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Uttarakhand : यात्रियों से भरी बस खाई में गिरी, 36 की मौत 7 गंभीर


 देहरादून / 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  उत्तराखंड के अल्मोड़ा में कूपी के पास आज सुबह 8 बजे यात्रियों से भरी एक बस अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में 36 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 6 घायल जिनका इलाज जारी हैं। डॉक्टरों के मुताबिक घायलों की स्थिति भी नाजुक है। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त बस में 45 लोग सवार थे। 

कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत ने बताया, 'बस नदी से करीब 10 फीट पहले पेड़ में फंसकर रुक गई। खाई में गिरने के दौरान झटके से कई यात्री खिड़कियों से बाहर जा गिरे।' बस किनाथ से रामनगर जा रही थी।

दीपावली की छुट्‌टी के बाद सोमवार को पहला वर्किंग डे था। इसलिए बस पूरी भरी हुई थी। ज्यादातर स्थानीय लोग सवार थे। पुलिस ने बताया कि बस गढ़वाल मोटर्स ओनर्स यूनियन लिमिटेड की थी। 

‘मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया’ जैसे आंदोलन की जरूरत है - नरेंद्र मोदी

 

देहरादून।  TODAY छत्तीसगढ़  /   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि देश को ‘मेक इन इंडिया' की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया' जैसे आंदोलन की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही प्रभावशाली उद्योगपतियों से प्रति वर्ष अपने परिवार के किसी सदस्य की उत्तराखंड में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' करने की अपील की. पीएम मोदी ने यहां ‘एफआरआई' में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि करोड़पति और अरबपति कारोबारियों के बीच ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' के लिए विदेश जाना चलन बन गया है. 

पीएम मोदी ने अपने पिछले मन की बात कार्यक्रम के दौरान संपन्न कारोबारी परिवारों से विदेश जाने के बजाय देश में ही विवाह समारोह आयोजित करने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा, ‘‘एक पुरानी कहावत है कि शादियां आसमान में बनती हैं. फिर क्यों युवा लोग विवाह के लिए विदेश जाने के बजाए देवताओं की भूमि (देवभूमि) पर आते. युवा और धनाढ्य जोड़ों से मेरा कहना है कि ‘मेक इन इंडिया' की तर्ज पर ‘वेड इन इंडिया' जैसे आंदोलन की जरूरत है.''

पीएम मोदी ने कहा कि अगर उत्तराखंड में ‘डेस्टिनेशन वेडिंग' की प्रथा शुरू होती है और पांच साल तक जारी रहती है तो यह एक अंतरराष्ट्रीय विवाह स्थल के रूप में उभरेगा.

उन्होंने कहा,‘‘ यदि अमीर कारोबारी परिवार अपने परिवार के सदस्यों का विवाह अगले पांच वर्ष तक उत्तराखंड में वर्ष में एक बार आयोजित करना शुरू कर दें और अगर यहां वर्ष में पांच हजार विवाह भी होने लगें, तो एक उपयुक्त बुनियादी ढांचा विकसित होगा और यह स्थान एक प्रमुख विवाह स्थल के रूप में उभरेगा.' (साभार / NDTV)

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कांवड़ यात्रा रद्द, मुख्यमंत्री ने कहा - लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता


TODAY छत्तीसगढ़  / देहरादून / उत्तराखंड सरकार ने कांड़ यात्रा पर बड़ा फैसला लिया है. कोरोना वायरस के चलते कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांवड़ यात्रा को लेकर कहा था कि बात आस्था की है, लेकिन लोगों की जिंदगी भी दांव पर है. भगवान को भी यह अच्छा नहीं लगेगा यदि लोग कांवड़ यात्रा के कारण कोविड से अपनी जान गंवाते हैं.

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सोमवार को कांवड़ यात्रा के संबंध में पूछे गए प्रश्न पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने 30 जून की कैबिनेट की बैठक में फैसला किया था कि इस साल कांवड़ यात्रा नहीं होगी. कांवड़ यात्रा आस्था से जुड़ी है. फिर भी हम सोच रहे हैं कि अगर कोई गुंजाइश है तो उस बारे में हम उच्चस्तरीय बैठक करेंगे, लेकिन लोगों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. आज सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कांवड़ यात्रा नहीं होगी.

बता दें, इससे पहले जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी तब उत्तराखंड में कुंभ का आयोजन किया गया. कुंभ के दौरान कई साधु संत और अधिकारी संक्रमित हो गए थे. ऐसे में उत्तराखंड सरकार और बीजेपी विपक्ष के निशाने पर रही. सरकार की इस बात को लेकर आलोचना की गई कि जब देश कोरोना की त्रासदी से जूझ रहा है तब इतने बड़े धार्मिक आयोजन के नाम पर लोगों की भीड़ जुटने की इजाजत क्यों दी गई.

