बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / नगर निगम प्रशासन ने एक बार फिर से 'सिंगल यूज प्लाॅस्टिक' के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। बिलासपुर निगम निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत के निर्देश पर शुक्रवार को नगर निगम की टीम सड़क पर नज़र आई। टीम ने प्रतिबंधित प्लाॅस्टिक रखने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 81 दुकानदारों से 70 किलो प्लाॅस्टिक जब्त किया, जिसके एवज में जुर्माने के तौर पर नगर निगम ने 57 हजार 8 सौ रूपये वसूल किया ।
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कपड़े या जूट से बने थैले का उपयोग करें - दुदावत
नगर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत ने बिलासपुर शहर के व्यापारियों और नागरिकों से अपील करते हुए कहा की 'सिंगल यूज़ प्लाॅस्टिक' से हमारे पर्यावरण और स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचता है,इसलिए प्लाॅस्टिक की जगह कपड़े से निर्मित या जूट के थैले का प्रयोग करें और पर्यावरण को बचाएं तथा आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ्य भविष्य दें।
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जुलाई 2022 से प्रतिबन्ध -
भारतीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर एक रिपोर्ट से पता चला कि भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 11 किलोग्राम है, जबकि प्लास्टिक की प्रति व्यक्ति खपत का वैश्विक औसत 28 किलोग्राम है । भारत ने 1 जुलाई, 2022 से पूरे देश में पहचान की गई सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध है । 1 जुलाई से कम उपयोगिता और उच्च कूड़े की क्षमता वाली पहचान की गई एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लागू है।
प्रतिबंधित वस्तुओं की सूची में शामिल हैं -
प्लास्टिक के साथ ईयरबड्स लाठी, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, सजावट के लिए पालीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लास्टिक की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकिंग फिल्म मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण पत्र, सिगरेट के पैकेट और प्लास्टिक या पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम, स्टिरर।
हर जगह है प्लास्टिक की मौजूदगी -
प्लास्टिक का आविष्कार पहली बार 1907 में हुआ था। दरअसल, यह अन्य सामग्रियों की तुलना में सस्ता और अधिक सुविधाजनक था। आज, प्लास्टिक हमारे पैसे से लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरणों तक लगभग हर चीज में मौजूद है और इसका उपयोग पैकेजिंग, भवन, निर्माण, परिवहन, औद्योगिक मशीनरी और स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में किया जाता है। 1950 से 2015 तक, वैश्विक स्तर पर लगभग 8.3 अरब मीट्रिक टन ( Billion Metric Tonnes) प्लास्टिक का उत्पादन किया गया था, और इसमें से 80 प्रतिशत - 6.3 अरब मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे के रूप में दर्ज किया गया था।
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