बिलासपुर। TODAY छत्तीसगढ़ / जिले की नगर पालिका बोदरी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार कारण विकास कार्य नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार का गंभीर मामला है। बुधवार को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने नगर पालिका बोदरी में छापा मारकर नक्शा पास कराने के नाम पर रिश्वत लेते एक बाबू और मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को गिरफ्तार किया है। एसीबी की टीम ने उप अभियंता के.एन. उपाध्याय के बाबू सुरेश सिहोरे को 12 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा। इस मामले में सीएमओ भारती साहू को भी गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई की गई।
जानकारी के अनुसार, सरकंडा क्षेत्र के नूतन चौक निवासी वेदराम निर्मलकर ने 12 दिसंबर को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि नगर पंचायत बोदरी में मकान के नक्शे की स्वीकृति के लिए सीएमओ और बाबू द्वारा लगातार रिश्वत की मांग की जा रही है। शिकायत की जांच के बाद एसीबी ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और रिश्वत की रकम लेते ही दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई के दौरान एसीबी ने नगर पालिका कार्यालय से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं। इस कार्रवाई से कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल रहा। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है और अन्य संलिप्त लोगों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।
नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि उप अभियंता के.एन. उपाध्याय के खिलाफ लंबे समय से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की शिकायतें मिलती रही हैं। बताया गया कि वे पिछले छह वर्षों से बोदरी नगर पालिका में पदस्थ हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। जनप्रतिनिधियों का यह भी कहना है कि इंजीनियर और सीएमओ ने एक कर्मचारी को एजेंट के रूप में नियुक्त कर रखा था, जिसके माध्यम से आम नागरिकों से अवैध वसूली की जाती थी। हालांकि उनका आरोप है कि इस पूरे मामले का मुख्य सूत्रधार अब भी जांच से बाहर है।
मामले में उप अभियंता के.एन. उपाध्याय ने अपनी भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि उनका इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है। नगर पालिका बोदरी में हुई इस कार्रवाई के बाद पूरे जिले में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। अब देखना होगा कि एसीबी की यह कार्रवाई केवल यहीं तक सीमित रहती है या फिर भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंच पाती है।