पुष्कर सिंह धामी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई, उत्तराखंड के 11 वे CM होंगे


TODAY छत्तीसगढ़  / देहरादून / उत्तराखंड (Uttarakhand) के 11वें मुख्यमंत्री ने आज शपथ ले ली है. बारिश के बीच राजभवन में शपथ ग्रहहण समारोह हुआ. पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) अब उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. धामी उत्तराखंड से सबसे कम उम्र के सीएम बने हैं. राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.

ये बने उत्तराखंड के मंत्री

पुष्कर सिंह धामी  (Pushkar Singh Dhami) के साथ ही सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, धनसिंह रावत, रेखा आर्य, यतीश्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ग्रहण की.

वरिष्ठ नेताओं से लिया 'आशीर्वाद'

पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने शपथ से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. धामी ने देहरादून में राज्य मंत्री सतपाल महाराज से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चन्द्र खंडूरी से उनके आवास पर मुलाकात की.

'मतभेद की खबरें निराधार'

दूसरी तरफ उत्तराखंड भाजपा में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री चुने जाने को लेकर बगावत की खबरों के बीच मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं समेत कई नेताओं ने किसी भी तरह के कलह से इनकार किया. तीरथ सिंह रावत की सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य और बिशन सिंह चुपल ने कहा, 'कोई अंदरूनी कलह नहीं है.' बीजेपी विधायक धन सिंह रावत ने भी नाराजगी की खबरों का खंडन किया.

हरक सिंह रावत ने दी सफाई

देहरादून में सुबह से ही जोरदार अफवाह चल रही थी कि धामी के चयन से नाखुश वरिष्ठ नेता और मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत दिल्ली पहुंच गए हैं. हरक सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि वह देहरादून में हैं और पार्टी नेतृत्व के साथ हैं. हरक सिंह रावत ने कहा, 'मैं देहरादून में हूं और यहां सबके साथ बैठा हूं. केंद्रीय नेतृत्व के लिए समय मांगने के लिए दिल्ली में मेरी मौजूदगी की सभी खबरें निराधार और अफवाहें हैं.'  - जी न्यूज़ 

पुष्कर होंगे उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री, भाजपा ने युवा चेहरे पर जताया भरोसा

  TODAY छत्तीसगढ़  /  देहरादून / उत्तराखण्ड के सियासी गलियारों के तमाम अनुमानों और आंकलन को धता बताते हुए आज राज्य के नए मुख्यमंत्री के तौर पर 45 वर्षीय पुष्कर सिंह धामी के नाम पर अंतिम मुहर लग गई। आज तीन बजे देहरादून स्थित भाजपा मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के दौरान सभी ने उनके नाम पर सहमति जताई। इस बैठक के दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर, डी पुरंदेश्वरी और उत्तराखंड भाजपा के प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम व रेखा वर्मा भी मौजूद रहीं।

उत्तराखंड में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 'मेरी पार्टी ने एक सामान्य कार्यकर्ता को चुना है। हम एक साथ मिलकर लोगों के कल्याण के लिए काम करेंगे। हम लोगों के लिए काम करने की चुनौती को स्वीकार करते हैं।' पुष्कर सिंह धामी पिथौरागढ़ जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुए और उनके पिता एक पूर्व सैनिक हैं।

खटीमा से हैं विधायक

गौरतलब है कि शुरुआती दौर में पुष्कर सिंह धामी का नाम कहीं भी चर्चा में नहीं था। लेकिन अचानक से उन्होंने मुख्यमंत्री पद की रेस में सभी को पछाड़ दिया। पुष्कर सिंह धामी उधमसिंह जिले के खटीमा से विधायक हैं। वह यहां से लगातार दूसरी बार विधायक पद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे हैं। पुष्कर 16 सितंबर 1975 को पिथौरागढ़ जिले के टुंडी गांव में पैदा हुए। उनके पिता सेना में रह चुके हैं। पुष्कर सिंह धामी तीन बहनों के बीच अकेले भाई हैं। पढ़ाई—लिखाई की बात करें तो पुष्कर सिंह धामी ने मानव संसाधन प्रबंधन के साथ—साथ औद्योगिक संबंध में मास्टर्स किया है।

