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भारत देश अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है - पटनायक

" उस एक-एक गिलहरी, हर एक विशेषज्ञ, उस हर हाथ को मैं कोटि-कोटि प्रणाम करता हूँ जिसने हमारे श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने में अपना सर्वस्व दिया है. असंख्य दुआएँ, पर्वत देव की दया ने सुखद दृश्य को तरसती करोड़ों आँखों को आज ख़ुशी से सिंचित किया है.देश को बधाई. सब सकुशल रहें. "

आज ख़ुशी से सिंचित किया है. देश को बधाई. सब सकुशल रहें. जय श्रमवीर.'

 भुवनेश्वर । 
 TODAY छत्तीसगढ़  /   ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सुरंग के भीतर 17 दिन तक फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद यह साबित हो गया कि भारत देश अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और सब कुछ कर सकता है। इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सभी के श्रम, प्रयास की खुले कंठ से सराहना करते हुए कहा है कि 'असंख्य दुआएँ, पर्वत देव की दया ने सुखद दृश्य को तरसती करोड़ों आँखों को आज ख़ुशी से सिंचित किया है. देश को बधाई. सब सकुशल रहें. जय श्रमवीर.'

ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लगभग 17 दिनों बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग से ओडिशा के पांच श्रमिकों सहित कुल 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव दल को धन्यवाद दिया। सुरंग में फंसे राज्य के पांच श्रमिकों के गांवों में मंगलवार शाम उत्सव जैसा माहौल था। इस दौरान वहां लोगों ने मिठाइयां बांटी, ढोल बजाए और संगीत की धुन पर नृत्य किया।

सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद पांचों श्रमिकों के परिवार ने राहत की सांस ली और उन्होंने सरकार और बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियों को धन्यवाद दिया। पटनायक ने एक बयान में कहा, "सफल बचाव अभियान के बारे में जानकर मुझे बेहद खुशी हुई। मुझे बहुत खुशी है कि हमारे श्रमिक सुरक्षित घर लौट आएंगे।" उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने एक टीम और फंसे हुए मजदूरों के परिवार के सदस्यों को उत्तरकाशी जिले में घटनास्थल पर भेजा है।

मुख्यमंत्री ने सफल बचाव अभियान के लिए उत्तराखंड सरकार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सैन्य दलों को धन्यवाद दिया और कहा, "इससे साबित होता है कि भारत अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और सब कुछ कर सकता है।"

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी इस आपरेशन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति, जीव का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि 'असंख्य दुआएँ, पर्वत देव की दया ने सुखद दृश्य को तरसती करोड़ों आँखों को आज ख़ुशी से सिंचित किया है. देश को बधाई. सब सकुशल रहें. जय श्रमवीर.'

इधर सुरंग में फंसे ओडिशा के पांच मजदूरों में मयूरभंज जिले के खिरोद (राजु) नायक, धरिन नायक और विश्वेश्वर नायक, नबरंगपुर के भगवान भतारा और भद्रक के तपन मंडल शामिल हैं। भतारा के गांव तालाबेड़ा में स्थानीय लोगों ने पटाखे फोड़कर और ढोल बजाकर उनके सुरंग से बाहर निकलने का जश्न मनाया।

श्रमिक की एक रिश्तेदार ने कहा, "हमें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि भगवान को सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया। हम इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं।"

बचाव अभियान पूरा होने के बाद, बंग्रिपीसी के स्थानीय लोगों ने धरिन नायक के परिवार के सदस्यों का अभिनंदन किया। धरिन की पत्नी ने कहा, "उत्तराखंड में डेरा डाले परिवार के सदस्यों का मुझे फोन आया। उन्होंने बताया कि मेरे पति को सुरक्षित बचा लिया गया है।" खिरोद के पिता मोचीराम नायक ने अभियान में शामिल कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अपने बेटे को दोबारा काम करने के लिए उत्तराखंड नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा, "मैं राज्य सरकार से मेरे बेटे को यहां काम मुहैया कराने का अनुरोध करता हूँ।"


चक्रवात यास: प्रधानमंत्री ने तूफान से मची तबाही का लिया हवाई जायजा, ओडिसा के सीएम के साथ बैठक

TODAY
 छत्तीसगढ़  / 
क्रवात यास ने बंगाल, ओडिशा, बिहार समेत कई राज्यों में भारी तबाही मचाई है। आज प्रधानमंत्री मोदी चक्रवात यास की वजह से हुई क्षति का जायजा ले रहे हैं। इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात की और चक्रवाय यास की वजह से हुई तबाही का जायजा लिया। 
राज्यपाल गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गई जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
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चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी। वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।

बंगाल की मुख्यत्री बैठक में नहीं होंगी शामिल -

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास से हुए नुकसान का भी जायजा लेंगे और समीक्षा बैठक करेंगे। हालांकि इस बैठक में ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी। सुवेंदु अधिकारी को बैठक में न्योता मिलने के बाद ममता बनर्जी ने इस पर नाराजगी जताई है।
500 टीमें लोगों को निकालने और रास्तों में पड़े उखड़े पेड़ों को हटाने में जुटी हैं। खारखाई और सुवर्णरेखा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। वहीं बोकारो में बिजली गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौसम विभाग के मुताबिक तूफान कमजोर होकर दक्षिण झारखंड से 75 किलोमीटर दूर पहुंच गया है। चाईबासा, मंदारनगर और रांची में अगले 24 घंटे बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। - अमर उजाला 

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