#KOPRACALLING: बिलासपुर जिले का कोपरा जलाशय राज्य का पहला रामसर साइट घोषित, भारत ने बढ़ाई पर्यावरणीय ताकत


बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / भारत ने छत्तीसगढ़ के कोपरा जलाशय (बिलासपुर) और राजस्थान की सिलिसेर झील को अंतरराष्ट्रीय महत्व वाले आर्द्र स्थलों की रामसर सूची में शामिल कर लिया है। इन दो नए स्थलों के जुड़ने से देश में रामसर स्थलों की संख्या बढ़कर 96 हो गई है। 

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और वन मंत्री केदार कश्यप ने अपने ऑफिशियली सोशल हेंडल X पर ट्वीट करके ख़ुशी वक्त करते हुए पक्षी संरक्षण की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताई है साथ ही यह उपलब्धि प्रदेश में इको-टूरिज्म व स्थानीय रोजगार के नए अवसर खोलेगी और वेटलैंड संरक्षण के प्रति जन-जागरूकता को भी मजबूत करेगी। 

कोपरा जलाशय : छत्तीसगढ़ का नया रामसर स्थल

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले में स्थित कोपरा जलाशय (स्थल संख्या 2583) महानदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में बना एक महत्वपूर्ण जलाशय है। मूल रूप से सिंचाई के लिए निर्मित यह क्षेत्र आज आसपास की कृषि भूमि और गांवों का आधार है।

जलाशय के विस्तृत खुले जल क्षेत्र में उथले और पोषक तत्वों से समृद्ध बैकवाटर मौजूद हैं, जो इसे पारिस्थितिकी की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं। यहां 60 से अधिक प्रवासी पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जो घोंसले बनाने, भोजन और प्रवास के दौरान ठहरने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं।

इनमें संकटग्रस्त greater spotted eagle (Aquila clanga) and the endangered Egyptian vulture (Neophron percnopterus) खासतौर पर उल्लेखनीय हैं। प्राकृतिक सौंदर्य और पक्षी अवलोकन के कारण यह स्थल स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। हालांकि, गाद जमाव, आक्रामक प्रजातियों और कृषि विस्तार के कारण यह क्षेत्र खतरे का सामना कर रहा है। संरक्षण उपाय प्रस्तावित हैं, पर प्रबंधन योजना अभी तैयार की जानी है। 



सिलिसेर झील : राजस्थान का महत्वपूर्ण मानव-निर्मित आर्द्र क्षेत्र

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित सिलिसेर झील (स्थल संख्या 2581) सरिस्का टाइगर रिज़र्व के बफर ज़ोन में बनी एक ऐतिहासिक मानव-निर्मित झील है। अर्ध-शुष्क क्षेत्र में स्थित यह झील आसपास की जैव विविधता के लिए एक प्रमुख जल स्रोत का कार्य करती है।

यहां 149 पक्षी और 17 स्तनधारी प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें संकटग्रस्त रिवर टर्न तथा लुप्तप्राय बाघ प्रमुख हैं। यह झील काली सारस की विश्व आबादी के 1% से अधिक को भी सहारा देती है, जो इसे वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण बनाता है।

उन्नीसवीं सदी के मध्य में निर्मित यह झील समय के साथ एक सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान बन चुकी है। सिलिसेर लेक पैलेस से घिरी यह झील स्थानीय समुदाय को लंबे समय से पेयजल उपलब्ध कराती रही है और पर्यटन का प्रमुख आकर्षण भी रही है। मगर बढ़ती कृषि गतिविधियाँ और मानव बस्तियों का विस्तार इसके लिए चुनौती बने हुए हैं। फिलहाल इसके संरक्षण और पुनर्स्थापन की योजना पर काम जारी है।

Bilaspur: ईंट भट्ठे पर बंधक बनाए गए 16 श्रमिकों की सकुशल घर वापसी


बिलासपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  / साप्ताहिक जनदर्शन में मंगलवार (9 दिसंबर 2025) को ग्राम सरगवां, मस्तूरी निवासी अमित कुमार मधुकर द्वारा एक गंभीर शिकायत प्रस्तुत की गई। शिकायत में बताया गया कि गांव के 16 श्रमिक (महिला, पुरुष) और दो बच्चे झारखंड के सेमडेगा जिले में स्थित एक ईंट भट्ठे पर बंधक बनाकर अमानवीय परिस्थितियों में काम कराया जा रहा है। श्रमिकों के साथ मारपीट, छेड़छाड़ और जबरन श्रम कराने की जानकारी भी दी गई। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने मामले को अत्यंत संवेदनशील मानते हुए तत्काल श्रम विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।


ठेकेदार को कारण बताओ नोटिस, कानूनी कार्रवाई की तैयारी

श्रम विभाग ने शिकायत को तत्काल संज्ञान में लेते हुए संबंधित लेबर ठेकेदार नीलकंठ अंबेडकर को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है।
विभाग ने बताया कि आगामी दिनों में मामले को माननीय श्रम न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन की कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी।