 सबको छोड़ा पीछे

गौरतलब है कि प्रदेश में उपचुनाव की अनिश्चितताओं के बीच तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद से ही उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज थी। इसके बाद पार्टी ने कई नामों पर चर्चा की। इन नामों में चौबातखाल से विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, श्रीनगर से विधायक धनसिंह रावत, पुष्कार सिंह धामी और रितू खंडूरी के साथ-साथ दोईवाला से विधायक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की दावेदारी भी थी। लेकिन आखिर में विधायकों ने पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगाई। 

चारधाम यात्रा अग्रिम आदेशों तक स्थगित, उत्तराखंड सरकार ने जारी की नई एसओपी


TODAY छत्तीसगढ़  / उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार सुबह चारधाम यात्रा को लेकर संशोधित एसओपी जारी कर दी। सरकार ने आगामी एक जुलाई से प्रस्तावित चारधाम यात्रा को अग्रिम आदेशों तक के लिए स्थगित कर दिया है। बता दें कि सोमवार को जारी एसओपी में सरकार ने उच्च न्यायालय की रोक के बावजूद चारधाम यात्रा एक जुलाई से शुरू करने का फैसला लिया था। जबकि दूसरे चरण की यात्रा 11 जुलाई से होनी तय की गई थी। 

सरकार ने पहले चरण में बदरीनाथ की यात्रा चमोली जिले के लोगों के लिए, केदारनाथ की रुद्रप्रयाग जिले के लोगों के लिए, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए सशर्त खोलने का निर्णय लिया था। इसमें यात्रियों के कोविड जांच रिपोर्ट अनिवार्य की गई थी। माना जा रहा था कि पर्यटन व धर्मस्व विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

दो दिन पूर्व सोमवार को हाईकोर्ट ने सरकार के सारे तर्कों को सिरे से नकारते हुए एक जुलाई से चार धाम यात्रा कराने के कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी थी। सरकार की ये फजीहत कमजोर तर्कों और आधी अधूरी तैयारी के चलते हुई। कोर्ट ने कहा था कि सरकार के अधिकारी कोर्ट को बहुत हल्के ढंग से ले रहे हैं, लिहाजा मुख्य सचिव अधिकारियों को कोर्ट के समक्ष जवाब देने की ट्रेनिंग दें। अधिकारी गलत और अधूरी जानकारी देकर हमारे धैर्य की परीक्षा न लें। कोर्ट ने इस प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए सात जुलाई की तिथि नियत की है।

बुरे फंसे रामदेव: आईएमए ने भेजा 1000 करोड़ रुपये का नोटिस, 15 दिन में माफ़ी मांगे

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है।  
 TODAY छत्तीसगढ़  /  देहरादून / एलोपैथी और डॉक्टरों पर विवादित बयान देकर योगगुरु रामदेव बुरी तरह फंस गए हैं। उनकी मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने रामदेव को 1000 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है। नोटिस में रामदेव से अगले 15 दिन में उनके बयान का खंडन वीडियो और लिखित माफी मांगने को कहा गया है।
नोटिस में कहा गया है कि अगर रामदेव अगर 15 दिन के अंदर खंडन वीडियो और लिखित माफी नहीं मांगते हैं तो उनसे 1000 करोड़ रुपये की मांग की जाएगी। इसके अलावा रामदेव से 72 घंटे के अंदर कोरोनिल किट के भ्रामक विज्ञापन को सभी स्थानों से हटाने को कहा है। जहां यह दावा किया गया है कि कोरोनिल कोविड वैक्सीन के बाद होने वाले साइड इफेक्ट पर प्रभावी है। 

रामदेव ने दिया था विवादित बयान -

बता दें कि पिछले दिनों बयान दिया था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस कह दिया था था। इस पर विवाद बढ़ने और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के कड़े ऐतराज के बाद रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया था। 

रामदेव ने आईएमए से पूछे 25 सवाल - 

माना जा रहा था कि विवाद थम जाएगा लेकिन 24 मई को रामदेव ने एक बार फिर एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर सवाल उठा दिए। इस बार उन्होंने पतंजलि के लेटरपैड पर लिखी एक चिट्ठी में आईएमए से 25 सवाल किए। इस पर उनके हस्ताक्षर भी है। बाबा रामदेव ने इस पत्र में हेपटाइटिस, लीवर सोयराइसिस, हार्ट एनलार्जमेंट, शुगर लेवल 1 और 2, फैटी लीवर, थायराइड, ब्लॉकेज, बाईपास, माइग्रेन, पायरिया, अनिद्रा, स्ट्रेस, ड्रग्स एडिक्शन, गुस्सा आदि पर स्थायी इलाज को लेकर सवाल पूछे। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   

ये था मामला - योग गुरु ने IMA से पूछे 25 सवाल, जब डॉक्टर हैं तो बीमारी क्यूँ हैं ? 

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