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बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से उठ रहा तूफान, भारी बारिश की चेतावनी के बीच 15 से ज्यादा राज्यों में अलर्ट


नई दिल्ली /
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है. अरब सागर के ऊपर भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इसके कारण 12 से 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. इस प्रणाली के कारण कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना है.

 आने वाले दिनों में भारत के कई राज्यों में मौसम की दोहरी मार पड़ सकती है. स्काईमेट वेदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है. इन दोनों जगहों पर पर दो मौसम प्रणालियां विकसित हो रही हैं. स्काईमेट वेदर ने दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने का अलर्ट भी जारी किया है. यह प्रणाली के अगले 3 से 4 दिनों में यानी 12 या 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है.

दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवाती परिसंचरण विकसित हो रहा है. स्काईमेट वेदर के मुताबिक 12 अक्टूबर तक यह प्रणाली दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र में तब्दील हो सकती है. इसके कारण एक निम्न दबाव क्षेत्र पूर्वी भारत के तटीय इलाकों की ओर बढ़ सकता है. यह मौसमी हलचल 16 अक्टूबर तक आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में लैंडफॉल कर सकता है. इसके कारण पूर्वी भारत के इलाकों में जोरदार बारिश की संभावना है.

अरब सागर के ऊपर भी एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है. इस प्रणाली के कारण 12 से 13 अक्टूबर तक मध्य अरब सागर के ऊपर एक कम दबाव प्रणाली में तब्दील होने की उम्मीद है. इस प्रणाली के कारण केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. गुजरात में भी बारिश की संभावना है. इसके बाद यह उत्तर-पश्चिम की ओर भी बढ़ सकती है. मौसम की नई प्रणाली जो अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रही है उसके कारण देश के कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है. मौसम में बदलाव का असर महाराष्ट्र में दिख रहा है. गुरुवार को महाराष्ट्र के कई इलाकों में भारी बारिश हुई. कई इलाकों में जलभराव हो गया.

गुरुवार को देश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश हुई. दुर्गा पूजा के दौरान हो रही बारिश के कारण त्योहार का मजा ही किरकिरा हो गया है. गुरुवार को असम, सिक्किम, केरल के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश हुई. कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हुई. वहीं पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, सिक्किम, ओडिशा, विदर्भ, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप और महाराष्ट्र में हल्की से मध्यम बारिश हुई. बारिश का दौर बिहार, झारखंड समेत, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और उत्तराखंड में भी देखने को मिला. (साभार / प्रभात ख़बर)

आसमान पर काले बादलों का साया, रुक रुककर हो रही बारिश, ठिठुरन बढ़ी

 


बिलासपुर।
 TODAY छत्तीसगढ़  /  मिचांग चक्रवात के प्रभाव से मंगलवार को दिनभर शहर में बारिश होती रही वहीं बुधवार को दिन भर काले बादल आसमान पर छाये रहे । मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते बुधवार शाम से हल्की बूंदाबांदी शुरू हुई और रात होते-होते जमकर बारिश शुरू हो गई। बारिश का असर आज भी देखा जा रहा है। आसमान पर काले बादलों का साया है और रुकरुकर पानी की फुहार आमजनमानस को भिगो रही है।  इससे बढ़ी ठिठुरन के कारण पिछले तीन दिन से बिलासपुर शहर समेत राज्य के कई इलाकों में कोल्ड डे की स्थिति बनी हुई है । TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें   


छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में आज हल्की बारिश की संभावना, मौसम साफ होते ही पड़ेगी कड़ाके की ठंड

फ़ाइल फोटो / TCG 
 रायपुर । TODAY छत्तीसगढ़  /  पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही चक्रीय चक्रवात के प्रभाव से छत्तीसगढ़ के कुछ जगहों पर आज मंगलवार को गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है।प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की से मध्यम वर्षा संभावित है। राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में बादल छाए हुए हैं।आज सुबह से छाए कोहरे और ठंड ने संकेत दे दिया कि आने वाले दिसंबर माह में जमकर ठंड पड़ेगी। 

