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कैमरे की कलम: जब सवाल अपराध बन जाएँ


भारत के लोकतांत्रिक परिदृश्य में आज सबसे गंभीर संकट यह नहीं है कि सत्ता से सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह है कि सवाल पूछना ही सत्ता के लिए असहज और संदिग्ध गतिविधि बनता जा रहा है। इस असहजता के केंद्र में राज्य-व्यवस्था और मुख्यधारा मीडिया के बीच वर्षों से विकसित होता आया वह गठजोड़ है, जिसने आलोचना को अवांछनीय और सहमति को ‘राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी’ का दर्जा दे दिया है।

हर सत्ता को संवाद की नहीं, वैधता की भूख होती है और हर संस्थागत मीडिया को निर्बाध संचालन के लिए संरक्षण चाहिए। यहीं से वह सौदा शुरू होता है, जिसमें राज्य को एक अनाक्रमणीय छवि मिलती है और मीडिया को विज्ञापन, पहुँच और सुरक्षा। इस लेन-देन में पत्रकारिता का मूल धर्म—सत्ता से सवाल—धीरे-धीरे अप्रासंगिक कर दिया जाता है।

इतिहास गवाह है कि सत्ता हमेशा अपने अनुकूल मीडिया चाहती रही है। राजाओं के दौर में यह भूमिका दरबारी कवियों और चारण-भाटों ने निभाई। आधुनिक लोकतंत्र में वही भूमिका अक्सर कॉरपोरेट-विज्ञापन आधारित, रजिस्टर्ड मीडिया संस्थानों ने संभाल ली है। माध्यम बदले, पर चरित्र प्रायः वही रहा—सत्ता के प्रति विनम्रता।

इस पृष्ठभूमि में सोशल मीडिया एक दुर्घटना की तरह उभरा एक ऐसा मंच जो न संपादकीय नियंत्रण से बंधा है, न विज्ञापन नीति से, न ही सत्ता की भाषा सीखने को बाध्य। यही कारण है कि तमाम अव्यवस्थाओं और जोखिमों के बावजूद, सोशल मीडिया आज राज्य और उसके पोषित मीडिया—दोनों के लिए सबसे असहज क्षेत्र बन गया है।

इसी असहजता की अभिव्यक्ति हालिया घटनाक्रम में दिखती है, जब नवोदित सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो को हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई केवल किसी एक व्यक्ति तक सीमित नहीं है। यह उस संस्थागत मानसिकता को उजागर करती है, जिसमें असुविधाजनक भाषा और असहज सवालों को कानून-व्यवस्था का मुद्दा बना दिया जाता है।

यह ध्यान देने योग्य है कि इस प्रकरण में विवाद का केंद्र तथ्य नहीं, बल्कि भाषा और शैली रही। जब सवालों का तथ्यात्मक खंडन संभव नहीं होता, तब अक्सर अभिव्यक्ति की मर्यादा, शालीनता और अनुशासन को हथियार बनाया जाता है। यह लोकतांत्रिक बहस नहीं, बल्कि विमर्श का दमन है।

विडंबना यह है कि जिन मीडिया संस्थानों ने वर्षों तक सत्ता की हर प्रेस-कॉन्फ्रेंस को बिना सवाल किए प्रसारित किया, नीतिगत विफलताओं को शब्दजाल में ढका और जनसरोकारों के स्थान पर प्रायोजित बहसों को प्राथमिकता दी वही संस्थान आज सोशल मीडिया को पत्रकारिता के मानक सिखाने में अग्रणी बने हुए हैं।

यह दोहरा मापदंड अब छिपा नहीं रहा। मुख्यधारा मीडिया का बड़ा हिस्सा व्यवहार में राज्य का संचार तंत्र बन चुका है जहाँ आलोचना ‘नकारात्मकता’ और प्रश्न ‘अराजकता’ माने जाते हैं। इसीलिए जब सोशल मीडिया से उठती स्वतंत्र आवाज़ें सत्ता की विफलताओं को सीधा संबोधित करती हैं, तो राज्य और मीडिया—दोनों एक सुर में असहज हो जाते हैं।

सोशल मीडिया पर उभरे कई नाम—जिनमें कमला नेताम जैसे लोग भी शामिल हैं—इस गठजोड़ के बाहर खड़े हैं। इनके पास न संस्थागत सुरक्षा है, न कानूनी कवच, न कॉरपोरेट समर्थन। इनके पास केवल सवाल हैं और यही इनका सबसे बड़ा अपराध बनता जा रहा है।

यह स्वीकार किया जाना चाहिए कि सोशल मीडिया पत्रकारिता अपरिपक्व है, कई बार गैर-जिम्मेदार भी। लेकिन यह अपरिपक्वता उस संस्थागत चुप्पी से कम खतरनाक है, जिसने मुख्यधारा मीडिया को जकड़ रखा है। यहाँ सुधार की आवश्यकता है दमन की नहीं।