झारखंड प्रशासन से समन्वय, श्रमिकों को मुक्त कराने की पहल

बिलासपुर जिला प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सेमडेगा जिला प्रशासन (झारखंड) से तुरंत संपर्क कर समन्वय स्थापित किया और श्रमिकों को मुक्त कराने की प्रक्रिया शुरू की।
प्रशासनिक स्तर पर तेज़ कार्रवाई के बाद श्रमिकों को बंधन से छुड़ाया जा सका।


10 दिसंबर की सुबह सभी श्रमिक सकुशल घर लौटे

प्रशासनिक प्रयासों के परिणामस्वरूप 10 दिसंबर की सुबह, सभी श्रमिक—महिला, पुरुष एवं दो बच्चे—सुरक्षित अपने गांव सरगवां, तहसील मस्तूरी वापस पहुंचे।
घर लौटने पर श्रमिकों और उनके परिजनों ने कलेक्टर, श्रम विभाग और जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।

बस्तर ओलम्पिक 2025: मुख्यमंत्री ने किया संभागीय प्रतियोगिता का शुभारंभ, खिलाड़ियों में दिखा उत्साह


जगदलपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /बस्तर ओलम्पिक 2025 के अंतर्गत संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ गुरुवार को स्थानीय इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में बड़े उत्साह के साथ हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने परंपरागत तरीके से कार्यक्रम का उद्घाटन किया और बस्तर संभाग के सातों जिलों से पहुंचे खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इस दौरान खिलाड़ियों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्च-पास्ट ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

“बस्तर ओलम्पिक को युवाओं ने ऐतिहासिक बना दिया”—मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बस्तर के युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लेकर इस आयोजन को महत्वपूर्ण बना दिया है। विशेष रूप से नुआ बाट के प्रतिभागियों की उपस्थिति को उन्होंने ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि “बड़ी संख्या में बेटियों और बहनों का हिस्सा लेना महिला सशक्तिकरण का प्रमाण है। सरकार युवाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और विकास में उनकी भूमिका सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक प्रतियोगिताओं में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को क्रमशः तीन-तीन करोड़ और दो करोड़ रुपये की सम्मान निधि प्रदान की जाएगी।

“बस्तर प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध, खेल अवसंरचना को मिलेगा विस्तार”— अरुण साव

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि बस्तर प्राकृतिक रूप से समृद्ध है और यहां के युवाओं के विकास हेतु सरकार निरंतर प्रयासरत है। बस्तर ओलम्पिक न केवल खेल प्रतिभाओं को आगे लाने का माध्यम है, बल्कि युवाओं को विकास की धारा से जोड़ने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि खेल में हार भी सीख देती है और बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।

“बस्तर ओलम्पिक सकारात्मक पहल”— विजय शर्मा

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह आयोजन युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। सरकार बस्तर के आंतरिक इलाकों के युवा खिलाड़ियों को अधिक अवसर देकर प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है।

मैरी कॉम व अन्य गणमान्य उपस्थित

ओलम्पिक ब्रॉन्ज़ मेडलिस्ट एवं पद्मश्री एम.सी. मैरी कॉम ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। वन मंत्री केदार कश्यप, विधायक विनायक गोयल, विधायक चैतराम अटामी समेत कई जनप्रतिनिधि व अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

3,500 खिलाड़ी ले रहे हैं हिस्सा

संचालक खेल एवं युवा कल्याण तनुजा सलाम ने बताया कि संभाग स्तरीय प्रतियोगिता में बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर एवं बस्तर जिले सहित नुआ बाट के करीब 3,500 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। इस वर्ष पंजीयन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। 3,92,000 से अधिक प्रतिभागी, जिनमें 2,27,000 से अधिक महिला खिलाड़ी शामिल हैं। यह आंकड़ा बस्तर में बदलती सोच और बढ़ती खेल भावना का परिचायक है। कार्यक्रम में माता रूकमणी कन्या आश्रम तथा अन्य विद्यालयों की छात्राओं ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। 

मुख्यमंत्री साय एम्स पहुंचे, साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का हालचाल जाना


रायपुर। 
TODAY छत्तीसगढ़  /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज शाम राजधानी रायपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे और वहां उपचाररत वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित विनोद कुमार शुक्ल से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए परिजनों तथा चिकित्सकों से स्थिति की जानकारी ली।

एम्स के चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को चल रहे उपचार और स्वास्थ्य प्रगति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री साय ने अधिकारियों और डॉक्टरों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि उपचार में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।

गौरतलब है कि विनोद कुमार शुक्ल देश के प्रतिष्ठित साहित्यकारों में से एक हैं और उनके अस्वस्थ होने की जानकारी के बाद साहित्य जगत सहित पूरे प्रदेश में चिंता व्यक्त की जा रही थी।

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