की लागत से नाली निर्माण कार्य कराने का प्रस्ताव पास किया गया। वार्ड क्रमांक 66 बिलासा ताल के पीछे अधोसंरचना मद के 58 लाख रूपए की लगात से सीसीरोड़ का निर्माण कराने का प्रस्ताव पास किया गया। बैठक में एमआईसी सदस्य राजेश शुक्ला, अजय यादव, सीताराम जयसवाल, बजरंग बंजारे, भरत कश्यप, पुष्पेंद्र साहू, श्रीमती सुनिता नामदेव गोयल, श्रीमती संध्या तिवारी, मनीष गढ़ेवाल, परदेशी राज, वियज केशरवानी सभी जोन कमीशनर, चीफ इंजीनीयर सुधीर गुप्ता, अपर आयुक्त राकेश जयसवाल शामिल रहें। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

नगर पालिका निगम क्षेत्र में विभिन्न मुख्य एवं उप मार्गों पर लगे विज्ञापन होर्डिंस बोर्ड की दर मेंयर इन काउंसिल में 3 वार्ड पहले 35 रूपए प्रतिवर्गफिट प्रतिवर्ष निर्धारित किया गया था बैठक में होर्डिंस की दरों के पुर्ननिर्धारण के संबध में अन्य निकायों रायपुर, कोरबा, दुर्ग में होर्डिंस की प्रचलित दों को देखते हुए अब पुख्य माग्रो में 12० रमपए प्रतिवर्गफिट वार्षिक और उप मार्ग में 6० रूपए प्रतिवर्गफिट वार्षिक दर तय किया गया। 


LPG आधारित शवदाह गृह निर्माण कार्य का मेयर ने किया भूमिपूजन


TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर /  महापौर  रामशरण यादव व सभापति शेख नजीरुद्दीन ने आज मुक्ति धाम सरकंडा में SECL बिलासपुर द्वारा प्रदत्त 47 लाख की लागत से LPG गैस से आधारित शवदाह गृह के निर्माण कार्य का पूजन कर कार्य का शुभारम्भ किया । बिलासपुर शहर के दयालबंद स्थित मधुबन और भारतीय नगर मुक्तिधाम में भी निर्माण होना प्रस्तावित है। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग के चेयरमैन अजय यादव, स्वास्थ्य विभाग के चेयरमैन राजेश शुक्ला, पार्षद साईं भास्कर, मुख्य अभियंता  सुधीर गुप्ता, कार्यपालन अभियंता सुब्रत कर, उप अभियंता भुषण पैकरा, व अर्जन सिंह, भरत जुरयानी सहित निगम कर्मचारी ठेकेदार आदि मौजूद थे । 

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छत्तीसगढ़ : रायपुर नगर पालिक निगम मुख्यालय भवन अब महात्मा गाँधी सदन कहलायेगा


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / रायपुर नगर पालिक निगम का मुख्यालय भवन अब महात्मा गाँधी सदन कहलायेगा |यहाँ यह उल्लेखनीय है कि पूर्व में ही नगर पालिक निगम के संस्कृति विभाग के विभागीय प्रस्ताव के अनुसार नगर पालिक निगम रायपुर की एमआईसी की बैठक में की गयी अनुशंसा पर लिये गये निर्णय के परिपालन में आज रविवार के शासकीय अवकाश दिवस पर निगम मुख्यालय भवन में महात्मा गाँधी सदन का बोर्ड लगाया गया |

 नगर निगम संस्कृति विभाग के अध्यक्ष श्री आकाश तिवारी ने बताया कि नगर निगम संस्कृति विभाग के निर्णय के अनुसार महापौर श्री एजाज ढेबर के निर्देश पर नगर निगम द्वारा मुख्यालय भवन महात्मा गाँधी सदन के प्रत्येक तल पर रामधुन बजाने हेतु आवश्यक सिस्टम भी अब लगाया जा चुका है | शीघ्र ही नगर निगम प्रशासन द्वारा महात्मा गाँधी सदन के प्रत्येक तल पर रामधुन बजाने की व्यवस्था समस्त निगम अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु की जायेगी एवं प्रत्येक कार्यदिवस पर सभी तलों पर रामधुन नियमित रूप से बजाई जायेगी एवं सभी निगम अधिकारी एवं कर्मचारीगण नियमित रूप से कार्यालयीन दिवस पर रामधुन में सम्मिलित होंगे | 

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संस्कृति विभाग के अध्यक्ष श्री तिवारी ने बताया कि संस्कृति विभाग के प्रस्ताव के अनुसार महात्मा गाँधी की मूर्ति शीघ्र महात्मा गाँधी सदन के मुख्य द्वार के बाहर लगाने की तैयारी की जा रही है |

सभी उद्यान और पार्क खोलने का आग्रह, कलेक्टर से मिले महापौर रामशरण

 TODAY छत्तीसगढ़  / बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण कमजोर होते ही अब शहर के सभी गार्डन और पार्कों में लगे ताले को खोलने की मांग आम जनता कर रही हैं। ऐसे में महापौर रामशरण यादव रविवार को कलेक्टर सारांश मित्तर से मिले और चर्चा करते हुए उनसे आग्रह किया कि शहर के सभी पार्क और गार्डन को खोलने जिला प्रशासन आदेश जारी करे।  TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

