नई दिल्ली। TODAY छत्तीसगढ़ / कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को केंद्र की मोदी सरकार पर 20 वर्ष पुरानी मनरेगा योजना को समाप्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने संसद से पारित नए ‘वीबी-जी राम जी’ विधेयक को गांव और गरीब विरोधी करार दिया।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि ‘वीबी-जी राम जी’ बिल मनरेगा का पुनर्गठन नहीं, बल्कि इसे खत्म करने की साजिश है। उन्होंने लिखा कि मोदी सरकार ने एक ही दिन में 20 साल पुरानी मनरेगा योजना को ढहा दिया। राहुल गांधी के अनुसार, मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को सौदेबाजी की ताकत दी, जिससे शोषण और मजबूरी में होने वाला पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी और कामकाजी हालात बेहतर हुए।
मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है - महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 16, 2025
मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है - करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ।
मगर, प्रधानमंत्री मोदी…
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इस योजना की ताकत कमजोर करना चाहती है। काम की सीमा तय कर और काम से इनकार के नए रास्ते बनाकर यह विधेयक ग्रामीण गरीबों के इकलौते सहारे को कमजोर करता है।
राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब देश की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई थी, तब मनरेगा ने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना से महिलाओं को सबसे अधिक लाभ मिला और हर वर्ष आधे से अधिक कार्य-दिवस महिलाओं के नाम रहे। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि इस विधेयक को बिना पर्याप्त चर्चा और जांच के संसद में जल्दबाजी में पारित किया गया। विपक्ष की मांग के बावजूद इसे संसदीय स्थायी समिति के पास नहीं भेजा गया।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ग्रामीण गरीबों की आखिरी सुरक्षा को खत्म नहीं होने देगी। उन्होंने घोषणा की कि पार्टी मजदूरों, पंचायतों और राज्यों के साथ मिलकर इस कानून को वापस लेने के लिए देशव्यापी आंदोलन करेगी।
उल्लेखनीय है कि संसद ने गुरुवार देर रात ‘वीबी-जी राम जी’ विधेयक पारित किया, जो 20 वर्ष पुरानी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की जगह लागू किया जाएगा।





