सांकेतिक तस्वीर / TCG / सत्यप्रकाश पांडेय [छोटा मटका, ताडोबा]
भुवनेश्वर । TODAY छत्तीसगढ़ / एक रॉयल बंगाल बाघ चार राज्यों से होते हुए 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर ओडिशा के एक जंगल में जा पहुंचा जिसे शायद अपने लिए एक उपयुक्त स्थानी की तलाश है। एक वन अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इसी बाघ को पहले महाराष्ट्र के जंगल में देखा गया था। TODAY छत्तीसगढ़ के WhatsApp ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें
परालाखेमुंडी प्रभागीय वन अधिकारी एस. आनंद ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा' से कहा कि जो धारियां इस बाघ के शरीर पर है यह महाराष्ट्र के एक जंगल में देखे गए बाघ की तस्वीरों पर पाई गई धारियों के समान है। इसे सितंबर के बाद अब ओडिशा के गजपति जिले के महेंद्र वन क्षेत्र में देखा गया था। उन्होंने कहा कि यहां के अधिकार क्षेत्र में बाघ के देखे जाने के बाद से गजपति जिले में पारलाखेमुंडी वन प्रभाग के अधिकारी इसकी चाल पर नजर रख रहे हैं। आनंद ने कहा कि इस क्षेत्र में बाघ को पहली बार देखा गया था जिसके बाद उन्होंने बाघ के मूल स्थान का पता लगाने के लिए उसकी तस्वीरें और अन्य विवरण भारतीय वन्यजीव संस्थान को भेजे।
वन अधिकारी ने कहा, "इसकी अनूठी धारियों और अन्य विवरणों से यह पुष्टि हुई है कि बाघ लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी तय कर महाराष्ट्र से ओडिशा पहुंचा है। बाघ ने महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और ओडिशा की यात्रा की है।" वहीं, बाघ द्वारा एक गाय को मार डालने के बाद अनलाबारा गांव के निवासी घबरा गए हैं।
अनलाबारा गांव के एक ग्रामीण ने कहा कि वह बाघ के हमला करने से पहले वन विभाग से बाघ को पकड़ने और उसे किसी वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हैं। परलाखेमुंड के सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) अशोक बेहरा ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए पांच दलों को तैनात किया गया है जिसमें 35 सदस्य हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुशांत नंदा ने लोगों से दहशत में न आने और वन अधिकारियों की सलाह का पालन करने की अपील की है।
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