 देश के मौसम में इस समय तीन पश्चिमी विक्षोभ के चक्रीय चक्रवात सक्रिय हैं। पहला मध्य पाकिस्तान और उससे लगे क्षेत्र में 3.5 किलोमीटर से 9.4 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है इसका अक्षय 73 डिग्री पूर्व और 20 डिग्री उत्तर है। उससे प्रेरित चक्रीय चक्रवात का परिसंचरण उत्तर गुजरात और उससे लगे दक्षिण राजस्थान के ऊपर 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। एक अन्य चक्रवात परिसंचरण उत्तर मध्य प्रदेश के मध्य में 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इस वजह से प्रदेश में कल मंगलवार को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छीटें पड़ने की संभावना है। आज सुबह घाटियों वाले कवर्धा के कुकदूर इलाके में हल्की बारिश हुई। इलाके का मौसम सुहाना हो गया है। इससे पहले कल बेमेतरा के कई इलाकों में बूंदा बांदी हुई थी। प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है, किंतु 29 नवंबर से न्यूनतम तापमान में गिरावट, जबकि अधिकतम तापमान में थोड़ी वृद्धि होने की संभावना है। वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः उत्तर छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।

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छत्तीसगढ़ में मानसून ने दी दस्तक, जमकर बरसेंगे मेघ


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर /  इस बार मॉनसून छत्तीसगढ़ पर काफी मेहरबान दिखाई दे रहा है. प्रदेश की राजधानी रायपुर और न्यायधानी बिलासपुर समेत कई इलाकों में पांच दिन पहले ही मॉनसून ने दस्तक दे दी है. साथ ही मॉनसून ने एक सप्ताह पूर्व ही पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है. मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में  भारी बारिश की संभावना जताई है. विभाग के त्वरित पूर्वानुमान से आगामी चार घंटे के भीतर कई जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. सरगुजा संभाग के सभी जिले, बिलासपुर संभाग के पेंड्रा, मुंगेली, बिलासपुर, जांजगीर, रायगढ़, दुर्ग और रायपुर संभाग के सभी जिले में बारिश हो सकती है. वहीं, कई जगहों पर तेज हवाओं के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना जतायी गयी है. 

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मौसम वैज्ञानिक एच.पी चंद्रा ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ गया है. मॉनसून पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अधिकांश भाग, पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख व पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान और मुजफ्फराबाद के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है.

वहीं, मॉनसून की उत्तरी सीमा दीव, सूरत, नंदुरबार, भोपाल, नौगांव, हमीरपुर, बाराबंकी, बरेली, सहारनपुर, अंबाला और अमृतसर है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. चंद्रा ने कहा कि कल का निम्न दबाव का क्षेत्र बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी और पश्चिम बंगाल और उत्तरी ओडिशा के आसपास के तटीय क्षेत्रों पर बना हुआ है और संबंधित चक्रवाती परिसंचरण मध्य ट्रोपोस्फेरिक स्तर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है. इसके अगले दो-तीन दिनों के दौरान ओडिशा, झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है.

एक द्रोणिका मध्य पाकिस्तान से बंगाल की उत्तर-पश्चिम खाड़ी और पश्चिम बंगाल के आसपास के तटीय क्षेत्रों और दक्षिण हरियाणा, दक्षिण उत्तर प्रदेश में उत्तर ओडिशा के बीच कम दबाव के क्षेत्र तक, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़ और झारखंड होते हुए समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक स्थित है.

एक पूर्व-पश्चिम  द्रोणिका 4.5 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर तक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी से पश्चिम मध्य अरब सागर तक दक्षिण छत्तीसगढ़, उत्तर तेलंगाना, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण कोंकण होते हुए स्थित है.

उन्होंने कहा कि सोमवार 14 जून को छत्तीसगढ़ के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. प्रदेश में एक कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने और एक-दो जगहों पर अति भारी वर्षा होने की भी संभावना है. साथ ही राज्य में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना है.

