जशपुरनगर। TODAY छत्तीसगढ़ / राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को जशपुर जिले के जशक्राफ्ट ब्रांड के अंतर्गत स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों बांस और सवई घास से निर्मित आकर्षक हस्तशिल्प उत्पाद उपहार स्वरूप भेंट किए गए। इन उत्पादों को पारंपरिक जनजातीय कलाकृतियों के रूप में प्रस्तुत किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जशक्राफ्ट के हस्तशिल्प उत्पादों को देखकर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की और स्थानीय कारीगरों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के साथ विकसित की गई इन पारंपरिक कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। यह अवसर जशपुर जिले की समृद्ध जनजातीय कला, कारीगरों के उत्कृष्ट कौशल और जशपुर वनमंडल के नवाचारपूर्ण प्रयासों के लिए गौरवपूर्ण क्षण रहा। जशपुर वनमंडल की ओर से बताया गया कि भविष्य में भी इस प्रकार की नवाचारपूर्ण पहलें निरंतर जारी रखी जाएंगी, जिससे स्थानीय संसाधनों का संरक्षण, पारंपरिक ज्ञान का संवर्धन और ग्रामीण आजीविका को मजबूती मिल सके।
महिला कारीगरों को मिला स्वरोजगार
नवाचार के तहत ग्राम कोटानपानी की संयुक्त वन प्रबंधन समिति को चक्रीय निधि से वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इससे ग्रामीण महिला कारीगरों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं। समिति के सदस्य बांस और सवई घास से पर्यावरण-अनुकूल हस्तशिल्प उत्पादों का निर्माण कर रहे हैं।
जशक्राफ्ट ब्रांड के अंतर्गत झुमके, माला, टोपी सहित अन्य पारंपरिक आभूषण और दैनिक उपयोग की सामग्री तैयार की जा रही है। ये उत्पाद स्थानीय कारीगरों की पारंपरिक कला, रचनात्मकता और पीढ़ियों से संचित जनजातीय ज्ञान का सशक्त प्रतीक हैं। निर्माण प्रक्रिया में पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग के सिद्धांतों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
जशक्राफ्ट पहल से न केवल स्थानीय कारीगरों और ग्रामीण परिवारों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि जशपुर की जनजातीय कला और हस्तकला को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इससे स्थानीय उत्पादों के लिए नए बाजार खुलेंगे और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।




