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वाहन मालिक से रंजिश, दुर्घटनाग्रस्त बस में आग लगाने वाला खलासी गिरफ्तार


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / पेन्ड्रा–रतनपुर मुख्य मार्ग के बंजारीघाट (केन्दा) में बीते 2 दिसंबर की शाम हुई बस दुर्घटना और उसके बाद बस में लगी आग के मामले में पुलिस ने आरोपी खलासी को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि बस पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

दीप ट्रैवेल्स की बस (क्रमांक CG 10 G 0336) दुर्घटना के बाद घाट में फंसी थी। उसी रात बस में आग लगने की सूचना वाहन मालिक संदीप कुमार साहू ने चौकी बेलगहना, थाना कोटा में दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने आगजनी की जांच शुरू की।

जांच के दौरान पता चला कि बस के खलासी शिवा उर्फ शेरप्रताप सिंह (पिता दुर्गविजय सिंह, उम्र 29 वर्ष), निवासी देवकली, थाना मेहनगर, जिला आजमगढ़ (उ.प्र.) ने ही बस में आग लगाई थी। पुलिस के अनुसार वाहन मालिक से रंजिश के चलते आरोपी ने रात के समय अवसर पाकर बस की सीट के फोम में आग लगाई। उस समय बस की सुरक्षा में तैनात उसके साथी गर्म कपड़े लेने गए थे। आगजनी के बाद आरोपी ने अपने साथियों और वाहन मालिक को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बस में आग लगाए जाने की भ्रामक जानकारी दी।

जांच में तथ्य सामने आने पर आरोपी के विरुद्ध धारा 326 (च) तथा 324 (5) BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। पुलिस ने विवेचना पूर्ण करते हुए 11 दिसंबर को आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

Chhattisgarh: मानवता की ऐतिहासिक मिसाल पेश की-शहीद वीर नारायण सिंह ने


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / शहीद वीर नारायण सिंह का 168 वां बलिदान दिवस के अवसर पर अध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद एवं पूर्व विभाग अध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला प्रोफेसर (डॉ.) आभा रूपेंद्रपाल ने कहा कि वीर नारायण सिंह अंग्रेजी शासन के अत्याचार के विरुद्ध गरीबों, किसानों और वंचित समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हुए एक ऐसे वीर सपूत थे, जिन्होंने 1956 के भीषण अकाल के समय गरीबों में अनाज बांटकर मानवता की ऐतिहासिक मिसाल पेश की। इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर (छत्तीसगढ़) में कल शहीद वीर नारायण सिंह जी का 168 वां बलिदान दिवस मनाया गया, इस अवसर पर विभाग में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

(डॉ.) आभा पाल ने कहा कि अंग्रेजों की गलत नीतियों के कारण जब किसान और उनके बच्चे भूखों मरने लगे तो यह बात वीरनारायण सिंह से सहन नहीं हुई। उन्होंने किसानों को संगठित करके अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया। शहीद वीर नारायण सिंह पर अंग्रेजों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने गोदामो में भरे अनाज को लूटकर अपनी प्रजा में बंटवा दिया था। लेकिन यदि न्याय की बात की जाए तो उन्होंने अकाल के कारण दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे अपनी प्रजा तक उनके अधिकारों को पहुंचाया था। अंग्रेजी हुकूमत ने वीर सपूत नारायण सिंह के इस प्रजाहितैषी कार्य करते हुए  किसानों को संगठित करके अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया। अंततः वे अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर लिए गए और 10 दिसंबर 1857 को उन्हें रायपुर में फांसी दे दी गई।  

           कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर (डॉ.) आर के ब्रह्मे अध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला ने करते हुए कहा कि शहीद वीरनारायण सिंह सोनाखान के जमींदार थे। वे चाहते तो अंग्रेजों की जी.हुजूरी करते हुए सुविधापूर्ण और भोग विलास का जीवन जी सकते थेए लेकिन उन्होंने अन्याय के खिलाफ संघर्ष का मार्ग चुना। प्रमुख वक्ता प्रोफेसर रमेंद्र नाथ मिश्र पूर्व विभागाध्यक्ष इतिहास अध्ययन शाला ने कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह पर अंग्रेजों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने गोदामो में भरे अनाज को लूटकर अपनी प्रजा में बंटवा दिया था। लेकिन यदि न्याय की बात की जाए तो उन्होंने अकाल के कारण दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे अपनी प्रजा तक उनके अधिकारों को पहुंचाया।वीर नारायण सिंह की लड़ाई असमानता के खिलाफ थी, लेकिन अंग्रेजों ने उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया और सजा दी। वीर नारायण सिंह को रायपुर स्थित जय स्तंभ चौक में 10 दिसम्बर को अंग्रेजों द्वारा फाँसी में चढ़ा दिया गया था। उन्हें 1857 की क्रांति में छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का गौरव प्राप्त है। उनका बलिदान सदियों से संघर्ष, स्वाभिमान और अन्याय के प्रतिकार की प्रेरणा देता आया है। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर (डॉ.) के के अग्रवाल उपाध्यक्ष छत्तीसगढ़ इतिहास परिषद एवं पूर्व प्रोफेसर इतिहास, प्रोफेसर (डॉ.) बी एल सोनकर अध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययन शाला उपस्थिति रहे।