                                             

मानसून की दस्तक से पहले बादल उतरे जमीं पर, मुख्यमंत्री ने शेयर किया VIDEO


TODAY छत्तीसगढ़  / रायपुर / छत्तीसगढ़ में मानसून की दस्तक से पहले बदलते मौसम के मिज़ाज ने माहौल खुशनुमा कर दिया है। वहीं राज्य के डोंगरगढ़ स्थित माँ बम्लेश्वरी मंदिर की ऊंचाई से बादलों का एक खूबसूरत नज़ारा कल देखने मिला जो सोशल साइट्स पर सबकी पसंद बना हुआ है। धरती को छू लेने को बेताब बादलों की उस अनुपम छटा को देख प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आल्हादित हो उठे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीटर के माध्यम से उस अनुपम नज़ारे को शेयर किया है।  

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मानसून की पहली दस्तक, जमकर भीगे मुम्बईकर

 TODAY छत्तीसगढ़  / मुंबई / महाराष्ट्र के मुंबई में बुधवार की सुबह मॉनसून ने अपनी पहली दस्तक दे दी है. यहां मॉनसून तय वक़्त से दो तीन पहले पहुंच गया है. कई इलाक़ों में तेज़ तो कई इलाक़ों में रुक रुक कर बारिश हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून की पहली बारिश मुंबई में हो रही है, इसके अलावा आज से लेकर 12 जून के  बीच मुंबई, पुणे और कोंकण के कई इलाक़ों भारी बारिश की चेतावनी दी है. बारिश के बाद एहतियातन मुंबई के निचले इलाक़ों में बीएमसी कर्मचारियों की तैनाती की गई है.  

                                                  

Weather and Monsoon : महाराष्ट्र में झमाझम बारिश, 15 जून तक छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में होगी दस्तक

 TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली /  केरल के बाद महाराष्ट्र में  मानसून ने दस्तक दे दी है। दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण राज्य के कुछ तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार 15 जून तक दक्षिण पश्चिम मानसून के ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और बिहार में पहुंचने की संभावना है। 

                                              

महाराष्ट्र में शनिवार को पहुंचे दक्षिण पश्चिम मानसून के कारण राज्य के कुछ तटीय इलाकों में बारिश हो रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के क्षेत्रीय केंद्र की निदेशक शुभांगी भुते ने कहा कि मानसून उम्मीद के मुताबिक रहा है। उन्होंने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून महाराष्ट्र में पहुंच गया है। यह औपचारिक रूप से तटीय रत्नागिरी जिले में हरनाई बंदरगाह में पहुंच गया है। इसके दस्तक देने का वास्तविक क्षेत्र सोलापुर तथा मराठावाड़ा के कुछ हिस्सों तक और उसके बाद तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश तक होता है। 

15 जून तक इन राज्यों में मानसून पहुंचने की संभावना

भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के अगले 10 दिनों यानी 15 जून तक बिहार व बंगाल के कुछ हिस्सों, झारखंड और ओडिशा तक पहुंचने की संभावना है। विभाग ने बताया कि मानसून मध्य अरब सागर, पूरे तटीय कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों, उत्तरी अंदरूनी कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों, तेलंगाना व आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु व मध्य बंगाल की खाड़ी के कई और इलाकों और पूर्वोत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया है। हालांकि सोमवार और मंगलवार को बारिश होने की कोई संभावना नहीं है। विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के राजेंद्र जेनामणि ने कहा कि 11 जून तक बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह मानसून को आगे बढ़ने में मदद करेगा। मानसून के चलते शनिवार को कर्नाटक के कई हिस्सों में जमकर बारिश हुई। विभाग ने अगले 24 घंटों में केरल और तमिलनाडु के साथ साथ कर्नाटक में भी गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ भारी बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।

इन राज्यों में भी बारिश की संभावना

मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार पूर्वोत्तर भारत, केरल, तटीय कर्नाटक और तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, गुजरात क्षेत्र, दक्षिणपूर्व राजस्थान, तेलंगाना और रायलसीमा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर तेज बारिश हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश, शेष मध्य प्रदेश, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और पश्चिमी हिमालय में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। उत्तर और पश्चिमी राजस्थान में धूल भरी आंधी आ सकती है।ओडिशा, छत्तीसगढ़ और दक्षिण-मध्य उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।

तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत में बढ़ सकता है तीन-चार डिग्री तापमान