लोकतंत्र में राज्य की शक्ति इस बात से नहीं मापी जाती कि वह कितनी प्रशंसा अर्जित करता है, बल्कि इस बात से मापी जाती है कि वह कितनी तीखी आलोचना सहन कर सकता है। और मीडिया की साख इस बात से तय होती है कि वह सत्ता की भाषा बोलता है या उसे कटघरे में खड़ा करता है।

यदि राज्य-व्यवस्था और मीडिया का यह गठजोड़ असहज सवालों को दबाने का स्थायी औज़ार बन गया, तो इसका नुकसान किसी एक इंफ्लुएंसर या मंच तक सीमित नहीं रहेगा। यह उस लोकतांत्रिक स्पेस को संकुचित कर देगा, जहाँ से जनता सत्ता को आईना दिखा सकती है और जब लोकतंत्र में आईने टूटते हैं, तो चेहरे नहीं बदलते इतिहास बदलता है।

समापन समारोह: राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में लोक, सूफी और आधुनिक संगीत का अद्भुत संगम


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में सांस्कृतिक विविधता, लोक परंपरा और आधुनिक संगीत का अद्भुत संगम देखने को मिला। महोत्सव के मंच पर एक के बाद एक प्रस्तुत हुईं मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक बांधे रखा। संगीत, लोकधुनों और सूफियाना अंदाज़ से सजे इस आयोजन में युवाओं के साथ-साथ हर आयु वर्ग के दर्शकों में खासा उत्साह रहा। 

कार्यक्रम की शुरुआत स्वप्निल बैंड की शानदार और ऊर्जावान प्रस्तुति से हुई। बैंड ने देशभक्ति और भावनाओं से ओतप्रोत गीतों की प्रस्तुति देकर पूरे माहौल को देशभक्ति भावना से भर दिया। बैंड द्वारा प्रस्तुत वंदेमातरम्, छाप तिलक और तेरी दीवानी  जैसे लोकप्रिय गीतों पर दर्शक झूमते नजर आए। विशेष रूप से गीतकार राकेश शर्मा के गीतों ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया। 

सुप्रसिद्ध लोक गायिका आरू साहू ने छत्तीसगढ़ी लोकगीतों की भावनात्मक प्रस्तुति देकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने मैया… जसगीत, जय श्री राम, सुआ गीत और पंथी, पचरा गीत की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दियाउनकी गायकी में छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति, आस्था और परंपरा की झलक स्पष्ट रूप से देखने को मिली। पंथी गीत पर दर्शकों ने विशेष उत्साह दिखाया और तालियों के साथ कलाकारों का उत्साहवर्धन किया,युवा उनके गीतों पर झूमते नजर आए। 

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए काफिला बैंड ने अपने सूफियाना गीतों की प्रस्तुति से पूरे वातावरण को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया। सूफी संगीत की गहराई और भावनात्मकता ने श्रोताओं को आत्मिक शांति का अनुभव कराया। बैंड की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा। वहीं, बस्तर बैंड ‘दायरा’ की जोशीली और दमदार प्रस्तुति ने  दर्शकों को उत्साह से भर दिया। पारंपरिक और आधुनिक संगीत के मिश्रण से सजी उनकी प्रस्तुति पर युवा दर्शक खुद को थिरकने से रोक नहीं पाए। बस्तर अंचल की सांस्कृतिक छाप लिए इस प्रस्तुति ने युवाओं को उत्साहित किया।

राज्य सरकार युवाओं को शिक्षा, रोजगार और खेल सहित हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध - मुख्यमंत्री


बिलासपुर।
  TODAY छत्तीसगढ़  / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव का बहतराई स्टेडियम में भव्य शुभारंभ किया। उन्होंने रिमोट का बटन दबाकर खेलो इंडिया ट्रायबल गेम्स छत्तीसगढ़ 2026 का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि युवा ही देश और प्रदेश का भविष्य है। राज्य युवा महोत्सव युवाओं की प्रतिभाओं को पहचान देने और उन्हें राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उप मुख्यमंत्री द्वय श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, विधायक श्री अमर अग्रवाल, श्री धर्मजीत सिंह, श्री धरमलाल कौशिक, श्री सुशांत शुक्ला, श्री अनुज शर्मा,महापौर श्रीमती पूजा विधानी, क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री राजा पांडे मौजूद थे। 

छत्तीसगढ़ राज्य युवा महोत्सव का भव्य शुभारंभ, खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स छत्तीसगढ़ 2026 की लॉन्चिंग

