[TODAY छत्तीसगढ़] / बिलासपुर के पुराना कम्पोजिट भवन परिसर में एक जगह हनुमान जी विराजित हैं, सालों से ना जाने कितने ही हनुमान भक्तों की आस्था का केंद्र रहा बजरंगबली का ये मंदिर मानवीय आस्था पर हमेशा से सवाल खड़े करता रहा है। सवाल उन लोगों से भी जो कुछ दिन पहले तक स्वच्छता की झाड़ू हाथ में लेकर जनजागरूकता का संदेश फ़ैलाने की गर्द उड़ा रहे थे। मंदिर परिसर के चारो तरफ आज से नहीं सालों से मानवीय मलमूत्र बह रहा है, बदबू और खुला सीवर, जाम पड़ी नाली बीमारियां परोस रहीं हैं। दर्जनों सरकारी दफ्तर, उतने ही साहब और सैकड़ों कर्मचारियों के अलावा हजारों फरियादियों का रोज यहां आना-जाना होता है मगर गन्दगी से किसी को वास्ता नहीं और रामलला का भक्त उसी सड़ांध मारती गंदगी के बीच बैठकर भक्तों की मनोकामना पूरी कर रहा है।
तस्वीरों में देखकर रामभक्त हनुमान के हालात की खबर मिल जाती है, कहते हैं इनका पता पूछने की जरूरत नहीं ये तो कण-कण में विराजमान है। फिर भी बिलासपुर में कई जगह उपेक्षित और दयनीय हाल में पड़े भगवानों को छोड़ भी दें तो भी कम्पोजिट बिल्डिंग के हनुमान का जिक्र जरूरी हो जाता है। कम्पोजिट बिल्डिंग, अब पुरानी हो गई वहां हनुमान जी का एक छोटा मंदिर है। पहले नहीं था, वक्त के साथ सरकारी लोगों की भीड़ के बीच पहले हनुमान जी को लाकर विराजित किया गया फिर कुछ लोगों ने स्वार्थ पूर्ति के लिए चारो तरफ दीवार खड़ी कर मंदिर का आकार दे दिया । शायद ये बजरंगबली सरकारी मुलाजिमों के साथ फरियादियों की मनमाफिक मुराद पूरी करते हैं। आस्था के नाम पर हनुमान जी के मंदिर में ना जाने कितने ही भक्त रोज पहुँचते होंगे मगर उनके इर्द-गिर्द बहते मानव मलमूत्र और गंदगी के ढेर से किसी को परहेज नहीं हुआ। होना भी नहीं चाहिए, गंदगी और मलमूत्र के किनारे बैठे बजरंगी के पास वैसे भी भक्त उतनी ही देर रुकते हैं जितनी देर वो मन में उनसे अपने लिए कुछ मांगते है। खुले सीवर पाइप, नाली, कचरे का ढेर और बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल से बहकर आती पेशाब आज से नहीं सालों से यहां बीमारियां परोस रही हैं। मंदिर से कुछ क़दमों की दूरी पर नगर निगम का दफ्तर है जहां शहर की सियासत के कर्मवीर और लोगों के भाग्यविधाता बैठते हैं। मंदिर से कुछ आगे चलकर सड़क पार करें तो कलेकटर साहब मिल जायेंगे है। कई साहब आये, चले गए पर कोई बजरंगी से मिलने नहीं आया। जो कुछ करना नहीं चाहते वैसे कुछ लोग ये मानते हैं की कलेक्टर साहब इधर भूले-भटके भी आ जाते तो शायद हनुमान को गन्दगी की त्रासदी से मुक्ति मिल जाती।
एक तरफ देश में स्वच्छता का नारा लग रहा है, यहां भी साहब-बाबू फरियादी सब लगाते हैं। सरकारी दीवारों पर पान-गुटखों की पीक से रंगरोगन करने वाले स्वच्छता का शोर मचाते हुए कभी इस बजरंगबली को झाँकने क्यों नहीं आये ये बड़ा सवाल है। तस्वीर सिर्फ एक जगह के भगवान की दयनीय स्थिति की खबर दे रही है लेकिन ऐसे असंख्य स्थान हैं जहां देवता लावारिस हाल में पड़े हैं।
कितनी अजीब विडंबना है, जिस भगवान से हम सुख-शांति, वैभव और समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं वो कहीं कचरे के ढेर में विराजे हैं तो कहीं बहते मलमूत्र के साथ गंदगी के किनारे बने मंदिर में बैठकर इंसानी मानसिकता के दीदार कर रहें हैं। जिस भगवान ने इंसान को बनाया वो इंसान अब भगवान की किस्मत लिख रहा है। आस्था के नाम पर होते खिलवाड़ के पीछे स्वार्थ और लालच की ढेरों कहानियाँ है जो लोगों को भगवान का भय दिखाकर आस्थावान बनाती है। अगर ऐसा नहीं होता अयोध्या में राम तम्बू में बैठे सालों से कोर्ट के फैसले का इंतज़ार नहीं कर रहे होते। अगर ऐसा नहीं होता तो जगह-जगह भगवान के नाम का पत्थर रखकर लोग अपने स्वार्थ की पूर्ति नहीं करते, अगर ऐसा नहीं होता तो सालों से मानव मलमूत्र की गंदगी के किनारे रामभक्त हनुमान का मंदिर नहीं होता, अगर ऐसा नहीं होता तो भीख की थाली में भगवान की मूरत रखकर लोग परिवार का जीविकोपार्जन नहीं करते। भगवान ने एक इंसान बनाया लेकिन इंसान ने अपनी-अपनी सुविधा और महत्वाकांक्षा के अनुसार भगवान को बाँट लिया। कोई राम भक्त, कोई हनुमान का पुजारी तो कोई सांई का दास तो कोई कृष्ण का दीवाना। कोई कहे बम-बम भोले तो कोई लगाए माता के जयकारे।
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महिला रक्षा टीम, महिला कमांडो और संवेदना केन्द्र की गतिविधियों पर मंचीय प्रस्तुति |