विभाग ने कहा है कि नमी में बढ़ोतरी और हवा की बदलती दिशाओं की वजह से अगले तीन दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में तापमान में तीन से चार डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने की संभावना है। लेकिन अगले पांच दिनों तक देश में लू चलने की संभावना नहीं है।विभाग के मुताबिक, सोमवार से बुधवार तक जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट बाल्टिस्तान व मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पश्चिम राजस्थान में मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि रविवार को बारिश हो सकती है। मंगलवार और बुधवार को उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में 25 से 35 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।                                                

चंद्र ग्रहण: कल नज़र आएगा 'सुपर ब्लड मून'

 " सुपर मून वह खगोलीय घटना है जिस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होता है इसलिए वो बड़ा दिखता है और 14 फ़ीसदी अधिक चमकीला भी. इसे पेरिगी मून भी कहते हैं. चांद या किसी दूसरे उपग्रह की धरती से सबसे नजदीक वाली स्थिति को पेरिगी और सबसे दूर वाली स्थिति को अपोगी कहते हैं. चांद को सुपर मून तभी कहा जाता है जब वो धरती से 3,60,000 किलोमीटर या उससे कम की दूरी पर हो. 26 मई को पेरिगी की स्थिति क़रीब 7.23 मिनट पर आएगी, जब चांद धरती से 3,57,309 की दूरी पर होगा. "

TODAY छत्तीसगढ़  /  26 मई को चंद्र ग्रहण के दौरान दुनिया के कई हिस्सों में सुपर ब्लड मून दिखाई देखा. ये एक अनोखी घटना होती है जब चंद्र ग्रहण लगेगा और हमें ब्लड मून यानी लाल रंग का चांद दिखाई देगा.

इस बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने लिखा है, "26 मई को पूरा चांद पृथ्वी की छाया में चला जाएगा. और जब वो हमारे ग्रह की छाया में नहीं होगा, वो पहले से बड़ा और चमकदार दिखेगा."

ये साल 2021 का दूसरा सुपर मून है. पहला सुपर मून 26 अप्रैल को देखा गया था. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आंशिक चंद्र ग्रहण भारतीय समय के अनुसार दोपहर 3 बजकर 15 मिनट पर शुरू होकर 6 बजकर 22 मिनट तक चलेगा. पूर्ण चंद्र ग्रहण पश्चिमी उत्तर अमेरिका, पश्चिमी दक्षिण अमेरिका और पूर्वी एशिया में देखा जा सकेगा. इसी दौरान 14 से 15 मिनट के लिए ब्लड मून नज़र आएगा. / बीबीसी 

‘यास', मचा सकता है तबाही , कहाँ होगी भारी बारिश, किन राज्यों में पड़ेगा ज्यादा असर


 बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 'यास' बनना शुरू हो चुका है जिसका असर झारखंड और बिहार में नजर आने की संभावना है. सोमवार को तूफान काफी खतरनाक हो सकता है. इस तूफान के 25 एवं 26 मई को पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा के तट से टकराने की उम्मीद है. इधर राजधानी दिल्ली में आज गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है. 

उत्तराखंड : चमोली, आसपास भूकंप के हल्के झटके

उत्तराखंड के चमोली जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. चमोली जिला प्रशासन ने सोमवार को यहां बताया कि रविवार को मध्यरात्रि के बाद आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 थी जबकि इसका केंद्र जिले के जोशीमठ के समीप 22 किलोमीटर गहराई में था. 

चक्रवाती तूफान में बदला ‘यास', 26 मई को ओडिशा-बंगाल के तटों से गुजर सकता है

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान ‘यास' में बदल गया है और इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने के बाद 26 मई को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों से गुजरने का अनुमान है.

दिल्ली में सुबह आसमान रहा साफ

राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह आसमान साफ रहने के साथ ही न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिन में 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं.

लैंडफॉल करते वक्त हवा की गति 155 से 165 किमी रह सकती है

चक्रवाती तूफान ‘यास’ लैंडफॉल करते वक्त हवा की गति 155 से 165 किमी रह सकती है. कुछ जगहों में यह गति 185 भी रह सकती है. यह बहुत घातक हवा की गति है जिसकी तुलना आप पिछले चक्रवात Tauktae और चक्रवात Amphan से कर सकते हैं. पिछले इन 2 चक्रवातों ने बहुत नुकसान पहुंचाया था.