  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को शिक्षा, रोजगार और खेल सहित हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस महोत्सव में प्रदेश भर से 3 हजार से अधिक युवा भाग ले रहे हैं, जो 14 सांस्कृतिक एवं साहित्यिक विधाओं में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें 8 दलीय एवं 6 एकल विधाएं शामिल हैं। लोकनृत्य, लोकगीत, वाद-विवाद, चित्रकला एवं कविता लेखन की विजेता प्रतिभाएं नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय युवा उत्सव-2026 में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगी। उन्होंने बताया कि बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हजार से अधिक युवाओं की भागीदारी यह दर्शाती है कि प्रदेश नक्सलवाद से मुक्त होकर शांति, विकास और सकारात्मक बदलाव की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में खेल की अपार संभावनाएं हैं और प्रतिभाओं की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाया जा रहा है।

  इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने रिमोट का बटन दबाकर ‘खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स छत्तीसगढ़ 2026’ का शुभारंभ किया। साथ ही खेलों के शुभंकर ‘मोर वीर’, थीम सॉन्ग एवं खेलो इंडिया टॉर्च का अनावरण किया गया। महिला कबड्डी खिलाड़ी संजू देवी एवं एथलेटिक श्री अमित कुमार द्वारा टॉर्च का अनावरण किया गया, जो खेलों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की विविध संस्कृतियों को जोड़ते हुए ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की भावना को सशक्त करता है। मुख्यमंत्री ने खेल अलंकरण समारोह को पुनः प्रारंभ करने, खेलो इंडिया में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान करने, मलखंब खिलाड़ियों को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देने तथा अमेरिका गॉट टैलेंट में चयनित मलखंब खिलाड़ी अनतई पोटाई के अमेरिका आने-जाने का सम्पूर्ण व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन करने की घोषणा की। 

मुख्यमंत्री ने की मलखंब खिलाड़ियों को एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा

  केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि युवा राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति हैं और उनकी सृजनशील सोच से ही देश आगे बढ़ता है। केंद्र और राज्य सरकार युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं। यह युवा महोत्सव प्रदेश भर के युवाओं की प्रतिभा को निखारने का सशक्त मंच है। उद्घाटन समारोह में सुदूर वनांचल अबूझमाड़ क्षेत्र के खिलाड़ियों द्वारा मलखंब की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी गई, जिसे दर्शकों ने सराहा।

  उप मुख्यमंत्री एवं खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री अरुण साव ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में राज्य युवा महोत्सव और खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स का आयोजन ऐतिहासिक अवसर है। छत्तीसगढ़ के युवाओं में अपार प्रतिभा और क्षमता है, जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय युवा महोत्सव में प्रदेश के विभिन्न जिलों से 3 हजार से अधिक युवा भाग ले रहे हैं, जो छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विविधता और युवा शक्ति का जीवंत उदाहरण है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि वर्ष 2025 में ऐतिहासिक बस्तर ओलंपिक का आयोजन हुआ, जिसमें युवाओं की अभूतपूर्व भागीदारी देखने को मिली। आने वाले समय में सरगुजा अंचल में भी ओलंपिक का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक प्रतियोगिताओं का आयोजन कर युवाओं और खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहन एवं राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में खेल और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है। खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए जिले में भी प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया जाएगा और उन्हें राज्य स्तर पर प्रोत्साहित किया जाएगा। 

  कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर बदल रहा है और जनजातीय अंचलों के युवा आज राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने इस गरिमामय आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में स्वागत भाषण युवा एवं कल्याण विभाग की संचालक श्रीमती तनुजा सलाम ने दिया। कार्यक्रम में संभाग आयुक्त श्री सुनील जैन, आईजी श्री संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, एसएसपी श्री रजनेश सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। 

कल छत्तीसगढ़ बंद: छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने धर्मांतरण की घटनाओं की निंदा की


रायपुर ।
  TODAY छत्तीसगढ़  / छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने कांकेर जिले में मिशनरियों द्वारा स्थानीय जनजातीय समाज के कथित धर्मांतरण की घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा की है। एसोसिएशन ने इसे समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बताते हुए इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि प्रदेश की सभी 120 इकाइयाँ इस मुद्दे पर एकजुट हैं और धर्मांतरण के विरोध में छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा 24 दिसंबर 2025 को आहूत छत्तीसगढ़ बंद का पूर्ण समर्थन करती हैं।

छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन ने अपने सभी सदस्य व्यापारियों से अपील की है कि वे कांकेर में सनातनी जनजातीय समाज के खिलाफ हो रही कथित गतिविधियों के विरोध में अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखें। साथ ही, अपने-अपने क्षेत्रों में शांतिपूर्ण ढंग से क्षेत्रीय प्रदर्शन कर प्रशासन तक अपनी बात पहुँचाएँ, ताकि न केवल कांकेर बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह की गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

एसोसिएशन का कहना है कि जनजातीय समाज की आस्था, परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा करना समाज का सामूहिक दायित्व है। किसी भी प्रकार के दबाव या प्रलोभन के माध्यम से धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह जानकारी छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के सचिव प्रकाश गोलछा द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में दी गई।

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