गॉर्डन बंद होने से लोग सुबह-शाम वॉक करने नहीं जा पा रहे हैं। महापौर रामशरण यादव ने बताया कि लॉकडाउन का महीने बीतने के बाद अब आम लोग नगर निगम  से गार्डन और पार्क खोलने की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पिछले कई माह से घर पर बैठे-बैठे उनका वजन काफी बढ़ गया है। ऐसे में शहर के प्रमुख पार्कों को सुबह-शाम टहलने के लिए खोल दिए जाएं, जिससे उन्हें काफी राहत मिलेगी। टहलने से उनके बढ़ते वजन पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। 

 महापौर ने कलेक्टर से कहा कि कंपनी गार्डन सहित शहर के  छोटे- बड़े गार्डन हैं को खोल दिया जाए। कुछ रिहायशी पॉश इलाके में 6-9 गार्डन हैं। लॉकडाउन के चलते जिला प्रशासन के आदेश पर इन सभी को नगर निगम ने फिलहाल बंद कर रखे हैं। लोगों की मांग है कि कॉलोनी क्षेत्र में निगम द्वारा संचालित पार्कों को सुबह-शाम खोल दिए जाए, तो काफी राहत मिलेगी। क्योंकि वहां व्यायाम करने के लिए ओपन जिम भी लगाए गए है। 

जो कचरा फेंक रहा वही कहता है कि 'यहां कचरा फेंकना सख्त मना है '

 किसी शायर ने क्या खूब लिखा है - 

" पूछा हाल शहर का तो मुस्कुरा के बोलें, लोग तो जिंदा हैं ज़मीरों का पता नहीं " 

 TODAY छत्तीसगढ़  / सच ही तो है, आज ज़िंदा कौमों में ज़मीरों के जीवित होने का पता लगा पाना बड़ा मुश्किल काम है। पिछले दो दशक में बिलासपुर शहर की तासीर और तक़दीर को बदलता हुआ देखने वाले जानते है कब किसने, किसके लिए, क्यूँ और कैसे शहर की दशा-दिशा बदल दी। सत्ता के गलियारे में चली इशारों की हवा का झोंका जब-जब प्रशासनिक चेहरों पर लगा तब तब बदलाव की एक तख़्ती शहर के किसी छोर में ठोंक दी गई। नगर निगम बिलासपुर आयुक्त के हवाले से लगी ये पट्टिका भी कुछ उसी ओर इशारा करती है।     

ऊपर लगी तस्वीर बिलासपुर शहर के राजकिशोर नगर स्थित छठ घाट इलाके को स्वच्छ रखने की वकालत करती है, साथ ही आदेशित भी करती है कि 'यहाँ कचरा फेंकना मना है, कचरा फेंकते पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ अर्थदंड भी लगाया जाएगा। ' आपको बता दें कि नगर निगम बिलासपुर ने शहर के कइयों ऐसे इलाके हैं जिन्हें कचरे के ढेर में बदल दिया था, छठघाट के पास का इलाका भी उसी भीड़ का हिस्सा है। कुछ साल पहले तक नगर निगम बिलासपुर ने शहर भर के कचरे को अरपा नदी के तट पर भी डाला है। उसका नतीज़ा रहा कि अरपा की जैव विविधता नष्ट हुई, पानी प्रदूषण के मापदंडों को लांघकर बाहर आ गया। चूँकि नगर निगम के पास शहर भर से निकलने वाले करीब 160 टन से अधिक कचरे को नष्ट करने की कोई योजना नहीं थी। नतीजा अरपा नदी तट [तोरवा / छठघाट राजकिशोर नगर ] पर कचरे का पहाड़ लग गया । आलम ये रहा कि प्रदूषित अरपा के पानी का ऑक्सीजन लेबल कम हो गया, पुरे इलाके में हवा के माध्यम से फैले प्रदूषण और दुर्गन्ध ने इलाके में रहने वालों की ज़िंदगी बेहाल कर दी। आपको बता दें कि साल 2015 में पर्यावरण संरक्षण मंडल ने अपनी रिपोर्ट में यहां के पानी को बेहद प्रदूषित घोषित कर दिया था । 

कभी बिलासपुर शहर की सबसे बड़ी समस्या साफ सफाई की हुआ करती थी, अब तुलनात्मक बहुत कम है। मगर आज भी कइयों इलाकों में लोगों को प्रतिदिन कचरा नहीं उठने की शिकायत रहती है। बिलासपुर के तोरवा पुल के पास और स्मृति वन के पीछे कचरे का जो पहाड़ नज़र आता रहा है उस पहाड़ के निर्माण में किसी और का नहीं बल्कि नगर निगम का ही हाथ रहा है। अब उसी इलाके में नगर आयुक्त के आदेशानुसार सरकारी फरमान की नुमाईंदगी करती एक काले रंग की तख्ती दिखाई पड़ती है। 'यहाँ कचरा फेंकना सख्त मना है।'  

आपको ये भी बताते चलें की तोरवा पुल के आस-पास और छठघाट के इर्द-गिर्द की सरकारी ज़मीनों पर कुछ कोयला और भू-माफियों की नज़र सालों से रही है। कइयों बार अलग-अलग कार्यक्रम के माध्यम से सरकारी जमीन को हथियाने का खेल चलता रहा, कुछ काबिज़ है और कुछ अब भी वृक्षारोपण के माध्यम से अपनी दावेदारी किये हुए हैं। कुल मिलाकर कचरे की आड़ में कभी सत्ता ने जनता तो कभी सामाजिक ठेकेदार बनकर कोयला और भू-माफियाओं ने शासन-प्रशासन की आँख में कचरा झोंकने की कोशिश की है। खेल बड़ा है, जो शहर की बेहतरी के लिए बोलना नहीं जानते वे खामोशी से देखते रहें और 'यहाँ कचरा ना फेंके' 

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