गृह मंत्री अमित शाह की बैठक 

गृह मंत्री अमित शाह आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्रियों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल के साथ बैठक करेंगे और चक्रवात यास को लेकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे. 

चक्रवाती तूफान 26 मई की शाम तक पारादीप और सागर दीप तटों से टकरा सकता है

बंगाल की खाडी में बना कम दबाव का क्षेत्र सोमवार को यानी आज चक्रवाती तूफान ‘यास’ में बदलकर तट की ओर बढेगा. यह चक्रवाती तूफान 26 मई की शाम तक पारादीप और सागर दीप तटों से टकरा सकता है. भारतीय मौसम विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है. 

दिल्ली, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्‍थान में धूल भरी हवाएं

मौसम विभाग के अनुसार यास तूफान के इस प्रभाव के कारण दिल्ली, उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और राजस्‍थान के अधिकांश हिस्‍सों में अगले 3 दिन तक धूल भरी हवाएं चल सकतीं हैं जिसकी रफ्तार 25 से 35 किमी प्रति घंटा होगी. 

अगले 24 घंटे में गंभीर चक्रवाती तूफान

मौसम विभाग की मानें तो यास नाम का यह चक्रवाती तूफान 26 मई को पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बांग्‍लादेश के तटीय इलाकों पर पहुंचेगा. इस समय बंगाल कर खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है. यह उत्‍तर-उत्‍तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और सोमवार को इसके चक्रवाती तूफान में बदलने के आसार नजर आ रहे हैं. इसके बाद अगले 24 घंटे में यह बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान में तब्‍दील हो सकता है. 

बिहार में नजर आयेगा यास का असर

इसी हफ्ते अरब सागर में आये ताउते तूफान के बाद बिहार पर अब सुपर सायक्लोन यास की मार पड़ने जा रही है़ यास का असर ताउते की तुलना में ज्यादा होगा़. 25 मई की देर शाम से पूरे प्रदेश में बारिश और आंधी के आसार हैं. साथ ही बज्रपात की आशंका है़ इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर पूर्वी बिहार पर पड़ने की आशंका है़.

झारखंड का मौसम

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 25 मई को राजधानी रांची सहित झारखंड के दक्षिण-पूर्वी जिलों में तेज हवा और बारिश हो सकती है. 26-27 को राज्य के लगभग सभी हिस्सों में मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है. कहीं-कहीं वज्रपात हो सकता है. इसको लेकर विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है. 

बंगाल में यास का प्रभाव

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना व्यक्त की है. इससे चक्रवात की संभावना जतायी गयी है. यहां बनने वाले चक्रवात का नाम 'यास' दिया गया है. साथ ही यह भी संभावना जतायी गयी है कि चक्रवात तूफान में तब्दील हो सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग की प्रभारी सुनीता देवी ने बताया है कि पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

उत्तर और दक्षिण गोवा में गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि 24 मई को उत्तर और दक्षिण गोवा में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है. 

बदलेगा यूपी का मौसम

ताउते के बाद अब बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा चक्रवात तूफान यास उत्तर प्रदेश का मौसम बदल देगा. आने वाले 48 घंटों में प्रदेश में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने के आसार हैं. मई के इस तरह से बदलते मौसम को देखते हुए लोग कयास लगा रहे हैं कि इस बार मानसून जल्द आ सकती है लेकिन मौसम विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि समय से पहले मानसून नहीं आएगा.