[TODAY छत्तीसगढ़] / बिलासपुर पुलिस ने राखी के अवसर पर महिलाओं की सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए एक अनूठा अभियान चलाया था जिसके तहत कॉलेज की छात्राओं, महिलाओं, युवतियों एवं बच्चियों ने पुलिस के जवानों, “एक भाई ऐसा भी है” तथा “राखी विद खाकी” के पोस्टर के साथ सेल्फी ली थी। अभियान का उद्देश्य था कि पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है।
इस अभियान में चुनी हुई सेल्फी को 27 अगस्त को रिवर व्यू में एक समारोह आयोजित कर पुरस्कृत किया गया था यह एक ऐसी मुहिम थी जिसमें पुलिस ने महिलाओं और छात्राओं का डर दूर करने में उल्लेखनीय पहल की। यह अभियान पुलिस के संकल्प सुरक्षा और शांति को लोगों तक पहुंचाया। अभियान के तहत ली गई सेल्फी की कुल संख्या 50033 थी, जिसने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह बना ली। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के वरिष्ठ कार्यक्रम संयोजक प्रभुजोत सिंह सोढ़ी ने शनिवार को बिलासपुर पुलिस बल को गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सौंपा। इस अवसर पर महिला रक्षा टीम, महिला कमांडो और संवेदना केन्द्र की गतिविधियों पर मंचीय प्रस्तुति की गई। इसमें बताया गया कि महिलाओं के प्रति अपराधों में रोकथाम और उनमें पुलिस के प्रति विश्वास स्थापित करने के लिए कौन से प्रयास किए जा रहे हैं।
इस ख़ास मौके पर संभाग के कमिश्नर टीसी महावर ने कहा कि पुलिस का काम लोगों को फंसाना या भयभीत करना नहीं है बल्कि लोगों में सुरक्षा के प्रति विश्वास बढ़ाना है। राखी विद खाकी इस विश्वास को बढ़ाने में मददगार है। पुलिस महानिरीक्षक प्रदीप गुप्ता ने कहा कि पुलिस का जनता के साथ सकारात्मक संवाद, व्यवहार हो तो आम लोगों का भरोसा पुलिस पर बढ़ता है। कलेक्टर पी. दयानंद ने कहा कि बिलासपुर पुलिस के इसी तरह के प्रयासों का नतीजा था इस बार के विधानसभा चुनाव में किसी प्रकार का गंभीर अपराध घटित नहीं हुआ। पुलिस अधीक्षक आरिफ एच शेख ने कहा कि पुलिस हर जगह नहीं होती पर इस अभियान के तहत हमने हजारों लोगों तक पहुंच बना ली, जो पुलिस तक तत्काल अपनी शिकायत या समस्या लेकर पहुंच सकते हैं।
[TODAY छत्तीसगढ़] / प्रदूषण विभाग ने 6 बड़े शहरों में पटाखे फोड़ने पर बैन लगा दिया है। ये फैसला ठण्ड में वायु प्रदूषण को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाये रखने के लिए लिया गया है। हालांकि क्रिसमस व नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति रहेगी। जिन छह शहरों में पटाखा एक महीने के लिए बैन रहेगा, उसमें रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, रायगढ़ और कोरबा शामिल है। इन शहरों में 1 दिसंबर से 31 जनवरी तक पटाखे फोडने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। ठण्ड में वायु प्रदूषण को निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाये रखने के लिये पिछले वर्ष यह निर्णय लिया गया था। विदित हो कि सम्पूर्ण छत्तीसगढ़, वायु प्रदूषण अधिनियम, 1981 के अंतर्गत वायु प्रदूषण नियंत्रण क्षेत्र घोषित है।
इसी के तहत पिछले वर्ष पर्यावरण विभाग द्वारा वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 19(5) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया गया था। लेकिन क्रिसमस व नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति भी लागू रहेगी। विदित हो कि रिट पिटीशन (सिविल) क्रमांक 728/2015 अर्जुन गोपाल विरूद्ध यूनियन आॅफ इंडिया में पटाखो के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किये गये है, जिसमें क्रिसमस व नव वर्ष के अवसर पर रात्रि 11ः55 से 12ः30 बजे तक पटाखें फोडे जाने की अनुमति दी गई है।
ठण्ड के मौसम में वायु प्रदूषण का स्तर बढता है, इसे निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप बनाये रखने के लिये यह निर्णय लिया गया है। विदित हो कि छत्तीसगढ पर्यावरण संक्षण मण्डल द्वारा प्रदूषण की जीरो टाॅलरेंस की नीति है और इसलिये प्रदूषण को कम करने के लिये समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। मण्डल द्वारा प्रतिबंध के संबंध में लिया गया यह निर्णय उसी कडी का एक हिस्सा है। पिछले 02 वर्षों से किये जा रहे लगातार प्रयासों के फलस्वरूप रायपुर की प्रदूषण स्तर में काफी सुधार हुआ है और वायु की गुणवत्ता बेहतर हुई है। रायपुर को ग्रीड में बांट कर माॅनिटरिंग की जा रही है जिसके फलस्वरूप रायपुर का प्रदूषण घट कर गुड की श्रेणी में आ गया है। दिपावली में भी प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, और यह उद्योगों के साथ आम जनता के सहयोग से ही संभव हो पाया है।