          इस अवसर पर इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के छात्रों द्वारा किए गए खेलकूद गतिविधियों का आयेाजन तथा भाषण प्रतियोगिता, गीत, रंगोली प्रतियोगिता का आयंाजन किया और विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अतिथियों (डॉ.) डी एन खूटे सह-प्राध्यापक तथा आभार प्रदर्शन (डॉ.) बसों नूरूटि सह-प्राध्यापक, श्रीमती (डॉ.)सीमापाल, (डॉ.)उदय अडाउ, (डॉ.) दिप्ती वर्मा के अलावा शोधार्थी, विभाग के विद्यार्थियों ने वीर नारायण सिंह के योगदान विषय पर परिचर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी गोल्डी राज एक्का ने किया। इस अवसर पर इतिहास अध्ययन शाला पंडित रविंशकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के शोधार्थी, छात्र-छात्राएं बडी संख्या में उपस्थित रहे।

आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, औषधियों का वितरण किया गया


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / रजत जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयुष विभाग द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर में निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के निर्देशन में तथा जिला आयुष अधिकारी डॉ. यशपाल सिंह ध्रुव के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। शिविर का संचालन आयुष चिकित्सक डॉ. अनिल कुमार सोनी द्वारा किया गया। शिविर में बड़ी संख्या में लोग  स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचे।197 लोगों की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच की गई तथा आयुष पद्धति पर आधारित निःशुल्क औषधियों का वितरण किया गया। नागरिकों ने आयुर्वेदिक परामर्श एवं उपचार का लाभ उठाया। शिविर में डॉ. रश्मि श्रीवास द्वारा 91 लोगों की रक्तचाप (बीपी) स्क्रीनिंग तथा 58 लोगों की ब्लड शुगर जांच की गई। जांच के दौरान पाए गए संभावित रोगियों को आगे आवश्यक उपचार एवं सावधानियों की जानकारी दी गई।

निर्ममता की हद: सब्बल से पत्नी की हत्या, आरोपी पति गिरफ्तार


बिलासपुर (कोनी)।
 TODAY छत्तीसगढ़  / लोफदी फोकटपारा इलाके में पत्नी की हत्या कर फरार हुए आरोपी पति को कोनी पुलिस ने कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अपनी पत्नी पर चरित्र संदेह करता था, जिसके चलते उसने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे दिगर राज्य भागने से पहले ही दबोच लिया।

चरित्र शंका बनी हत्या की वजह

मामला 11 दिसंबर 2025 का है। पुलिस को सूचना मिली कि लोफदी फोकटपारा में पुसऊ राम केवट के दामाद जितेंद्र केवट (35) ने अपनी पत्नी संतोषी केवट पर लोहे के सब्बल से वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गया। सूचना मिलते ही मामले की जानकारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह को दी गई। एसएसपी ने तत्काल आरोपी की खोजबीन कर उसे गिरफ्तार करने का निर्देश दिया।

पुलिस की तेज कार्रवाई, कुछ घंटों में दबोचा आरोपी

प्रार्थीया कुंती केवट की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्ग और अपराध दर्ज करते हुए जांच शुरू की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेन्द्र जायसवाल के मार्गदर्शन और निरीक्षक भावेश शेंडे के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। पुलिस ने संभावित ठिकानों पर दबिश देना शुरू किया।

इस बीच पता चला कि आरोपी जितेंद्र केवट दिगर राज्य में भागने की फिराक में है। पुलिस टीम ने सक्रियता दिखाते हुए उसे पकड़ लिया और पुलिस अभिरक्षा में ले लिया।

पूछताछ जारी, आगे की कार्रवाई प्रगति पर

आरोपी से पूछताछ की जा रही है, जिसमें हत्या के पीछे चरित्र संदेह की बात सामने आई है। पुलिस ने बताया कि मामले की आगे की कार्रवाई तेज़ी से की जा रही है और सभी आवश्यक सबूत जुटाए जा रहे हैं।

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