जल्द ही ओडिशा और बंगाल पर धावा बोल सकता है दूसरा तूफान

 


TODAY छत्तीसगढ़  /  नई दिल्ली। देश के पश्चिमी तट पर टाक्टे तूफान की तबाही के बाद अब पूर्वी तट पर एक नए तूफान की आहट सुनाई दे रही है। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार उत्तरी अंडमान सागर और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में 22 मई तक बनने वाले हवा के दबाव के कारण एक और तूफान आकार ले सकता है। अगर ऐसा होता है तो 26 से 27 मई तक यह तूफान ओडिशा और बंगाल के तटवर्ती इलाकों में कहर बरपा सकता है। 

मौसम विज्ञान विभाग के तूफान चेतावनी विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के दबाव से 22 मई या उसके बाद जो स्थितियां पैदा होंगी वे अगले 72 घंटों में तूफान का रूप ले सकती हैं। विभाग के अनुसार दक्षिण पूर्वी मानसून 21 मई तक दक्षिण अंडमान सागर और दक्षिण बंगाल की खाड़ी में पहुंचने वाला है। इन दोनों घटनाओं के अलावा मौसम संबंधी कुछ अन्य परिवर्तनों से 22 मई को पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में निम्न वायु दाब की स्थिति बन रही है। इसके प्रभाव से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 22 से 23 मई के बीच हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं कुछ स्थानों बहुत तेज बारिश की संभावना है।  

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वहीं ओडिशा, बंगाल, असम, मेघालय में 25 मई की शाम से कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। कुछ दूर दराज के स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। उल्लेखनीय है अप्रैल-मई में प्री मानसून बारिश के दौरान देश के पूर्वी और पश्चिमी तट पर अक्सर समुद्री तूफान आते हैं। बीते साल इसी दौरान पूर्वी तट पर सुपर साइक्लोन अंफन और पश्चिमी तट पर गंभीर श्रेणी का तूफान निसर्ग कहर बरपा चुके हैं।  

ठिठुरा छत्तीसगढ़ का शिमला, पारा 1.6 पर अंबिकापुर में 4.9 डिग्री

[TODAY छत्तीसगढ़] / उत्तर की बर्फीली हवाओं के कारण व आसमान से बादल छटने के बाद सरगुजा में ठंड ने फिर से पलटवार की है। शीत लहर के कारण कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बुधवार की सुबह छत्तीसगढ़ का शिमला मैनपाट में न्यूनतम पारा जहां 1.6 डिग्री पर पहुंच गया वहीं अम्बिकापुर शहर का न्यूनतम तापमान 4.9 डिग्री दर्ज किया गया,जो इस वर्ष के जनवरी माह का न्यूनतम तापमान है।
 मौसम विशेषज्ञ एम एम भट्ट ने बताया कि पिछले 16 जनवरी को पारा 5.0 सेंटीग्रेड तक गिरने के बाद पश्चिमी विक्षोभों के कारण क्रमश: बढ़ते हुए न्यूनतम तापमान 23 और 24 तारीख को 12.8 सेंटीग्रेड तक पहुँचज कर इस वर्ष के मासिक उच्चतम मान तक पहुंच गया था।इस दौरान पछुवा की सक्रियता से 25 से 27 तारीख के बीच 17.1 मिमी वर्षा हुई तथा कुछ क्षेत्रों में ओला भी गिरे, लगातार आसमान के मेघमय होने के कारण तथा 25 व 26 ता को रुक रुक कर हुई बूंदाबांदी से दिन का अधिकतम तापमान 22 तारीख के मासिक उच्चतम 27.0 सेंटीग्रेड से गिर कर 26 ता को 15.8 सेंटीग्रेड तक ही बढ़ पाया था जो इस वर्ष का जनवरी का अधिकतम तापमान का मासिक न्यूनतम मान था। इसके पहले जनवरी माह में दैनिक अधिकतम तापमान का न्यूनतम मान 14.5 सेंटीग्रेड 09 जनवरी 1995 और 15.6 सेंटीग्रेड 1996 को दर्ज किया गया था।
पिछले दिनों सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के इस क्षेत्र से आगे बढऩे के साथ एक बार पुन: उत्तरी ठंडी और शुष्क हवाओं के निरन्तर आने से आज दैनिक न्यूनतम तापमान दैनिक सामान्य से 5 सेंटीग्रेड तक नीचे गिरा है वहीं दैनिक अधिकतम तापमान दैनिक सामान्य से करीब 7.0 सेंटीग्रेड नीचे बना हुआ है।आज उत्तर छत्तीसगढ़ के लगभग सभी हिस्से में शीत लहर का व्यापक प्रभाव है जिसके आगामी एक से दो दिनों तक बने रहने की सम्भावना है। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें 


