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अवैध धान भण्डारण एवं परिवहन: दो संस्थानों से डेढ़ लाख रूपए का अवैध धान जब्त


बिलासपुर। 
 TODAY छत्तीसगढ़  /  अवैध धान भण्डारण एवं परिवहन के विरूद्ध अभियान जारी है। कलेक्टर के निर्देश पर दो स्थानों पर छापामार कार्रवाई कर करीब डेढ़ लाख रूपए का अवैध धान जब्त किया गया। अपर कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी एसएस दुबे ने बताया कि कृषि उपज मण्डी समिति जयराम नगर के अंतर्गत ग्राम पचपेड़ी हेमंत नारजे के गोदाम से 67 बोरी धान (27 क्विंटल) एवं कृषि उपज मण्डी समिति बिलासपुर के अंतर्गत ग्राम बसहा, बेलतरा से 50 बोरी (20 क्विंटल) धान बरामद किया गया। मण्डी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई। राजस्व, खाद्य एवं मण्डी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई। कलेक्टर के निर्देश पर धान खरीदी की सम्पूर्ण अवधि तक इस तरह की छापेमार कार्रवाई जारी रहेगी। 

Chhattisgarh: शादी से पहले सेक्स पर बयान देकर विवादों में आध्यात्मिक गुरु परम आलय


बिलासपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  /  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे आध्यात्मिक गुरु परम आलय अपने बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। कार्यक्रम में उन्होंने मीडिया को दिये बयान में साफ-साफ कहा कि “लड़कियों को शादी से पहले सेक्स पर ऐतराज नहीं होना चाहिए।” उनके इस कथन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इस बयान पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं।

सेक्स को बताया ‘ऊर्जा’

आध्यात्मिक गुरु परम आलय ने कहा कि “सेक्स ऊर्जा और भोजन ऊर्जा पर हमारे देश में बात नहीं होती। सेक्स को पूजनीय मानना चाहिए, क्योंकि इससे हमारा जन्म हुआ है।” उन्होंने आगे कहा कि “लड़कियों को शादी से पहले सेक्स के बारे में समझ होना जरूरी है, जैसे गाड़ी लेने से पहले टेस्ट ड्राइव की जाती है।”

इस कथन के सामने आते ही सोशल मीडिया पर कई यूजरों ने गुरु के बयान को अमर्यादित और अनुपयुक्त बताया, जबकि कुछ लोगों ने इसे व्यक्तिगत विचार की आज़ादी का मामला बताते हुए समर्थन भी किया। {NBT}

Bilaspur Police: नाबालिग से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग, आरोपी पहुँचा जेल


 बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / सिविल लाइन पुलिस ने नाबालिग से दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग के मामले में कार्रवाई करते हुए एक युवक को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि पीड़िता की शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। न्यायालय के आदेश पर आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

वीडियो बनाकर धमकाता था आरोपी

पुलिस के अनुसार नाबालिग ने शिकायत में बताया कि आरोपी ने पहले उसकी बिना अनुमति वीडियो बनाई और फिर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया। पीड़िता के अनुसार आरोपी कई बार दबाव बनाकर संबंध बनाने की कोशिश करता था, मना करने पर वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी देता था।

POCSO की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज

पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ

🔸 BNS की धारा 64(2)(M), 351(2)

🔸 POCSO एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपराध कबूल किया, जिसके बाद उसे 7 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया। 

पुलिस ने तेजी दिखाई

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नाबालिग के मामलों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीड़िता की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई है। मामले की आगे की जांच जारी है, पुलिस डिजिटल साक्ष्य भी जुटा रही है। 

जमीन की खरीद-बिक्री पर राहत: सरकार ने कलेक्टर गाइडलाइन दर में संशोधित आदेश वापस लिया


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /  प्रदेश में जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर कलेक्टर गाइडलाइन दरों में की गई वृद्धि पर व्यापक विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री साय की सरकार ने गाइडलाइन दरों से संबंधित कई संशोधित आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है, जिससे जमीन कारोबारी, आम नागरिकों और किसानों को राहत मिलने की संभावना है।

500 प्रतिशत तक वृद्धि से भड़का विरोध

हाल ही में जारी नए गाइडलाइन दरों में कई जिलों में 100 प्रतिशत तक, जबकि कुछ क्षेत्रों में 500 प्रतिशत तक वृद्धि की गई थी। इस बढ़ोतरी ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गर्मा दिया। किसान, आम नागरिक, भूमि विक्रेता और रियल एस्टेट कारोबारी इसके विरुद्ध सड़क पर उतर आए। साथ ही, विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को लेकर तीखा विरोध दर्ज कराया।

इसे भी पढ़िये - Chhattisgarh:  रजिस्ट्री दरों में बढ़ोतरी पर विवाद, मुख्यमंत्री ने पुनर्विचार के दिए संकेत 

सत्ता पक्ष के सांसद ने भी चेताया

गाइडलाइन दर बढ़ोतरी के विरोध में सिर्फ विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष से भी नाराजगी सामने आई। भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर चेतावनी दी थी कि यदि गाइडलाइन वापस नहीं ली गई, तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था, राजस्व और रियल एस्टेट गतिविधियों में ठहराव आ सकता है। उनका कहना था कि जमीन खरीद-बिक्री प्रभावित होने से मंडी, उद्योग और निवेश पर विपरीत असर पड़ेगा।

मुख्यमंत्री साय का जवाब: नियमों के अनुसार समीक्षा जरूरी

विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री साय ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि वर्ष 2017 के बाद से गाइडलाइन दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया, जबकि नियमानुसार हर वर्ष इसकी समीक्षा आवश्यक है। हालांकि, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था कि यदि नई दरों से जनता पर बोझ बढ़ता है, तो सरकार समीक्षा कर राहत देगी। इसी आधार पर अब संशोधित आदेश वापस ले लिए गए हैं। 

लाभ किसे मिलेगा ?

संशोधित आदेश वापस लेने के बाद:

✔ जमीन खरीदने वालों पर अतिरिक्त बोझ कम होगा

✔ किसानों की कृषि भूमि की खरीदी-बिक्री प्रभावित नहीं होगी

✔ रियल एस्टेट कारोबार में फिर से गति आएगी

✔ निवेश को लेकर बाजार में सकारात्मक माहौल लौट सकता है

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