ठिठुर रहा छत्तीसगढ़, मैनपाट में पारा 1.6 पर

    [TODAY छत्तीसगढ़] /  पश्चिमी विक्षोभ के कमजोर पडऩे तथा दक्षिण भारतीय प्रदेशों में चक्रवात के प्रभावहीन होते ही उत्तर छत्तीसगढ़ में न्यूनतम तापमान में एक बार फिर गिरावट प्रारम्भ हो गया है। लगातार उत्तर भारत के हिमालय से टकरा कर आने वाली ठंडी,शुष्क और बर्फीली हवाओं के कारण शीत लहर चलने से हवा में ठिठुरन उत्पन्न हो गई है। रविवार को छत्तीसगढ़ के शिमला [मैनपाट] में पारा जहाँ 1.6 पर पहुंच गया है।
बलरामपुर जिला के सामरी पाट सहित बलरामपुर नगर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बलरामपुर जिला में तापमान 1.2 डिग्री पर पहुंच गया है। सरगुजा बलरामपुर लगातार पारा गिरने से वह शीत लहर चलने से ठंड और चुभने लगी है। दिन में भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है शाम ढलते ही लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। मौसम विशेषज्ञ एमएम भट्ट ने बताया कि हिमालयन क्षेत्रों में हुए ताजा बफऱ्बारी और आसमान के बादल मुक्त होने के कारण उत्तरी हवाओं की सघनता में वृद्धि तथा अगले दो तीन दिनों तक शीत लहर के जारी रहने की संभावना है। लगातार मौसम में गिरावट के कारण सरगुजा,बलरामपुर इन दिनों ठिठुर रहा है।

'पे-थाईं' - रायपुर, बिलासपुर में तेज बारिश

[TODAY छत्तीसगढ़] / नबंगाल की खाड़ी में उठा तूफान 'पे-थाईं' भीषण चक्रवात का स्वरूप ले रहा है। इसका खासा असर तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश के समुद्री तटीय क्षेत्रों पर पड़ेगा। एनडीआरएफ की टीमों ने प्रभावित होने वाले क्षेत्र खाली करवाने शुरू कर दिए हैं। 'पे-थाईं' का असर रविवार से ही छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है। आज सोमवार को सुबह से ही बारिश ने मौसम के मिज़ाज को बदलकर रख दिया है। राजधानी रायपुर, बिलासपुर समेत राज्य के अधिकाँश हिस्सों में तेज बारिश हो रही है।
छत्तीसगढ़ में बारिश होगी इसकी संभावना कल से ही मौसम विशेषज्ञों ने जता दी थी। राज्य के दक्षिण इलाकों में आज तेज बारिश होगी। हालांकि  प्रदेश की राजधानी रविवार और न्यायधानी बिलासपुर में रात से ही बूंदाबांदी शुरू हो गई थी जो अब काफी तेज हो चुकी है।  मौसम विशेषज्ञो की माने तो हवा की गति राजधानी रायपुर में 10 किलोमीटर प्रतिघंटा तो दक्षिण छत्तीसगढ़ में 30 किमी प्रतिघंटा तक बनी हुई है। मौसम में आया बदलाव अगले 48 घंटे तक बना रहेगा। रायपुर, बिलासपुर समेत राज्य के अधिकाँश इलाकों में आज सुबह से काले बादल छाये हैं और काफी तेज बारिश हो रही है।  हवा की रफ्तार और दक्षिण से आने वाली सर्द हवाओं की वजह से पारा भी लुढ़क गया है ।

किसानों को सुझाव- 
मौसम वैज्ञानियों, कृषि विज्ञानियों लगातार किसानों को अलर्ट जारी कर रहे हैं। अब जब तूफान छत्तीसगढ़ में असर दिखाने जा रहा है तो किसानों के पास अभी भी मौका है कि वे फसलों को ढंक लें, वरना इनका भीगना तय है। अगले 48 घंटे तक प्रदेश में इसका असर रहेगा। बारिश होगी। फसलों को नुकसान हो सकता है, अगर उसे सुरक्षित नहीं किया गया है।
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